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detail news only from Chhattishgarh ,dated: १ सितम्बर २०२०

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एक सितम्बर से शुरू हो रहे राष्ट्रीय पोषण माह में सक्रिय सहयोग प्रदान करने के लिए जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की अवधारणा को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों, विधायकों, महापौर, नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों से अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान करने का आह्वान किया है। जनप्रतिनिधियों द्वारा पूर्व में किए गए सक्रिय सहयोग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में बच्चों में व्याप्त कुपोषण और एनीमिया को समाप्त करने के लिए विधायकगणों का हमेशा सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ है। विगत वर्षों में पोषण माह के आयोजन के दौरान भी सभी से सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ है। राष्ट्रीय पोषण माह 2020 के आयोजन में सभी के सक्रिय सहयोग, समन्वय और पूर्ण भागदारी की अपेक्षा है।

श्री बघेल ने कहा कि बच्चों में व्याप्त कुपोषण एवं एनीमिया एक गंभीर समस्या है। कुपोषण के स्तर में उल्लेखनीय कमी लाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 से पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है। समुदाय तक पोषण के प्रति जागरूकता, व्यवहार परिवर्तन, सम्प्रेषण एवं पोषण संवाद के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु जन-आंदोलन के रूप में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। सम्पूर्ण राज्य में इस वर्ष भी 01 सितम्बर 2020 से 30 सितम्बर 2020 तक राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाना है।

कोविड-19 के संक्रमण से उत्पन्न वैश्विक आपदा की स्थिति के कारण इस वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह को अन्य माध्यमों के साथ-साथ यथा आवश्यकता डिजिटल जन-आंदोलन के रूप में मनाया जाना है। इस हेतु तकनीक एवं समन्वय का उपयोग करते हुए वर्चुअल बैठक, सोशल मीडिया, मास मिडिया, प्रिंट मीडिया का वृहत स्तर पर उपयोग किया जाना है। राष्ट्रीय पोषण माह 2020 का एक प्रमुख उद्देश्य गंभीर कुपोषित बच्चों की शीघ्र पहचान एवं उन्हें संदर्भित किया जाना है। बच्चों की उत्तरजीविता में सुधार हेतु बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ समय पर ऊपरी आहार दिया जाना एक महत्वपूर्ण रणनीति है। पोषण माह के दौरान शीघ्र स्तनपान एवं 06 माह तक संपूर्ण स्तनपान को बढ़ावा दिया जाना है। पोषण माह के दौरान पौष्टिक सब्जियां, फलदार पौधेां को घर की बाड़ियों, सामुदायिक बाड़ियों, खाली पड़ी भूमियों में रोपण करने के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्कूल भवनों, शासकीय भवनों में तथा नगरीय क्षेत्रों में घर की छतों पर पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाना है। राज्य में पोषण माह के दौरान सही पोषण-छत्तीसगढ़ रोशन की अवधारणा को मूर्त रूप देने हेतु सभी जनप्रतिनिधियों, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों क्षेत्रीय अमले एवं जनसमुदाय का सक्रिय सहयोग आवश्यक है।

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नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों की हालात एक जैसे हैं। राजधानी रायपुर में कोरोना चिंताजनक रूप ले चुका है।एम्स और अंबेडकर हॉस्पिटल में आईसीयू में बिस्तर उपलब्ध नहीं है। प्रदेश की सरकार कोरोना को लेकर गंभीर नही है। कार्य की शैली को देखते हुए कहा जा सकता है सरकार में महामारी से लड़ने इच्छा शक्ति और बेहतर प्रबंधन की कमी है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता कोरोना को लेकर नही है।प्रदेश सरकार के पास पर्याप्त समय था, लेकिन समय रहते भी प्रदेश की सरकार ने कोई जरूरी कदम नही उठाए।जिसके चलते परिस्थितियां अनियंत्रित होती जा रही हैं। प्रदेश में करीब 25 कोविड हास्पिटल हैं।जिसमें करीब 3546 बेड हैं और 442 आईसीयू के बेड हैं, जो पूरी तरह से अपर्याप्त है। प्रदेश सरकार के पास कोरोना से लड़ने निजी और शासकीय अस्पताल में केवल 11544 के करीब बिस्तर ही उपलब्ध है। उससे कहीं ज्यादा संक्रमित मरीज इस समय अपना इलाज करवा रहे हैं। राज्य में 31000 से ज्यादा संक्रमित हैं।उसके बाद भी बिस्तर पर्याप्त नही है।

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प्रदेश सरकार को समय रहते चिंता करने की आवश्यकता थी।उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर संसाधनों की कमी है। वहीं रायपुर और दुर्ग कोरोना के केंद्र बने हुए हैं। पूरे प्रदेश में 270 लोगों की मौत हो चुकी है। रायपुर में 157 और दुर्ग में 34 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश सरकार उत्सव में ही व्यस्त है। विधायक, सुरक्षाकर्मी और कई अधिकारी कोरोना पाज़िटिव हो रहे हैं और आम आदमी तो बेहाल है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। वहीं देश के अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में अधिक है जो वह चिंता का विषय है। जिस पर आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए और राज्य में कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए ताकि संक्रमितों को बेहतर इलाज मिल सके । कोरोना को लेकर जो वातावरण बन रहा है उसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि कोरोना नियंत्रण को लेकर प्रदेश सरकार में इच्छा शक्ति की कमी है।जिससे कोरोना का लगातार विस्तार हो रहा है।

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प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सांसद ने बहुत ही आपत्तिजनक और गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। उनकी क्या इच्छा है प्रदेश के लोग वेंटिलेटर में चले जाये ताकि केंद्र द्वारा दिये गए वेन्टीलेटरो का उपयोग हो सके। भगवान न करे कि राज्य में इनके दिए एक भी वेंटिलेटर के उपयोग की नौबत आये। सुनील सोनी पद के अहंकार में संवेदनशीलता और भाषायी मर्यादा भूल गए है। उल जुलूल बयान देकर वे सक्रिय सांसद नही बन जायेंगे। रायपुर की जनता महसूस कर रही है उसने कितने निष्क्रिय सांसद को चुन कर दिल्ली भेजा है जिसकी आवाज अपने क्षेत्र और प्रदेश की जनता के भले के लिए कभी नही उठती, पार्टी आलाकमान के गलतियों पर पर्दा डालना भाजपा के सांसद अपना सबसे बड़ा कर्तव्य समझते हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि केंद्र से मिले एक -एक टेबलेट और मास्क का लेखा जोखा प्रस्तुत करने वाले भाजपा सांसद बताये कि उन्होंने कोरोना के समय रायपुर और छत्तीसगढ़ की जनता के लिए क्या किया ? जो उनकी सांसद निधि थी जिस पर प्रदेश की जनता का हक था उसे तो रायपुर की जनता से बिना पूछे पीएम केयर में दान कर दिया। जब मोदी सरकार ने शेष वर्षो के लिए सांसद निधि को स्थगित किया तब भी भाजपा के सांसदों की बोलती बंद हो गयी थी तब क्यो विरोध नही किया कि इस सांसद निधी को वे अपने राज्य के कोविड प्रभावितों के लिए खर्च करेंगे।

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राज्य के उद्योगों और सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों से पीएम केयर में 300 करोड़ से अधिक राशि वसूली गयी राज्य को पीएम केयर से मात्र 13 करोड़ की मदद मिली है। राज्य के उद्योगों का यह सीएस आर फंड का पैसा यदि प्रदेश को मिलता तो इन 300 करोड़ रुपयों का खर्च राज्य में होता। इस राशि से यहाँ अस्पताल बनते और चिकित्सा सुविधाएं जुटाई जाती।

सुनील सोनी केंद्रीय सहायता पर अहसान जताने की बजाय बताये कि एक सांसद के रुप में उन्होंने राज्य को क्या मदद दिलवाई? राज्य सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए जब विशेष पैकेज मांगा तब सोनी और उनके दल के नेताओ ने उसका विरोध किया। राज्य के हक का अपना जीएसटी क्षतिपूर्ति की 2800 करोड़ से अधिक की राशि केंद्र नही दे रहा इसमे भाजपा के नेता और सांसद क्यो मौन है ? भाजपा के नेता राज्य की कांग्रेस सरकार का विरोध करते करते प्रदेश की जनता का विरोध करने लग गए है। जब राज्य सरकार ने 2500 में धान खरीदी के लिए केंद्र से आग्रह किया था तब भी भाजपा सांसद किसानों का पक्ष लेने के बजाय इसके विरोध में खड़े हो गए थे। प्रवासी मजदूरों के लिये केंद्र द्वारा चलाये जा रहे गरीब कल्याण अभियान से छत्तीसगढ़ को अलग रखा तब भी सुनील सोनी सहित भाजपा सांसदों की बोलती बंद थी। जनता केंद्र में सांसद चुन कर इसलिये भेजती है ताकि वह केंद्र सरकार और संसद में उनकी आवाज उठाये भाजपा सांसद अपने दायित्व के निर्वहन में असफल साबित हुए हैं।

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पुरे प्रदेश में मिले १५१४ नए कोरोना मरीज मिले है, आज रायपुर जिले से सबसे अधिक 453 मरीजों की पहचान हुई है। इसी तरह दुर्ग से 226, राजनांदगांव से 149, बिलासपुर व रायगढ़ से 103-103, जांजगीर-चांपा से 68, कोरिया से 52, बलौदाबाजार से 39, दंतेवाड़ा से 37, बालोद व बीजापुर से 34-34, कोरबा व सरगुजा से 26-26, धमतरी से 25, बेमेतरा व मुंगेली से 20-20, गरियाबंद व बस्तर से 18-18, बलरामपुर व नारायणपुर से 10-10, महासमुंद से 9, कबीरधाम से 7, सूरजपुर व कांकेर से 6-6, जशपुर व कोण्डागांव से 5-5, सुकमा से 3, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही व अन्य राज्य से 1-1 मरीज मिले है। प्रदेश में कुल 33017 केस मिल चुके हैं। इनमें एक्टिव केस 15163 हैं। 17567 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। 287 मरीजों की मौत हुई है।





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छत्तीसगढ़ में कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम एवं मूल्यांकन संबंधी विशेष व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था से प्रत्येक विद्यार्थी की पढ़ाई का मूल्यांकन हो सकेगा और कमजोर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह व्यवस्था सितम्बर से लागू की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा इस संबंध में सभी मान्यता प्राप्त शालाओं के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

निर्देश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक सत्र 15 जून प्रारंभ होता है, परन्तु केन्द्र सरकार के आदेशानुसार 30 सितम्बर तक सभी शैक्षणिक संस्थाएं बंद रहेगी। इन परिस्थितियों में कक्षा 10वीं एवं कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इसमें स्कूल खुलने में होने वाली देरी को दृष्टिगत रखते हुए पाठ्यक्रम में लगभग 30 से 40 प्रतिशत कटौती कर पाठ्यक्रम का माहवार विभाजन किया गया है, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को यह स्पष्ट रहे कि किस माह में उन्हें पाठ्यक्रम का कितना हिस्सा पूर्ण करना है। यह पाठ्यक्रम छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की वेबसाइट www.cgbse.nic.in पर दिनांक 3 सितम्बर 2020 तक उपलब्ध करा दिया जाएगा।

सभी प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि कक्षा 10वीं एवं कक्षा 12वीं के प्रत्येक सेक्शन के लिए अलग-अलग क्लास टीचर नियुक्त करें और क्लास टीचर से यह अपेक्षा की गई है कि वे कक्षा के सभी विद्यार्थियों के साथ एक वाट्सअप ग्रुप का निर्माण कर कर लें और विद्यार्थियों एवं क्लास टीचर के बीच इस वाट्सअप ग्रुप के माध्यम से लगातार संपर्क रखें। क्लास टीचर अपने-अपने वाट्सअप ग्रुप के सभी विद्यार्थियों को विषय से संबंधित कठिन अवधारणाएं, वाट्सअप के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रेषित करें तथा कठिनाईयों को दूर करेंगे।

कक्षा 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के लिए मण्डल द्वारा घटे हुए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार लगातार ऑनलाईन कक्षाएं आयोजित की जाएगी। जिनका प्रसारण यू-ट्यूब चैनल पर किया जाएगा। इन ऑनलाईन कक्षाओं में पूरे प्रदेश के विद्यार्थी एक साथ भाग ले सकेंगे। ऑनलाईन कक्षाओं को रिकार्ड करके मण्डल के यू-ट्यूब चैनल पर भी दिखाया जाएगा तथा स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाईट www.cgschool.in पर लिंक किया जाएगा, जिससे विद्यार्थी यदि चाहें तो किसी भी समय इन कक्षाओं के रिकार्ड किए गए वीडियो दोबारा देख सकेगा। ऑनलाईन कक्षाओं का साप्ताहिक टाइम-टेबल मण्डल की वेबसाइट पर 5 सितम्बर तक उपलब्ध करा दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थी टाइम-टेबल के अनुसार मण्डल की यू-ट्यूब चैनल पर जाकर ऑनलाईन कक्षाओं में भाग ले सके।

प्रत्येक महीने के पाठ्यक्रम के लिए मण्डल द्वारा विषयवार असाइनमेंट तैयार किया जाएगा और उसे मण्डल की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा और असाइनमेंट पीडीएफ के रूप में सभी स्कूलों को भेजा जाएगा। स्कूलों के प्राचार्य, क्लास टीचर के माध्यम से असाइनमेंट सभी विद्यार्थियों को अपने-अपने वाट्सअप ग्रुप तथा एसएमएस के माध्यम से भेजेंगे तथा विद्यार्थियों के द्वारा घर पर ही असाइनमेंट उत्तरपुस्तिका में हल करके प्रत्येक महीने के 15 तारीख को स्कूल में जमा किया जाएगा। संबंधित विषय के शिक्षक स्कूल कार्यालय में विद्यार्थियों द्वारा जमा किए गए असाइनमेंट का मूल्यांकन करेंगे। असाइनमेंट के मूल्यांकन के पश्चात् प्राप्त अंकों को मण्डल के पोर्टल पर ऑनलाईन प्रविष्टि करेंगे। यदि किसी विद्यार्थी को असाइनमेंट में कम अंक प्राप्त होते हैं तो उस विद्यार्थी को विशेष रूप से पढ़ाने की व्यवस्था स्कूल द्वारा की जाएगी। इस प्रकार असाइनमेंट में प्राप्त अंकों को शैक्षणिक सत्र 2020-21 की मण्डल परीक्षा लिए आंतरिक मूल्यांकन का आधार बनाया जाएगा।

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राज्य शासन द्वारा पोड़ी-उपरोड़ा को निवेश क्षेत्र घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में आसपास के गांवों ग्राम धौरामुड़ा, ग्राम बांगो, ग्राम कोड़ा और ग्राम तानाखार को शामिल किया गया है। इस नये निवेश क्षेत्र के नक्शे का प्रकाशन नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा तीन सितंबर को प्रकाशित किया जायेगा। नक्शा कार्यालय जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा एवं नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्रीय कार्यालय कोरबा में अवलोकन के लिये उपलब्ध रहेगा। पोड़ी-उपरोड़ा निवेश क्षेत्र की सीमाएं - उत्तर में ग्राम धौरामुड़ा, पोड़ी-उपरोड़ा एवं बांगो ग्रामों की उत्तरी सीमा तक, पूर्व में ग्राम बांगो, पोड़ी-उपरोड़ा, गाड़ाघाट, पाथा एवं कोड़ा ग्रामों की पूर्वी सीमा तक, दक्षिण मंे ग्राम कोड़ा, गुडरूमुड़ा एवं तानाखार गांव की दक्षिणी सीमा तक तथा पश्चिम में ग्राम तानाखार, बरपाली एवं पोड़ी-उपरोड़ा ग्रामों की पश्चिमी सीमा तक निर्धारित की गई है।

नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पोड़ी-उपरोड़ा निवेश क्षेत्र में वर्तमान भूमि उपयोग संबंधी मानचित्र में आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक, सार्वजनिक-असार्वजनिक, कृषि, जल, पहाड़, वन आदि विभिन्न उपयोगांे हेतु कृषि के चिन्हांकित कर नक्शा तैयार किया गया है। इस नक्शे को राजपत्र में प्रकाशन के लिये भी भेजा गया है तथा तीन सितंबर से इसे जनसामान्य के अवलोकन तथा दावा आपत्तियों के लिये कार्यालय जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा और नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय कोरबा में भी रखा गया है।

भूमि के उपयोग संबंधी इस मानचित्र के संबंध में दावा आपत्तियॉं, राजपत्र में प्रकाशन तिथि से 30 दिनों तक स्वीकार की जायेंगी। दावा-आपत्तियॉं नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्रीय कार्यालय आरटीओ ऑफिस के पास कोरबा में स्वीकार की जायेगी।

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छत्तीसगढ़ राज्य आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री गुरप्रीत सिंह बाबरा ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 एवं छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 के प्रावधानों के क्रियान्वयन की समीक्षा की। श्री बाबरा ने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने तथा खाद्य सुरक्षा का नेटवर्क सुदृढ़ करने के लिए बारिश के मौसम में पहंुचविहीन हो जाने वाली 222 राशन दुकानों को नियमित पहंुच क्षेत्र के अंतर्गत लाने की कार्ययोजना बनाई जाए। उन्होंने बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 130 राशन दुकाने जो अपने मूल पंचायतों में संचालित नही है, उनकों मूल पंचायतों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। बैठक में विगत दो वर्षो के दौरान राज्य के पीडीएस के क्रियान्वयन की त्रैमासिक समीक्षा रिपोर्ट की अनुशंसाओं पर शीघ्र कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया है।

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बैठक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंत्योदय, प्राथमिकता एवं सामान्य राशनकार्ड धारी परिवार को प्रतिमाह उचित मूल्य की दुकानों से मिलने वाली राशन सामग्री चावल, शक्कर, नमक, गुड़ आदि की समीक्षा की। इसके अलावा भारत सरकार से प्रवासी मजदूरों के लिए प्राप्त चावल के अतिरिक्त आबंटन के वितरण की भी समीक्षा की गई। मध्यान्ह भोजन योजना, पूरक पोषण आहार योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना तथा छात्रावास एवं आश्रमों को प्रदाय चावल योजना की भी समीक्षा की गई। इन सभी योजनाओं की शिकायत निवारण प्रणाली की समीक्षा की गई। खाद्य विभाग के कॉल संेटरों में प्राप्त शिकायतों तथा जिला शिकायत निवारण अधिकारियों को प्राप्त शिकायतों को समय सीमा में निराकृत करने के निर्देश दिए गए। बैठक में पीडीएस, पूरक पोषण आहार योजना और मध्यान्ह भोजन योजना के तहत प्रदाय की जाने वाली राशन सामग्रियों की गुणवत्ता का विशेष रूप से निगरानी करने कहा गया है। बैठक में आयोग के सदस्य श्री अशोक चौधरी, श्रीमती विद्या जगत, श्री अशोक सोनवानी सहित खाद्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के भलेसर गांव में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना) और कृषि विज्ञान केंद्र के अभिसरण से 15 एकड़ क्षेत्र में पौधशाला (Nursery) संचालित की जा रही है। वहां फलों का बगीचा भी तैयार किया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने पांच सालों की कड़ी मेहनत से 17 किस्म के फलों के मातृवृक्ष तैयार किए हैं। इन वृक्षों से तैयार पौधे अनुवांशिक और भौतिक रुप से शुद्ध एवं स्वस्थ होने के कारण फलों का अधिक उत्पादन करेंगे। इससे किसानों को आमदनी बढ़ाने का अच्छा मौका मिलेगा। इस परियोजना से पिछले पांच सालों में 402 परिवारों को 12 हजार 084 मानव दिवस का सीधा रोजगार भी मिला है, जिसके लिए उन्हें कुल 20 लाख 18 हजार रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया है।

कृषि विज्ञान केंद्र, महासमुंद ने पांच साल पहले मनरेगा श्रमिकों के नियोजन से 34 लाख नौ हजार रूपए की लागत वाली इस पौधशाला और फलोद्यान की शुरूआत की थी। महासमुंद विकासखंड के भलेसर में 15 एकड़ भूमि का चिन्हांकन कर अवांछनीय झाड़ियों की सफाई, गड्ढों की भराई और समतलीकरण कर सालों से बंजर पड़ी भूमि को उपयोग के लायक बनाया गया। साल भर बाद इस परियोजना के दूसरे चरण में उद्यानिकी पौधों के रोपण के लिए ले-आउट कर गड्ढों की खुदाई की गई। इसमें वैज्ञानिक पद्धति अपनाते हुए गड्ढे इस तरह खोदे गए कि दो पौधों के बीच की दूरी के साथ ही दो कतारों के बीच परस्पर पांच मीटर की दूरी रहे। पौधरोपण के लिए एक मीटर लंबाई, एक मीटर चौड़ाई और एक मीटर गहराई के मापदण्ड को अपनाते हुए सभी गड्ढों की खुदाई की गई, जिससे की पौधों में बढ़वार आने के बाद भी उनकी जड़ों को जमीन के अंदर वृद्धि के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। इसके बाद इनमें गोबर खाद, मिट्टी, रेत एवं अन्य उपयुक्त खादों को मिलाकर भराई की गई, जिससे पौधों को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध हो सके।

कृषि विज्ञान केन्द्र ने उन्नत पौधशाला तैयार करने के लिए पूरे प्रक्षेत्र को 15 भागों में विभाजित कर अलग-अलग फलदार प्रजाति के पौधों का रोपण किया। अनार, अमरुद, नींबू, सीताफल, बेर, मुनगा, अंजीर, चीकू, आम, जामुन, कटहल, आंवला, बेल, संतरा, करौंदा, लसोडा एवं इमली के पौधों की रोपाई की गई। परियोजना के तीसरे चरण में अगले दो वर्षों में रोपे गए पौधों की नियमित निंदाई-गुड़ाई की गई। पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए इनकी समय-समय पर कटाई-छटाई भी की गई, ताकि पेड़ के हर हिस्से में सूरज की रोशनी अच्छी तरह पहुंच सके। कीट-फफूंद का प्रकोप रोकने के लिए समय-समय पर कीटनाशक दवाईयों का छिड़काव भी किया गया।

परियोजना से जुड़े कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सतीश वर्मा ने बताया कि वर्ष 2018-19 से मातृवृक्षों से उन्नत किस्म के पौधे तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। मनरेगा श्रमिकों की सहायता से गूटी दाब, कटिंग, ग्राफ्टिंग और बीज जैसी प्रक्रियाओं से उच्च गुणवत्ता के फलदार पौधे तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पौधशाला में मनरेगा के साथ कृषि विज्ञान केन्द्र के अनावर्ती एवं आवर्ती मद से प्राप्त 14 लाख रुपए का अभिसरण किया गया है। इस राशि से प्रक्षेत्र की सीमेंट के पोल एवं चैन-लिंक द्वारा फेंसिंग, बोर खनन, पम्प स्थापना, बिजली व्यवस्था, गोबर खाद और उर्वरकों की खरीदी के साथ अन्य उद्यानिकी कार्य संपादित करवाए गए हैं।

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पौधशाला से पिछले ढाई वर्षों में 18 हजार 210 किसानों को एक लाख 68 हजार 897 पौधे वितरित किए गए हैं। वर्ष 2018-19 में 4793 किसानों को 62 हजार 700 पौधे, 2019-20 में 13 हजार 072 किसानों को एक लाख एक हजार एक सौ तथा चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 345 किसानों को 5097 पौधे दिए गए हैं। जिले के आठ गौठानों में भी यहां तैयार फलदार पौधे लगाए गए हैं। इनमें अमरुद की तीन किस्में इलाहाबादी सफेदा, लखनऊ-49 व ललित, अनार की भगवा किस्म, नींबू की कोंकण लेमन किस्म, संतरा की कोंकण संतरा किस्म, मुनगा की पी.के.एम.-1 किस्म, अंजीर की पूना सलेक्शन किस्म, करौंदा की हरा-गुलाबी किस्म और आम की इंदिरा नंदिराज, आम्रपाली एवं मल्लिका किस्म के पौधे शामिल हैं।

वैज्ञानिक डॉ. वर्मा बताते हैं कि मातृवृक्ष परियोजना के सुचारु संचालन के लिए यहाँ रोपे गए फल वृक्षों के कतारों के मध्य अंतरवर्तीय फसलें ली जा रही हैं। इसके अंतर्गत खरीफ के मौसम में तिल, मूंग व उड़द तथा रबी के मौसम में बरबट्टी, टमाटर, बैगन व कद्दू वर्गीय सब्जियों की खेती की जा रही है। इनके विक्रय की राशि से ही इस परियोजना को वर्तमान चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 और आगे के वर्षों में भी बढ़ाया जाएगा। मनरेगा और कृषि विज्ञान केन्द्र के अभिसरण से स्थापित यह पौधशाला आने वाले समय में किसानों को फलों की खेती करवाने एवं इसके उन्नत तकनीकों की जानकारी देने के लिए एक आदर्श प्रदर्शन इकाई के रुप में कार्य करेगी। इससे अधिक से अधिक किसानों के लिए फलों की खेती से अपनी आय दुगुनी करने का मार्ग प्रशस्त होगा।

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फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले युवक ने पहले युवती से दोस्ती की और फिर दुष्कर्म किया। यहीं नहीं वीडियो बना कर बदनाम करने व जान से मारने की धमकी देकर लगातार दैहिक शोषण करता रहा। इतने से भी मन नहीं भरा तो युवती व उसके परिवार को बदनाम करने की नियत से वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। आरोपी इतने में ही शांत नहीं हुआ और आधी रात अपने दोस्तों के साथ लडक़ी के घर पहुंच कर उसके जबरदस्ती अपने साथ ले जाने का प्रयास करने लगा।

आरोपी के कृत्य से परेशान लडक़ी व उसके परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ भादवि की धारा 354, 376 (2), 456, 506, 66 (ई) कायम कर लिया गया है। पुलिस को प्रार्थियां ने बताया कि पिथौरा थाना लाखागढ़ निवासी युवक एक फाइनेंस कम्पनी में काम करता था,जिससे युवती की जान पहचान थी। 4 मई को वह ग्राम बरोली आया हुआ था,जिसके साथ युवती ने अपने मामा के घर लाखागढ़ पिथौरा उसके मोटर साइकिल में छोडऩे की बात कही और युवक ने उसे सकुशल लाखागढ़ छोड़ देने की बात करते हुए अपने साथ मोटर साइकिल में लाखागढ़ पिथौरा के लिए ले गया।

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आरोपी युवक ने रास्ते में युवती को एक सुनसान स्थान पर ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया और अश्लील वीडियो और फोटो अपने मोबाइल में बनाकर रख लिया। साथ ही युवती को धमकी दी की इस बारे में किसी को बताया तो वह उसका यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर उसे बदनाम कर देगा साथ ही उसे जान से भी मारने की धमकी दी। लोक लाज के डर से युवती ने अपने साथ हुए बलात्कार के विषय में किसी से कुछ नहीं कहा। इस बात का नाजायज फायदा उठाते हुए आरोपी युवक ने युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाता रहा,जिस पर युवती ने मना कर दिया।

युवती के मना करने पर बौखलाए आरोपी युवक ने युवती को बदनाम करने की नियत से युवती की अश्लील वीडियो वायरल कर दी और कुछ पाम्पलेट बांटकर कर युवती को पूरे गांव में बदनाम कर दिया। वायरल वीडियो युवती के भाई तक पहुंच गया। इसी बीच आरोपी युवक ने अपने मित्रों के साथ बीती रात युवती के के कमरे में घुस गया और उसे जबरदस्ती अपने साथ उठाकर ले जाने लगा। युवती ने अपने बचाव में अपने भाई और पिता को आवाज लगाई तो आरोपी युवक और उसके मित्र युवती को छोड़ कर भागने लगे। इसमें से एक आरोपी को ग्रामीणों पकड़ कर उसकी पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया। बहरहाल पुलिस मामले में आरोपी युवक की तलाश कर रही है।

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ACB की टीम ने आज एक एक और घूसखोर कर्मचारी को रंगे हाथों धर दबोचा है। रूपये स्वीकृत करने के नाम पर ये कर्मचारी घूस की रकम लेते गिरफ्तार किया गया है। ACB चीफ आरिफ शेख के मार्गदर्शन और एसपी पंकज चंद्रा के निर्देशन में एसीबी लगातार घूसखोरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में बिलासपुर ACB की टीम ने जांजगीर-चांपा के उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा में पदस्थ एक सहायक ग्रेड-3 दीपक यादव को ढाई हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया है।

दरअसल प्रार्थी ने एसीबी बिलासपुर में ये शिकायत की थी कि वह पत्नी के ईलाज के लिए 1 लाख रूपये पार्ट फाइनल निकलवाने हेतु उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं,जांजगीर चांपा में आवेदन दिया है। जिसे स्वीकृत कराने के लिए कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 दीपक कुमार यादव द्वारा 5 हजार रूपये रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायत की तस्दीक की गई, तो शिकायत सही पायी गयी।

आवेदक और आरोपी के मध्य आज रिश्वत की प्रथम किस्त के रूप में 2,500/- रूपये दिये जाने पर सहमति हुई थी,जिस पर एसीबी, बिलासपुर की टीम द्वारा जाल बिछाकर आरोपी को प्रार्थी से उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, जांजगीर चांपा के कार्यालय में करीब पौने दो बजे प्रथम किस्त 2.500/- रूपये लेने के उपरांत गवाहों के सामने रंगे हाथ पकड़ा गया है।आरोपी के विरूद्ध विधिक कार्यवाही पूर्ण कर न्यायिक रिमांड पर भेजी जा रही है।

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