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detail news only from Chhattishgarh ,dated: ५ दिसम्बर २०२०

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज जिला मुख्यालय जशपुर के रणजीता स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में जिले को 792 करोड़ रूपए 86 लाख रूपए की लागत के 196 विभिन्न विकास कार्याें की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने इनमें से 655 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत के 94 कार्याें का भूमिपूजन और 137 करोड़ रूपए की लागत के 102 कार्याें का लोकार्पण किया। इस अवसर पर खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लालजीत सिंह राठिया, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती उत्तरी गनपत जांगड़े, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, विधायक जशपुर श्री विनय भगत, रायगढ विधायक श्री प्रकाश नायक, लैलूंगा विधायक श्री चक्रधर सिदार सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में प्रबुद्व नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले में 568 करोड़ 80 लाख रूपए की लागत से बनने वाली 64 सड़कों के लिए भूमि पूजन किया। इन कार्याें में से लोक निर्माण विभाग द्वारा 359 करोड़ 63 लाख रूपए की लागत से बनाई जाने वाली 32 सड़कों के कार्य, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 205 करोड़ 65 लाख रूपए की लागत से बनने वाली 28 सड़कें और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 3 करोड़ 52 लाख रूपए की लागत से बनने वाली 4 सड़कें शामिल हैं। इनमें से अनेक सड़कों पर पुल-पुलियों के निर्माण के कार्य भी किए जाएंगे। इन कार्याें के पूर्ण होने से जशपुर जिले के ग्रामीण अंचलों में लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में 38 करोड़ 28 लाख रूपए की लागत से पूर्ण हो चुके सड़कों के 40 कार्याें का लोकार्पण भी किया।



मुख्यमंत्री ने वनांचल के इस जिले में क्रेडा द्वारा लगभग 62 करोड़ 68 लाख रूपए की लागत से पूर्ण किए गए सोलर सिंचाई पम्पों, सोलर होम लाईट और सोलर प्लांट स्थापना के पूर्ण हो चुके कार्याें का लोकार्पण किया। इन कार्याें में सौर सुजला योजना के अंतर्गत 47 करोड़ 85 लाख रूपए की लागत से स्थापित किए गए 1927 सोलर सिंचाई पम्प स्थापना के कार्य, 2 करोड़ 9 लाख रूपए की लागत से गौठानों और चारागाहों में पेयजल के लिए स्थापित 74 सौर सिंचाई पम्पों, 6 करोड़ 29 लाख रूपए की लागत से पेयजल के लिए स्थापित किए गए 110 सोलर ड्यूल पम्प, 5 करोड़ 30 लाख रूपए की लागत से लगाई गई 1301 सोलर होम लाईट और 1 करोड़ 15 लाख रूपए की लागत से जशुपर बगीचा और पत्थलगांव के न्यायालय एवं व्यवहार न्यायालय में स्थापित किए गए 4 सोलर पॉवर प्लांट स्थापना का कार्य शामिल है।

श्री बघेल ने जशपुर जिले में 28.60 करोड़ रूपए की लागत से सौर सुजला योजना के अंतर्गत 1 हजार सौर सिंचाई पम्पों की स्थापना के कार्य, 4.96 करोड़ रूपए की लागत से गौठानों और चारागाहों में पेयजल हेतु स्थापित किए जाने वाले 150 सौर सिंचाई पम्पों, 6.66 करोड़ रूपए की लागत से जल जीवन मिशन के अंतर्गत 45 सोलर ड्यूल पम्प और टंकी स्थापना के कार्याें का भूमिपूजन भी किया।

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श्री बघेल ने जिन कार्याें का भूमिपूजन किया उनमें जशपुर जिले के कुनकुरी क्षेत्र के 217 करोड़ 41 लाख रूपए की लागत के 23 विकास कार्य, पत्थलगांव क्षेत्र के 164 करोड़ 41 लाख रूपए की लागत के 23 कार्याें तथा जशपुर क्षेत्र के 273 करोड़ 95 लाख रूपए की लागत के 48 कार्यों शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने जशपुर में जिन कार्याें का भूमिपूजन किया उनमें 83.45 करोड़ रूपए की लागत से 29.40 किलोमीटर लम्बे कुनकुरी-तपकरा मार्ग के उन्नयन कार्य, 75 करोड़ रूपए की लागत से 26.60 किलोमीटर लम्बे बगीचा-कामारिमा-सन्ना मार्ग का उन्नयन एवं नवीनीकरण कार्य, 28.06 करोड़ रूपए की लागत से 10 किलोमीटर लम्बे चराईडाड़-बगीचा मार्ग का उन्नयन कार्य, 15.16 करोड रूपए की लागत से 7 किलोमीटर लम्बे बटईकेला-समदुरा मार्ग निर्माण कार्य, 14.44 करोड़ रूपए की लागत से 9.20 किलोमीटर लम्बे लुड़ेग-तपकरा-लवाकेरा मार्ग का उन्नयन एवं नवीनीकरण कार्य, 14.97 करोड़ रूपए की लागत से 21 किलोमीटर लम्बे महादेवडांड से बिमड़ा मार्ग निर्माण, 8.92 करोड़ रूपए की लागत से ईब एनीकट योजना, जशपुर क्षेत्र में 18.27 करोड़ रूपए की लागत से 10 किलोमीटर लम्बे जशपुर-आस्ता-कुसमी मार्ग का उन्नयन एवं नवीनीकरण के कार्याें शामिल हैं।

इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने 137.09 करोड़ रूपए की लागत के जिन 102 कार्याें का लोकार्पण किया, उनमें कुनकुरी क्षेत्र में पूर्ण किए गए 33 करोड़ 12 लाख रूपए की लागत के 25 कार्य, पत्थलगांव में 9 करोड़ 43 लाख रूपए के 19 कार्य और जशपुर के 94 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत के 58 कार्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा 12 करोड़ की लागत से पूर्ण किए गए 7 कार्याें, लोक निर्माण विभाग द्वारा 33 करोड़ 13 लाख रूपए की लागत से पूर्ण किए गए 15 कार्याें, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 20 करोड़ 78 लाख रूपए की लागत से पूर्ण किए गए सड़क निर्माण के 33 कार्याें, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 45 लाख रूपए की लागत से पूर्ण किए गए 2 कार्याें, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा 14 करोड़ 64 लाख रूपए की लागत से पूर्ण किए 3 कार्याें, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 01 करोड़ 63 लाख रूपए की लागत से 29 स्कूलों में रनिंग वाटर पेयजल व्यवस्था सहित 2 नल-जल प्रदाय योजनाओं का लोकार्पण भी किया।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज जशपुर में वन विभाग के संजीवनी, हर्बल उत्पाद विक्रय केन्द्र का लोकार्पण कर जंगलबाजार (गढ़कलेवा) का निरीक्षण किया। श्री बघेल ने संजीवनी औषधि केन्द्र में बिक्री के लिए रखे हर्बल उत्पाद, ग्रीन-टी, सीटीसी चाय, महुआ से बने सेनेटाइजर, शहद, च्यवनप्राश, काजू, तिखूर, चिराैंजी आदि उत्पादों का अवलोकन किया। उन्होंने इस दौरान महुआ से बने लड्डू का भी स्वाद लिया। गढ़कलेवा जंगल बाजार पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का सादरी एवं उरांव बोली में गीत-संगीत के साथ स्वागत किया गया।

मुख्यमंत्री नेे वन विभाग एवं डी.एम.एफ. मद से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार से जोडने के उद्देश्य से स्वयं का स्थानीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने के लिए तैयार किए गए जंगल बाजार एवं गढ़कलेवा का निरीक्षण कर व्यवस्था की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि जंगल बाजार गढ़कलेवा में जशपुर की महिला स्व-सहायता समूह के लिए स्टाल उपलब्ध कराया गया है। यहां स्थानीय गीत, संगीत और नृत्य के साथ महिलाओं के हाथो से बने स्थानीय लजीज व्यजनों का स्वाद लोगों को मिलेगा।

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मुख्यमंत्री द्वारा गढ़कलेवा जंगलबाजार के अवलोकन के दौरान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री अमरजीत भगत, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, लैलूंगा विधायक श्री चक्रधर सिंह सिदार, धरमजयगढ़ विधायक श्री लालजीत सिंह राठिया, रायगढ़ विधायक श्री प्रकाश नायक, जशपुर विधायक श्री विनय भगत, सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी जागड़े, कमिश्नर सुश्री जे. किंडो, पुलिस महानिरीक्षक श्री रतन लाल डांगी, कलेक्टर श्री महादेव कावरे, पुलिस अधीक्षक श्री बालाजी राव सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

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भाजपा की प्रदेश प्रभारी बनने के बाद डी. पुरंदेश्वरी पहली बार छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रही हैं। वे 7 व 8 दिसंबर को रायपुर प्रवास पर रहेंगी। उनके साथ सह प्रभारी नितिन नवीन भी होंगे। भाजपा ने अधिकृत तौर पर उनके दौरे की पुष्टि कर दी है, मगर अभी उनके कार्यक्रम तय होना बाकी है। जिसकी कवायद में पार्टी लगी हुई है।

सूत्रों के मुताबिक प्रदेश प्रभारी के स्वागत के लिए न्यौता सभी को भेज दिया गया है। मगर, वे चर्चा चुनिंदा पदाधिकारियों से ही करेंगी। जिसमें सांसद, विधायक प्रमुख रूप से तो होंगे ही इनके अतिरिक्त और कौन-कौन उनसे मुलाकात करेंगे, वे किन-किन से बात करेंगी, अभी यह सूची तैयारी की जा रही है। कुछ पदाधिकारियों से एक-एक कर बातचीत भी हो सकती है, ताकि राज्य में पार्टी की स्थिति स्पष्ट हो सके। पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक इस बार कोरोना महामारी के चलते बहुत हद तक संभव है कि सभी बैठक कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में होंगी। प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी के स्वागत का जिम्मा रायपुर जिले को सौंपा गया है।

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प्रदेश प्रभारी के दौरे के पहले संगठन की बैठक होनी है, अभी उसकी तारीख तय नहीं हो पाई है। अब जब प्रदेश प्रभारी के आने की तारीख तय हो गई है तो बैठक कभी भी ऑनलाइन भी हो सकती है। इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारी 2 दिवसीय दौरे की रूपरेखा तैयार करेंगे। कौन पदाधिकारी किस जिम्मेदारी में होगा, यह तय की जाएगी। उधर, पार्टी को दुर्ग और भिलाई जिला अध्यक्षों की सूची भी जारी करनी है, क्योंकि इन दोनों जिलों में गुटबाजी जबरदस्त है। पार्टी को आशंका है कि अगर अध्यक्ष तय नहीं हुए तो कहीं प्रदेश प्रभारी के सामने किसी प्रकार का बवाल न मच जाए।

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भाजपा नेताओ के बार बाला वाले बयान की कड़ी निंदा करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि भाजपा नेताओ ने छत्तीसगढी भाखा में लोकगीत संगीत कर्मा गीत को प्रस्तुत करने वाले महिला कलाकारों को बार बाला कहकर छत्तीसगढ़ के कलाकारों का मातृशक्ति का अपमान किया है। ये पहला अवसर नही है, इसके पहले भी भाजपा नेत्री ने निजी टीवी चैनल के डिबेट में आदिवासी महिलाओं को लेकर अमर्यादित बयान दिया था, जिसे बाद में भाजपा ने पार्षद की टिकट दिया। विधानसभा चुनाव के पहले भिलाई में आयोजित भाजपा के महिला सम्मेलन में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के उपस्थिति में भी सुरक्षा जांच के नाम से छत्तीसगढ़ के माता बहनों के साथ अभद्रता हुआ था। भाजपा नेताओं के बयान से छत्तीसगढ़ के कला संस्कृति भाखा परंपरा और यहां के लोक गीत संगीत को देश विदेश तक पहुंचाने वाले कलाकार आहत हुए हैं। छत्तीसगढ़ के कलाकारों को ठेस पहुंचा है। मातृशक्ति का अपमान हुआ है। भाजपा नेताओं के बयान के लिए भाजपा को छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता से माफी मांगनी चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने जिस दिन से छत्तीसगढ़ के कला संस्कृति परंपरा तीज त्योहारों का आयोजन की शुरुआत की है। 15 साल में विलुप्त प्राय हो चुके छत्तीसगढ़ के परंपराओं को पुनर्जीवित करने काम किया है उस दिन से भाजपा नेता छत्तीसगढ़ विरोधी कृत्यों में लगे है। रमन सिंह के 15 साल के शासन काल में छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति परंपरा विलुप्त हो रही थी। छत्तीसगढ़ के कलाकार हाशिए में थे। कई सरकारी योजनाओं में करोड़ों रुपए खर्च करके छत्तीसगढ़ के बाहर के कलाकारों को बुलाया जाता रहा है और छत्तीसगढ़ के कलाकार मंच के किनारे मायूस खड़े रहते थे।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार में छत्तीसगढ़ के कलाकारों को सम्मान मिल रहा है उनका अपना स्थान मिल रहा है और छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति परंपरा छत्तीसगढ़ ही नहीं देश और विदेश में अपना स्थान प्राप्त कर रही है ऐसे में भाजपा नेताओं को पीड़ा हो रही है।

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विधायक एवं संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ‘‘विधायक तुंहर दुआर‘‘ अभियान के तहत आज चौथे दिन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वार्ड में सुबह से पूरे समय दौरा कर एक-एक गलियों में कॉलोनी के लोगों से मुलाकात कर पूर्व में करवाए कार्यों की पड़ताल की एवं गोगांव अण्डर ब्रिज में वर्षों से लंबित कार्य जिसके चलते लोगों के आवाजाही में परेशानी हो रही थी को पूर्ण कराने अपनी उपस्थिति में ही कार्य करने आरंभ कराया। वहीं पूरे राजधानी में विख्यात विलुप्त झगरहीन डबरा जो अशोक नगर पर स्थित है, जहां प्राकृतिक रूप से बारहों महीने पानी के रिसाव के कारण दर्शनीय स्थल है को अत्याधुनिक सौंदर्यीकरण कराने के निर्देश दिए।

विधायक विकास उपाध्याय का ‘‘विधायक तुंहर दुआर‘‘ के तहत आज क्षेत्र में धुंआधार जन-संपर्क अभियान का चौंथा दिन था। क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़ा वार्ड होने की वजह से आज वे डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वार्ड में पूरे समय लोगों के बीच जन-संपर्क में रहे। इस बीच वे वोडाफोन टावर गली के विकास नगर में लोगों से पूछा कि सामान्य बारीश की वजह से ही घरों में पानी घूस जाने की समस्या जो व्याप्त थी उसका निदान हुआ कि नहीं? विधायक विकास उपाध्याय ने इसे लेकर पूर्व में ही संबंधित विभाग के कर्मियों को प्राथमिकता पर कार्य संपन्न कराने के निर्देश दिए थे, जो अब पूरी तरह से वर्षों से लंबित यह समस्या सुलझ गया है। विकास नगर के लोगों ने इसके लिए विधायक का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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विधायक उपाध्याय इस बीच गोगांव अण्डर ब्रिज के निरीक्षण में भी गए, जो इस क्षेत्र के तमाम कॉलोनियों को रिंग रोड से जोड़ती है। पिछले काफी समय से अण्डर ब्रिज का कार्य अधूरा होने के चलते पूरे क्षेत्र में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिसे चालू कराने अपनी उपस्थिति में ही कार्य को आरंभ कराया। इससे प्रीतम नगर, प्रगति नगर, छोटा अशोक नगर, बड़ा अशोक नगर, विकास नगर, ज्योतिबा नगर, बांसटाल, एकता नगर, जनता कॉलोनी, साहू पारा, कोटा, भवानी नगर, सतनामी पारा सहित गुढ़ियारी क्षेत्र से लगे एक बड़े समुदाय को अण्डर ब्रिज से होते हुए आवागमन करने राहत मिलेगी। विकास उपाध्याय ने झगरहीन डबरा अशोक नगर में स्थित विलुप्त पड़े दर्शनीय स्थल को अत्याधुनिक साज सज्जा के साथ सौंदर्यीकरण कराने के निर्देश दिए। ज्ञातव्य हो कि राजधानी के बीच यह एक ऐसा स्थल है जिसकी पुरानी मान्यताएँ जुड़ी हुई हैं। इस स्थल पर बारहों महिने पानी के रिसाव के चलते एक समय लोगों के लिए प्रचलित दर्शनीय स्थल रहा है, परन्तु इसके रख-रखाव व प्रशासन द्वारा ध्यान न देने से विलुप्त होते जा रहा था। जो अब विधायक की सजगता के कारण फिर से यह स्थल चर्चा में आ गया है।

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छत्तीसगढ़ में एचआईवी (HIV) मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना काल (COVID-19) के दौरान भी जब कई मरीजों के ब्लड सैंपल लिए गए तब कई जिलों में एचआईवी पॉजिटिव मरीज सामने आये. ऐसे में कोरोना के साथ बढ़ते एचआईवी मरीज भी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बने हुए हैं. छत्तीसगढ़ में हर साल एड्स की जागरूकता के लिए लाखों खर्च किए जाते हैं लेकिन एचआईवी के मरीजों की संख्या इसके बाद भी लगातार बढ़ रही है. खासकर शहरी जिलों में एचआईवी के मरीजों की संख्या बढ़ी है जिनमें संक्रमण के शिकार सबसे ज्यादा युवा हो रहे हैं.

राज्य एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अतिरिक्त परियोजना संचालक एसके बिंझवार ने बताया कि कोरोना काल के दौरान भी पिछले 9 महीने में 1160 मरीज प्रदेश भर में सामने आये हैं जबकि हर साल की अपेक्षा सैंपल जांच में इस साल कमी आयी है. वहीं सबसे ज्यादा 257 मरीज रायपुर जिले से मिले हैं. ऐसे में राजधानी में एचआईवी संक्रमितों की कुल संख्या 10 हजार116 हो गयी है. अब छत्तीसगढ़ में कुल 30 हजार एचआईवी संक्रमित हैं जिनमें 15 हजार एक्टिव केस हैं जो लगातार एआरटी सेंटर से दवा ले रहे हैं.

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बढ़ते मरीजों की संख्या को लेकर एस बिंझवार का कहना है कि पहले लोग टेस्ट के लिए सामने नहीं आते थे. लेकिन अब लोग एचआईवी टेस्ट करा रहे हैं. इस साल 4 लाख 62 हजार लोगों की जांच की गयी. वहीं कोरोना काल के दौरान जांच में भले ही कमी आयी लेकिन एचआईवी संक्रमितों को लॉकडाउन होने के बाद भी नियमित दवाएं घर तक पहुंचाई जा रही है. वहीं जांच कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं और पीड़ितों को इलाज के लिए तुरंत एआरटी सेंटर भेजा जा रहा है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा भले ही ये दलील दी जा रही है कि टेस्टिंग के लिए लोगों के आगे आने की वजह से आंकड़े बढ़ रहे हैं, लेकिन सच ये भी है कि जागरूकता अभियान के नाम पर महज खानापूर्ति ही की जा रही है. इसलिए लोगों पर जन-जागरूकता का अस नहीं पड़ रहा है और मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है.

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स्व सहायता समूह की महिलाएं अब कोसा से धागा निकालने की कला सीखकर अपने जीवन के ताने-बाने बुन रही हैं। दंतेवाड़ा जिले के गीदम ब्लॉक के एक छोटे से गांव बिंजाम की स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी आमदनी को बढ़ाते हुए जीवन स्तर को बेहतर बना रही हैं। पूर्व में आय के स्रोत के रूप में उनके पास सिर्फ खेती, घर के बाड़ी व वन उत्पादों से जीविकोपार्जन कर रही थीं। स्व सहायता समूह की महिलाओं ने दंतेवाड़ा कलेक्टर और सीईओ द्वारा सुझाए गए रोजगार के अवसर कोसा से धागा करण के कार्य को काफी लगन व मेहनत से सीखा और प्रशिक्षण के दौरान ही 12 हजार रूपये का धागा बनाकर अपने कमाई को बढ़ाया।

प्रशिक्षण के उपरांत स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने कोसा से धागा निकालने की कला को निखारते हुए निरंतर इस कार्य को कर रही हैं, और प्रतिमाह 3 से 4 किलो का लक्ष्य निर्धारित कर धागा बना रही है। इससे उन्हें प्रति किलो 1 हजार से 15 सौ तक का लाभ धागा बनाने से प्राप्त हो रहा है।

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इस प्रकार एक माह में चार से पांच हजार की आमदनी उन्हें हो रही है। कोसा से धागा निकालने का कार्य छत्तीसगढ़ के कुछ चुनिंदा जगहों पर ही किया जाता है, और एक बार धागा निकालने की कला सीखने के बाद कमाई का जरिया पारंपरिक रूप से यह कला पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होती जाती है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कोसा खरीदी से लेकर धागा बनाने से बेचने तक का काम सीख चुकी हैं। कोसा से धागा निकालने की प्रक्रिया में सबसे पहले महिलाएं कोसे की ग्रेडिंग करती हैं और ग्रेडिंग के उपरांत प्रतिदिन के हिसाब से कोसा उबाला जाता है और उबले हुए कोसे से धागा बनाया जाता है। धागा पैकिंग कर व्यापारियों को बेच दिया जाता है प्राप्त पैसे से कोसे का पैसा रेशम विभाग को दिया जाता है। वह बचे हुए पैसे से महिलाएं अपना इस घरेलू व्यवसाय को आगे बढ़ा रही हैं और स्वावलंबन की राह खुलने से अब महिलाओं की किस्मत भी कोसे की तरह चमकेगी।

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प्रदेश में शिक्षा का अधिकार (आर.टी.ई.) अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को दी जाने वाली राशि अब सीधे उनके बैंक खातों में उपलब्ध करायी जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के दृष्टिकोण से यह निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आर.टी.ई. अधिनियम के लागू होने के बाद अशासकीय विद्यालयों में प्रवेशित कराए गए 25 प्रतिशत छात्रों का भुगतान जिला स्तर पर आबंटन उपलब्ध कराकर किया जाता था। शिक्षा के अधिकार के तहत गरीबी रेखा श्रेणी के बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिया जाता है और इन बच्चों की फीस राज्य शासन द्वारा प्रदान की जाती है।

स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शिक्षा सत्र 2018-19 के लिए 1932 निजी विद्यालयों को 45 करोड़ रूपए की राशि बैंक के माध्यम से सीधे उनके खातों में जमा की जा रही है। शिक्षा सत्र 2020-21 की राशि भी शीघ्र ही विद्यालयों के खातों में जमा की जाएगी।

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स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस निर्णय से हितग्राही विद्यालयों को बिना किसी भेदभाव के एक ही समय में सीधे उनके खाते में राशि उपलब्ध होगी। इस प्रक्रिया से कई लाभ होंगे सर्वप्रथम धनराशि के राज्य कार्यालय से विद्यालय तक पहुंचने में लगने वाले समय अंतराल में कमी होगी। इसके अलावा सभी संस्थान एवं कार्यालय इस बात को जांच सकेंगे कि, जिले में प्रत्येक विद्यालयवार कितनी राशि की उपलब्ध करायी गई है और भविष्य में कितनी राशि का भुगतान देना शेष है। इसके परिणामस्वरूप अनुदान की दूसरी किस्त जारी करते समय जिलों एवं संस्थाओं से राशि की मांग की जानकारी प्राप्त किया जाना अपेक्षित नहीं होगा। इस प्रकार यह प्रक्रिया सतत् उपयोगी एवं यूजर फ्रेण्डली होगी। इससे भविष्य में केन्द्र शासन से भी राशि प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। प्रत्येक सत्र में यह आंकलन किया जा सकेगा कि, राज्य के लगभग छह हजार निजी विद्यालयों को आर.टी.ई. के तहत कितनी राशि की वास्तविक आवश्यकता है।

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निक्को खदान को हटाने की मांग को लेकर आदिवासियों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. आंदोलन कर रहे आदिवासियों से तहसीलदार आशुतोष शर्मा बात करने पहुंचे, तो उन्हें लौटा दिया. तहसीलदार ने आदिवासियों से लिखित में समस्या मांगी और हल करने का आश्वासन दिया. साथ ही तहसीलदार ने कहा कि 10 लोग जाकर जिला मुख्यालय बात कर सकते हैं. इस पर आदिवासियों ने सभी के जाने पर अड़े रहे. ग्रामीणों ने कहा कि वे अधिकारियों को लिखकर थक गए हैं. यहां जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद या मंत्री आएंगे तभी बात बनेगी. इसी बीच आदिवासियों से मिलने अरविंद नेताम पहुंचे.

हजारों की संख्या में ग्रामीण शुक्रवार को ओरछा मार्ग पर डटे रहे. पारंपरिक हथियार लहराते आदिवासियों ने निक्को हटाओ बस्तर बचाओ का नारा देते हुए आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलनकारी प्रदर्शन में निक्को कंपनी को खदान की लीज निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. वहीं नक्सलियों के नाम से गिरफ्तार 6 आदिवासियों की जेल से रिहाई की भी मांग है. बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. ग्रामीणों ने 17 दिसंबर तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है. उनका कहना है कि जब तक प्रशासन मौके पर नहीं पहुचेगा, वे रास्ता नहीं छोड़ेंगे.

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बस्तर संभाग समेत सैकड़ों गांवों के आदिवासी ग्रामीण आंदोलन करने के लिए लामबंद हुए हैं. आंदोलन के दूसरे दिन बड़ी रैली निकाली गई. जिसमें बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए. आदिवासी नेताओं ने भी इलाके में चल रहे हैं आंदोलन को समर्थन कर दिया है. इसी सिलसिले में बस्तर के बड़े आदिवासी नेता नारायणपुर के दौड़ाई पहुंचे जहां उन्होंने आदिवासी आंदोलन को समर्थन देते हुए इलाके में निक्को कंपनी को लीज पर दिए गए खदानों को गैरकानूनी करार किया है. आंदोलन के चलते नारायणपुर ओरछा मार्ग पूरी तरह से बंद है.

वहीं आंदोलन को लेकर सीएम भूपेश बघेल का भी बयान सामने आया है. सीएम भूपेश बघेल ने प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों पर सवाल उठाए हैं. सीएम ने कहा कि, ' वो वहां कैंप लगाए जाने का विरोध कर रहें हैं और कैंप लगाए जाने का विरोध कौन करता है?'

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में तीन तलाक का मामला सामने आया है. पत्नी ने आरोप लगाया है कि उसके पति ने सालभर में डाक के जरिए तीन बार नोटिस भेजकर उसे तीन तलाक दे दिया. पीड़िता की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने संबंधित धाराओं में आरोपी पति पर मुकदमा दर्ज कर लिया है.मोहम्मद साजिद ने डाक के जरिए अपनी पत्नी को नोटिस भेजा और वापस ससुराल नहीं लौटने पर तलाक की बात कही थी. इसके करीब 6 महीने बाद उसने दूसरा नोटिस भेजा. इसमें भी तलाक की बात थी. तीसरा नोटिस भेजने के साथ ही मोहम्मद साजिद ने पत्नी से बोला कि तीन तलाक पूरा हो गया.आरोपी पति ने पत्नी को जो तीसरा नोटिस भेजा है उसमें मुस्लिम समाज के कुछ लोगों के दस्तखत भी हैं. साथ ही इसमें शरीयत कानून का भी जिक्र किया गया है. नोटिस मिलने के बाद महिला ने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में की है. पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस ने 'मुस्लिम महिला संरक्षण अधिनियम 2019' की धारा 4 के तहत मोहम्मद साजिद पर केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

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सिविल लाइन थाना प्रभारी सनिप रात्रे ने बताया कि शहर के तालापारा निवासी महिला की शादी आठ साल पहले रायपुर के बैरनबाजार निवासी मोहम्मद साजिद से हुई थी. दोनों का एक 6 साल का बेटा भी है. सालभर पहले दोनों के बीच अनबन होने पर महिला अपने बेटे के साथ मायके चली आई थी और तबसे यहीं रह रही है

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