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detail news only from Chhattishgarh ,dated: ९ जून २०२०


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आज 14 नए कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई है. इस संबंध में छत्तीसगढ़ हेल्थ डिपार्टमेंट ने ट्वीट कर जानकारी दी है. अब छत्तीसगढ़ में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 859 हो चुकी है.

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को प्रत्र लिखकर राज्यों के दिए दी गई जीएसडीपी के दो प्रतिशत अतिरिक्त उधार सीमा पर पुनर्विचार करते हुए इसे सभी शर्तो से मुक्त रखने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि वर्तमान समय में राज्य सरकारों द्वारा जनकल्याण के तात्कालिक एवं प्राथमिक दायित्वों को संतोषजनक ढंग से निर्वाह करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। राज्यो के आग्रह पर जन कल्याणकारी दायित्वों के निर्वहन के लिए भारत सरकार द्वारा जीएसडीपी का 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधार सीमा की अनुमति दी गई है, किन्तु यह सुविधा कई शर्तो और मापदण्डों की पूर्ति पर आधारित होने के कारण संसाधनों की कमी की समस्या यथावत बनी हुई है।

मुख्यमंत्री ने लिखा है कि कोविड-19 महामारी एवं देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राज्यों को होने वाली आय में कमी आयी है। कोरोना संकट और लाकडाउन की वजह से उत्पन्न विषम परिस्थिति से निपटने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जारी आर्थिक पैकेज की घोषणाएं भी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अपर्याप्त एवं जनसामान्य की जरूरतों को पूरा करने में निष्फल साबित होने के कारण राज्य सरकारों का दायित्व अब और भी बढ़ गया है।

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मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि वर्तमान संकट की इस घड़ी में गरीब परिवारों को निःशुल्क खाद्यान्न, वेतनभोगियों को नियमित वेतन एवं सभी के लिए समुचित स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था करना राज्यों के लिए प्राथमिकता का विषय है। राज्य की जनता को राहत देने के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों के साथ ही इस दिशा में त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के 14 जिले वामपंथी गतिविधियों से प्रभावित है। दूरस्थ एवं वनांचल क्षेत्र वाले गांवों में पीओएस मशीन की स्थापना सहित उचित मूल्य की दुकानों का आटोमेशन करना मुश्किल लक्ष्य है। इसी प्रकार कृषि प्रधान राज्य में किसानों को दी जा रही विद्युत सब्सिडी समाप्त कर डीबीटी प्रणाली लागू करने में भी कई तकनीकी बाधाएं हैं। यद्यपि सुधार के ये कार्य काफी महत्वपूर्ण है, फिर भी इन कार्यों के लिए यह समय उचित प्रतीत नहीं होता है।

श्री बघेल ने कहा है कि वर्तमान समय में राज्य सरकारों द्वारा आपके कुशल मार्गदर्शन में जनकल्याण के तात्कालिक एवं प्राथमिक दायित्वों को संतोषजनक ढंग से निर्वाह करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। अतः केन्द्र द्वारा जारी आदेश पर पुनर्विचार करते हुए राज्यों के लिए दी गई 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधार की सीमा को सभी शर्तो से मुक्त रखने का कष्ट करें।

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भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने राज्य में प्रवासी मजदूरों के लिए बनाये गये क्वारंटीन सेंन्टरों की हालत बहुत बदतर होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हे सरपंचों के भरोसे छोड़ दिया गया है।अव्यवस्था के चलते यहां पर लोगो की मौते हो रही है।

मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के अवसर पर चलाये जाने वाले जनसम्पर्क अभियान की जानकारी देने पहुंचे डॉ.सिंह ने कल बिलासपुर भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि केन्द्र द्वारा राशि उपलब्ध कराये जाने के बाद भी क्वारंटीन सेंटरों में दुर्दशा है।छत्तीसगढ़ इकलौता राज्य है जहां इन सेन्टरों में रुके लोगों की मौत हो रही है।भूपेश सरकार के फैसले लेने में देरी करने के चलते कोरोना के मामले हर रोज बढ़ रहे हैं। उऩ्होने बताया कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने देशभर में महासम्पर्क अभियान शुरू किया गया है।इसके तहत छत्तीसगढ़ के प्रत्येक कार्यकर्ता 25 घरों में पहुंचेंगे और उन्हें प्रधानमंत्री का पत्र तथा केन्द्र सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी का पर्चा सौंपेंगे।जल्द ही प्रदेश में एक वर्चुअल रैली आयोजित की जायेगी जिसे केन्द्रीय नेता संबोधित करेंगे।

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डा.सिंह ने कहा कि बीते 70 सालों में जो नहीं हुआ वह एक साल में मोदी सरकार ने कर दिखाया है, चाहे वह आर्टिकल 370 और 35 ए का मामला हो, राम मंदिर निर्माण, तीन तलाक, नागरिकता संशोधन कानून जैसे फैसले मोदी सरकार ही ले सकती है। उन्होने कहा कि कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि के माध्यम से नौ करोड़ किसानों के खातों में 72 हजार करोड रुपए जमा किए गए हैं और यह रकम हर साल जमा होगी।

उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत एक लाख 70 हजार करोड़ राहत पैकेज की घोषणा केन्द्र सरकार द्वारा किया गया इसके साथ ही देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ एवं किसान और मजदूर भाईयों के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया गया जो किसी भी देश द्वारा राहत पैकेज के रूप बड़ी राशि है।इसके साथ ही डा.सिंह ने बस स्टैण्ड तिफरा पहुंचकर लोगों को राहत सामग्री का वितरण कर सभी से लाकडाउन का नियमों का पालन करने का आग्रह किया।

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पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा हां, हमें सरपंचों पर भरोसा है । वे निर्वाचित जन प्रतिनिधि हैं। अपनी जिम्मेदारी समझते हैं । जनता के चुने हुए पंचायत के जनप्रतिनिधि को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने महामारी को नियंत्रित करने एवं प्रवासी मजदूरों की देखभाल के लिए बनाई गई क्वॉरेंटाइन सेंटर की जिम्मेदारी देकर करोना महामारी के नियंत्रण के महत्वपूर्ण काम में पंचायतों की सहभागिता सुनिश्चित की है । क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहरे प्रवासी मजदूरों को इससे घर जैसा माहौल और पारिवारिक वातावरण क्वॉरेंटाइन सेंटर में मिल रहा है। प्रवासी मजदूरों पंचायतों द्वारा संचालित क्वॉरेंटाइन सेंटर में खुद को सुरक्षित और बेहतर महसूस कर रहे हैं । किसी भी प्रकार की रहने खाने की दिक्कतें नहीं हो रही है।पंचायतों को कोरोना महामारी नियंत्रित करने और क्वॉरेंटाइन सेंटर की जिम्मेदारी देने से पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को क्यों तकलीफ हो रही है ?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि लाक डाउन वन से उत्पन्न परिस्थितियों के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने स्पेशल ट्रेनों बसों व अन्य माध्यमों से प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के पुख्ता इंतजाम किए हैं । राज्य में लगभग साढे तीन लाख प्रवासी मजदूरों के घर वापसी सुनिश्चित हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने मजदूरों के घर वापसी के लिए लगभग 3.30 करोड़ ₹ की राशि खर्च की है।क्वेरेंटाइन सेंटर और प्रवासी मजदूरों के रहने खाने की व्यवस्था के लिए जिला कलेक्टरों को भी 3.30 करोड़ रुपए की राशि व ब्लॉक स्तर पर भी धन मुहैया कराया गया है जिसके कारण क्वेरेन्टाइन सेंटरों में प्रवासी मजदूरों के लिए बेहतर व्यवस्था हुई है। लगातार उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा हैं। ऐसे समय में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह इतने संवेदनशील मामले में राजनीति कर रहे हैं और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अपने 15 साल के शासनकाल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने तोपंचायतों को उनके अधिकार से वंचित किया था । पंचायत मद की राशि का उपयोग भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के स्वागत सत्कार में जबरिया खर्च कराए जाते थे ।अमित शाह की रैली के लिए भीड़ भी पंचायतों के पैसे से ही जुटाई जाती थी । रिलायंस कंपनी के टावर लगाने पंचायतों के अनुमति के बगैर बिना अनु बदन से पंचायत के मद की राशि को जबरिया खर्च कर दिया जाता था। आज पंचायतों को उनका अधिकार दिया गया है। जनता के चुने जनप्रतिनिधियों को करोना महामारी से निपटने में सक्षम और अधिकार सम्पन्न बनाया गया है । उत्तर दायित्व दिया गया है ऐसे में भाजपा नेताओं के पेट में दर्द उनके पंचायती राज विरोधी और लोकतंत्र विरोधी होने का जीताजागता सबूत है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि पहले मोदी सरकार ने देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर जरूरी सतर्कता नहीं बरती जिसका परिणामस्वरुप करोना बीमारी देश में फैली। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल जी की सरकार ने शुरू से सावधानी बरतकर इस बीमारी को पूरी तरीके से नियंत्रित रखा था। लेकिन अब लाखों की संख्या में कमाने खाने बाहर गए हुए मजदूर वापस आ रहे हैं । 2 महीने से अधिक समय तक इन मजदूरों ने रोजी रोटी का अभाव झेला इनको मजदूरी नहीं मिली उनके पास की स्वयं की गाढ़ी पूंजी समाप्त हो गई । बाहर के प्रदेशों में रहकर इन मजदूरों को भूख प्यास, रहने की समस्या इलाज की समस्या तो झेलनी पड़ी ही यह लोग संक्रमण का शिकार होने के लिए भी मजबूर हुये । यदि समय रहते इन्हें वापस आने दिया गया होता, जो ट्रेनें बाद में चली वह पहले चलाई गई होती तो इन मजदूरों को करोना महामारी का शिकार ही नहीं होना पड़ता । बाहर रहकर मजदूरी के अभाव में कर्जदार नहीं होना पड़ता।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पूछा है कि जो इन मजदूरों को काम कराने ले गए थे, लाक डाउन के दौरान की मजदूरी इन मजदूरों को देने के लिए उनसे क्यों नहीं कहा मोदी सरकार ने ? कमाने खाने बाहर गए छत्तीसगढ़ के मजदूरों को मजबूर बनाने कर्जदार बनाने और करोना संक्रमण का शिकार बनाने के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है।

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बलात्कार के आरोपों से घिरे जांजगीर के पूर्व कलेक्टर जे.पी पाठक की मुसीबतें कुछ अधिक ही बड़ी दिख रही हैं। उनके खिलाफ बलात्कार का मामला एक महिला के बयान तक सीमित नहीं है, बल्कि उसके पुख्ता सुबूत भी मौजूद हैं। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पाठक पर धमकी देकर बलात्कार करने का आरोप लगाने वाली महिला ने अपनी शिकायत के साथ अपने भीतरी कपड़े भी पुलिस को दिए हैं, जिस पर पाठक के सुबूत कहे गए हैं। पुलिस अब इनकी जांच करवाने वाली है, लेकिन अभी तक पाठक का ठिकाना नहीं मिला है। अपना मोबाइल बंद करके पाठक घर से गायब है, और उसकी पत्नी का कहना है कि उसे कोई खबर नहीं है।

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यह मामला एक बड़े अफसर से जुड़ा हुआ है, और इसमें कलेक्टर के दफ्तर की इज्जत भी मिट्टी में मिल रही है, चूंकि यह महिला दलित समुदाय की है, इसलिए पुलिस फूंक-फूंककर कदम रख रही है, और सावधानी से कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत कलमबंद बयान करवाया है जो कि अभी सामने नहीं आया है, लेकिन बताया जाता है कि पुलिस अधिकारी उस बयान के सुबूत-महत्व से संतुष्ट हैं। जिस तरह अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के खिलाफ मोनिका लेविंस्की ने कपड़ों के सुबूत दिए थे, उसी तरह इस महिला ने भी सुबूत के तौर पर बलात्कार के वक्त के अपने कपड़े पुलिस को दिए हैं जो कि फोरेंसिक जांच में स्थापित होने वाला तथ्य है।

यह भी पता लगा है कि इस महिला ने अपने फोन के जो स्क्रीन शॉट पुलिस को दिए हैं, उन्हें दस्तखत करके प्रामाणिक किया है, लेकिन उसका फोन एक दूसरे आदमी के पास रखा हुआ बताया जा रहा है, जो उसे पुलिस को देने में आनाकानी कर रहा है।पुलिस के पास भूतपूर्व कलेक्टर पाठक, शिकायतकर्ता महिला सहित जुड़े हुए लोगों के टेलीफोन कॉल रिकॉर्ड के पुख्ता सुबूत मौजूद हैं।

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आज दोपहर 12 बजे अजीत जोगी के विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन रायपुर में प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के अनुमति से उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन के समक्ष जनता कांग्रेस को छोड़ कांग्रेस में वापसी की। ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री निवास पहुँच कर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।ज्ञानेंद्र उपाध्याय अजीत जोगी के बहुत ही करीबी माने व जाने जाते है । अजीत जोगी के चुनाव की कमान ज्ञानेंद्र उपाध्याय के हाँथो में ही रहती थी उनका कांग्रेस में वापस जाना जनता कांग्रेस एवं अमित जोगी के लिये बहुत बड़ा झटका है। अब मरवाही में अमित जोगी की राह आसान नहीं है क्यूँकि अजीत जोगी हो या अमित जोगी मरवाही सिर्फ़ चुनाव लड़ने जाते थे बाक़ी मरवाही विधानसभा का पूरा कार्यभार ज्ञानेंद्र उपाध्याय के द्वारा ही उनकी ओर से सम्भाला जाता रहा है

ज्ञानेंद्र उपाध्याय 1980 से सक्रिय राजनीति में है, ये इस क्षेत्र से जनपद अध्यक्ष एवं मंडी अध्यक्ष भी रह चुके है ये कांग्रेस के विभिन्न पदो में कार्य कर चुके है इनके द्वारा अब तक मरवाही में 7 विधानसभा और लोकसभा चुनाव का सफल संचालन किया जा चुका है । ये भँवर सिंह पोर्ते के वक़्त से चुनाव का काम करते आ रहे है । इनकी पैठ मरवाही विधानसभा के हर बूथ एवं हर घर तक है ।अब ऐसे वक्त में जब अमित जोगी मरवाही से चुनाव लड़ने की तैयारी में है अजीत जोगी के बहुत ही करीबी उनका दाहिना हाँथ विधायक प्रतिनिधि का कांग्रेस में शामिल होना मतलब अमित जोगी के लिये ख़तरे की घंटी माना जा रहा है अब अमित की राह आसान नही है ज्ञानेंद्र उपाध्याय के साथ छोड़ने से अमित जोगी का पूरा समीकरण गड़बडा जायेगा।

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जनता कांग्रेस जे के अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता अमित जोगी के क्रियाकलापों से खुश नही है । अमित जोगी की ख़राब छवि एवं बुरे बर्ताव की वजह से विधानसभा चुनाव के पहले भी कई दिग्गज जनता कांग्रेस छोड़ कर जा चुके है ।जब तक अजीत जोगी जीवित थे उन्होंने सब को बांध रखा था पर अब वो डोर टूट गई है । अमित जोगी के साथ कोई भी उनकी नकारात्मक छवि की वजह से कार्य नही करना चाहता है ।

विधानसभा चुनाव के पहले अमित जोगी के क्रियाकलापों से खिन्न हो युवा जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी व अन्य ने जनता कांग्रेस छोड़ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी के जन्मदिवस पर कांग्रेस वापसी की थी। आज ज्ञानेंद्र उपाध्याय के कांग्रेस वापसी में भी विनोद तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।ज्ञानेंद्र उपाध्याय ने कहा की मै पिछले 20 सालो से अजीत जोगी जी के साथ रहा अब वो इस दुनिया में नहीं है और मै अमित जोगी के साथ काम नहीं कर सकता हूँ। छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी के कार्यों से प्रभावित हो विशेष रूप से किसानो के लिये किये गये कार्यों से प्रभावित हो आज अपनी मूल पार्टी कांग्रेस वापसी कर रहा हूँ

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स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई ’पढ़ई तुंहर दुआर’ ऑनलाइन कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार और शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं पालकों द्वारा इसके नियमित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ’’गुरू तुझे सलाम’’ अभियान संकुल से राज्य स्तर पर 11 से 23 जून तक संचालित किया जाएगा। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने अभियान के संबंध में समय-सारणी भी जारी कर दी है। विभिन्न स्तरों पर आयोजित कार्यक्रमों को अन्य शिक्षक भी देख सकेंगे। इसके लिए सभी को कार्यक्रम का लिंक साझा की जाएगी। यह अभियान शिक्षकों और पालकों के बीच के संबंधों को और सुदृढ़ करेगा। अभियान के अंतर्गत शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं पालकों द्वारा नियमित उपयोग के लिए संकुल से राज्य स्तर तक शिक्षकों के अहा क्षण, बच्चों द्वारा उनके प्रेरण स्त्रोत शिक्षक पर और पालकों द्वारा ऑनलाइन शिक्षण पर दो-दो मिनट में अपने विचार रख इसे #gurutujhesalaam#ptd सोशल मीडिया पर अपलोड करेंगे। अभियान में सभी शिक्षक पालकों से मोबाइल पर संपर्क करेंगे और उनसे बच्चों की पढ़ाई की जानकारी लेकर उनके सीखने में आवश्यक सहयोग देने के लिए टिप्स देंगे। प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा ने अभियान आयोजन के संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, डाईट के प्राचार्य और जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा को निर्देशित किया गया है कि सभी संकुलों मे कार्यक्रम निर्धारित समय में प्रारंभ करते हुए राज्य स्तर तक जिले से प्रतिनिधित्व करने के लिए उपयुक्त साथियों का चयन कर सहभागिता लिया जाना सुनश्चित करें।

समय-सारणी के अनुसार अभियान शिक्षकों द्वारा संकुल स्तर पर 11 जून, विकासखण्ड स्तर पर 13 जून, जिला स्तर पर 16 जून और राज्य स्तर पर 18 जून को सुबह 11 से 12 बजे तक होगा। इसी प्रकार विद्यार्थियों द्वारा संकुल स्तर पर 13 जून, विकासखण्ड स्तर पर 16 जून, जिला स्तर पर 18 जून और राज्य स्तर पर 20 जून को दोपहर 1 से 2 बजे तक आयोजित किया जाएगा। पालकों द्वारा संकुल स्तर पर 16 जून, विकासखण्ड स्तर पर 18 जून, जिला स्तर पर 20 जून और राज्य स्तर पर 23 जून को शाम 4 से 5 बजे तक आयोजित होगा। कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर से संकुल स्तर तक कोर ग्रुप बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गई है। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि किसी एक समूह में अधिकतम 30 लोगों को प्रतिभागिता दी जा सकेगी। निर्धारित अवधि में विचार व्यक्त करने के लिए प्रत्येक को 2 मिनट का समय दिया जाए। राज्य स्तर से 28 जिलों से प्रत्येक से एक-एक प्रतिभागी का नाम जिले तय करेंगे। यह नाम संकुल से जिले तक आयोजित कार्यक्रमों में चयनित किए जाएंगे। सभी प्रतिभागियांे को अपनी बात 2 मिनट के भीतर पूरा करने के लिए अभ्यास करके आना होगा। विभिन्न स्तरों पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले साथियों को संकुल से लेकर आगे बढ़ाते हुए राज्य स्तर तक सामने आएंगे।

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जारी निर्देश में कहा गया है कि गुरू तुझे सलाम कैम्पेन का सही लाभ तभी मिल सकेगा जब शिक्षकों और पालकों के बीच संबंध सुदृढ़ होगा। इसके लिए सोशल मीडिया में प्रचार-प्रसार के लिए शिक्षक पालकों को लॉकडाउन के दौरान घर पर रहकर बच्चों को सीखने में सहयोग करने के लिए उनका आभार और धन्यवाद देंगे और उनसे बच्चों की पढ़ाई में आगे भी सहयोग देने की अपेक्षा करेंगे। शिक्षक पालकों से मोबाइल पर हुई बातचीत को सोशल मीडिया में पोस्ट कर अनुभव लिखेंगे और फोटो आदि को निर्धारित गूगल ड्राईव में अपलोड करेंगे। संकुल स्तरीय नोडल अधिकारी संकुल के सभी शिक्षकों द्वारा इस कार्य को किए जाने के संबंध में रिकार्ड रखेंगे और सभी शिक्षकों से पालकों का मोबाइल नंबर लेकर रैण्डम में पालकों से चर्चा कर वेरीफाई भी करेंगे।

संकुल से राज्य स्तर पर शिक्षकों के अहा क्षण पर दो मिनट की बात होगी। अहा क्षण वो क्षण होता है जिसमें अचानक कोई नया आईडिया, नई खोज, कोई ऐसी चीज की जानकारी जो पहले से भीतर है उसे अचानक पहचनना, सही समय में सही आईडिया का सामने आना, कक्षा अध्यापन के दौरान कुछ नई चीजें, शिक्षा से जुड़े यादगार पल और आईडिया सामने आना। अभियान के माध्यम से शिक्षकों को ऐसे अहा क्षण को पहचानने का अवसर मिलेगा और इन आईडिया का संकलन किया जाएगा। लॉकडाउन अवधि में शिक्षकों को कुछ सोचने का अवसर मिलेगा। अहा क्षण के बारे में समूह में और विस्तार से बताया जा सकेगा।

संकुल स्तर से राज्य स्तर तक बच्चों द्वारा उनके प्रेरणा स्त्रोत शिक्षक का दो मिनट की बात कार्यक्रम को संकुल से लेकर जिलो के नोडल अधिकारी आयोजित करेंगे। इसमें बच्चों को अपने पसंदीदा शिक्षकों के बारे में दो मिनट बोलने का अवसर दिया जाएगा। इससे उनके सोचने, बोलने, अभिव्यक्ति की पहचान के साथ-साथ शिक्षकों को भी पता चल सकेगा कि वो कौन-कौन से तत्व हैं जो बच्चों के बीच उनकी साख को बढ़ाते हैं।

संकुल से राज्य स्तर तक पालकों द्वारा आनलाइन शिक्षण पर दो मिनट में अपने विचार रखे जाएंगे। पालकों को इस कार्यक्रम से जोड़कर उनके द्वारा ऑनलाइन शिक्षा, राज्य से उपलब्ध विभिन्न एप और सुविधाओं के उपयोग के बारे में विचार व्यक्त किए जाएंगे। बच्चों द्वारा उनके उपयोग की स्थिति और कोरोना के बाद स्कूल खोले जाने पर विचार रखें जाने के लिए दो मिनट का समय दिया जाएगा।

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सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत गणेशपुर जंगल में जंगली हाथियों के बीच आपसी संघर्ष में एक मादा हाथी की मौत हों गई है. जंगल में ग़ुस्से से भरे और चिंघाड़ रहें पंद्रह हाथियों की उपस्थिति से दहशत में आए वन कर्मी जंगल में मृत हाथी के पास अभी तक नहीं पहुँच सके है. अनजाने दूसरे काम से जंगल में गए ग्रामीणों ने मृत हाथी की सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को दिया है.

ग्रामीणों ने बताया की प्यारे और अन्य हाथियों के बीच झगड़ा ऐसा हुआ कि इसमें एक हाथी की मौत हो गयी,घटना प्रतापपुर के समीपस्थ ग्राम गणेशपुर के जंगल की है।हाथी के शव के पास अन्य हाथियों की उपस्थिति के कारण वन वनकर्मचारी जंगल में नहीं जा पा रहे हैं।इससे पहले झगड़े के दौरान हाथियों की चिंघाड़ से ग्रामीण दहशत में थे,इन्होंने यहां फसलों और सब्जियों को जमकर नुकसान पहुंचाया है।

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प्यारे हाथी के साथ पंद्रह हाथियों का दल कई दिनों से प्रतापपुर के समीपस्थ ग्रामों में भ्रमण कर नुकसान पहुंचा रहा है,कल से वे गणेशपुर के जंगल में थे।स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार जंगल से शाम को हाथियों के चिंघाड़ने की आवाजें आ रही थीं और ऐसा लग रहा था कि इनके बीच झगड़ा हो रहा है।आज सुबह कुछ ग्रामीण जंगल के पास तालाब में मछली देखने गए थे उन्होंने एक मरे हुए हाथी को देखा और इसकी जानकारी वन विभाग को दी।ग्रामीणों के अनुसार जंगल में झगड़े के कारण कई पेड़ क्षतिग्रस्त हैं,जमीन में गड्ढे हो गए हैं।बताया जा रहा है कि इस दल में प्यारे हाथी भी है और माना जा रहा है कि इसी के साथ हाथियों का झगड़ा हुआ है,झगड़े में मौत मादा हाथी की बताई जा रही है।मिली जानकारी के अनुसार बाकी हाथी मरे हुए हाथी से कुछ दूर जंगल में हैं इसलिए वन कर्मचारी शव के पास नहीं जा पा रहे हैं।दूसरी तरफ इन हाथियों ने गांव में सब्जियों और फसलों को जमकर नुकसान पहुंचाया था।

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छत्तीसगढ़ के DGP डीएम अवस्थी ने आदेश जारी किया है। आदेश में उन्होंने लिखा है कि प्रदेश में पुलिस अधिकारी, कर्मचारी किसी भी आम जन से दुर्व्यवहार किया तो उसे तुरंत निलंबित कर अपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।उरला बिरगांव वाले मामले में डीजीपी डी.एम.अवस्थी का कड़ा रूख सामने आया है। डीजीपी डीएम अवस्थी ने सभी आईजी और एसपी को निर्देश दिया है कि वो पुलिस अधिकारी व कर्मचारी को कड़े कंट्रोल में रखे।डीजीपी ने कहा है कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी व अधिकारी किसी आमजन से दुर्व्यवहार करता है या मारपीट करता है तो उसे ना सिर्फ तत्काल सस्पेंड किया जायेगा, बल्कि FIR दर्ज किया जायेगा।

डीजीपी अवस्थी ने इस बाबत पत्र जारी कर साफ नसीहत दी है कि पहले भी इस बात का निर्देश पुलिसकर्मियों को दिया गया था कि वो आमलोगों के साथ सम्मान व सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करें, लेकिन हाल में कुछ घटनाएं ऐसी आयी है, जिसमें पुलिसकर्मी आमलोगों के साथ दुर्व्यवहार करते व मारपीट करते देखे गये हैं, जिससे पुलिस की छवि खराब हुई है।डीजीपी ने सभी आईजी और एसपी को आदेश दिया है कि हाल में घटित इस प्रकार के प्रकरणों पर विभागीय जांच बैठाकर तत्काल कड़ी कार्रवाई करें।

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छत्तीसगढ़ के कवर्धा में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पहले लोग इस बात से थोड़ी राहत महसूस कर रहे थे कि अभी कोरोना केवल बाहर से आने वाले मजदूरों को है और स्थानीय लोगों को इससे ज्यादा खतरा नहीं है. लेकिन मजदूरों की जांच सैंपल लेने वाले आरएमए डॉक्टर व एक लैब टेक्निशियन के पॉजिटिव पाए जाने से लोगों में डर का माहौल है. जो भी लोग इन स्वास्थ्य कर्मियों के संपर्क में आए हैं, उनकी भी मुसीबत बढ़ गई है. प्रवासियों का इलाज करने वाले डॉक्टर और नर्सों के संपर्क में आने वाले 9 पुलिसवालों को क्वारंटाइन किया गया है. इनकी सैंपल जांच रिपोर्ट भी भेज दी गई है.

गौरतलब हो कि ये सभी पुलिसकर्मी चिल्फी थाने में कार्यरत थे. जो किसी ने किसी काम से डॉक्टर व लैब कर्मी से मिले थे. जाने-अनजाने में ये उनके संपर्क में आए. बताया जा रहा है कि डॉक्टर और लैब अटेंडेट ने खुद ही शक होने पर अधिकारियों को बिना बताए अपने ब्लड रिपोर्ट जांच के लिए भेज दिए थे, जिसके बाद जो रिपोर्ट आई, वो चौंकाने वाली थी. इसमें दोनों कोरोना पॉजिटिव पाए गए है. अब एहतियातन स्वास्थ्य अमला बीच-बीच में अपने कोरोना योद्वाओं की जांच भी करा रहा है, ताकि किसी तरह से कोई खतरा अन्य सहकर्मियों को ना हो.

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पुलिस अधीक्षक के एल ध्रुव ने बताया कि एहतियातन अपने जवानों को क्वारंटाइन किया गया है. फिलहाल उनमें कोई लक्षण भी नहीं है. चूंकि वे लोग कोरोना संक्रमित के सीधे संपर्क में आए थे, इसलिए 9 पुलिस जवानों को क्वारंटाइन किया गया है, जांच रिपोर्ट आने तक उन्हें किसी से मिलने से मना किया गया है.

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