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detail news only from Chhattishgarh ,dated: 3 दिसम्बर २०२०

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भिलाई की शान में आज एक और सितारा जड़ा है। पंडित जवाहर लाल नेहरू के विजन इस भिलाई शहर की दुनिया भर में शान, मान और अभिमान है। पंडित नेहरू द्वारा आरंभ किये गए आईआईटी की यह श्रृंखला भिलाई तक पहुंची है। भिलाई देश का तेईसवां आईआईटी है। यह हमारा गौरव है। यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आईआईटी भिलाई के शैक्षणिक क्षेत्र कारिडोर के भूमिपूजन एवं विभिन्न भवनों की अधिरचना स्थापन कार्यक्रम के अवसर पर कही।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल में सबसे पहले सुपर स्ट्रक्चर पर ईंट रखी। यह ब्रिक लेयिंग सेरेमनी का हिस्सा होता है। इसके बाद कार्यक्रम स्थल से मुख्यमंत्री ने शिला पट्ट और थ्री-डी मॉडल का अनावरण किया। इस अवसर पर आईआईटी के फर्स्ट फेज के डिजाइन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आईआईटी के माध्यम से छत्तीसगढ़ में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा, जो यहां लौह आधारित उद्योगों के लिए काफी उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि हम लोग छत्तीसगढ़ में धान आधारित एथेनाल उद्योग पर काम करने वाले हैं। आईआईटी में यदि इसकी कास्ट कटिंग पर कोई रिसर्च होता है तो इस उद्योग के लिए यह काफी उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले राज्यों के लिए आईआईटी इस तरह के रिसर्च माडल विकसित करे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईआईटी परिसर का निर्माण 2022 तक पूरा हो जाएगा और यह संस्थान हर मायने में उपयोगी होगा।

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इस मौके पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की नीतियों की वजह से कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही। उन्होंने कहा कि किसानों को खुशहाल करने के माध्यम से हर वर्ग को खुशहाल किया जा सकता है यह नीति सफल रही, इसका श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने कहा कि आईआईटी जैसी संस्थाएं कास्ट कटिंग पर रिसर्च करें। छत्तीसगढ़ में जहां लौह उद्योग की संख्या काफी है। आईआईटी का यह रिसर्च वरदान साबित हो सकता है। पीएचई मंत्री श्री गुरु रुद्रकुमार ने कहा कि भिलाई आईआईटी के माध्यम से टेक्नालाजी के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के लिए नई संभावनाएं बनती रहेंगी। यह संस्थान हमारे प्रतिभाशाली छात्रों को सर्वोत्तम प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा। आईआईटी के डायरेक्टर श्री रजत मूना ने संस्थान की विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 18 लेक्चर हाल और क्लास रूम बनाए जाएंगे। इंजीनियरिंग और साइंस डिपार्टमेंट के साथ ही लाइब्रेरी और आईटीआईएल बिल्डिंग तथा आब्जर्वेटरी टावर भी बनाये जाएंगे। इसके साथ ही तीन हास्टल और तीन रेसीडेंशियल टावर भी बनेंगे। इस मौके पर राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडे, भिलाई विधायक एवं महापौर श्री देवेंद्र यादव, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे, एसपी श्री प्रशांत ठाकुर एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे प्रदेश के सरप्लस धान से एथनॉल उत्पादन के लिए केन्द्र से अनुमति देने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि वर्तमान में भारतीय खाद्य निगम में उपलब्ध सरप्लस चावल से एथनॉल उत्पादन हेतु विक्रय की अनुमति दी गयी है। छत्तीसगढ़ में हर वर्ष किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाता है। राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता और भारतीय खाद्य निगम को चावल देने के पश्चात हर वर्ष 6 लाख मीटरिक टन सरप्लस धान बचता है, जिससे राज्य के आर्थिक संसाधनों पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य की नई औद्योगिक नीति में जैव ईंधन उच्च प्राथमिकता उद्योगों की सूची में शामिल है। जैव ईंधन उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया गया है। बायो एथनॉल संयंत्र स्थापना हेतु चार निजी निवेशकों के साथ एमओयू भी किया गया है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति, 2018 एवं उसके लक्ष्य की पूर्ति की दिशा में राज्य में उत्पादित अतिरिक्त धान से बायो-एथनॉल उत्पादन की अनुमति के लिए विगत 18 माह से लगातार प्रयास किए गए हैं। राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की 20 अप्रैल 2020 की बैठक में एफ.सी.आई. में उपलब्ध सरप्लस चावल से एथनॉल के उत्पादन हेतु विक्रय की अनुमति प्रदान की गयी है। छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की मात्रा केन्द्रीय पूल एवं राज्य पूल में राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आवश्यक मात्रा एवं केन्द्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को परिदान किए गए चावल के पश्चात भी अतिशेष रही, जिसके कारण राज्य के आर्थिक संसाधनों पर अनावश्यक बोझ पड़ा।

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श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि बायो-एथनॉल उत्पादन के क्षेत्र में निवेशकों को आकृष्ट करने के लिए राज्य सरकारों की भूमिका महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ की नवीन औद्योगिक नीति, 2019-24 के अन्तर्गत उच्च प्राथमिकता उद्योगों की सूची में जैव-ईंधन को शामिल किया गया एवं इस हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज (ठमेचवाम च्वसपबल) की घोषणा की गयी। इसके फलस्वरूप माह सितम्बर 2020 में 04 निजी निवेशकों के साथ राज्य में बायो-एथनॉल संयंत्र की स्थापना हेतु समझौता (डव्न्) साझा किया गया, जिससे राज्य में आगामी वर्ष से प्रतिवर्ष 12 करोड़ लीटर से अधिक एथनॉल उत्पादन होगा, जिसमें लगभग 3 लाख 50 हजार टन अतिशेष धान की खपत होगी। इस उत्पादन क्षमता के उपयोग के लिए अतिशेष धान से एथनॉल उत्पादन हेतु केन्द्र शासन की अनुमति आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने पत्र मंे लिखा है कि राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 अन्तर्गत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जैव ईंधन समिति (छठब्ब्) की स्थापना की गयी है, जिसके द्वारा अतिशेष धान से एथनॉल उत्पादन हेतु अनुमति दिए जाने का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ राज्य में यदि राज्य औद्योगिक नीति के तहत बायो-एथनॉल जैसे विशेष क्षेत्र में वास्तवित निवेश होता है, तो ऐसे में बायो-एथनॉल उत्पादन की क्षमता वृद्धि से न केवल प्रदेश के सरप्लस धान का निराकरण होगा, बल्कि एफ.सी.आई. से भी सरप्लस चावल के निराकरण की संभावना बनेगी। एफ.सी.आई. द्वारा (क्ब्च्) राज्यों में भंडारित अतिशेष चावल का आबंटन बायो-एथनॉल संयंत्रों को किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से अनुरोध किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य को समर्थन मूल्य पर उपार्जित एवं राज्य तथा केन्द्र पूल में आवश्यक चावल के प्रदाय पश्चात प्रतिवर्ष अनुमानित अतिशेष 6 लाख मे.टन धान से एथेनाल उत्पादन की अनुमति प्रदान करने के लिए आवश्यक निर्देश पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को प्रसारित करने का कष्ट करें।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य को निःशुल्क और प्राथमिकता के आधार पर टीका आबंटित करने का अनुरोध प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य है, इसलिए इसे प्राथमिकता से पहले चरण में शामिल करते हुए कोविड-19 का निःशुल्क टीका उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ राज्य के प्रति अविरल सहयोग के लिए भी धन्यवाद किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि कोविड-19 महामारी से देश के भीतर लोगों में तनाव और भय की एक अभूतपूर्व स्थिति निर्मित हुई है। देश के प्रत्येक व्यक्ति की शांति और उनका अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करना हमारा सर्वोच्च कर्तव्य है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, कोरोना वायरस से जुड़े प्रकरणों और उससे होने वाली मृत्यु की रोकथाम के लिए कोविड-19 का टीकाकरण अत्यंत महत्वपूर्ण है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संकेत दिया है कि निकट भविष्य में वैक्सीन उपलब्ध होने की संभावना है जो मानवता के लिए बड़ी उपलब्धि है।

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मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में यह भी बताया है कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य है, इसलिए प्राथमिकता से पहले चरण में ही छत्तीसगढ़ को शामिल करते हुए कोविड-19 टीकाकरण निःशुल्क उपलब्ध कराया जाए। कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य पूरी तरह से तैयार है। इस टीकाकरण हेतु राज्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अलावा पुलिस बल, राजस्व विभाग, शहरी विकास विभाग, ग्रामीण पंचायत विभाग के फंट लाईन वर्कर्स और मीडिया कर्मियों जैसे कोरोना योद्धाओं को भी शामिल करने की योजना है।

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भाजपा प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री राजेश मूणत के बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा को किसान विरोधी ठहराते हुए कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ में किसानों के नाम से घड़ियाली आंसू बहा रही है और दिल्ली में मोदी सरकार हक मांग रहे किसानों का लहुँ बहा रही है। भाजपा का किसान विरोधी चरित्र देश ही नहीं पूरा विश्व देख रहा है। किस प्रकार से किसानों से वादा कर मोदी भाजपा की सरकार ने वादाखिलाफी किया है। किसानों की आय दुगनी करने का नारा लगाने वाली मोदी सरकार आपदा काल में भी अडानी अंबानी जैसे चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुँचाने किसान विरोधी कानून लाने का काम किया है। जिसके खिलाफ किसान सड़कों पर उतरे हुए हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत भी रमन सरकार में हुई किसानों के वादाखिलाफी के लिए उतने ही जिम्मेदार है जितने रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल और भाजपा जिम्मेदार है। रमन सरकार ने किसानों को धान की कीमत 2100 रु प्रति क्विंटल 300 रु बोनस देने के वचन को पूरा नही किया।भाजपा नेता किस मुहँ से किसानों की बात करते हैं। जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों को धान की कीमत एक मुश्त 2500 रु प्रति क्विं. दिया तब यही केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार ने किसानों को एकमुश्त 2500 रु. देने पर रोक लगाई। सेंट्रल पुल में चावल लेने में नियम शर्ते थोपे गये। यही वजह है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को धान की अंतर की राशि दिया जा रहा है।

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि राजेश मूणत किसानों को धान के अंतर कीराशि नही मिलने क़ा आरोप लगाने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बैंक खाता को चेक कर लेते अंतर की राशि का 80 प्रतिशत राशि उनके खाते में पहुंच चुका है। बाकी भी इसी वित्तीय वर्ष में पहुंच जायेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों से किए वादे को पूरा किया है।भाजपा के आरोप में दम होता तो भाजपा को किसानों का समर्थन मिलता। भाजपा ने किसानों को ठगने के लिए गुमराह करने के लिए भात पर बात एवं खेत सत्याग्रह जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसको किसानों का समर्थन नहीं मिला।

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छत्तीसगढ़ में आज 1648 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार बीते 24 घंटे में 1001 मरीज स्वस्थ हुए हैं। वहीं दूसरी ओर 21 मरीज की उपचार के दौरान मौत हो गई। प्रदेश में अब तक 2919 कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो चुकी है।आज पाए जाने वाले मरीजों में दुर्ग- 140 राजनांदगांव- 124 बालोद- 56 बेमेतरा- 23 कवर्धा- 21 रायपुर- 177 धमतरी- 53 बलौदाबाजार- 111 महासमुंद- 77 गरियाबंद- 31 बिलासपुर- 130 रायगढ़- 149 कोरबा- 135 जांजगीर- 120 मुंगेली- 8 गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- 07 सरगुजा- 30 कोरिया- 53 सूरजपुर- 27 बलरामपुर- 7 जशपुर- 21 बस्तर- 24 कोंडागांव- 19 दंतेवाड़- 23 सुकमा- 6 कांकेर- 55 नारायणपुर- 01 बीजापुर- 21 अन्य राज्य- 03 शामिल है





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उत्कृष्ट पुलिस थाने 2020 भारत सरकार ने घोषित किया है। देश के 10 शीर्ष थानों में छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले का झिलमिली थानें को चौथा स्थान हासिल हुआ है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के द्वारा उत्कृष्ट थाना को लेकर पूरे भारतवर्ष में सर्वे कराया था और इनमें से 10 शीर्ष पुलिस थानों की रैंकिंग की गई है। इसके लिए पहले थानों में डाटा विश्लेषण, सीधी परख और मिले फीडबैक के आधार पर रैंकिंग प्रक्रिया के तहत सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रदर्शन करने वाले थानों की संक्षिप्त सूची तैयार की गई। जिसमें थाना की साफ-सफाई, रंग-रोगन, कैम्प सुरक्षा प्रबंध, पब्लिक बिहेवियर, क्वीक रिस्पांस, रिकार्ड संधारण, सीसीटीएनएस व अपराधों के समाधान के आधार पर बनाई गई।

गृह मंत्रालय ने उत्कृष्ट थाना को लेकर कराए गए सर्वे में वर्ष 2019-20 नेशनल क्राइम ब्यूरो के तय मानकों पर जिले के थाना झिलमिली ने देश के सर्वश्रेष्ठ थाना केटेगरी में चौथा स्थान हासिल किया है। इस उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डी.एम.अवस्थी ने आईजी सरगुजा रतनलाल डांगी व पुलिस अधीक्षक सूरजपुर राजेश कुकरेजा तथा जिले के पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई दी है।

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पुलिस अधीक्षक कुकरेजा ने कहा कि यह गौरव का क्षण है कि छत्तीसगढ़ पुलिस के सूरजपुर जिले के थाना झिलमिली को देशभर के सर्वश्रेष्ठ थानों में चौथा स्थान हासिल हुआ है। उन्होंने इसके लिए एसडीओपी ओड़गी मंजूलता बाज, थाना प्रभारी झिलमिली चित्ररेखा साहू सहित थाने के कर्मचारियों को बधाई दी है।

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राज्य शासन द्वारा 54 खाद्य निरीक्षकों का नवीन पदस्थापना आदेश जारी किया गया है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा मंत्रालय (महानदी भवन) से स्थानांतरण आदेश जारी किया गया है:-





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राज्य शासन द्वारा तीन खाद्य अधिकारियों और सात सहायक खाद्य अधिकारियों का नवीन पदस्थापना आदेश जारी किया गया है।

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरंक्षण विभाग द्वारा मंत्रालय से जारी आदेश के अनुसार श्री अजय कुमार यादव खाद्य अधिकारी महासमुंद को प्रभारी खाद्य नियंत्रक जिला बस्तर पदस्थ किया गया है।

इसी प्रकार श्री भूपेन्द्र मिश्रा खाद्य अधिकारी बेमेतरा को जिला कोण्डागांव और श्री अनुराग सिंह भदौरिया खाद्य अधिकारी रायपुर को खाद्य संचालनालय रायपुर में पदस्थ किया गया है।

श्री तरूण कुमार राठौर सहायक खाद्य अधिकारी रायपुर को प्रभारी खाद्य नियंत्रक रायपुर बनाया गया है।

श्री राजेश जायसवाल, सहायक खाद्य अधिकारी, जांजगीर-चांपा को प्रभारी खाद्य अधिकारी बेमेतरा,

श्री जितेन्द्र सिंह, सहायक खाद्य अधिकारी, कोरबा को प्रभारी खाद्य अधिकारी कोरबा,

श्री नितिश कुमार त्रिवेदी, सहायक खाद्य अधिकारी, को प्रभारी खाद्य अधिकारी जिला महासमुन्द,

श्री विष्णु नारायण शुक्ला, सहायक खाद्य अधिकारी मुंगेली को प्रभारी खाद्य अधिकारी जिला कोरिया,

श्री विजय किरण, सहायक खाद्य अधिकारी बालोद को प्रभारी खाद्य अधिकारी जिला सूरजपुर और

श्री शंकर प्रसाद सुर्यवंशी सहायक खाद्य अधिकारी नारायणपुर को प्रभारी खाद्य अधिकारी नारायणपुर पदस्थ किया गया है।

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खरीफ वर्ष 2020-21 में दो दिसम्बर को राज्य के महासमुंद जिले में 25 हजार 68 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। इसी प्रकार बस्तर जिले में एक हजार 16 मीट्रिक टन, बीजापुर जिले में 183 मीट्रिक टन, दंतेवाड़ा जिले में 54.64 मीट्रिक टन, कांकेर जिले में 6 हजार 54 मीट्रिक टन, कोण्डागांव जिले में 3 हजार 325 मीट्रिक टन, नारायणपुर जिले में 111 मीट्रिक टन, सुकमा जिले में 102 मीट्रिक टन, बिलासपुर जिले में 9 हजार 164 मीट्रिक टन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही एक हजार 447 मीट्रिक टन, जांजगीर-चांपा जिले में 5 हजार 583 मीट्रिक टन, कोरबा जिले में 207.36 मीट्रिक टन, मुंगेली जिले में 5 हजार 334 मीट्रिक टन, रायगढ़ जिले में 8 हजार 954 मीट्रिक टन, बालोद जिले में 18 हजार 301 मीट्रिक टन, बेमेतरा जिले में 16 हजार 936 मीट्रिक टन, दुर्ग जिले में 14 हजार 471 मीट्रिक टन, कवर्धा में 17 हजार 60 मीट्रिक टन, राजनांदगांव जिले में 22 हजार 993 मीट्रिक टन, बलौदाबाजार जिले में 18 हजार 573 मीट्रिक टन, धमतरी जिले में 13 हजार 861 मीट्रिक टन, गरियाबंद जिले में 11 हजार 440 मीट्रिक टन, रायपुर जिले में 21 हजार 246 मीट्रिक टन, बलरामपुर जिले में 333.56 मीट्रिक टन, जशपुर जिले में एक हजार 626 मीट्रिक टन, कोरिया जिले में एक हजार 2 मीट्रिक टन, सरगुजा जिले में 2 हजार 825 मीट्रिक टन और सूरजपुर जिले में 2 हजार 101.68 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है।

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राज्य के सीमावर्ती जिलों में अवैध धान परिवहन को रोकने के लिए निरंतर मॉनीटरिंग की जा रही है। कबीरधाम जिले में अवैध धान परिवहन की जांच के लिए 22 चेकपोस्ट बनाए गए हैं। इनमें से 12 चेकपोस्ट सीमावर्ती क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं, जिसमें 11 चेकपोस्ट बोड़ला विकासखण्ड में और एक चेकपोस्ट पण्डरिया विकासखण्ड के सीमावर्ती क्षेत्र पोलमी में बनाया गया है। कबीरधाम जिले के कलेक्टर एवं एसपी ने आज चिल्फी पहुंचकर अंतर्राज्यीय बैरियर का आकस्मि निरीक्षण किया। बिलासपुर कलेक्टर ने बिल्हा विकासखण्ड के धान खरीदी केन्द्र सेन्द्री का आकस्मिक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने खरीदी केन्द्र में समिति प्रबंधकों से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशों के अनुरूप किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए।

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भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा आज राज्यों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से संबंधित मुद्दों पर समीक्षा की गई। छत्तीसगढ़ द्वारा कोविड-19 के वजह से स्कूलों के लॉकडाउन होने से लागू किए गए मॉडल ’पढ़ई तुंहर दुआर’ के अंतर्गत किए जा रहे नवाचारों को साझा किया गया। बैठक में राज्यों को शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के परिप्रेक्ष्य में किए जा रहे नवाचारों, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों एवं अभी तक राज्यों द्वारा इस दिशा में किए गए कार्यों को साझा किया गया। बैठक में भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव सुश्री अनीता करेवाल, संयुक्त सचिव श्री मनीष गर्ग और संचालक सुश्री राशि शर्मा उपस्थित थी।

छत्तीसगढ़ राज्य के संचालक लोक शिक्षण संचालनालय श्री जितेन्द्र शुक्ला और संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद श्री डी. राहुल वेंकट ने वर्चुअल समीक्षा बैठक में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रस्तावित विभिन्न क्षेत्रों जैसे डिजिटल लर्निंग, कक्षा शिक्षण के तकनीकी का उपयोग, वालेंटियर के माध्यम से सीखने में सहयोग, आकलन में सुधार, शिक्षण-प्रशिक्षण में ब्लेंडेड पद्धति का उपयोग, बच्चों की भाषा में सिखाने का प्रयास, मूलभूत पठन और गणितीय कौशलों में विशेष ध्यान देकर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न सुझावों को राज्य में पढ़ई तुंहर दुआर के अंतर्गत लागू किया गया है।

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छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और चुनौतियों के संबंध में फाउंडेशनल लिटरेसी में निर्धारित लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने, स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ सुबह का नास्ता देेने के प्रावधान, इसमें लगने वाला समय और संसाधन, स्कूलों का सुबह 10 बजे खुलना और नास्ता वितरण में विलंब होना प्रमुख हैं। इसके अलावा स्कूलों में विद्यार्थियों को विशेष चयन में लचीलापन होने पर योग्यता के अनुसार योग्य शिक्षकों की मांग के आधार पर उपलब्धता सुनिश्तिच करना, बच्चों की मातृभाषा में कक्षा 5वीं एवं उसके आगे की कक्षाओं की शिक्षा संबंधित मुद्दों पर ठोस रणनीति की आवश्यकता है।

छत्तीसगढ़ राज्य में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स गठित की गई है।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज नेहरू नगर भिलाई में पूजा-अर्चना के साथ फीता काटकर हावड़ा-मुम्बई रेलमार्ग पर नव निर्मित रेल्वे अण्डर ब्रिज का लोकार्पण किया। इस ब्रिज का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा 9 करोड़ 57 लाख रूपए की लागत से किया गया है। इस अण्डर ब्रिज के बनने से भिलाई नेहरू नगर रेल्वे क्रासिंग पर यातायात सुगम होने के साथ ही समय और ईंधन की बचत होगी।

उन्होंने नेहरू नगर भिलाई में नवनिर्मित पुलिस उप अधीक्षक यातायात कार्यालय का अवलोकन किया। लगभग 33 लाख रूपए की लागत से निर्मित इस कार्यालय भवन में डीएसपी ट्रेफिक, एचसीएम एण्ड वायरलेस, रोड सेफ्टी सेल, मीटिंग हॉल और स्टोर रूम सुसज्जित रूप से बनाया गया है। मुख्यमंत्री और जनप्रतिनिधियों ने कार्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया।

मुख्यमंत्री ने लोकार्पण के अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अरूण वोरा, विधायक श्री विद्यारतन भसीन, भिलाई नगर निगम के महापौर श्री देवेन्द्र यादव, दुर्ग नगर निगम के महापौर श्री धीरज बाकलीवाल, पूर्व विधायक श्री भजन सिंह निरंकारी एवं प्रतिमा चंद्राकर सहित जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़ में शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान बस्तर जिले के ग्राम मंगनार निवासी मनीष के लिए वरदान बनी। श्री चंदर साय के घर 30 जून 2017 को चौथे पुत्र मनीष का जन्म हुआ। मां बेलमती का कम उम्र में विवाह होने के कारण वह शारीरिक रूप से कमजोर थी। इसके कारण मनीष का वजन भी जन्म के समय मात्र 1700 ग्राम था। मां बेलमती की कमजोर सेहत के कारण बच्चे को पर्याप्त मात्रा में मां का दूध उपलब्ध नहीं हो रहा था। ऐसी स्थिति में मनीष के छह माह होते ही आंगनबाड़ी केन्द्र से पोषक आहार दिया जाने लगा। माता के निधन के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की देखरेख से मनीष की सेहत सुधरी।

प्रदेश में 2 अक्टूबर 2019 से प्रारंभ इस योजना के तहत जन्म से ही कुपोषित मनीष को अण्डा और मूंगफली के साथ ही गर्म भोजन दिया जाने लगा। इससे उसकी सेहत में तेजी से सुधार हुआ और वह कुपोषण की गिरफ्त से मुक्त हो गया। लंबी बीमारी के बाद इसी वर्ष मनीष की मां का देहांत हो गया। उसके बाद लॉकडाउन के दौरान ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती रीता पाण्डेय द्वारा निरंतर सूखा राशन पहुंचाने के साथ ही उसकी सेहत की देखभाल की सुध ली गई। मनीष के सुपोषित होने से उसके परिजनों के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी काफी खुश हैं। उन्होंने शासन के इस महत्वपूर्ण योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया है।

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