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detail news only from Chhattishgarh ,dated: २ जुलाई २०२०

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गुरुवार को मिले मरीजों के आंकड़ों के अनुसार एम्स के मेडिकल स्टोर का कर्मचारी संक्रमित मिला है, तो वहीं एम्स के एक इंजीनियर की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही अस्पताल का एक कर्मचारी, विदेश से लौटा 1 छात्र और दिल्ली से लौटी एक युवती की रिपोर्ट भी कोरोना संक्रमित हुआ है। इधर, सीआईएसएफ के 3 जवान और कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।जानकारी के मुताबिक रायपुर में 9 इंटरनैशनल ट्रेवलर , 1 सिविल कांट्रैक्टर , एक कॉन्स्टेबल , एक इंटरस्टेट ट्रेवलर व् एक अन्य संक्रमित मिला है वहीं छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने 21 जून को इंडिगो एयरवेज के विमान 6E5039 से दिल्ली से रायपुर आए यात्रियों से क्वारेंटाइन में रहने की अपील की है. इस विमान में यात्रा करने वाला एक यात्री कोविड-19 से पीड़ित पाया गया है. विभाग ने इस विमान से दिल्ली से रायपुर आए सभी यात्रियों से हेल्पलाइन नंबर 104 पर फोन कर अपने बारे में जानकारियां दर्ज कराने कहा है

इसी बीच बेमेतरा जिले से १२ नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है।मिली जानकारी के अनुसार बेमेतरा जिले में आज मिले सभी नए मरीज मजदूर हैं और वे बीते दिनों दूसरे राज्य से छत्तीसगढ़ आए थे। इन सभी मजदूरों को क्वारेंटाइन किया गया था। इस दौरान उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन क्वारेंटाइन अवधि पूरा करने के बाद जांच में सभी मजदूर संक्रमित पाए गए हैं।

जिले के बचेली नगर में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, यहां सीआईएसएफ के 3 जवान और कोरोना संक्रमित हो गए हैं। बचेली में अब कुल 14 संक्रमित हो चुके हैं वहीं जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। फिलहाल प्रशासनिक अधिकारी क्वारंटाइन केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं और एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं।

वहीं कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में एक और कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला है, कर्नाटक से लौटा युवक कोरोना पॉजिटिव मिला है, स्वास्थ्य विभाग का अमला गांव में पहुंचा है, ग्राम पंचायत घोडाबत्तर में कोरोना का संक्रमित मिला है।

बस्तर जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. गुरुवार को दरभा क्वॉरेंटाइन सेंटर से भी 10 प्रवासी मजदूरों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है. RTPCR जांच के दौरान 10 मजदूरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. मरीजों को इलाज के लिए डिमरापाल मेडिकल कॉलेज लाया जा रहा है. कोरोना संक्रमित मरीजों में 7 मजदूर हैदराबाद से और 3 मजदूर चेन्नई तमिलनाडु से वापस लौटे थे

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कोरोना वायरस (कोविड-19) के चलते पूरे देश में जहां आर्थिक मंदी का माहौल है, वहीं अनलॉक के बाद छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पूरी रफ्तार से चल पड़ी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक प्रयासों से राज्य में जीएसटी, आटोमोबाईल, कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में तेेजी देखी जा सकती है। राज्य में जीएसटी संग्रहण पिछले वर्ष की तुलना में जहां 22 प्रतिशत अधिक बढ़ा है, वहीं वाहनों के रजिस्ट्रेशन में मई माह की तुलना में जून माह में साढ़े तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और वनवासियों को राहत पहंुचाने के लिए वनोपजों के संग्रहण में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है।

लॉकडाउन के दौरान भी छत्तीसगढ़ में जीएसटी में इजाफा हुआ है। पिछले साल जून महीने के मुकाबले इस साल जून में 22 फीसदी ज्यादा जीएसटी का संग्रह हुआ है। वर्ष 2019 में जहां 2,093 करोड़ रूपए जीएसटी संग्रह हुआ था, वहीं 2020 में 2,549 जीएसटी प्राप्त हुआ है। लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल इंड्रस्ट्री में भी बेहतर कारोबार देखने को मिला है। जून 2020 में जयपुर (राजस्थान) के बाद रायपुर (छत्तीसगढ)़ में सर्वाधिक कार और बाइक की बिक्री हुई है। रायपुर में मई माह में जहां 7 हजार 603 बाइक बिकी थी, वहीं जून माह में यह संख्या बढ़कर 27 हजार हो गई। इसी तरह मई माह में एक हजार 107 कार बिकी थी, वहीं जून में यह संख्या बढ़कर 2 हजार 889 हो गई। आरटीओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार लॉकडाउन अवधि में छत्तीसगढ़ में अप्रैल माह में 891 वाहन, मई माह में 9681 वाहन और जून माह में 32 हजार 982 वाहनों का रजिस्ट्रेशन परिवहन कार्यालयों में हुआ है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रथम किस्त प्राप्त होने के बाद राज्य में किसानों ने 3 हजार नये टेªक्टर भी खरीदे हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में जॉब कॉर्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में देश में शीर्ष स्थान पर है। इसी प्रकार लक्ष्य के विरूद्ध रोजगार सृजन में देश में दूसरे स्थान पर है। पहली तिमाही में ही राज्य में 8.85 करोड़ मानव दिवस का रोजगार सृजन किया गया है। अब तक 55,981 परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार प्राप्त कर लिया है। देश में 100 दिनों का रोजगार हासिल करने वाले कुल परिवारों में अकेले छत्तीसगढ़ की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ ने रोजगार सृजन के मामले में सालभर के लक्ष्य का 66 प्रतिशत पूरा कर लिया है। इसमें लक्ष्य का 70 प्रतिशत से अधिक काम का लक्ष्य हासिल करने में नक्सल प्रभावित जिले आगे हैं।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 31 कर दी है। इससे प्रदेश के वनवासी परिवारों को काफी राहत मिली है। लॉकडाउन अवधि में छत्तीसगढ़ प्रदेश लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में पहले नम्बर पर है। छत्तीसगढ़ ने वनोपज संग्रहण के सालाना लक्ष्य को 6 माह में पूरा कर लिया है। राज्य में अब तक 104 करोड़ के डेढ़ लाख क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है।

वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से उत्पन्न कठिन परिस्थितियों के बावजूद छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गयी है। सीएमआईई के सर्वेक्षण में प्रदेश में बेरोजगारी की दर अप्रैल माह में 3.4 प्रतिशत रही, जो 12 महीने के सबसे निचले स्तर पर थी। यह उसी अवधि में राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर (23.5 प्रतिशत) से काफी कम रही। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में कृषि और उससे सम्बंधित कार्यों में बनी तेजी को सराहा। उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि देश व्यापी लॉकडाउन में भी छत्तीसगढ़ ने तेजी से आर्थिक वृद्धि दर्ज की है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि संकट के इस समय में भी छत्तीसगढ़ प्रदेश ने देश को राह दिखाई है। इस दौरान राज्य ने जो उपलब्धियां हासिल कीं वह शासन के संकल्प का परिणाम तो है ही, छत्तीसगढ़ के लोगांे के अनुशासन का भी परिणाम है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने और उपचार की सुविधाएं मुहैया कराने के मामले में भी हमारी स्थिति बेहतर है। इसी संकल्प और अनुशासन के साथ हम न सिर्फ इस संकट से पार पाएंगे, बल्कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने के अपने लक्ष्य को समय पर हासिल भी कर लेंगे।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में लघु वनोपजों के संग्रहण का आंकड़ा दिनों-दिन बढ़ रहा है। यही वजह है कि देश में चालू सीजन के दौरान वनोपजों के संग्रहण के मामले में छत्तीसगढ़ लगातार पहले नम्बर पर बना हुआ है। छत्तीसगढ़ में पिछले छह माह में 104 करोड़ रूपए की राशि के लगभग डेढ़ लाख क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण हो चुका है, जो चालू सीजन के दौरान देश में अब तक संग्रहित कुल लघु वनोपजों का 73.71 प्रतिशत है। इस तरह छत्तीसगढ़ में 100 करोड़ रूपए से अधिक राशि के लघु वनोपजों के वार्षिक संग्रहण लक्ष्य को छह माह पहले अर्थात् छह माह में ही हासिल कर लिया गया है, जो राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

वन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा वनवासी ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखते हुए खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या बढ़ाकर अब 31 तक कर दी गई है। इसके पहले प्रदेश में वर्ष 2015 से 2018 तक मात्र सात वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही थी। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि राज्य में चालू वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत संग्रहित लघु वनोपजों में इमली (बीज सहित), पुवाड़ (चरोटा), महुआ फूल (सूखा), बहेड़ा, हर्रा, कालमेघ, धवई फूल (सूखा), नागरमोथा, इमली फूल, करंज बीज तथा शहद शामिल हैं। इसके अलावा बेल गुदा, आंवला (बीज रहित), रंगीनी लाख, कुसुमी लाख, फुल झाडु, चिरौंजी गुठली, कुल्लू गोंद, महुआ बीज, कौंच बीज, जामुन बीज (सूखा), बायबडिंग, साल बीज, गिलोय तथा भेलवा लघु वनोपजें भी इसमें शामिल हैं। साथ ही हाल ही में वन तुलसी बीज, वन जीरा बीज, ईमली बीज, बहेड़ा कचरिया, हर्रा कचरिया तथा नीम बीज को भी शामिल किया गया है।

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छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में 3 हजार 500 ग्रामों तथा 866 हाट बाजारों में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर क्रय करने की व्यवस्था की गई है। इसी तरह राज्य में लघु वनोपजों के प्राथमिक प्रसंस्करण कार्य के लिए 139 वन धन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। राज्य में चालू सीजन के दौरान अब तक लघु वनोपजों में 61 करोड़ रूपए की राशि के 3 लाख 4 हजार 242 क्विंटल साल बीज तथा 20 करोड़ रूपए की राशि के 63 हजार 676 क्विंटल ईमली (बीज सहित) का संग्रहण हो चुका है। इसी तरह 8 करोड़ रूपए की राशि के 28 हजार 158 क्विंटल महुआ फूल (सूखा), 87 लाख रूपए की राशि के 5 हजार 107 क्विंटल बहेड़ा, 70 लाख रूपए की राशि के 5 हजार क्विंटल पुवाड (चरोटा) का संग्रहण किया गया है।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल राजधानी रायपुर के हृदय स्थल में 19 एकड़ में बनाए गए ऑक्सीजोन का आज लोकार्पण किया। करीब 11 करोड़ की लागत से बने इस ऑक्सीजोन से नगरवासी अब बीच शहर में शुद्ध आबो-हवा के साथ सैर और भ्रमण का भरपूर आनंद उठा सकेंगे। यह नगर के रौनक के साथ ही पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर की हरियाली बढ़ाने की दिशा में ऑक्सीजोन एक महत्वपूर्ण कदम है। लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने यहां सफेद चंदन का पौधा लगाया।

कलेक्टोरेट परिसर के समीप बनाए गए इस ऑक्सीजोन में 12 एकड़ में अब तक 4 करोड़ रूपए की राशि व्यय कर 75 प्रजातियों के 4 हजार से अधिक पेड़-पौधे लगाए गए हैं। इस ऑक्सीजोन के बनने से शहर के पर्यावरण में सुधार के साथ ही युवाओं, बुजुर्गो बच्चों सहित शहरवासियों को सुबह-शाम सैर और मनोरंजन के लिए बेहतर स्थान मिलेगा। इस अवसर पर वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, रायपुर उत्तर के विधायक श्री कुलदीप सिंह जुनेजा सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा है कि शहरों में भी ज्यादा से ज्यादा हरियाली हो। यह राज्य सरकार का प्रयास है। रायपुर का ऑक्सीजोन इस दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें सबकी भागीदारी से ऑक्सीजोन की हरियाली को बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि रायपुर शहर के लोगों को लंबे समय से ऑक्सीजोन की प्रतिक्षा थी। आज उनका यह इंतजार पूरा हुआ। ऑक्सीजोन सुबह और शाम की सैर करने वालों के लिए एक बहुत बढ़िया स्थान है। ऑक्सीजोन में प्रदेश के वनों में पाये जाने वाली वृक्षों की प्रजातियों के पौधे भी रोपे गए हैं। पुराने वृक्षों को बचाकर रखा गया है। बरसात में वन विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने में वृक्षारोपण किया जा रहा है। जो लोग घर में पौधे लगाना चाहते हैं उनकों घर पहंुचाकर पौधे दिए जा रहे हैं। नदी, नालों के किनारे खाली जगह पर भी वृक्षारोपण किया जा रहा है।

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ऑक्सीजोन में बच्चों के खेलने के लिए झूले, फिसलपट्टी और ओपन एयर जिम के उपकरण लगाए गए हैं। ऑक्सीजोन में पौधरोपण और संरक्षण के प्रयासों के कारण एक वर्ष में ही यहां हरियाली दिखने लगी है और पक्षी तथा तितलियां बड़ी संख्या में अपना बसेरा बनाने लगे हैं। इसकी सुन्दरता और हरीतिमा देखते ही बनती है। ऑक्सीजोन में लॉन विकसित किए गए हैं और छोटा गुलाब गार्डन भी लगाया गया है।

मॉर्निंग और इविनिंग वाक के लिए ऑक्सीजोन में 3 किलोमीटर से अधिक लम्बाई में पाथवे और पगड़ंडियां तैयार की गई हैं। इसके अलावा यहां दो वाटर बॉडी है, जिसमें से एक प्राकृतिक और दूसरी निर्मित की गई है। वर्षा का सारा पानी चैनल से होकर इसमें इकठ्ठा होता है और इससे पौधों की सिंचाई की व्यवस्था की गई है। यहां एक प्राकृतिक वाटर फॉल भी बनाया गया है, जो रात में लाईट्स में बड़ा सुन्दर दिखता है। यहां बांस निर्मित 8 पगौडा बनाए गए हैं और जगह-जगह छोटी चट्टानों और पत्थरों से संरचनाएं भी तैयार की गई है। युवाओं के लिए आकर्षक सेल्फी जोन भी बनाया गया है।

ऑक्सीजोन में आम, जामुन, सीताफल, आंवला तथा अमरूद जैसे फलदार वृक्ष और तितलियों को आकर्षित करने के लिए जारूल, अमलतास, कचनार, मौलश्री, आकाशनीम जैसे फूलदार पौधे लगाए गए हैं। यहां 503 पुराने वृक्षों को संरक्षित किया गया है और पार्किंग पाथवे वाटर बॉडी में आने वाले पेड़ों को भी नहीं काटा गया है। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर. पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कमिश्नर श्री जी. आर. चुरेन्द्र, कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के पीसीसीएफ श्री राजेश गोवर्धन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय यादव और आयुक्त नगर निगम रायपुर श्री सौरभ कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का बदला मोदी सरकार छत्तीसगढ़ की जनता और मजदूरों से ले रही है। भाजपा के रमनसिंह जैसे नेता और सांसद मजदूर विरोधी, गरीब विरोधी, किसान विरोधी और आम जनता विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है। छत्तीसगढ़ की जनता कभी उनको माफ नहीं करेगी।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि यह दुख का विषय है कि केंद्र की भाजपा सरकार राज्य राज्य के हिसाब से मजदूरों में भेदभाव कर रही है। लॉकडाउन और लॉकडाउन में कुप्रबंधन के लिये जिम्मेदार मोदी सरकार को मानवता और नैतिकता के नाते भी छत्तीसगढ़ के इन 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों के प्रति इन मजदूरों को मदद करनी चाहिए थी। छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों को मदद मोदी सरकार का फर्ज था और है। 1200 करोड़ रुपए से अधिक की मजदूरों की सिफ रोजी की राशि केंद्र की भाजपा सरकार पर मजदूरों का कर्ज है। इन मजदूरों के प्रति अपना फर्ज निभाने और अपने पर कर्ज चुकाने के बजाए मजदूर कल्याण योजना से मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ को बाहर कर दिया। मोदी सरकार के इस फैसले ने छत्तीसगढ़ के मजदूरों गरीबों और पूरे राज्य के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।

गरीब कल्याण योजना में छत्तीसगढ़ को शामिल करने की मांग दोहराते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मांग की है कि छत्तीसगढ़ के सभी प्रवासी मजदूरों को डायरेक्ट बेनिफिट योजना के अंतर्गत प्रवासी मजदूर ₹25000 की राशि तत्काल दी जाये। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार बंद करें। छत्तीसगढ़ के इन गरीब मजदूरों ने मोदी सरकार का क्या बिगाड़ा है? विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार रमन सिंह सरकार की जनविरोधी नीतियों की हार थी। भाजपा की करारी हार कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार और जनहित की उपेक्षा की हार थी। विधानसभा चुनाव की हार का बदला छत्तीसगढ़ के मजदूरों से लिए जाने का कांग्रेस पार्टी विरोध करती है और मांग करती है कि गरीब कल्याण योजना में छत्तीसगढ़ को शामिल किया जाये।

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मांग की है कि छत्तीसगढ़ को पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश, झारखंड की तरह ही गरीब कल्याण योजना में शामिल किया जाये। बड़ी संख्या में 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर छत्तीसगढ़ में वापस लौटे हैं। छत्तीसगढ़ में प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन के 60 दिनों में रोजी मजदूरी का बहुत बड़ा नुकसान उठाया है। मनरेगा की औसत मजदूरी ₹200 प्रतिदिन की दर से भी जोड़ा जाए तो प्रति मजदूर ₹12000 का नुकसान लाकडाउन के कारण हुआ है। छत्तीसगढ़ के मजदूरों की कुल मजदूरी का नुकसान ही 600 करोड़ से ज्यादा बैठता है। भूख प्यास रहने की जगह की समस्या इलाज की समस्या सब कुछ छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों ने अपने प्रदेश से बाहर मजबूरी में झेली है। अपने घर अपने गांव अपने प्रदेश लौटने की बड़ी कीमत छत्तीसगढ़ के मजदूर भाइयों ने चुकाई है। छत्तीसगढ़ वापस लौटने के लिये पुणे, कोल्हापुर, कर्नाटक, तमिलनाडु तक फंसे मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चले हैं। बसों में प्रति सवारी ₹5000 से ₹10000 तक का प्रति सदस्य किराया तक पूरे परिवार के सभी सदस्यों का मजदूरों को मजबूरी में देना पड़ा है। अपना गहना गुरिया गिरवी रखकर कर्जदार होकर छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर वापस लौटे। केन्द्र सरकार को अन्य राज्यों की तरह इन मजदूरों को राहत पहुंचाना था।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मजदूर कल्याण योजना में छत्तीसगढ़ को जानबूझकर छोड़े जाने के मामले में भाजपा के छत्तीसगढ़ के नेताओं और सांसदों की चुप्पी पर कड़ा ऐतराज जताया है। क्या छत्तीसगढ़ ने राज्य से 9 भाजपा सांसदों को चुन कर इसीलिए भेजा है कि वे दलीय प्रतिबद्धता के कारण जब राज्य के हितों की बात हो तो चुप्पी साध रखें। अब समय आ गया है कि भाजपा के सांसद राज्य की जनता के सामने स्पष्ट करें कि उनका छत्तीसगढ़ के हकों हितों से कोई सरोकार क्यों नहीं है?

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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के कोयला, आयरन ओर बाक्साइट जैसे खनिज संसाधनों पर अपना हक जमा सकती है लेकिन राज्य के लोगो के लिए जब राहत देने की बात आती तब भाजपा की केंद्र सरकार मुंह मोड़ लेती है। राज्य के भाजपा के बड़े नेता मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को सही ठहराने के लिये तर्क देने लगते है। मुख्यमंत्री ने जब राज्य के लिए कोरोना संकट से निपटने 30,000 करोड़ की सहायता मांगी तब भी रमन सिंह सहित लगभग हर भाजपा नेता ने इसका ऐसे विरोध किया था, जैसे यह पैसा किसी के व्यक्तिगत हित के लिये मांगा गया था। 2500 रू. में धान खरीदी के समय केंद्र की अड़ंगेबाजी पर भी छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं और सांसदों ने किसानों का साथ देने के बजाय मोदी सरकार के अन्याय का साथ दिया था।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि बात-बात में बड़े-बड़े बयान देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह जो भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है राज्य के मजदूरों के हित में मोदी सरकार के समक्ष आपत्ति दर्ज कराने का साहस क्यो नही दिखा रहे हैं? सरोज पांडे, धरम लाल कौशिक, रामविचार नेताम, विष्णुदेव साय की बोलती अब क्यो बन्द है? छोटी-छोटी बातों पर बचकाने बयान जारी करने वाले सांसद सुनील सोनी अब कहाँ छुप गए हैं? छत्तीसगढ़ हित की बात करने से भाजपा सांसदों को किसने रोका है?

छत्तीसगढ़ में दीगर राज्यो से 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर वापस आये है राज्य के क्वारन्टीन सेंटरों से घर वापसी के बाद इन सबके रोजगार की व्यवस्था करने के छत्तीसगढ़ सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। मनरेगा में भूपेश बघेल सरकार की उपलब्धि राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बेहतर है। यदि केंद्र सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान कार्यक्रम से छत्तीसगढ़ को भी जोड़ती तो राज्य के 5 लाख से अधिक मजदूरो के हित में और अच्छा काम हो सकता था।

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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के अगले चुनाव के ठीक पहले शराबबंदी लागू करने संबंधी ताजा बयान को प्रदेश की जनता के साथ खुली धोखाधड़ी बताया है। श्रीवास्तव ने कहा कि मंत्री लखमा के इस बयान प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नियत जगजाहिर हो गई है। प्रदेश सरकार की मंशा शराबबंदी की है ही नहीं, वह तो प्रदेश के साथ शर्मनाक दगाबाजी करके शराब का अवैध कारोबार चलाने पर आमादा है।

श्रीवास्तव ने कहा कि इस सरकार को अगर प्रदेश के सरकारी खजाने की फिक्र होती तो प्रदेश में 30 फीसदी शराब गोरखधंधा नहीं चलता। इस अवैध कारोबार में करोड़ों रुपए का वारा-न्यारा हो रहा है और सरकार को राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है। संजय ने पूछा कि करोड़ों रुपए का यह राजस्व सरकारी खजाने में नहीं जाकर कहा जा रहा है? भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मंत्री लखमा का बयान पर प्रदेश सरकार को साफ करना चाहिए कि शराबबंदी पर उसका रुख बार-बार बदल क्यों रहा है? क्या प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ की जनता को शराब में डुबाकर ही दम लेगी? भाजपा प्रदेश को शराब से बर्बाद करने के कांग्रेसी सत्ताधीशों के मंसूबों को पूरा नहीं होने देगी।श्रीवास्तव ने कहा कि हम सब जानते हैं यहां माताएं-बहनें लगातार शराब के खिलाफ आन्दोलन कर रही हैं, वे परेशान हैं। लगातार शराब के कारण हत्या और अन्य अपराध हो रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा की तो यहां बाढ़ सी आ गई है,जिनमें अधिकतर के कारण शराब है।भाजपा प्रवक्ता ने मंत्री से अपने इस बयान के लिए माफी मांगने को कहा है। साथ ही इस बयान के सन्दर्भ में सीएम भूपेश बघेल से स्पष्टीकरण देने को कहा है कि क्या वे लखमा के बयान से सहमत हैं? क्या सच में वे चुनाव के समय केवल शराबबंदी का शिगूफा फिर छोड़ने वाले हैं? श्रीवास्तव ने प्रदेश को शर्मिन्दा करने वाले ऐसे बयानों के लिए सरकार से भी माफी मांगने की बात कही है।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य शासन के अधिकारी-कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। कोरोना संकट के कारण राज्य शासन के अधिकारी एवं कर्मचारियों की वार्षिक वेतनवृद्धि विलंबित की गई थी, जिसे बहाल करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य शासन के अधिकारियों-कर्मचारियों को जिन्हें एक जुलाई को वेतनवृद्धि मिलती हैै। उन्हें वेतनवृद्धि एक जुलाई को ही मिलेगी, परन्तु जुलाई से दिसम्बर माह तक की वेतनवृद्धि की एरियर्स राशि का भुगतान आगामी जनवरी माह में एकमुश्त किया जाएगा। इसी प्रकार जिन अधिकारी-कर्मचारियों की वेतनवृद्धि एक जनवरी को लगती है, उनको एक जनवरी को ही वेतनवृद्धि मिलेगी और उनकी एरियर्स राशि का भुगतान छह माह बाद आगामी जुलाई माह में किया जाएगा।

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गौरतलब है कि कोरोना संकट काल में राज्य की वित्तीय व्यवस्था को देखते हुए वित्त विभाग द्वारा अधिकारी-कर्मचारियों की वार्षिक वेतनवृद्धि को आगामी आदेश तक विलंबित किया गया था। मुख्यमंत्री श्री बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल ने प्रांतीय संयोजक श्री कमल वर्मा के नेतृत्व में सौजन्य मुलाकात की और उनसे अधिकारी-कर्मचारियों को निर्धारित तिथि पर वेतनवृद्धि देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों की इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए वेतनवृद्धि निर्धारित तिथि पर ही देने और इसकी एरियर्स राशि का भुगतान छह माह बाद करने पर अपनी सहमति प्रदान की है। इस अवसर पर वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन उपस्थित थे।

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एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के संचालन हेतु शिक्षण सत्र 2020-21 में रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। वर्तमान में राज्य में 42 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित हैं। जिसमें से 25 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के लिए पद संरचना की स्वीकृति प्रशासकीय विभाग द्वारा जारी की जा चुकी है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह ने यह जानकारी राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण, आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति संचालक मंडल की बैठक में दी।

संचालक मंडल की बैठक में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में पूर्व से संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्पोटर््स की स्थापना की जाएगी। इसके लिए सूरजपुर के भैय्याथान, राजनांदगांव और धमतरी जिले के नगरी के स्कूल का प्रस्ताव भेजा गया है। यह केन्द्र 5 करोड़ रूपए की लागत से स्थापित किया जाएगा। यहां भवन और खेल उपकरण, न्यूनतम एक व्यक्तिगत खेल एवं एक समूह खेल की सुविधा होगी। यहां स्टॉफ में कोच, मनोवैज्ञानिक, न्यूट्रीशनिस्ट इसके अतिरिक्त कम्यूनिटी खेल के लिए भी कोच होगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी लाभान्वित हो सकेंगे।

सचिव श्री डी.डी. सिंह ने प्रदेश में निर्माणाधीन 9 आदर्श आवासीय विद्यालय भवनों का कार्य 15 अगस्त से पूर्व पूरा करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग के अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षण सत्र 2020-21 में नवीन प्रस्तावित 19 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। संचालक श्रीमती शम्मी आबिदी ने बताया कि गुणवत्तापूर्ण बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में 4 बालिका एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की स्थापना का प्रस्ताव है। इसके लिए रायगढ़ जिले के विकासखण्ड घरघोड़ा के ग्राम छर्राटांगर, सूरजपुर जिले के विकासखण्ड प्रेमनगर के ग्राम पार्वतीपुर, सरगुजा जिले के विकासखण्ड बतौली के ग्राम शिवपुर और उत्तर बस्तर कांकेर जिले के विकासखण्ड नरहरपुर में बालिका विद्यालय की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की परीक्षा में इस वर्ष कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम 98.03 प्रतिशत और कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम 94.22 प्रतिशत रहा है। परीक्षा परिणाम के आंकलन के उपरांत उत्कृष्ट शिक्षक, विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा। बैठक में कोविड-19 के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई को प्रोत्साहित करने के संबंध में चर्चा की गई।

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बैठक में जानकारी दी गई कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय प्रवेश नीति 2020-21 में सीटों के आरक्षण में निर्धारित किया गया है। अनुसूचित जनजाति के विशेष पिछड़ी जनजाति कमार, अबूझमाड़िया, पहाड़ी कोरबा, बिरहोर, बैगा, पण्डों और भुंजिया के विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। अनुसूचित जनजाति के दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण रहेगा। इसके लिए जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा। एकलव्य विद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के अधिकतम दो बच्चों को डे-स्कालर के रूप में विद्यालय में अध्ययन की सुविधा प्रदान की जाएगी। गैर आदिवासी विद्यार्थियों के लिए कक्षा 6वीं में स्वीकृत सीट का 5 प्रतिशत स्थानीय समुदाय के बच्चों के लिए आरक्षित होगा (विद्यालय के निर्माण में भूमिदान एव अन्य विकास कार्य में सहयोग करने वाले परिवार), नक्सल प्रभावित परिवार के बच्चों को भी प्रवेश में प्राथमिकता मिलेगी।

बैठक में अपर सचिव वित्त श्री सतीश पाण्डेय, स्कूल शिक्षा विभाग के अपर संचालक आर.एस. सिंह, महिला एवं बाल विकास की उपसचिव श्रीमती एफ केरकेट्टा, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग श्री डी.के. मिश्रा, प्राचार्य शिक्षा महाविद्यालय रायपुर श्रीमती जे.एक्का और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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कोमाखान पुलिस को सूचना मिली कि 1 जुलाई को ओडिशा से महासमुंद होकर गांजा की एक बहुत बड़ी खेप जाने वाली है उक्त सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं प्रशिक्षु उपपुलिस अधीक्षक थाना प्रभारी तिलेश्वरयादव ने अपनी टीम के साथ नाकेबंदी कर संदिग्ध वाहन का आने का इंतजार करने लगे शाम को लगभग 7:00 बजे पिकअप वाहन क्रमांक सीजी 04 8608 ओडिशा के रास्ते से आरही वाहन को रोककर उसमे बैठे 2 लोग से पूछताछ करने पर अपना नाम मोहित कौशल पिता जगन्नाथ कौशल (26) रायपुर कपड़ा मार्केट रायपुर व बगल में बैठे व्यक्ति ने अपना नाम शंकर भोजवानी पिता गिरधारी (34) कोटा गुढ़ियारी रायपुर कॉलोनी सरस्वती नगर रायपुर बताया.

पूछताछ पर बताया कि पदमपुर उड़ीसा से सब्जी खाली कर रहे हैं बताया पुलिस ने देखा कि वाहन चारों तरफ से बंद था वहां कोई चीज नजर नहीं आई वह मुखबिर से मिली सूचना थी इसलिए पुलिस की टीम ने वाहन का बारीकी से निरीक्षण किया तो वाहन के ऊपर छत में केबिन बना हुआ था जिसे खोल कर देखें प्लास्टिक में लिपटे हुए118 पैकेट गांजा भरे हुए मिले जिसका वजन करीब 1 क्विंटल 17 किलोग्राम गाजा मेरा जिसकी कीमत ₹11लाख 70हजार के साथ दोनों आरोपी को गिरफ्तार किया गया आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 20 भी एनडीपीएस एक्ट के तहत थाना कोमाखान में कार्रवाई की जा रही है

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पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित इस मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी मेघा टेम्भुलकर साहू ने बताया कि ओडिशा राज्य से होने वाले अवैध गांजा के परिवहन को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने सभी अनुविभागीय अधिकारी पुलिस एवं थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि उड़ीसा राज्य के उन स्थानों को चिन्हित करें जहां से गांजा निकलकर महासमुंद जिले से होते हुए देश के अन्य राज्यों में पहुंचाए जाते हैं

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दो लोगों ने शिक्षाकर्मी की फर्जी नियुक्ति पत्र और फर्जी स्थानांतरण आदेश बनाकर प्रशासन की आंखों में ऐसे धूल झोंका कि 12 साल नौकरी कर ली, किसी को हवा नहीं लगी। अब जब शिकायत हुई, तो जांच भी हुई। जांच के बाद पता चला कि दोनों प्रशासन को चूना लगा रहे थे। इसमें से एक महिला है। दोनों के खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी की जा रही है। जानकारी मिली है कि यह मामला बेमेतरा जिले का है। सरकारी प्राइमरी स्कूल बेरला में पदस्थ दो शिक्षक भोला प्रसाद और सरकारी प्राइमरी स्कूल सोड़ में पदस्थ उपासना पांडे के संबंध में ऐसी ही जानकारी मिली है। दोनों ने कोरबा जिले के पाली जनपद पंचायत में अपनी नियुक्ति और वहां से बेमेतरा जिले में स्थानांतरण का आदेश दिखाकर यहां के अफसरों को बेवकूफ बना लिया।


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यहाँ आश्चर्य इस पर है की दोनों 12 सालों तक नौकरी भी कर लिए। जब इसकी शिकायत हुई, तब बेमेतरा के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कोरबा जिले के पाली जनपद पंचायत सीईओ और पाली के बीईओ से इन दोनों के संबंध में जानकारी मांगी, तब पता चला कि न तो वहां इनकी नियुक्ति हुई, ना ही ऐसा कोई स्थानांतरण हुआ है। अब ठगा चुका बेमेतरा का शिक्षा विभाग इन दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी कर रहा है। इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यह भी पैदा होता है, कि 12 साल पहले जब दोनों ने यहां जॉइनिंग ली, तो जॉइनिंग देने के पहले उनके दस्तावेजों की कोई जांच नहीं हुई। उस समय जांच नहीं भी हुई, तो 12 सालों के दौरान कभी ऐसा मौका नहीं आया कि अधिकारियों को इसकी भनक लगी हो। अगर इस मामले की शिकायत नहीं होती, तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अभी भी भनक नहीं लगती।

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