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detail news only from Chhattishgarh ,dated: ११ जून २०२०

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आज प्रदेश में 48 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है।मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के कोरबा से 18,जांजगीर से 14,बिलासपुर से ६ राजनांदगांव 3 ,जशपुर और रायगढ़ से २ २ ,जगदलपुर कोंडागांव से १

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राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले विकासखंडों की नई सूची अधिसूचित की है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक प्रदेश के सभी विकासखंडों और शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या, इनके दोगुने होने की दर तथा प्रति एक लाख जनसंख्या पर सैंपल जांच की ताजा स्थिति के आधार पर उन्हें रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में पुनः वर्गीकृत किया गया है।








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राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के 13 अधिकारियों के प्रभार में परिवर्तन किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज मंत्रालय महानदी भवन से जारी आदेश संलग्न है -




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भाजपा सांसद सुनील सोनी अरुण साव के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सांसद सुनील सोनी अरुण साव महामारी संकटकाल में झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर और राज्य सरकार पर आरोप मढ़कर कोरेना महामारी रोकने में असफल मोदी सरकार की नाकामी पर पर्दा डाल रहे है।मोदी सरकार कोरोना वायरस को लेकर सही समय पर विपक्षी दल के नेताओं की सलाह पर अमल करते। अंतरराष्ट्रीय हवाई जहाजों से आने वालों की हवाई अड्डे पर ही कोरोना टेस्टिंग करते,गुजरात में नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम करने और मध्य प्रदेश निर्वाचित कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने के लिए हवाई जहाजों के आने-जाने पर प्रतिबंध नहीं लगाया। मजदूरों के घर वापसी के लिए ट्रेन नही चलाई गई। जिसके कारण देश भर में कोरेना महामारी फैल गई है। मोदी सरकार के विफलताओं का ठीकरा भाजपा के सांसद और भाजपा के नेता अब राज्य सरकारों पर फोड़ने में जुटे हुए हैं।सांसद सुनील सोनी अरुण साव को छत्तीसगढ़ की जनता को बताना चाहिए कोरेना महामारी संक्रमण रोकने में उनका राज्य के प्रति क्या योगदान है? भाजपा सांसदों ने राज्य सरकार पर आरोप मढ़ने और खाली जुबानीखर्चा के अलावा संकटकाल में छत्तीसगढ़ के किसानों मजदूरों व्यापारियों छात्रों युवाओं को चिकित्सकोंं जिला प्रशासन समाजिक संगठनों को किसी प्रकार का सहयोग नही किया हैै। बल्कि राज्य सरकार के द्वारा कोरोना महामारी संकटकाल से निपटने राज्य में आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने केंद्र सरकार से मांगी गई आर्थिक सहयोग सहित अन्य प्रकार के सहयोग पर भाजपा सांसदों ने तो अड़ंगा बाधा उत्पन्न कर सियासी राजनीति ही किया है।

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने मोदी सरकार को देशभर में कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार की मनमानी जिद लापरवाही के कारण कोरोना महामारी ग्रस्त देशों की सूची में भारत टॉप टेन में पांचवें नंबर पर है। जिस गति से महामारी बढ़ रही है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की भारत विश्व में सबसे ज्यादा महामारी संक्रमित देशों की सूची में पहले पायदान पर ना पहुंच जाए। लॉकडाउन वन की शुरुआत में भारत में कोरोना संक्रमण के एक भी केस नहीं थे आज की तारीख में 270000 से अधिक कोरोना महामारी संक्रमित पाए गए हैं।कोरेना महामारी के कारण 7000 से अधिक लोगों की अकाल मृत्यु हुई है।कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते देश की 12 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। रोजी रोजगार व्यापार व्यवसाय उद्योग परिवहन सहित सभी प्रकार के आर्थिक गतिविधियां बंद एवं सुस्त पड़ी है। धार्मिक आयोजन मांगलिक कार्यक्रमों दुख सुख में भी लोग एक दूसरे को सहयोग नहीं कर पा रहे हैं। अचानक हुई लॉकडाउन से भयभीत मजदूरो को घर वापसी के प्रयास में बिना चरण पादुका के पैदल सड़कों पर भटकना पड़ा है भूख प्यास, दुर्घटनाओं एवं अन्य कारणों से 600 से अधिक मजदूरों की आसमयिक मौत हुई है।

भाजपा के सांसद राज्य सरकार पर आरोप लगाने के बजाय छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता से माफी मांगे और महमारी संकट से निपटने राज्य सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर सहयोग करें।

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संभागायुक्त एवं संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय सरगुजा के कुलपति डॉ.संजय अलंग ने आज कमिश्नर कार्यालय बिलासपुर से विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कार्य परिषद की बैठक ली। परिषद की बैठक में विश्वविद्यालय के वित्तीय वर्ष 2020-21 के प्रस्तावित वित्तीय प्राक्कलन की चर्चा करते हुए अनुमोदन किया गया। संभागायुक्त कार्यालय अब विडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़ गई है। आज पहली बार विडियो कान्फ्रेंसिंग से चर्चा हुई। विडियो कान्फ्रेंसिंग की व्यवस्था एनआईसी बिलासपुर के माध्यम से की गई है।

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संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय के विस्तार एवं विकास के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्हांेने बताया कि विश्वविद्यालय के भवनों का निर्माण, लाईब्रेरी, अकादमिक, छात्रावास, अतिथि गृह निर्माण इत्यादि प्रगति पर हैं। संभागायुक्त एवं कुलपति ने इस पर निर्देशित किया कि भवन निर्माण में सावधानी बरतें। भवन निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप सभी के लिये सुगम हो। उन्होंने कहा कि भवन बनने के पहले ही समस्याएं दूर हो जाय। विश्वविद्यालय के उपकरण खरीदी के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि क्रय करने के साथ ही वार्षिक संधारण का भी बजट में प्रावधान रखें। कुलपति ने विश्वविद्यालय लेन-देन का अधिकृत केन्द्रीय एजंेसी से ऑडिट कराने के साथ ही आगामी 31 जुलाई के पहले सभी लेन-देन पूर्ण करने के लिये कहा है। इसके अलावा विश्वविद्यालय के विकास के लिये अन्य बिन्दुओं पर आवश्यक सुझाव दिए। विडियो कान्फ्रेंसिंग में कार्य परिषद के सभी पांचो सदस्य मौजूद थे।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप राज्य के सभी जिलों में गरीबों, अन्य स्थानों के श्रमिकों एवं निराश्रित लोगों को निःशुल्क भोजन व खाद्यान्न पैकेट उपलब्ध कराए जाने का सिलसिला जारी है। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के चलते जरूरतमंदों की मदद के लिए राज्य भर में जगह-जगह लगाए गए राहत शिविरों में 11 जून को 91 हजार 158 जरूरतमंदों, श्रमिकों एवं निराश्रितों को निःशुल्क भोजन एवं खाद्यान्न पैकेट उपलब्ध कराया गया। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए मास्क, सेनेटाईजर एवं दैनिक जरूरत का सामान भी जिला प्रशासन, रेडक्रॉस तथा स्वयंसेवी संस्थाओं की सहयोग से जरूरतमंदों को लगातार मुहैया कराया जा रहा हैं। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 11 जून को स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से 3452 मास्क एवं सेनेटाईजर, साबुन आदि का वितरण जरूरतमंदों को किया गया है।

यह उल्लेखनीय है कि जिलों में प्रशासन द्वारा समाजसेवी संस्थाओं एवं दानदाताओं के सहयोग से संचालित राहत शिविरों के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य में अब तक 95 लाख 67 हजार 279 लोगों को निःशुल्क भोजन एवं खाद्यान्न पैकेट उपलब्ध कराया गया है। स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए अब तक 49 लाख 53 हजार 811 मास्क सेनेटाईजर एवं अन्य सामग्री का निःशुल्क वितरण जन सामान्य को किया गया है।

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प्रदेश में 11 जून को शासन एवं समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से जांजगीर-चांपा जिले में सर्वाधिक 41,940 लोगों को निःशुल्क भोजन एवं राशन प्रदाय किए जाने के साथ ही उन्हें कोरोना संक्रामक बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए मास्क एवं अन्य सामग्री का वितरण किया गया है। इसी तरह सुकमा जिले में 1529, राजनांदगांव में 343, रायगढ़ में 5851, बस्तर में 2304, कांकेर में 751, बीजापुर में 229, जशपुर में 10,315, कोरिया में 222, सूरजपुर में 08, बालोद में 48, कबीरधाम में 3819, बलौदाबाजार में 1604, धमतरी में 1170, महासमुंद में 2414, बलरामपुर में 2363, कोरबा में 531, सरगुजा में 2630, बिलासपुर में 9023, रायपुर में 1490, कोण्डागांव में 3358, गरियाबंद में 1614, मुंगेली में 149 तथा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 1265 जरूरतमंदों को राशन एवं अन्य सहायता उपलब्ध करायी गई हैं।

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वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार वन विभाग द्वारा लोगों से अपील की गई है कि बंदरों सहित किसी भी वन्य प्राणियों को राहगीरों द्वारा खाद्य सामग्री नहीं दी जाए। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री अतुल शुक्ल ने बताया कि वन्य प्राणियों को राहगीरों द्वारा खाद्य सामग्री अथवा भोजन देने पर वन्य प्राणी की जहां तबियत बिगड़ने की संभावना होती वहीं अन्य हिंसक घटनाओं के होने की आशंका भी बनी रहती है। छत्तीसगढ़ के जंगलों में वनोपजों की अकूत सम्पदा है तथा वन्य जीव हर मौसम व परिस्थितियों में अपने भोजन की व्यवस्था स्वयं करने में सक्षम होते हैं।

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कवर्धा वनमण्डलाधिकारी श्री दिलराज प्रभाकर ने बताया कि पिछले कई सालों से चिल्फी घाटी में रहने वाले बंदर दोपहर के आसपास अपना समय व्यतीत करने के लिए सड़कों के किनारे आकर बैठ जाते हैं, जिन्हें घाटी से आने-जाने वाले लोग प्रतिदिन कुछ न कुछ भोजन अथवा खाद्य सामग्री देकर जाते हैं। मानव द्वारा दैनिक जीवन मे खाये जाने वाले खाने को बंदरों के द्वारा खाये जाने पर उनमे से कुछ बंदरों की तबियत बिगड़ने की संभावना बनी रहती है। इसे गंभीरता से लेते हुए कवर्धा वन मण्डल द्वारा घाटी के कई मोड़ों पर बंदरों को किसी प्रकार की खाद्य सामग्री न देने की अपील की जा रही है। उनके द्वारा बताया गया कि वनमंडल के जंगलों में भी कई तरह के वनोपज उपलब्ध हैं, जो वन्य प्राणियों के भोजन के लिए पर्याप्त है।

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जिले में कोविड-19 की बीमारी को रोकने के लिए कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशन और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ रवि मित्तल के मार्गदर्शन में कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। कोरोना बीमारी से निपटने के लिए जिला चिकित्सालय को कोविड और नाॅन कोविड के लिए अलग-अलग किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस महामारी से जीतने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा आपसी समन्वय स्थापित कर चैबीसों घंटे कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप जीएनएम नर्सिंग सेंटर को सर्व-सुविधायुक्त कोविड केयर सेंटर में बदलाव किए गए है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी एवं गामीण यांत्रिकी सेवा सहित लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री एसआर सिन्हा और जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी श्री पीयूष देवांगन, नायब तहसीलदार श्री देवेंद्र नेताम ने कार्यों का लगातार सुपरविजन करते रहे। जिसके कारण कार्य शीघ्रता पूर्वक पूर्णता की ओर हैं। कोविड चिकित्सालय के प्रवेश एवं निकासी के लिए अलग से सड़क मार्ग एवं आंतरिक गलियारों का निर्माण कर लिया गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा भी शीघ्र परिसर में पेयजल व्यवस्था बनाए रखने के लिए बोर खुदाई का कार्य शीघ्रता से किया, जिससे निर्माण कार्य में जलापूर्ति एवं आगामी समय में मरीजों को चैबीसों घंटे शुद्ध पेय जल उपलब्ध होने लगेगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एसपी वारे ने विभागीय समन्यव बनाने में काफी मदद की।

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सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल ने बताया कि जिला चिकित्सालय को कोविड और नाॅन कोविड भागों में बांटा जा चुका है। 28 बिस्तरों में सेंट्रल ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए पाइप लाइन लगाई जा चुकी है। अगले 48 घंटें के भीतर यहां वैक्यूम सक्शन सहित सुविधाएं उपलब्ध करा लिया जाएगा। आर.एम.एन.सी.एच.ए. सलाहकार श्री संदीप चन्द्राकर एवं डाॅ मुकुन्द राव घोडे़सवार से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविड केयर सेंटर में 72 कमरों में प्रदेश के नदियों के नाम पर रखे गए हैं। जिनमें 240 बिस्तरों का सेटअप तैयार कर लिया गया है। प्रवेश द्वार से लेकर सभी कमरों के सीसीटीवी कैमरे कंट्रोल यूनिट से जोड़े जा चुके है। मरीजों की सहूलियत के लिए टू वे यानि द्वि-आयामी माइकिंग सिस्टम लगाया गया है, जिससे स्वास्थ्यकर्मियों के आपसी समन्वय के अतिरिक्त जरूरत पड़ने पर मरीज भी मदद के लिए सीधा संपर्क कर सकेंगे। क्लीनिकल सेवाओं के लिए साफ-सुथरे किचन में मरीजों और चिकित्सकीय दल के लिए भोजन पकाने की पृथक व्यवस्था की गई है, साथ ही मरीजों को दी जाने वाली सभी अनिवार्य दवाओं का भी पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है। कोविड-19 की चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कोविड केयर सेंटर और जिला चिकित्सालय लगभग पूरी तरह तैयार हो चुका है।

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छत्तीसगढ़ के मशहूर शैक्षणिक संस्थान राजकुमार कालेज में चेक का क्लोन तैयार कर साढ़े 49 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। राजकुमार कॉलेज के एसबीआई बैंक अकाउंट से साढ़े 49 लाख रुपए निकालने की कोशिश की गई है। अज्ञात ठगों ने ठगी की इस वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया लेकिन बैंक अकाउंट में बैलेंस कम होने की वजह से वो अपने नापाक मंसूबो में कामयाब नहीं हो पाए। इस मामले की शिकायत आजाद चौक थाने में की गई है। स्कूल के प्रिंसिपल लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर) अविनाश सिंह ने पुलिस में शिकायत की है। पुलिस ने देर रात अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

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बताया जा रहा है कि जिस चेक का क्लोन तैयार किया गया था वह स्कूल की एक शिक्षिका के नाम पर 5 लाख 15 हजार का चेक जारी किया था जिसका भुगतान पूर्व में किया जा चुका था। इसी चेक का क्लोन बनाकर अज्ञात आरोपियों ने 49 लाख 50 हजार का चेक बोनगांव सब डिवीजन प्राणवंदना मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी पश्चिम बंगाल के नाम पर NIT स्थित एसबीआई में लगाया था लेकिन अकाउंट में बैलेंस कम होने की वजह से चेक बाउंस हो गया और अकाउंट से चेक बाउंस होने का 177 रुपये जब कटा तब स्कूल प्रबंधन को इसकी जानकारी हुई, जिसके बाद पुलिस में मामले की शिकायत की गई। फ़िलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

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केरल में गर्भवती हथिनी की दर्दनाक मौत का गम अभी देश भूला भी नहीं था कि छत्तीसगढ़ में भी बीते 48 घंटे में 3 हथिनियों की मौत हो गई है. छत्तीसगढ़ के सूरजपुर और बलरामपुर जिले में 48 घंटे के भीतर 3 हथिनियों का शव मिला है. बीते 9 जून की सुबह प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के गणेशपुर बांध के पास गर्भवती हथिनी का शव मिला था.इसके 24 घंटे बाद ही इसी स्थान पर दूसरी हथिनी का शव भी मिला. रायपुर से विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम दोनों हथिनियों का पोस्टमार्टम करने पहुंची थी. लेकिन दूसरे हथिनी के शव को हाथियों के झुंड ने घेर रखा था, जिसकी वजह से उसका पोस्टमार्टम नहीं हो सका था. पहली हथिनी के शव का पोस्टमार्टम हुआ, जिसमें उसके गर्भवती होने की बात सामने आई. डॉक्टरों ने गर्भवती हथिनी के यकृत (Liver) से करीब 150 सिस्ट निकाले थे.

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डॉक्टरों ने पहली हथिनी की मौत का कारण लिवर की गंभीर बीमारी का होना बताया. वहीं दूसरी हथिनी के शव का पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण उसकी मौत के पीछे की वजह का पता नहीं चल सका है. इसी बीच गुरुवार को बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर व अतौरी सर्किल के दरबारी महुआ वनक्षेत्र में एक और हथिनी का शव मिलने से वन विभाग में हडकंप मच गया. 48 घंटे में तीन हथिनियों की मौत से वन विभाग पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

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