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detail news only from Chhattishgarh ,dated: २३ जून २०२१



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‘मोस्ट पीपल रजिस्टर्ड फॉर ए वर्चुअल योगा मैराथन’ के लिए समाज कल्याण विभाग को सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस
सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित वर्चुअल योग मैराथन में सर्वाधिक पंजीयन के लिए छत्तीसगढ़ को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। प्रदेश में 28 जिलों से कुल 10 लाख 41 हजार 595 लोगों ने इसके लिए ऑनलाईन पंजीयन कराया था। इस उपलब्धि पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने ‘मोस्ट पीपल रजिस्टर्ड फॉर ए वर्चुअल योगा मैराथन’ के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के समाज कल्याण विभाग को सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस से नवाजा है। आज शाम महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया के नेतृत्व में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश से सौजन्य मुलाकात कर उन्हें यह सर्टिफिकेट सौंपा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की जनता की योग के प्रति जागरूकता की सराहना करते हुए सभी प्रदेशवासियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।

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उल्लेखनीय है कि 5 जून से 20 जून तक वर्चुअल योग मैराथन के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीयन किया गया। जिसमे प्रदेश के समस्त जिलों से लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और 28 जिलों से कुल 10 लाख 41 हजार 595 लोगों ने वर्चुअल योगा मैराथन के लिए पंजीयन कराया। इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग की सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले, समाज कल्याण विभाग के संचालक श्री पी दयानन्द भी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज भारत स्काउट एवं गाइडस छत्तीसगढ़ राज्य परिषद के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण के वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पदाधिकारियों को शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को सफलतापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।इन पदाधिकारियों का कार्यकाल राज्य परिषद की प्रथम बैठक की तिथि से 5 वर्ष की अवधि तक होगा।



मुख्यमंत्री ने कहा कि स्काउटिंग मितव्ययी होना सिखाती है। मन-वचन और कर्म की शुद्धता स्काउटिंग की पहली शर्त है। एक स्काउट हमेशा दूसरों की सेवा के लिए शरीर और मन से तैयार रहता है। स्काउटिंग की परंपरा के अनुसार, हर स्काउट अपनी स्कार्प पर गांठ लगाकर संकल्प लेता है कि जब तक वह सेवा का काम नहीं कर लेगा, तब तक गांठ नहीं खोलेगा। स्काउटिंग विश्व-समाज निर्माण का एक आंदोलन है, जिसे भारत भी आगे बढ़ा रहा है। भारत में यह आंदोलन स्वतंत्रता से पहले ही शुरु हो चुका था। स्वतंत्र भारत में ‘भारत स्काउट्स एंड गाइड्स की स्थापना 7 नवम्बर, 1950 को पंडित जवाहरलाल नहेरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद तथा मंगल दास पकवासा द्वारा की गई थी।

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शपथ ग्रहण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य परिषद के अध्यक्ष के रूप में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, विधायक एवं भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सत्यनारायण शर्मा तथा संसदीय सचिव तथा भारत स्काउट एवं गाइडस राज्य परिषद के राज्य मुख्य आयुक्त श्री विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने भी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।

वर्चुअल कार्यक्रम में उपाध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी, श्री पंकज शर्मा, श्री अटल श्रीवास्तव, श्री कन्हैया अग्रवाल, श्री चंद्र प्रकाश बाजपेई, महिला उपाध्यक्ष के रूप में विधायक श्रीमती देवती कर्मा, संसदीय सचिव श्रीमती शकुंतला साहू, श्रीमती शशि चंद्राकर, श्रीमती अनिता रावटे, श्रीमती ममता राय ने शपथ ली। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरु रूद्रकुमार, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन एवं विधायक श्री बृहस्पति सिंह उपस्थित थे।

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गृह विभाग द्वारा उन अधिकारियों के लिए, जिनके लिए विभागों द्वारों विभागीय परीक्षा निर्धारित की गई है, के लिए आगामी 23 से 28 अगस्त तक दो पालियों में परीक्षा के लिए कार्यक्रम जारी किया गया है। विभागीय परीक्षा रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर (जगदलपुर) तथा सरगुजा (अंबिकापुर) संभाग के आयुक्तों द्वारा नियत किए जाने वाले स्थानों पर प्रथम पाली सबेरे 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक होगी। विभागीय परीक्षा कार्यक्रम की जानकारी संबंधित विभाग, विभागाध्यक्ष एवं कलेक्टर अपने परीक्षा केन्द्र के आयुक्तों को उपलब्ध कराएंगे।

कार्यक्रम के अनुसार सोमवार 23 अगस्त को प्रथम पाली में पहला प्रशन पत्र-दाण्डिक विधि तथा प्रक्रिया (पुस्तकों सहित) भू-अभिलेख एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों के लिये, पंजीयन विधि तथा प्रक्रिया पंजीयन विभाग के अधिकारियों के लिए (केवल अधिनियम तथा नियम की पुस्तकों सहित), विधि तथा प्रक्रिया-उत्पादन शुल्क-आबकारी विभाग के अधिकारियों के लिए (पुस्तकों सहित), विधि तथा प्रक्रिया-विक्रय कर विभाग के अधिकारियों के लिए (केवल नियमों की पुस्तकों सहित), पहला प्रश्न पत्र-सहकारिता (बिना पुस्तकों के) सहकारी संस्थाओं के सहायक पंजीयकों के लिए और विद्युत संबंधी विधियां-ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के लिए (बिना पुस्तकों के) होगी।

इसी दिन दूसरी पाली में दूसरा प्रश्न पत्र-दाण्डिक विधि तथा प्रक्रिया दाण्डिक मामलों में आदेश-निर्णय का लिखा जाना भू-अभिलेख विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों के लिये, दूसरा प्रश्न पत्र सहकारिता तथा सामान्य विधि (पुस्तकों सहित) सहकारी संस्थाओं के सहायक पंजीवकों के लिये, प्रश्न पत्र समाज कल्याण (बिना पुस्तकों के) समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के लिए और भू-योजना तथा विद्युत सुरक्षा ऊर्जा विभाग के सहायक यंत्री, कनिष्ठ यंत्री एवं पर्यक्षकों के लिए (बिना पुस्तकों के) होगी।

मंगलवार, 24 अगस्त को प्रथम पाली में पहला प्रश्न पत्र प्रशासनिक राजस्व विधि तथा प्रक्रिया (बिना पुस्तकों के) भाग ए आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों के लिये, पहला प्रश्न पत्र प्रशासनिक राजस्व विधि तथा प्रक्रिया (बिना पुस्तकों के) राजस्व भू-अभिलेख विभाग के अधिकारियों के लिये भाग-बी, पहला प्रश्न पत्र प्रशासनिक राजस्व विधि तथा प्रक्रिया (बिना पुस्तकों के) राजस्व भू-अभिलेख विभाग के अधिकारियों के लिये भाग-सी, उद्योग विभाग संबंधी अधिनियम तथा नियम उद्योग विभाग के अधिकारियों के लिये, प्रश्न पत्र खनिज प्रबंध (पुस्तकों सहित) खनिज साधन विभाग के अधिकारियों के लिये, लेखा तथा कार्यालयीन प्रक्रिया प्रथम प्रश्न पत्र पंजीयन विभाग के अधिकारियों के लिये (बिना पुस्तकों के), विद्युत संस्थापनायें ऊर्जा विभाग के सहायक यंत्री, कनिष्ठ यंत्री एवं पर्यवेक्षकों के लिये (बिना पुस्तकों के) और प्रथम प्रश्न पत्र लेखा सहायक संचालक संवर्ग बाल विकास परियोजना एवं तृतीय श्रेणी कार्यपालिक (पर्यवेक्षक आदि) अधिकारियों के लिये (बिना पुस्तकों के) होगी।

इसी दिन दूसरी पाली में दूसरा प्रश्न पत्र-प्रशासनिक राजस्व विधि तथा प्रक्रिया पुस्तकों सहित) राजस्व अभिलेख आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों के लिये, प्रक्रिया विकास योजनाओं राज्यों के साधनों राज्य के नियम पुस्तिकाओं आदि का ज्ञान उद्योग विभाग के अधिकारियों के लिये (पुस्तकों सहित), तीसरा प्रश्न पत्र-बैंकिंग (बिना पुस्तकों के) सहकारी संस्थाओं के सहायक पंजीयकों के लिये, समाज शिक्षा (बिना पुस्तकों के) समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के लिये, लेखा तथा कार्यालयीन प्रक्रिया द्वितीय प्रश्न पत्र पंजीयन विभाग के अधिकारियों के लिये (पुस्तकों साहित), लेखा व स्थापना ऊर्जा विभाग के सहायक यंत्री, कनिष्ठ यंत्री एवं पर्यवेक्षकों के लिये (बिना पुस्तकों के), द्वितीय प्रश्न पत्र लेखा सहायक संचालक संवर्ग, बाल विकास परियोजना एवं तृतीय श्रेणी कार्यपालिक (पर्यवेक्षक आदि) अधिकारियों के लिये (पुस्तकों सहित) होगी।

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बुधवार 25 अगस्त को प्रथम पाली में तीसरा प्रश्न पत्र प्रशासनिक, राजस्व विधि तथा प्रक्रिया राजस्व के मामले में आदेश का लिखा जाना राजस्व एवं भू-अभिलेख विभाग के अधिकारियों के लिए, पुस्तपालन तथा कर निर्धारण विक्रयकर विभाग के अधिकारियों के लिए (पुस्तकों सहित), प्रश्न पत्र प्रथम वन विधि (बिना पुस्तकों के) सहायक वन संरक्षकों के लिए, पहला प्रश्न पत्र-प्रक्रिया (बिना पुस्तकों के) वन क्षेत्रपालों के लिए, प्रश्न पत्र-व्यावहारिक शाखा पुलिस अधिकारियों के लिए, स्विच गेयर संरक्षण ऊर्जा विभाग के सहायक यंत्रियों के लिए (बिना पुस्तकों के) और तृतीय प्रश्न पत्र महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण सहायक संचालक संवर्ग, बाल विकास परियोजना एवं तृतीय श्रेणी कार्यपालिक (पर्यवेक्षक आदि) के अधिकारियों के लिए (बिना पुस्तकों के) होगी।

इसी दिन द्वितीय पाल में कार्यालयीन संगठन तथा प्रक्रिया-विक्रय कर विभाग के अधिकारियों के लिये, सिविल विधि तथा प्रकिया (पुस्तकों सहित) राजस्व एवं भू-अभिलेख विभाग के अधिकारियों के लिये, पुलिस अधिकारियों की पुलिस शाखा प्रश्न पत्र (बिना पुस्तकों के), दूसरा प्रश्न पत्र सामान्य विधि (पुस्तकों सहित) सहायक वन संरक्षकों के लिये, तीसरा प्रश्न पत्र सामान्य विधि (पुस्तकों सहित) वन क्षेत्रपालों के लिये, स्थानीय शासन अधिनियम तथा नियम (बिना पुस्तकों के) पंचायत विभाग के अधिकारियों के लिये, चौथा प्रश्न पत्र सहकारी लेखा तथा परीक्षण (बिना पुस्तकों के) भाग-1 लेखा एवं भाग-2 सहकारिता लेखा परीक्षण सहकारी संस्थाओं के सहायक पंजीयकों के लिये, समाज शास्त्र (पुस्तकों सहित) आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों के लिये, विद्युत रोधन समन्यवय तथा परिसंकट ग्रस्ट इंशूलेशन को आर्डिनेशन एवं हजार्ड एस. एरिया ऊर्जा विभाग के सहायक यंत्री (वि.सु) के लिये (बिना पुस्तकों के) और चतुर्थ प्रश्न पत्र बाल संरक्षण, देखभाल, कल्याण एवं विकास सहायक संचालक संवर्ग, बाल विकास परियोजना एवं तृतीय श्रेणी कार्यपालिक (पर्यवेक्षक आदि) अधिकारियों के लिये (पुस्तकों सहित) होगी।

गुरुवार 26 अगस्त को प्रथम पाली में प्रथम प्रश्न पत्र लेखा (बिना पुस्तकों के) सहायक कलेक्टरों, डिप्टी कलेक्टरों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्व एवं भू अभिलेख विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिये, प्रश्न पत्र प्रथम लेखा (बिना पुस्तकों के) आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों के लिये, प्रश्न पत्र प्रथम लेखा (बिना पुस्तकों के) समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के लिये, प्रश्न पत्र न्यायिक शाखा (बिना पुस्तकों के) पुलिस विभाग के अधिकारियों के लिए, लेखा (पुस्तकों सहित) उत्पाद शुल्क-आबकारी विभाग के अधिकारियों के लिये, लेखा (लेखा पुस्तकों सहित) आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों के लिये, लेखा (पुस्तकों सहित) उद्योग विभाग के अधिकारियों के लिये और लेखा (पुस्तकों सहित) नैसर्गिक संसाधन विभाग के अधिकारियों के लिये होगी।

इसी दिन दूसरी पाली में लेखा (पुस्तकों सहित) जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों के लिये, द्वितीय प्रश्न पत्र लेखा (पुस्तकों सहित) डिप्टी कलेक्टरों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्व तथा भू-अभिलेख विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिये, द्वितीय प्रश्न पत्र लेखा (पुस्तकों सहित) आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों के लिये और द्वितीय प्रश्न पत्र लेखा (पुस्तकों सहित) समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के लिये होगी।

शुक्रवार 27 अगस्त को प्रथम पाली में सिविल पशु चिकित्सा सेवा विभाग के अधिकारियों के लिये, प्रश्न पत्र भाग-1 (बिना पुस्तकों के) पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के लिये, प्रथम प्रश्न पत्र लेखा भाग-1 मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों के लिये (बिना पुस्तकों के), प्रथम प्रश्न पत्र लेखा (पुस्तकों सहित) कृषि सेवा कार्यपालन प्रथम द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के लिये, प्रथम प्रश्न पत्र विधि तथा प्रक्रिया (बिना पुस्तकों के) डेयरी विभाग के अधिकारियों के लिये, प्रश्न पत्र द्वितीय छत्तीसगढ़ मूलभूत तथ्य और ग्रामीण विकास जनसंपर्क विभाग के अधिकारियो के लिये (पुस्तकों सहित), द्वितीय प्रश्न पत्र लेखा (बिना पुस्तकों के) वन क्षेत्रपालों के लिये और पंचायत राज प्रशासन (विधि तथा प्रक्रिया) सहायक कलेक्टरों, डिप्टी कलेक्टरों, तहसीलदारों, अधीक्षक भू अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख जिला, कार्यालय के अधीक्षक, ग्रामीण विकास विभाग के विकास खण्ड अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक, क्षेत्र संयोजक विकास खंड अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के लिये होगी।

इसी दिन द्वितीय पाली में सिविल पशु चिकित्सा सेवा विभाग के अधिकारियों का लेखा प्रश्न पत्र भाग-2 पशु चिकित्सा सेवा विभाग के अधिकारियों के लिये (पुस्तको सहित), प्रश्न पत्र लेखा भाग-2 मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों के लिये, सहकारी संस्थाओं के सहायक पंजीयकों के लिये किसी मामले में आदेश-प्रतिवेदन लिखने की व्यवहारिक परीक्षा (पुस्तकों सहित), तृतीय प्रश्न पत्र प्रक्रिया तथा लेखा (पुस्तकों सहित) सहायक वन संरक्षकों के लिये, द्वितीय प्रश्न पत्र लेखा (बिना पुस्तकों के) कृषि कार्यपालन प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के लिये, द्वितीय प्रश्न पत्र लेखा तथा प्रक्रिया (पुस्तकों सहित) डेयरी विकास विभाग के अधिकारियों के लिये और प्रश्न पत्र तृतीय अनुसूचित जाति तथा आदिवासी (अनुसूचित जनजाति) विकास और जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों के लिये (पुस्तकों सहित) होगी। शनिवार 28 अगस्त को प्रथम पाली में सबेरे 10 से दोपहर 1 बजे तक हिन्दी निबंध तथा हिन्दी से अंग्र्रेजी में अनुवाद सभी विभागों के अधिकारियों के लिये परीक्षा निर्धारित किया गया है।

विभागीय परीक्षा के लिए सभी विभागों को जारी परिपत्र में कहा गया है कि सहायक कलेक्टरों, डिप्टी कलेक्टरों, राज्य के अधीनस्थ, सिविल सेवाओं के सदस्य, भू-अभिलेख कर्मचारियों तथा कलेक्टरों और राजस्व आयुक्तों के कार्यालय के अधीक्षकों को सूचित किया जाए कि विभागीय परीक्षा गृह विभाग द्वारा नये संशोधित नियमों के अंतर्गत प्रसारित पाठ्यक्रम के अनुसार होगी। नये नियमों के अन्तर्गत पंचायत राज प्रशासन विधि एवं प्रक्रिया से संबंधित प्रश्न भी अनिवार्य रूप से रखा गया है।

उम्मीदवारों को सूचित किया जाये कि जिन प्रश्न पत्रों में पुस्तकों की सहायता ली जाना है, उन्हें विभागीय परीक्षा के लिए कलेक्टर कार्यालय से पुस्तकें नहीं दी जाएगी। उम्मीदवार को स्वयं पुस्तकें लानी होगी। सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को जो परीक्षा में सम्मिलित होने के इच्छुक हो, अपना नाम उचित माध्यम से सीधे अपने विभागाध्यक्षों को भेजना चाहिए और यह भी स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि परीक्षार्थी राजपत्रित-अराजपत्रित है। परिपत्र में कहा गया कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार विभागीय परीक्षा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवारों को उत्तीर्ण होने के लिये 10 प्रतिशत अंको तक छूट दी जाती है। अतः ऐसे परीक्षार्थी इस संबंध में अपना प्रमाण पत्र अपने संबंधित परीक्षा केन्द्र के आयुक्तों को प्रस्तुत करेंगे। इन प्रमाण पत्रों को गृह-सी विभाग (विभागीय परीक्षा प्रकोष्ठ) को नहीं भेजे जाएं। संबंधित विभागाध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, परीक्षा में भाग लेने वाले व्यक्तिाओं की आवेदन-सूची के साथ प्रमाण पत्र संबंधित परीक्षा केन्द्रों के आयुक्तों को 24 जुलाई 2021 तक भेजें। जिन परीक्षार्थियों द्वारा प्रमाण पत्र विभागाध्यक्षों के माध्यम से संबंधित परीक्षा केन्द्र आयुक्त प्रस्तुत नहीं किए जाएंगे, उन्हें इस प्रकार की सुविधा प्राप्त नहीं होगी। ये प्रमाण पत्र आयुक्त कार्यालय में रखे जाएंगे। परीक्षा केंद्र के आयुक्तों से कहा गया है कि परीक्षा में सम्मिलित जिन परीक्षार्थी द्वार अनुसूचित जाति-जनजाति के प्रमाण पत्र प्राप्त होंगे उन्हें शासन को भेजे जाने वाली सूची में स्पष्ट रूप से उल्लेख करें। परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा के दौरान मोबाईल फोन, पेजर, स्मार्ट वॉच तथा किसी भी प्रकार के संचार साधन रखना पूर्णत प्रतिबंधित है। यदि किसी परीक्षार्थी द्वारा परीक्षा केंद्र में कोई संचार साधन लाया जाता है, तो उसे परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने से पूर्व पूर्ण रूप से अपनी जिम्मेदारी पर परीक्षा कक्ष के बाहर रखना होगा।

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कुक्कुट पालन रोजी-रोजगार का बेहतर जरिया बन सकता है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कुक्कुट पालन व्यवसाय के लिए अधिकतम 90 प्रतिशत तक अनुदान दिए जाने का प्रावधान बैकयार्ड कुक्कुट पालन योजना के अंतर्गत है। इस योजना का लाभ लेने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को बैकयार्ड कुक्कुट इकाई के लिए 90 प्रतिशत छूट दी जाती है, जबकि सामान्य वर्ग के हितग्राही को 75 प्रतिशत अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। पशुधन विभाग ने कुक्कुट पालन करने के इच्छुक ग्रामीणों और किसानों से बैकयार्ड कुक्कुट पालन इकाई योजना का लाभ उठाने की अपील की है।

बैकयार्ड कुक्कुट इकाई वितरण योजना अंतर्गत पक्षियों के पालन-पोषण, रख-रखाव तथा आवास व्यवस्था हेतु पृथक से किसी राशि की आवश्यकता नहीं होती, हितग्राहियों के आवास में ही छोटे स्थान पर या बाड़े में इन पक्षियों को रख सकते हैं। प्रदाय किये जाने वाले चूजों से 5 माह पश्चात औसतन 10 से 12 अण्डे प्रतिदिन उत्पादित होते हैं, जो लगभग 10 रूपए प्रति नग के हिसाब से विक्रय किये जाते हैं। इसी तरह 3 माह की उम्र में पक्षियों का औसत वजन लगभग दो से ढाई किलोग्राम का हो जाता है जो 700 से 800 रुपये किलो की दर से विक्रय किया जाता है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में आदिवासी बाहुल्य बस्तर संभाग में स्व-सहायता समूहों को बैकयार्ड कुक्कुट इकाई योजना से लाभान्वित किया जा रहा है, जिससे इन समूहों द्वारा अण्डों का उत्पादन अच्छा-खासा मुनाफा होने लगा है। बैकयार्ड कुक्कुट इकाई में उत्पादित अण्डो की आपूर्ति आंगनबाड़ी केन्द्रों मंे होने से हितग्राहियों को इसकी मार्केटिंग की समस्या नहीं आती है।

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राज्य के पशुधन विकास विभाग द्वारा बैकयार्ड कुक्कुट इकाई वितरण योजना संचालित है। इस योजना की इकाई लागत राशि 3000 रुपए है जिसमें 28 दिवसीय 45 कुक्कुट/बतख चूजे अथवा 80 बटेर चूजे प्रदाय किये जाते हैं। योजनांतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को 90 प्रतिशत अनुदान अर्थात राशि 2700 रुपए का अनुदान तथा सामान्य वर्ग के लिये 75 प्रतिशत अनुदान अर्थात राशि 2250 रुपए का अनुदान दिया जाता है।

वर्ष 2021-22 में पशुधन विकास विभाग द्वारा इस योजना के तहत 5 करोड़ 17 लाख रुपए की राशि हितग्राहियों को अनुदान के रूप में दिए जाने का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के 15 हजार तथा सामान्य वर्ग के 5 हजार इस प्रकार कुल 20 हजार लोगों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना का लाभ लेने के पात्र हितग्राही अपने नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था से संपर्क स्थापित कर सकते हैं।

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कोरोना महामारी से लडऩे केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। शहरी क्षेत्र के लोगों में टीकाकरण के प्रति तो कोई दुविधा नहीं है लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी भी यह अफवाह है कि वैक्सीन लगवाने से व्यक्ति की मौत हो रही है। वहीं बांझपन व नपूसक होने की भी खबरें फैली हुई हैं।ऐसे में वैक्सीन के लिए जागरुक करने वाली टीम के साथ ग्रामीण मारपीट पर उतारू हो जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शहर से लगे ग्राम लब्जी से सामने आया है। यहां टीकाकरण करने पहुंचे उप अभियंता व स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ ग्रामीणों ने बदसलूकी करते हुए उनसे हाथापाई की।

लाठी-डंडे से लैस ग्रामीणों ने उपअभियंता का कॉलर खींचकर कीचड़ में गिराने की कोशिश भी की। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। रिपोर्ट पर मणिपुर चौकी पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

अंबिकापुर जनपद में पदस्थ उप अभियंता धनेश राम, स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने का काम कर रहे थे। टीम सोमवार को शहर से लगे लब्जी गांव में पहुंची थी। यहां उप अभियंता द्वारा रोजगार सहायक महेश्वर के घर टीका लगवाने के लिए बोला गया।इस पर उसके परिजनों ने कहा कि हम वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। उनका कहना था कि वैक्सीन लगवाते ही बुखार आता है तबियत खराब हो जाती है। अभी खेती-बाड़ी का समय भी है, हम नहीं लगवाएंगे, आपलोग यहां से चले जाइए। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम परिवार के सदस्यों को टीका के प्रति समझाइश देने लगी।इससे गुस्से में आकर परिवार व आस पास के लोग स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ लाठी-डंडे से लैस होकर धक्का मुक्की करते हुए मारपीट पर उतारू हो गए।इसका वीडियो भी वायरल हुआ है।

उप अभियंता धनेश राम ने घटना की शिकायत मणिपुर चौकी में दर्ज कराई।रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने धारा 332, 353, 294, 506, 148, 149 के तहत अपराध दर्ज कर सात आरोपियों मनोरंजन एक्का, अनिल एक्का, सुधीर एक्का, रविशंकर, साइमन, अलफोरस व प्रकाश को गिरफ्तार किया है।

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बिलासपुर हाईकोर्ट में कल मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने तल्ख टिप्पणी छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के किरकिरी कर दी है ,जहाँ छत्तीसगढ़ राज्य सरकार अपनी गोबर योजना से पीठ थपथपा रही थी वहीं मुख्य न्यायाधीश द्वारा की गयी टिप्पणी से योजना पर बैकफुट पर आ गयी है .पहली बार ऐसा हुआ है जब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इतनी तल्ख़ टिपण्णी किसी सरकार को योजना के उपर की है. जस्टिस मिश्रा ने यह कड़ी टिप्पणी एम.एम.पी. वाटर स्पोर्ट्स बनाम छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड की याचिका की सुनवाई करते हुए की है.

दरअसल, स्वामी विवेकानंद सरोवर बूढ़ा तालाब रायपुर में वाटर स्पोर्ट्स के दोबारा टेंडर करने को लेकर एमएमपी वाटर स्पोर्ट्स ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है. याचिका में छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के अलावा रायपुर नगर निगम और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को भी पक्षकार बनाया गया था

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बूढ़ा तालाब रायपुर में वाटर स्पोर्ट्स का टेंडर पूर्व में एम.एम.पी वाटर स्पोर्टस् को दिया गया था, लेकिन कतिपय आधारों पर बाद में इसका दोबारा टेंडर निकाले जाने पर एमएमपी वाटर स्पोर्ट्स ने हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका लगाई गई थी. जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई. मामले में स्मार्ट सिटी रायपुर, नगर निगम रायपुर और वाटर स्पोर्ट्स से जुड़े तथ्यों पर बहस के दौरान जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने यह टिप्पणी कर दी कि यहां कोई स्मार्ट सिटी नहीं है, पूरा राज्य गोबर राज्य है.

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वह चाहे मधु हो या योगिता, नंदिता हो, या फिर ओमप्रकाश, शिवानी, समीक्षा, मीरा मतलाम...किसी ने अपना पिता खोया तो किसी ने अपना पति.. कोरोना महामारी ने इन परिवारों का घर उजाड़ दिया। अनमोल रिश्तों के धागों में बंधे एक ही परिवार के सदस्यों की मौत ने इन सभी को कभी न भूलने वाला ऐसा गहरा जख्म दिया कि आज भी उसे याद कर पीड़ित परिवार सिहर जाते है। कोरोना से हमेशा के लिए मौत की नींद सो गए वे लोग जो घर के मुखिया थे, सरकारी नौकरी में थे और जिन पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी, अचानक से हुई उनकी मौत परिवार के लिए किसी सदमा से कम नहीं था। एक तरफ घर के कमाऊ सदस्य के एकाएक मौत का सबकों गम था तो दूसरी तरफ अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर वर्षों पुरानी पेचीदगी। अनुकम्पा नियुक्ति में 10 प्रतिशत का सीमा बंधन होने की वजह से चौतरफा मुसीबत से घिरे परिवारों के पास सिवाए आंसू बहाने कुछ न था। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की संवेदनशील पहल अनुकम्पा नियुक्ति के प्रावधानों को 31 मई 2022 तक शिथिल कर पीडित परिवार के आश्रित व पात्र सदस्यों को शासकीय विभाग में अनुकम्पा देने के त्वरित निर्णय ने कोरोना की लहर में उजड़ चुके परिवारों को फिर से संवारने का काम किया। बतौर अनुकम्पा सरकारी नौकरी मिलने से अनुकम्पा पाने वालों के दिल में अपने मृत पिता, पति या मां के सपनों को पूरा करने की उम्मीद बन गई है। ऐसे ही अनुकम्पा पाने वाले कुछ लोगों से जब मुख्यमंत्री का संवाद हुआ तो सभी ने अनुकम्पा नियुक्ति में नियम शिथिल किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया वही मुख्यमंत्री भी सबकी आपबीती सुनकर भावुक हो गए...

अनुकम्पा पाने वाली श्रीमती मधु बेलचंदन अब राहत महसूस कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की पहल और निर्णय ने उन्हें अनुकम्पा के रूप में सिर्फ नौकरी ही नहीं दी है, अपितु नौकरी के रूप में वह सहारा, विश्वास और आने वाले कल के लिए एक सुनहरा भविष्य की संभावनाएं भी दी है जोकि वह अपने पति के जीवित रहते अपने बच्चों और वृद्ध सास के लिए देखा करती थी। धमतरी जिले के आमदी के स्कूल में शिक्षक की नौकरी कर परिवार का जीवनयापन चलाने वाले पति की अचानक मृत्यु के बाद श्रीमती मधु बेलंचदन को अनुकम्पा के रूप में सहायक ग्रेड तीन के पद पर नौकरी मिली तो उनके मन में अपने पति के सपनों को पूरा करने का संकल्प था। वह कहती है कि मुख्यमंत्री ने अनुकम्पा नियुक्ति के नियम को शिथिल कर बड़ी राहत दी है। अब वह नई जिम्मेदारी के साथ अपने परिवार के सपनों को पूरा करेगी।

सरगुजा जिले की योगिता जायसवाल पूरी तरह से अपनी मां पर ही निर्भर थी। भृत्य के पद पर नौकरी कर परिवार का भरण पोषण करने वाली योगिता की मां चल बसी, कुछ दिन बाद उसके भाई की भी मृत्यु हो गई। परिवार में दो मौतों ने योगिता को झकझोर कर रख दिया। उसने बताया कि वह भीतर ही भीतर टूट गई थी। पिताजी बहुत पहले ही घर छोड़कर जा चुके थे। ऐसे में अकेली होने के कारण घर चलाने में भी उसे बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। मां की मौत के बाद अनुकम्पा के लिए वह कार्यालय भी गई लेकिन 10 प्रतिशत सीमा बंधन का प्रावधान उसकी नौकरी में रोड़ा बन रही थी।उसने बताया कि कोरोनाकाल में उसकी मुसीबत और बढ़ गई थी, ऐसे में सरकार द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति में 10 प्रतिशत का सीमा बंधन हटाने से उसकी भी नौकरी की राह आसान हो गई। योगिता ने बताया कि नगर निगम में सहायक ग्रेड तीन के पद पर नियुक्ति मिलने से उसकी मुसीबतें कम हुई है।

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बेमेतरा जिले की नंदिता ने कभी सोचा भी नहीं था कि अनेक लंबित प्रकरणों के बीच उन्हें इतनी जल्दी अनुकम्पा नियुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि पिता श्री सतीश प्रभाकर जोगलेकर स्कूल में लिपिक के पद पर पदस्थ थे। 10 अप्रैल 2021 को कोरोना से उनकी मृत्यु हो गई। पिता की एकाएक मृत्यु से घर परिवार चलाने की नई चुनौतियां सामने आ गई। उसने बताया कि परिवार चलाने आई आर्थिक संकट को देखते हुए उन्हें ट्यूशन पढ़ाने का काम करना पड़ा, लेकिन यह घर चलाने के लिए पर्याप्त नहीं था। इस बीच शासन द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए नए नियम तय करने के बाद 31 मई को सहायक ग्रेड तीन में उसकी नियुक्ति हो गई। नंदिता ने बताया कि परिवार में पिता का अधूरापन कभी खत्म नहीं होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए दुःख की घड़ी में अनुकम्पा नियुक्ति देकर एक पिता के रूप में जिम्मेदारी का निर्वहन किया है।

अनुकम्पा नियुक्ति में नियम शिथिल किए जाने के बाद इसका लाभ पाने वालों में कोरोनाकाल में अपनी जान गंवाने वाले ही शासकीय सेवक नहीं है। बल्कि वे कर्मचारी भी है, जिनकी मौत कई साल पहले हुई थी, लेकिन अनुकम्पा नियुक्ति में सीमा बंधन होने के कारण आश्रित परिवार के सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो रही थी। ऐसे ही कांकेर जिले की सुश्री शिवानी चौहान तो दो साल से अनुकम्पा नियुक्ति के लिए प्रयासरत थी। साल 2014 में पिता की मौत के बाद नौकरी कर रही अपनी मां के साथ वह परिवार के सुनहरे भविष्य बुना करती थीं, लेकिन दो साल पहले जब मां की मौत हुई तो पूरा सपना जैसे बिखर सा गया था। विभाग में पद रिक्त नहीं होने के साथ अनुकम्पा नियुक्ति में 10 प्रतिशत नियुक्ति की सीमा उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान किए जा रही थी। आखिरकार कोरोनाकाल में जब यह सीमा हटी तो शिवानी का सुनहरा सपना एक बार फिर साकार होने के कगार में आ गया। उसने बताया कि अब अनुकम्पा नियुक्ति मिलने से वह अपने भाई-बहन का सुनहरा भविष्य गढ़ सकेगी। उन्हें आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।

बलौदाबाजार जिले के श्री ओमप्रकाश साहू, नारायणपुर की मीरा मतलाम, धमतरी जिले की समीक्षा, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की कुमारी एंजल सिंह सहित सैंकड़ों पात्र आवेदकों की अनुकम्पा नियुक्ति हो चुकी है। सभी ने अपने परिवार के ऐसे सदस्यों को खोया है जो सरकारी नौकरी में रहते कोरोना सहित अन्य बीमारियों से चल बसे। शासन की पहल ने इन सभी की मुसीबतों को न सिर्फ दूर किया बल्कि अपनों को खोकर गमगीन माहौल में रहने वालों को अपनेपन का अहसास भी कराया। अब भले ही कोरोना के आँकड़े कम हो गए हैं और भय का बना माहौल भी खत्म सा हो गया है, छत्तीसगढ़ की सरकार सबके भीतर भरोसा कायम करते हुए अनुकम्पा नियुक्ति का दौर बदस्तूर जारी रखी हुई है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बीते 18 मई को हुई कैबिनेट की बैठक में अनुकंपा नियुक्ति के लिए पदों के सीमा-बंधन में छूट देने का निर्णय लिया गया था। अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों के निराकरण की दृष्टि से राज्य शासन द्वारा पूर्व में प्रावधानित दस प्रतिशत पदों के सीमा-बंधन को 31 मई 2022 तक के लिए शिथिल किया गया है।

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