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detail news only from Chhattishgarh ,dated: १ जुलाई २०२१



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अब समय आ गया है कि हम हम अपनी पुरातन परंपराओं की ओर लौटें साथ ही उसे पूरी तरह क्रियान्वित करें, जिससे हम वातावरण को स्वस्थ, प्रदूषण रहित बनाएं, बीमारियों से बचें और नई पीढ़ी को एक स्वस्थ पर्यावरण प्रदान करें, जिसमें वे प्राकृतिक रूप से जीवन जीएं। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज अखिल भारतीय विश्व गायत्री परिवार द्वारा वर्चुअल रूप से आयोजित प्राकृतिक खेती कार्यशाला के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

राज्यपाल ने कहा कि गायत्री परिवार पूरे विश्व कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इसके लिए अलग-अलग प्रकार के आयोजन करता रहता है। उनका उद्देश्य विश्व में एक पवित्र वातावरण का निर्माण करना, पर्यावरण संरक्षण करना तथा नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाना है। प्राकृतिक खेती के लिए ऑनलाईन प्रशिक्षण सराहनीय कार्य है। साथ ही इसका आयोजन ऐसी परिस्थिति में किया गया जब हम सभी ने प्रकृति के अनुकुल कार्य न करने के कारण भयंकर त्रासदी झेली है।

सुश्री उइके ने कहा कि साठ के दशक से हरित क्रांति के लिए अपनाई गई अधिकाधिक रसायनों उर्वरक कीटनाशक एवं खरपतवार नाशकों एवं सिंचाई के उपयोग पर आधारित प्रौद्योगिकी से जहां खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा है, वहीं दूसरी तरफ आधुनिक भारतीय कृषि कई गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। अनावश्यक रूप से रासायनिक खादों और कई तकनीकों का उपयोग के कारण खेती की लागत में कई गुना वृद्धि हुई है। कीटनाशकों की विषाक्तता से उत्पादित अन्न, सब्जी, फल एवं दुग्ध के माध्यम से मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इसका समाधान अब प्राकृतिक संसाधनों का समुचित, नियंत्रित उपयोग एवं पोषण पर आधारित प्राकृतिक खेती से ही संभव हो पाएगा।

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राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती को जीरो बजटिंग खेती की उपमा दी जाती है। प्राकृतिक खेती करने से खेती पर लागत न्यूनतम हो जाती है, क्योंकि यह देशी गाय के गौमूत्र, गोबर तथा अन्य प्राकृतिक उत्पादों पर आधारित है। एक सामान्य प्रशिक्षण के उपरांत कोई भी किसान इसे आसानी से कर सकता है क्योंकि उनके लिए कोई नई चीज नहीं है। यह वही है जो हमारे संस्कृति और परंपराओं में समाई हुई है और कई सालों से इसका उपयोग करते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मशीनी कृषि के प्रोत्साहन से यद्यपि पशुपालन को धक्का लगा है, परंतु हमारे यहां अभी भी कृषि वेस्ट, वानिकी वेस्ट, पशुओं के वेस्ट, शहरी वेस्ट तथा एग्रोइंडस्ट्रियल वेस्ट के रूप में आर्गेनिक व्यर्थ पदार्थों का बाहरी स्रोत प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जिसे आर्गेनिक मैन्योर में बदला जा सकता है।

राज्यपाल ने ग्रामीण स्वावलंबन पर चर्चा करते हुए कहा कि यह प्रयास किया जाए कि किसान जो फसल का उत्पादन करते हैं वह कच्चे माल के रूप में कारखानों में न जाएं बल्कि गाँव में ही लघु तथा कुटीर उद्योगों के माध्यम से प्रसंस्कृत होकर शहर में जाए। हमारे गांव में ही गौपालन, बकरी पालन, भैंस, मछली, मुर्गा, मधुमक्खी, केंचुआ जैसे इतने कार्य हैं कि ग्रामीण युवाओं को ही नहीं बल्कि शहर के बेरोजगार युवकों को भी गाँव में रोजगार उपलब्ध हो सकता है। इस ओर हमें प्रभावी रूप से कार्य करने की आवश्यकता है। इससे शहर से गाँव की तरफ पलायन होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी। इस अवसर पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या भी उपस्थित थे।

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राजधानी रायपुर के शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आज गूगल मीट एवं यूट्यूब के माध्यम से जेंडर सेंसिटाईजेशन के अंतर्गत बिल्डिंग कॉन्फिडेंस फॉर वुमन विषय पर व्याख्यान आयोजित की गई है। इसका आयोजन स्वशासी विभाग तथा रसायनशास्त्र विभाग के तत्वाधान में आईक्यूएसी के बैनर तले किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मनीषा मिश्रा ने आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रद्धा गिरोलकर ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं अपने परिश्रम एवं आत्मविश्वास से समाज, राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर में अपना नाम रौशन कर रही हैं। कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता सीनियर डिप्टी एसिस्टेंट जनरल डॉ. धनलक्ष्मी चौरसिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि छात्राओं को अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना होगा, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपडेट रहना होगा। उन्होंने कहा कि छात्राएं भविष्य की चिंता करने के बजाए अपने लक्ष्य पर सकारात्मक चिंतन कर आगे बढ़ें।

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कार्यक्रम में दूसरी प्रमुख वक्ता के रूप में श्रीमती गरिमा मिश्रा ने सभी छात्राओं को पांच बिन्दु- आत्म विश्वास, लगन, धैर्य, स्वयं का आकलन स्वप्रशंसा से बचाव निर्धारित करने के लिए आव्हान किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्रा इस बात को गांठ बांध लें कि मैं सबकुछ कर सकती हूं। डॉ. अभया जोगलकर ने कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉ. रिचा टिकरिहा एवं डॉ. रमा सरोजनी तथा तकनीकी प्रभारी डॉ. डी.के. मस्ता उपस्थित थे। इस आयोजन में महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं बड़ी संख्या में छात्राएं गूगल मीट एवं यूट्यूब से जुड़ी रहीं।

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कोविड की तीसरी लहर की आशंका की स्थिति में इससे निपटने युद्धस्तर पर तैयारी की जा रही है। आज कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सभी जिला तथा ब्लाक लेवल के स्वास्थ्य अधिकारियों से कोविड की तीसरी वेव से निपटने के लिए की गई अब तक की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोविड की तीसरी लहर से निपटने एवं मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य केंद्रों में अधोसंरचना मजबूत करने की दिशा में निर्देश दिये गए हैं। आपने इनमें से कुछ होमवर्क कर चुके हैं कुछ पर काम किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि कोविड आपदा से निपटने के लिए दो तरीके की तैयारियां जरूरी हैं। एक साफ्ट स्किल की तैयारियाँ जैसे हमारी ट्रेनिंग, प्रोटोकाल वगैरह, दूसरी अधोसंरचना से संबंधित। इनके बेहतर समन्वय से ही कारगर रणनीति बनेगी।

हर पीएचसी से 2 स्टाफ भेजा जा रहा एम्स, 5 के बैच में हास्पिटल मैनेजमेंट की ट्रेनिंग सीसीएम में- पहले स्तर की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। इसमें जिला स्तर और विभागीय स्तर के समन्वय की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। अभी ब्लाक लेवल के कर्मचारियों की ट्रेनिंग चल रही है और यह आनलाइन तथा आफलाइन दोनों तरह से हो रही है। कलेक्टर ने कहा कि ट्रेनिंग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा एक्जाम होता है कि आखिर सीखा क्या, तो ट्रेनिंग में सबकी उपस्थिति सुनिश्चित करें और आखिर में एक्जाम लें ताकि हम यह सुनिश्चित कर लें कि कोरोना मैनेजमेंट के लिए आपकी तैयारी पुख्ता है। अधिकारियों ने बताया कि पीएचसी लेवल में कोरोना मैनेजमेंट को लेकर सभी पीएचसी में 2 स्टाफ को ट्रेनिंग के लिए एम्स भेजा जा रहा है। यहाँ अन्य तरह के मैनेजमेंट के अलावा आक्सीजन का मैनेजमेंट भी देखेंगे, इसकी जरूरत की गणना किस तरह से करनी है। डाक्यूमेंटेशन कैसे करना है, इस तरह की सारी जरूरतों के बारे में बताया जा रहा है। 5 के बैच में स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण सीसीएम तथा जिला अस्पताल में दिया जा रहा है।

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ऐसी होगी सीएचसी, पीएचसी, एसएचसी में तैयारी- कोविड प्रबंधन को लेकर सबसे बड़ा सेटअप सीसीएम में तैयार किया गया है लेकिन यहाँ तक पहुँचने से पहले मरीज की स्थिति गंभीर न हो जाए, इसके लिए सबसे नजदीक के अस्पतालों में भी इलाज की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। मतलब सबसे छोटे स्वास्थ्य केंद्र उप-स्वास्थ्य केंद्र में भी एक आक्सीजन सिलेंडर होगा, दवाई होगी, एक बेड होगा। पीएचसी में 30 आक्सीजन सिलेंडर और कंसट्रेटर होंगे। प्राथमिक इलाज की सुविधा होगी। सीएचसी में 15 बेड होंगे, इनमें से 4 बेड आईसीयू के होंगे। सीएचसी में एचएफएनसी, बायपैप एवं सीपैप की व्यवस्था भी होगी।

आक्सीजन सप्लाई बाधित न हो, इसके लिए जनरेटर की व्यवस्था- कलेक्टर ने निर्देश दिये कि आक्सीजन सप्लाई अबाधित रहे। इसके लिए जनरेटर आदि की मुकम्मल व्यवस्था करें। कलेक्टर ने प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में ब्लड स्टोरेज यूनिट की स्थापना के निर्देश भी दिये। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के निर्देश भी दिये ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित न हो।

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रायपुर जिले में कृषि विभाग द्वारा ’’फ्लाईंग स्काॅट’’ टीम का गठन कर बीज,उर्वरक एवं कीटनाशक विक्रेताओं के परिसर का सतत् निरीक्षण किया जा रहा है, साथ ही जांच के लिए नमूने भी लिए जा रहे हैं।

उप संचालक कृषि रायपुर ने बताया कि अभी तक जिले में 85 प्रतिशत लायसेंसधारी विक्रेताओं के विक्रय परिसरो का निरीक्षण कर लिया गया है। निरीक्षण में पायी गयी कमी व त्रुटि के कारण सभी विक्रेताओं को नोटिस जारी करते हुए समय-सीमा में स्पष्टीकरण चाहा गया है। उनके द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण का अवलोकन करने पर जिनका जवाब असंतोषप्रद पाया गया उनका स्पष्टीकरण अमान्य करते हुए तीन बीज विक्रेताओं के, तीन कीटनाशक विक्रेताआंे के एवं एक उर्वरक विक्रेता के अनुज्ञा (लाइसेंस) को 15-15 दिवस के लिए निलंबित किया गया है। साथ ही एक विक्रेता के विक्रय परिसर पर उर्वरक विक्रय प्रतिबंध की कार्यवाही की गई तथा 40 लायसेंसधारी विक्रेताओं को भविष्य के लिए चेतावनी नोटिस जारी किया गया।

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निरीक्षण दल में उप संचालक कृषि श्री आर.के. कश्यप, अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री दीपक कुमार नायक, सहायक संचालक कृषि श्री एम.डी. ओझा, श्रीमती ममता पाटिल, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री आर.के. साहू एवं कृषि विकास अधिकारी श्री दिलीप कुमार शर्मा उपस्थित थे। विभाग द्वारा खरीफ वर्ष 2021-22 के प्रारंभ से ही बीज,उर्वरक,कीटनाशक विक्रेताओं के परिसर के सतत् निरीक्षण करने एवं नमूने लिये जाने के लिये योजनाबद्ध रूप से कार्य किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान पीओएस मशीन से वितरण कराना एवं स्कंध का मिलान कराना जैसे महत्वपुर्ण कार्य को प्राथमिकता के आधार पर सम्पन्न कराया जा रहा है।

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राज्य शासन के कृषि विभाग द्वारा किसानों को पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से धान रोपाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस आधुनिक पद्वति से धान रोपाई के लिए राज्य के सभी क्षेत्रों के सभी वर्ग के किसानों को प्रति हेक्टेयर की दर से साढे सात हजार रूपये का अनुदान दिया जाता है।

कृषि विभाग के संचालक श्री यशवंत कुमार ने बताया कि इससे जहां धान उत्पादन में वृद्धि होगी वहीं कृषि श्रमिकों की समस्या से निदान होगा और बीज की बचत होने के साथ निंदाई, गुड़ाई, कटाई आदि में सुगमता होगी। अपर संचालक कृषि अभियांत्रिकी श्री जी.के. पीड़िया ने बताया कि पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से धान की रोपाई के लिए क्लस्टर के रूप में कृषकों का चयन किया जाता है। एक क्लस्टर न्यूनतम 4 हेक्टेयर का होना चाहिए। एक किसान को अधिकतम 2 हेक्टेयर सीमा तक अनुदान की पात्रता है।

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रायपुर जिले के तिल्दा विकासखंड के गनियारी के किसान श्रीमति मेधनी वर्मा अपने खेत में पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन के माध्यम से रोपाई करवा रही है। इसके लिए उन्होंने अपने खेत में करीब 15 दिन पहले नर्सरी तैयार करवाया है। इसी तरह रायपुर जिले के साथ-साथ संभाग के सभी जिलों तथा दुर्ग संभाग के कबीरधाम, राजनंादगांव आदि में भी किसान लाभंावित हो रहे है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य के अधिकतर क्षेत्र में वर्तमान में छिटका (बाड कास्टिंग) पद्धति के माध्यम से धान की बुआई की जाती है। इस परंपंगत् पद्व्रति में जहां बीज का खपत ज्यादा होती है वहीं निदाई, गुड़ाई, कटाई आदि में कठिनाई होती है। कृषि कार्य हेतु श्रमिकों की लगातार हो रही कमी को देखते हुए किसानों का रूझान अब पैडी ट्रांसप्लाॅटर मशीन से धान की रोपाई के प्रति बढ़ रहा है। योजना से लाभांवित होने तथा योजना की जानकारी प्राप्त करने संभागीय कृषि यंत्री कार्यालय अथवा जिलों के उप संचालक कृषि कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

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कल 1 जुलाई को जीएसटी दिवस पर सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन रायपुर द्वारा साइकिल रैली का आयोजन किया जा रहा है ,यह रैली जीएसटी सिविल लाइन्स से चालू हो कर घडी चौक से निकलेगी जिसका की समापन राम मंदिर वीआइपी रोड पर होगा . इस रैली के उपलक्ष्य में पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय ,छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी और सुरेन्द्र वर्मा जी हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे,इस रैली में बार एसोसिएशन से अधिवक्ता सभी साइकिल में सवार हो कर इस रैली का आगाज करेंगे और सभी शामिल होने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा .

इसी सिलसिले में सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन, रायपुर द्वारा जीएसटी दिवस पर आयोजित साईकल रैली में मुख्य अतिथि के रूप में पधारने हेतु रायपुर पश्चिम के ऊर्जावान विधायक आदरणीय श्री विकास उपाध्याय जी से सौजन्य भेंट की एवं उन्हें आमंत्रित किया । विधायक महोसेल्स टैक्स बार एसोसिएशन, रायपुर द्वारा जीएसटी दिवस पर आयोजित साईकल रैली में मुख्य अतिथि के रूप में पधारने हेतु रायपुर पश्चिम के ऊर्जावान विधायक आदरणीय श्री विकास उपाध्याय जी से सौजन्य भेंट की एवं उन्हें आमंत्रित किया । विधायक महोदय ने सह्रदय हमारे आमंत्रण को स्वीकार किया । इस अवसर पर सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक अग्रवाल, उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण तावनिया एवं सचिव भाविक शाह उपस्थित थे दय ने सह्रदय हमारे आमंत्रण को स्वीकार किया । इस अवसर पर सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक अग्रवाल, उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण तावनिया एवं सचिव भाविक शाह उपस्थित थे

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चोरों ने शंकराचार्य कॉलेज के डायरेक्टर के घर में हाथ साफ कर दिया। अलमारी का लॉकर तोड़कर चोर 10 लाख रुपए के गहने और 10 लाख नगदी ले गए। वारदात के दौरान डायरेक्टर परिवार के साथ मध्य प्रदेश गए थे। रात को लौटे तो घटना की जानकारी मिली। इस दौरान पूछताछ में पता चला कि घर का गार्ड नर बहादुर थापा और कुक जनक थापा लापता हैं। इसके बाद उन्होंने दोनों पर संदेह जताते हुए मुजगहन थाने में देर रात FIR दर्ज कराई है।

जानकारी के मुताबिक,शंकराचार्य कॉलेज के डायरेक्टर निशांत त्रिपाठी का सेज बहार के मुजगहन के प्लेनट सिटी में निवास करते है, वह मंगलवार सुबह करीब 9 बजे परिवार के साथ मध्य प्रदेश के मैहर दर्शन के लिए गए थे। वहां से रात करीब 8.30 बजे लौटे। अपने बेडरूम में गए तो देखा कि अलमारी का लॉक टूटा हुआ है। उसमें रखे 10 लाख रुपए और सोने के 2 कंगन सेट, गले के 3 हार सेट, 10 साल पुराने पूजा के सोने के सिक्के, चांदी के गहने, चांदी की थाली गायब थी।

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अस्पताल जाना बताकर दोपहर में निकले थे कुक और गार्ड
इसके बाद उन्होंने घर में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों को बुलाया तो पता चला कि कुक जनक थापा और गार्ड नर बहादुर थापा दोनों नहीं थे। उन्होंने दोनों के नंबरों पर कॉल लगाया, लेकिन उनके मोबाइल स्विच ऑफ थे। इस उन्होंने कर्मचारियों से उनके बारे में पूछताछ की तो पता चला कि दोनों दोपहर करीब 2.30 बजे अस्पताल जाने की बात कहकर घर से निकले थे। इसके बाद से नहीं लौटे हैं। इसके बाद दोनों संदेह जताते हुए उन्होंने मामला दर्ज कराया है।

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राजधानी में बीती रात फिर सैक्स रैकेट का भंड़ाफोड़ हुआ है. राजधानी के ईश्वर नगर, नहरपार स्थित मकान में पुलिस की दबिश देकर एक पुरुष और पांच युवतियों को गिरफ्तार किया गया है. मामले में पीटा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है.टिकरापारा थाना पुलिस ने देह व्यापार की शिकायत पर ईश्वर नगर, नहर पार स्थित मकान में दबिश दी थी, जहां से एक पुरुष जागेश्वर साहू के अलावा महिला दलाल समेत पांच युवतियों को गिरफ्तार किया गया. युवतियां ईश्वर नगर, रावभाठा बंजारी, गुढ़ियारी बाजारपारा और कचना हाउसिंग बोर्ड की रहने वाली हैं.

टिकरापारा पुलिस को सूचना मिली थी कि, ईश्वर नगर नहरपारा के एक मकान में कुछ दिनों से संदिग्ध युवतियों और युवकों का आना-जाना लगा हुआ। इस शिकायत के बाद टिकरापारा पुलिस के एक जवान को ग्राहक बनाकर मंगलवार की रात करीब साढ़े 10 बजे मौके पर भेजा गया। जवान ने यहां पर पुरुष दलाल जागेश्वर साहू से सौदा तय किया, जिसके बाद जवान के इशारा करने पर पुलिस की टीम ने मकान में दबिश दी। टीम जब मौके पर पहुंची तो मकान के अंदर का नजारा देखकर दंग रह गई। मकान के अंदर एक महिला और चार युवतियां संदिग्ध स्थिति में थे। पुलिस ने सभी युवतियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही मकान के अंदर से कई आपत्तिजनक सामान भी बरामद किया है।

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हींग (Asafoetida) सौंफ (Fennel) की प्रजाति का ईरान मूल का एक पौधा है। किचन में वैसे कई मसाले हैं जिनका प्रयोग स्वाद और रंग लाने के लिए किया जाता है, लेकिन हींग का इ्स्तेमाल इसकी खुशबू लाने के लिए होता है। हींग काफी लंबे वक्त से हमारी पारंपरिक रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। दाल और सब्जियों में तड़का लगाने से लेकर बिरयानी में भी हींग का प्रयोग किया जाता है। हींग की खुशबू हमारे जायके को और भी लजीज बना देती है और साथ ही इसके कई स्वस्थ्य लाभ भी हैं। हींग में कई बीमारियों को दूर करने के गुण पाए जाते हैं। आज हम आपको हींग की खासियत के बारे में जानकारी दे रहे हैं और साथ ही ये भी बताएंगे कि इसे अपनी डाइट में क्यों शामिल करना जरूरी है।


पेट की समस्याओं को दूर करती है हींग
वे सभी लोग जो पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, उनके लिए हींग एक अच्छे उपचारों में से एक है। इसका उपयोग पेट से संबंधित सामान्य समस्याओं जैसे कि सूजन, गैस, चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम के इलाज के लिए किया जाता है। आमतौर पर हींग का प्रयोग पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए जाना जाता है, लेकिन यह अन्य समस्याओं से भी राहत दिलाने में मददगार है।
नेचुरल ब्लड थिनर है हींग
हींग एक प्राकृतिक ब्लड थिनर के रूप में भी जानी जाती है, जो रक्तचाप के स्तर (blood pressure level) को कम करने में मदद करती है। साथ ही, हींग में एक यौगिक होता है जो रक्त के थक्कों यानी ब्लड क्लॉटिंग को बनने से रोकता है।
हींग के सेवन से पीरियड के दर्द में मिलती राहत
हींग मासिक धर्म यानी पीरियड में उठने वाले दर्द (menstrual pain) के लिए एक सही विकल्प है। यह प्रोजेस्टेरोन स्राव को बढ़ाने में मदद करती है जो रक्त प्रवाह को और आसान बनाता है और दर्द और ऐंठन से राहत देता है।
सिरदर्द को कम करने में मददगार
अपने एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, हींग खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करती है। यह छाती की जकड़न को दूर करती है।
खांसी, अस्थमा से राहत दिला सकती है हींग
अपने एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, हींग खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। यह छाती की जकड़न को दूर करता है।

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कैसे करें हींग का सेवन



​पानी के साथ हींग का सेवन ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप अपने डेली रूटीन में हींग का सेवन कर सकते हैं। हींग का पानी रोजाना पीना हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा। इसके लिए आप एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच हींग डालकर मिलाएं। इसे खाली पेट पीने से पाचन संबंधी समस्याओं (पाचन संबंधी समस्याओं के उपचार के उपाय) से राहत मिलती है। सिरदर्द होने पर भी हींग को ड्रिंक का सेवन किया जा सकता है। इस ड्रिंक से आपकी त्वचा को भी फायदा होगा।

बटरमिल्क के साथ हींग बटरमिल्क यानी छाछ आपके पाचन स्वास्थ्य और वजन घटाने के लिए बेहद फायदेमंद है। एक गिलास छाछ में एक चुटकी हींग मिलाकर पीने से आपकी सेहत को और अधिक लाभ मिल सकते हैं। गैस्ट्रिक समस्याओं के लिए, आप दिन में एक या दो बार खाना खाने के ठीक बाद हींग वाला एक गिलास छाछ पी सकते हैं। महिलाएं अपने पीरियड्स के दौरान भी इसका सेवन कर सकती हैं जिससे दर्द और ऐंठन को कम करने में भी मदद मिल सकती है।

दूध के साथ हींग गर्म दूध में हींग के कुछ टुकड़े मिलाकर इसका सेवन करने से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को लाभ मिलते हैं। इसका रोजाना एक या दो बार सेवन किया जा सकता है। यह एसिडिटी और गैस को कम करने में मदद करती है।

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