अगर आप भी ३६नॉकआउट की छत्तीसगढ़ की दिन भर की प्रमुख ख़बरें एक पेज एक लिंक अपने सीधे अपने मोबाइल व्हाट्सएप्प पर चाहते हैं तो कृपया 9424276027 पर HELLO CG लिख कर व्हाट्सएप्प करें

detail news only from Chhattishgarh ,dated: ४ अक्टूबर २०२०

👉 READ MORE


आईसीएमआर (Indian Council of Medical Research) ने छत्तीसगढ़ के दस जिलों में संपन्न सीरो सर्विलेंस की रिपोर्ट जारी की है। सर्विलेंस में प्रदेश के 5.56 प्रतिशत लोगों के शरीर में कोरोना संक्रमण के विरुद्ध लड़ने वाले एंटीबॉडीज की मौजूदगी पाई गई है। आईसीएमआर की टीम द्वारा सीरो सर्विलेंस के लिए दस जिलों से कुल 5083 सैंपल संकलित किए गए थे। इनमें से 283 सैंपलों में एंटीबॉडीज मिली हैं। इनमें आम लोगों के 97 और उच्च जोखिम समूह के 186 सैंपल शामिल हैं।

सीरो सर्विलेंस के लिए हर जिले से आम नागरिकों के औसतन 240 और उच्च जोखिम वर्गों से 260 सैंपल लिए गए थे। आईसीएमआर, नई दिल्ली और आरएमआरसी (Regional Medical Research Centre), भुबनेश्वर द्वारा राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से दस जिलों के 20 विकासखंडों के 60 क्लस्टर्स में सीरो सर्विलेंस के लिए सैंपल संकलित किए गए थे। सर्विलेंस के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों से सैंपल लिए गए थे। सीरो सर्विलेंस की रिपोर्ट के अनुसार रायपुर जिले के 13.06 प्रतिशत, राजनांदगांव के 3.75 प्रतिशत, दुर्ग के 8.61 प्रतिशत, बिलासपुर के 7.2 प्रतिशत, जशपुर के 1.51 प्रतिशत, बलौदाबाजार-भाटापारा के 5.57 प्रतिशत, बलरामपुर-रामानुजगंज के 1.74 प्रतिशत, कोरबा के 2.79 प्रतिशत, जांजगीर-चांपा के 8.2 प्रतिशत और मुंगेली के 3.64 प्रतिशत लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज पाई गई हैं।

सीरो सर्विलेंस के दौरान रायपुर जिले के दो विकासखंडों के तीन-तीन क्लस्टर्स में संकलित कुल 505 सैंपलों में से 66 पॉजिटिव पाए गए हैं। तिल्दा विकासखंड से लिए गए 158 सैंपलों में से 13 और धरसींवा (रायपुर) विकासखंड से संकलित 347 सैंपलों में से 53 एंटीबॉडी पॉजिटिव पाए गए हैं। राजनांदगांव जिले से लिए गए 506 सैंपलों में से 19 पॉजिटिव हैं। राजनांदगांव विकासखंड से संकलित 321 में से 15 तथा डोंगरगढ़ विकासखंड के 185 सैंपलों में से चार पॉजिटिव पाए गए हैं। दुर्ग जिले में लिए गए 499 सैंपलों में से 43 में एंडीबॉडीज की मौजूदगी पाई गई है। दुर्ग विकासखंड में संकलित 248 सैंपलों में से 25 तथा पाटन विकासखंड के 251 सैंपलों में से 18 पॉजिटिव पाए गए हैं।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

अविभाजित बिलासपुर जिले के 500 सैंपलों में से 36 में एंडीबॉडीज मिले हैं। बिल्हा (बिलासपुर) विकासखंड के 282 में से 28 और पेंड्रा विकासखंड के 218 में से आठ सैंपल पॉजिटिव हैं। जशपुर जिले के 524 सैंपलों में से आठ पॉजिटिव पाए गए हैं। वहां जशपुर विकासखंड से संकलित 333 में से पांच में और फरसाबहार विकासखंड के 191 में से चार सैंपलों में एंटीबॉडीज मिले हैं। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में लिए गए 502 सैंपलों में से 28 एंटीबॉडी पॉजिटिव हैं। भाटापारा विकासखंड के 196 सैंपलों में से छह एवं बलौदाबाजार विकासखंड के 306 सैंपलों में से 22 पॉजिटिव पाए गए हैं। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के 515 सैंपलों में से नौ पॉजिटिव मिले हैं। बलरामपुर विकासखंड के 334 सैंपलों में से पांच तथा रामचंद्रपुर के 181 में से चार में एंटीबॉडीज मिले हैं।

सीरो सर्विलेंस के लिए कोरबा जिले से संकलित 537 सैंपलों में से 15 पॉजिटिव पाए गए हैं। कोरबा विकासखंड के 373 में से 11 और कटघोरा विकासखंड के 164 में से चार सैंपल पॉजिटिव हैं। जांजगीर-चांपा जिले के 500 सैंपलों में से 41 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। नवागढ़ (जांजगीर) विकासखंड के 171 में से 16 एवं बम्हनीडीह (चांपा) विकासखंड के 329 में से 25 सैंपलों में एंटीबॉडीज मिली हैं। सर्विलेंस के लिए मुंगेली जिले से लिए गए 495 सैंपलों में से 18 एंटीबॉडी पॉजिटिव हैं। वहां पथरिया विकासखंड के 206 में से तीन तथा मुंगेली विकासखंड के 289 में से 15 सैंपलों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

********Advertisement********



👉 READ MORE


स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार रायपुर 308, दुर्ग 234, रायगढ़ 219, कोरबा 204, जांजगीर 174, बिलासपुर 149, बस्तर 123, राजनांदगांव 109, कोरिया 104, दंतेवाड़ा 101, बलरामपुर 79, बालोद 72, कांकेर 70, बीजापुर 68, धमतरी 65, मुंगेली 61, बेमेतरा 57, महासमुंद 56, सुकमा 45, सूरजपुर 46, सरगुजा 49, बलौदाबाजार 44, कोंडागांव 39, कवर्धा 35, नारायणपुर 33, गरियाबंद 24, जशपुर 22, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही 14 और अन्य राज्य 06 मरीज शामिल हैं।





छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

********Advertisement********



👉 READ MORE


कोरोना संकट काल में भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने के दूर-दर्शितापूर्ण निर्णय के सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। सितम्बर माह में देश के अन्य राज्यांे की तुलना में जीएसटी कलेक्शन के मामले में छत्तीसगढ़ में दूसरी सबसे बड़ी ग्रोथ दर्ज की गई है। छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष सितम्बर माह की तुलना में वर्ष 2020 के सितम्बर माह में जीएसटी कलेक्शन में 24 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई। वर्ष 2019 सितंबर माह में छत्तीसगढ़ में जीएसटी कलेक्शन 1490 करोड़ रुपए था, जो वर्ष 2020 सितंबर माह में कोरोना संकट के बावजूद बढ़कर 1841 करोड़ रुपए हो गया।

केन्द्रीय वित्त मंत्रालय से जारी जीएसटी संग्रह के ताजा आंकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर 30 प्रतिशत की टैक्स कलेक्शन ग्रोथ के साथ प्रथम स्थान पर है, जबकि छत्तीसगढ़ 24 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ दूसरे स्थान पर है। राजस्थान में पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत, हरियाणा में 15 प्रतिशत, दिल्ली में 7 प्रतिशत, गुजरात में 6 प्रतिशत, पंजाब में 5 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 4 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 0.05 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।

छत्तीसगढ़ में पूरे लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के ग्रामीण और वन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां लगातार चलती रहीं। ग्रामीणों और वनवासियों को लगातार रोजगार मिलता रहा। लोगों की जेब में पैसा आया तो इसका लाभ उद्योग और व्यापार जगत को भी मिला। संकट-काल में ग्रामीण क्षेत्रों में जो आर्थिक तरलता बनी रही, उसका लाभ हमारे उद्योगों को भी मिला। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद जैसे ही अनलॉक हुआ तो प्रदेश के आर्थिक विकास से फिर से रफ्तार पकड़ ली। अनलॉक के शुरुआती दौर में ही प्रदेश के 80 प्रतिशत से ज्यादा उद्योगों खुल चुके हैं, और हर दिन न सिर्फ संख्या में, बल्कि दिन-प्रति-दिन उत्पादन क्षमता में भी इजाफा हो रहा है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

वन क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में देश का सर्वाधिक लघु वनोपजों का संग्रहण हुआ। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 31 कर दी गई है। तेंदूपत्ता का संग्रहण पारिश्रमिक पहले ही बढ़ाकर 4000 रुपए मानक बोरा कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के तहत एक दिन में अधिकतम 26 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। इन सभी गतिविधियों के कारण संकट-काल में भी पूरे प्रदेश में आर्थिक प्रवाह बना रहा।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 19 लाख किसानों के खातों में चार किश्तों में 5750 करोड़ रुपए सीधे अंतरित की जाएगी, इसमें से दो किश्तों में 1500-1500 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में अंतरित की जा चुकी है। इस योजना से मिले संबंल से किसान पूरे जोश के साथ खेतों में जुटे हुए हैं। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी के एवज में पशुपालकों और ग्रामीणों को लगभग 21 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया। नयी सरकार के किसानों की ऋण माफी, 2500 रुपए प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी, सिंचाई कर की माफी जैसे उपायों ने भी अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यही वजह है कि लॉकडाउन के दौरान भी छत्तीसगढ़ का आर्थिक इंजन बंद नहीं हुआ। ऐतिहाती उपायों के साथ ज्यादा से ज्यादा उद्योगों को संचालन की अनुमति दी गई। उद्योगों के सामने उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए उन्हें बिजली के बिलों के भुगतान में रियायतें दी गई। इस साल बिजली की दरें और नियम शर्तें भी ज्यों की त्यों रखी गईं।

कोरोना संकट के दौरान रियल इस्टेट सेक्टर को सक्रिय बनाए रखने के लिए जमीनों की खरीदी-बिक्री की शासकीय गाइड लाइन दरों में 30 प्रतिशत की छूट दी गई। आटो मोबाइल सेक्टर में भी बेहतर कारोबार हुआ। लॉक डाउन के दौरान भी प्रदेश की कोयला खदानों और इस्पात उद्योगों में उत्पादन जारी रहा। नये वातावरण में, नये बदलावों के साथ शासन-तंत्र अब फिर से नयी ऊर्जा के साथ सक्रिय हो चुका है।

********Advertisement********



👉 READ MORE


छत्तीसगढ़ में 2 अक्टूबर से शुरू कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर कोविड-19 के लक्षणात्मक मरीजों की पहचान करेगी। अभियान के लिए ग्रामीण और शहरी इलाकों में मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के मैदानी अमले की ड्यूटी लगाई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सर्वे दलों को अभियान के दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के सभी उपायों और प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश भर में यह सघन अभियान 12 अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा।

अभियान के दौरान घर-घर जाकर सघन सामुदायिक सर्वे कर कोविड-19 के सभी मरीजों की जल्द से जल्द पहचान कर त्वरित उपचार सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही आइसोलेशन के जरिए संक्रमण की श्रृंखला भी तोड़ी जाएगी। अभियान के लिए गठित सर्वे दल क्षेत्रवार घरों में भ्रमण कर कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले लोगों की जानकारी जुटाएगी। जानकारी के आधार पर खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा इनकी जांच की व्यवस्था की जाएगी। बुखार, सर्दी, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बदन दर्द, दस्त तथा उल्टी, सूंघने या स्वाद की क्षमता घटने जैसे लक्षणों वाले व्यक्तियों को संदिग्ध मरीजों की श्रेणी में रखा जाएगा।

कोरोना के संदिग्ध मरीजों की संख्या ज्यादा होने पर प्राथमिकता के आधार पर उच्च जोखिम समूहों की पहले जांच की जाएगी। 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, किडनी रोग, कैंसर, टी.बी., सिकलसेल एवं एड्स के पीड़ितों को उच्च जोखिम वर्ग में शामिल किया गया है। उच्च जोखिम समूह के लक्षणात्मक व्यक्तियों की रैपिड एंटीजन जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर ऐसे सभी व्यक्तियों के सैंपल की आरटीपीसीआर जांच करवाई जाएगी।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

********Advertisement********



👉 READ MORE


नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया ने शनिवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान विवादित बयान दिया है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में हुई दुष्कर्म की वारदात को एक छोटी घटना बताया है. मंत्री से जब बलरामपुर में किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म मामले को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये छोटी घटना है. इसके बाद वे अपने बयान को सुधारते हुए भी नजर आए. बता दें कि बलरामपुर में एक किशोरी को नशीली दवा खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया है. जिसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है.

मंत्री शिव डहरिया हाथरस की घटना को लेकर एक प्रेस वार्ता कर रहे थे. इस दौरान उनकी जुबान फिसल गई. इस दौरान शिव डहरिया ने पूर्व सीएम रमन सिंह पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हाथरस घटना को लेकर देश सहित प्रदेश में आक्रोश है. कांग्रेस इस मामले को लेकर आने वाले समय में आंदोलन की तैयारी में है. लेकिन भाजपा इस पर कुछ नहीं बोल रही है. इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने भाजपा के नेताओं पर भी इस मामले में चुप्पी साधने का आरोप भी लगाया है

छत्तीसगढ़ के इस मंत्री के बयान ने विवाद खडा कर दिया है,भाजपा से लेकर सोशल मीडिया में इसकी आलोचना शुरू हो गयी है . मंत्री जी ने बैठा बिठाये विपक्ष को एक मुद्दा दे दिया है ,जहाँ कांग्रेस हाथरस को ले कर आन्दोलन की तैयारी कर रही है ,भाजपा मने मंत्री जी के इस बयान पर तंज कसना चालू कर दिया है

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

.


  • ********Advertisement********



    👉 READ MORE


    बलरामपुर की घटना को लेकर मंत्री शिव डहरिया के विवादित बयान को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। उनके बयान पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने तंज कसा है। उन्होंने मंत्री डहरिया के बयान को अशोभनीय बताते हुए पूछा है कि अगर बलरामपुर की घटना छोटी है तो बड़ी घटना कौन सी है? साथ ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को छत्तीसगढ़ आने का आमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा है कि बलरामपुर में पीड़ित का हाल राहुल-प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ आएं, प्लेन का टिकट भाजपा मुहैया कराएगी।

    वहीं दूसरी ओर मंत्री डहरिया के बयान को लेकर भाजपा ने ट्वीट कर उन्हें छत्तीसगढ़ का 'मुलायम सिंह यादव' बताया है। भाजपा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में हुआ दुष्कर्म छोटी घटना है! कैबिनेट मंत्री शिव डहरियाजी को जानते ही हैं आप। प्रदेश का अपना ‘मुलायम सिंह यादव।’ बच्चों से ग़लतियां हो जाती टाइप।

    बता दें कि शनिवार को मंत्री शिव डहरिया ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि हाथरस की घटना को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह ट्वीट क्यों नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इतनी बड़ी घटना को लेकर क्यों चुप्पी साध ली है और बलरामपुर में हुई छोटी सी घटना को लेकर वे लगातार बयानबाजी कर रहे हैं।

    छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

    ********Advertisement********



    👉 READ MORE


    भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश के श्रम मंत्री शिव डहरिया के उस कथन को प्रदेश की बेटियों के प्रति कलंकपूर्ण मानसिकता का परिचायक बताया है, जिसमें मंत्री डहरिया ने सरगुजा संभाग के बलरामपुर में एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए गैंगरेप को ‘छोटी-मोटी घटना’ बताकर हैवानियत और दरिंदगी को हल्के में लिया है। श्री साय ने कहा कि इस शर्मनाक कथन के लिए मंत्री डहरिया प्रदेश की मातृ-शक्ति से नि:शर्त क्षमायाचना करें और राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मंत्री पद से डहरिया को तत्काल बर्ख़ास्त करने कहें।

    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने हाथरस मामले में राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा के राजनीतिक ड्रामे पर कटाक्ष कर कहा कि छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म के मामलों पर कुछ कहने के बजाय भाई-बहन मुँह बंद कर बैठे हैं! बेटी तो बेटी होती है, चाहे वह हाथरस की हो या छत्तीसगढ़ की; फिर कांग्रेस क्यों दुष्कर्म मामलों में दोहरे राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन कर रही है? श्री साय ने कहा कि बार-बार हाथरस जाकर सियासी नौटंकी रचने पर आमादा राहुल-प्रियंका के एजेंडे में छत्तीसगढ़ के पीड़ित-परिवारों से मिलना क्या इसीलिए शामिल नहीं है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। छत्तीसगढ़ के ही जशपुर ज़िले के बगीचा थाना क्षेत्र में एक 63 वर्षीया वृद्ध महिला के साथ हुए सामूहिक अनाचार के मामले का जिक्र कर श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार के नाकारापन के चलते राज्य में नाबालिग बेटियों से लेकर वृद्ध महिलाओं तक की अस्मत और जान साँसत में है।

    छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने राहुल-प्रियंका को छत्तीसगढ़ आकर पीड़ित परिवारों से मिलने और इंसाफ़ दिलाने की पहल करने को कहा है और यह प्रस्ताव रखा है कि उनके आने-जाने का खर्च वहन करने को भाजपा तैयार है। श्री साय ने कहा कि बेटियों के साथ हो रही हैवानियत को भी कांग्रेस राजनीतिक नज़रिए से भुनाकर अपने मानसिक दीवालिएपन का परिचय देकर प्रदेश को शर्मसार करने में लगी है। छत्तीसगढ़ में पिछले एक सप्ताह में घटीं दुष्कर्म की घटनाओं पर संजीदा होने के बजाय मंत्री डहरिया ने अपनी संवेदनहीनता का प्रदर्शन किया है। समूचा प्रदेश महिलाओं की अस्मत और जान से हो रहे घिनौने खिलवाड़ से क्षुब्ध है और प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोग राजनीतिक पाखंड रचते हुए ज़रा भी शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं।


    ********Advertisement********



    👉 READ MORE


    छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा छत्तीसगढ़ के राज्यपाल सूची अनुसुइया उइके को लिखे गए नक्सली समस्या पर पत्राचार को राजनीतिक नौटंकी करार दिया और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को पत्र लिखने के जगह पश्चाताप करना चाहिये और प्रदेश की जनता से नक्सलवाद को फैलाने के लिए माफी भी मांगनी चाहिये रमन राज के 15 सालों में नक्सलवाद जो कि बस्तर के कुछ ही जगह में था बढ़कर समूचे छत्तीसगढ़ में फैल गया,डॉ रमन सिंह के गृह जिले राजनांदगांव में भी नक्सलियो ने अपना मजबूत पकड़ बना लिया था और पूरे विश्व में छत्तीसगढ़ की छवि नक्सलियों के गढ़ के रूप में की जाने लगी थी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह नक्सलियों को माटी पुत्र,धरतीपुत्र कहकर संबोधित करते थे जबकि नक्सली सीआरपीएफ सेना पुलिस के जवान आदिवासियों और अन्य लोगों की निर्मलता से हत्या किया करते थे वर्तमान समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुशासन के चलते छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सली हमलों में 48% की कमी आई इसका कारण यह था कि बस्तर में किसानों को की भाजपा सरकार द्वारा बलात अधिग्रहित की गई अट्ठारह सौ एकड़ जमीन को उन्हें वापस कर दिया गया जिसमें वह फसल जाकर 2500 रु धान समर्थन मूल्य प्राप्त कर रहे हैं बस्तर और बस्तरवासियों का विकास देखकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह बेचैन हो उठे हैं और अपने 15 सालों के असफलताओं को छुपाने और पर्दा डालने के लिए राज्यपाल को पत्राचार कर रहे हैं जबकि उन्हें नक्सलवाद को फैलाने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की आवश्यकता है कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को उनके समय उनके शासनकाल में हुए नक्सली हमलों को याद दिलाते हुए सिलसिलेवार आंकड़े जारी करते हुए बताया कि-

    छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर


    28 अप्रैल 2019
    छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में नक्सलियों ने पुलिस जवानों पर हमला किया। हमले में दो पुलिस जवान शहीद हो गए तथा एक ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया है।
    19 मार्च 2019
    छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में उन्नाव के रहने वाले सीआरपीएफ जवान शशिकांत तिवारी शहीद हो गए। घात लगाकर हुए इस हमले में पांच अन्य लोग घायल भी हो गए।
    24 अप्रैल 2017
    छत्तीसगढ़ के सुकमा में लंच करने को बैठे जवानों पर घातक हमला हुआ जिसमें 25 से ज्यादा जवान शहीद हो गए।
    1 मार्च 2017
    सुकमा जिले में अवरुद्ध सड़कों को खाली करने के काम में जुटे सीआरपीएफ के जवानों पर घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में 11 जवान शहीद हो गए और 3 से ज्यादा घायल हो गए।
    11 मार्च 2014
    झीरम घाटी के पास ही एक इलाके में नक्सलियों ने एक और हमला किया। इसमें 15 जवान शहीद हुए थे और एक ग्रामीण की भी इसमें मौत हो गई थी।
    12 अप्रैल 2014
    बीजापुर और दरभा घाटी में आईईडी ब्लास्ट में पांच जवानों समेत 14 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में सात मतदान कर्मी भी थे। हमले में सीआरपीएफ के पांच जवानों समेत एंबुलेंस चालक और कंपाउंडर की भी मौत हो गई थी।
    दिसंबर 2014
    सुकमा जिले के चिंतागुफा इलाके में एंटी-नक्सल ऑपरेशन चला रहे सीआरपीएफ के जवानों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया दिया था। नक्सलियों के इस हमले में 14 शहीद हो गए थे जबकि 12 लोग घायल हो गए थे।

    25 मई 2013 झीरम घाटी हमला : नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला कर दिया था जिसमें कांग्रेस के 30 नेता व कार्यकर्ताओ की शहादत हुई थी।नक्सलियों ने सबसे पहले सड़क पर ब्लास्ट किया और फिर काफिले पर अंधाधुंध फायरिंग कर दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल,तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल,महेन्द्रकर्मा,उदय मुदलियार,दिनेश पटेल,योगेंद्र शर्मा समेत 30 से ज्यादा कांग्रेसी शहीद हुवे थे।
    6 अप्रैल 2010
    दंतेवाड़ा हमला : दंतेवाड़ा जिले के ताड़मेटला में यह हमला सुरक्षाकर्मियों पर हुआ यह हमला देश का सबसे बड़ा नक्सली हमला है। इसमें सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे। सीआरपीएफ के करीब 120 जवान तलाशी अभियान चला रहे थे तभी उन पर घात लगाकर करीब 1000 नक्सलियों हमला कर दिया था। इस हमले में 76 जवान शहीद हो गए थे।
    12 जुलाई 2009
    छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में घात लगाकर किए गये नक्सली हमले में पुलिस अधीक्षक वीके चौबे सहित 29 जवान शहीद हुवे थे।

    कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के नक्सल विरोधी पत्राचार और प्रलाप को राजनीतिक नौटंकी बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के कम समय के शासनकाल में ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुशासन के चलते बस्तर अब मुख्यधारा से जुड़ कर विकास की ओर अग्रसर हो रहा है बस्तर वासियों पर अपनी पकड़ ढीली देख नक्सली भी आप बौखला उठे है।बस्तरवासी गोधन या योजना के तहत गोबर की बिक्री कर रहे हैं नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना के तहत अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं और 2500 रु धान समर्थन मूल्य पाकर वह पिछले 15 साल के पूर्ववर्ती रमन राज के दंश को भूलने का भी प्रयास कर रहे हैं यह सभी बात पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह और भारतीय जनता पार्टी को नागवार गुजर रही है बस्तर में सम्पन्न दो विधानसभा के उपचुनाव,नगर निगम,नगर पालिका,पंचायत के चुनावों में भी करारी पराजय के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह अपने आप को आदिवासी हितैषी साबित करने में तुले हुवे है,पर आदिवासियों के साथ उन्होंने अपने पंद्रह वर्ष के शासन काल मे घोर अन्याय और अत्याचार किया है।जिसके लिये उन्हें प्रायश्चित करने की आवश्यकता है।

    ********Advertisement********



    👉 READ MORE


    कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि रमन सिंह 15 साल अपनी गलत नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ में माओवाद को खाद पानी देने और फलने-फूलने के लिये जिम्मेदार रहे। अचानक रमन सिंह द्वारा गहरी तंद्रा से जागकर राज्यपाल को पत्र लिखने पर प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह के 15 साल के शासन काल में दक्षिण बस्तर 3 ब्लाक तक सीमित माओवाद ने बढ़ते-बढ़ते प्रदेश के 14 जिलों को अपने गिरफ्त में ले लिया। झीरम, पेद्दागेल्लूर, सारकेगुड़ा, चिंतागुफा और ताड़मेटला जैसी घटनायें हुयी। रमन सिंह सरकार में 15 वर्ष में (औसत 73 से अधिक प्रतिवर्ष) 1099 सुरक्षा बलों के जवान-अधिकारी शहीद हुये और 1442 नागरिक (औसत 96 से अधिक प्रतिवर्ष) मारे गये। जबकि कांग्रेस की सरकार में 2019 में 21 और 2020 में 32 सुरक्षा बलों के जवान-अधिकारी कुल 53 (औसत 27 से भी कम प्रतिवर्ष) और 2019 में 46 और 2020 में 39 कुल 85 नागरिक (औसत 43 से भी कम प्रतिवर्ष)। रमन सिंह द्वारा झूठे आंकड़ों और दावों के साथ राज्यपाल को पत्र लिखना और माओवाद को लेकर आरोप सिर्फ झूठ फरेब और गलत आंकड़ेबाजी की साजिशों की राजनीति मात्र है।

    रमन सिंह जैसे भाजपा नेताओं को इस बारे में सोचना चाहिये कि बस्तर में जो अप्रिय स्थिति, आदिवासियों के लिये जो निरंतर खतरनाक स्थिति भाजपा सरकार ने निर्मित की उसके लिये सबसे पहले भाजपा सरकार के 15 साल मुखिया रहे, रमन सिंह जी को प्रदेश की जनता से क्षमा याचना करना चाहिये। प्रदेश के लोगों से क्षमा याचना मांगने के पहले माओवाद के बारे में कुछ बोलने का रमन सिंह जी और भाजपा नेताओं को कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

    छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

    कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आज बस्तर में जो स्थितियां बेहतर हुई हैं। आदिवासियों का जनजीवन सुरक्षित हुआ है लेकिन यह बात रमन सिंह को हजम नहीं हो रही है क्योंकि साफ़ दिख रहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा में बढ़ोत्तरी के पीछे उनकी ग़लत नीतियां ही थीं।

    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह की खुद की सरकार में तो लगातार माओवाद का विस्तार हुआ और माओवाद का विस्तार करने वाले कारणों को बढ़ावा दिया गया और उसके बाद कांग्रेस सरकार बनने के बाद भाजपा की केन्द्र सरकार ने सीआरपीएफ के बटालियनों को यहां से हटा लिया। अब वे बटालियन खाली हो गयी है, लेकिन रमन सिंह जैसे छत्तीसगढ़ विरोधी नेताओं के कारण इन बटालियनों को यहां अभी तक नहीं भेजा गया है।

    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह जी जैसे कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराने के लिये चिट्ठी लिखने वाले नेता अपने गिरेबान में झांक कर देखें। रमन सिंह जिम्मेदार है छत्तीसगढ़ में माओवाद विस्तार के लिये, माओवाद के फलने-फूलने के लिये। छत्तीसगढ़ में माओवाद के बढ़ने के लिये भाजपा सरकार की गलत नीतियां और भाजपा के नेताओं की माओवादियो से मिलीभगत जिम्मेदार रही है। कांग्रेस ने तो अपनी पूरी पीढ़ी को गंवाया है, माओवादियों के हाथों। रमन सिंह को ये पत्र लिखने के पहले अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिये। सारकेगुड़ा की जो रिपोर्ट सामने आई थी उससे छत्तीसगढ़ का हर संवेदनशील नागरिक शर्मिंदगी महसूस कर रहा है लेकिन भाजपा के माथे पर शिकन तक नहीं आई। यह घटना उनके कार्यकाल की है और आयोग का गठन भी उन्हीं की सरकार ने किया था।

    ********Advertisement********



    👉 READ MORE


    पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम.अवस्थी द्वारा स्पंदन कार्यक्रम के अंतर्गत स्पेशल इंटरेक्शन प्रोग्राम के तहत विडियो कॉल के माध्यम से आरक्षक से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों से पुलिसिंग के संबंध में संवाद करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत पहला संवाद कार्यक्रम 07 अक्टूबर 2020 को रखा गया है, जिसमें उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों से चर्चा की जायेगी। इसके पश्चात् अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक एवं आरक्षक स्तर के अधिकारी-कर्मचारियों से पृथक-पृथक सप्ताहवार चर्चा की जायेगी। उक्त चर्चा हेतु तिथि एवं समय पृथक से निर्धारित किया जायेगा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ पुलिस के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों से चर्चा कर पुलिसिंग को और अधिक बेहतर बनाना है, जिससे आम जनता को पुलिसिंग के माध्यम से और बेहतर सेवा मिल सके।

    छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

    ********Advertisement********



    👉 READ MORE


    संचालक मछली पालन छत्तीसगढ़ ने राज्य के मत्स्य पालक कृषकों से मछली पालन के नाम पर होने वाली ठगी से सावधान रहने की अपील की है। संचालक मछली पालन ने कहा है कि प्रदेश में कुछ अशासकीय संस्थाओं एवं फर्मों द्वारा मत्स्य कृषकों की भूमि पर तालाब निर्माण करवाकर मछली पालन का व्यवसाय करने के संबंध में प्रलोभन दिए जाने की शिकायत विभाग को मिली है। इन संस्थाओं द्वारा मत्स्य कृषकों से एक बड़ी राशि लेकर उनकी भूमि पर मत्स्य पालन का व्यवसाय करने एवं उन्हें एक निश्चित मासिक आय की भी लालच दी जा रही है। कान्ट्रेक्ट फार्मिंग या राशि दोगुना करने का प्रस्ताव अशासकीय संस्थाओं एवं फर्मों द्वारा कृषकों को दिया जा रहा है।

    संचालक मछली पालन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन के मछली पालन विभाग अथवा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ऐसी किसी भी योजना को प्रमाणित नहीं किया गया है। मत्स्य कृषकों से अपील की गई है कि इस तरह के प्रलोभन से बचें। अशासकीय संस्थाओं/फर्मों की किसी भी योजना में स्वयं विचार कर, वैधानिक एवं आर्थिक पक्षों को भली-भांति समझ-बूझ कर ही राशि का निवेश करें अन्यथा शासन या मछली पालन विभाग इसके लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होगा।

    छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

    ********Advertisement********



    👉 READ MORE


    आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित प्रयास बालक और कन्या आवासीय विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम एवं असाइनमेंट संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

    सचिव, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास द्वारा सभी जिलों के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास और प्रशासकीय अधिकारी प्रयास बालक और कन्या आवासीय विद्यालय को जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कोरोना वायरस कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शालाओं के प्रारंभ होने की अनिश्चितता और शैक्षणिक कार्य दिवस में कमी को देखते हुए कक्षा दसवी और बारहवीं के मुख्य विषयों के पाठ्यक्रम में 30 से 40 प्रतिशत की कटौती कर असाइनमेंट के माध्यम से मूल्यांकन किए जाने का निर्णय लिया गया है। कक्षा दसवी और बारहवीं के लिए असाइनमेंट प्रत्येक माह के अंतिम कार्य दिवस में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के वेबसाइट पर आॅनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। इसकी सूचना विद्यार्थियों को संबंधित अधिकारियों द्वारा वाट्सअप, मेल, डाक के माध्यम से उपलब्ध कराना है। विद्यार्थी असाइनमेंट का कार्य 10 दिवस में पूर्ण कर वाट्सअप, मेल, डाक (स्पीड पोस्ट या रजिस्टर्ड) के माध्यम से विद्यालय में जमा करेंगे।

    प्रशासकीय अधिकारी संबंधित शिक्षक से 5 दिवस में मूल्यांकन पूर्ण कर अंकों की प्रविष्टि निर्धारित समय-सीमा में मंडल की पोर्टल पर कराएंगे। प्रशासकीय अधिकारी माहवार, विद्यार्थीवार असाइनमेंट का रिकार्ड संधारित कर संपूर्ण कार्य का मूल्यांकन और माॅनिटरिंग करेंगे और समय-समय पर मुख्यालय को भी अवगत कराएंगे।

    छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

    ********Advertisement********



    👉 READ MORE


    हमें असफलता से कभी हारना नहीं चाहिए लगातार प्रयास करना चाहिए। हारते वह है जो प्रयास करना छोड़ देते हैं। मै भी कई बार असफल होने के बाद सफल बना। इस आशय के विचार आज “संघर्ष करना सीखो” विषय पर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित वेबीनार में रायपुर के अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी विनीत नंदनवार ने व्यक्त किए। प्रदेश के तीन हजार से भी अधिक लोगो ने उन्हें सुना। उन्होंने रायपुर, बस्तर व सरगुजा संभाग के बच्चों से सीधा संवाद कर उनके प्रश्नों के जवाब भी दिए। उल्लेखनीय है कि जिस बस्तर हाईस्कूल में उन्होंने पढ़ाई की वहां के शिक्षकों और बच्चों ने उनसे आॅनलाईन बातचीत की, तो दोनों तरफ का वातावरण खुशनुमां हो गया।

    विद्यार्थियों के साथ प्रेरक चर्चा में श्री नंदनवार ने बताया कि उनका जन्म जगदलपुर में हुआ और बस्तर हाईस्कूल से प्रारंभिक शिक्षा एवं धरमपुरा काॅलेज में स्नातक हिन्दी माध्यम से हुई। सेंटबोरिस का अर्थ सरकारी स्कूल के चटाई में बैठकर पढ़ाई की। वर्ष 2004 में शिक्षाकर्मी के साक्षात्कार में फेल हो गए। उन्होंने कहा कि असफला से हम कभी हारते नहीं है, हारते वह है जो प्रयास करना छोड़ देते है। सफल व्यक्ति आंतरिक रूप से हमेशा प्रेरित होते रहते है। किसी भी सफलता के लिए मार्गदर्शक होना आवश्यक है। एक रास्ता बंद हो जाए तो दूसरी, फिर तीसरी योजना में कार्य करना चाहिए। तीन बार आईएएस की परीक्षा में फेल हुए, फिर भी लगातार पाँच वर्षों से लगातार दस-बारह घंटे पढ़ाई किया फिर वर्ष 2013 में छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस बने।

    उन्होंने बताया कि सफलता के लिए सपने देखना होगा, बशर्ते सपने शेख चिल्ली जैसे न देखे। धैर्य बनाकर सही समय, सही दिशा में सार्थक प्रयास से सफलता अवश्य हासिल होगी। सतत् रूप से पढ़ाई करें। सुबह के समय दिमाग सबसे सक्रिय रहता है सुबह के समय पढ़ाई करें। अपने सबसे अच्छा समय का उपयोग करें। सतत् रूप से एक कार्य को लगातार न करें जबकि संघर्ष विराम फिर संघर्ष के सूत्र पर कार्य करें। विषय की समझ नहीं, विषय की स्पष्ट समझ विकसित करें। दस किताब पढ़ने के स्थान पर एक किताब को दस बार पढ़े, क्या पढ़ना आवश्यक और क्या छोड़ना है इसे आवश्यकता के आधार पर प्राथमिकता प्रदान करें। रात में अथवा सुबह दिनभर के समय के लिए कार्ययोजना बनाएं फिर शाम को उसका आत्म मूल्यांकन करें। गलतियों को सुधारियें, गलतियों को बार बार न दोहराएं।

    स्टेट मीडिया सेंटर के नोडल अधिकारी प्रशांत पाण्डेय ने वेबीनार का संचालन किया। शिक्षा सलाहकार सत्यराज अय्यर ने बच्चों से साक्षात्कार कराया। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के उप सचिव जे. के. अग्रवाल ने आभार प्रदर्शन किया। क्रमांक 4196/चतुर्वेदी

    छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

    .

    ********Advertisement********