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detail news only from Chhattishgarh ,dated: २५ जून २०२१



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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि संत कबीर की महिमा छत्तीसगढ़ के कण-कण में व्याप्त है। संत कबीर प्रेम, सामाजिक समरता और मानवता के कवि थे, वे एक समाज सुधारक भी थे, जिन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर कठोरता से प्रहार किया। उनके मानने वाले हर जाति, हर धर्म के लोग हैं। उन्होंने कहा कि संत कबीर 650 साल पहले आये थे, लेकिन उनके संदेश आज भी समसामयिक हैं। उनकी वाणी को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में संत कबीर जयंती पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस कार्यक्रम में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जन संचार विश्वविद्यालय रायपुर के प्रशासनिक भवन के गेट का नामकरण संत कबीर के नाम पर किया और संत कबीर द्वार का शिलान्यास किया। उन्होंने कबीर विकास संचार अध्ययन केन्द्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में ‘‘संत कबीर का छत्तीसगढ़‘‘ पुस्तक का विमोचन भी किया। इस पुस्तक के सम्पादक कबीर विकास संचार अध्ययन केन्द्र के अध्यक्ष श्री कुणाल शुक्ला और डॉ. सुधीर शर्मा हैं। इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के शुरूआत में मुख्यमंत्री श्री बघेल सहित अतिथियों ने संत कबीर साहेब के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि संत कबीर और छत्तीसगढ़ का चोली-दामन का साथ है। अमरकंटक के कबीर चबूतरा में संत कबीर और गुरू नानक देव जी की भेंट हुई थी। उनका कभी छत्तीसगढ़ में पदार्पण नहीं हुआ, लेकिन उनका संदेश छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में व्याप्त है। छत्तीसगढ़ के लोगों में संत कबीर और गुरू बाबा घासीदास जी के संदेशों का व्यापक प्रभाव है, इसलिए छत्तीसगढ़ के लोग ईमानदार, संतोषी, विश्वसनीय और जीवन के अर्थ को व्यापक रूप से लेते हैं, इसीलिए हमारा छत्तीसगढ़ शांति का टापू कहलाता है।

गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि संत कबीर ने जीवन जीने का सुगम तरीका बताया, ताकि हम सही रास्ते पर चलें। संत कबीर अंधविश्वास, पाखण्ड, छूआछूत जैसी बुराईयां के सख्त विरोधी थे, उन्होंने सामाजिक बुराईयों पर कड़े शब्दों में प्रहार किया। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कबीर और गुरू बाबा घासीदास के विचारों के बदौलत ही छत्तीसगढ़ में आने वाले लोग छत्तीसगढ़ के हो जाते हैं। उनके विचारों के बदौलत ही छत्तीसगढ़ में सबको समाहित करने की विशेषता है। राज्य सरकार संत कबीर के रास्ते पर चलकर लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठाने का काम कर रही है। कार्यक्रम का संचालन कबीर विकास संचार अध्ययन केन्द्र के अध्यक्ष श्री कुणाल शुक्ला ने किया। इस अवसर पर डॉ. सुधीर शर्मा, श्री आशीष दुबे, श्री राजू सिंह चंदेल, प्रीति उपाध्याय, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री आनंद शंकर बहादुर उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़ राज्य की वन नीति को, इसके बहुआयामी डिजाइन एवं दूरदर्शिता की वजह से 01 जून से 27 जून तक आयोजित ‘लंदन डिजाइन प्रदर्शनी’ के तृतीय संस्करण में मुख्य आकर्षण के रूप में चुना गया है और इसकी गूंज विश्व पटल पर हो रही है।

यह प्रदर्शनी लंदन के दिल में स्थित समरसेट हाउस में आयोजित हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार, इंडिया पवेलियन, लंदन डिजाइन प्रदर्शनी के सम्मानित प्रायोजकों में से हैं तथा छत्तीसगढ़ राज्य की वन नीति, उन उन्नत विचारो का हिस्सा है जो विश्व के सबसे बड़े डिजाइन प्रदर्शनी में दिखाया जा रहा है। इंडिया पवेलियन का प्रायोजक एवं प्रदर्शनी का हिस्सा होने के नाते, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित राज्य की वन नीति को बेहतर ढंग से प्रस्तुत एवं प्रदर्शित किया जा रहा है।

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छत्तीसगढ़ राज्य की वन नीति को विश्व स्तर पर मान्यता मिलना, राज्य के लिए गर्व का विषय है और इसका प्रदर्शन कुछ चुनिंदा एवं उन्नत विचारो के साथ इस विश्वस्तरीय प्रदर्शनी में दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है, जिन पर हमारे ग्रह का भविष्य टिका है। छत्तीसगढ़ की वन नीति का प्रमुख लक्ष्य राज्य में गैर वनभूमि में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। इस नीति में ऐसी आकर्षक प्रोत्साहन योजना बनाई गई है, जिससे पूरे राज्य में हरित क्रांति को बढ़ावा मिलेगा और छत्तीसगढ़ देश के सबसे ज्यादा हरित क्षेत्र वाला राज्य बनने की ओर अग्रसर होगा। इस तरह की दूरगामी नीतियां राज्य के सतत् विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

लंदन के मेयर सादिक खान ने लंदन डिजाइन प्रदर्शनी का समरसेट हाउस में उद्घाटन करते हुए 01 जून को ट्वीट किया-38 प्रदर्शनी, 6 महाद्वीप साथ में एस डेवलिन का खूबसूरत ‘परिवर्तन के लिए जंगल’ समरसेट हाउस के आंगन में। लॉक डाउन के बाद पहला बड़ा सांस्कृतिक कार्यक्रम, लंदन प्रदर्शनी खुला है। प्रदर्शनी में 6 महाद्वीपों से ऑस्ट्रिया, कनाडा, हॉन्कॉन्ग, भारत, इजराइल, वेनुजुएला समेत 22 देश हिस्सा ले रहे हैं। उक्त प्रदर्शनी के संग्रहाध्यक्ष डेवलिन हैं। ’छोटा ही सुन्दर हैरू एक अरब विचार’ नामक प्रदर्शनी, भारत के डिजाइन विचारको के विचारो का ऐसा झलक है, जो कि पारिस्थितिक तंत्र से समस्याओं एवं जलवायु संकट का नए युग के डिजाइनों से समाधान प्रस्तुत कर रहा है।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में उद्यानिकी फसलों के प्रोत्साहन के लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा एक जिला-एक उत्पाद कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत राज्य के 14 जिलों में 9 प्रकार की उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। चिन्हित फसलों की खेती करने वाले किसानों को उद्यानिकी विभाग द्वारा आवश्यक मार्गदर्शन एवं मदद दी जाएगी।

उद्यानिकी विभाग द्वारा एक जिला-एक उत्पाद कार्यक्रम के तहत अदरक, पपीता, आम, सीताफल, चाय, काजू, टमाटर, हल्दी एवं लीची को चिन्हित किया गया है। उद्यानिकी संचालक श्री माथेश्वरन वी. ने बताया कि बलोद जिले का चयन अदरक की खेती के लिए किया गया है, जबकि सूरजपुर जिले में हल्दी की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। रायपुर एवं बेमेतरा जिले के लिए पपीता, दंतेवाड़ा जिले में आम, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही एवं कांकेर में सीताफल की खेती, जशपुर में चाय उत्पादन, कोण्डागांव जिले में काजू, कोरिया, मुंगेली, रायगढ़ एवं दुर्ग जिले में टमाटर तथा सरगुजा जिले में लीची की खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के कार्यकाल के 29 जून 2021 को दो वर्ष पूर्ण होने पर कांग्रेस प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगी। सेवा समर्पण के ईमानदार प्रयास के दो वर्ष के तहत-

1 वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता अभिनंदन समारोह- प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं जिला कांग्रेस कमेटियों के द्वारा प्रदेश एवं जिला मुख्यालयों में वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का अभिनंदन समारोह।

2 अस्पताल एवं गोठान में श्रमदान (साफ-सफाई)- नगर ब्लाक कांग्रेस कमेटी द्वारा शहरी क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों में श्रमदान कार्यक्रम। ब्लाक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के गौठानों में श्रमदान कार्यक्रम।

3 निर्माणाधीन राजीव भवन में श्रमदान- प्रदेश युवा कांग्रेस के तत्वाधान में प्रदेश के समस्त जिलों में नवीन-निर्माणाधीन राजीव भवन में श्रमदान कार्यक्रम।

4 पौधा वितरण, वृक्षारोपण- प्रदेश महिला कांग्रेस द्वारा जिला मुख्यालयों में पौधा वितरण एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन।

5 कांग्रेस का इतिहास एवं आधुनिक भारत के निर्माण के संदर्भ में परिचर्चा- प्रदेश एनएसयुआई द्वारा छात्र-छात्राओं के बीच कांग्रेस के इतिहास और आधुनिक भारत के निर्माण में योगदान पर परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन।

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छत्तीसगढ़ में आज 317 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार बीते 24 घंटे में 605 मरीज स्वस्थ हुए हैं। वहीं दूसरी ओर 24 घंटे में 8 मरीजों की उपचार के दौरान मौत हो गई। प्रदेश में अब तक 13415 कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो चुकी है।आज 317 नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि होने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9 लाख 92 हजार 391 संक्रमित हो गई है। छत्तीसगढ़ में अब तक 9 लाख 71 हजार 662 मरीज स्वस्थ हुए हैं। नए मरीज मिलने और डिस्चार्ज होने के बाद अब सक्रिय मरीजों की संख्या 7,314 हो गई है।

जिलेवार मरीजों की संख्या-

रायपुर- 18,दुर्ग- 06,राजनांदगांव- 01 बालोद- 11, बेमेतरा- 05, कवर्धा- 02, धमतरी- 10, बलौदाबाजार- 04, महासमुंद- 14, गरियाबंद- 13, बिलासपुर- 02 रायगढ़- 16, कोरबा- 03, जांजगीर- 37, मुंगेली- 07, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- 03, सरगुजा- 11, कोरिया- 02, सूरजपुर- 05, बलरामपुर- 05, जशपुर- 17, बस्तर- 17, कोंडागांव- 12, दंतेवाड़ा- 26, सुकमा- 22, कांकेर- 04, नारायणपुर- 02, बीजापुर- 38, अन्य राज्य- 04

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प्रदेश के दुर्ग जिले का तर्रा पहला ऐसा गांव है, जहां 18 वर्ष से अधिक उम्र के ग्रामीणों का शत-प्रतिशत टीकाकरण किया जा चुका है। इस गांव में निवास करने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी ग्रामीणों को टीका लगाया जा चुका है। केवल गर्भवती महिलाओं एवं कोविड मरीजों के अलावा सभी ग्रामीणों को टीका लगाया जा चुका है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से पाटन ब्लॉक के ग्राम तर्रा में आज टीकाकरण का कार्य पूरा हुआ। जिन वार्डों में टीकाकरण को लेकर संशय था, वहां मोबाइल टीम भी भेजी गई, इसका अच्छा परिणाम हुआ और सभी ग्रामीणों ने टीका लगवाया।

ग्रामीणों को यह भी बताया गया कि टीके के संबंध में बहुत सारी अफवाहें फैली हुई है जो पूरी तरह से असत्य हैं। जब ग्रामीणों ने देखा कि टीका लगवाने के बाद भी सभी ग्रामीण स्वस्थ हैं तो इसके बाद बचे हुए ग्रामीण जो टीका लगाने से हिचक रहे थे, वे भी सामने आए। इस कार्य में गांव के सरपंच की भी बड़ी भूमिका रही। सरपंच और जनप्रतिनिधियों ने लोगों को टीकाकरण के लिए तैयार किया और टीका के लाभों की इस तरह से तर्रा गांव के लोगों ने अपनी जागरुकता का प्रदर्शन कर टीकाकरण के कार्य में बड़ी उपलब्धि हासिल की। ग्राम तर्रा में 18 वर्ष से अधिक की कुल आबादी 1358 लोगों की है, इसमें 1297 लोगों को वैक्सीन लगाया गया है क्योंकि 18 महिलाएं गर्भवती हैं। इस अवस्था में इन्हें टीका नहीं लगाया जा सकता। 11 ग्रामीण फिलहाल शहरों में रहते हैं। 32 ग्रामीण कोरोना वायरस से हाल ही में संक्रमित हुए, इस वजह से इन्हें कुछ समय बाद ही टीका लगाया जा सकेगा। इस तरह से ग्राम तर्रा पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो गया है।

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रानी दुर्गावती भारतीय इतिहास की ऐसी वीरांगना थी, जिन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया और राज्य की रक्षा के लिए कई लड़ाईयां भी लड़ीं और फिर मुगलों से युद्ध कर वीरगति को प्राप्त हुई। उनके शासन काल में गोंडवाना राज्य एक समृद्ध और खुशहाल राज्य था। रानी दुर्गावती का प्रशासन भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय माना जाता है। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज वन साहित्य अकादमी एवं कृष्ण राव सप्रे शोध संस्थान द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कही।

राज्यपाल ने वीरांगना रानी दुर्गावती को उनके बलिदान दिवस पर नमन करते हुए कहा कि रानी दुर्गावती ने अपने 15 साल के शासन काल में एक कुशल शासिका के रूप में अपनी प्रजा की भलाई के लिए भी कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। वर्तमान जबलपुर उनके राज्य का केन्द्र था। भारतीय इतिहास में जब कभी भी किसी वीरांगना के शौर्य और वीरता की बात की जाती है तो रानी दुर्गावती का नाम अग्रणी रूप से लिया जाता है।

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उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती ने अपने राज्य में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए नई सड़कों का निर्माण एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए हरे पेड़-पौधे एवं बाग बगीचे लगवाए साथ ही पानी की उचित व्यवस्था के लिए जगह-जगह कुंए, बाबड़ियों आदि खुदवाए एवं मंदिरों भवनों और धर्मशालाओं का निर्माण करवाया।

सुश्री उइके ने कहा कि वह धार्मिक, सद्चरित्र शासिका होने के कारण अनावृष्टि अथवा अकाल के समय लगान से कृषकों मुक्ति प्रदान करती थी। रानी दुर्गावती स्वभाव से सद्चरित्र, उदार एवं धार्मिक महिला थी। उसके हृदय में धर्म के प्रति सम्मान की भावना थी। रानी दुर्गावती ने अपने राज्य की रक्षा के लिए आखिरी सांस तक साहस से लड़ती रही और अपने प्राणों की आहूति दी। उनके जीवन से हर परिस्थिति में साहस और धैर्य से काम लेने की प्रेरणा मिलती है।

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राजनांदगांव शहर के मोहारा क्षेत्र में आज सुबह लगभग 6:00 बजे वार्ड के लोगों ने एक व्यस्क भालू को देखा और मामले की सूचना पुलिस को दी। इस दौरान भालू समीप के एक राइस मिल में जा घुसा। लोगों का शोर शराबा सुन भालू राइस मिल से निकलकर एक घर की बाडी़ में जाकर बैठ गया। इसके बाद वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर भालू पर नजर बनाए रखी। वहीं भालू को पकड़ने बाड़ी के समीप पिंजरा भी लगाया गया। भालू को ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित पकड़ने के लिए रायपुर से पशु चिकित्सा विशेषज्ञ को बुलाने के लिए सूचना दी गई, लेकिन लगभग 8 घंटे के बाद ट्रेंकुलाइज करने डॉक्टर राकेश वर्मा मौके पर पहुंचे। सुबह से कुंज बाई के घर की बाड़ी में बैठे भालू को देखकर आसपास के लोगों में दहशत का माहौल था। महिला कुंजबाई का कहना है कि उन्होंने भालू को देखकर पुलिस को सूचित किया था। भालू के आने से पूरा परिवार दहशत में था।

पुलिस विभाग और वन विभाग की टीम कई घंटों तक ट्रेंकुलाइज के इंतजार में बैठी रही और लोगों को भालू से दूर रखने का प्रयास किया जाता रहा। इसके लिए पहरा लगा कर आवागमन बंद कर दिया गया था। पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ राकेश वर्मा के आने के बाद उन्होंने भालू को ट्रेंकुलाइज करने का उचित स्थान चुना और इसके बाद ट्रेंकुलाइजर गन से भालू को शूट किया गया। इसके कुछ ही देर में भालू बेहोश होकर गिर पड़ा और वन विभाग की टीम ने तत्काल उस पर जाली डाली और स्ट्रेचर के माध्यम से भालू को बाहर लाया।

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इस रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर सीसीएस शालिनी रैना ने कहा कि सुबह सूचना मिली थी कि बस्ती में भालू घुस आया है और उसे रेस्क्यू करने के लिए वेटनरी डॉक्टर को बुलाया गया था। भालू को पकड़ लिया गया है इसके बाद उसे जंगल में छोड़ा जाएगा, उन्होंने कहा कि भालू कहां से आया इसके लिए उसका रूट ट्रैक किया जाएगा।

ट्रेंकुलाइज करने के बाद भालू को पिंजरे में डालकर रायपुर ले जाया गया। वहीं उसे जंगल में छोड़ा जाएगा। राजनांदगांव शहर के मोहारा स्थित बीच बस्ती में इस तरह से भालू के घुस आने से लोग दिनभर दहशत में रहे, तो वही घनी आबादी के बीच भालू कहां से आया इसकी जांच की जा रही है , लेकिन माना जा रहा है कि भालू डोंगरगढ़ क्षेत्र के पहाड़ियों से यहां तक पहुंचा होगा। बहराल इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान भालू और लोग दोनों सुरक्षित रहे , लेकिन वन विभाग की लेटलतीफी से लोगों में आक्रोश की स्थिति भी निर्मित होती रही।

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जिला खाद्य नियंत्रक सीपी दीपांकर की आईडी और पासवर्ड हैक कर अज्ञात आरोपियों ने 185 लोगों के फर्जी राशन बना दिए जिनमें 44 अंत्योदय और 141 अन्य श्रेणी के हैं, इनमें से 57 कार्डधारियों ने उचित मूल्य की दुकान से राशन भी उठा लिया। इसकी भनक विभाग के किसी भी अफसर तक कानोकान नहीं पहुंची।

मामले का खुलासा उस समय हुआ जब खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने कोतवाली पुलिस में मामला दर्ज कराया। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर सायबर सेल की मदद से अज्ञात आरोपियों की खोजबीन में जुट में गई हैं। खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने मामला दर्ज करते हुए बताया कि शासन स्तर पर जारी विशिष्ट पहचान का कूटरचित तरीके से इस्तेमाल कर 44 अंत्योदय और 141 अन्य श्रेणी के राशन कार्ड बनाए गए हैं। राशन कार्ड बनाने के लिए विभागीय आइडी, पासवर्ड और माड्यूल का इस्तेमाल किया गया है।

ये सभी राशन कार्ड कार्यालयीन समय खत्म होने के बाद और अवकाश के दिनों में बनाए गए हैं। इन्हें बनाने के लिए नौ आइपी एड्रेस का इस्तेमाल किया गया है जिसकी पूरी जानकारी खाद्य निरीक्षक ने पुलिस को सौंपी है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि इस कार्य में विभागीय अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता है

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सभी 185 फर्जी राशन कार्ड जनपद पंचायत धमधा, पाटन, दुर्ग और भिलाई निगम व भिलाई चरोदा निगम की राशन दुकानों में संलग्न हैं। फर्जी राशन कार्ड में से 57 कार्ड से आठ जून 2021 तक 80 हजार 335 रुपये का खाद्यान्न भी आहरण किया गया। यदि पूरे फर्जी राशन कार्ड से खाद्यान्न का उठाव होता तो शासन को हर महीने करीब दो लाख 30 हजार 467 रुपये का नुकसान उठाना पड़ता।

खाद्य नियंत्रक सीपी दीपांकर ने बताया कि राशन कार्ड बनाने में पूरी तरह से फर्जीवाड़ा किया गया है। सिर्फ मेरी आइडी से ही राशन कार्ड बनाए जा सकते हैं। पूर्व में भिलाई निगम के जोन-5 में पदस्थ मलखान सिंह सोरी को आइडी, पासवर्ड जारी किया गया था। लेकिन, बाद में उनका जोन-3 में स्थानांतरण हो गया। जिसके बाद उनकी आइडी को ब्लाक कर दिया गया था।

राशन कार्ड बनाने में उस ब्लाक आइडी का भी इस्तेमाल किया गया है। मुझे आशंका है कि फर्जीवाड़े में एनआइसी के लोगों की भी संलिप्तता होगी। इस फर्जीवाड़े की खबर लगते ही खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने पुलिस से शिकायत की है। साथ ही आइपी एड्रेस की सूची भी सौंपी गई है।

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गांजा तस्करों का बड़ा रैकेट काम कर रहा है। गुरुवार को राजधानी के अलग अलग थाना क्षेत्र से पुलिस ने गांजा तस्करों से 56 लाख का गांजा बरामद किया है इस मामले 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया।

मंदिर हसौद पुलिस को खबर मिली की 2 गाड़ियों में कुछ लड़के गांजा लेकर ओडिशा से रवाना हुए हैं। 7 तस्करों की टीम MP जा रही थी। मुखबीर से मिले इस इनपुट के आधार पर पुलिस ने इन्हें मंदिर हसौद इलाके में रोका। पुलिस ने देखा कि सब्जी ले जाने वाले पिकअप वाहन के ट्रेलर के नीचे बॉक्स बनाकर गांजे के पैकेट छुपाए गए थे। एक अर्टिगा कार के डिग्गी में भी गांजे के पैकेट मिले।

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पूछताछ में युवकों ने बताया कि वो इसे MP लेकर जा रहे थे। पुलिस ने इस मामले में संतोष पाल, भरत गुप्ता, त्रिलोचन बाघ, लक्ष्यपति साहू, लक्ष्मीकांत मोहरे, सदानंद भोई और लुरपराज प्रधान को पकड़ा है। इनमें संतोष और भरत दुर्ग व कांकेर के रहने वाले जबकि अन्य ओडिशा के निवासी हैं। इनके पूरे रैकेट के बारे में पूछताछ की जा रही है। इनके पास से 1 क्विंटल गांजा बरामद किया गया है।

दूसरी कार्रवाई सरस्वती नगर थाना इलाके में हुई। CSP अंकिता शर्मा के साथ थाने की टीम यहां से गुजर रही गाड़ियों की तलाशी ले रहीं थीं। इस बीच टीम को एक ट्रक मिला। ये वाहन लावारिस हालत में था। पुलिस अफसरों को शक हुआ तो गाड़ी की तलाशी ली गई। इस ट्रक में नमक भरा हुआ था। नमक की बोरियों के बीच 7 क्विंटल गांजा मिला। पुलिस को देेख कर ट्रक चालक फरार हो गया। पुलिस के अनुसार ट्रक महाराष्ट्र का था अब इसके मालिक और ड्राइवर की पतासाजी की जा रही है।

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रायगढ़ और रायपुर में 4 ठिकानों पर आयकर विभाग ने कार्रवाई के बाद बड़ा खुलासा करते हुए 6 करोड़ रुपए की बेहिसाब राशि बरामद किया ,१०० करोड़ का अनुमान



आयकर विभाग ने रायपुर में हवाला करोबार को लेकर बड़ा खुलासा किया है. विभाग ने बताया है कि रायगढ़ और रायपुर में 4 ठिकानों पर की गई छापामार कार्रवाई में 6 करोड़ रुपए की अवैध राशि जब्त की गई है. इसके अलावा करीब 100 करोड़ रुपए को हवाला कारोबार की बात भी सामने आई है. फिलहाल विभाग इस मामले की जांच कर रहा है.

रायपुर के रहने वाले स्टील कारोबारी के रायगढ़ और राजधानी में स्थित ठिकानों पर छापा मारा गया था. रायपुर में देवेंद्र नगर और गायत्री नगर स्थित दो ठिकानों पर आयकर की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची थी. बड़ी लीड मिलने के कारण 25 सदस्यों की टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया है. छापामार कार्रवाई के दौरान मौके से कंप्यूटर, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव सहित कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं. इससे अन्य सबूत जुटाने की कोशिश की जा रही है.

जब्त किए गए दस्तावेज के आधार पर विभाग नेसौ करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन सामने आने की बात कही है. फिलहाल मामले की जांच चल रही है. इस मामले में बड़े खुलासे होने की संभावना भी जताई जा रही है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ट्रांजेक्शन (CBDT) के प्रवक्ता ने बताया कि रायपुर में कुछ लोगों के कैशबुक में हेरफेर और बड़ी रकम के लेन-देन की सूचना मिली थी. जांच में जानकारी के सही पाए जाने पर हवाला कारोबारी की पतासाजी की गई. इसके बाद आयकर विभाग की टीम ने 21 जून को रायपुर के हवाला कारोबारी के चार ठिकानों पर छापेमारी की थी.कर विभाग के लिए नीति बनाने वाले सीबीडीटी ने कहा कि जांचकर्ताओं ने छापेमारी के दौरान करीब छह करोड़ रुपये का “बिना हिसाब वाला” नकद धन भी जब्त किया है। विभाग ने कहा कि डिजिटल उपकरणों का विश्लेषण किया जा रहा है और शामिल कुल राशि की मात्रा निर्धारित करने का कार्य जारी है। इसने कहा, “प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक 100 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन शामिल हो सकता है।” हवाला का अर्थ बिना हिसाब वाली नकदी का लेन-देन और बैंकिंग माध्यमों से हटकर पैसों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना होता है।



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बिस्तर के नीचे मिले 50-50 लाख के बंडल
टीम ने जब विकास की पत्नी के घर पहुंची तो टीम के हाथ 6 करोड़ रुपए ही लगे। विकास के ऑफिस से 1 करोड़ और घर से 5 करोड़ रुपए मिले हैं। नेहा ने यह रकम बिस्तर के नीचे 50-50 लाख के बंडल बनाकर रखी थी। उसने यह नहीं बताया कि पैसे किसके हैं, केवल यह कहा कि वह पति के कहने पर पेमेंट करती थी।इस कैश के अलावा विभाग ने मनी लांड्रिंग और बोगस कंपनियों के दस्तावेज, फर्जी बिल, लैपटाप, कंप्यूटर, मोबाइल वगैरह जब्त किए हैं।

बता दें कि राउरकेला, ओडिशा की स्कैन ग्रुप ऑफ कंपनीज के रायपुर में सेल्स हेड विकास भारद्वाज के ठिकानों के साथ कंपनी के दफ्तरों में पर आयकर विभाग की टीम ने 21 जून को दबिश दी थी. इसमें विकास भारद्वाज के आफिस से 1 करोड़ रुपए और गायत्री नगर में रहने वाली उसकी पत्नी नेहा के पास में 5 करोड़ रुपए बरामद किए गए थे. इसके साथ ही आयकर टीम को बोगस कंपनियों के दस्तावेजों के साथ मनीलांड्रिंग से जुड़े कागजात भी मिले थे.


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