one short news only from Chhattishgarh ,dated: 05 MAY 2020




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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में और 15 नवंबर 2018 को प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में सत्ता में आने के 10 दिनों के भीतर किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था। शपथ लेने के 10 दिन के भीतर नहीं 1 दिन के भीतर नहीं शपथ लेते ही राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई और किसानों की कर्ज माफी का फैसला लिया गया।

प्रदेश कांग्रेश संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र का हर समय बाद वादा कांग्रेस सरकार ने समय पर पूरा किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस को राज्य में 5 साल के लिए तीन चौथाई बहुमत से जनादेश मिला है । कांग्रेस अपने 2018 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र का एक एक वादा 5 साल के भीतर पूरा करेगी। 2018 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में किए गए 36 वादों में से शराबबंदी भी एक है। घोषणा पत्र के अन्य वादों की तरह शराबबंदी का वादा भी कांग्रेस 5 साल के भीतर पूरा करेगी। भाजपा की केंद्र सरकार के नोटबंदी या लाक डाउन शराबबंदी नहीं करेगी। शराबबंदी समुचित व्यवस्था बनाने के बाद और राज्य के राजस्व की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के बाद ही की जाएगी।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस ने सत्ता संभालते ही शराबबंदी का कोई वादा नहीं किया था जैसा कि भाजपा और भाजपा की बी टीम द्वारा प्रचार किया जा रहा है। गंगाजल को भारत में बहुत पवित्र माना जाता है और भाजपा और भाजपा की बी टीम द्वारा झूठ बोलने के लिए गंगा माता के नाम का दुरुपयोग किए जाने की कॉन्ग्रेस कड़ी निंदा करती है।

प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि शराबबंदी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनी समितियों में भाग ना लेकर भाजपा ने शराबबंदी में भागीदारी और अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई ?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि करोना की महामारी के बाद मोदी सरकार द्वारा बिना सुनियोजित रणनीति के किए गए लाख डाउन के परिणाम स्वरूप देश के गरीब मजदूर किसान सब्जी उगाने वाले फुटकर व्यापारी बड़े व्यापारी उद्योग धंधे वाले ड्राइवर और समाज के सभी वर्गों के लोग ही परेशान नहीं है बल्कि देश की सारी राज्य सरकारों के आर्थिक संसाधनों पर गहरी चोट पहुंची है। राज्यों में आर्थिक गतिविधियां शून्य हो गई हैं और राज्य सरकारों को कर्मचारियों के वेतन के साथ साथ करोना से लड़ने में होने वाले अतिरिक्त खर्च भी उठाना है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री से आर्थिक पैकेज दिए जाने की मांग पर अब तक केंद्र सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। करोना से लड़ने के नाम पर 65000 करोड रुपए केंद्र सरकार ने पीएम केयर फंड में इकट्ठा तो कर लिया है लेकिन वास्तव में करोना से लड़ाई जमीनी स्तर पर राज्य सरकार के प्रशासनिक कर्मचारी अधिकारी पुलिस के जवान स्वास्थ्य कर्मी डॉक्टर और राज्य की जनता लड़ रही है।

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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कोटा से छात्रों को लाने का मामला हो या मजदूरों की राज्य में वापसी के लिए रेल किराए का भुगतान, केंद्र सरकार ने सारी जवाबदारी राज्य सरकारों पर डाल दी है । इन परिस्थितियों में भाजपा राज्य सरकार की करोना के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई में अधिक से अधिक विघ्न डालने और अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाने में लगी है। जन-जन को बचाने के लिए करोना के खिलाफ लड़ाई का एक एक कार्य बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र कार्य है। प्राचीन काल में दानवी शक्तियां यज्ञ आदि के पवित्र कार्यों में व्यवधान डालने का काम करती थी। आज छत्तीसगढ़ में करोना के खिलाफ लड़ाई के हर कदम में भाजपा भी विघ्न डालने की उसी दानवी भूमिका में नजर आ रही है।

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अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए आवश्यक मदद करने कांग्रेस ने जिलावार हेल्प डेस्क का गठन किया है. पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने जिलावार हेल्प नंबरों की सूची जारी किया है. पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा है कि मजदूरों का किराया कांग्रेस सरकार वहन करेगी.



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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण (Covid-19) का नया केस मिलने के बाद से हड़कंप है. राजधानी के आमानाका इलाके में एक युवक के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद जिला प्रशासन ने आसपास के इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. सरस्वती नगर थाना क्षेत्र में आने वाले 6 जगहों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है, जहां लॉकडाउन में दी गई ढील को वापस ले लिया गया है. इन इलाकों में मेडिकल इमरजेंसी के अलावा घर से निकलने पर पाबंदी रहेगी.
रायपुर जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश में साइंस कॉलेज हॉस्टल रोड, पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के मेन गेट, कुकुरबेड़ा जाने का मार्ग हनुमान मंदिर, डूमरतालाब आमानाका, ओवरब्रिज के नीचे डागा दुकान और नया मज्जिद इसके अलावा पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम गेट को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के मुताबिक इन इलाकों की सभी दुकानें अभी बंद रहेंगी. कंटेनमेंट जोन में जरूरी सामानों की आपूर्ति घर पहुंच सेवा के जरिए उचित दरों में की जाएगी,इन इलाकों में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. इस क्षेत्र की प्रशासन द्वारा विशेषतौर पर मॉनिटरिंग कराई जा रही है.

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कंटेनमेंट जोन में मेडिकल इमरजेंसी के अलावा घर से निकलने पर पाबंदी लगाई गई है. साथ ही व्यवस्था बनाने के लिए जिला पुलिस द्वारा आवश्यक बल भी तैनात किया गया है. यहां लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर सख्ती की जाएगी. पुलिस द्वारा चालानी कार्रवाई भी की जा सकती है. बता दें कि इलाके में 24 साल का एक युवक कोरोना संक्रमित पाया गया है, जिसके बाद युवक तक संक्रमण कैसे पहुंचा इसकी पड़ताल की जा रही है।साथ ही नगर निगम द्वारा इलाके को सेनेटाइज़ भी किया जा रहा है. साथ ही शासन के निर्देशानुसार इलाके में स्वास्थ्य निगरानी और सैंपल जांच की व्यवस्था भी की जा रही है.

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छत्तीसगढ़ सरकार ने शऱाब दुकानों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने आदेश जारी कर शराब दुकानों के खुलने के समय में कटौती कर दी है। नए समय के मुताबिक अब शराब की दुकानें केवल 4 बजे तक ही खुलेंगी। पहले शराब दुकानों को शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति थी। राज्य सरकार के लिये फैसले के मुताबिक प्रदेश में शराब दुकान के बंद करने का वक्त गैर जरूरी सेवाओं के वक्त के साथ जोड़ दिया गया है। मसलन जिलों में कलेक्टर के निर्देश पर जहां गैर जरूरी सेवाओं की दुकान को बंद करने का वक्त 3 बजे निर्धारित किया गया है, वहां शराब दुकान तीन बजे बंद हो जायेगी, लेकिन शर्त ये रहेगी कि, किसी भी सूरत में ये वक्त शाम 4 बजे के बाद का नहीं होगा। उच्च पदस्थ सूत्रों ने इस बात की पुष्टि 36knockout.com से की है।

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आपको बता दें कि राज्य सरकार ने रविवार को जारी अपने आदेश में सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक शराब दुकान को खोलने का निर्देश जारी किया था। जिसके बाद सोमवार से दुकानें खुली, लेकिन वहां बड़े पैमाने पर लापरवाही देखने को मिली, लिहाजा अब सरकार ने शराब दुकान की वक्त को कम करने का फैसला ले लिया है।

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पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण सेवा सहकारी संस्था आरंगी समिति के प्रभारी उमेश कुमार भोई तीन मई की रात उपार्जन केंद्र आरंगी के कार्यालय में बैठा था। इसी दौरान अशोक प्रधान व उसका पिता गौतम प्रधान मोटरसाइकिल से पहुंचे। बाद इसके दोनों ने एक लाख रूपए देने की डिमांड की। पैसे नहीं देने की बात कहने पर दोनों ने बाहर से धान खरीद कर पैसा कमा रहे हो कहते हुए गालीगालौच करते हुए मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। झूमाझटकी के दौरान समिति प्रभारी की जेब में रखे 22 हजार रूपए भी कही गिर गया। इसी दौरान आवाज सुनकर कार्यालय के सहायक कर्मचारी कैलाश भोई व हीराधर जगत छुठाने आए अशोक प्रधान व उसके पिता ने डंडे से मारपीट की। इसकी शिकायत बसना थाने में की गई। जिस पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 294, 323, 506, 384, 34 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।

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शराब भट्टी का विरोध करने पहुंचे 6 लोगों को महंगा पड़ गया। पुलिस ने उन पर बलवा, मारपीट, जान से मारने की धमकी, तोड़फोड़, धारा 144 का उल्लंघन समेत शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने व लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के तहत आपराधिक बल का प्रयोग करने जैसी गंभीर धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया है। मामला खमतराई थाना क्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर देसी शराब भट्टी का है। सुबह करीब सैकड़ों महिलाएं समेत कुछ पुरुष शराब भट्टी खोलने का विरोध करने पहुंचे थे।

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आबकारी उपनिरीक्षक ने बताया कि उन्होंने तत्काल मौके पर पहुंच सभी को समझाने की कोशिश की साथ ही अपनी बात रखने के लिए ज्ञापन सौंपने की समझाइश दी परंतु उक्त महिलाओं के साथ आए पुरुष प्रिंस परमार ,टिकेंद्र सिन्हा, राजन मिश्रा, जय देवांगन, लोकेश साहू , सौरभ सिंह ने बैरीगेट के बांस बल्ली उखाड़ते हुए बलपूर्वक मदिरा दुकान के शटर को गिराया जिसमें अंदर कर्मचारी मौजूद थे। इतना ही नहीं आबकारी उप निरीक्षक के नेमप्लेट को भी खींचकर उखाड़ दिया व गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी तक दे डाली। खमतराई थाना प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि आबकारी उपनिरीक्षक से मिली लिखित शिकायत के आधार पर 6 आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है।

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अचानकमार टाइगर रिजर्व में वनकर्मियों और पुलिसकर्मियों पर हुए ग्रामीणों के हमले पर विधायक धरमजीत सिंह ने उल्टा वन विभाग पर ही सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान एक साथ 15 वनकर्मियों का गांव में जाना सही नहीं था. ग्रामीण विस्थापित होना चाहते हैं, लेकिन सरकार इसे लेकर गंभीरता नहीं दिखा रही है. ग्रामीणों के हमले में घायल रेंजर, डिप्टी रेंजर और बिट गार्ड को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
,br>अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना के लिए 800 से ज्यादा कैमरे लगाए गए हैं. डिप्टी रेंजर अमर सिंह यादव ने बताया कि लगाए गए कैमरों में से कुछ में वहां रहने वाले ग्रामीणों की तीर-धनुष के साथ फुटेज मिली थी, साथ ही 5 कैमरे भी गायब पाए गए. इस बात की पूछताछ करने के लिए वन विभाग की 15 सदस्यीय टीम खार गांव पहुंची. गांव पहुंचते ही ग्रामीणों ने टीम पर हमला शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने टीम के सदस्यों के मोबाइल और कैमरे भी तोड़ दिए. इस मामले की जांच के लिए जब पुलिस की टीम वहां पहुंची, तो उन पर भी ग्रामीणों ने हमला बोल दिया. इस हमले में वन विभाग के रेंजर, डिप्टी रेंजर समेत अन्य लोग घायल हैं. सभी को पास के ही निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है

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लोरमी से जेसीसी(जे) विधायक धरमजीत सिंह ने ग्रामीणों का पक्ष लेते हुए विभाग पर ही सवाल खड़े कर दिए. विधायक ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 15 वनकर्मी एक साथ किसी गांव में कैसे पहुंच गए. उन्होंने कहा कि लगातार टाइगर रिजर्व में शिकार और कानन पेंडारी में जानवरों की भूख से मौत के मामले सामने आ रहे हैं. उसे छोड़कर गरीब आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है. पूरी घटना दुर्भाग्यजनक है. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार ग्रामीणों के संरक्षण की बात करती है, ऐसे में ये ग्रामीण जब विस्थापन के लिए तैयार हैं, तो सरकार इसे लेकर गंभीरता नहीं दिखा रही है.'

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लॉक डाउन में राजस्थान के कोटा में फंसे छत्तीसगढ़ के बच्चों और उनके पालकों की वापसी एक सप्ताह पूर्व हुई थी। रायपुर में 71 पालकों सहित 8 जिलों के 704 बच्चों को क्वारेंटाइन किया गया था, इन्हें मंगलवार को उनके गृह जिले भेजा जा रहा है। शाम से रायपुर जिले से बच्चों की घर वापसी का कार्य सरदार बलबीरसिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम से शुरू हो जाएगा। कलेक्टर रायपुर डॉ.एस.भारती दासन ने बताया कि कोटा से बच्चे एक सप्ताह पूर्व छत्तीसगढ़ शासन के विशेष प्रयासों और बसों से रायपुर और विभिन्न जिलों में पहुंचे थे। तय स्थानों में पहुंचने के बाद सभी क्वारेंटाइन में थे। छत्तीसगढ़ पहुंचने पर सभी की स्वास्थ्य जांच और कोरोना टेस्ट किया गया। बच्चे अभी स्वस्थ हैं।

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14 दिनों की कुल क्वारेंटाइन अवधि में अब वे अपने घरों में रहेंगे और सोशल डिस्टेसिंग सहित अन्य निर्देशों का पालन करेंगे। घर रवानगी के पहले इसका वचन पत्र भी पालकों से लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि रायपुर जिले के 136 बच्चे कबीरधाम और बेमेतरा जिले में क्वारेंटाइन किए गए थे। इसी तरह रायपुर में 71 पालकों सहित 8 जिलों के 704 बच्चों को क्वारेंटाइन किया गया था। इन बच्चों को चिन्हित किए गए प्रयास आवासीय विद्यालय बालक छात्रावास सड्डू, प्रयास आवासीय विद्यालय बालिका छात्रावास गुढ़ियारी,ज्ञान गंगा स्कूल छात्रावास,एनएच गोयल स्कूल छात्रावास और राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र में ठहराया गया है। कुछ बच्चे अपनी मां के साथ भी कोटा से यहां पहुंचे हैं,उन्हें भी रायपुर में क्वारेंटाइन अवधि में गुजारने की सुविधा जिला प्रशासन ने दी थी।

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करोना संक्रमण और लॉक डाउन के दौरान वृहद् स्तर पर प्रशासन से सहयोग करते समाज सेवा करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स के प्रदेश अध्यक्ष और प्रसिद्द समाजसेवी पंकज चोपड़ा ने शराब बेचने के छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री को खुला पत्र लिखा है ,सरकार के श्हराब बेचने पर एतराज जताते हुए मदिरा बिक्री के फैसले को वापिस लेने की मांग की है ,ADHR नामक ये समाजसेवी संस्था मानवधिकार से सबंधित है जिसने करोना के संक्रमण के दौरा शुरू से ही छत्तीसगढ़ में राशन वितरण का कार्य शुरू किया था ,उसके बाद लॉक डाउन लगते ही संस्था के कार्यकर्त्ता पुरे छत्तीसगढ़ में राशन वितरण फ़ूड पैकेट वितरण से सबंधी कार्य में लगे हुए हैं ,इनकी कार्य शैली को देखते हुए प्रशासन ने बाद इन्हें साथ में कार्य करने को आमंत्रित किया था .

समाज सेवी पंकज चोपड़ा ने पत्र में कहा है की राज्य शासन का शराब दुकान खोलने का निर्णय समझ से परे है। शराब एक सामाजिक बुराई है और जिस तरह से प्रदेश की आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है ,ये निर्णय गरीब को प्रभावित करेगा और उनमे अपराध की शैली को विकसित करेगा .उन्होंने यह भी कहा की जो राशन बांटे है वो हो सकता है वो भी लोग बेच कर शराब खरीदने ना लग जाये.उन्होंने यह भी कहा है की उनकी संस्था पूर्ण छत्तीसगढ़ में शराब बंदी की पक्षकार है। उनका पुरा लिखा पत्र नीचे मूल लिपि के साथ है

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माननीय मुख्यमंत्री जी
छत्तीसगढ़ शासन
रायपुर
विषय : राज्य शासन के शराब दुकान खोलने के फैसले पर पुनः विचार बाबत


महोदय,


आज पूरी दुनिया COVID19 के महामारी से त्रस्त है। हमारे देश भारत मे भी COVID19 तेजी से फैल रहा है जिसके कारण देश के माननीय प्रधानमंत्री जी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया। उसी दिन आपने 31 मार्च तक के लॉक डाउन की घोषणा कर दी। उस दिन से ही कई लोगो का व्यवसाय/रोजगार बंद हो गया। देश के प्रधानमंत्री जी एवं आपके निर्णय के साथ हमारी संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स 21 मार्च से ही खड़ी हो कर दिहाड़ी मजदूर एवं अन्य दैनिक रोजगार वाली की समस्या को समझते हुए राशन राहत पैकेट का वितरण शुरू कर कल 03 मई तक 10000 जरूरतमंद परिवारो तक अपनी जान की परवाह करते हुए राशन पहुचाने का कार्य इसलिए किया ताकि हमारे प्रदेश में कोई भी भाई बहन भूखा ना रहे।

आज जब कई व्यवसायियों का व्यापार लॉक डाउन के कारण बंद है एवं हर व्यवसायी को आर्थिक हानि हो रही है उस समय आपके नेतृत्व में राज्य शासन का शराब दुकान खोलने का निर्णय समझ से परे है। पहला तो शराब अत्यंत जरूरी चीज की श्रेणी में नही आता दूसरा शराब को आज भी सांस्कृतिक रूप से सम्पन्न हमारे देश मे एक सामाजिक बुराई के तौर पर देखा जाता है। आप को यहां याद दिलाना मुझे अत्यंत आवश्यक लग रहा है कि आज जब हर एक देश वासी की आर्थिक हालात खराब हो गयी है तब शराब पीने के लिए कई व्यक्ति पैसे कुछ ना कुछ गलत काम कर के लाएंगे जैसे हमारी जैसी संस्था या प्रशासन से राशन ले कर बेचना, सरकार द्वारा मदद के लिए दी गयी आर्थिक मदद को शराब में व्यय करना या फिर चोरी-डकैती करना भी हो सकता है। आंकड़े यह भी बताते है कि शराब पीने से प्रदेश-देश के क्राइम रेट बढ़ जाते है, एक्सीडेंट के हादसे में बढ़ोतरी होती है, पारिवारिक क्लेश भी बढ़ते हैं, इत्यादि इत्यादि।

अतः आप से हमारी संस्था का सविनम्र अनुरोध है कि इस सामाजिक बुराई को रोकने के किये एवं जनहित में आप शराब दुकान खोलने के इस फैसले को तत्काल वापस लेवे। साथ ही शराब दुकान खोने का निर्णय हर व्यापार के खुलने के कम से कम 3 महीने बाद ही लेवे जिससे इन 3 महीनों में हर प्रदेश वासी की आर्थिक स्थिति कुछ अच्छी हो जावे।

विशेष टिपण्णी : हमारी संस्था पूर्ण छत्तीसगढ़ में शराब बंदी की पक्षकार है। अगर आप छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी करने का निर्णय ले तो ज्यादा प्रसन्ता होगी एवं सभी प्रदेश वासी प्रदेश के विकास के लिए ज्यादा जोश एवं उमंग के साथ कार्य करेंगे।
आशा है कि आप प्रदेश की जनता के हित मे शराब बंदी का निर्णय लेंगे।
अग्रिम आभार सहित



पंकज चोपड़ा
प्रदेश अध्यक्ष
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स
छत्तीसगढ़

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