one short news only from Chhattishgarh ,dated: 09 MAY 2020




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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Ajit Jogi) की शनिवार अचानक तबीयत बिगड़ गई है. सीनियर जोगी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) सुप्रीम अजीत जोगी रायपुर (Raipur) के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं. दरअसल, अजीत जोगी रायपुर स्थित अपने बंगले पर थे. तभी उनकी तबीयत खराब होने लगी. फिर उन्हें फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनके पुत्र अमित जोगी ने खुद इस बात की पुष्टि की है. अस्पताल में डॉक्टरों की टीम उनके सेहत की लगातार मॉनिटरिंग कर रही है.
अस्पताल के डॉ. सुनील खेमका ने फोन पर बताया है कि अजीत जोगी को कार्डियक अरेस्ट ( Cardiac arrest) हुआ है. धड़कन लगभग रुक गई थी, लेकिन अब रिकवरी हो रही है. फिलहाल स्थिति गंभीर बनी हुई है. डॉक्टरों की टीम उन्हें लगातार मॉनिटर कर रही है. जल्द ही अजीत जोगी के स्वास्थ्य के बारे में और जानकारी दी जाएगी.
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक अजीत जोगी की तबीयत गंभीर बनी हुई है। उन्हें ICU में भर्ती कराया गया है, पहले उन्हें एक अन्य अस्पताल में ले जाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें श्री नारायणा अस्पताल में शिफ्ट कराया गया। जहां डाक्टरों की गहन निगरानी में उन्हें रखा गया है। डाक्टरों ने कहा कि जोगी को सांस लेने में तकलीफ है। उन्हें आईसीयू में भरती किया गया है। डाक्टर उनकी जांच कर रहे हैं।
अजीत जोगी के स्वास्थ्य को लेकर शनिवार शाम अस्पताल ने एक मेडिकल बुलेटिन (Medical Bulletin) जारी किया है. अस्पताल की ओर से कहा गया है कि डॉक्टरों द्वारा सांस की नली में फंसे हुए बीज को निकाल लिया गया है. डॉक्टर्स की एक टीम अजीत जोगी की लगातार मॉनिटरिंग कर रही है. अजीत जोगी का सिटी स्कैन भी कराया गया है. फिलहाल, उनके मस्तिष्क में सूजन पाया गया है. जोगी को 48-72 घंटे अंडर ऑबजरवेशन में रखा गया है.

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प्रदेश के सभी दलोँ के नताओं के तवीत के माध्यम से उनके स्वस्थ होने की कामना की

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छत्तीसगढ़ में मई महीने में शनिवार और रविवार के 2 दिन पूरी तरह से लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान अगर मेडिकल एमरजैंसी अभी आप घर से बाहर निकले। बेवजह घर से बाहर निकलने वालों के खिलाफ पुलिस प्रशासन सख्ती से पेश आएगा। इस दौरान से अति आवश्यक सेवाओं को ही चालू रखा जाएगा यानी शराब दुकानें, परिवहन सेवा और धार्मिक व राजनीतिक आयोजन पूरी तरह से प्रतिबंध रहेंगे। रायपुर जिले में 55 घंटे के लिए तालाबंदी रहेगी यानी शुक्रवार की रात 11 बजे से सोमवार की सुबह 6 बजे तक रहेगा।इस संबंध में रायपुर कलेक्टर डॉ एस भारतीदासन ने दिशा निर्देश जारी कर दिया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे लोग लॉक डाउन से संबंधित नियमों का पालन करें।

शहर में पूर्ण लॉकडाउन का पालन कराना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। इस बार पुलिस सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। लॉकडाउन के दौरान भी लोग सड़कों पर सामान्य दिनों की तरह नजर आते हैं और मार्केट में भी भीड़ रहती है। इसके चलते इस बार शुक्रवार शाम से अगले 48 घंटे तक पूर्ण लॉकडाउन का आदेश जारी किया गया है। इसका पालन कराने के लिए पुलिस ने जगह-जगह चेकिंग पाइंट बना रखे हैं।

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बाजार पर असर :आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले कार्यालय और प्रतिष्ठान को छोड़कर सभी दुकानें व्यवसायिक प्रतिष्ठान, कार्यालय, सप्ताहिक हाट बाजार आदि संपूर्ण गतिविधियों को बंद रहेंगी। इस दौरान धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल आम जनता के लिए बंद रहेंगे।
फैक्ट्रियो और प्लांट पर असर:लॉक डाउन का असर उद्योगों पर नहीं होगा। समस्त औघोगिक संस्थाएं इकाइयां और जिन्हें उक्त प्रतिबंध से छूट दी गई है न्यूनतम अनिवार्य आवश्यकता तक ही कर्मचारी अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
परिवहन सेवाओं पर असर:समस्त सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बंद रहेंगे। इसमें निजी बसें, टैक्सी, ऑटो रिक्शा, ई रिक्शा, रिक्शा आदि शामिल हैं। केवल इमरजेंसी मेडिकल सेवर वाले व्यक्तियों को आवागमन की अनुमति रहेगी।,ऐसे निजी वाहन जो इस आदेश के अंतर्गत आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन एवं उनके परिवहन का कार्य कर रहे हो, उन्हें भी तत्काल आवश्यकता को देखते हुए छूट दी जाएगी।
इन नियमों के तहत होगी कार्रवाई
1 . प्रतिबंध संबंधित आदेशों का उल्लंघन किए जाने की दशा में एपिडेमिक एक्ट 1897
2. भारतीय दंड संहिता की धारा 188, भारतीय दंड संहिता 1973 की धारा 144(1)
3. पब्लिक एक्ट 1949, छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिजीजेज जो कोविड-19 विनिमय 2020

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राजधानी रायपुर में एक बार फिर पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल किया गया है।रायपुर जिले के 6 एसआई, 9 एएसआई और एक टीआई स्तर के अधिकारी का तबादला आदेश जारी किया गया है।एसएसपी रायपुर ने आदेश जारी कर जानकारी दी है।

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य को आगामी तीन महीने में 30 हजार करोड़ रूपए का पैकेज देने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि यह आर्थिक पैकेज स्वीकृत नही किया गया तो आर्थिक संकट के कारण राज्य के सामान्य काम-काज का संचालन भी संभव नही हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में यह भी कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए इस पैकेज में से कम से कम 10 हजार करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता तत्काल दी जानी चाहिए। जिससे राज्य स्तर पर ही यह निर्णय लिया जा सके कि उद्योगों, व्यवसायों, कामगारों, कृषकों और अन्य गतिविधियों को कितनी-कितनी आर्थिक सहायता दी जाए।

मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि देश में कोविड-19 वायरस के संक्रमण के कारण अभूतपूर्व संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है। केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा पूर्ण एकजुटता के साथ इस गंभीर आपदा से निपटने के लिए हर संभव प्रयत्न किए जा रहे हैं। राज्य में 8 मई तक पूर्ण लॉकडाउन के 48 दिन पूर्ण हो चुके हैं। अभी भी कोविड-19 वायरस के नए संक्रमितों की संख्या निरंतर बढ़ने से यह प्रतीत होता है कि निकट भविष्य में इस महामारी के पूर्ण नियंत्रित होने अथवा समाप्त होने की संभावनाएं कम है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अभी तक तुलनात्मक रूप से कोरोना वायरस के प्रसार की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर है। राज्य में आपदा से निपटने के लिए संपूर्ण तंत्र को यथासंभव सुदृढ़ किया जा रहा है। लॉकडाउन की लंबी अवधि के कारण राज्य में सभी प्रकार की आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिससे लाखों परिवारों के सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। भारत सरकार द्वारा वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोनों में विभाजित कर सीमित आर्थिक गतिविधियां आरंभ की गई है।

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मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि भारत सरकार के स्तर से विभिन्न जोनों के निर्धारण में व्यावहारिक कठिनाई यह है कि जोन निर्धारण के तत्काल बाद ग्रीन जोन में नये संक्रमितों के मिलने की पूर्ण संभावना है। ऐसी स्थिति में यदि उसे पुनः रेड जोन में लाया जाएगा तो जो थोड़ी-बहुत आर्थिक गतिविधियां आरंभ हुई थी वह पुनः बंद हो जाएंगी। लंबे इंतजार के बाद एक बार किसी आर्थिक गतिविधि को यदि पुनः बंद किया गया तो उससे असंतोष बढ़ेगा और अनिश्चितता की स्थिति बनी रहेगी।वर्तमान में यह अनिश्चितता भी बनी हुई है कि 17 मई के पश्चात लॉडडाउन के संबंध में क्या स्थिति रहेगी। इन सब अनिश्चितताओं को समाप्त करने के लिए आवश्यकता इस बात की है कि हम सभी संभव सावधानियां बरतते हुए आर्थिक गतिविधियों को क्रमशः आरंभ करें। ऐसी स्थिति में यह उचित होगा कि राज्य के अन्दर विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के संचालन के संबंध में पूर्ण अधिकार राज्यों को सौंप दिए जाए।

मुख्यमंत्री ने यह भी लिखा है कि उनके द्वारा पूर्व में भी यह अनुरोध किया गया है कि यदि राज्य को आगामी 3 माहों में 30 हजार करोड़ रूपए का पैकेज स्वीकृत नही किया गया तो आर्थिक संकट के कारण राज्य के सामान्य काम-काज का संचालन संभव नहीं हो सकेगा। राज्य की अर्थव्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने के लिए इस पैकेज में से 10 हजार करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता तत्काल देने का आग्रह किया गया है।

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राजनांदगांव में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए हैं जबकि, इस एनकाउंटर में सब इंस्पेक्टर श्याम किशोर शर्मा शहीद हो गए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीद एसआई को श्रद्धांजलि दी.

जानकारी के मुताबिक राजनांदगांव जिले के नक्सल प्रभावित मदनवाड़ा थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात पुलिस की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए. जबकि मदनवाड़ा थाने के सब-इंस्पेक्टर श्याम किशोर शर्मा शहीद हो गए. बताया जा रहा है कि ये एनकाउंटर उस वक्त हुआ जब पुलिस की टीम जंगलों में सर्च ऑपरेशन पर थी. इसी दौरान वहां पर पहले से घात लगाए बैठे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी. जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की.

पुलिस ने मौके से सभी नक्सलियों के शव निकाल लिए हैं, एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों के पास से हथियार और दूसरे सामान भी बरामद किए गए हैं. मारे गए नक्सलियों में 2 पुरुष और 2 महिला नक्सली शामिल है. जिनमें महिला नक्सली प्रमिला और सरिता पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था. जबकि पुरुष नक्सली कृष्णा पर 5 लाख और अशोक पर आठ लाख रुपये का इनाम था. अशोक मोहला मानपुर कमेटी का सदस्य था.

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इस मुठभेड़ में शहीद हुए SI श्याम किशोर शर्मा की मौत पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दुख जताया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि राजनांदगांव के मदनवाड़ा के पास परधौनी गांव में पुलिस नक्सली मुठभेड़ के दौरान मदनवाड़ा के थाना प्रभारी श्याम किशोर शर्मा जी की शहादत का समाचार दुःखद है. मैं उनकी शहादत को नमन करता हूं. ईश्वर उनके परिवारजनों को संबल प्रदान करे. इस मुठभेड़ में 4 नक्सली मारे गये हैं.

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राजधानी रायपुरमें भरी गर्मी के बीच 11 मई की शाम आधे शहर को पानी नहीं मिलेगा. इस दिन शहर की बड़ी आबादी को पानी के लिए परेशान होना पड़ सकता है. नगर निगम द्वारा इस दिन शहर की 19 पानी टंकियों से पानी की सप्लाई नहीं की जाएगी. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इन इलाकों में टैंकर भेजे जाएंगे. नगर निगम के मुताबिक पानी की टंकियों में रखरखाव का कार्य किया जाएगा. इस वजब से पानी सप्लाई बंद रहेगी.
मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर नगर निगम के अमृत मिशन में जल आवर्धन योजना के अंतर्गत 150 एमएलडी इन्टेकवेल में स्थापित पुराने पम्प को निकालकर नया पम्प लगाने का काम किया जाएगा. डिलीवरी पाइप एवं वाल्व की फिटिंग के लिए 11 मई को सुबह की नियमित जल आपूर्ति के बाद 4 घंटे शटडाउन दिए जाएगा. इस दौरान किए मेंटेनेंस के काम के चलते राजधानी रायपुर की 19 पानी टंकियों से शाम के वक्त पानी की सप्लाई नहीं होगी. सतनाम पनाग का कहना है की 12 मई से पानी की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी. हालांकि जिन इलाकों में पानी की जरूरत होगी वहां टैंकर भेजे जाएंगे.

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रायपुर ये इलाके प्रभावित होने वाले है ::: भाटागांव, चंगाेराभाटा, कुशालपुर, डीडी नगर, ईदगाहभाटा, सरोना, टाटीबंध, कोटा, कबीर नगर, जरवाय, गोगांव, मठपुरैना, लालपुर, अमलीडीह, अवन्ति विहार, मंडी, मोवा, सड्डू और दलदल सिवनी ओवर हेड टैंक में 11 मई की शाम पानी की सप्लाई नहीं होगी. सभी 19 पानी टंकियों से संबंधित वार्डों के एरिया में इससे लोग प्रभावित होंगे. 19 टंकियों के अलावा रायपुर शहर में बाकी अन्य पानी टंकियों और पॉवर पंपों से पानी की सप्लाई यथावत रहेगी.

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छत्तीसगढ़ सरकार ने 4 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को कन्फर्म कर दिया है। इन ट्रेनों में आने के लिए लोगों को राज्य सरकार द्वारा जारी एप्प में एप्लाई करना होगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस एप्प का लिंक जारी कर दिया है। राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इन ट्रेनों में वे ही लोग आ सकेंगे जिसमें अन्य राज्यों में काम के लिए गए श्रमिक, छात्र-छात्राओं और मेडिकल इमरजेंसी वाले व्यक्तियों के अलावा ऐसे लोग आ सकेंगे जो किसी काम से दूसरे राज्य गए थे और वहां लॉकडाउन के कारण फंसे हुए है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने जिन 4 ट्रेनों को कन्फर्म किया है उनमें पहली ट्रेन पठानकोट पंजाब से चांपा, दूसरी ट्रेन साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर, तीसरी ट्रेन साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर तथा चौथी ट्रेन विजयावाड़ा आन्ध्रप्रदेश से बिलासपुर शामिल है। राज्य सरकार ने इन ट्रेनों में सफर के लिए एप्प का लिंक जारी है : http://rebrand.ly/z9k75qp है। इस एप्प में एप्लाई कर लोग इन ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस आ सकेंगे।

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सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर जिले के गांव में बनाए जा रहे क्वारंटाइन सेंटरों का लगातार विरोध जारी है। बलरामपुर जिले के रनहत में सप्ताह भर से महिलाओं ने मोर्चा संभाल रखा है। गांव के चारों ओर ग्रामीण पहरा दे रहे हैं। क्वारंटाइन सेंटर में किसी को नहीं रहने देने की बात पर अड़े हुए हैं। हालांकि प्रशासन ने अभी इनसे किसी तरह की कोई बातचीत शुरू नहीं की है। इस बीच आज सुबह बड़ी संख्या में महिलाएं व गांव के पुरुष रनहत के बालक छात्रावास क्वारंटाइन सेंटर मे हाथ में लाठी डंडा लेकर पहुँच गए। सेंटर के बाहर भीड़ देखकर कर्मचारी सहमे-सहमे नजर आए।

यहां देखरेख के लिए जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है वे भयभीत हैं। यहां के कर्मचारियों ने अधिकारियों को समूचे मामले की जानकारी दे दी है। बावजूद अभी तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। हालांकि रनहत गांव के दोनों क्वारंटाइन सेंटर में अभी किसी भी बाहरी प्रवासी मजदूरों को नहीं रखा गया है, न हीं गांव के किसी को यहां रखा गया है।

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प्रशासन ने केवल प्राथमिक व्यवस्था के तौर पर इस गांव के दो छात्रावासों को खाली कराकर क्वारंटाइन सेंटर बनाया है। जिससे विपरीत परिस्थिति निर्मित होने पर प्रवासी श्रमिकों को यहां पर सुरक्षित रखा जा सके।किंतु ग्रामीणों को यह भी नागवार गुजर रहा है। ग्रामीण चाहते ही नहीं कि यहां किसी को रखा जाए।

ग्रामीणों का कहना है जजावल राहत शिविर में इसी तरह बाहरी प्रवासी मजदूरों को रखा गया था और इनमें कई पॉजिटिव निकल गए। गांव के कर्मचारी भी इनके संपर्क में आ गए, ऐसी स्थिति में रनहत गांव भी जजावल बन सकता है। ग्रामीण कोई भी रिस्क लेने तैयार नहीं हैं। वे स्वयं और अपने परिजनों की सुरक्षा के प्रति बेहद सतर्क हैं।

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