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detail news only from Chhattishgarh ,dated: ८ सितम्बर २०२०

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मन में दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कितनी भी बाधा आए, लक्ष्य को प्राप्त करने से कोई रोक नहीं सकता। चाहे यह बाधा शारीरिक रूप से हो या अन्य किसी रूप में। दिव्यांगजनों में आत्मविश्वास जगाकर उन्हें अवसर एवं सुविधाएं उपलब्ध कराया जाए तो वे सामान्य व्यक्ति ही नहीं, हो सकता है, उनसे भी अच्छा अपना प्रदर्शन करे। यह विचार राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके नेे व्यक्त किए। राज्यपाल जन कल्याण एवं ग्लोबल फोरम ऑफ रेहबिलटेशन संस्था द्वारा आयोजित ‘‘सक्षम दिव्यांगजन आत्मनिर्भर भारत’’ विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रही थी। राज्यपाल ने इस आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

सुश्री उइके ने सुझाव देते हुए कहा कि दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कार्य करते रहेंगे तो निश्चित ही आत्मनिर्भर भारत का संकल्पना साकार होगी। उन्होंने कहा कि गत दिनों राजभवन में छत्तीसगढ़ के राज गीत को वहां के दिव्यांग बच्चियों ने इतनी सुंदर प्रस्तुति दी, वह मन को छू गई थी। राज्यपाल ने भिलाई की उड़ान संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यो का उल्लेख कर कहा कि ऐसी अन्य संस्थाओं को दिव्यांगों के कल्याण के लिए भी कार्य करना चाहिए।उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह हैं, बस कुछ विषयों में उनमें थोड़ी सी भिन्नता होती है। उन पर यदि ध्यान दिया जाए, तकनीकी रूप से इन्हें ठीक किया जाए तो ये सामान्य बच्चों की तरह से आसानी से काम कर सकते हैं। इस संबंध में शिक्षा की अद्भुत भूमिका हो सकती है। सबसे पहले तो हमें यह महसूस करना है और इस तथ्य को जानना है कि दिव्यांगजनों में भी वो कमाल की क्षमता है जो एक सामान्य इंसान में होती है जो उसे जीवन में असाधारण ऊंचाइयां प्रदान कर सकती है

। राज्यपाल ने कहा कि यदि हम कार्यक्रम के विषय की बात करें तो आत्मनिर्भर भारत का अर्थ है कि हम हमारे देश में निर्मित उत्पादों का उपयोग करें। साथ ही जो उत्पाद दूसरे देशों से मंगाते हैं, उसका उत्पादन अपने देश में ही करें। स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन दे और उसका उपयोग करें। हालांकि पिछले कुछ समय से समाज में जागृति आई है। उन्होंने कहा दिव्यांगजनों में भी समाज के अन्य व्यक्तियों जैसी क्षमता होती है, हो सकता है कि उनसे अधिक क्षमता हों। मेरा सुझाव है कि दिव्यांगजनों के स्वयंसहायता समूह बनाकर खादी ग्रामोद्योग तथा अन्य विभागों के शासकीय योजनाओं से जोड़ें, तो उन्हें अपने उद्यम स्थापित करने के लिए सहयोग मिल सकता है। उन्हें छोटे-छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करें।

उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से हम यह प्रयास करें कि दिव्यांगजनों के द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराएं और उनका प्रचार-प्रसार करें। इससे अवश्य ही इसका प्रतिसाद मिलेगा। इससे उनके आय में वृद्धि होगी और वे अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे। इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री श्री पुरषोत्तम रूपाला के संदेश का प्रसारण किया गया। कार्यक्रम में संस्थापक अध्यक्ष जनकल्याण सुश्री मोनिका अरोरा तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय से वीडियों कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश के 76 हजार 803 गोबर विक्रेताओं को तृतीय किस्त 6 करोड़ 27 लाख रूपए का भुगतान किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर ’गोधन न्याय योजना एप’ का भी शुभारंभ किया। इस एप के माध्यम से अब प्रदेश के गोबर विक्रेताओं को ऑनलाइन घर पर ही गोबर विक्रय के संबंध में विस्तृत जानकारी मिल जाएगी। श्री बघेल ने पशुपालकों एवं गोबर विक्रेताओं के सुविधाओं के लिए एप तैयार करने के लिए अधिकारियों की सराहना की। एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। एप के माध्यम से गोबर विक्रेताओं के साथ-साथ स्व-सहायकता समूह को भी जोड़ा जा सकता है।

गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट बनाने और उसे बेचने तक की जानकारी उपलब्ध रहेगी। इसके साथ ही कौन-कौन से विभागों के साथ समन्वय किया गया है, यह जानकारी भी विक्रेताओं को मिलेगी। इससे हितग्राहियों को निर्मित कम्पोस्ट खाद के मार्केटिंग के लिए और अधिक अवसर उपलब्ध हो सकेगा। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, संसदीय सविच श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, राज्य महिला आयोग की अघ्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, अपर मुख्य सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव डॉ. एम.गीता, सचिव श्री आर. प्रसन्ना, श्री नीलेश क्षीरसागर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सिकोला और कोहका गौठान समिति के सदस्यों का किया उत्साहवर्धन
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस दौरान रायपुर जिले के तिल्दा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोहका और दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम सिकोला के गौठान समिति के सदस्यों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत उनका उत्साहवर्धन किया। गौठान के सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को बताया कि वर्तमान में गांव में 43 पंजीकृत पशुपालक हैं, पशुपालकों ने 209 क्विंटल गोबर का विक्रय किया है और उन्हें 4 लाख 18 हजार रूपए की अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हुई है। सदस्यों ने यह भी बताया कि वे गौठान में 80 मवेशियों के लिए चारा-पानी की व्यवस्था करते हैं। उन्होंने बताया कि समिति के माध्यम से लगभग 4 एकड़ में नेपियर घास का उत्पादन किया जा रहा हैं। इसके अलावा साग-सब्जी की भी खेती कर अतिरिक्त आमदनी अर्जित की जा रही हैं। गौठान में मछली पालन भी कर रहे है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समिति के सदस्यों को और स्व-सहायता समूह की महिलाओं को गौ-माता की अच्छी सेवा करने और अधिक मेहनत कर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल को सिकोला गौठान समिति के सदस्यों ने बताया कि उनके गौठान में वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम शुरू हो गया है। अब तक दो हजार किलोग्राम से अधिक कम्पोस्ट खाद की विक्रय कर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की गई है। मुख्यमंत्री ने गौठान समिति के चरवाहा बुदरू राम से भी बात की। उन्होंने बताया कि वे रोजाना लगभग 45 से 50 किलोग्राम गोबर एकत्र कर लेते है। इससे उन्हे लगभग सौ रूपए की आमदनी हो रही है। सदस्यों ने बताया कि गौठान के आस-पास अन्य जमीनों पर सब्जी-भाजी के उत्पादन के साथ-साथ मुर्गी पालन के लिए शेड भी तैयार किया गया है। जल्द ही मुर्गी पालन शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ-संवर्धन एवं संरक्षण के लिए शुरू की गई गोधन न्याय योजना आप लोगों की मेहनत से ही सफल हो पाएगा। उन्होंने कहा कि अच्छे से मेहनत कर अतिरिक्त आमदनी कमाने की दिशा में काम करते रहें साथ ही अन्य ग्रामीणों को भी इस दिशा में काम करने प्रेरित करें। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, संसदीय सविच श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, राज्य महिला आयोग की अघ्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, अपर मुख्य सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव डॉ. एम.गीता, सचिव श्री आर. प्रसन्ना, श्री नीलेश क्षीरसागर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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जारी बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में आज 2545 नए मामले सामने आए हैं और 615 लोग डिस्चार्ज हुए हैं। वहीं आज 12 और कोरोना संक्रमित की मौत हो गई।छत्तीसगढ़ में आज मिले 2545 नए कोरोना मरीजों में से रायपुर से 629, बिलासपुर से 359, राजनांदगांव से 240, दुर्ग से 231, रायगढ़ से 103, बीजापुर से 98, बलौदाबाजार से 92, सरगुजा से 78, जाजंगीर सेचांपा से 65, मुंगेली से 62, कोरबा से 58, बालोद से 54, महासमुंद से 48, सूरजपुर से 48, धमतरी से 47, गरियाबंद से 44, कांकेर से 40, सुकमा से 33, कोंडागांव से 28, कवर्धा से 26, बलरामपुर से 25, जशपुर से 25, नारायणपुर से 25, कोरिया से 21, दंतेवाड़ा से 21, बस्तर से 20, बेमेतरा से 9, पेंड्रा से 9 और अन्य राज्य से 7 मरीज शामिल हैं।





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कोविड सेंटर में पोस्टेड जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। कोविड सेंटर में पोस्टेड 150 जुडो के हड़ताल में जाने से व्यवस्था ठप हो गई है। जूडा ने पिछले 5 महीनों से स्टायपंड नहीं मिलने का आरोप लगाया है। सभी कोविड सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहें थे। अब डॉक्टर्स के हड़ताल में चले जाने से अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है।जूडा के अध्यक्ष डॉक्टर मुकेश तिवारी ने बताया कि पिछले पांच माह से स्टायफ़ंड नहीं मिला है . उन्होंने बताया कि वे अपनी माँग को लेकर ज़िम्मेदार अधिकारियों के चक्कर काटकर परेशान हो चुके हैं. विभागीय सचिव संचालक से लेकर मंत्री तक ज्ञापन सौंपे हैं लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई, परेशान होकर आज वे सब ने काम रोक कर काली पट्टी लगाकर अपनी मांग रखी है जब तक उनकी मांग नहीं पूरी की जाएगी हड़ताल ख़त्म नहीं करेंगे . वहीं आयुर्वेदिक महाविद्यालय के कुलपति जीएस बघेल ने कहा कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं| हर बार ट्रेज़री से फ़ाइव रिजेक्ट कर दिया जाता है कि जो लिमिट था वो ख़त्म हो गया है, इसलिए अपने उच्चाधिकारियों को फ़ाइल भेजा गया है, ताकि जल्द से जल्द निराकरण हो . बच्चे अपनी मांगों को लेकर आज जो इकट्ठा हुए हैं, इसकी भी सूचना दे दी गई है

वहीं सीएसपी नसर सिद्दकी ने कहा कि छात्रों स्टायफंड मिलना था लेकिन उन्हें नहीं मिला है इसीलिए आज इकट्ठा हुए हैं पुलिस को सूचना मिलते ही तत्काल मौक़े पर टीम पहुंच गई| उसके बाद विद्यालय प्रबंधन से बातचीत की गई, जैसे ही कोई विकल्प निकाला जाएगा सूचित किया जाएगा|

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लक्षण रहित तथा कम लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजो को होम आईसोलेशन में रखकर अब घर पर ही इलाज किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा होम आईसोलेशन मे रहने वाले मरीजो की निगरानी एवं समन्वय और प्रबंधन के लिए चैबीस घंटे चलने वाले काॅल सेंटर-सह-कंट्रोल रूम की स्थापना कर दी गई है। जिला पंचायत कार्यालय कोरबा मे स्थापित जिला स्तरीय इस कंट्रोल रूम का फोन नंबर 07759-222720 है। इस चैबीसो घंटे चलने वाले सक्रिय कंट्रोल रूम मे चिकित्सा अधिकारी के साथ नर्सिंग स्टाफ एवं पैरामेडिकल स्टाफ की भी ड्यूटी रहेगी। होम आईसोलेशन की अनुमति देने के पूर्व मरीज के होम आईसोलेशन के पात्रता के संबंध मे जिला कंट्रोल रूम की टीम द्वारा आंकलन किया जाएगा।

होम आईसोलेशन की सम्पूर्ण अवधि के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त स्वास्थ्यकर्मी प्रतिदिन होम आईसोलेटेड मरीज के अटेंडेंट से फोन के माध्यम से सम्पर्क में रहेंगे। होम आईसोलेटेड मरीज मे सांस लेने मे कठिनाई, सीने मे दर्द, होठ या चेहरे का नीला पड़ना, आॅल्टर्ड सेंसोरियम जैसे गंभीर लक्षण विकसित होने पर मरीज के अटेंडंेट या परिजन कंट्रोल रूम मे दूरभाष के माध्यम से सूचना दे सकेंगे। ऐसे सभी गंभीर मरीजो के प्रबंधन एवं समन्वय के लिए रैपिड एक्शन टीम भी गठित किया गया है। गंभीर मरीज की सूचना कंट्रोल रूम मे प्राप्त होने पर रैपिड एक्शन टीम मरीज को कोविड केयर सेंटर या डेडिकेटेड कोविड अस्पताल आबंटित करेंगे जहां मरीज अपने अटेंडेंट के साथ स्वयं के वाहन से जा सकेंगे

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सभी नागरिक आरोग्य सेतु एप्प को अपने मोबाइल मे करें इंस्टाॅल -
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले के सभी नागरिको से अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप्प को इंस्टाॅल करने की अपील की है। आरोग्य सेतु एप्प को मोबाइल में इंस्टाॅल करने से कोविड-19 से संबंधित कोई भी जानकारी तथा कोरोना संक्रमित मरीजो की जानकारी के साथ-साथ संक्रमित मरीजो की काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग में भी सहायता मिल सकेगी। होम आईसोलेशन में रहने वाले कोरोना संक्रमित मरीज को अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप्प को डाउनलोड करना जरूरी होगा और 24 घंटे एप्प पर नोटिफिकेशन और लोकेशन ट्रेसिंग को भी आॅन रखना होगा।

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बिलासपुर कोविड अस्पताल में किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहीं कोरोना संक्रमित और अभी वेंटिलेटर के साथ उपचाररत महिला का सफल डायलिसिस किया गया है। अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑक्सीजन लगे लगे ही उनका डायलिसिस किया है। बिलासपुर की रहने वाली 36 वर्ष की यह महिला किडनी रोग के साथ ही मधुमेह और हायपरटेंशन से भी पीड़ित है। पिछले छह दिनों से अस्पताल में भर्ती इस मरीज का डॉक्टरों ने आज दूसरी बार डायलिसिस किया है। बिलासपुर कोविड अस्पताल में शहर की ही एक और कोविड-19 पीड़ित 52 वर्ष की महिला का भी दो बार डायलिसिस किया जा चुका है। सप्ताह में तीन दिन डायलिसिस की जरूरत वाली इस मरीज का 6 सितम्बर को पहली डायलिसिस के बाद आज दूसरी बार डायलिसिस किया गया। दोनों मरीजों की स्थिति अभी अच्छी है।

विगत 15 मई से संचालित 100 बिस्तरों वाले बिलासपुर कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमित महिलाओं की सुरक्षित सिजेरियन और सामान्य प्रसव की भी सुविधा है। वहां अब तक दो महिलाओं की सिजेरियन और तीन महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी करवाई जा चुकी है। कोविड अस्पताल के डॉक्टरों ने आज बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में स्टॉफ नर्स 28 वर्षीया युवती की सिजेरियन डिलीवरी कराई है। कोरोना संक्रमित होने के कारण उसे डिलीवरी के लिए अपोलो अस्पताल से बिलासपुर कोविड अस्पताल रिफर किया गया था। जच्चा और बच्चा दोनों की स्थिति अभी अच्छी है।

बिलासपुर कोविड अस्पताल में अब तक 819 मरीजों का इलाज किया गया है। इनमें से 697 मरीज स्वस्थ होकर अपने घरों में लौट चुके हैं। अस्पताल में 28 आईसीयू बिस्तरों और सात वेंटिलेटर्स के साथ कुल 100 बिस्तर हैं। अभी वहां 64 मरीजों का इलाज चल रहा है। गंभीर मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन सिलेंडरों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर भी उपलब्ध कराया गया है।

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बिना लक्षण वाले मरीजों को रखकर उनका उपचार कर कोविड के दायरे से बाहर लाने में कोविड केयर सेंटर कचांदुर स्थित केंद्र ने लगभग सोलह सौ मरीजों को स्वस्थ कर दिया है। 5 अगस्त से यह अस्पताल आरम्भ किया गया था। इसके बाद से यहां 1910 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। अभी तीन सौ मरीज यहां भर्ती हैं। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया है कि ऑक्सीजन लेवल की नियमित मॉनिटरिंग करते रहें। ऐसे 100 मरीज जिन्हें ऐसी समस्या आई, उन्हें तुरंत हायर सेंटर रेफर किया गया। कलेक्टर ने बताया कि एड्रेसिंग सिस्टम से लेकर साफ सफाई की मॉनिटरिंग की पूरी व्यवस्था बनाई है। समय-समय पर इस संबंध में फीडबैक भी लिया जाता है। नोडल अधिकारी निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी और निगम के अधिकारी समय समय पर स्वयं भोजन कर इसकी गुणवत्ता की जांच करते हैं। खाना रिच प्रोटीन डाइट होता है। अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि हर 6 घंटे में टीम बदल जाती है। कोविड वारियर की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है। इन सभी के लिए रहने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। रिटायरिंग रूम की सुविधा उपलब्ध है ताकि आइसोलेशन की सुविधा का भी लाभ उठाया जा सके।

नर्सिंग स्टाफ नियमित मॉनिटरिंग करता है। इसके साथ ही पब्लिक अड्रेसिंग सिस्टम की व्यवस्था भी है। अस्पताल की व्यवस्था बेहतर रहे, इसके लिए सेंट्रल मॉनिटरिंग कमांड सेंटर बनाया गया है। कोविड केअर सेंटर में सबसे ज्यादा जोर रिच प्रोटीन डाइट पर है। सुबह के नाश्ते से लेकर रात के भोजन तक की पूरी व्यवस्था है। चरौदा के मुरली राव ने बताया कि उन्हें सेंटर में आये 8 दिन हो गए हैं। यहां अच्छा भोजन मिला, वे संतुष्ट हैं। अब घर जाने का समय पास है। काफी अच्छा लग रहा है। सेक्टर 7 के केशव राव भी जल्द डिस्चार्ज होने वाले हैं। उन्होंने बताया कि समय पर भोजन मिला, मुझे अच्छा लगा, मैं संतुष्ट हूँ। मनीष वर्मा भिलाई निवासी हैं उन्होंने कहा कि भोजन गुणवत्तापूर्ण भी है और भरपेट भी, इसकी व्यवस्था अच्छी है। सबसे सुंदर सेंटर से विदाई का क्षण होता है। स्टाफ विदा करता है और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देता हैं। मरीज भी कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। निगम ने दो बस इसके लिए उपलब्ध कराई है। दुर्ग से दिनेश ने बताया कि यहां आने से पहले मन में चिंता थी। अब दूर हो गई है। दवा ले रहे हैं और स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। जल्द ही अब घर जाना है।

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जिला कलेक्टर सुनील कुमार जैन के निर्देश पर जिले में 150 बिस्तर वाले 2 नये कोविड केयर सेंटर की शुरुआत शीघ्र ही किया जायेगा। दो नये कोविड सेंटरो में 100 बिस्तरों से युक्त मुख्यमंत्री डीएववी स्कूल सकरी बलौदाबाजार एवं भाटापारा स्थित शासकीय पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में 50 बिस्तरों की तैयारी अंतिम चरणों मे है। इनकी शुरुआत आने वाले दिनों में कर दी जायेगी। जिले में कोरोना टेस्टिंग की संख्या में काफी वृद्धि होने के साथ साथ ही प्रतिदिन संक्रमित मरीजो की संख्या में भी लगातार वृद्धि हुई है। मरीजो को किसी भी प्रकार की तकलीफ ना हो इसके लिये युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है।जिला मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी ने बताया कि जिले में प्रतिदिन कोरोना टेस्टिंग के लिये अलग अलग कैम्प लगाया जा रहा है। जिससे अधिक संक्रमित व्यक्तियों की पहचान हो पा रही है।

जिले के समाज सेवी संगठनों से मदद की अपील -कलेक्टर सुनील कुमार जैन
कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने आज जिले के सभी समाज सेवी संगठनों से कोविड सेंटर के संचालन हेतु धर्मशाला,स्कूल भवन,सामाजिक भवन एवं अन्य ऐसे भवन जिनका उपयोग कोविड केयर सेंटर के रूप में हो सकता है वह अपना सहयोग जिला प्रशासन को कर सकते है। ऐसे सभी समाज सेवी संगठन प्रमुख अपर कलेक्टर श्री राजेन्द्र गुप्ता से मोबाईल नम्बर 82259-92500 पर सम्पर्क कर जानकारी उपलब्ध करा सकते है। श्री जैन ने कहा आने वाले कुछ दिनों में जिले में संक्रमित मरीजो की संख्या और बढ़ सकती है। मरीजो के उचित देखभाल हेतु जिले में कोविड केयर सेंटर की संख्या और बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।

जिले में अभी लगभग 1200 बिस्तर वाले कोविड केयर सेंटर की तैयारी लगभग अंतिम चरणों में है। श्री जैन ने कहा कि अभी जिले के कोरोना संक्रमित मरीजो को किसी भी तरह घबराने की आवश्यकता नही है। उनके लिये पर्याप्त सँख्या में बिस्तर की व्यवस्था कर ली गयी है।

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कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने आज सीतापुर विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्याल देवगढ़ के नवीन उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का निरीक्षण कर व्यवस्थओं का जायजा लिया। उन्होंने भवन के दीवारों पर कई जगह सीपेज की समस्या होने एवं गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर लोक निर्माण विभाग के सब इंजीनियर श्री अमित कुमार को कारण बताओ सूचना जारी करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने स्कूल भवन के सभी कक्षाओं में बालकों तथा बालिकाओं के बैठक व्यवस्था का जायजा लिया। भवन में बिजली तथा पानी की उपलब्धता, सभी कमरों में पंखा, ट्यूब लाईट की व्यवस्था तथा शौचालयों को साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए। सभी कमरों में कार्पेट लगाकर दीवारों में कलरफुल पेंटिंग, अनमोल वचन आदि लिखने के निर्देश दिए। उन्होंने लाईब्रेरी रूम, कम्प्यूटर कक्ष, स्वागत कक्ष, वर्चुअल क्लास का भी अवलोकन किया। उन्होंने स्कूल के प्राचार्य से अब तक प्रवेशित प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या तथा शिक्षको की भर्ती की जानकारी ली। उन्होंने शीघ्र वर्चुअल क्लास प्रारंभ करने हेतु आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही स्कूल में रंग-रोगन, उपकरण एवं फर्नीचर की पूरी व्यवस्था शीघ्रता से करने के निर्देश दिए।

जामझरिया स्कूल का निरीक्षण -
इसके पश्चात कलेक्टर ने मैनपाट विकासखण्ड के प्राथमिक शाला जामझरिया का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान स्कूल की व्यवस्थाओं एवं व्यवस्थित रंग-रोगन की सराहना करते हुए कहा कि यह स्कूल अन्य स्कूलों के लिए अनुकरणी है। उन्होंने शिक्षकों द्वारा चलाए जा रहे मोहल्ला क्लास का भी अवलोकन किया और संतुष्टि जताई।

गिरदावरी का निरीक्षण -
कलेक्टर ने जनपद पंचायत सीतापुर के ग्राम सूर में पटवारियों द्वारा किए जा रहे गिरदावरी का निरीक्षण किया और त्रुटिरहित गिरदावरी के निर्देश दिए। उन्होंने गिरदावरी पंजी का अवलोकन कर खसरा एवं रकबे का मिलान किया। पटवारी द्वारा बताया गया कि ग्राम सूर के 3 हजार 785 खसरे में 2 हजार 600 खसरे का गिरदावरी कार्य पूर्ण हो चुका है।

इस मौके पर जिला पंचायत के सी ईओ श्री कुलदीप शार्मा, सहायक कलेक्टर श्री विश्वदीप, डीईओ श्री आईपी गुप्ता सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष पढ़ना-लिखना अभियान की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें 15 वर्ष से अधिक आयु समूह के असाक्षरों को स्वयंसेवी अनुदेशकों के माध्यम से साक्षर किया जाएगा। प्रदेश के लिए प्रथम चरण में ढ़ाई लाख लोगों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य है। डाॅ. टेकाम अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आज राज्य स्तरीय वेबीनार में शिक्षा और साक्षरता से जुड़े राज्य, जिला, विकासखंड और मैदानी अधिकारियों-कर्मचारियों सहित विषय विशेषज्ञ, स्त्रोत व्यक्ति, ई-एजुकेटर एवं ई-शिक्षार्थी एवं सीख मित्र से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 में सब घरों में रहकर कार्य कर रहे हैं, ऐसे समय में डिजिटल साक्षरता दूरदराज के क्षेत्रों के लिए अत्यंत आवश्यक है।

स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. टेकाम ने कहा कि साक्षरता से जुड़े अभियान और कार्यक्रम कोरोना संक्रमण कम होने के पश्चात प्रारंभ किया जाएगा। पढ़ना-लिखना अभियान बुनियादी साक्षरता घटक 4 माह के चक्र पर केन्द्रित होगा। आकांक्षी जिलों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए यह कार्यक्रम ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में शुरू होगा। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) में राज्य साक्षरता केन्द्र और डाइट में जिला साक्षरता केन्द्र की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि आगामी समय में बुनियादी साक्षरता, बुनियादी शिक्षा, सतत् शिक्षा, कौशल विकास, पुस्तकालय-वाचनालय, डिजिटल साक्षरता, जीवन पर्यन्त शिक्षा, मोबाइल वाचनालय एवं ई-लाईब्रेरी जैसे विषयों पर अधिक जोर दिया जाएगा।

मंत्री डाॅ. टेकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम 27 जिलों के 50 केन्द्रों में प्रारंभ किया गया है। इसका उद्देश्य नवसाक्षरों को डिजिटल साक्षर बनाना है। उन्होंने कहा कि यह हर्ष की बात है कि सम्पूर्ण भारत में छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है, जहां यूनेस्को के डिजिटल साक्षर होने का परिपालन अभिभूत किया जा रहा है। गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ कार्यक्रम अंतर्गत अब तक लगभग 10 हजार शिक्षार्थी डिजिटल साक्षर बने हैं।

मंत्री डाॅ. टेकाम ने वेबीनार में बताया कि अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर वेबीनार में शामिल सभी ई-एजुकेटर्स को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 17 नवंबर 1965 को यूनेस्को ने 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस घोषित किया। इसे पहली बार 1966 में मनाया गया। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है। डाॅ. टेकाम ने कहा कि तत्कालिन प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी द्वारा 5 मई 1981 में निरक्षरों को पूर्ण रूप से साक्षर करने के लिए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण की स्थापना की गई। गत वर्ष यूनेस्को ने साक्षरता दिवस का विषय डिजिटल साक्षर वर्ष के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि शिक्षा का क्षेत्र बहुत बड़ा है। जीवन के प्रारंभिक वर्षों में बच्चे अपने माता-पिता का परिवार, समुदाय और परिवेश के साथ बहुत कुछ सीखते है, इसके साथ ही उनकी औपचारिक शिक्षा शाला प्रवेश के साथ प्रारंभ होती है। प्रारंभिक वर्षों में ही बच्चों की पढ़ाई, स्कूल छोड़ना हमारे देश में शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। इसलिए छत्तीसगढ़ में श्रेष्ठ पालकत्व कार्यक्रम के माध्यम से पालको एवं अभिभावकों को जागरूक बनाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि उनकी सहभागिता से बच्चों की शिक्षा स्तर में गुणात्मक सुधार लाया जा सके।

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मंत्री डाॅ. टेकाम ने शिक्षा एवं साक्षरता के महत्वकांक्षी कार्य में लगे अमले को बधाई और शुभकामना देते हुए कहा कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी के चलते यह कार्यक्रम संचालित नही है। जिलों से लगातार आ रही मांग को दृष्टिगत रखते हुए कोविड-19 की स्थिति सामान्य होते ही पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम, पढ़ना-लिखना अभियान का क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश के राज्य साक्षरता मिशन के जिला और विकासखंड स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी एवं समस्त अमले, शिक्षा एवं साक्षरता से जुड़े प्रत्येक स्तर के कर्मियों, ई-एजुकेटर, सीख मित्र गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ कार्यक्रम से जुड़े सभी शिक्षार्थियों, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।

वेबीनार में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक श्री डी. राहुल वेंकट ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के महत्व को बताते हुए कहा कि देश के विकास में साक्षरता बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष साक्षरता दिवस का मुख्य थीम ‘कोविड-19 के समय व इसके बाद में साक्षरता कार्यक्रम का क्रियान्वयन कैसे हो’ है। कार्यक्रम के प्रारंभ में दंतेवाड़ा की शिक्षिका श्रीमती नीलिमा कर्मकार द्वारा राज्यगीत प्रस्तुत किया गया।

राज्य साक्षरता मिशन के सहायक संचालक श्री प्रशांत पांडेय, श्री दिनेश कुमार टांक शिक्षा सलाहकार श्री सत्यराज अय्यर, रिसोर्स पर्सन श्री मदनमोहन उपाध्याय, जिला परियोजना अधिकारी कोरिया श्री यू.के. जायसवाल, जिला परियोजना अधिकारी सरगुजा श्री गिरीश गुप्ता, ई-एजुकेटर सरगुजा कु. प्रीति तिवारी, बस्तर के शिक्षार्थी सुश्री गोमती बेहरा, दंतेवाड़ा की सीख मित्र कमलोचन बिंजानी ने अपने अनुभव साझा किए। वेबीनार में विषय विशेषज्ञ, स्त्रोत व्यक्ति, ई-एजुकेटर एवं ई-शिक्षार्थी एवं सीख मित्र विशेष रूप से शामिल हुए। इसके अलावा प्रदेश में शिक्षा और साक्षरता से जुड़े राज्य, जिला एवं विकासखंड के मैदानी स्तर के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हुए।

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प्रदेश में चावल सप्लाई करने वाले नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड के बकाया राशि के भुगतान के लिए सरकार 700 करोड़ रुपए का कर्ज लेने वाली है. कोरोना संक्रमण की वजह से आर्थिक गतिविधियां कमजोर पड़ने के कारण प्रदेश को फिर से कर्ज लेना पड़ रहा है.बता दें कि राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों को देने वाली किश्त के लिए सरकार ने पिछले महीने 1300 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. इस चालू वित्तीय वर्ष में सरकार दूसरी बार कर्ज लेने जा रही है.

सरकार पिछले 6 महीने से प्रदेश के लगभग 50 लाख से ज्यादा परिवारों को चावल दे रही है. जिसमें लोगों को मुफ्त और रियायती दरों पर चावल का वितरण करने सरकार नागरिक आपूर्ति निगम से चावल लेती है. इसकी राशि का भुगतान सरकार ने नहीं किया था. चावल के परिवहन और धान खरीदी के लिए सरकार को मार्कफेड को करीब 5 हजार करोड़ रुपए देने हैं. लेकिन सरकार फिलहाल 700 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी. जिसमें 400 करोड़ मार्कफेड को दिया जाएगा और 300 करोड़ नागरिक आपूर्ति निगम को दिया जाएगा. इसके लिए मंगलवार को RBI फिक्स डिपॉजिट की नीलामी करेगी.

पिछली सरकार 41 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ कर गई है. नई सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में पिछले महीने 1300 करोड़ रुपए लिए और अब 700 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार पर कर्ज बढ़कर 43 हजार करोड़ हो जाएगा.

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