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detail news only from Chhattishgarh ,dated: ५ सितम्बर २०२०

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भारत सरकार के वित्त और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा आज संयुक्त रुप से इज ऑफ डूइंग में राज्यों की रैंकिंग जारी की गई । ईज आफ़ डूइंग बिजनेस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य ने देश में छठवां स्थान हासिल किया है। कोरोना संकट के बावजूद भी छत्तीसगढ़ राज्य ने वर्ष 2018 के अपने स्थान को बरकरार रखने में सफल रहा है ।

यह रैंकिंग देश में कारोबारी माहौल को और बेहतर बनाने की दिशा में बिजनेस सुधार के कार्यों की योजना को लागू करने के आधार पर जारी की गई है। जिसमें टॉप पर आंध्रप्रदेश है। पिछली बार यह रैंकिंग 2018 में जारी की गई थी। मंत्रालय द्वारा जारी रैंकिंग में उत्तर प्रदेश को दूसरा ,तेलंगाना को तीसरा ,मध्य प्रदेश को चौथा, झारखंड को पांचवां स्थान मिला है। छत्तीसगढ़ ने छठवां स्थान हासिल किया है। हिमाचल प्रदेश को सातवां, राजस्थान को आठवां , पश्चिम बंगाल को नौवां और गुजरात को दसवां स्थान मिला है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में व्यापार करने की शैली और शर्तों को शामिल किया जाता है। इसका उद्देश्य घर बैठे इन्वेस्टर्स को सुविधाएं देना है, ताकि वे नया कारोबार शुरू कर सकें। रैंकिंग में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, समय- सीमा के अंदर काम को पूरा करना, औद्योगिक विवादों का निराकरण आदि बिंदुओं को शामिल किया जाता है । यह रैंकिंग विश्व बैंक के द्वारा सर्वे के बाद दी जाती है । इस रैंकिंग को कारोबारी और निवेश जगत में बहुत अहम माना जाता है । इसके आधार पर ही निवेशक अपने निवेश की नीतियां और निर्णय तय करते हैं छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति ने राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने तथा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के कई नए प्रावधान किए हैं जिसके चलते छत्तीसगढ़ राज्य में उद्योग एवं कारोबार को बढ़ावा मिला है। प्रदेश सरकार की जन हितैषी नीतियों के फल स्वरूप यहां उद्योग एवं व्यवसाय करोना संकटकाल में भी प्रभावित रहे हैं । यही वजह है कि देश -दुनिया में आई मंदी के बावजूद भी छत्तीसगढ़ राज्य की अर्थव्यवस्था गतिशील बनी रही है।

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इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिला, श्रेष्ठ अधिकारी, श्रेष्ठ वॉलेंटियर को राज्यपाल पुरस्कार देने की घोषणा राजभवन, छत्तीसगढ़ द्वारा की गई है। श्रेष्ठ जिला श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जिला जगदलपुर को द्वितीय पुरस्कार जिला धमतरी एवं राजनांदगांव (संयुक्त), तृतीय पुरस्कार जिला बालोद एवं सूरजपुर (संयुक्त) दिया जाएगा। श्रेष्ठ अधिकारी या श्रेष्ठ जिला सचिव में 5 अधिकारियों को, श्रेष्ठ वॉलेंटियर श्रेणी में राज्य स्तर में 5, जिला स्तर में 43 वॉलेंटियर को पुरस्कृत किया जाएगा।

श्रेष्ठ अधिकारी व श्रेष्ठ जिला सचिव श्रेणी में राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त करने वालों में श्री अलेक्जेंडर एम. चेरियन, ओ.आई.सी. एवं उपाध्यक्ष, भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी, जिला शाखा बस्तर, श्री प्रदीप कुमार साहू, जिला संगठक, इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी जिला शाखा धमतरी, श्री आर.एल. ठाकुर, जिला शिक्षा अधिकारी बालोद, श्री पवन कुमार सेन, जिला संगठक, भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी, जिला शाखा कांकेर, डॉ. आर.एस.सिंह मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सह शाखा सचिव, जिला सूरजपुर शामिल है। इसी तरह राज्यस्तर पर श्रेष्ठ वॉलेंटियर्स श्रेणी में श्री रजनीश कुमार गर्ग, जिला सूरजपुर, श्री ओमप्रकाश सेन, जिला कांकेर, श्री अजय कुमार राजा, जिला महासमुंद, श्री प्रदीप शर्मा, जिला राजनादंगांव दिया जाएगा।

जिलास्तर पर श्रेष्ठ वॉलेंटियर्स श्रेणी में राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त करने वालों में जिला सूरजपुर से मोहम्मद अफरोज खान, श्रीमती दीपा बघेल, श्री शैलेन्द्र कुशवाहा, जिला बस्तर से श्री हरेन्द्र कुमार पानीग्राही, डॉ. देवकांत चतुर्वेदी, जिला गरियाबंद से श्री नीलकंठ साहू, श्री आंकार साहू, श्री अविनाश चौहान, श्री टिकेश्वर कुमार साहू, श्री राकेश डेहरे, श्री नागेन्द्र कुमार साहू, जिला धमतरी से श्री सालिक राम साहू, श्री दिपेश नरेन्द्र गांधी, श्रीमती प्राप्ति वासानी, श्री खुबलाल साहू, श्री लोमश ठाकुर, श्री गौकरण यादव, जिला कांकेर से श्री प्रकाश कुमार पोद्दार, श्री विजय राय, श्री संजय वस्त्रकार, श्री देवाराम नाग, श्री उत्तम मिश्रा, श्री अनुपम जोफर, श्री टिकेश्वर सिंह ठाकुर, श्री राजेश शर्मा, श्री गोपेन्द्र राव बोरकर, श्री प्रदीप कुमार सेन, जिला महासमुंद से श्री विश्वनाथ पाणिग्राही, श्री अरशी अनवर, श्री मन्नू लाल साहू, श्रीमती प्रभा पंडा, श्रीमती सुधा रात्रे, स्वीटी चंद्राकर, श्री दिनेश कुमार साहू, श्री जी.पी. चंद्राकर, श्री प्रमोद कुमार कन्नौजे, जिला बालोद से श्री संजय बंजारे, श्रीमती मीना भारद्वाज, श्रीमती कमला वर्मा, श्रीमती मधुबाला कौशल, श्री नरेन्द्र यादव व जिला राजनांदगांव से श्री सुशील जैन, श्री अशोक चौधरी शामिल है।

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बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोविड-19 के ऐसे मरीज जो होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराना चाहते हैं, उन्हें प्रतिदिन 250 रूपए के हिसाब से दस दिनों के लिए 2500 रूपए में टेली परामर्श या वीडियो कॉल से चिकित्सा सलाह उपलब्ध कराई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग, रायपुर जिला प्रशासन और आई.एम.ए. (Indian Medical Association) के प्रतिनिधियों के साथ 4 सितम्बर को हुई बैठक में निजी डॉक्टरों द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को चिकित्सीय सलाह उपलब्ध कराने की दर पर सहमति व्यक्त की गई।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। निकट भविष्य में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना है। प्रदेश में लक्षणरहित और बिना लक्षण वाले बहुत से मरीज होम आइसोलेशन में इलाज कराने के इच्छुक हैं। आई.एम.ए. के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक में चर्चा के बाद दस दिनों के टेली परामर्श या वीडियो काल से चिकित्सा सलाह देने के लिए 2500 रूपए (प्रतिदिन 250 रूपए) के शुल्क पर सहमति दी है। डॉक्टरों और मरीजों द्वारा होम आइसोलेशन के संबंध में आई.सी.एम.आर. तथा राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।

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राज्य शासन ने निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दर का निर्धारण कर दिया है। निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुपरस्पेशियालिटी सुविधाओं के आधार पर इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है। ए-श्रेणी में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले के अस्पतालों को रखा गया है। बी-श्रेणी में सरगुजा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, कबीरधाम एवं बस्तर जिले के अस्पतालों को रखा गया है। शेष जिलों के अस्पताल सी-श्रेणी में शामिल हैं। निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज में होने वाला व्यय मरीज को स्वयं वहन करना होगा।

ए-श्रेणी वाले जिलों के एन.ए.बी.एच. (National Accreditation Board of Hospitals) मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें सर्पोर्टिव केयर आइसोलेशन बेड के साथ आक्सीजन एवं पीपीई किट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार के लिए रोजाना 12 हजार रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें वेंटिलेटर केयर के बिना आईसीयू और पीपीई किट शामिल है। अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 17 हजार रूपए प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है। इसमें वेंटिलेटर केयर के साथ आईसीयू (इनवेसिव/नॉन-इनवेसिव) एवं पीपीई किट शामिल है। वहीं एन.ए.बी.एच. से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रूपए, दस हजार रूपए एवं 14 हजार रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है।

बी-श्रेणी में शामिल जिलों के सुपरस्पेशियालिटी सुविधा वाले अस्पताल तीनों स्थिति (मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर) के मरीजों के इलाज के लिए ए-श्रेणी के लिए निर्धारित दर का 80 प्रतिशत और सी-श्रेणी वाले जिलों के अस्पताल 60 प्रतिशत शुल्क ले सकेंगे। सभी अस्पताल डायग्नोसिस के लिए आयुष्मान भारत एवं डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत आई.पी.डी. मरीजों के लिए निर्धारित शुल्क ही लेंगे। जहां ये योजनाएं लागू नहीं है वहां सीजीएचएस (Central Government Health Scheme) दरों के अनुसार शुल्क लिया जाएगा। सभी अस्पतालों में दवाईयों की कीमत वास्तविक बाजार मूल्य के अनुसार ही लिए जाएंगे।

कोविड-19 का इलाज करने वाले अस्पतालों को डॉक्टरों एवं अन्य मेडिकल स्टॉफ के क्वारेंटाइन के लिए राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा। साथ ही स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीएमआर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन भी अनिवार्य होगा। इन नियमों एवं दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। राज्य शासन द्वारा निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए यह आदेश एपेडेमिक डिसीज एक्ट-1897, छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट-1949 तथा छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिसीज कोविड-19 रेगुलेशन-2020 के तहत जारी किया गया है। इस आदेश का उल्लंघन इन नियमों के अंतर्गत दंडनीय होगा।

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स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 के संभावित मरीज की मृत्यु होने पर कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए जांच हेतु सैंपल लेकर शव के कोविड पार्थिव मरीज की ही तरह प्रबंधन और अंतिम संस्कार के निर्देश दिए हैं। विभागीय अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले ने सभी कलेक्टरों एवं जिला दंडाधिकारियों को परिपत्र जारी कर इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने कहा है।

अपर मुख्य सचिव ने परिपत्र में रायपुर या अन्य जिलों में स्थित क्षेत्रीय विशेषीकृत कोविड अस्पतालों में रिफर किए गए कोरोना संक्रमण की संभावना वाले मरीज की मृत्यु हो जाने पर कोविड अस्पताल वाले जिले के नोडल अधिकारी को मृत मरीज के जिले के नोडल अधिकारी को सूचित करने कहा है। उन्होंने मरीज के जिले से संबंधित नोडल अधिकारी को पार्थिव शरीर का परिवहन और प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी कलेक्टरों को कोरोना संक्रमित पार्थिव शरीर के प्रबंधन और अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल एवं दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सावधानीपूर्वक पार्थिव शरीर की पैकिंग, सुरक्षित परिवहन, मार्चुरी एवं पोस्टमार्टम कक्ष (शव परीक्षण की स्थिति में) के विसंक्रमण तथा श्मशान घाट, क्रबिस्तान या शवदाह गृह में सभी जरूरी सावधानियां बरतने कहा है।

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छत्तीसगढ़ में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने छत्तीसगढ़ पहुंची केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आज रायपुर एम्स और मेकाहारा का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम के सदस्य ने बताया कि शुरुआती दौरे में कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और कुछ अस्पतालों का मुआयना किया है। विजिट और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत के बाद एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। जो राज्य सरकार और केंद्र सरकार को दी जाएगी। टीम के सदस्य के रूप में रायपुर पहुंची दिल्ली सफदरगंज अस्पताल की प्रोफेसर डॉक्टर गीता यादव ने बताया कि जरूरत पड़ने पर स्टेट गवर्नमेंट के ऑफिसर्स को ट्रेनिंग दिलवाने की भी अनुशंसा की जाएगी।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, इस बीच सेंट्रल गवर्नमेंट की एक टीम छत्तीसगढ़ पहुंची है। जहां वे रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान अधिकारियों से चर्चा, स्वास्थ्य सुविधाओं, संसाधनों के उपयोग, संक्रमण रोकने की स्थिति और व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे। जिसके बाद विशेषज्ञ डॉक्टरो की 3 सदस्य टीम एक रिपोर्ट तैयार करेगी। जिसके आधार पर राज्य और केंद्र सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए काम करेंगे। इस टीम में पब्लिक हेल्थ से जुड़े तीन डॉक्टर शामिल है।

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता के हित हक अधिकार के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मांग करती है तो भाजपा नेताओं के पेट में दर्द क्यों होता है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पत्र लिखने से भाजपा को तकलीफ हो रही है तो भाजपा के नेता सांसद खुद आगे बढ़कर केंद्र सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के साथ किये जा रहे भेदभाव का विरोध क्यो नही करते? जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि के लिए जनता के पक्ष में खड़े क्यो नही होते? केंद्र सरकार के द्वारा राज्य सरकार को जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि के लिए कर्ज लेने की दी गई सलाह का विरोध क्यो नही करते?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन भाजपा ने सत्ता में रहते 15 साल तक छत्तीसगढ़ के विकास को बाधित करने का काम किया विपक्ष में बैठने के बाद भी इनका चरित्र वही है। रमन भाजपा के कमीशन खोरी भ्रष्टाचार के चलते छत्तीसगढ़ को भारी नुकसान हुआ है। रमन सरकार में छत्तीसगढ़ में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वालो की संख्या में बढोत्तरी हुई2003 में जहाँ 18से 19 प्रतिशत थी वो 15 साल में बढ़कर 39 प्रतिशत तक पहुंच गया। छत्तीसगढ़ से 7लाख मजदूर रोजी रोजगार  के तलाश में  पलायन करने मजबूर हुए। 21 लाख फर्जी राशन कार्ड के जरिए नान घोटाला किया गया।गरीबों के निवाले को छीनने का काम किया गया।बेरोजगारी बढ़ी, शिक्षा का स्तर गिरा,3000 से अधिक स्कूल स्कूल बंद,स्वास्थ्य सुविधाएं लचर हुई, कुपोषण एनीमिया के पीड़ितों की संख्या में वृद्धि हुई। दक्षिण बस्तर के तीन विकास खंडों तक सीमित नक्सलवाद 14 जिल तक फैल गया। 90हजार एकड़ आदिवासियों की जमीन छीन ली गई। बेकसूर आदिवासियों को जेल में बंद कर दिया गया। छत्तीसगढ़ के खजाने पर  41 हजार करोड़ का कर्ज भार रमन भाजपा की सरकार में चढ़ गया। किसानों की आत्महत्या की घटनाएं उनके उपज का सही दाम नहीं मिलना वन संपदा एवं खनिज संपदा का दोहन, वनोपज की खरीदी में हेराफेरी तेंदूपत्ता के खरीदी एवं चरणपादुका वितरण में हेराफेरी का काम रमन भाजपा की सरकार के दौरान हुआ।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता के हित में काम कर रही है तो निरंतर मोदी भाजपा की सरकार उस पर अवरोध उत्पन्न कर रही है। छत्तीसगढ़ के विकास को बाधित करने का षड्यंत्र किया जा रहा है।केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के हक अधिकार के जीएसटी की क्षतिपूर्ति की राशि नहीं दे रही है।किसानों के धान खरीदी में भी अड़ंगा लगाने का काम किया गया था और भाजपा के नेता सांसद और विधायक छत्तीसगढ़ के साथ हो रहे अन्याय कुठाराघात भेदभाव पर मौन है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा की छत्तीसगढ़ ने भाजपा को 9 सांसद दिए हैं लेकिन भाजपा सांसदों ने जनता के साथ विश्वासघात किया है।छत्तीसगढ़ के मामले में हमेशा भाजपा सांसदों का रवैया छत्तीसगढ़ विरोधी रहा है। छत्तीसगढ़ के जनता ने जिन भाजपा सांसदों को अपना प्रतिनिधि चुना है वो तो छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधि होने के दायित्व को पूरा ही नहीं कर पा रहे हैं ऐसे सांसदों को जनता सबक सिखाएगी।

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स्व. श्री बलीराम कश्यप स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध चिकित्सालय डिमरापाल में जिला खनिज न्यास मद से सेन्ट्रल आक्सीजन ऑपरेटर-लिफ्ट मैन (डीएमएफटी निश्चित मासिक मानदेय) पद पर नियुक्ति किया जाना है इसके संबंध में प्राप्त आवेदनों के स्कुटनी उपरांत 29 जुलाई 2020 कार्यालयीन समय तक दावा आपत्ति आमंत्रित की गई थी। दावा-आपत्ति के निराकरण पश्चात् प्रावधानिक मेरिट सूची का प्रकाशन किया जा रहा है।

मेरिट सूची में पात्र उम्मीदवारों को अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 15 सितम्बर एवं अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को 16 सितम्बर 2020 को प्रातः 10 बजे के संयुक्त संचालक सह अस्पताल अधीक्षक कार्यालय में उपस्थित होकर योग्यता संबंधी दस्तावेजों की जांच करवानी होगी। दस्तावेजों की जांच पश्चात् चयन समिति के निर्णयानुसार दोपहर 12 बजे से पदानुरूप 40 अंकों का कौशल परीक्षा का आयोजन होगा। निर्धारित तिथि पष्चात् किसी भी प्रकार का दावा मान्य नहीं होगा। पात्र उम्मीदवारों को आवेदन में अंकित पत्राचार के पते पर डाक से इसकी सूचना दी जा रही है।

मेरिट सूची बस्तर जिला कार्यालय के शासकीय वेबसाईट bastar.gov.in एवं संयुक्त संचालक सह अस्पताल अधीक्षक स्व. बलीराम कश्यप स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध चिकित्सालय डिमरापाल जगदलपुर के सूचना पटल पर अवलोकनार्थ चस्पा की गई है। कार्यालय द्वारा उम्मीदवारों से अनुरोध किया गया है कि कोविड-19 के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए अनिवार्य रूप से मास्क लगाकर आएंगे एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे।

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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने 6 ग्रामीणों की हत्या कर दी. जानकारी के मुताबिक, बीजापुर में जनअदालत लगाकर 4 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया, वहीं दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा के पास स्थित गांव में दो युवकों का रस्सियों से गला घोंटकर नक्सलियों ने खूनी खेल को अंजाम दिया. इस वारदात के बाद बीजापुर में डर और दहशत का आलम है, परिजनों ने पुलिस को सूचना तक नहीं दी है.

वहीं दंतेवाड़ा के किरंदुल के दोनों युवकों को नक्सलियों ने उनके परिजनों के सामने ही मार डाला. इस घटना की जिम्मेदारी गंगालूर एरिया कमेटी द्वारा ली गई है. ग्रामीणों की हत्या करने के बाद नक्सलियों ने पर्चा भी छोड़ा है, जिसमें लिखा गया है कि अशोक कुंजाम व बंडा कुंजाम पुलिस के गोपनीय सैनिक थे. इन्हें जनअदालत में मौत की सजा दी गई.वहीं दंतेवाड़ा एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव का कहना है कि किरन्दुल थाना क्षेत्र के डोका पारा के दो ग्रामीणों की नक्सलियों ने निर्मम हत्या कर दी और शव को कई घंटों तक घसीटने के बाद फेंक दिया.

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शुक्रवार को ही डीजीपी ने नक्सलियों से निपटने 3 महीने की रणनीति बनाई है और सीएम भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बस्तर के लिए बटालियन और संसाधन की मांग की है. इसके अलावा राज्य सरकार ने केंद्र से नक्सल प्रभावित इलाकों में 1028 मोबाइल टावर लगाने की मांग है. गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लंबे समय से नक्सलवाद की समस्या से जूझ रहे छत्तीसगढ़ में 2018 में अतिरिक्त सीआरपीएफ जवानों की तैनाती को मंजूरी दी थी. एक बटालियन में 1000 जवान होते हैं. अर्धसैनिक बलों की 33 बटालियन छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मोर्चा ले रही है.

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