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detail news only from Chhattishgarh ,dated: ८ अक्टूबर २०२०

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं संक्रमित लोगों को तत्परता से इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोरोना मरीजों की पहचान के लिए राज्य में सघन सामुदायिक सर्वे अभियान संचालित किया जा रहा है। यह अभियान 02 अक्टूबर से शुरू हुआ है और 12 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की टीम घर-घर जाकर परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ले रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लोगों से अपील की है कि वह स्वास्थ्य टीम को परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य के बारे में सही-सही जानकारी दें, ताकि कोरोना के लक्षण वाले मरीजों का तत्परता से जांच एवं इलाज हो सके।

मुख्यमंत्री ने अपनी अपील में यह भी कहा है कि स्वास्थ्य टीम से परिवार के किसी भी सदस्य की बीमारी न छुपाएं। बीमारी छुपाने से बढ़ती है और खतरा बढ़ जाता है। समय पर इलाज से व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है। उन्होंने कहा है कि बीमारी के बारे में जानकारी देना समझदारी है, छुपाने में नहीं। उन्होंने लोगों से घर के बुजुर्गाें, गर्भवती माताओं, बी.पी., कैंसर, दमा, किडनी, लीवर जैसी बीमारी वाले व्यक्तियों की जानकारी स्वास्थ्य टीम को अवश्य दें क्योंकि उनमें संक्रमण की संभावनाएं अधिक होती है। उन्हें सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। कोरोना के लक्षण की समय पर जांच और इलाज से ही हम कोरोना को हरा सकते हैं।

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अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी को लेकर उठा सियासी बवंडर थमने का नाम नहीं ले रहा है और इसके साथ ही अमित जोगी की मुश्किलें बढ़ते जा रही है ऋचा की जाति प्रमाण पत्र मामले में अमित जोगी ने कहा है कि, 'अखबारों से पता चला कि मेरी धर्मपत्नी डॉक्टर ऋचा जोगी की जाति पर कुछ लोगों ने मुंगेली के कलेक्टर के समक्ष आपत्ति जाहिर की है. कलेक्टर साहब ने बोला है कि वे ऋचा से इस सम्बंध में विधिवत गुरुवार को जवाब मांगेगे.

बता दें कि ऋचा जोगी पर आरोप है कि उन्होंने अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र मुंगेली जिला के जरहागांव उप-तहसील कार्यालय से प्राप्त किया. इस मामले में कांग्रेस नेता संतकुमार नेताम ने मुंगेली कलेक्टर समक्ष शिकायत की है. संतकुमार ने 18 बिंदुओं में जाँच की मांग की है. वहीं मुंगेली कलेक्टर इस मामले में जाँच के आदेश दे दिए हैं. मुंगेली कलेक्टर के मुताबिक ऋचा जोगी को नोटिस जारी कर 10 दिनों में जवाब मांगा गया है.

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भाजपा नेता एवं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के अमित जोगी के बचाव में दिए बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मरवाही उपचुनाव में अमित जोगी को मदद कर भाजपा को अपने बी टीम से अंतागढ़ उपचुनाव में जो मदद मिली थी उसका कर्ज उतार रही है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक बताएं जब अंतागढ़ उपचुनाव में लोकतंत्र की हत्या हुई। तत्कालीन रमन सरकार के संरक्षण में प्रशासनिक तंत्र के साये में एवं कालाधन बाहुबल का दुरुपयोग कर भाजपा के नेता खुलेआम उम्मीदवारो को धमका रहे थे। बंदूक के नोक पर शराब माफियों के पैसे के दम पर कांग्रेस प्रत्याशी सहित अन्य स्वतंत्र उम्मीदवारों को उपचुनाव लड़ने से रोका गया।भाजपा की दिल्ली सरकार से लेकर तत्कालीन सरकार लगी रही तब धरमलाल कौशिक मौन क्यो थे?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मरवाही विधानसभा जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, उस वर्ग को उनके अधिकार से दूर करने कूट रचित प्रयास करने वाले भाजपा के बी टीम का समर्थन कर भाजपा ने एक बार फिर अपने अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के प्रति भेदभाव के एजेंडे को ही आगे बढ़ाया है। बीते 15 साल तक भाजपा और भाजपा की बी टीम ने मरवाही को उनके अधिकारों से वंचित रखा। मरवाही को उनके वास्तविक नेतृत्वकर्ताओं से दूर रखने काम किया। मरवाही के जनता के खिलाफ षड्यंत्र करने का काम किया और षड्यंत्रकरियो को निरंतर भाजपा समर्थन करते रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश मे लोकतंत्र की स्थापना की है। कांग्रेस का स्पष्ट मानना है लोकतांत्रिक परंपराओं का पूर्णता पालन होना चाहिए। मरवाही विधानसभा जिस वर्ग के लिए आरक्षित है उस वर्ग को नेतृत्व का अधिकार मिलना चाहिए। संविधान ने जिस वर्ग को चुनाव लड़ने का अधिकार दिया है उस वर्ग से कोई भी चुनाव लड़े किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है।लेकिन कुछ लोग निहित स्वार्थवश और व्यक्तिगत लालसा के चलते आरक्षित वर्ग को चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित करने षडयंत्र कर रहे है। भाजपा ने अपने बी टीम के कूट रचना का समर्थन कर प्रमाणित कर दिया कि भाजपा और भाजपा के बी टीम ने छत्तीसगढ़ सहित मरवाही के जनता के साथ 15 साल तक धोखाधड़ी किया है।

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कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की समुचित जांच के लिये राज्यपाल को ज्ञापन सौपा गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि हम सब छत्तीसगढ़ के आरक्षित वर्ग के विधायकगण आपसे सादर अनुरोध करना चाहते है कि मरवाही विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। किंतु फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर पूर्व में स्व. अजीत जोगी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये आरक्षित सीट मरवाही विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे। स्व. जोगी के जाति प्रमाण पत्र को हाई पावर कमेटी द्वारा दिनांक 23.08.2019 को निरस्त किया गया है।

उपरोक्त परिस्थतियों में स्व. अजीत जोगी के जाति संबधी प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण उनके पुत्र अमित जोगी एवं उनके परिवार के किसी भी सदस्य को अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य नहीं माना जा सकता है।

स्व. अजीत जोगी के द्वारा उपरोक्त प्रमाण पत्र निरस्तीकरण के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर में याचिका में लंबित है ओर वह रद्ध (Abate)हो चुका है क्योकि जोगी की मृत्यु हो चुकी है।

महोदय उपरोक्त जोगी परिवार प्रारंभ से ही छ.ग. की जनता को गलत प्रमाण पत्र एवं झूठे तथ्यों के आधार पर अपने आप को आदिवासी बताते हुए छलावा करते रहे है। अब वर्तमान में उनका पुत्र भी उसी राह में अग्रसर है, तथा ऋचा रूपाली साधु पिता प्रवीण राज साधु जाति क्रिश्चियन (ईसाई) ग्राम पेन्ड्रीडीह, उप तहसील जरहागांव जिला मुंगेली जो कि अब स्व. अजीत के पुत्र अमित जोगी की पत्नी है और वह एक फर्जी जाति प्रमाण पत्र निर्मित करवाकर अपने आप को आदिवासी बताने तथा जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। ऋचा रूपाली जोगी एवं उनके परिवार के सदस्यों ने पढ़ाई के दौरान किसी भी जाति प्रमाण पत्र में अपने आप को आदिवासी वर्ग का नही बताया है एवं उक्त परिवार के नाम दर्ज भूमि आदिवासी मद में दर्ज नही है, साथ ही यह भी उल्लेखनीय है कि ऋचा रूपाली जोगी के पैतृक परिवार के लोग आदिवासी समाज के लोगो के साथ संव्यवहार नही रखते है इससे भी यह प्रमाणित होता है कि वे आदिवासी समुदाय से संबंध नही रखते है और उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किये जाने योग्य है। ऋचा जोगी ने आवेदन पत्र ऑनलाइन फॉर्मेट में दिया है जो कि अपने आप में विश्वसनीय तथा संभाव्य प्रतीत नहीं होता है एवं वह प्रमाण पत्र प्रथम दृष्टया अनुचित प्रतीत होता एवं सत्यतता से परे दिखता है, जिसकी जांच किया जाना अनिवार्य है। प्रारूप - 1 क के तहत भरा गया फार्म में समुचित जानकारी नहीं दर्शाई गई है तथा अनिवार्य बिंदुओं को खाली छोड़ दिया गया है एवं किस आधार पर जाति आदिवासी होने का दावा कर रहे हैं, इसका कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है और न ही आवेदन फार्म में उनका हस्ताक्षर है।

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ऋचा जोगी के कथित आवेदन पत्र में वर्ष 1950 के पूर्व परिवार सदस्यों के निवास स्थान तथा संपूर्ण विवरण नहीं दिया है और वह फर्जी आधारों पर झूठे तथ्यों को प्रस्तुत करते हुए आवेदन प्रस्तुत किया जाना प्रतीत हो रहा है, जिसका वैधता संदेह के दायरे में हैं और जांच का विषय है।

पटवारी जांच प्रतिवेदन में दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर न होकर आवेदन द्वारा बताए गये जानकारी अनुसार असत्य जानकारी भरी गई है तथा आवश्यक जानकारी के कॉलम को रिक्त रखा गया है। जानबूझकर झूठी और गलत जानकारी दी जाकर पटवारी प्रतिवेदन बनाया गया है जो प्रथम दृष्टया गलत प्रमाणित हो रहा है स्थल पंचनामा भी असत्य आधारों पर बनवाया गया प्रतीत होता है, जो कि रूपाली साधु के नाम न होकर सुशील साधू के नाम पर प्रथम दृष्टया दिखता है एवं वर्ष 1924-28 के मिसल बंदोबस्त के आधार पर भी प्रवीण राज आत्मज सुशील कुमार आत्मज बी. साधु आत्मज प्रभु दास गोंड जाति दर्ज नहीं है एवं मिसल बंदोबस्त के अनुसार वह परिवार पेण्ड्रीडीह का प्रतीत नहीं होता है। पेण्ड्रीडीह के खसरा नंबर -32/1 जो कि अधिकार अभिलेख के रूप में दर्शाया गया है उसमें जाति के कॉलम को खाली रखा गया है और कहीं भी गोंड जाति अंकित नहीं है। ऋचा रूपाली साधु गोंड जाति से संबंध नहीं है एवं ऋचा जोगी के हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी की अंकसूची में कही जाति गोंड अंकित नहीं है जिसकी जांच की आवश्यकता है तथा जिन दस्तावेजों को संलग्न किए गए हैं वे प्रथम दृष्टया ही संदेहास्पद प्रतीत हो रहे हैं।

आवेदन पत्र प्रार्थीया के द्वारा भरा नहीं गया है उसे गिरधर मानिकपुरी के द्वारा भरा गया है अर्थात यह जाति प्रमाण पत्र असत्य एवं झूठा प्रथम दृष्टया ही साबित हो जाता है तथा विश्व सुशील साधु के प्रकरण में भी उनके 5वीं अंकसूची में क्रिश्चियन लिखा है, गोंड नहीं लिखा गया है।

स्व. अजीत जोगी के द्वारा फर्जी रूप से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किए जाने की तरह मेल खाता है तथा उसी आधार पर बनाया गया है और प्रथम दृष्टया ही, यह प्रमाणित होता है कि जानबूझकर झूठा प्रमाण पत्र बनाकर निजी लाभ के लिए उपयोग में लाने का प्रयास किया जा रहा है।

ऋचा रूपाली साधु के पिता वन विभाग में रेंजर के पद पर कार्यरत थे परंतु कहीं भी उनकी जाति गोंड नहीं लिखी गई है न ही उन्होने ऐसा कोई प्रमाण पत्र दर्शाया है, बल्कि वरिष्ठता सूची के क्रमांक - 133 में सामान्य श्रेणी अंकित है एवं ऋचा जोगी के द्वारा अकलतरा विधानसभा चुनाव के समय जो जमीन का विवरण दिया गया था उन्हें भुईया वेबसाईट से देखने व निकाले जाने पर जाति का कॉलम खाली छूटा हुआ है और गोंड जाति कहीं अंकित नहीं है अर्थात ये लोग एवं इनका परिवार गण आदिवासी जाति से संबंध्दता नहीं रखते हैं और अब जान बूझकर अपने आप को फर्जी आदिवासी साबित करने में लगे हुए हैं जो गंभीर व आपराधिक कृत्य है। उसी चुनाव में ऋचा रूपाली जोगी ने जमानत राशि 10 हजार जमा की थी जो सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को लगता है जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को 5 हजार लगता है अतः ये आदिवासी समुदाय के नही है। एवं इनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर अपराध दर्ज किए जाने योग्य है। इसके अलावा अनेकों विधिक एवं प्रशासनिक संव्यवहारो में कहीं भी साधु परिवारों ने अपनी जाति को गोंड साबित करने का प्रमाण जमा नहीं किया है।

उपरोक्त समस्त तथ्यों एवं दस्तावेजों के प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि ऋचा साधु उर्फ जोगी गलत दस्तावेजों के आधार पर अपना जाति प्रमाण पत्र झूठे रूप से तैयार करवाया है जो गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है यह छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के गर्व, सम्मान व प्रतिष्ठा के खिलाफ है तथा संविधान की मूल भावना के विपरीत है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अनेकों प्रकरणों एवं अजीत जोगी के प्रकरण में साफ कह दिया है कि गलत तथ्यों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र की जांच किया जाना आवश्यक है।

महोदय जोगी परिवार के द्वारा सतत् रूप से अपने आपको झूठे प्रमाणपत्रों के आधार पर अपने आपको आदिवासी साबित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है जो सर्वविदित है । अजीत जोगी ने अपने जीवन काल में 7 जाति प्रमाण पत्र अलग-अलग बनाए हैं जो यह बताता है कि झूठ प्रमाण पत्र इस परिवार के द्वारा बनाया जाता रहा है।

महोदय अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने अलग-अलग 3 जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये है जिसके कारण उन पर अपराध दर्ज हैं और अब उनकी बहू ऋचा जोगी के भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का प्रयास कर रही है । तब ऐसे मामलों की जांच कर तत्काल इनके जाति प्रमाण पत्रों को जांच उपरांत स्थगित करते हुए इन पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए समुदाय के खिलाफ छल, प्रपंच पर विराम लगाया जा सके। इन्हीं आशाओं एवं प्रत्याशाओं के साथ आपके।

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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि धनोरा का मामला पीड़ादायक व दु:खद है। प्रदेश सरकार की गंभीर विषयों पर उदासीनता के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद है। गरीब परिवार की बेटी उसके साथ हुई हैवानियत के कारण असमय मौत को गले लगाने पर मजबूर हुई। यह भूपेश सरकार की असफलता है,सरकार पर कलंक है। उन्होंने कहा है कि जब मामला पुलिस तक पहुंच गया था तो पुलिस प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई और मामला को रफा दफा करने में लगे रहे। इसका परिणाम हुआ कि पीड़िता के पिता ने भी न्याय नहीं मिलने के कारण मौत को गला लगाने की कोशिश की, जो बहुत ही दुखदायी है।

विष्णुदेव साय ने मांग की है कि जिन पुलिस वालों ने गरीब परिवार के साथ अन्याय किया,उन्हें तत्काल निलंबित कर न्यायिक जांच कराई जाए। मुख्यमंत्री का न्याय का नारा खोखला साबित हुआ और पुलिस महानिदेशक तत्काल स्थिति संभाले केवल सुर्खियां वाले बयान देकर अपने कर्तव्य से विमुख न होएं। प्रदेश में आदिवासियों के साथ लगातार होती घटना शंका को जन्म दे रही है। राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा छत्तीसगढ़ की अपनी निक्कमी प्रदेश सरकार को जगाने के कुछ तो कदम उठाएं ।

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डिकल बुलेटिन के अनुसार जिलेवार मरीजों की संख्या रायपुर- 391, रायगढ़- 238, जांजगीर चांपा- 230, कोरबा- 214, दुर्ग- 192, बस्तर- 155, बिलासपुर- 155, कांकेर- 129, राजनांदगांव- 126, धमतरी- 111, बीजापुर- 84, सूरजपुर- 82, कोंडागांव- 82, कवर्धा- 72, मुंगेली- 70, दंतेवाड़ा- 64, महासमुंद- 54,. सरगुजा- 51, बालोद- 60.,कोरिया- 45,, बलौदाबाजार- 49, गरियाबंद- 41, सुकमा- 41, बलरामपुर- 30, बेमेतरा- 29, जशपुर- 23, नारायणपुर- 18, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- 8, अन्य- 2 मरीज शामिल हैं।





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देश में मानसून की विदाई का वक्त चल रहा है। हालांकि जाते जाते भी मानसून की प्रदेश में बारिश कर रहा है। इस बीच, खबर है कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान की स्थिति बन रही है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी अंडमान सागर में 9 अक्टूबर को कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इसके चक्रवाती तूफान बनकर आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाके की ओर बढ़ने की आशंका है। कम दबाव वाले क्षेत्र से ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश में 11-13 अक्टूबर के बीच बारिश हो सकती है। बंगाल की खाड़ी में बने इसी कम दबाव के क्षेत्र के कारण अभी मुंबई में बारिश जारी रहेगी।

वहीं स्कायमेट के अनुसार, यह सिस्टम अगले 48 घंटों तक बंगाल की खाड़ी में ओडिशा और इससे सटे भागों के करीब बना रहेगा। उसके बाद यह ओडिशा के रास्ते जमीनी भागों की ओर बढ़ेगा। 10 अक्टूबर तक यह छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश होते हुए महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र पर पहुंच सकता है। इसका असर पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गुजरात तक दिखेगा।बता दें, 2013 और 2014 के अक्टूबर महीने में भयंकर चक्रवाती तूफान फेलिन और हुदहुद आया था। इन दोनों तूफानों ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके में काफी तबाही मचाई थी।

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कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री रजत बंसल द्वारा नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव हेतु शहर के इंदिरा वार्ड, शान्ति नगर वार्ड, शिवमंदिर वार्ड को कंटेनमेंट जोन घोषित कर आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया है। प्रतिबंधित क्षेत्र में रहने वाले वार्ड के नागरिकों को अनाज, सब्जी, दुध, फल एवं दवाई इत्यादि आवश्यक सामग्री उनके घर तक पहुँचाने के लिए नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

आयुक्त नगर पालिक नगर निगम जगदलपुर द्वारा आवश्यक वस्तुओं के सप्लाई हेतु दुकानों के तथा सप्लाईकर्ता के नियुक्ति के अलावा इस कार्य के लिए नगर निगम के कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। शांति नगर वार्ड में किराना सामान के लिए भगवती प्रोविजन स्टोर्स 8280882030 एवं विनोद किराना 708946088 से सप्लाईकर्ता के रूप में सहायक राजस्व निरीक्षक श्री प्रमोद श्रीवास 9424280923 की ड्यूटी लगाई गई है। इसी तरह मेडिकल सामानों के सप्लाई हेतु लाईफ लाईन मेडिकल स्टोर्स 9424284171 तथा सब्जी एवं फल के लिए बस स्टैंड के पास के लखन फल दुकान को निर्धारित किया गया है। मेडिकल तथा सब्जी एवं फलों सप्लाई हेतु प्रभारी सहायक राजस्व निरीक्षक श्री गाब्रियल सिराह की ड्यूटी लगाई गई है। इंदिरा नगर वार्ड में प्रवीण चाण्डक स्टोर्स 81097828877 से किराना सामान के सप्लाई के लिए सहायक राजस्व निरीक्षक श्री कोरीन जप्पन 8269354875 की ड्यूटी लगाई गई है। मोना मेडिकल स्टोर्स 7440645220 से मेडिकल सामानों के सप्लाई के लिए सहायक राजस्व निरीक्षक श्री राजेश ध्रुव 8827805003 की ड्यूटी लगाई गई है।

इस तरह शिव मंदिर वार्ड में मुरली किराना स्टोर्स 9425592421 से किराना सामानों की सप्लाई हेतु सहायक राजस्व निरीक्षक श्री तेग बहादुर ने की 9407718309 की ड्यूटी लगाई गई है। दिनेश मेडिकल स्टोर्स 9406152777 से मेडिकल सामान तथा गोपाल गुप्ता के दुकान से सब्जी एवं फलों की सप्लाई हेतु प्रभारी सहायक राजस्व निरीक्षक श्री राजेन्द्र यादव 9770208406 की ड्यूटी लगाई गई है। इन सभी तीनों वार्डों में आवश्यक वस्तुओं का स्पलाई का समय सबुह 10 से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया है

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छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीज तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। राज्य शासन द्वारा संचालित कोविड अस्पतालों, कोविड केयर सेंटर्स, निजी अस्पतालों और होम आइसोलेशन में इलाज के बाद स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक हो गई है। प्रदेश में अब तक एक लाख 551 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। इनमें विभिन्न अस्पतालों एवं कोविड केयर सेंटर्स में ठीक हुए 57 हजार 998 तथा होम आइसोलेशन में उपचार के बाद स्वस्थ हुए 42 हजार 553 मरीज शामिल हैं। कोरोना की जंग जीतने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण अब प्रदेश की रिकवरी दर 78 प्रतिशत हो गई है। वहीं मृत्यु दर 0.86 प्रतिशत है। कोविड-19 से होने वाली मौतों का राष्ट्रीय औसत 1.55 प्रतिशत और रिकवरी दर 85 प्रतिशत है।

प्रदेश में सर्वाधिक रायपुर जिले में 25 हजार 853 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। दुर्ग में दस हजार 199, बिलासपुर में 7673, राजनांदगांव में 7152, रायगढ़ में 6213, जांजगीर-चांपा में 4328, बलौदाबाजार-भाटापारा में 3221, बस्तर में 2743, कोरबा में 2688, धमतरी में 2545, सरगुजा में 2240, महासमुंद में 2196, दंतेवाड़ा में 2150, बालोद में 2109 और कबीरधाम में 2057 मरीज कोरोना से स्वस्थ हुए हैं।

कांकेर जिले में 1823, बीजापुर में 1758, सुकमा में 1619, सूरजपुर में 1555, कोरिया में 1444, गरियाबंद में 1421, मुंगेली में 1376, बेमेतरा में 1368, कोंडागांव में 1231, नारायणपुर में 1226, जशपुर में 971, बलरामपुर-रामानुजगंज में 949 तथा गोरेला-पेंड्रा-मरवाही में 302 लोगों ने कोरोना पर विजय प्राप्त की है। प्रदेश में वर्तमान में सक्रिय मरीजों की संख्या 27 हजार 238 है।

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लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने आज दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत मेड़ेसरा में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के शुभारंभ होने से क्षेत्र वासियों को स्थानीय स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा। अब लोगों को ईलाज कराने के लिए ज्यादा दूर जाना नहीं पड़ेगा, गांव में ही उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। इस स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण 61 लाख 96 हजार रूपए की लागत से छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉर्पोरेशन के द्वारा किया गया है।

ग्राम पंचायत मेड़ेसरा में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुलने से मेड़ेसरा और आसपास के गांवों के 18 हजार की आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी। इस अवसर पर मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने ग्रामवासियों की मांग पर यहां स्कूल परिसर में अहाता निर्माण, सी.सी. रोड निर्माण, बोर खनन व प्रतीक्षालय निर्माण की भी स्वीकृति दी। उन्होंने राज्य शासन की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार किसान, मजदूर, युवाओं, महिलाओं सहित सभी के हित को ध्यान में रखते हुए योजना बना रही है, जिससे इसका लाभ सभी वर्ग के लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य देश का पहला राज्य है जहां सबसे ज्यादा कीमत 25 सौ रूपए में धान की खरीदी हो रही है, इससे किसानों के जीवन स्तर में सुधार आया है। उन्होंने कहा कि अहिवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों में मिनीमाता अमृत धारा नलजल योजना के माध्यम से पानी टंकी निर्माण कर गांव के सभी घरों में नल कनेक्शन दिया जाएगा। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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जिस तरह खुशबू की महक दूर तक जाती है, ठीक उसी तरह श्रेष्ठ कार्यों की आभा दूर तक फैलती है। ऐसे ही धरमजयगढ़ विकासखंड के शिक्षक हैं श्री नरेन्द्र पटेल जिन्होंने सुदूर वनांचल एवं हाथी प्रभावित ग्राम लामीखार में आदिवासी बच्चों के लिए अभावों के बीच शिक्षा का एक ऐसा मंदिर ऐसा सजाया है, जो ज्ञानज्योति फैलाने के साथ ही औरों के लिए कर्तव्य परायणता की मिसाल पेश कर रहा है।

समस्याएं व चुनौतियां सब बौने साबित
कोरोना संकट के बीच बच्चों की पढ़ाई जारी रहे इसके लिए लाउडस्पीकर लगाकर गांव में पढ़ाने के नवाचार की शुरुआत करने वाले शिक्षक हैं श्री निरंजन पटेल। उनके द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला लामीखार में शुरू किए गए लाउड स्पीकर गुरूजी के मॉडल को जिसे बाद में पूरे प्रदेश में अपनाया गया। शिक्षक श्री नरेन्द्र पटेल का स्कूल में वैसे तो सीमित संसाधन ही हैं, फिर भी शिक्षक श्री पटेल ने इस विद्यालय में संसाधनों को कुछ ऐसा सहेजा है और खुद से कुछ सुविधाएं जुटायी हैं कि बच्चों के अध्ययन के लिहाज से जरूरी चीजों की कमी महसूस नही होती है। इस शिक्षक ने अपने विद्यालय को संवारने और बच्चों की जिंदगी को बेहतर बनाने में जो कार्य किया हैए वह अत्यंत प्रेरणादायी है। यह दिखाता है कि जुनून और जज्बे के दम पर क्या कुछ नही किया जा सकता।

स्मार्ट टीवी, लैब और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं मौजूद
शिक्षक निरंजन पटेल ने खुद के खर्च से अपने स्कूल में स्मार्ट टीवी लगा कर पूरे पाठ्यक्रम को ऑनलाइन तैयार किया है। जिसमे विविध शैक्षणिक गतिविधियां बच्चों को दिखायी जाती हैं। पालक और गांव के लोग भी इसमें सहभागी होते हैं। स्कूल भवन में उपलब्ध सीमित कमरों को इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है कि वहां कक्षाओं के साथ एक समृद्ध लाइब्रेरी तथा बच्चों के सीखने के लिए विभिन्न प्रकार के टीएलएम और सामग्री कबाड़ से निर्मित कर रखा गया है। रचनात्मकता ऐसी है कि दूसरे स्कूलों के लिए जो कचरा होता हैं वह सब इस स्कूल में एकत्रित कर उसे शिक्षण सामग्री के रूप में रिसायकल किया गया है। एक अतिरिक्त कक्ष का भवन है, उसे पूरा प्रयोगशाला बनाया गया है। स्कूल के पीछे बरगद के पेड़ के नीचे बच्चों के लिए गतिविधि के स्थान के रूप में विकसित किया गया है। स्कूल में फिलहाल पक्का बाउंड्री वाल और प्रवेश द्वार नहीं बन पाया है किंतु स्थानीय संसाधनों से बाड़ लगाकर फलदार और फूलदार बगीचा बनाया गया है। परिसर में पंप लगाकर बागवानी को बढ़ावा देने की सुविधा भी मौजूद है।

कोरोना काल मे भी बहती रही शिक्षा की अविरल धारा
श्री निरंजन पटेल और उसके साथी शिक्षक श्री बूंद सिंह पोर्ते दोनों ने मिलकर कोरोना संकट के चलते स्कूल बंद होने के कारण गांव के बरामदे में अलग-अलग कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। बच्चों में पढ़ाई का स्तर बहुत अच्छा है। उनकी गणित, पर्यावरण, भाषा में अच्छी पकड़ है। बच्चों को खेल के जरिए गणित की सीख दी जाती है। अन्य विषयों को पढ़ाने के लिए भी रोचक नवाचारों का उपयोग किया जाता है। इस विद्यालय के बेहतरी के लिए श्री निरंजन पटेल अपने स्वयं की भी पूंजी लगाकर कई रचनात्मक कार्य करते रहते हैं। विद्यालय के उन्नयन के लिए उनकी अपनी सोच है जिसे वे साकार कर रहे हैं। जंगल के भीतर चल रहा यह स्कूल बच्चों के जीवन में रंग भरने, उनमें शिक्षा के प्रति लगन और जज्बा बनाये रखने के लिए अपनी भूमिका पूरी जवाबदारी से निभा रहा है।

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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला की अध्यक्षता में आज वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूली शिक्षा में कार्य कर रही राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं से भी सुझाव प्राप्त किए गए। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित इस बैठक का प्रारंभ एससीईआरटी के संचालक श्री डी. राहुल वेंकट द्वारा नई शिक्षा नीति बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा विषय पर फोकस करते हुए विचार आमंत्रित किए।

वेबीनार में श्री धीर झिंगरन (एलएलएफ) ने प्रारंभिक शिक्षा में पढ़ने लिखने के कौशल एवं बच्चों में मौखिक भाषा को बढ़ावा देने के लिए मुहिम चलाए जाने पर जोर दिया। योजना आयोग, नई दिल्ली की सुश्री मिताक्षरा ने शिक्षकों की क्षमता विकास, साझेदारी, नीति एवं बुनियादी साक्षरता पर एकीकृत योजना बनाने पर जोर दिया। श्री चितरंजन कौल ने संस्थाकरण, शहरीकरण एवं भू-मंडलीकरण के नजरिए को दृष्टिगत रखते हुए लीडरशिप डेवेलपमेंट को प्रमोट किए जाने की बात कही। श्री सुनील साह (एपीएफ) ने साक्षरता के लिए दो एवं पाँच वर्ष की दीर्घकालीन योजना बनाये जाने पर जोर दिया। यूनिसेफ के शिक्षा विशेषज्ञ श्री मधुसूदन शेषागिरी ने महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को समन्वित पहल, बाह्य एजेंसियों को जोड़ना एवं गाँव में जो शिक्षा में अच्छा काम करना चाहते हैं जैसे- युवक, महिला एवं स्व-सहायता समूह को जोड़े जाने पर जोर दिया। श्री हरमेन्द्र सिंह (यूएसआईओ) ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री आर. प्रसन्ना, लोक शिक्षण संचालक श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला व एससीईआरटी के संचालक श्री डी. राहुल वेंकट, एससीईआरटी के संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे विशेष रूप से उपस्थित थे।

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