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detail news only from Chhattishgarh ,dated: १० जुलाई २०२०

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आज प्रदेश में १४० मरीज की पहचान की गयी है जिसमे रायपुर जिले से ३४ ,नारायणपुर से २२ ,दंत्वाडा से १७,बिलासपुर से 13 ,राजनंदगांव और बलौदाबाजार से १० १० ,सरगुजा से ९ ,रायगढ़ से ७ ,दुर्ग बालोद जांजगीर चांपा से 3 3,बलरामपुर कोंडागांव एवं अन्य राज्य से २ २,कोरबा बेमेतरा महासमुंद से 1 1 शामिल है

राजधानी में लगातार कोरोना संक्रमण का कहर बढ़ते जा रहा है आज फिर 30 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. वहीं 15 मरीज ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किये गए हैं. सीएमएचओ ने इसकी पुष्टि की है. जानकारी के मुताबिक, नए संक्रमित मरीज मोवा, टाटीबंध, तेलीबांधा, खम्हारडीह, संतोषी नगर, न्यू राजेंद्र नगर, पुलिस लाइन, पुराना पीएचक्यू, भाठागांव, गुढ़ियारी, मठपुरैना, मठपारा, शिवानंद नगर, लाभांडी व संयुक्त राजधानी के अलग-अलग इलाके से सामने आए हैं.संक्रमित मरीजों में ज्यादातर युवा व बच्चे भी शामिल हैं. गृहिणी भी कोरोना के शिकार हुए हैं. लेकिन राहत की बात है कि लोग जल्द ही स्वस्थ हो कर घर लौट रहे हैं.

दंतेवाड़ा जिले में शुक्रवार को 9 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं. जिनमें 8 CRPF जवान शामिल हैं.जानकारी के मुताबिक क्वॉरेंटाइन सेंटर से 9 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिसमें CRPF के आठ जवान और एक मजदूर शामिल है. CRPF 195वीं बटालियन के 3 जवान और 231वीं बटालियन के 5 जवान RTPCR रिपोर्ट में पॉजिटिव आई है.पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन सभी मरीजों को डिमरापाल मेडिकल कॉलेज रेफर करने की तैयारी कर रहा है, जहां कोविड वार्ड में सभी मरीजों का इलाज होगा.

वहीं महासमुंद में एक कोरोना पॉजिटिव की सूचना है जिला प्रशासन ने भी इसकी पुष्टि की है। संक्रमित व्यक्ति पुरूष है, जिसकी उम्र 15 वर्ष है और यह हैदराबाद से 01 जुलाई को बागबाहरा के ग्राम सुनसुनिया पहुंचा, जहां वह अपने गृह ग्राम में होमे क्वारेंटाईन पर रह रहा हैं। इसे कोविड अस्पताल भेजने की तैयारी की जा रही हैं।

इसके अलावा रायगढ़ जिले में शुक्रवार को ७ नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिनमें से 3 मरीज लैलूंगा, 1 धरमजयगढ़, 1 बरमकेला और 1 मरीज तमनार क्षेत्र से हैं. इन मरीजों को मिलाकर जिले में अब तक करीब 146 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं.

आज 24 घंटे के भीतर जो दो मौत हुई है, उनमें एक रायगढ़ और दूसरा राजनांदगांव में हुई है।रायगढ़ कोविड-19 अस्पताल में एक कोरोना संक्रमित ने दम तोड़ दिया. कोरोना संक्रमित मूलत: उत्तरप्रदेश के गोरखपुर का रहने वाला है और जांजगीर चांपा के हसौद क्षेत्र में रहता था. जिसे लकवा और कमजोरी होने पर रायगढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था.हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि इन मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं हुई है. ये मरीज कैंसर और अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित थे. जिसकी वजह से इनकी मौत हुई है.



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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष श्री जी.आर. चिंताला के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ में कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों, अधोसंरचनाओं के विकास के संबंध में विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड के सहयोग से छत्तीसगढ़ में कृषि और ग्रामीण क्षेत्र सहित अनेक क्षेत्रों में विकास के अनेक कार्य हुए है, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। नाबार्ड के माध्यम से प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बहुत से काम हुए हैं, अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। यह आयोजन नाबार्ड के 12 जुलाई को स्थापना दिवस के अवसर पर किया गया। मुख्यमंत्री ने नाबार्ड के अध्यक्ष श्री चिंताला सहित अधिकारियों-कर्मचारियों को स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे उपस्थित थे। नाबार्ड के अध्यक्ष श्री चिंताला और उप प्रबंध निदेशक श्री पी.वी.एस. सूर्य कुमार मुम्बई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।

मुख्यमंत्री ने बस्तर अंचल की बहुउद्देशीय बोधघाट सिंचाई परियोजना और बस्तर अंचल के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए नाबार्ड से सहयोग मांगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधघाट सिंचाई परियोजना बस्तर के लिए जीवनदायिनी साबित होगी, लगभग 22 हजार करोड़ रूपए लागत की इस परियोजना के माध्यम से पूरे बस्तर अंचल में सिंचाई की सुविधा के साथ पेयजल और निस्तार के लिए पानी उपलब्ध होगा। वर्तमान में बस्तर क्षेत्र में सिंचाई का प्रतिशत 0 से 5 प्रतिशत तक है। इस परियोजना के माध्यम से पूरा बस्तर सिंचित होगा। जिससे वहां के लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। उन्होंने कहा कि अनेक नैसर्गिक विशेषताओं वाले बस्तर में नक्सल समस्या एक बड़ी चुनौती है। बस्तर के युवाओं को रोजगार देकर उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने में सहायता मिलेगी।

श्री बघेल ने सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए इस योजना के लिए नाबार्ड से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि गांवों में बनाए जा रहे गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से लघु वनोपजों और वनौषधियों के प्रसंस्करण के लिए छोटे-छोटे प्लांट लगाने की राज्य सरकार ने योजना तैयार की है। इससे समूह की महिलाओं को रोजगार और आय का अच्छा साधन मिलेगा। महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की मार्केटिंग के लिए बड़ी कम्पनियों से चर्चा चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गांव के गौठान में एक एकड़ जमीन ग्रामोद्योग गतिविधियों के लिए आरक्षित रहेगी। इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ के हर गांव में एक इंडस्ट्रियल पार्क होगा। गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण भी महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने इस योजना के लिए नाबार्ड से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

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श्री बघेल ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कृषि और उद्यानिकी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज के निर्माण, फूड प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना के लिए भी सहयोग मांगा। श्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ से पड़ोसी देशों को टमाटर की सप्लाई की जाती है। दुर्ग, रायपुर और जशपुर में फलों तथा उद्यानिकी फसलों का अच्छा उत्पादन होता है। जशपुर में नाशपाती, काजू, स्ट्राबेरी, कॉफी की खेती होती है। कोल्ड स्टोरेज की चैन विकसित होने से इन्हंे ज्यादा समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा और किसानों को इनका अच्छा दाम मिलने में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि बस्तर में मिर्ची का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। इसका नागपुर में बड़ा बाजार है यदि मिर्ची के परिवहन के लिए नाबार्ड की सहायता से वातानुकूलित परिवहन वाहन उपलब्ध होता है, तो बस्तर के किसानों को मिर्ची का अच्छा दाम मिलेगा। उन्होंने धान खरीदी में नाबार्ड द्वारा उपलब्ध कराई जा रही ऋण सहायता के लिए धन्यवाद दिया।

नाबार्ड के अधिकारियों ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को बताया कि किसानों को कृषि ऋण देने के लिए 700 करोड़ रूपए की राशि नाबार्ड द्वारा स्वीकृत की गई है। चालू वित्तीय वर्ष में नाबार्ड द्वारा अब तक 450 करोड़ रूपए का कृषि ऋण वितरित किया जा चुका है। मांग आने पर 1500 करोड़ रूपए का कृषि ऋण नाबार्ड द्वारा दिया जा सकता है। नाबार्ड के अधिकारियों ने यह जानकारी भी दी कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के अस्पतालों में कोविड-19 तथा संक्रामक रोगों के मरीजों के इलाज के लिए एक-एक वार्ड के निर्माण के लिए 192 करोड़ रूपए की ऋण सहायता स्वीकृत की गई है। इसी तरह प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लिए 792 करोड़ रूपए की ऋण सहायता मंजूर की गई। नाबार्ड के अधिकारियों ने प्रदेश में 37 कोविड सैम्पल कलेक्शन सेंटर (कियोस्क) की स्थापना के लिए 9 लाख 93 हजार रूपए की अनुदान राशि का स्वीकृति का पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा प्रकाशित ‘छत्तीसगढ़ में नाबार्ड 2019-20‘ पुस्तिका का किया विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास की जरूर बताते हुए, इसके लिए नाबार्ड से और अधिक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए 500 करोड़ रूपए की सहायता दी जानी चाहिए। नाबार्ड के अध्यक्ष श्री जी.आर. चिंताला ने कहा कि नाबार्ड द्वारा छत्तीसगढ़ सेे प्रस्ताव प्राप्त होने पर 20 से 25 हजार करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्याें के लिए उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने बस्तर अंचल की बहुउद्देशीय बोधघाट परियोजना के लिए सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ज्यादा से ज्यादा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन किया जाना चाहिए। इससे किसानों को कारोबार बढ़ाने, बागबानी और सब्जी की फसलों के विपणन के लिए अनुदान सहायता नाबार्ड से उपलब्ध कराई जाएगी।

नाबार्ड के छत्तीसगढ़ के मुख्य महाप्रबंधक श्री एम. सोरेन ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में नाबार्ड द्वारा छत्तीसगढ़ में कृषि एवं ग्रामीण विकास के कार्याें के लिए 10 हजार करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता और 20 करोड़ रूपए की अनुदान सहायता उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की कृषि उत्पादन आयुक्त और प्रमुख सचिव कृषि डॉ. श्रीमती एम. गीता, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, नाबार्ड के अधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के हर गांव में एक इंडस्ट्रियल पार्क होगा। उन्होंने कहा कि गांव में गौठानें के लिए आरक्षित की गयी जमीन में से एक एकड़ जमीन कुटीर और छोटे उद्योगों के लिए आरक्षित रहेगी, जहां स्व-सहायता महिला समूह द्वारा लघु वनोपजों में वेल्यूएडीशन का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आज एक इलेक्ट्रॉनिक समाचार चैनल हिन्दी खबर द्वारा आयोजित ई-कॉन्क्लेव के समापन अवसर पर यह बात कही। श्री भूपेश बघेल ’रिस्टार्ट छत्तीसगढ़ ऑफ्टर लॉकडाउन’ विषय पर आयोजित इस कॉन्क्लेव में रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। श्री बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना प्रदेश में 20 जुलाई को हरेली त्यौहार से शुरू की जा रही है। इस योजना में पशु-पालकों से गोबर खरीदकर गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार की जाएगी। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां गोबर की खरीदी की जाएगी। उन्होंने गांधी जी की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुरू की गई सुराजी गांव योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक मजबूत आधार स्तंभ साबित होगी। इस योजना के माध्यम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की कल्पना साकार होगी।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कोरोना से लड़ने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि महामारी संकट के इस दौर में सबके लिए रोजगार के अवसर ढूढना है। यदि हिन्दुस्तान का पुर्ननिर्माण करना है, तो सबको विश्वास में लेकर कोई ऐसा काम शुरू करना होगा, जिससे सबको रोजगार मिले और सब सुखी और सम्पन्न हों। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ने की है। श्री बघेल ने कॉन्क्लेव में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों, लॉकडाउन के दौरान जरूरी आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने के प्रयासों, कठिन समय में जरूरतमंद लोगों को राहत प्रदान करने के किए गए उपायों और छत्तीसगढ़ के वर्तमान आर्थिक परिवेश के बारे में विस्तार से अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में लोकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है। रामवन गमन पथ को विकसित करने के लिए राशि का प्रावधान करते हुए कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अनेक सुरम्य प्राकृतिक स्थलों के साथ ऐतिहासिक धरोहरेें है। यहां पर्यटकों के लिए सुविधा विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी छत्तीसगढ़ में जरूरी आर्थिक गतिविधियों को चालू रखा गया। प्रदेश के बड़े उद्योग कम क्षमता के साथ संचालित होते रहे। खदानें बंद नहीं हुई। मनरेगा के काम बड़े पैमाने पर प्रारंभ किए गए, जिनमें अधिकतम 26 लाख लोगों को काम मिला। लॉकडाउन के दौरान राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रथम किश्त की राशि के रूप में पन्द्रह सौ करोड़ रूपए किसानों के खाते में अंतरित की गयी। लघु वनोपजों के संग्रहण का काम भी चलता रहा। लोगों की जेब में इन माध्यमों से पैसा आया, जिससे लॉकडाउन में भी उद्योग, व्यापार और व्यवसाय फले-फूले। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में तीन हजार से अधिक ट्रेक्टरों की बिक्री हुई। पिछले वर्ष की जून माह तुलना में इस वर्ष जून माह में जीएसटी कलेक्शन में 22 प्रतिशत की ग्रोथ हुई। रियल स्टेट सेक्टर को गति देने के लिए जमीनों की खरीदी-बिक्री की कलेक्टर गाईड लाईन दरों में 30 प्रतिशत छूट दी गयी है। पंजीयन शुल्क भी कम किया गया। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक रजिस्ट्री हुई है।

कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के उपायों के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि विदेशों से आने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें होम क्वारेंटाइन में रखा गया। लॉकडाउन के दौरान लगभग साढ़े छह लाख मजदूर और अन्य लोग छत्तीसगढ़ लौंटे, जिन्हें राज्य में बनाए गए 21 हजार क्वारेटाइन सेन्ट्ररों में रखा गया। अब इनमें से अधिकांश लोग अपने-अपने घर लौट चुके हैं। कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों के भी जांच और इलाज के प्रबंध किए गए, जिससे कोरोना संक्रमण की स्थिति राज्य में नियंत्रण में रही। लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को भी जारी रखा गया। इसके परिणाम स्वरूप कुपोषित बच्चों की संख्या में 13 प्रतिशत की कमी आयी।

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बिलासपुर में 11 जुलाई को राज्य स्तरीय ई-लोक अदालत का आयोजन किया गया है। यह देश के न्यायिक इतिहास में पहली बार हो रहा है, जब लोक अदालत वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगा, जिसमें पक्षकार और वकील को न्यायालय आने की जरूरत नहीं होगी। घर में बैठे पक्षकारों के बीच आपसी सहमति से प्रकरण निराकृत होंगे।

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने ई-लोक अदालत के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में 11 जुलाई को आयोजित ई-लोक अदालत में हाईकोर्ट सहित प्रदेश भर के विभिन्न जिलों की 200 से अधिक खंडपीठों में 3 हजार से ज्यादा मामलों की सुनवाई होगी। ई-लोक अदालत का शुभारंभ सुबह 10.30 बजे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के वीडियो कान्फ्रेंसिंग रूम में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पी.आर. रामचन्द्र मेनन करेंगे। इस कार्यक्रम की लाईव स्ट्रीमिंग भी की जाएगी।

जस्टिस मिश्रा ने बताया कि समझौता योग्य प्रकरणों, पारिवारिक मामले, मोटर दुर्घटना दावा, चेक बाउंस के प्रकरण आदि धन संबंधी मामले प्रायः लोक अदालत के माध्यम से निराकृत हो जाते है। कोरोना संक्रमण के चलते जब लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो ऐसे मामलों के निराकरण के लिये छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने ई-लोक अदालत लगाने का निर्णय लिया है। ई-लोक अदालत उच्च न्यायालय के साथ सभी जिला न्यायालयों एवं तहसील न्यायालयों में भी आयोजित की जा रही है।

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जस्टिस मिश्रा ने बताया कि पक्षकारों द्वारा ई-लोक अदालत के माध्यम से समझौते के लिये जब फार्म भरे गये, उसी समय उन्हें लिंक उपलब्ध करा दिया गया। ई-लोक अदालत में पक्षकार और वकील अपने-अपने घरों में बैठकर दिये गये लिंक के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट से जुड़ सकेंगे। पक्षकारों और वकीलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यदि जुड़ने में दिक्कत होगी तो उन्हें यह भी सुविधा दी गई है कि वे व्हाट्सअप वीडियो कॉल करके अपना पक्ष रख सकेंगे। कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में न्यायिक कामकाज प्रभावित हुआ है। वकील एवं पक्षकारों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। ई-लोक अदालत से उनको राहत मिलेगी। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि पूरे देश में ई-लोक अदालत को लेकर उत्सुकता है। यह प्रयोग सफल होता है तो इसे आगे भी जारी रखा जाएगा।

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छत्तीसगढ़ में वन विभाग द्वारा राज्य स्तर पर एक साथ एक ही तिथि 11 जुलाई को फल, सब्जी बीज और सीड बॉल की बुआई के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसके तहत मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य के वन तथा वनेत्तर क्षेत्रों में 50 हजार किलोग्राम फलदार पौधों के बीज, छह हजार 500 किलोग्राम सब्जी बीज और 25 लाख सीड बॉल की बुआई होगी।

वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने इसके सफल आयोजन के लिए वन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए है। इसके तहत राज्य के वन तथा वनेत्तर क्षेत्रों में बेर, जामुन, बेल, सीताफल, करौंदा, लौकी, बरबट्टी, भिन्डी, बैंगन तथा मुनगा आदि के बीज की बुआई अथवा छिड़काव और सीड बॉल डिब्लिंब का कार्य किया जाएगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि इनमें वनमण्डलवार बलौदाबाजार में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल की बुआई का लक्ष्य है। इसी तरह गरियाबंद में 2 हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, धमतरी में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, महासमुंद में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल तथा कवर्धा में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज, 300 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल की बुआई होगी।

वनमण्डवार खैरागढ़ में ड़ेढ़ हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, राजनांदगांव में ड़ेढ़ हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, बालोद में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, सूरजपुर में ड़ेढ़ हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, कोरिया में ड़ेढ़ हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल तथा सरगुजा में 2 हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल की बुआई की जाएगी।

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वनमण्डलवार मनेन्द्रगढ़ में ड़ेढ़ हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, बलरामपुर में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज, 300 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, जशपुर में ड़ेढ़ हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, रायगढ़ में ड़ेेढ़ हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल की बुआई होगी। कटघोरा में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज, 300 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, बिलासपुर में 500 किलोग्राम फलदार बीज, 100 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, मरवाही में 3 हजार किलोग्राम फलदार बीज, 300 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, धरमजयगढ़ में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, जांजगीर-चांपा में 500 किलोग्राम फलदार बीज, 100 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल की बुआई की जाएगी। कोरबा में ड़ेढ़ हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, मुंगेली में 500 किलोग्राम फलदार बीज, 100 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, बस्तर में ड़ेढ़ हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा एक लाख सीड बॉल, सुकमा में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल की बुआई की जाएगी।

वनमण्डलवार बीजापुर में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, दंतेवाड़ा में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, दक्षिण कोण्डागांव ड़ेढ़ हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, केशकाल में ड़ेढ़ हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल की बुआई की जाएगी। पश्चिम भानुप्रतापपुर में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, नारायणपुर में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल, पूर्व भानुप्रतापपुर में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल तथा कांकेर में एक हजार किलोग्राम फलदार बीज, 200 किलोग्राम सब्जी बीज तथा 50 हजार सीड बॉल की बुआई होगी।

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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने निगम मंडलों की नियुक्ति में कांग्रेस के संभावित 5 नामों पर दावा किया है। उन्होंने कहा कि निगम मंडलों में वजन वालों का ही दबदबा होगा। उपासने ने दावे के साथ कहा कि यदि उनके आरोपों में सत्यता होगी तो निश्चित ही पहली जारी होने वाली सूची के पांच नामों के प्रथम दो अक्षरों का वे खुलासा कर रहे हैं,जिसमें क्रमश: एस एन टी, आर टी, आर जी ए, युवा नेता एस ए और पांचवा नाम व्ही एस ही होगा। उपासने ने मोहन मरकाम से पूछा है कि उनकी इस सूची में आलाकमान से आपने इन्हीं नामों पर प्रदेश प्रभारी के साथ जाकर मुहर लगाई है या नहीं? उपासने ने दावे के साथ कहा की उनके इन बातों में सत्यता ही साबित होगी,उन्होंने कहा कि निश्चिंत ही काग्रेस उनके इन दावों को बकवास व हवा हवाई कहेगी परंतु इस सूची के जारी होते ही सत्यता सामने होगी व कांग्रेस में विस्फोट भी। साथ ही देखना होगा कि जांजगीर जिला कांग्रेस अध्यक्ष वाले मामले में कांग्रेस आलाकमान ने किसका साथ दिया।

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उपासने ने कांग्रेसजनों से पूछा है कि प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम दिल्ली से निगम मंडलों की सूची लेकर आ गए हैं, कर्मठ कार्यकर्ताओं को बधाई,जिन्होनें 15 वर्षों तक तन मन से पार्टी का काम किया, उनका सुखा अब समाप्त होने का समय आ गया है,क्योंकि सूची को दिल्ली आलाकमान से हरी झण्डी प्राप्त हो गयी है। समर्पित कार्यकर्ताओं को सूची में वही नाम दिखायी देंगे जिन्होने बड़ी मात्रा में धन खर्च किया है, तन मन से काम करने वाले कार्यकर्ताओं को अभी किसानों के समान अगली किश्त का इन्तजार करना पड़ेगा। उपासने ने कहा कि उनका खुला आरोप है कि यह सूची जारी होते ही समर्पित कार्यकर्ताओं को दिख जायेगा की हेलिकॉप्टर नेताओं का ही बोलबाला है। जमीनी कार्यकर्ता जमीन पर ही दिखेंगे।




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    भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने के बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि दरअसल वे अपनी पार्टी भाजपा का अपना अनुभव बता रहे है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सच्चिदानंद उपासने अपना अनुभव बता रहे हैं कि उन्हें भाजपा से विधानसभा एवं महापौर की टिकट कैसे मिली थी? भाजपा की संस्कृति और संस्कार में ही लेन-देन खरीद-फरोख्त है। उपासने के बयान से लगता है कि लोकमान्य गृह निर्माण सोसायटी की गड़बड़ियां एवं बेवरेज कॉरर्पारेशन के अध्यक्ष रहते स्वयं के घर के एक हिस्से को शराब दुकान के लिए किराए पर देने जैसे निम्नस्तरीय कृत्य उन्होने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को पैसा पहुंचाने के लिये ही किया है। पूर्व रमन शासनकाल में भाजपा के नेताओं आकंठ तक भ्रष्टाचार किया, कमीशनखोरी की, गड़बड़ियां की, जनता की गाढ़ी कमाई को भाजपा के केंद्रीय नेताओं के सत्कार पर खर्च किया। सरकार बदलने के बाद रमन सरकार के घोटाले उजागर हुए हैं। अब निगम मंडल में नई नियुक्ति होने से भाजपा नेताओं की गड़बड़ियां, घोटाले उजागर होगी। इस बात से भाजपा डरी हुई है। भाजपा में तो संगठन के बड़े पदों की नियुक्ति की भी बोली लगती है, नीलामी होती है। 15 साल के रमन शासनकाल के दौरान हुई नियुक्तियों को लेकर भाजपा के भीतर का गुस्सा विरोध किसी से छिपा नही है। उपासने बताये कि भाजपा के कार्यकर्ता भाजपा प्रभारी को सौदागर सिंग क्यों कहते थे? भाजपा में 90 महलों का राजा किसको कहा जाता है? बड़े-बड़े धन्ना सेठ साहूकारों को रमन सिंह ने आयोग मंडल के अध्यक्ष क्यों बनाया?

    प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम कांग्रेस जनों को आयोग निगम मंडल में नियुक्ति देने जा रहे हैं। इससे भाजपा बौखला चुकी है।

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    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भाजपा शासन में ‘उत्तर प्रदेश’ अब ‘अपराध प्रदेश’ बन गया है। संगठित अपराध, नाज़ायज़ हथियार, हत्या, बलात्कार, डकैती, अपहरण, महिला अपराध का चारों ओर बोलबाला है। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा सरकारों में कानून व्यवस्था अपराधियों की ‘दासी’ और अपराधों की ‘बंधक’ बन गई है। अपराध के लगभग हर पायदान पर उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है - चाहे पूरे देश के अवैध हथियारों के 57 प्रतिशत मामले अकेले उत्तर प्रदेश में हों (हर घंटे 26 मामले), चाहे महिला अपराधों में 59,445 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर हो (समेत रोज 12 बलात्कारों के), या फिर गुंडाराज और संगठित अपराध की चौतरफा आवाज। जिस प्रकार से 3 जुलाई, 2020 को यूपी पुलिस के एक डीएसपी सहित आठ जवानों की हत्या हुई, उसने पूरे देश के रोंगटे खड़े कर दिए व आदित्यनाथ सरकार में गुंडाराज के बोलबाले को उजागर किया। इस गोलाबारी और हत्याकांड का आरोपी विकास दुबे बड़े आराम से उत्तर प्रदेश पुलिस को चकमा दे फरार हो गया। फिर हरियाणा के फरीदाबाद से होते हुए 1000 किलोमीटर दूर उज्जैन (मध्यप्रदेश) तक सड़क मार्ग से पहुंच गया। पर न कोई रोक टोक हुई, न शिनाख्त और न धड़पकड़। यह इसके बावजूद कि हर टेलीविज़न और अखबार में विकास दुबे की फोटो दिख व छप रही थी। फिर अपनी मर्जी से चिल्ला चिल्लाकर, शिनाख्त कर उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी दी। और आज विकास दुबे की पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने की खबर भी आ गई।

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    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि विकास दुबे तो संगठित अपराध का एक मोहरा था। उस संगठित अपराध के सरगना असल में हैं कौन? विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अनेकों सवाल जेहन में हैं, जिनका जवाब भाजपा की सरकारों को देना होगाः-



    1 क्या विकास दुबे सफेदपोशों और शासन में बैठे लोगों का राजदार था? क्या उसे सत्ता-शासन में बैठे व्यक्तियों का संरक्षण था?

    2 विकास दुबे के पास वो क्या राज थे, जो सत्ता-शासन से गठजोड़ को उजागर करते?

    3 विकास दुबे का नाम प्रदेश के 25 मोस्ट वांटेड अपराधियों में शामिल क्यों नहीं किया गया था?

    4 क्या विकास दुबे का एनकाउंटर अपने आप में कई सवाल नहीं खड़े कर गया?
    1. अगर उसे भागना ही था, तो फिर उज्जैन में तथाकथित सरेंडर क्यों किया?

    2. एनकाउंटर से पहले मीडिया के साथी, जो एसटीएफ की गाड़ियों के साथ चल रहे थे, उन सबको क्यों रोक दिया गया?
    3. पहले कहा गया कि अपराध की संगीनता को देखते हुए विकास दुबे को चार्टर प्लेन में लाएंगे, फिर यह फैसला क्यों बदल दिया गया?
    4. पहले विकास दुबे एसटीएफ की सफारी गाड़ी में दिखा, तो फिर उसे महिंद्रा टीयूवी300 में कब और कैसे शिफ्ट किया गया?
    5. विकास दुबे की टाँग में लोहे की रॉड होने के कारण वह लंगड़ाकर चलता था, तो वो यकायक भाग कैसे गया?
    6. अगर अपराधी विकास दुबे भाग रहा था, तो फिर गोली पीठ की बजाय छाती में कैसे लगी?
    7. मौके पर मीडियाकर्मियों को गाड़ी के एक्सीडेंट का कोई स्किड मार्क क्यों नहीं मिला और दिखा?
    8. क्या यह सही है कि पहले मीडिया को एक्सीडेंट बताया गया और अस्पताल में गोली चलने की पुष्टि की गई?
    9. क्या यह सही है कि मौके पर बारिश की वजह से कीचड़ था, तो जब भागते हुए व एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे के शव अस्पताल लाया गया, तो कपड़ों पर मिट्टी या कीचड़ का एक भी निशान क्यों नहीं था?
    10. इस रहस्यमयी एनकाउंटर की असलियत क्या है?

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आठ पुलिस के अधिकारियों व जवानों की नृशंस हत्या व शहादत तथा विकास दुबे के एनकाउंटर ने अपनेआप में आदित्यनाथ सरकार में गुंडाराज व अपराधिक बोलबाले को लेकर गहन सवाल खड़े कर दिए हैं।

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मांग करती है कि विकास दुबे के पीछे के सरगनाओं को बेनकाब कर ही आठ शहीद पुलिसकर्मियों को न्याय मिल सकता है तथा संगठित अपराध पर नियंत्रण पाया जा सकता है। हमारी मांग है कि विकास दुबे एनकाउंटर, परंतु संगठित अपराध के सत्ता-शासन में बैठे गठजोड़ को बेनकाब करने के लिए एक सीमित समय में सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से जाँच करवाई जाय। यह मुख्यमंत्री, श्री आदित्य नाथ व देश के गृहमंत्री, श्री अमित शाह के लिए कसौटी की घड़ी है कि क्या वो सफेदपोशों व शासन में बैठे लोगों के अपराधियों के साथ गठजोड़ को उजागर करने की हिम्मत दिखाएंगे? यही राजधर्म के प्रति आदित्यनाथ और गृहमंत्री अमित शाह की वास्तविक प्रतिबद्धता का इम्तिहान भी है।

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