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detail news only from Chhattishgarh ,dated: ७ जुलाई २०२०

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प्रदेश में आज 99 कोरोना पॉजिटिव की पहचान की गई है. जिला रायपुर से 46, जांजगीर-चांपा से 19, बिलासपुर से 9, कांकेर से 7, नारायणपुर से 6, रायगढ़ से 5, बलौदाबाजार से 3, बीजापुर से 2, राजनांदगांव व बेमेतरा से 1-1 मरीज मिले हैं. पॉजिटिव मरीजों की अस्पताल में भर्ती प्रक्रिया जारी है. वहीं सोमवार देर रात कुल 11 (गरियाबंद से 6, दुर्ग व दंतेवाड़ा से 2-02, कांकेर से 01) कोरोना से पीड़ित पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई थी.

छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर राजधानी रायपुर हॉटस्पॉट बनते नजर आ रहा है। इसी बीच खबर आई है कि राजधानी रायपुर मं 46 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है। जिसमें 29 प्रायमरी कॉन्टेक्ट, 6 पुलिस वाले, 2 इंटर स्टेट, 7 आम व्यक्ति व 1 हेल्थ वर्कर पॉजिटिव मिले हैं. इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है. जानकारी के मुताबिक, पुराने पुलिस मुख्यालय का आरक्षक, एक हेल्थ वर्कर, कबाड़ व्यापारी, एक छात्र, एक बिजली मिस्त्री, एक पेंटर, और एक रेलव काउंटर के संपर्क में आने वाले एक और कर्मचारी, आंगनबाड़ी से जुड़ी महिला कर्मी भी संक्रमित मिली है. रायपुर के रामेश्वर नगर से 5, नया रायपुर से 1, शांति नगर, दलदल सिवनी, मोवा, मौलश्री नगर, स्टेशन रोड, होटल, न्यू शांति नगर, सड्डू से कोरोना संक्रमित मिले हैं.

आज भिलाई से जिन मरीजों की पुष्टि हुयी है इनमें से दो भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारी भी शामिल है। परचेस विभाग का मैनेजर संक्रमित मिला है। मैनेजर चैंबर को सील कर दिया गया है। सीएमएचओ ने इसकी पुष्टि की है।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है. जिले के महिला एवं बाल विकास अधिकारी और तेलंगाना से लौटे एक मजदूर की आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

वहीं भैरमगढ़ के मंगलनार में मिला संक्रमित मरीज तेलंगाना से लौटा था. इसकी भी आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. संक्रमित मिलने के बाद स्वास्थ्य अमला रवाना हो गया है. इसकी पुष्टि CMHO डॉ. बी आर पुजारी ने की है.





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राजधानी रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय द्वारा कोविड-19 की पहचान के लिए अब तक 50 हजार से ज्यादा सैंपलों की जांच की जा चुकी है। पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा स्थापित इस उच्च स्तरीय वायरोलॉजी लैब में विभिन्न जिलों से प्राप्त एक हजार से 1200 सैंपलों की जांच रोज की जा रही है। सैंपलों की आर.टी.पी.सी.आर. जांच के लिए यहां आई.सी.एम.आर. के मापदण्डों के अनुरूप उच्च स्तरीय बी.एस.एल.-2 लैब विकसित किया गया है। रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय के इस अत्याधुनिक लैब में 6 जुलाई तक कोविड-19 संभावितों के 52 हजार 460 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। इनमें से 1230 सैम्पलों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल ने विभाग के विशेषज्ञों, डॉक्टरों, तकनीशियनों तथा अन्य स्टॉफ के समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि इनकी लगातार मेहनत से प्रदेश में कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने में महाविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां अधिक से अधिक सैंपलों की जांच के लिए तीन पालियों में करीब 50-55 लोगों की टीम दिन-रात काम कर रही है। इनमें कई लोगों को घर जाने की भी अनुमति नहीं है। उनके रहने खाने की व्यवस्था महाविद्यालय द्वारा की गयी है।

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माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्राध्यापक डॉ. निकिता शेरवानी के नेतृत्व में यहां सैंपलों की जांच में माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रो. डॉ. व्ही. चटर्जी, डॉ. रूपम गहलोत, डॉ. निजा मोंगा, डॉ. सुचिता नेताम के साथ वैज्ञानिक डॉ. जगन्नाथ पाल, डॉ. योगिता राजपूत, डॉ. आदित्य झा, डॉ. ऋषिकेश मिश्रा, डॉ. नेहा सिंह, डॉ. आलोक साहू, कु. विजयलक्ष्मी जैन, श्रीमती अपर्णा साहू, डॉ. अभिज्ञान नाथ एवं डॉ. खुशबू भांगे अहम भूमिका निभा रहे हैं। सहयोगी टीम में डॉ. ईरीश ठाकुर और डॉ. रश्मिका दवे डॉटा संकलन, रिर्पोट्स, रिकॉर्ड्स और आई.टी. संबंधित कार्यों में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। इस टीम में 10-12 डॉटा एन्ट्री ऑपरेटर आई.सी.एम.आर. पोर्टल, आई.डी.एस.पी. एवं स्वास्थ्य विभाग को सभी रिपोर्ट्स और जानकारियां तुरंत प्रेषित करते हैं। मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट्स और लैब अटेण्डेन्ट भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। कोरोना वायरस के साथ ही समय-समय पर आने वाले स्वाईन फ्लू (एच1एन1) की भी जाँच यहां की जा रही है।

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मंत्री रविन्द्र चौबे और मो.अकबर ने आज राजीव भवन में पत्रकार वार्ता में पूर्व भाजपा सरकार और रमण सिह पर आरोपों की झड़ी लगा दी उसके साथ ही प्रेस विज्ञप्ति जारी करके भाजपा के पुराने घोषणा पत्र को दिखाया .उसके बाद लगाये आरोप सिलसिले वर आरोप कुछ इस तरह हैं
- संयोगवश मुख्यमंत्री बने रमन सिंह 180 महीनों तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने रहे.
- एक के बाद एक तीन बार उनकी पार्टी और सरकार की ओर से जनता से वादे किए गए और हर बार उन्हें भुला दिया गया.
- भारतीय जनता पार्टी के तीन घोषणा पत्रों को छत्तीसगढ़ के इतिहास में झूठ और फरेब के दस्तावेजों की तरह दर्ज कर लिया गया है.
- रमन सिंह के तीन कार्यकाल में हर बार किसानों से लेकर ग़रीब जनता तक हर किसी को ठगा गया.
- तीनों कार्यकाल ठगी, बेइमानी और लूट के कार्यकाल रहे.
- केंद्र की यूपीए सरकार की योजना का नाम बदलकर वे चाउंरवाले बाबा तो बन गए लेकिन धान पैदा करने वाले किसानों को बदहाल कर दिया.
- रमन सिंह के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ देश का सबसे ग़रीब राज्य बन गया.
- उनके ही कार्यकाल में राज्य सबसे अधिक झुग्गियों वाला राज्य बन गया.
- नक्सली उन्मूलन के नाम पर उन्होंने जो भी किया उससे नक्सलवाद का सबसे अधिक प्रचार प्रसार हुआ.
- किसानों ने सबसे अधिक आत्महत्या उनके कार्यकाल में की.
- प्रदेश महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के लिए बदनाम हुआ. प्रदेश में हॉस्टल में रहने वाली मासूम बच्चियों तक को नहीं बख़्शा गया.
- गाय के नाम पर वोट लेते रहे और उनकी पार्टी के लोग गौमांस से लेकर चमड़े तक के व्यापार के लिए गायों की हत्या करते रहे.
- एक ओर उन्होंने कथित रुप से सबसे अच्छे पीडीएस सिस्टम की वाहवाही लूटी और दूसरी ओर उसी की आड़ में 36,000 करोड़ का नान घोटाला किया.
- ग़रीब राज्य की जनता के पैसों से हेलिकॉप्टर ख़रीदी में भारी भरकम घोटाला किया.
- वे देश के पहले मुख्यमंत्री बने जिनके बेटे का नाम पनामा पेपर्स में आया.
- पहले तो वे झूठ बोलते रहे कि वे अभिषाक सिंह को नहीं जानते, फिर ये कलई भी खुल गई कि उनका बेटा अभिषेक सिंह ही अभिषाक सिंह था.
- केंद्र में मोदी की सरकार नहीं होती तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की तरह अभिषाक सिंह और उनके पिता रमन सिंह भी जेल में होते.
- बेटे तो बेटे दामाद पुनीत गुप्ता ने भी ग़रीबों के इलाज के लिए बने अस्पताल में करोड़ों का घोटाला किया.
- 2013 में जब सरकार जाती हुई दिख रही थी तो एक कथित नक्सली हमला झीरम घाटी में हुआ और कांग्रेस नेताओं की पूरी एक पीढ़ी ख़त्म हो गई.
- झीरम नरसंहार के षडयंत्र की जांच नहीं होने दी गई. पता नहीं रमन सिंह किसे बचाने में लगे रहे.

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उसके बाद भाजपा के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों की एक एक करके लिस्ट भी जारी की जो कुछ इस तरह है

1. करोड़ों का नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाला :- राज्य सरकार के संरक्षण में नागरिक आपूर्ति निगम में 36 हजार करोड़ रूपए का आर्थिक भ्रष्टाचार व घोटाला किया गया। करोड़ों रूपए एसीबी ने जब्त किए। एसीबी द्वारा जब्त डायरी में ‘सीएम मैडम’ सहित प्रमुख मंत्रियों, नेताओं के नाम थे। घोटाले का पैसा नागपुर और लखनऊ तक गया किन्तु कोई जांच नहीं की गई।
2. अगुस्टा हेलिकॉप्टर घोटाला:- रमन सिंह सरकार ने अगुस्टा हेलिकॉप्टर ख़रीदने के लिए बड़े गड़बड़झाले किए. पहले ग़लत टेंडर निकाला. फिर तय दाम से बहुत अधिक क़ीमत चुकाते हुए सेकेंडहैंड हेलिकॉप्टर खरीदा. इसकी कमीशनखोरी के लिए कई फ़र्ज़ी कंपनियां बनीं. और इस सबमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की भागीदारी दिखी. इस घोटाले की जांच भी नहीं करवाई गई. उल्टे सुप्रीम कोर्ट तक में जांच का विरोध किया गया.
3. पनामा पेपर्स में रमन सिंह के घर का पता :- पत्रकारों की एक टीम ने दुनिया भर में घोटालों का भंडाफोड़ करते हुए जब ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में बेनामी खातों की सूची जारी की तो उसमें एक नाम छत्तीसगढ़ के कवर्धा ज़िले के अभिषाक सिंह का था. जिसमें उसका पता, रमन मेडिकल स्टोर, विंध्यवासिनी वार्ड, कवर्धा दर्ज था. पहले तो रमन सिंह इनकार करते रहे कि वे अभिषाक सिंह को नहीं जानते. फिर जब कांग्रेस ने सबूत पेश कर दिए कि यह अभिषाक सिंह उनका बेटा अभिषेक सिंह ही है तो वे चुप्पी साधे बैठ गए. रमन सिंह जी को बताना चाहिए कि उनके पते पर उनके बेटे के नाम से यदि विदेश में कालाधन जमा किया गया है तो वह किसका पैसा है और कहां से आया है. अगर वह उनके बेटे का पैसा नहीं है तो इसके ख़िलाफ़ उन्होंने रिपोर्ट क्यों नहीं लिखवाई? और अगर वह उनका बेटा ही है जिसने लाधन जमा किया तो वे क्या प्रदेश की जनता से माफ़ी मांगेंगे?
4. किसान आत्महत्या करने को मजबूर :- छत्तीसगढ़ धान का कटोरा था, लेकिन रमन सिंह सरकार ने किसानों के हाथ में कटोरा पकड़ा दिया है। रमन सरकार के 15 वर्षों में राज्य में हज़ारों किसानों ने आत्महत्या कर ली। प्रति वर्ष के आंकड़े देखें तो हर दिन तीन से ज़्यादा किसान आत्महत्या कर रहे थे. सरकार के जिम्मेदार मंत्री कहते रहे कि किसान शराबी हैं जिसके कारण वे आत्महत्या कर रहे हैं। इससे अधिक अपमान किसान का क्या हो सकता था.
5. कृषि यंत्रों की सब्सिडी में लाखों का घोटाला :- कृषि विभाग में किसानों को मिलने वाली सब्सिडी में विभागीय अधिकारियों एवं पंजीकृत डीलरों द्वारा मिलीभगत कर सब्सिडी राशि की जमकर बंदरबांट की गई। शासन द्वारा कृषि उपकरणों पर अनुदान लघु सीमांत कृषकों के लिए 50 प्रतिशत एवं बड़े किसानों के लिए 40 प्रतिशत तय किया गया था, किन्तु कृषि अधिकारियों एवं उपकरण विक्रताओं की सांठगांठ से किसानों की अनुदान राशि को डकार लिया गया।
6. शिक्षा मंत्री केदार कश्यप की पत्नी का परीक्षा फर्जीवाड़ा :- रमन सरकार के संरक्षण में व्याप्त फर्जीवाड़े के कारण प्रदेश के शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा एवं अविश्वसनीयता लगातार बढ़ती रही। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप की पत्नी द्वारा अपने राजनैतिक प्रभाव का दुरूपयोग कर विश्वविद्यालयीन परीक्षा के दौरान खुलेआम फर्जीवाड़ा कर अपने स्थान पर दूसरे को परीक्षा में बैठाने से छत्तीसगढ़ की संपूर्ण शिक्षा प्रणाली संदेह के दायरे में आ गई. जिन लोगों ने इसकी शिकायत की उनको तरह तरह से प्रताड़ित किया गया।
7. कमीशनखोरी पर रमन सिंह की स्वीकारोक्ति :- छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी। इस सरकार के घोटालों की लंबी फेहरिस्त है। रायगढ़ में भाजपा कार्यसमिति की बैठक में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा सार्वजनिक मंच से भाजपा नेताओं, मंत्रीगणों को कमीशनखोरी से बाज आने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा था, “कमीशन 1 साल बंद कर दो, 30 साल नहीं हिलेगी सरकार”. पूर्व मुख्यमंत्री जी का यह बयान कमीशनखोरी व भ्रष्टाचार की स्वीकारोक्ति थी और स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए माना था कि उनकी सरकार कमीशनखोर और भ्रष्ट है.
8. दस हजार करोड़ का चिटफंड घोटाला :- सत्तापक्ष के लोग एवं उनके परिवार के संरक्षण में चिटफंड कंपनी के कार्यालय खोले गये। बकायदा जिले के कलेक्टरों के द्वारा प्लेसमेंट के तहत चिटफंड कंपनियों में राज्य के बेरोजगारों को नौकरी दिलाई गई। पुलिस कंपनियों के डायरेक्टरों को गिरफ्तार ना कर राज्य के गरीब बेरोजगारों के विरूद्ध अपराध दर्ज कर जेल भेजा गया। इस घोटाले में मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह के ख़िलाफ़ भी अपराध दर्ज हुये हैं.
9. बारदाना खरीदी में घोटाला :- प्रदेश में प्रतिवर्ष धान खरीदी हेतु बारदानों की जरूरत के अनुसार 1 हजार करोड़ रूपयों से अधिक के बारदाने खरीदे गए जो कि अमानक स्तर के थे। बारदाना खरीदी में जमकर घोटाला किया गया।
10. रतनजोत घोटाला :- रमन सरकार ने नारा दिया था “डीजल नहीं अब खाड़ी से, डीजल मिलेगा बाड़ी से” इस नारे के साथ पूरे प्रदेश में लोगों को सब्जबाग दिखा कर रतनजोत के पौधों का रोपण किया गया और लगभग 200 करोड़ रूपयों की राशि खर्च की गई। रमन सिंह कुछ दिनों तक एक कार में कथित रूप से बायो डीज़ल डलवाकर घूमने का नाटक करते रहे और प्रचार पाते रहे. लेकिन अंत में निकला यह भी घोटाला।
11. इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला :- इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक बैंक के घोटाले में 25 हजार 716 खाता धारकों के 54 करोड़ 38 लाख रूपए का गबन किया गया। मुख्य आरोपी उमेश सिन्हा ने नार्कों टेस्ट में मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, सहकारिता मंत्री एवं राजधानी के दो मंत्री को एक एक करोड़ देने की बात बताई थी,लेकिन रिपोर्ट को कोर्ट में पेश नहीं किया गया और मामले को दबा दिया गया।
12. झलियामारी दुष्कर्म कांड प्रदेश के माथे पर कलंक :- भाजपा राज में झलियामारी सरकारी आश्रम में 7 ये 13 साल की मासूम बच्चियों के साथ लगातार महिनों दुष्कर्म होता रहा। लोगों ने बड़े भरोसे के साथ अपनी अबोध बच्चियों को सरकारी आश्रमों में भेजा था लेकिन भाजपा सरकार ने इन अभिभावकों के भरोसे को तोड़ा झलियामारी के बाद भी सरकार ने सबक नहीं लिया। आमाबेड़ा, बीजापुर, दंतेवाड़ा के सरकारी कन्या आश्रमों में इस प्रकार की घृणित घटनाओं का दोहराव होते रहा। सरकार बेशर्मीपूर्वक मौन बैठी रही।
13. नक्सली बढ़ते रहे और आदिवासी प्रताड़ित होते रहे :- जब रमन सरकार बनी तो चुनिंदा ज़िले ही नक्सली समस्या से पीड़ित थे. उनके कार्यकाल में प्रभावित ज़िलों की संख्या बढ़कर 16 तक पहुंच गई. नक्सली हिंसा से निपटने के नाम पर मीना खल्को से लेकर मड़कम हिड़में तक सैकड़ों महिलाओं के साथ बलात्कार हुए और उनकी हत्या कर दी गई. आदिवासियों को फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मारा गया. उनके गांव सुरक्षाकर्मियों ने जला दिए गए. उन्हें बिना सबूत पकड़कर जेलों में ठूंस दिया गया. अकेले बस्तर में 700 गांव खाली करवा दिए गए.
14. नसबंदी कांड :- शासकीय लक्ष्य को पूरा करने सुविधाविहिन स्थान पर आपरेशन करने, जहरीली दवा की सप्लाई, इलाज में लापरवाही के कारण बिलासपुर जिले के पेंडारी में नसबंदी शिविर में 19 से भी ज्यादा महिलाओं की मौतें हुई। जांच में पाया गया था कि सरकार के द्वारा जो दवाईयां उपलब्घ कराई गई है वह अमानक थी जिसके कारण मौत हुई।
15. आंखफोडवा कांड :- प्रदेश के बालोद एवं महासमुंद सहित कई जिलों में शासकीय नेत्र शिविर में आंखों की रोशनी चली गई. इससे स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का साक्षात प्रमाण मिला। घटिया दवाई एवं सुविधाविहन स्थानों में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश का उल्लंघन कर नेत्र शिविर का आयोजन किए गये थे.
16. गर्भाशय कांड :- प्रदेश में महिलाओं को कैंसर का भय दिखाकर गर्भाशय निकालने का शर्मनाक कांड उजागर हुआ था। सरकार के संरक्षण में राज्य के विभिन्न नर्सिंग होम में सात हजार से ज्यादा आपरेशन राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत किए गए। इसके लिए शासन के माध्यम से इंश्योरेंश कंपनी ने 7 करोड़ 75 लाख का भुगतान किया गया,जिसमें से 70 फीसदी केवल गर्भाशय की सर्जरी के लिए दिया गया। पैसा कमाने के चक्कर में डाक्टरों ने 28 से 30 साल की महिलाओं का भी आपरेशन कर डाला। आत्ममंथन कर रिटायरमेंट की चिंता करें रमन सिंह कांग्रेस ने जो आरोप लगाए हैं उसके पुख़्ता सबूत हैं. केंद्र में मोदी सरकार की आड़ में वे थोड़े समय के लिए तो कुछ मामलों में बच सकते हैं लेकिन अदालतों से उनका बचना कठिन है. रमन सिंह और उनका पूरा कुनबा सज़ा भुगतने के लिए तैयार रहे. छत्तीसगढ़ की जनता ने 2018 में ऐतिहासिक निर्णय देते हुए भारतीय जनता पार्टी को 14 सीटों पर समेट दिया है. यह समय है कि राज्य में और अपनी पार्टी में हाशिए पर धकेल दिए गए रमन सिंह आत्ममंथन करें और अपने रिटायरमेंट की चिंता करें. 180 महीनों तक घपले, घोटाले और कमीशनखोरी करने वाली सरकार की मुखिया को किसानों की हाय लगी है. इससे उबर पाने के लिए उन्हें और भाजपा को अभी कई- कई दशक लगेंगे।

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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने प्रदेश सरकार को चुनौती दी है कि वह गीदड़ भभकियां देने की अपनी आदत से बाज आकर उस काले चिठ्ठे को खोलें, जिसकी बात प्रदेश के एक मंत्री रविंद्र चौबे ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कही है। उपासने ने कहा कि अब तक एक भी मामले में भाजपा की पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर आरोप सिद्ध नहीं कर पाने वाली प्रदेश सरकार सिर्फ़ हवा में पत्थर उछालने की शर्मनाक राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि दुर्भावना और प्रतिशोध की राजनीति के तहत गठित हर एसआईटी पर मूंह की खाने वाली कांग्रेस अब सीधे-सीधे अभद्रता और बदजुबानी पर उतर आयी है।

सच्चिदानंद उपासने ने एक बयान जारी कर कहा कि जिस सरकार के मुख्यमंत्री जेब में झीरम के सबूत लेकर घूमने की सिर्फ़ बातें ही करते रह गए हों और कांग्रेस के नेता आज तक उनसे सबूत तक पेश करने को कह तक नहीं सके हों, उस कांग्रेस और सरकार के मंत्रियों को इस तरह की शेखी बघारना शोभा नहीं देता। प्रदेश सरकार के पास पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह और पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ कुछ है नहीं और बातें वह धमकाने वाले अंदाज में कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस की ऐसी बातों से भाजपा को अपनी भूमिका और धारदार बनाने की ऊर्जा ही मिलेगी और कांग्रेस सरकार के जनविरोधी कृत्यों, कुनीतियों और बदनीयती के विरुद्ध उसका संकल्प दृढ़तर होगा। उपासने ने तंज कसा कि जनहित के काम करने के बजाय प्रदेश सरकार ने अपने डेढ़ साल के शासनकाल में भाजपा और केंद्र सरकार के ख़िलाफ सिवाय प्रलाप करने के और कोई काम तो किया नहीं है, इसलिए जब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह सरकार से उसके काम का हिसाब मांग रहे हैं, ब्ल्यू प्रिंट के बारे में पूछ रहे हैं तो कांग्रेस के नेता बौखलाकर और डर कर ईओडब्ल्यू में शिकायत करने पहुँच गए।

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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता उपासने ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के नेताओं को यह किसने अधिकार दिया कि वे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह को बोलने से रोकें? कांग्रेस का लोकतंत्र में ज़रा भी विश्वास होता तो उसके नेता इस तरह की अशिष्टता और असहिष्णुता का परिचय देकर असंसदीय आचरण नहीं करते। कांग्रेस द्वारा मंगलवार को कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर चलाए गए “#शट-अप रमन सिंह” को कांग्रेस के निरे अलोकतांत्रिक राजनीतिक चरित्र का परिचायक बताते हुए उपासने ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह विपक्ष के सम्माननीय नेता हैं और साथ ही विधायक भी हैं, इस नाते प्रदेश सरकार से सवाल करना उनका लोकतांत्रिक हक़ है।

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प्रदेश में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास द्वारा संचालित प्रयास बालक और कन्या आवासीय विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 में कक्षा 9वीं में प्राक्चयन परीक्षा 14 जुलाई को सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक आयोजित की गई है। नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव को ध्यान में रखते हुए संचालक आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास ने सभी जिला कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किए है।

निर्देश में कहा गया है कि परीक्षा के लिए सभी संबंधित जिलों में परीक्षा केन्द्रों की स्थापना की गई है। इस संबंध में निर्देशित किया गया है कि यदि किसी जिले में परीक्षा केन्द्र स्थल कन्टेटमेंट जोन एरिया में आता हो, तो ऐसी दशा में परीक्षार्थियों के लिए वैकल्पिक परीक्षा केन्द्र की स्थापना की जाए, ताकि विद्यार्थियों को कोई असुविधा न हो। इसकी सूचना परीक्षार्थियों को समय पूर्व दी जाएं। परीक्षार्थियों के प्राप्त आवेदन पत्रों के आधार पर आवश्यकता अनुसार परीक्षा कक्ष की व्यवस्था की जाए। इसमें दो विद्यार्थियों के मध्य फिजिकल डिस्टेंसिंग में 6 फीट की दूरी रखी जाए। परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा कक्षों एवं शौचालयों की साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए। सभी पर्यवेक्षक, केन्द्राध्यक्ष, निरीक्षणकर्ता और परीक्षार्थी मास्क लगाकर ही परीक्षा केन्द्र में प्रवेश करें। परीक्षा केन्द्र को परीक्षा के पूर्व सेनेटाईज करा लिया जाए। इसके लिए नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत या पंचायत का सहयोग लिया जाए। परीक्षा केन्द्र की कक्षों में प्रवेश करने के पूर्व परीक्षार्थियों, पर्यवेक्षक और अन्य कर्मचारियों के हाथों को सेनेटाईज करने की व्यवस्था की जाए। किसी भी विद्यार्थी का स्वास्थ्य खराब होने पर उसकी बैठक व्यवस्था पृथक से की जाए। परीक्षा के दौरान चिकित्सक और चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था भी की जाए।

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स्कूल शिक्षा विभाग के ऑनलाईन पोर्टल ‘पढ़ई तुहंर दुआर‘ में सबसे कम आयु वर्ग के ब्लॉग लेखक के साथ शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनेन्द्रगढ़ जिला कोरिया के कक्षा 11वीं के छात्र राकेश कुमार साहू ने अपनी पहचान बनायी है। राकेश ब्लॉग लेखक के रूप में स्कूल शिक्षा विभाग के ब्लॉग राइटर्स के टीम के साथ भी कार्य कर रहे है। इनके द्वारा लिखे गए चार ब्लॉक अभी तक स्कूल शिक्षा विभाग की अधिकृत वेबसाईट सीजीस्कूलडॉटइन पर हमारे नायक कॉलम में अपलोड हो चुके है। ये ‘पढ़ई तुहंर दुआर‘ कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण हमारे नायक बनने में भी सफल रहे है। राकेश ने माध्यमिक शिक्षा मंडल कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 90.5 प्रतिशत अंक अर्जित कर स्कूल में दूसरे स्थान प्राप्त किया है। वह बड़े होकर आईएएस ऑफिसर बनना चाहता है। उसने पढ़ई तुहंर दुआर ऑनलाईन पोर्टल शुरू करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग और सभी शिक्षकों को धन्यवाद देते हुए कहा है कि स्कूल खुलने के बाद भी इस महत्वकांक्षी योजना को जारी रखा जाए।

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राकेश ने चर्चा में बताया कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में ऑनलाईन पोर्टल पढ़ई तुहंर दुआर शुरू किया गया। इसके बारे में स्कूल के शिक्षक श्री संजीव कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने मोबाइल पर अपना पंजीयन दिया और नियमित राज्यस्तरीय ऑनलाईन कक्षाओं में भाग ले रहे है। इससे उन्हें बहुत सारी नई-नई जानकारियां विषय विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा मिल रही है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित पढ़ई तुहंर दुआर कार्यक्रम के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ने की प्रेरणा मिली। उन्होंने बताया कि वे अपने आसपास के बच्चों को पढ़ई तुहंर दुआर से नियमित ऑनलाईन पोर्टल से पढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करते है। उन्होंने कहा कि जब वे ऑनलाईन कक्षा में शामिल नहीं हो पाते है, तब वे समय निकालकर सीजीस्कूलडॉटइन में उपलब्ध पाठ्य सामग्री को देखते है और उसके नोट्स तैयार करते है, जो काफी उपयोगी साबित हो रहे है। राकेश ने बताया कि सीजीस्कूलडॉटइन में अपलोड पाठ्य सामग्री, इमेजेस, वीडियो, ऑडियो, पीडीएफ आदि से पढ़ना बहुत अच्छा लगता है।

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जिला कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम गठित कर जिले के सभी विकासखण्डों के विभिन्न स्थानों का सघन भ्रमण कर बाल भिक्षावृत्ति, नशावृत्ति, बाल श्रम में लिप्त बच्चो को सामाज के मुख्य धारा से जोड़ने विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

विशेष अभियान के संयुक्त दल ने विगत शनिवार को जिले के कवर्धा, पोड़ी, पाण्डातराई, बोड़ला एवं पंडरिया के बस स्टैण्ड, हॉटल, राशन दुकान, आटो गैरेज, कबाड़ दुकान, मेडिकल स्टोर, ढेलो व अन्य चिन्हांकित स्थानो का सघन भ्रमण किया। अभियान के दौरान के बालश्रम मे लिप्त सात एवं बाल भिक्षावृत्ति करते एक बालक पाये गये। श्रम निरीक्षक सुश्री अचर्ना धुर्वे ने तत्काल कार्यवाही करते हुए उनके नियोजको को बालश्रम अधिनियम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया की किसी बच्चे से बाल श्रम कराने पर दो वर्ष कारावास अथवा 50 हजार रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया जा सकता है। भविष्य में बाल श्रम कराते हुये पाये जाने पर कड़ी कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई। अभियान के दौरान बाल भिक्षावृत्ति कर रहे एक बालक का टीम में शामिल जिला बाल संरक्षण इकाई के कर्मचारियों द्वारा कांउसलिंग किया गया, जिसमें बालक के बताये अनुसार उसके घर जाकर उनके पालको समझाइस देकर बताया की शून्य से 18 वर्ष तक के किसी भी बालक या बालिका के द्वारा भीख मांगना या मंगवाया जाना बाल भिक्षावृत्ति है। बाल भिक्षावृत्ति एक अपराध है, इससे इससे बच्चे के मानसिक, शारिरीक एवं शिक्षा स्तर निम्न हो जाता है जो कि उनके अधिकारों का हनन है। बच्चो से भिक्षावृत्ति कराने वाले के विरुद्ध किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 76 (1) के तहत् पांच साल का कारावास या एक लाख रूपये तक अर्थदण्ड या दोनो से दण्डित करने का प्रावधान है। पुलिस अधिक्षक ने सभी थाना प्रभारियों को इस अभियान के दौरान प्रकरण प्राप्त होने पर किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत् कड़ी कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिया है। टीम द्वारा लोगो को बच्चों के अधिकार संरक्षण हेतु जागरूक करते हुए सभी दुकान संचालको तथा लोगों से नशावृत्ति, भिक्षावृत्ति, बाल श्रम एवं अपशिष्ट पदार्थ संग्रण में लिप्त बच्चे दिखाई देने या पाये जाने पर जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग या चाईल्ड हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1098 में तत्काल सूचना देने अपील किया गया।

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इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री सत्यनारायण राठौर, संरक्षण अधिकारी गैर संस्थागत श्री राजाराम चंद्रवंशी, श्रम निरीक्षक कु. अर्चना धुर्वे, श्रम निरीक्षक श्रीमति सरस्वती बंजारे, परामर्शदाता श्री अविनाश ठाकुर, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमति परमेश्वरी धुर्वे एवं श्री सुरेश साहू, आउटरिच वर्कर श्री विनय जंघेल, नगर पालिका से श्रीमति श्रद्धा कौशिक एवं श्रीमति सावित्री धुरी, पुलिस विभाग से प्रधान आरक्षक सर्वश्री राजकुमार कुशवाहा, कमलेश मेरावी, चंद्रशेखर चन्द्राकर, चाईल्ड लाईन के टीम मेंबर श्री रामलाल खलेश्वर साहू उपस्थित रहे।

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छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 से बिलासपुर में तीन शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इन शालाओं में स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा जारी निर्देशानुसार प्रति कक्षा में 40 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। प्राप्त आवेदनों की संख्या 40 से अधिक होने पर लाॅटरी के माध्यम से चयन किया जायेगा। इन शालाओं के प्रभारी के रूप में शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय तारबाहर के लिये श्री पी.दासरथी सहायक संचालक शिक्षा, श्री संजय दुबे व्याख्याता विधि प्रकोष्ठ, श्री मुकेश मिश्रा सविशिअ बिल्हा एवं श्री योगेश पाण्डे संकुल समन्वयक दयालबंद होंगे। इस विद्यालय में लाॅटरी से चयन 8 जुलाई 2020 को समय 10.30 से 5.30 बजे तक होगा।

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इसी तरह शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय लाजपतराय हेतु श्री मनोज राय सहायक संचालक आरएमएसए, डाॅ.आर.के.तिवारी व्याख्याता विधि प्रकोष्ठ, श्रीमती दीप्ती गुप्ता सविशिअ बिल्हा एवं श्री जी.के.जिलानी संकुल समन्वयक खपरगंज, लाटरी से चयन 9 जुलाई 2020 को 10.30 बजे से 5.30 तक तथा शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय मंगला श्री अजय कौशिक सहायक संचालक योजना, श्री जे.के.शर्मा व्याख्याता विधि प्रकोष्ठ, श्री अखिलेश तिवारी सविशिअ. बिल्हा एवं श्री दिलेश्वर कनंग संकुल समन्वयक सेंदरी 10 जुलाई 2020 को 10.30 से 5.30 बजे तक प्रवेश हेतु लाॅटरी के माध्यम से चयन करेंगे।

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