अगर आप भी ३६नॉकआउट की छत्तीसगढ़ की दिन भर की प्रमुख ख़बरें एक पेज एक लिंक अपने सीधे अपने मोबाइल व्हाट्सएप्प पर चाहते हैं तो कृपया 9424276027 पर HELLO CG लिख कर व्हाट्सएप्प करें

detail news only from Chhattishgarh ,dated: ७ नवम्बर २०२०

👉 READ MORE


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज शाम अपने निवास कार्यालय में भारत के शास्त्रीय नृत्य परंपरा के नैतिक मूल्यों पर आधारित ‘‘नृत्य शास्त्र पौराणिक उत्पत्ति‘‘ कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। यह कॉफी टेबल बुक संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व रायपुर द्वारा प्रकाशित की गई है। कॉफी टेबल बुक की लेखिका अंतर्राष्ट्रीय नृत्यांगना पुर्णश्री राउत, सहायक संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व रायपुर है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि शास्त्रीय नृत्य हमारी संस्कृति और गौरवशाली परंपरा के अंग रहे हैं। छठवीं-सातवीं शताब्दी में शिव तथा विष्णु मंदिरों में इन नृत्यों का प्रचलन था। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की प्राचीन वास्तुकला एवं समृद्ध संस्कृति तथा राज्य के प्राचीन मंदिरों की दीवारों पर नृत्य की प्रतिमाओं के पीछे दार्शनिक संकल्पना को संगीत एवं नृत्य प्रेमियों, पर्यटकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्रकाशित इस कॉफी टेबल बुक को उपयोगी बताया और इसके लिए उन्होंने लेखिका पुर्णश्री राउत और संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग को बधाई और शुभकामनाएं दी।

लेखिका पुर्णश्री राउत ने कहा कि सभी शास्त्रीय नृत्यों की उत्पत्ति पौराणिक कथा से है। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला स्थित भोरमदेव मंदिर और जांजगीर स्थित विष्णु मंदिर की दीवारों में उकेरी गई नृत्य प्रतिमाएं भारतीय शास्त्रीय नृत्य की समृद्ध परंपरा की संवाहक है। भारतीय शास्त्रीय नृत्य को प्राचीन काल में देवदासी नृत्य के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह नृत्य मंदिरों के गर्भ गृह में किया जाता था। उन्होंने कहा कि नृत्य शास्त्र पौराणिक उत्पत्ति कॉफी टेबल बुक अंग्रेजी में प्रकाशित की गई है, ताकि भारत आने वाले विदेशी पर्यटक इस कॉफी टेबल बुक ने प्रकाशित सामग्री का अध्ययन कर छत्तीसगढ़ के मंदिरों के अवलोकन भ्रमण के लिए आए, ताकि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इस कॉफी टेबल बुक में छत्तीसगढ़ के भोरमदेव मंदिर और विष्णु मंदिर की तस्वीरों को प्रमुखता से शामिल किया गया है।

********Advertisement********

कार्यक्रम में मौजूद कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सौरी एवं श्री चन्द्रदेव राय ने भी नृत्य शास्त्र का प्रकाशित कॉफी टेबल बुक की सराहना की और इसे संगीत एवं नृत्य शास्त्र के शोधार्थियों के लिए उपयोगी बताया। इस अवसर पर मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम. के. राउत, प्रमुख सचिव वन श्री मनोज पिंगुआ, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, आयुक्त जनसम्पर्क श्री तारन प्रकाश सिन्हा, संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व श्री अमृत विकास तोपनो सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय से नवा रायपुर स्थित नंदनवन जंगलसफारी एवं जू में वन्य प्राणियों के लिए नवनिर्मित 7 बाड़ों का ई-लोकार्पण किया। नंदनवन जंगल सफारी के नवनिर्मित सात बाड़ों में लोमड़ी, सियार, चौसिंगा, काला हिरण, कोटरी, नीलगाय तथा लकड़बग्गा का बाड़ा शामिल है। इसे मिलाकर वर्तमान में वहां जंगल सफारी में कुल बाड़ों की संख्या 18 हो गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, संसदीय सचिव श्री चन्द्रदेव राय उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नवीन बाड़ों का लोकार्पण करते हुए नंदनवन जंगल सफारी जू नवा रायपुर को पर्यटकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने की दिशा में वन विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और प्रकृति के सम्मान के साथ विकास हमारी प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ राज्य की विलक्षण जैव-विविधता हमारी पहचान है। इस पहचान को आगे बढ़ाने के लिए वन्य प्राणियों का संरक्षण जरूरी है। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि जंगल सफारी में वन्य प्राणियों को उनकी पसंद के अनुरूप वातावरण में रखने के लिए 37 बाड़ों के निर्माण का लक्ष्य है।

********Advertisement********

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा गत वर्ष 2019 में 5 अक्टूबर को जंगल सफारी नवा रायपुर में 11 बाड़ों का लोकार्पण किया गया था। इनमें रायल टायगर, लायन, लेपड़, सफेद बाघ, कछुआ, दरियाई घोड़ा, घड़ियाल, ऊद बिलाव, बंगाल मॉनीटर लिजॉर्ड-गोह, क्रोको डायल तथा वन भैंसा आदि बाड़ा शामिल है। नंदनवन जंगल सफारी एवं जू, नवा रायपुर में उपलब्ध नैसर्गिक वन के साथ-साथ लगभग 200 हेक्टेयर क्षेत्र में 1978-80 के मध्य रोपित किए गए विभिन्न प्रजातियों के वृक्षारोपण आज प्राकृतिक वन के रूप में विकसित हो चुके हैं। जंगल सफारी के इस अलौकिक क्षेत्र में एक सर्वेक्षण के मुताबिक लगभग 70 प्रजातियों के पेड़-पौधे, 12 विभिन्न प्रजातियों के वन्य प्राणी, 18 सर्व वर्ग के प्राणियों के साथ-साथ लगभग 76 विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षी जैव विविधता में अपना विशिष्ठ स्थान रखते हैं, जो वन्य प्राणियों के लिए आदर्श रहवास स्थल के रूप में उपयोग में आ रहा है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन श्री मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री पी.व्ही. नरसिंगा राव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अरूण पाण्डेय तथा मुख्य वन संरक्षक श्री जे.आर. नायक सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन से छत्तीसगढ़ के लिए पर्याप्त संख्या में कोविड-19 के टीके उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश में इसके भंडारण, संधारण और वितरण की समुचित व्यवस्था है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन द्वारा आज वीडियो कॉन्फ्रेंस से प्रदेश में कोविड-19 से निपटने की व्यवस्थाओं की समीक्षा के दौरान श्री सिंहदेव ने उनसे यह आग्रह किया। समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै, आयुक्त डॉ. सी.आर. प्रसन्ना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी शामिल हुईं। वहीं नई दिल्ली में डॉ. हर्ष वर्धन के साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव डॉ. राजेश भूषण और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह भी मौजूद थे।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना की रोकथाम के लिए राज्य शासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं और उपायों की विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि यहां इस दिशा में बेहतर काम रहा है। स्वास्थ्य विभाग तथा स्थानीय प्रशासन कोरोना पर नियंत्रण के लिए सक्रियता और तत्परता से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी कुछ महीने कोविड-19 संक्रमण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। सर्दी के मौसम और लगातार त्योहारों के कारण कोरोना संक्रमण के बढ़ने की संभावना है। इसलिए सचेत रहते हुए कोविड अनुकूल व्यवहारों को गंभीरता से अपनाना जरूरी है। डॉ. हर्ष वर्धन ने पांच जिलों दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा और जांजगीर-चांपा के कलेक्टरों से चर्चा कर वहां कोविड प्रबंधन के लिए उठाए जा रहे प्रभावी कदमों की जानकारी ली। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आगे और बेहतर व प्रभावी काम होगा, ऐसी वे उम्मीद करते हैं।

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि प्रदेश में अभी रोजाना 22 हजार से 25 हजार सैंपलों की जांच हो रही है। कोविड अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा बिस्तरों तक आक्सीजन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तत्परता से काम किया गया है। कोरोना संक्रमण के संभावितों का पता लगाने के लिए यहां विगत 2 अक्टूबर से 12 अक्टूबर के बीच घर-घर जाकर गहन सामुदायिक सर्वे किया गया है। स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मितानिनें सप्ताह में दो दिन भ्रमण कर कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण वाले लोगों की पहचान कर उन्हें जांच के लिए प्रेरित कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे सभी संभावित मरीजों की तत्काल जांच के इंतजाम किए गए हैं।

********Advertisement********

श्री सिंहदेव ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को जानकारी दी कि कोविड टीकाकरण के लिए भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकताओं का डॉटा-बेस तैयार किया जा रहा है। टीकों के सुरक्षित संधारण के लिए अभी 530 कोल्ड-चेन (शीत श्रृंखला) प्वाइंट हैं तथा 80 नए कोल्ड-चेन प्वाइंट भी शुरू किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोविड अनुकूल व्यवहारों को अपनाने के लिए आईईसी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मास्क के इस्तेमाल, शारीरिक दूरी बनाए रखने और हाथों की लगातार साफ-सफाई के लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है।

श्री सिंहदेव ने समीक्षा बैठक में बताया कि कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए राज्य के सभी कोविड अस्पतालों और आइसोलेशन सेंटरों में समुचित व्यस्थाएं की गई हैं। होम आइसोलेशन में रहकर उपचार करा रहे लोगों को स्थानीय प्रशासन के माध्यम से निःशुल्क दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही मरीज की सेवा कर रहे परिजन के लिए भी इससे बचाव के लिए दवा दी जा रही है। होम आइसोलेशन के लिए मरीजों के पंजीयन की ऑनलाइन व्यवस्था कर मरीजों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए सरकारी और निजी डॉक्टरों का पैनल भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय रायपुर द्वारा आरक्षक संवर्ग की भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) की रेंजवार समय सारणी जारी कर दी गई है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) स्थगित की गई थी। जिसे पुनः शुरू करते हुए आगामी 4 जनवरी से शारीरिक दक्षता परीक्षा का कार्यक्रम जारी किया गया है तथा 20 फरवरी 2021 तक चयन सूची जारी करने का समय निर्धारित किया गया है।

पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी द्वारा आरक्षकों की शारीरिक दक्षता परीक्षा और शेष भर्ती प्रक्रिया के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रेंज पुलिस महानिरीक्षक द्वारा प्रत्येक रेंज स्तर पर भर्ती समिति का गठन 14 नवम्बर तक किया जाएगा। शारीरिक दक्षता परीक्षा के प्रचार-प्रसार एवं उम्मीदवारों का दिवसवार चार्ट 15 दिसम्बर तक जारी किया जाएगा। जारी कार्यक्रम के अनुसार रायपुर रेंज के कुल 11 हजार 672 अभ्यर्थियों के लिए 4 जनवरी 2021 से 3 फरवरी 2021 तक शारीरिक दक्षता परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसी प्रकार दुर्ग रेंज के 21 हजार 140 अभ्यर्थियों के लिए 4 जनवरी से 6 फरवरी तक, बिलासपुर रेंज के 5 हजार 649 अभ्यर्थियों के लिए 4 जनवरी से 16 जनवरी तक, सरगुजा रेंज के 3 हजार 588 अभ्यर्थियों के लिए 4 से 12 जनवरी तक और बस्तर रेंज के 6 हजार 710 अभ्यर्थियों के लिए 4 जनवरी से 19 जनवरी 2021 तक शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित होगी।

********Advertisement********

शारीरिक दक्षता परीक्षा के तहत 100 और 800 मीटर दौड़, लंबी कूद, उंची कूद तथा गोला फेंक का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। पुलिस महानिदेशक श्री अवस्थी ने शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समय-समय पर कोविड-19 महामारी संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि पूर्व में 1 अप्रैल से 25 अप्रैल तक शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए कार्यक्रम निर्धारित किया गया था, जिसे कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए स्थगित कर दिया गया था।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


देश में पढ़ना-लिखना अभियान के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिलों में कलेक्टर के निर्देशन में विशेष रणनीति बनाई जाएगी। इसके लिए सर्वे का कार्य होगा। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण एवं एस.सी.ई.आर.टी. के संचालक डी. राहुल वेंकट ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला परियोजना अधिकारियों और डाइट के प्राचार्यो को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दीपावली के बाद सर्वे का कार्य प्रारंभ करने और सर्वे दल का गठन शीघ्र करने के निर्देश दिए।

श्री राहुल वेंकट ने कहा कि कोरोना के कारण लक्ष्य को पूरा करने के लिए समय कम है। इसलिए जिले को दिए गए लक्ष्य के अनुसार ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय के वार्डों का चिन्हांकन दीपावली के पूर्व ही कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में स्वयंसेवी शिक्षकों के माध्यम से अध्यापन कराया जाना है अतः उनका भी चिन्हांकन कर लिया जाए। जिलों की परिस्थिति के अनुसार पूरे जिले अथवा जिस विकासखण्ड को इस प्रारंभिक योजना में शामिल कर रहे हैं उस ग्राम पंचायत और नगर के वार्ड के लिए सर्वे दल का गठन कर लिया जाए। कार्यक्रम में स्वयंसेवी संस्थाएं की भी विशेष भूमिका होगी।

श्री राहुल वेंकट ने कहा कि अभियान में राष्ट्रीय सेवा योजना, एनसीसी और नेहरू युवक केंद्र के अलावा महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं, सेवानिवृत्त कर्मियो, स्थानीय स्तर पर सेवाभावी व्यक्तियों और शिक्षकों की विशेष भूमिका होगी। ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत मैदानी अमले को लक्ष्य अनुसार इस कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास भी किया जाए।

********Advertisement********

बैठक के प्रारंभ में पढ़ना लिखना अभियान के नोडल अधिकारी श्री प्रशांत कुमार पांडेय ने बताया कि जिला साक्षरता मिशन का गठन कलेक्टर की अध्यक्षता में किया जाना है। पंजीयन की कार्यवाही बाद में की जाएगी। इसी प्रकार डाइट में जिला साक्षरता केंद्र स्थापित किया जाएगा। विकासखण्ड, नगरीय निकाय के अलावा ग्राम पंचायत और नगर के वार्डों में भी समिति का गठन किया जाएगा। सर्वे का कार्य प्रदेश में एक निश्चित अवधि में पूरा किया जाना है। उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक आहूत हो चुकी है, अन्य जिलों में भी बैठक कर ली जाए।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सहायक संचालक श्री दिनेश कुमार टाक सहित प्रदेश के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी, डाइट के प्राचार्य, साक्षरता मिशन के जिला परियोजना अधिकारी के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि उच्च जाति के किसी व्यक्ति को उसके कानूनी अधिकारों से सिर्फ इसलिए वंचित नहीं किया जा सकता है क्योंकि उस पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के किसी व्यक्ति ने आरोप लगाया है। जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, 'एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कोई अपराध इसलिए नहीं स्वीकार कर लिया जाएगा कि शिकायतकर्ता अनुसूचित जाति का है, बशर्ते यह यह साबित नहीं हो जाए कि आरोपी ने सोच-समझकर शिकायतकर्ता का उत्पीड़न उसकी जाति के कारण ही किया हो।' एसटी/एसटी समुदाय के उत्पीड़न और उच्च जाति के लोगों के अधिकारों के संरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी काफी क्रांतिकारी मानी जा रही है।

सोच-समझ कर नहीं किया उत्पीड़न तो SC/ST ऐक्ट लागू नहीं
तीन सदस्यीय पीठ की तरफ से लिखे फैसले में जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि उच्च जाति के व्यक्ति ने एससी/एसटी समुदाय के किसी व्यक्ति को गाली भी दे दी हो तो भी उस पर एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती है। हां, अगर उच्च जाति के व्यक्ति ने एससी/एसटी समुदाय के व्यक्ति को जान-बूझकर प्रताड़ित करने के लिए गाली दी हो तो उस पर एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कार्रवाई जरूर की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि जब तक उत्पीड़न का कोई कार्य किसी की जाति के कारण सोच-विचार कर नहीं किया गया हो तब तक आरोपी पर एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

प्राइवेट में उत्पीड़न SC/ST ऐक्ट के दायरे से बाहर
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि उच्च जाति का कोई व्यक्ति अगर अपने अधिकारों की रक्षा में कोई कदम उठाता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसके ऊपर स्वतः एससी/एसटी ऐक्ट के तहत आपराधिक कृत्य की तलवार लटक जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के फैसलों पर फिर से मुहर लगाते हुए कहा कि एससी/एसटी ऐक्ट के तहत उसे आपराधिक कृत्य ठहराया जा सकता है जिसे सार्वजनिक तौर पर अंजाम दिया जाए, न कि घर या चहारदिवारी के अंदर जैसे प्राइवेट प्लेस में।


उच्च जाति के पुरुष के खिलाफ केस खारिज
बेंच ने यह टिप्पणी एक पुरुष को एक महिला को जाति संबंधी गाली देने के लिए आपराधिक आरोप से मुक्त करते हुए दी। पीठ ने कहा कि आरोपी पुरुष और शिकायतकर्ता महिला के बीच उत्तराखंड में जमीन की लड़ाई चल रही थी। दोनों ने इस संबंध में एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा रखा था। बाद में महिला ने यह कहते हुए एससी/एसटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया कि पुरुष ने सहयोगियों के साथ मिलकर महिला को खेती करने से बलपूर्वक रोक दिया और उन्होंने महिला को जाति संबंधी गालियां भी दीं।

********Advertisement********

मामले में तथ्यों की पड़ताल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुरुष पर घर की चहारदिवारी के अंदर गाली-गलौज करने का आरोप है, न कि सार्वजनिक तौर पर। इसलिए, उसके खिलाफ एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कार्रवाई करना उचित नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि जब तक कोई व्यक्ति एससी/एसटी समुदाय के व्यक्ति को उसे जाति के आधार पर प्रताड़ित करने की मंशा से भला-बुरा नहीं कहता है और जब तक उत्पीड़न की घटना का कोई गवाह नहीं हो, तब तक किसी उच्च जाति के व्यक्ति के खिलाफ एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

बेंच ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारक) कानून की धारा-3 (1) के तहत याचिकाकर्ता आरोपी के खिलाफ मामला नहीं बनता और आरोप पत्र खारिज किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने 2008 के अपने पहले के फैसले का हवाला दिया और कहा कि पब्लिक प्लेस को बताया था और कहा था कि अगर घर के बाहर जैसे किसी घर के सामने उसके कैंपस में अपारध किया जाता जिसे घर के बाहर की सड़कों से देखा जा सकता है तो वह निश्चित तौर पर पब्लिक प्लेस माना जाएगा क्योंकि कोई भी देख सकता है। मौजूदा मामले में घर के अंदर महिला को गाली देने का आरोप है और यह कथित मामला ऐसा नहीं है कि किसी के सामने हुई हो।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


धान खरीदी पर भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार के विरोध में की जा रही बयानबाजी को छत्तीसगढ़ के राजनैतिक इतिहास का काला अध्याय निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि भाजपा को स्पष्ट करना चाहिये कि भूपेश बघेल सरकार से भाजपा का विरोध किस बात का है? 80लाख टन से अधिक धान की रिकार्ड खरीदी से भाजपा का विरोध है? या 2500 रू. किसानों को धान का दाम दिये जाने से भाजपा का विरोध है? या भाजपा शासनकाल की तुलना में 2.5 लाख अधिक किसानों का धान खरीदी किये जाने का विरोध है?

प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार में छत्तीसगढ़ के किसान समृद्ध हो रहे है तो इसका विरोध भाजपा क्यों कर रही है? रमन सिंह के शासनकाल की तरह हर रोज चार किसान आत्महत्या नहीं कर रहे है तो क्या इसका विरोध भाजपा कर रही है? किसान कर्जमुक्त हो गया इसका विरोध भाजपा कर रही है क्या?

प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा ने तो 2013 के घोषणा पत्र में कहा था कि एक-एक दाना धान खरीदेंगे और नहीं किया था, सच्चाई तो यही है। भाजपा को 2013 विधानसभा चुनावों के घोषणा पत्र का अंश मीडिया को जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा अपनी गलतियों, अपनी वादाखिलाफी और अपने किसान विरोधी चरित्र को कांग्रेस सरकार पर मढ़ना बंद करें।

********Advertisement********

प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि धान खरीदी का पूरा लाभ केवल राज्य के किसानों को मिले, इसके लिये कांग्रेस सरकार काम कर रही है जो कोचियों की समर्थक भाजपा को नागवार गुजरा रहा है। भाजपा नेता कोचियों के सरगना की तरह व्यवहार कर रहे है।

जिस भाजपा की केन्द्र सरकार ने किसानों का धान 1865 में ही लेने और 2500 रू. धान का दाम देने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया, उसी भाजपा के नेता कांग्रेस की सरकार पर 2500रू. में किस्तों में देने का आरोप लगाते है। इससे शर्मनाक दोहरा चरित्र और कुछ हो ही नहीं सकता है।

छत्तीसगढ़ के धान उगाने वाले किसानों के साथ भाजपा की 15 साल की धोखा धड़ी का काला चिट्ठा जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा की कथनी और करनी में अंतर की तालिका जारी कर बताया सब कुछ स्पष्ट है।







क्या कहा और क्या किया

भाजपा की कथनी - करनी का अंतर

क्या कहा था, क्या किया

धान का 2100 रूपये समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया

5 साल तक 300 रूपये बोनस देंगे 5 साल, नहीं दिया

धान का एक-एक दाना खरीदेंगे, नहीं खरीदा

5 हार्सपावर पंपो को मुफ्त बिजली देंगे, नहीं दिया

स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशे लागू करेंगे

लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत जोंड़कर समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया

2022 तक किसानों की आय दुगुनी करेंगे, अभी तक कुछ नहीं किया

प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा सत्ता में थी तब भी किसान विरोधी थी आज ही विपक्ष में है तब भी किसान विरोधी ही है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं भाजपा नेता लगातार कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के समृद्धि खुशहाली के युग के सूत्रपात का विरोध कर रहे है। 15 साल तक रमन सरकार में किसानों की आत्महत्या की सैकड़ों घटनाएं हुयी थी। किसान अपनी खेती बाड़ी की जमीन बेचने के लिए मजबूर थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों के हित में ऐतिहासिक फैसला लेकर किसानों की खुशहाली और समृद्धि के लिए काम किया। किसानों की जमीनें औने-पौने दामों में बिकना बंद हुआ और कृषि को लाभकारी देखते हुए भाजपा शासनकाल में पंजीकृत लगभग 17 लाख किसानों की तुलना में 2019-20 में साढ़े उन्नीस लाख किसानों ने धान बेचने पंजीयन कराया। इससे स्पष्ट होता है कि इस वर्ष ढाई लाख और लोगों ने खेती किसानी की ओर रुख किया और दस लाख लोगों के हाथों को कृषि कार्य में रोजगार मिला। 2500 रू. का मूल्य पिछले साढ़े 19 लाख से अधिक किसानों तक पहुँचा और इस संख्या में इस साल और बढ़ोत्तरी होने जा रही है। किसानों का नया पंजीयन इस वर्ष भी लगातार जारी है। इस साल किसानों की संख्या भी बढ़ेगी और धान खरीदी भी बढ़ेगी। भाजपा को पीड़ा इस बात की है कि जो 15 साल में रमन सरकार नहीं कर पायी वो काम भूपेश बघेल सरकार ने कर दिखाया। इसी का विरोध भाजपा कर रही है। इसी की पीड़ा भाजपा को है। संलग्न- भाजपा के घोषणा पत्र 2013 के 2 पृष्ठ।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


मोदी सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के लिए मांगी गई बोरा गठानो की संख्या में की गई कटौती का कांग्रेस ने विरोध किया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी भाजपा की सरकार निरंतर छत्तीसगढ़ के किसानों के धान खरीदी पर व्यवधान उत्पन्न कर रही है। चालू खरीफ वर्ष में राज्य में 20 लाख से अधिक किसानों से प्रति एकड़ 15 किवंटल धान की खरीदी करने 4 लाख 75 हजार गठान बोरा की आवश्यकता है। जिसकी पूर्ति के लिए राज्य सरकार ने 3 लाख 50 हजार गठान जुट कमिश्नर कोलकाता से मांगे थे एवं शेष 1 लाख 25 हजार गठान पुराना बोरा मिलर्स एवं पीडीएस का उपयोग करने की योजना बनाई गई। लेकिन मोदी भाजपा की सरकार ने माँगी गई गठानों की संख्या में कटौती कर छत्तीसगढ़ को मात्र 1 लाख 43 हजार गठान बोरा ही देने का आदेश 9 अक्टूबर 2020 को जारी किया है। यह पूरी तरीके से अनुचित है छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है जब मोदी भाजपा की सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों के धान खरीदी पर व्यवधान उत्पन्न किया हो। इसके पहले भी किसानों के धान को 2500 रू. क्विंटल के दाम से खरीदी करने पर रोक लगाया गया। छत्तीसगढ़ से सेंट्रल पूल में चावल लेने की लिमिट कम कर दी थी। किसानों को समर्थन मूल्य से अतिरिक्त राशि देने पर सेंट्रल पूल में चावल नहीं लेने की चेतावनी भी दी गई थी। अब किसानों के धान खरीदी पर व्यवधान उत्पन्न करने के लिए मांगी गई बोरा गठानों की संख्या में कटौती कर एक बार और मोदी भाजपा की सरकार ने अपने किसान विरोधी कृत्य को ही आगे बढ़ाने का काम किया है।

********Advertisement********

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार अपने किसान विरोधी तीन काला कानून को लागू करने के लिए किसानों के धान खरीदी पर अड़ंगा लगाने अनेक प्रकार से षड्यंत्र रच रही है। मोदी भाजपा चाहती है कि किसानों को धान की कीमत 2500 रू. ना मिले। छत्तीसगढ़ में किसानों से धान खरीदी आसानी से ना हो, छत्तीसगढ़ के 20 लाख किसान धान बेचने से वंचित रहे। इस प्रकार की साजिश और षड्यंत्र मोदी भाजपा की सरकार कर रही है। मोदी भाजपा चाहती है कि किसान अपने धान को पूंजीपतियों को औने-पौने दाम में बेचने के लिए मजबूर हो जाए।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस तेजी से बढ़ रहा है, रोजाना प्रदेश के अलग-अलग जिलों से नए संक्रमितों की पुष्टि हो रही है। वहीं, मौत के आंकड़ों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है।स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल बुलेटिन (Medical Bulletin) जारी कर प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर जानकारी दी है। आज 1758 मामलों की पुष्टि हुई है





********Advertisement********

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


जिले में CRPF 231 बटालियन के D और F कंपनी के जवानों ने 2 जिंदा सीरियल बम बरामद कर उन्हें मौके पर ही डिफ्यूज किया. दोनों बम 3 और 5 किलो के थे.जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में नीलवाया मार्ग से CRPF के जवानों ने दो IED बरामद किए. बमों को रोड निर्माण में लगे वाहनों को सुरक्षा देने में लगे जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने लगाया था. जवानों ने दोनों IED को बरामद कर घटनास्थल पर ही नष्ट कर दिया.

CRPF 231 बटालियन की दो कंपनियां सहायक कमांडेंट विनय कुमार और निरीक्षक हरिधन चरण के नेतृत्व में सड़क निर्माण कार्य सुचारू रूप से संचालित कराने के लिए निकले थे. सर्चिंग पार्टी कोंडापारा कैंप से नीलवाया जाने वाले मार्ग पर गश्त कर रही थी. इसी दौरान जवानों ने 3 किलो और 5 किलो वजनी IED बरामद किया और तत्काल उन्हें डिफ्यूज किया.

********Advertisement********

जिले में लोन वर्राटू अभियान लगातार प्रभावी रूप ले रहा है. लोन वर्राटू से प्रभावित होकर आए दिन नक्सली जिसमें इनामी नक्सली भी शामिल हैं आत्मसमर्पण कर रहे हैं. 2 दिन पहले भी 5 इनामी सहित 10 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था. दंतेवाड़ा में पुलिस विश्वास, विकास और सुरक्षा के तहत काम कर रही है और ग्रामीणों को अपने साथ जोड़ रही है.

इससे पहले छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के दिन 1 नवंबर को 27 नक्सलियों ने सरेंडर किया था. इन नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में से पांच नक्सलियों पर 1-1 लाख का इनाम था.

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


पाठ्यपुस्तक निगम में हुई गड़बड़ी के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ने आज पूर्व विधायक और बीजेपी नेता देवजीभाई पटेल से पूछताछ की। देवजीभाई पटेल को दो बार नोटिस भेज कर उन्हें बयान और साक्ष्य के लिए उपस्थित होने को कहा गया था, जिसके बाद आज वो ईओडब्लू के दफ्तर पहुंचे थे। यहां उनके पाठ्यपुस्तक निगम में अध्यक्ष रहने के दौरान हुई कथित गड़बड़ी के मामले में पूछताछ की गई है । ग्लो साइनबोर्ड वाल मामले में फाईल पर उनके हस्ताक्षर के बारे में पूछा गया है ।

बताया जा रहा है कि यह पहली बार है जब किसी आयोग या मंडल के अध्यक्ष को ईओडब्लू ने दफ्तर बुलाकर पूछताछ की हो। हालांकि ईओडब्लू के रवैये पर देवजीभाई पटेल ने कड़ा ऐतराज जताया है और कहा कि जल्द ही वो अपने समर्थकों और दूसरे जनप्रतिनिधियों के साथ ईओडब्लू के डीआईजी आरिफ शेख से मुलाकात करेंगे ।

********Advertisement********

देवजीभाई ने बताया कि उन्होंने खुद पाठ्यपुस्त निगम के तत्कालीन एमडी समेत कई दूसरे अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्लू से लेकर कई दूसरे विभाग में शिकायत की है। यहां तक कि कि पाठ्यपुस्तक निगम में हुए भ्रष्टाचार के मामले को उजागर करने के लिए हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर ईंटरविनर बने हैं। लेकिन उनकी शिकायतों पर कार्रवाई न कर ईओडब्लू उन्हीं को बुलाकर पूछताछ कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर यहां से कार्रवाई नहीं हुई तो फिर वो अपने केस को लेकर कोर्ट तक जाने की तैयारी करेंगे।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि, उद्यानिकी तथा कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के बी.एस.सी. कृषि (आनर्स) तथा बी.एस.सी. उद्यानिकी (आनर्स) तथा बी.टेक. कृषि अभियांत्रिकी पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए ऑनलाइन काउन्सलिंग प्रक्रिया के प्रबंधन कोटे की सीटों में प्रवेश हेतु ऑनलाइन काउंसलिंग शेड्यूल में संशोधन किया गया है। अब प्रबंधन कोटा की सीटों के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया 12 नवम्बर, से 22 नवम्बर, 2020 (रात्रि 11ः59 बजे तक) आयोजित की जाएगी।

********Advertisement********

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने जानकारी दी है कि कृषि, उद्यानिकी एवं कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय प्रबंधन कोटे की सीटों में प्रवेश के लिए इच्छुक ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने पूर्व में आवेदन नहीं किया है एवं प्रबंधन कोटा में प्रवेश की आर्हता पूर्ण करते हैं वे भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जिन अभ्यर्थियों ने प्रवेश हेतु पूर्व में आवेदन किया है यदि वे प्रबंधन कोटा के अंतर्गत प्रवेश के लिए इच्छुक हैं तो उन्हें भी पुनः ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा। अभ्यर्थियों को काउंसलिंग शुल्क रूपये 1,000/- एवं एक सेमेस्टर का शुल्क रूपये 50,000/- जमा करना एवं दस्तावेज अपलोड करना आवश्यक होगा। जिन विद्यार्थियों को सीटों का आबंटन नहीं होगा या आबंटित सीटें किसी कारणवश निरस्त कर दी जायेगी तो ऐसी स्थिति में अभ्यर्थियों को सेमेस्टर शुल्क वापस कर दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



👉 READ MORE


छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. श्रीमती किरणमयी नायक द्वारा गुरूवार को कोण्डागांव और नारायणपुर जिले के महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई कोण्डागांव जिला कार्यालय के सभाकक्ष में की गई। प्रकरणों में कोण्डागांव जिले के पांच और नारायणपुर जिले का एक प्रकरण शामिल था। प्रकरण मुख्य रूप से पारिवारिक विवाद, शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न, दहेज प्रतारणा, भरण-पोषण से संबंधित थे। एक मामले में महिला आयोग ने पीड़ित महिला के आवेदन को गंभीरता से लेते हुए फैसला दिया। दरअसल, महिला ने शिकायत थी कि पति विवाह के 10 वर्ष पश्चात उसे छोड़कर दूसरा विवाह कर रहा है। वर्तमान में शासकीय कर्मचारी होने के बावजूद कोई भरण-पोषण राशि न देकर उसे असहाय छोड़ दिया है।महिला आयोग के द्वारा दोनों पक्षों को सुनकर यह निर्णय लिया गया कि महिला का पति पीड़िता को एकमुश्त भरण-पोषण राशि पांच लाख रुपये देकर आपसी सहमति से तलाक ले सकेगा। इसके अतिरिक्त आयोग की अध्यक्ष ने महिला के पति को यह निर्देश भी दिया कि पूरी राशि देने के पश्चात ही आपसी सहमति से ही वह विवाह विच्छेद के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा, जिस पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई।

एक अन्य प्रकरण में महिला ने शिकायत की उसे प्रेम जाल में फंसाकर एक लाख 27 हजार रुपए ऐंठ लिए गए और बाद में मारपीट, गाली- गलौज और बदनाम करने की धमकी देकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। आयोग ने गंभीर प्रकृति का अपराध मानते हुए प्रकरण को संज्ञान में लिया और अनावेदक को यह निर्देशित किया कि आवेदिका को उसके पैसे वापस कर माफी मांग कर संपूर्ण प्रकरण का निराकरण करें। अनावेदक ने माफी मांगते हुए संपूर्ण राशि छह माह के भीतर वापस करने का आश्वासन दिया।

********Advertisement********

मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रतारणा के मामले का आयोग ने आवेदिका एवं अनावेदक सहित गवाहों के समक्ष निराकरण किया। आयोग की अध्यक्ष डॉ. श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि लड़कियां किसी भी प्रकार की प्रताड़ना से न डरे और आयोग के समक्ष आकर अपनी शिकायत दर्ज करें। एक अन्य प्रकरण में उभय पक्षों ने पुलिस रिपोर्ट के पश्चात भी चालान प्रस्तुत ना होने की बात कही जिस पर आयोग ने संबंधित थाना प्रभारी को निर्देशित किया कि रिपोर्ट हुए प्रकरणों में त्वरित कार्रवाई कर चालान प्रस्तुत करें। जिससे न्यायालय के समक्ष मामले का निराकरण शीघ्रता से हो सके। इसके अतिरिक्त आयोग ने पुलिस रिपोर्ट पर शीघ्रता से संज्ञान लेने का भी निर्देश पारित किया। सुनवाई के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया गया। सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता, महिला बाल विकास एवं पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर