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detail news only from Chhattishgarh ,dated: ४ सितम्बर २०२०

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नक्सल उन्मूलन की कार्ययोजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए केंद्र से सहयोग मांगा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने देश के गृहमंत्री श्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए पूर्व में आबंटित 7 सीआरपीएफ बटालियनों को राज्य को अतिशीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने बस्तर के युवाओं के लिए विशेष भर्ती रैली एवं एक अतिरिक्त बस्तर बटालियन के गठन का भी आग्रह किया है।

पत्र में श्री बघेल ने लिखा है कि वर्ष 2018 में गृह मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 7 अतिरिक्त सीआरपीएफ बटालियन आबंटित की गई थी, जिसे दक्षिण बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जाना था। चयनित लोकेशन पर निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है, इसलिए पूर्व में आवंटित 7 सीआरपीएफ बटालियनों को राज्य को अतिशीघ्र उपलब्ध कराया जाए।

पत्र में श्री बघेल ने कहा है कि नक्सल प्रभावित जिलों में दूर संचार सुविधा में वृद्धि हेतु 1028 मोबाइल टावरों की स्थापना की स्वीकृति दी गयी थी, इसके लिए लोकेशनों का चयन कर गृह मंत्रालय को भेजा जा चुका है। टॉवरों की स्थापना जल्द किया जाए, जिसका लाभ आम लोगों के साथ ही सुरक्षा बलों को भी हो सके।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पत्र में बस्तर के युवाओं के लिए सेना द्वारा विशेष भर्ती रैली के आयोजन का आग्रह भी किया है।

उन्होंने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की एक अतिरिक्त बस्तरिया बटालियन के गठन की भी बात कही है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होने के साथ ही नक्सल मोर्चे पर भी बेहतर परिणाम मिल सके।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बस्तर संभाग में प्री फेब्रिकेटेड तकनीक से पुल पुलिया एवं उन्नत तकनीक से सड़कों के निर्माण पर विचार करने का आग्रह किया है, ताकि कम समय में उच्च गुणवत्ता से निर्माण कार्य सम्भव हो सके।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में आशा जताते हुए कहा है केंद्र से सहयोग मिलने पर छत्तीसगढ़ राज्य को नक्सल समस्या से मुक्त करने की दिशा में हमें निर्णायक बढ़त प्राप्त होगी।

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राजभवन के सचिव श्री सोनमणि बोरा के मार्गदर्शन में राजभवन में आज कोरोना वायरस के संक्रमण और उसके बचाव के संबंध में राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें विशेषज्ञ चिकित्सक डब्लयूएचओ के प्रतिनिधि के रूप में डॉ. प्रणीत फटाले, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण संस्थान के संचालक, डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में जानकारी दी और शंकाओं का समाधान किया।

डॉ. अमर सिंह और डॉ. प्रणीत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव हो रहा है। नागरिकों को अब विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि आत्मबल बनाएं रखने और जागरूक होने की आवश्यकता है। इससे संक्रमित होने वाले अधिकतर मरीज स्वस्थ हो रहे है।

डॉ. प्रणीत ने कहा कि भीड़-भाड़ वाले स्थान पर कम जाए। यदि बाहर जाने की जरूरत पड़ती है तो आपस में न्यूनतम एक मीटर की दूरी रखें, हमेशा मास्क का उपयोग करें और बार-बार साबुन से हाथ धोयें। उन्होंने बताया कि जब हम खांसते, छीकतें है तो वायरस निकलता है और प्रकृति में भारी होने पर यह नीचे गिर जाता है। यदि हम दूरी बनाए रखेंगे तो यह हमें प्रभावित नहीं करेगा। वायरस के संपर्क में आने पर बीमारी का फैलाव होगा। अतः हम जिस सतह या वस्तु का उपयोग करते है उसे बार-बार सेनेटाइज करते रहे और उपयोग करने के बाद अपने हाथों को जरूर धोयें। उन्होंने बताया कि घर के फर्श को साफ करने के लिए ब्लीचिंग पावडर या एल्कोहल युक्त सॉल्यूशन का उपयोग कर सकते है। डॉ. अमर ने बताया कि शासन द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं। विशेष रूप से कोविड-19 अस्पताल बनाए जा रहें है जिसमें बिना लक्षण वाले और लक्षण वाले मरीजों को अलग-अलग रखकर उपचार की व्यवस्था है। इस समय आम जनता को भी सहयोग करने की आवश्यकता है। कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना मिलने पर सबसे पहले अपने आप को आइसोलेट करे और परिवार की सुरक्षा करें। उन्होंने सुझाव दिया कि समुदाय भी इस बीमारी से बचाव के लिए सहयोग करें। हम अपने मोहल्ले, कालोनी या ग्राम पंचायत में आपसी सहयोग से पृथक आवास की व्यवस्था कर कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों को रख सकते हैं और चिकित्सक के मार्गदर्शन में अपना इलाज भी करा सकते है।

उन्होंने कहा आम जनता अधिकृत समाचारों पर भरोसा करें। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि सर्दी, बुखार या कोरोना से जुड़े अन्य लक्षण होने पर अपना परीक्षण अवश्य कराएं। परीक्षण करवाने से बीमारी के बारे में जानकारी मिलेगी और सही समय में इलाज कराया जा सकेगा।

कार्यक्रम में राजभवन के नियंत्रक श्री हरवंश मिरी, राजभवन के चिकित्सा अधिकारी डॉ. रूपल पुरोहित, डॉ. सुनीति मंगुलकर, डॉ. शिशिर साहू तथा अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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हमारे जीवन को सँवारने में शिक्षक बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। शिक्षक दिवस, जो हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, हम सभी के लिये उन्हें धन्यवाद देने का महत्वपूर्ण अवसर है।

देश के प्रथम उपराष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। जब वे भारत के राष्ट्रपति थे तब कुछ पूर्व छात्रों और मित्रों ने उनसे अपना जन्मदिन मनाने का आग्रह किया। उन्होंने विनम्रतापूर्वक कहा कि यह बेहतर होगा कि आप इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाए। इसके बाद 5 सितम्बर को हमारे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। शिक्षक शिक्षा और ज्ञान के जरिये बेहतर इंसान तैयार करते है, जो राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देते है। हमारे देश की संस्कृति और संस्कार शिक्षकों को विशेष सम्मान और स्थान देती है। गुरू शिष्य के जीवन को बदलकर सार्थक बना देता है।

बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित सभी गुरूजनों को सलाम है। गुरूजनों का सम्मान हम सबकी सामाजिक जिम्मेदारी है, जो बच्चों को अपने ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करने के साथ ही समाज को नई दिशा देते हैं।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार ने शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों की स्थिति में सुधार के लिए शिक्षकों और छात्र-छात्राओं से किए गए वादे को न केवल निभाया है, बल्कि अमलीजामा पहनाना भी शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़ राज्य में निःशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत पहली बार बारहवीं कक्षा तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार प्रदान किया है। राज्य निर्माण के बाद पहली बार लगभग 15 हजार शिक्षकों की नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई। व्यापम ने शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित की और इसके परिणाम भी जारी कर दिए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शिक्षकों के परीक्षा परिणाम की वैधता को एक वर्ष तक बढ़ाए जाने की सहमति दी है। स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षाकर्मियों का पंचायत शिक्षक और शिक्षिका के रूप में संविलियन किया गया। राज्य में पहली बार कक्षा बारहवीं तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार मिला है।

राज्य शासन ने 2 साल या उससे अधिक की सेवावधि पूरी करने वाले शेष बचे पंचायत नगरीय निकाय संवर्ग के 16 हजार 278 शिक्षकों का संविलियन शिक्षा विभाग में करने का निर्णय लिया है। एक नवम्बर 2020 तक इस प्रक्रिया को पूरा किया जाना है। पंचायतों एवं नगरीय निकायों के ऐसे शिक्षकों जिन्होंने एक जुलाई 2020 को अपना 8 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है, उनका भी संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में किया जाएगा। प्रदेश सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय से अब शिक्षक जैसे गरिमामय पदनाम से इन्हें जाना जाएगा।

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प्रदेश में शिक्षा को वर्तमान परिवेश की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बेहतर बनाने का प्रयास प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में भी अब अंग्रेजी माध्यम से बच्चों को निजी स्कूलों की तरह शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में 41 उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम के मॉडल स्कूल शुरू किए गए है। आगामी वर्ष में सौ और उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू किए जाएंगे। यह राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के गुरूजनों के प्रति विश्वास का प्रतीक है कि हमारे गुरूजन अंग्रेजी माध्यम के जरिए ग्रामीण अंचल के बच्चों को भी बड़े-बड़े शहरों में स्थित प्रायवेट स्कूलों से बेहतर शिक्षा-दीक्षा दें सकेंगे।

आज शिक्षण के क्षेत्र में नई चुनौतियों के सामने आने पर शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ी है। वर्तमान में पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। इसको देखते हुए शिक्षा व्यवस्था में बदलाव भी करना पडा है।विश्वव्यापी कोरोना संकट के चलते बीते मार्च महीने से अब तक स्कूल बंद होने की स्थिति में छत्तीसगढ़ राज्य ने बच्चों को घर पहुंच शिक्षा उपलब्ध कराने की अनुकरणीय पहल की है। इस पहल को देशभर में सराहा गया है।

कोरोना संक्रमण के चलते स्कूली बच्चों को शैक्षणिक गतिविधियां से जोड़े रखने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने वेब पोर्टल पढ़ई तुंहर दुवार शुरू किया। यह पोर्टल आज बच्चों को घर पहुंच शिक्षा उपलब्ध कराने का सबसे सशक्त माध्यम बन चुका है। इस वेब पोर्टल का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 7 अप्रैल को किया था। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य के लगभग 2 लाख शिक्षक जुड़े हैं, जो इसके माध्यम से 22 लाख बच्चों को ज्ञान का प्रकाश पहुंचाने में मदद कर रहे हैं।

बच्चों को पढ़ाई से निरंतर जोड़े रखने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने आनलाईन पोर्टल ‘पढ़ई तुंहर दुवार’ के साथ ही मोबाइल इंटरनेट विहीन क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा की ऑफलाइन व्यवस्था के तहत लाउडस्पीकर, पढ़ई तुंहर पारा और बुलटू के बोल के जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से सुनिश्चित की है। इससे सुदूर वनांचल के बच्चों को भी पढ़ाई कराई जा रही है। कई शिक्षक स्वेच्छा से अपने आसपास के परिस्थितियों के आधार पर बच्चों की शिक्षा के लिए नवाचारी उपाय कर रहे हैं।

नीति आयोग ने छत्तीसगढ़ के आकांक्षी ज़िला नारायणपुर में सामुदायिक सहायता से संचालित पढ़ई तुंहर दुआर योजना को सराहा है। यहां ज़िला प्रशासन एवं गांव के युवाओ के मदद से जहां नेटवर्क नही है,वहां सामुदायिक भवन , घर के बरामदे में कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए , बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है ।और अब "मिस कॉल गुरुजी" के साथ प्रदेश के 7 जिलो बलोदाबाजार, जांजगीर- चांपा, सूरजपुर, सरगुजा, दुर्ग ,कोंडागांव ,बस्तर में शुरू हुए खास अभियान को शिक्षकों ने अपना लिया है । इसके अंतर्गत कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों को अगस्त माह से नवंबर माह तक प्रारंभिक भाषा शिक्षण में दक्ष बनाया जाएगा। जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नही था और पढ़ई तुंहर दुआर से वंचित थे, मिस कॉल गुरुजी छात्रों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो रहा है। दुर्ग जिले के 200 स्कूलों में "हर घर स्कूल" नामक अभियान संचालित है, जिसमें दुर्ग ब्लॉक 112 तथा पाटन ब्लाक के 88 प्राथमिक स्कूल शामिल है । जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा एवं लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन के माध्यम से संचालित अभियान के तहत बच्चों की भाषाई दक्षता को बेहतर बनाने का कार्य किया जा रहा है।

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षेत्र के ग्राम सांकरा से लगभग तीन किलोमीटर आगे और लिलांज नदी के पहले मुख्य मार्ग पर नक्सलियों ने पेड़ काटकर सड़क मार्ग अवरुद्ध कर दिया है. यह स्टेट हाईवे मैनपुर और गरियाबंद को जोड़ता है. नक्सलियों ने बैनर लगाकर घोरागांव में हुई मुठभेड़ को फर्जी करार दिया है. फिलहाल इस घटना से आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है.बैनर में नक्सलियों के भाकपा नक्सलवाद डिवीजन कमेटी के प्रवक्ता गुड्डू मरकाम ने घोरागांव में हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ पर सवालिया निशान लगा दिए हैं. बैनर में कहा गया है कि एसपी के नेतृत्व में पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ की कार्रवाई की है, जिसका वे विरोध करते हैं. नक्सलियों ने विरोध करते हुए धमतरी-गरियाबंद मार्ग को 24 घंटे तक बंद करने का आह्वान किया है.

इधर नक्सलियों के मार्ग अवरुद्ध किए जाने की सूचना मिलते ही नगरी SDOP नीतीश कुमार ठाकुर और थाना प्रभारी एनएस ठाकुर, डीआरजी प्रभारी संतोष मिश्रा सहित पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने रास्ते से पेड़ हटाकर मार्ग पर आवागमन शुरू करवाया.

गौरतलब है कि बीते दिनों नगरी थाना क्षेत्र के घोरागांव के जंगल में डीआरजी की टीम ने मुठभेड़ में गोबरा एलओएस के कमांडर रवि उर्फ सन्नू को मार गिराया था. इसके अलावा मृत नक्सली के पास से हथियार और कई नक्सली साहित्य सहित दैनिक उपयोग की चीजें बरामद की गई थीं.

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छत्तीसगढ़ में कोरोना अपना कहर बरपा रहा हैं। संक्रमितों के आंकड़े के साथ साथ मृतकों की संख्या भी रोजाना बढ़ती जा रही हैं। सूबे में आज एक दिन में सबसे ज्यादा 19 लोगों की मौत कोरोना से हुई है। वही रात आठ बजे तक ही कोरोना के 1688 नए मामले सामने आ गये हैं। अब संक्रमितों की संख्या जहां 39723 हो गयी हैं, वहीं एक्टिव केस की संख्या 19781 हो गयी है।

आज नए मामलों में रायपुर से 567 नये मरीज अभी तक सामने आये हैं। वहीं बिलासपुर आज फिर कोरोना ब्लास्ट हुआ है। बिलासपुर में अभी तक 268 कोरोना मरीज मिले हैं। वहीं दुर्ग में 165, कबीरधाम में 82, रायगढ़ में 82, बालोद में 78, जांजगीर में 72, राजनांदगांव में 70, जशपुर में 45, धमतरी में 38, सरगुजा में 35, महासमुंद में 34, गरियाबंद में 24, नारायणपुर में 24, बस्तर में 23, कोंडागांव में 19, बलरामपुर में 14, बेमेतरा में 12, कोरोबा में 12, कोरिया में 9, बीजापुर में 8, बलौदाबाजार में 3 मरीज मिले हैं।

छत्तीसगढ़ में 19 मौत में से 13 मौत आज सिर्फ राजधानी रायपुर से हैं। रायपुर के लाखेनगर, राजेंद्र नगर, हनुमान नगर, फाफाडीह, शिवम विहार, तेलीबांधा, भाटागांव, राजातालाब, देवेंद्र नगर, बुढ़ापारा, टिकरापारा, बैजनाथपारा, लाखेनगर पुरानी बस्ती, लालपुर में 1-1 मौत हुई है। वहीं बिलासपुर में दो मौत हुई है, जबकि सूरजपुर, रायगढ़, में 1-1 मौत हुई है।

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कोरोना की त्रासदी से निपटने के लिए अविलंब निर्णय प्रशासन द्वारा लिए जा रहे हैं। आज सेक्टर 9 हॉस्पिटल में भी कोविड यूनिट आरम्भ करने का निर्णय लिया गया। इसमें 25 बेड होंगे। इसमें आईसीयू एवं एचडीयू की सुविधा भी होगी। इस संबंध में इस संबंध में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बीएसपी प्रबंधन के साथ मिलकर चर्चा की। चर्चा के पश्चात निर्णय लिया गया कि कोविड मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए सेक्टर 9 हॉस्पिटल में कोविड यूनिट आरंभ किया जाए। इस कोविड यूनिट में 25 बेड होंगे, इसमें गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू की सुविधा भी होगी। इससे बीएसपी प्रबंधन में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को लाभ मिल सकेगा। कलेक्टर ने बीएसपी प्रबंधन के साथ मिलकर आज अस्पताल में कोविड यूनिट के लिए प्रोटोकॉल के मुताबिक आवश्यक सुविधाओं पर चर्चा की।

अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि इसके लिए प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी सामग्रियां उपलब्ध हैं। ऑक्सीजन की जरूरतों से संबंधित, साथ ही कोरोनावारियर्स के लिए की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण पीपीई किट वगैरह सभी सुविधाएं इस केंद्र में उपलब्ध होंगे। उल्लेखनीय है कि परसों ही 6 निजी अस्पतालों को भी जिला प्रशासन ने कोविड के मरीजों के इलाज की अनुमति दी है यह सुविधा उन मरीजों के लिए है जो शासकीय अस्पतालों में इलाज का लाभ नहीं लेना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि शासकीय अस्पतालों में मरीजों का इलाज निःशुल्क किया जा रहा है।

जिला प्रशासन लगातार कोविड मरीजों के इलाज की निगरानी एवं उन्हें दी जा रही सुविधाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है। कल ही विधायक श्री देवेंद्र यादव, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं अन्य अधिकारियों ने कोविड केयर सेंटर कचांदूर एवं शंकराचार्य हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि निजी अस्पतालों के आरंभ होने से इलाज की अतिरिक्त क्षमता जिले में उत्पन्न हुई है। जिला प्रशासन द्वारा तेजी से कोविड संक्रमण को थामने के संदर्भ में निर्णय लिए जा रहे हैं कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य तेज किया जा चुका है। हर दिन लगभग हजार सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके पश्चात मरीजों को अस्पताल पहुंचाने एवं इनके प्राइमरी कांटेक्ट की व्यवस्था की जा रही है।

कलेक्टर ने सभी निगम अधिकारियों को एवं पंचायत अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया है कि हॉटस्पॉट एरिया में किसी भी तरह से कोताही नहीं बरतें, संक्रमण को उन्हीं स्थानों तक सीमित रखने की दिशा में काम करना है। जहां पर संक्रमण के बड़े पैमाने पर मामले सामने आ रहे हैं। वहां पर तेजी से सर्वे कार्य किया जा रहा है। जिन लोगों को सर्दी खांसी की शिकायत आ रही है उनके सैंपल भेजे जा रहे हैं साथ ही डेटाबेस के माध्यम से इसकी मॉनिटरिंग भी लगातार की जा रही है। इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी एक बड़ा निर्णय लिया गया है। काढ़ा वितरण के महा अभियान जिला प्रशासन द्वारा चलाये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्टॉल लगाकर काढ़े के वितरण करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हैं।

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स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में प्रतिदिन 22 हजार सैंपल कलेक्शन एवं जांच का लक्ष्य रखा है। कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच हेतु सभी जिलों के लिए लक्ष्य तय किए गए हैं। आरटीपीसीआर और ट्रू-नाट मशीन से जांच के लिए सभी जिलों में सैंपल संकलित किए जा रहे हैं। वहीं रैपिड एंटीजन किट से भी सभी जिलों में कोरोना संक्रमण के संभावित मरीजों की जांच की जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को परिपत्र जारी कर प्रतिदिन तय लक्ष्य के अनुसार सैंपल कलेक्शन और जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड एंटीजन किट से जांच के भी निर्देश दिए हैं। आरटीपीसीआर एवं ट्र-नाट विधि से जांच के लिए सैंपल कलेक्शन हेतु प्रशिक्षित स्टॉफ नर्स, ए.एन.एम., एम.पी. डब्लू. फॉर्मासिस्ट, नेत्र सहायक, दंत सहायक इत्यादि की सहायता लेने कहा गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने रोजाना रायपुर जिले के लिए 2440, गरियाबंद के लिए 500, धमतरी, महासमुंद, कबीरधाम और बालोद के लिए 630-630, दुर्ग के लिए 1510, बेमेतरा के लिए 580, बलौदाबाजार-भाटापारा के लिए 670, रायगढ़ के लिए 1280, कोरबा और जांजगीर-चांपा के लिए 970-970, जशपुर के लिए 500, बस्तर, कांकेर और कोंडागांव के लिए 605-605, दंतेवाड़ा के लिए 590, सुकमा के लिए 490, नारायणपुर के लिए 480, बीजापुर के लिए 410, सूरजपुर और बलरामपुर-रामानुजगंज के लिए 530-530, कोरिया के लिए 570, सरगुजा के लिए 940, मुंगेली के लिए 600, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के लिए 350, बिलासपुर के लिए 1540 तथा राजनांदगांव के लिए 1340 सैंपल कलेक्शन एवं जांच का लक्ष्य रखा है।

प्रदेश भर में प्रतिदिन आरटीपीसीआर जांच के लिए 5405 और ट्रू-नाट विधि से जांच के लिए 3520 सैंपल संकलित किए जाएंगे। वहीं रैपिड एंटीजन किट से रोज 13 हजार से अधिक सैंपलों की जांच की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, शहरी व ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भी जिला स्तर पर प्रतिदिन रैपिड एंटीजन किट से जांच के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है।

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जिले के पचपेड़ी ग्रामीण क्षेत्र में चोरों ने शासकीय उचित मूल्य की दुकान(PDS) में चोरी की कोशिश की. लेकिन चोर चोरी करने में कामयाब नहीं हो सके. घटना के दौरान स्थिति ऐसी बनी कि चोरों को सारा चोरी का माल छोड़कर भागना पड़ा. घटना पचपेड़ी थाना अंतर्गत ग्राम खपरी की है. चोरों ने शासकीय उचित मूल्य के दुकान को निशाना बनाया. यहां से 68 बोरी चावल को चोर वाहन पर लादकर ले जाने लगे. लेकिन जिस वाहन में चोरी का माल भरा गया था वह रास्ते के एक गड्ढे में फंस गई. चोरी का माल लेकर जाते चोरों की वाहन जब गड्ढे में फंस गई तो चोरों ने लोड को कम करने के लिए 40 बोरी को खाली कर दिया. फिर भी गाड़ी वहां से नहीं निकल सकी. वाहन को निकालने की कोशिश में सुबह हो गई. अंत में चोर गाड़ी छोड़ कर मौके से फरार हो गए. सुबह गांव के सरपंच प्रतिनिधि की नजर गाड़ी पर पड़ी. जिसके बाद घटना का खुलासा हुआ.

गांव के लोगों को पता चला कि शासकीय उचित मूल्य केंद्र का ताला टूटा हुआ है. साथ ही दुकान से चावल की कई बोरियां भी गायब हैं. घटना की सूचना तत्काल राशन दुकान संचालक को दी गई है. संचालक दूसरे गांव में रहता है. शिकायत के आधार पर पचपेड़ी पुलिस ने चावल सहित गाड़ी को जब्त कर लिया है. फिलहाल चोरों की तलाश की जा रही है. गाड़ी के नंबर के जरिए चोरों को ट्रेस किया जा रहा है.

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जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आज यहां जिला पंचायत के सभाकक्ष में जांजगीर के लोकसभा सांसद श्री गुहाराम अजगले की अध्यक्षता एवं रायपुर के लोकसभा सांसद की सहअध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में बड़ी संख्या में हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई और इसे सुधारने के लिए जिले की एक विस्तृत ट्रेफिक सिस्टम प्लान तैयार करने का निर्णय लिया गया। निजी भागीदारी के सहयोग से जिला मुख्यालय में ट्रेफिक पार्क भी बनाया जायेगा। इसमंें यातायात सुरक्षा संबंधी विभिन्न उपायों का प्रदर्षन के साथ ही लोगों को सुरक्षित यातायात के लिए प्रषिक्षित किया जायेगा। बहुप्रतीक्षित बलौदाबाजार बायपास का निर्माण भी 15 सितम्बर के बाद शुरू होगा। इसके पूर्व अधिग्रहण मुआवजा राषि वितरित करने के निर्देष एसडीएम को दिये गये।नगरपालिका अध्यक्ष श्री चित्तावर जायसवाल सहित कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन और एसपी आईके एलेसेला, जिला पंचायत के सीईओ डाॅ. फरिहा आलम सिद्दकी सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी सोसल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये बैठक में उपस्थित थे।

बैठक में सड़क दुर्घटना को न्यूनतम करने के लिये विभिन्न उपायों पर विस्तृत रूप से विचार-विमर्ष किया गया। समिति ने दुर्घटना के कारणों को जाना और बड़ी कठोरता के साथ नियमों का पालन करने के निर्देष दिये। दुर्घटना जन्य ब्लेक स्पाॅट का नये सिरे से सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया गया। विभागीय अधिकारियों के साथ विषेषज्ञ इंजीनियर भी इसमें शामिल होंगे। गिधौरी चैक सहित अन्य प्रमुख चैक चैराहों पर हाई रिजाजुषन वाले कैमरा लगाने का निर्णय लिया गया। ट्रेफिक जागरूकता के लिए भी जनजागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। विषेषकर स्कूली बच्चों को मनोरंजक वीडियो के जरिये यातायात नियमों की जानकारी दी जायेगी। ग्राम सभा की बैठकों में भी यातायात नियमों के बारे में बताया जायेगा। रिसदा बाईपास से लेकर श्री सिमेन्ट तक रोड में बेतरतीब गाड़ियां खड़ी होती हैं, जो कि दुर्घटना का एक बड़ा कारण हैं। यहां नियमित रूप से अभियान चलाकर कठोर कार्रवाई के निर्देष दिये गये। बार-बार गलती दोहराने पर गाड़िया राजसात भी की जायेंगी। सड़क किनारे के अवैध अतिक्रमण भी सड़क दुर्घटना के बड़े कारण बनते हैं। ऐसे अतिक्रमण की पहचान कर उन्हें बेदखली की कार्रवाई की जानी चाहिये। ओव्हरलोडिंग के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देष दिये गये। ओव्हरलोडिंग से जहां दुर्घटना की आषंका होती है, वहीं सड़क भी जल्दी खराब हो जाती है। वाहनों की लाईट, बैक लाईट एवं नम्बर प्लेट भी समुचित होने चाहिये। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने बैठक की कार्रवाई का संचालन किया। उन्होंने बैठक में सड़क सुरक्षा की वर्तमान स्थिति से समिति को अवगत कराया।

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