अगर आप भी ३६नॉकआउट की छत्तीसगढ़ की दिन भर की प्रमुख ख़बरें एक पेज एक लिंक अपने सीधे अपने मोबाइल व्हाट्सएप्प पर चाहते हैं तो कृपया 9424276027 पर HELLO CG लिख कर व्हाट्सएप्प करें

detail news only from Chhattishgarh ,dated: १० सितम्बर २०२०

👉 READ MORE


छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीज तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न कोविड अस्पतालों और आइसोलेशन सेंटर्स (कोविड केयर सेंटर्स) से पिछले एक सप्ताह में 5718 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है। 9 सितम्बर को सर्वाधिक 1146 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं। वहीं होम आइसोलेशन में रहकर उपचार ले रहे 476 मरीज भी अपनी होम आइसोलेशन की अवधि पूरी कर चुके हैं।

प्रदेश में अब तक कुल 24 हजार 414 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। इनमें से 7316 मरीज रायपुर जिले के हैं। पिछले एक हफ्ते में रायपुर जिले के 1715, दुर्ग के 429, रायगढ़ के 422, राजनांदगांव से 333, बिलासपुर से 195, कोरबा के 183 और जांजगीर-चांपा के 156 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। वहीं इस दौरान घर पर रहकर इलाज ले रहे इन जिलों के 225 मरीजों ने अपने होम आइसोलेशन की अवधि पूरी कर ली है। अस्पताल से घर लौटने वाले मरीजों को सावधानीपूर्वक दस दिनों के होम आइसोलेशन में रहने कहा गया है।

राज्य शासन द्वारा कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए लगातार जांच और इलाज की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। सरकार द्वारा तत्परता से उठाए जा रहे कदमों की वजह से रोज बड़ी संख्या में मरीज स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं। कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए सभी जिलों में सैंपल जांच की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। राज्य में अब तक स्वस्थ हो चुके 24 हजार 414 मरीजों में से 7316 रायपुर जिले के, 1878 दुर्ग के, 1851 राजनांदगांव के, 1470 रायगढ़ के, 1415 बिलासपुर के, 965 जांजगीर-चांपा के, 834 बलौदाबाजार-भाटापारा के, 756 कोरबा के, 684 सरगुजा के, 629 बस्तर के, 531 नारायणपुर के और 518 कांकेर के हैं।

कोविड अस्पतालों, कोविड केयर सेंटर्स और होम आइसोलेशन में इलाज के बाद सुकमा के 487, बीजापुर के 477, जशपुर के 438, महासमुंद के 431, बेमेतरा के 410, बालोद के 381, गरियाबंद के 376, कोरिया के 354, धमतरी के 343, कबीरधाम के 317, सूरजपुर के 309, बलरामपुर-रामानुजगंज के 307, मुंगेली के 303, कोंडागांव के 279, दंतेवाड़ा के 270 और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के 38 मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में वर्तमान में कोविड-19 की मृत्यु दर 0.90 प्रतिशत है, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 1.68 प्रतिशत है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

.

********Advertisement********



👉 READ MORE


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए मनरेगा से वर्मी टांका निर्माण के कार्यो को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गौठान समितियों से वर्मी टांका निर्माण के लिए जितनी मांग आती है, उन्हें तत्काल स्वीकृति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित छत्तीसगढ़ ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की बैठक में यह निर्देश दिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री निवास पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव उपस्थित थे। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया, गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि सभी धान खरीदी केन्द्रों में चबूतरों के निर्माण और चबूतरों पर शेड निर्माण के कार्यो को भी प्राथमिकता देते हुए शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के हर धान संग्रहण केन्द्र में एक शेड का निर्माण अवश्य हो। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 4649 चबूतरों के निर्माण के लिए स्वीकृति दी गई है। जिनमें से 4630 चबूतरों का निर्माण हो चुका है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस वर्ष मनरेगा से राज्य में 5500 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति देने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में लगभग 4500 गौठानों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। ऐसे गौठानों में जहां स्व-सहायता समूह आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय हैं, वहां आजीविका केन्द्र के निर्माण की स्वीकृति प्राथमिकता के आधार पर देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कृषि कार्य को मनरेगा से जोड़ने, शहरी मनरेगा, मनरेगा की मजदूरी दर बढ़ाने, मनरेगा में 200 दिनों का रोजगार देने के प्रावधान के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजने का महत्वपूर्ण निर्णय भी लिया गया।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि मनरेगा के तहत नर्सरी, कुंआ और डबरी निर्माण तथा नहर लाईनिंग के कराये गए कार्यो से लोगों को मिलने वाले लाभ के बारे में सर्वे कराया जाना चाहिए। इसी तरह जिले की उपयोगी डायवर्सन सिंचाई योजनाओं की नहर लाईनिंग का कार्य पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कराया जाए, जिससे क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधाओं का भरपूर लाभ मिल सके। श्री बघेल ने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी में हैवीमेटल्स, आरसेनिक, फ्लोराइड, आयरन की शिकायत है, वहां गांव वालों को सतही जल का उपयोग पेयजल के लिए करने हेतु जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि खेतों में डबरी और कूपों का निर्माण कराया जाना चाहिए, जिससे पानी की रिचार्जिंग हो सके और जरूरत के समय फसलों की सिंचाई में इसका उपयोग किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने वन अधिकार पट्टे प्राप्त हितग्राहियों को जमीन पर फलदार वृक्ष लगाने, बड़े वृक्षांे के बीच हल्दी, अदरक, तीखूर जैसी फसलों के लिए प्रोत्साहित किया जाए। मनरेगा से भूमि विकास और जमीन को घेरने के कार्य कराए जाएं। कृषि विभाग के माध्यम से हितग्राहियों की जमीन पर ट्यूबवेल खनन कराकर क्रेडा के माध्यम से सोलर पंप स्थापित किए जाएं, जिससे फसलों के लिए सिंचाई की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए वन विभाग को नोडल एजेंसी बनाया जाए।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

बैठक में जानकारी दी गई कि 100 दिन का रोजगार देने में छत्तीसगढ़ का देश में तीसरा स्थान है। प्रदेश में इस वर्ष अब तक 84 हजार 455 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया गया। मनरेगा में इस वर्ष रिकार्ड 26 लाख 5 हजार परिवारों को रोजगार दिया गया। प्रदेश में मनरेगा के तहत 39.79 लाख जॉब कार्ड धारी हैं। इस वर्ष छत्तीसगढ़ लौटे प्रवासी मजदूरों के क्वारेंटाइन के दौरान लगभग 2.37 लाख जॉब कार्ड बनाए गए। इस वर्ष 13 करोड़ 50 लाख मानव दिवस रोजगार के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 9 करोड़ 52 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित किया गया। इसमें महिलाओं की 50 प्रतिशत की सक्रिय भागीदारी रही। बैठक में बताया गया कि केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्ताव पर 15 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजन के लक्ष्य को मंजूरी दी है। मनरेगा के तहत 2155 करोड़ रूपए की मजदूरी का भुगतान किया गया है। मनरेगा के कार्यो में दिव्यांगों की भागीदारी बढ़ी है। नरवा विकास योजना में चिन्हांकित 1406 नरवा में 66 हजार से अधिक भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। श्री बघेल ने कहा कि ऐसे नाले जिनका एक हिस्सा वन क्षेत्र से गुजरता है, उसका सम्पूर्ण डीपीआर वन विभाग द्वारा तैयार किया जाए।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि वर्ष 2017 में मनरेगा के तहत निर्मित परिसम्पत्तियों की जियोटेगिंग में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है। इसी तरह वन अधिकार पत्र प्राप्त हितग्राहियों को लाभान्वित करने और ग्राम पंचायतों के विकास के लिए जीआईएस केन्द्रित योजना तैयार करने में छत्तीसगढ़ देश मंे प्रथम स्थान पर है। प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और कृषि तथा उससे जुड़े कार्यो में मनरेगा योजना से खर्च के मामले में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे स्थान पर है। मनरेगा से 706 नये ग्राम पंचायत भवन और 672 आंगनबाड़ी केन्द्रों को मंजूरी दी गई है।

बैठक में मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, अपर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और श्री सुब्रत साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, खाद्य विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह, आदिमजाति कल्याण विभाग के सचिव श्री डी. डी. सिंह, मनरेगा आयुक्त श्री मोहम्मद अब्दुल कैसर हक शामिल हुए। विभिन्न जिलों से छत्तीसगढ़ ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद के सदस्य और अधिकारी इस बैठक में वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े।

********Advertisement********



👉 READ MORE


भाजपा नेताओं के द्वारा राज्य सरकार के कोविड-19 नियंत्रण करने के उपायों में कमियां निकाल कर सुझाव देने की जा रही अवसरवादिता की ओछी राजनीति पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की । प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार कोविड-19 महामारी के रोकथाम एवं इलाज के लिए केंद्र सरकार से तय मापदंडों का पालन कर रही है। छत्तीसगढ़ी और देश के समस्त राज्यों में भी केंद्र सरकार से तय कोविड-19 के मापदंडों का ही पालन किया जा रहा है।ऐसे में भाजपा के नेता राज्य सरकार के उपायों में कमियां निकाल कर सुझाव देने का दिखावा करने की अवसरवादिता की ओछी राजनीति करना बंद करे। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा नेताओं से पूछा क्या मोदी सरकार के द्वारा कोविड-19 से बचाव एवं ईलाज के लिए तय किए गये मापदंडों में कुछ कमी है?क्या राज्य सरकार को मोदी सरकार के कोविड 19 के बचाव के उपायों पर अमल नही करना चाहिए?क्या भाजपा नेताओं के पास मोदी सरकार के द्वारा देशभर के लिए तय की गई कोविड 19 के बचाव के मापदंड से बेहतर उपाय है? भाजपा नेता इन उपायों को मोदी सरकार को क्यो नही देते? कोरोना महामारी काल में लॉक डाउन वन से लेकर अनलॉक तक में क्या खुलेगा क्या बंद रहेगा ये तो केंद्र सरकार तय कर रही है।राज्य सरकार उसका पालन कर रही है।ऐसे में भाजपा के नेता सहयोग करने बजाये बस स्तरहीन राजनीति है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के 19 महीने के कार्यकाल के बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा नेता मुद्दों के दिवालियापन के दौर से गुजर रहे है।कोरोना आपदा काल में भी भाजपानेता लगातार राजनीति करने के अवसर तलाश रही है।छत्तीसगढ़ में 30 डेडीकेटेड हॉस्पिटल में 3385 बिस्तर,178 कोविड-केयर में 21500 बिस्तर,आईसीयू, वेंटिलेटर टेस्टलैब और एंबुलेंस आरटीपीसीआर टेस्ट,रैपिड टेस्ट,ऑक्सीमीटर, पॉजिटिव पाये गये मरीजो के लिए आवश्यक दवाईयां खाने पीने का प्रबंध किया गया है।इसके अलावा रायपुर जिला में 10 हजार अतिरिक्त बेड और दुर्ग रायगढ़ बिलासपुर राजनंदगांव में दो-दो हजार अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की जा चुकी है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

.

********Advertisement********



👉 READ MORE


भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने सुदूरवर्ती इलाकों की बदहाल हो चली स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर जमकर निशाना साधते हुए कहा है कि बड़े-बड़े दावे करने वाली प्रदेश सरकार गाँवों के मरीजों को संजीवनी एंबुलेंस की सुविधा तक मुहैया नहीं करा पा रही है और कई किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल और घर वापस जाना पड़ रहा है। श्री श्रीवास्तव ने काँकेर के एक मामले का जिक्र करते हुए कहा कि ग्रामीणों से एंबुलेंस के लिए 04 हज़ार रुपए मांगे जाने और विवश होकर ग्रामीण को वापस घर लौटने 70 किमी तक पैदल चलने को प्रदेश सरकार का निकम्मापन बताया है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि संजीवनी एंबुलेंस की 24 घंटे की सुविधा मरीजों को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर नि:शुल्क लाने- ले जाने के लिए मुहैया कराई गई है लेकिन संजीवनी चालक ने उक्त ग्रामीण से वापस उसके घर तक छोड़ने के लिए 04 हज़ार रुपए की मांग की और असमर्थ ग्रामीण परिजनों के साथ वापस पैदल ही घर जाने निकल पड़ा। दो दिन में 70 किमी का सफ़र तय कर जब परिवार केंवटी पहुँचा तब वहाँ से बाइक का प्रबंध कर ग्रामीण को कोयलीबेड़ा अस्पताल तक छोड़ा गया। श्री श्रीवास्तव ने हैरत जताई कि नि:शुल्क सुविधा के बावज़ूद काँकेर अस्पताल की नर्स ने भी ग्रामीण से एंबुलेंस में डीज़ल भरवाने को कहा था, जबकि ग़रीब ग्रामीण के पास खाने तक के पैसे नहीं थे।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है, प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का बेहद बुरा हाल हो गया है। भाजपा की पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की कल्याणकारी स्वास्थ्य योजनाओं पर रोक लगाकर बड़ी-बड़ी डींगें हाँकने वाली प्रदेश सरकार के नाकारापन के चलते उपलब्ध सुविधाएँ तक ज़रूरतमंदों को नहीं मिल पा रही हैं। प्रदेश में महतारी एंबुलेंस सेवा के बाद अब संजीवनी एंबुलेंस सुविधा का भी लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाना प्रदेश सरकार के लिए शर्मनाक है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इससे पहले महासमुंद में भी एक महिला को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलने की शिकायत सामने आई थी, लेकिन प्रदेश सरकार आँखों पर पट्टी बांधे बैठी है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस एंबुलेंस सुविधा के संचालन का ठेका नए हाथों में दिया है। प्रदेश सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उसने किन शर्तों पर यह ठेका दिया है? कांग्रेस नेताओं द्वारा अपनी नाकामियों और भ्रष्टाचार का ठीकरा भाजपा शासनकाल पर फोड़े जाने को कांग्रेस की कुँठित मानसिकता का परिचायक बताते हुए श्री श्रीवास्तव ने कहा कि 15 वर्षों के अपने शासनकाल में जैसी स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदेश को मुहैया कराई, उसका स्वास्थ्य-मॉडल न केवल देश अपितु दुनियों अन्य अनेक देशों में सराहा गया था। नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा ‘स्मार्ट कार्ड’ भाजपा शासन काल की मौलिक सोच का परिणाम रहा है। प्रदेश में भाजपा शासनकाल में प्रदेश में एक से बढ़ाकर 10 मेडिकल कॉलेज स्थापित हुईं और अभी केंद्र की भाजपा सरकार प्रदेश में 03 और नए मेडिकल कॉलेज खोलने जा रही है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा शासनकाल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए कामों की तो कांग्रेस के लोग कभी कल्पना ही नहीं कर सकते, क्योंकि जन कल्याण को लेकर न तो कांग्रेस के पास कोई चिंतन है, और न ही कोई कोई विज़न। श्री श्रीवास्तव ने कटाक्ष किया कि कांग्रेस के लोग बस 580 रुपए प्रतिकिलो टमाटर खरीदने और बोर के पानी को सीलबंद बोतल का पानी बनाने तक ही सिमटकर रह गए हैं और शर्म की बात यह है कि टमाटर और पानी को लेकर यह करतूत जिस काँकेर ज़िले में की गई, उसी काँकेर में ग्रामीण को अपने घर वापस छोड़ने के लिए डीज़ल भरवाने और चार हज़ार रुपए देने को कहा गया! श्री श्रीवास्तव ने कांग्रेस नेताओं को झूठ का रायता फैलाने पर शर्म महसूसस करने की नसीहत दी है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

.

********Advertisement********



👉 READ MORE


भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने प्रदेश सरकार द्वारा फिर 700 करोड़ रुपए का कर्ज़ लिए जाने पर तीखा कटाक्ष किया है कि यह देश की संभवत: पहली राज्य सरकार होगी जो सत्ता में आने के बाद से केवल कर्ज़ लेने वाली सरकार का ख़िताब हासिल करेगी। श्री उपासने कहा कि प्रदेश की बेहतर आर्थिक स्थिति की शेखी बघारते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल घूम-फिरकर दो ही काम कर रहे हैं, एक केंद्र सरकार से जब-तब पैसे मांगने के लिए चिठ्ठियाँ लिखना और दूसरा, घूम-फिरकर रिज़र्व बैंक से कर्ज़ लेना।
भाजपा प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने आर्थिक संसाधनों के विकास और अर्थोपार्जन के नए स्रोत विकसित करने के बजाय लगाता कर्ज़ लेकर छत्तीसगढ़ पर कर्ज़ का बोझ बढ़ाती ही जा रही है। मंगलवार को राज्य सरकार ने फिर जो 700 करोड़ रुपए का कर्ज़ लिया है, वह उसे आने वाले तीन वर्षों में 5.09 फीसदी की ब्याज दर के साथ लौटाना होगा। अभी प्रदेश सरकार 360.80 करोड़ रुपए का मासिक ब्याज चुका रही है। श्री उपासने ने कहा कि मार्कफेड और नान के लगभग 05 हज़ार करोड़ रुपए के भुगतान के लिए प्रदेश सरकार ने 700 करोड़ रुपए का कर्ज़ लेकर अब भी पूरे भुगतान के उद्देश्य में क़ामयाब नहीं हो पाएगी। किसानों के विभिन्न भुगतानों के लिए प्रदेश सरकार शुरू से कर्ज़ लेकर ही काम चला रही है। अभी हाल ही किसानों की अंतर राशि की दूसरी किश्त और गौ-धन गोबर योजना के भुगतान के लिए भी प्रदेश सरकार 13सौ करोड़ रुपए का कर्ज़ लिए बैठी है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि बहुत आवश्यक होने पर सीमित कर्ज़ लेकर व्यवस्था को सुचारू बनाना एक बात है लेकिन कर्ज़ ले-लेकर सरकार चलाना तो निकम्मेपन की पराकाष्ठा है। प्रदेश में आर्थिक संसाधन जुटाने के बजाय यह प्रदेश सरकार जिस रफ़्तार से कर्ज़ लिए जा रही है, वह छत्तीसगढ़ को दलदल में धँसाने वाला काम है। श्री उपासने ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार कर्ज़ पे कर्ज़ लिए जा रही है और जब जीएसटी के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने कर्ज़ लेने को कहा तो मिथ्या राजनीतिक प्रलाप करते मुख्यमंत्री बघेल ने इससे मना करके उल्टे केंद्र सरकार को कर्ज़ लेकर प्रदेश के जीएसटी की राशि के भुगतान की बात कहकर अपने सत्तावादी अहंकार में चूर बड़बोलेपन का परिचय दिया था। श्री उपासने कहा कि कर्ज़ लेकर भी प्रदेश सरकार अपने किसानों और दीगर मदों के भुगतानों को एकमुश्त चुकता नहीं कर पा रही है, यह प्रदेश सरकार की अक्षमता और नासमझी का परिचायक है।

********Advertisement********



👉 READ MORE


कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंत्रालय और इंद्रावती भवन के कर्मचारियों को रोटेशन के तहत ऑफिस बुलाया जाएगा. इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है. आदेश के मुताबिक अब ऑफिस में सिर्फ एक तिहाई अधिकारी-कर्मचारी ही काम के लिए मौजूद रहेंगे. साथ ही एक हफ्ते काम करने के बाद एक तिहाई कर्मचारियों को 14 दिन के लिए होम आइसोलेट किया जाएगा. दरअसल, कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से कर्मचारी पिछले कई दिनों से वर्क्र फोम होम की मांग कर रहे थे. लेकिन कर्मचारी संघ और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी. इसको लेकर कर्मचारी संघ ने 14 दिन की सामूहिक अवकाश की भी धमकी दी थी. जिसके बाद सीएम बघेल ने मुख्य सचिव से कर्मचारी संगठनों से चर्चा करने को कहा था.

एक तिहाई कर्मचारियों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाया जा सके. इसके लिए इंद्रावती भवन के पीछे 10 बिस्तरों वाला स्थाई अस्पताल भी बनाया गया है. साथ ही ऑफिस के सभी भवनों को सुबह और शाम सैनिटाइजेशन भी किया जाएगा.

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर

.

********Advertisement********



👉 READ MORE


उप संचालक कृषि बिलासपुर ने बताया कि जिले के मस्तूरी विकासखंड में प्राईवेट कृषि केन्द्रों में कीटनाशकों एवं उर्वरकों को अधिक मूल्य में विक्रय करने, क्रेताओं को केश/क्रेडिट मेमो अथवा रसीद न होना तथा कीटनाशकों एवं उर्वरकों के भण्डारण संबंधी नियमों के पालन न करने के संबंध में लगातार मैदानी अमलांे से एवं कृषकों से शिकायत प्राप्त हो रही थी।जिसकी जांच के लिये निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण में पाया गया कि कीटनाशक विक्रय करने वाले कृषि केन्द्रों जैसे कृषि स्वास्थ्य केन्द्र मल्हार, देवांगन कृषि केन्द्र मल्हार, कैवर्त्य कृषि केन्द्र मल्हार, राय कृषि केन्द्र मल्हार के निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कीटनाशी अधिनियम 1985 के तहत सूचना बोर्ड पर स्टाक तथा निर्धारित विक्रय दर का प्रदर्शन नहीं किया गया था साथ ही क्रेताओं को केश/क्रेडिट मेमो जारी नहीं किया जा रहा था एवं विहित अभिलेखों, स्टाक पंजी का भी रखरखाव एवं संधारण नहीं किया जा रहा था। कीटनाशक एवं उर्वरक निरीक्षक श्री के.एन.साहू वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा उर्वरक विक्रय करने वाले कृषि केन्द्रों जैसे गुप्ता खाद भण्डार मल्हार एवं गुरूनानक जनरल स्टोर्स मस्तूरी का भी औचक निरीक्षण किया गया जिसमें यह पाया गया कि उक्त दुकानों के संचालकों द्वारा नियमित रूप से उर्वरक नियंत्रण आदेश 85 के अंतर्गत नियमित रूप से प्रगति प्रतिवेदन एवं उर्वरक भण्डार एवं वितरण की जानकारी प्रेषित नहीं की जा रही थी एवं भण्डारण संबंधी उर्वरकों का स्टेकिंग नहीं किया जा रहा था।

इस संबंध में उक्त कृषि केन्द्र संचालकों एवं उर्वरक विक्रेताओं को कीटनाशी अधिनियम 1968 के नियंत्रण आदेश 1985 एवं उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के धाराओं के तहत कार्यवाही करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है तथा एक सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है।जवाब संतोषजनक नहीं पाये जाने के अवस्था में वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



.

********Advertisement********



👉 READ MORE


प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने आज सरगुजा जिले में ‘पढ़ाई तुंहर दुआर‘ एवं ‘पढ़ाई तुंहर पारा‘ की विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने पढ़ाई तुंहर पारा के अंतर्गत संचालित मोहल्ला क्लास का निरीक्षण कर बच्चों से प्रश्न पूछकर उनके ज्ञान को परखा और शिक्षको से शैक्षिक गतिविधियों की जानकारी ली। डॉ. शुक्ला ने बच्चों के प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि यहां के बच्चे प्रतिभाशाली है। इनकी प्रतिभा को निखारें और योग्य बनाये।



प्रमुख सचिव ने बतौली विकासखंड के प्राथमिक शाला बिलासपुर के बच्चों के लिए केनापारा में चलाए जा रहे मोहल्ला क्लास में निरीक्षण किया। उन्होंने बच्चों के द्वारा बनाये गए हस्तकला के संबंध में पूछ-ताछ की। इसके बाद छात्रा दिव्या कुजूर से पुस्तक वाचन करने कहा। दिव्या कुजूर ने चीटी और मेंढक की कहानी पढकर सुनाई। छात्र निशांत गुप्ता ने जल-चक्र को चित्र के माध्यम से बहुत ही सहजता से बताया वही छात्रा अनामिका प्रजापति ने गणित मशीन की सहायता से गुणा करके बताया। डॉ. शुक्ला ने छात्रों की प्रतिभा को देखकर शाबाशी दी। इसके पश्चात् सीतापुर विकासखण्ड की प्राथमिक शाला मंगारी, पूर्व माध्यमिक शाला ढेलसरा और मैनपाट विकासखंड जामझरिया प्राथमिक शाला की मोहल्ला क्लास का निरीक्षण किया। जामझरिया मोहल्ला क्लास में शिक्षकों द्वारा शैक्षिक गतिविधियों के साथ ही ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। यहां जल संरक्षण हेतु वाटर पंप के मॉडल के साथ ही जापानी शिक्षण पद्धति कमिशिबाई को भी प्रदर्शित की गई थी। प्रमुख सचिव ने जामझरिया प्राथमिक शाला के निरीक्षण के दौरान स्कूल की साज-सज्जा और सुव्यवस्थित शैक्षिक गतिविधियों की सराहना की। सीतापुर के अग्रसेन भवन में संचालित पूर्व माध्यमिक शाला ढेलसरा के मोहल्ला क्लास के बच्चों से वहां बनाये गए शैक्षिक मॉडलों के बारे में पूछ-ताछ की। कई बच्चों से अंग्रेजी में प्रश्न पूछ कर अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को टटोला। उन्होंने शिक्षको से मिस कॉल गुरुजी के संबंध में जानकारी लेते हुए कहा कि बच्चों के मिस कॉल करने पर उनकी समस्या का समाधान करें।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर


बच्चों को अध्याय रटाना नहीं, बल्कि उसका अर्थ समझाना है: डॉ. आलोक शुक्ला
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने आज जशपुर जिले के विकासखंड बगीचा में संचालित मोहल्ला क्लास का अवलोकन कर बच्चों के शिक्षा के स्तर को करीब से जाना और समझा। बगीचा के दुर्गापारा के मोहल्ला क्लास में उन्होंने बच्चों के पठन कौशल, गणितीय प्रयोग कौशल, जोड़कर खेल विधि प्रयोग की जानकारी ली और बच्चों की बौद्धिक क्षमता का आंकलन किया। डॉ. शुक्ला ने बच्चों से कई सवाल किये, बच्चों ने भी उनके सवालों का जवाब दिया। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित शिक्षक से कहा कि बच्चे को सिर्फ रटाना नहीं है, बल्कि उसका अर्थ भी समझाना है।





डॉ. शुक्ला ने मोहल्ला क्लास में एक बच्चे से सवाल के जवाब के बाद अमर-शहीद का अर्थ बताते हुए समझाया की अमर शहीद वह है जिसकी यादे जेहन में हमेशा रहती हैं। डॉ. शुक्ला ने शैक्षणिक स्तर के इस जमीनी जायजे में सबसे पहले गांव रौनी में संचालित मोहल्ला क्लास का अवलोकन किया। जहाँ बच्चे विज्ञान विषय पर प्रयोगात्मक पढ़ाई करते हुए मिले। उन्होंने बच्चों की बौद्धिक क्षमता का आंकलन करते हुए, विद्युत के सुचालक और कुचालक विज्ञान प्रयोग के साथ कक्षा अध्यापन एवं बच्चों में समझ विकसित होने के संबंध में जानकारी ली। जिसे देखकर उन्होंने खुशी जाहिर की। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।

********Advertisement********



👉 READ MORE


जिले के मगरलोड विकासखंड के खड़मा के जंगल में हाथियों के दल ने डेरा जमाया हुआ है. हाथियों का यह दल अब धीरे-धीरे गांव तक पहुंच गया है. इतना ही नहीं इस दल ने ग्रामीणों की नाक में दम कर रखा है. हाथियों ने किसानों की धान की फसलों को नष्ट कर दिया है. इससे किसानों को नुकसान पहुंच रहा है. हाथियों के आतंक से गांव के किसान काफी परेशान हैं. वे रातभर जागकर अपनी बची फसलों की देखरेख करते हैं.

हाथियों के खौफ से किसानों की नींद हराम दरअसल, मगरलोड विकासखंड के ग्राम खड़मा में हाथियों ने जमकर उधम मचा रखा है.जिससे ग्रामीण काफी परेशान हैं. ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों का दल गांव के लगभग 50 किसानों की 100 एकड़ से अधिक धान की फसलों को रौंदकर खराब कर चुका है. ग्रामीण हाथियों को भगाने के लिए शाम को मशाल लेकर भगाने का प्रयास करते हैं, लेकिन वे भाग नहीं रहे हैं. हाथियों के खौफ से गांव वाले रातों को सो नहीं पाते हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने इसकी जानकारी नौ सितंबर को तहसीलदार और पुलिस थाने में दे दी थी और साथ ही प्रशासन से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग भी की है.

ध्यान नहीं दे रहा वन विभाग
ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत के बावजूद भी हाथियों को खदेड़ने के लिए वन विभाग द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. जबकि हाथियों द्वारा किए गए फसल नुकसान के बदले मुआवजा बेहद ही कम मिलता है. किसानों ने छत्तीसगढ़ सरकार से सहायता की मांग की है, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली. प्रशासन और वन विभाग दोनों ही इस ओर ध्यान नहीं दे रहें हैं.

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



********Advertisement********