👉 READ MORE


राज्य सरकार के एक वर्ष के कामकाज का दिया ब्यौरा

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की छठवीं कड़ी में छत्तीसगढ़वासियों को नववर्ष 2020 की बधाई देते हुए कहा कि आपकी शुभकामनाएं और सहयोग इसी प्रकार मिलता रहेगा तो निश्चित तौर पर आगामी वर्षों में छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदल देंगे। उन्होंने कहा कि हमने अपनी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल को ‘सेवा और जतन का एक साल‘ कहा है। इन चार शब्दों में बहुत सारी बातें समा जाती है। आज पहले साल के पड़ाव का मुझे यह कहते हुए संतोष है कि हम प्रदेश के ग्रामीणों, किसानों और अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य कमजोर तबको को राज्य के विकास के साथ जोड़ने में सफल हुए है। शिक्षा से रोजगार तक, युवाओं को सर्वांगीण विकास के अवसर देने से लेकर सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाने तक हर उपाय हमने किया है। राज्य सरकार के चौतरफा प्रयासों के कारण विश्वव्यापी मंदी का असर छत्तीसगढ़ के जनजीवन को तनिक भी नहीं छू पाया, बल्कि इस दौर में विकास के नए प्रतिमान स्थापित हुए।

युवा उत्सव में छत्तीसगढ़ की तरूणाई और युवाओं की
प्रतिभाओं का होगा अद्भुत प्रदर्शन

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज स्वामी विवेकानंद की जयंती के सुखद संयोग का भी उल्लेख करते हुए प्रदेश के युवा शक्ति और प्रदेश की तरूणाई का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को हम ‘युवा दिवस‘ के रूप में मनाते हैं। बीते एक साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में हमारे नेतृत्व में युवाओं का वर्चस्व बढ़ा है। स्वामी विवेकानंद बहुत उदार, बहुत व्यवहारिक, बहुत सुधारवादी थे। वे युवाओं को प्रचलित रूढ़िवादिताओं से दूर रखकर अपने गुणों का विकास करते देखना चाहते थे, ताकि वो अपने समाज से समरस हो सके, अपने सामाजिक सरोकारों की प्रति जागरूक हो सके। उठो, जागो और तब तक नहीं रूको जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाए। उनका यह आह्वान युवाओं में सकारात्मक लगाव और लक्ष्यों के प्रति जुनून पैदा करने का आह्वान था। मुझे यह कहते हुए खुशी होता है कि कई पीढ़ियां इस आह्वान को आत्मसात् करके तर गए। हमारी नई पीढ़ी भी इस अमरवाणी को आत्मसात् करें और स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत बनाने में अपना योगदान दे। इसके लिए हमने युवा उत्सव को व्यापक बनाया। प्रदेश में 15 अक्टूबर 2019 को इसकी शुरूआत विकासखंड स्तर हुई थी। 25 विधाओं में प्रतियोगिताएं हुई और अब राज्य स्तर पर युवा उत्सव का आयोजन 12 से 14 जनवरी तक किया जाएगा। यह तीन दिवसीय युवा उत्सव छत्तीसगढ़ की तरूणाई, युवाओं की शक्ति और युवाओं की प्रतिभाओं का अद्भुत रंगारंग प्रदर्शन होगा। मेरा मानना है कि यह एक तरह का सांस्कृतिक, वैचारिक-विनिमय है जो युवाओं की सोच का दायरा बढ़ायेगा। युवाओं को जाति-धर्म-संप्रदाय-क्षेत्र से ऊपर उठकर एक-दूसरे को समझने का अवसर देगा और हमारे प्रदेश की सबसे बड़ी विशेषता आपसी भाई-चारे को बढ़ाने में मदद करेगा।

प्रारंभ हुई देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में जनता को राहत और प्राथमिकता देने का सिलसिला जारी है। हमने एक जनवरी 2020 से देश की सबसे बड़ी ‘‘स्वास्थ्य सेवा योजना’’ भी शुरू कर दी है। प्रदेश के सभी 65 लाख परिवारों के प्रत्येक सदस्य के उपचार हेतु ‘‘डॉ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’’ एवं ‘‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’’ शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है जो ‘‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’’ के तहत 20 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता जरूरतमंद लोगों को देगा ताकि गरीबी उपचार में आड़े ना आए। इस योजना में लीवर ट्रांसप्लान्ट, किड़नी ट्रांसप्लान्ट, कॉर्निया ट्रांसप्लान्ट, हृदय ट्रांसप्लान्ट, हीमोफीलिया, थैलेसिमिया, कैंसर, हृदय रोग, अप्लास्टिक एनीमिया, कॉक्लियर इम्प्लान्ट, सिकलसेल एनीमिया, एसिड अटैक विक्टिम्स, मस्कुलर डिस्ट्राफी जैसी बीमारियों का उपचार संभव होगा, जो प्रचलित योजनाओं में नहीं हो पा रहा था। ‘‘डॉ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’’ के माध्यम से प्रदेश के 56 लाख परिवारों को 5 लाख रूपए तक का नगद रहित उपचार शासन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। पूर्व में 42 लाख परिवारों को ही इसका लाभ मिल रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में संचालित योजनाओं में उपचार के दौरान जांच भी सबसे बड़ी समस्या थी, जिसका खर्च उठा पाना मरीज व उनके परिजनों के लिए संभव नहीं हो पाता था। हमारी सरकार ने इस बात का विशेषरूप से ध्यान रखा है कि जांच का खर्च भी योजना में शामिल हो।

जल्द नियमित होंगे सात हजार शिक्षाकर्मी: 15 हजार व्याख्याताओं की भर्ती पूर्णता की ओर

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सरकार का एक साल पूर्ण होते ही हमारी नई पहल और योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन को लेकर बागबाहरा से नीरज तिवारी, मरवाही से प्रकाश कुमार, सरायपाली से रश्मि पटेल, महासमुंद से देवराज पाणिग्रही, वैशाली रिखी, रायगढ़ से सूरज प्रधान, मुकेश निर्मलकर, कुसुम देवांगन, जांजगीर से योगेश बनर्जी, खरसिया से संजय राठौर, भरत लाल गुप्ता, मुंगेली से मुकेश कुमार बंजारे, रायगढ़ से ज्योति राज पाण्डा, रायगढ़ से लिंगराज चौधरी, पुसउ, कमलेश कुमार साहू, महासमुंद से धीरज तिवारी, राजिम से लखेन्द्रदत्त साहू सहित कई साथियों पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जिन शिक्षाकर्मियों का 8 वर्ष पूरा हो रहा है, उनका नियमितीकरण आदेश क्रमशः निकाला जा रहा है। ऐसे लगभग 7 हजार शिक्षाकर्मियों के नियमितीकरण का आदेश इस माह निकाल दिया जाएगा। शिक्षामितान या अतिथि शिक्षकों के 1885 पद स्वीकृत किए गये हैं। अतिथि शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती का अधिकार स्थानीय स्तर पर दिया गया है। लगभग 15 हजार व्याख्याताओं की भर्ती की प्रक्रिया पूर्णता की ओर है अभी सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। जब से हमारी सरकार बनी है तबसे लगातार कोई न कोई चुनाव और आचार संहिता के कारण लंबी प्रक्रिया वाले कार्य पूर्ण होने में दिक्कत हुई लेकिन अब ऐसी सभी कार्यों में तेजी आएगी। आदिवासी अंचलों में कनिष्ठ चयन बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया है ताकि इन अंचलों के युवाओं को स्थानीय स्तर पर शासकीय सेवा में लिया जा सके। विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में युवाओं को सीधी भर्ती का लाभ दिया जा रहा है। हम सिर्फ सरकारी दफतरों में ही नहीं बल्कि नई उद्योग नीति के माध्यम से उद्योगों में, आर्थिक राहतों के माध्यम से व्यापार में भी युवाओं को नए-नए अवसर दे रहे हैं।

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें


आठ मॉडल कॉलेज शुरू होंगे: मर्रा और साजा में कृषि महाविद्यालय
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमनें प्रदेश में उच्च शिक्षा को रूचिकर और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए कदम उठाए हैं। बरसों से लंबित सहायक प्राध्यापकों की भर्ती शुरू की है जिससे लगभग 1400 युवाओं को सम्मानजनक रोजगार मिलेगा। बालोद में कन्या महाविद्यालय, दंतेवाड़ा, कोंडगांव, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, महासमुंद और कोरबा में मॉडल डिग्री कॉलेज, ग्राम मर्रा जिला दुर्ग और ग्राम साजा जिला बेमेतरा में कृषि महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। 14 नये फॉर्मेसी कॉलेज खोले गए हैं। ट्रिपल आईटी नवा रायपुर में देश का पहला ‘‘डाटा साइंस तथा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पाठ्क्रम’’ शुरू किया गया है। उच्च स्तरीय खेल प्रशिक्षण के लिए छत्तीसगढ़ खेल प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है। हमनें सीएसआर का पैसा, युवा प्रतिभाओं को निखारने में लगाने का निर्णय लिया है। इसके तहत् उद्योगों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे संस्थाओं का विकास करें, कोच का इंतजाम करे साथ ही स्टेडियम की व्यवस्था में भी सहयोग करें।
छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास प्राधिकरण का गठन: फूड-प्रोसेसिंग यूनिट को प्रोत्साहन
महिलाओं का सम्मान हो या संस्कृति का उत्थान, हर मोर्चे पर विकास के छत्तीसगढ़ी मॉडल का रंग चढ़ा है। बीता एक साल तत्कालिक रूप से राहत देने के बड़े-बड़े कामों के लिए याद किया जायेगा तो नए साल में हम राज्य को अनेक बड़ी स्थायी योजनाएं और अधोसंरचना देने जा रहे हैं जिसके लिए एक बड़ी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता के विकास के लिए समन्वित प्रयास करने हेतु हमने छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास प्राधिकरण का गठन किया है तो सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भी ठोस पहल की जा रही है। औद्योगिक विकास के लिए हमारा पैमाना अलग है। हम चाहते हैं कि अपने संसाधनों और उपजों का वैल्यू-एडिशन हो। इसके लिए नई उद्योग नीति में फूड-प्रोसेसिंग यूनिट को बढ़ावा देने जैसे प्रावधान हैं ताकि बड़े पैमाने पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर स्थानीय स्तर पर प्राप्त हों। हमारा उद्देश्य जीडीपी के आंकड़ों में विकास का ग्राफ बनाना नहीं बल्कि मानव विकास और इसके लिए गुणवत्तापूर्ण सेवा की व्यवस्था करना है। मेरा मानना है कि एक साल में जो ठोस बुनियाद रखी गई है उस पर हम समृद्ध और खुशहाल छत्तीसगढ़ बनाएंगे।

.

********Advertisement********



👉 READ MORE


जिले के स्कूलों का समय मौसम के कारण एक बार फिर बदलना पड़ा है। इस बार भी सभी स्कूलों के लिए नया समय तय किया गया है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर के द्वारा आज एक आदेश जारी किया गया है। आदेश इस प्रकार है-

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें


********Advertisement********



👉 READ MORE


मनरेगा मजदूर के बैंक एकाउंट से फर्जी हस्ताक्षर कर राशि निकालने के मामले में बैंक कैशियर समेत छह लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इस मामले में दो मुख्य आरोपी पहले से ही जेल में है।यह मामला दुगली क्षेत्र के ग्राम गेदरा का है। नगरी पुलिस ने बताया कि गांव के मनरेगा मजदूर झाडूराम मरकाम (36) पिता धनराज का बैंक खाता नगरी के देना बैंक में है। ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत काम करने के बाद भुगतान के लिए रोजगार सहायक विजय नाग और मेट महेन्द्र नेताम ने देना बैंक नगरी में उनका खाता खुलवाने के नाम पर फार्म में हस्ताक्षर ले लिया। इसके बाद बैंक में खाता खुलने के बाद रोजगार सहायक और मेट ने उनका फर्जी हस्ताक्षर कर करीब 67 हजार रुपए राशि का आहरण कर लिया। झाडूराम जब पैसा निकालने के लिए बैंक पहुंचा, तब इस फर्जीवाड़े का पता चला। प्रार्थी की शिकायत पर नगरी पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों आरोपी विजय नाग और महेन्द्र नेताम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें

तीन महीने बाद मामले की जांच आगे बढ़ी, तो इसमें कुछ और लोगों का नाम सामने आया। टीआई एनएस मंडावी ने बताया कि जांच में इस फर्जीवाड़े में बैंक कर्मियों की संलग्नता पाई गई, जिसके बाद पुलिस ने बैंक के कैशियर दीनूराम ध्रुव (53), अकाउटेंट अशोक कुमार परमानी (56), त्रिलोक सिंह भूआर्य (36), मनोज कुमार, तेजप्रकाश और अरविंद साहू के खिलाफ धारा 420,467,468(ए),471,120-बी आईपीसी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।

********Advertisement********



👉 READ MORE


राजनांदगांव जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है. कड़ाके की ठंड में शहर के स्टेशन पारा के नाले में नवजात शिशु को फेंकने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि इस शख्स ने पहले नाबालिग को झांसा देकर उसके साथ लगातार अनाचार किया . जब गर्भवती हुई तो उसने अपने ही घर के छत में उसकी डिलीवरी करा ली. फिर नवजात बच्चे को नाले में भी फेंक दिया. आरोपी पर केस दर्ज कर पुलिस पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया. फिलहाल आरोपी को जेल भेज दिया गया है.मिली जानकारी के अनुसार आरोपी संजय कश्यप ने अपने ही पड़ोस में रहने वाली एक नाबालिग युवती को अपनी हवस का शिकार बनाया है. आरोपी आपसी जान-पहचान का फायदा उठाकर अक्सर नाबालिग को अपनी कार में बिठा कर घुमाने ले जाया करता था. इस दौरान उसने जबरदस्ती नाबालिग से शारीरिक संबंध बनाएं. इसके बाद इसका वीडियो तैयार किया और फिर लगातार नाबालिग को धमका कर लगातार उसके साथ दुष्कर्म करता रहा. इसके बाद चलते युवती गर्भवती हो गई.

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें

युवती के गर्भवती होने के बाद आरोपी ने अपने ही घर के छत में उसकी डिलीवरी कराई. इसके बाद जन्मे नवजात शिशु को स्टेशन पारा के नाले में फेंक दिया था. दूसरे दिन जब वार्ड वासियों की नजर नाले पर पड़ी तो इस मामले की सूचना तत्काल चिखली पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने नवजात शिशु को नाले से निकालकर तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल कराया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

********Advertisement********



👉 READ MORE


एक छात्रा से गैंगरेप का मामला सामने आया है. पहले एक आरक्षक ने छात्रा से दुष्कर्म किया और फिर अगले दिन बाइक सवार तीन युवकों ने उसे शिकार बनाया. पुलिस ने शनिवार को आरोपी आरक्षक को गिरफ्तार कर लिया है. अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. जानकारी के मुताबिक लोहत्तर थाना क्षेत्र स्थित एक स्कूल में पढ़ने वाली 16 वर्षीया छात्रा 16 नवंबर को लौट रही थी. आरोप है कि इस बीच मरका गांव निवासी परब जाड़े ने उसे रास्ते में रोक लिया और जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया.

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें

परब पुलिस विभाग में सहायक आरक्षक है और वर्तमान में दुर्गुकोंदल में पदस्थ है. घटना के अगले ही दिन 20 नवंबर को बाइक सवार तीन युवकों ने उससे फिर दुष्कर्म किया. साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी. इसके चलते वह डर से चुप हो गई. मामले का खुलासा तब हुआ जब छात्रा गर्भवती हो गई. इसके बाद उसने परिजनों को सारी जानकारी दी और उन्होंने शुक्रवार को थाने में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने शनिवार को आरोपी आरक्षक परब को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. आरोपी कांस्टेबल को कोर्ट में पेश किया जाएगा जबकि तीन अन्य आरोपी अभी अज्ञात हैं. उनकी तलाश की जा रही है।

********Advertisement********



👉 READ MORE


छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाका नारायणपुर में नक्सलियों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक नक्सलियों ने जवानों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से आईईडी ब्लास्ट कर दिया है. ब्लास्ट में आईटीबीपी का एक जवान बुरी तरह घायल हो गया है. कहा जा रहा है कि आईटीबीपी की टीम इलाके में सर्चिंग कर रही थी. इसी दौरान आईईडी ब्लास्ट हो गया और जवान उसकी चपेट में आ गया. फिलहाल घायल जवान का इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है. एसपी मोहित गर्ग ने इस घटना की पुष्टी की है.एएनआई से मिली जानकारी के मुताबिक नारायणपुर एसपी ने कहा है कि नारायणपुर इलाके में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया है. ब्लास्ट में आईटीबीपी का एक जवान घायल हो गया है. घायल जवान का मौके पर ही प्राथमिक इलाज किया गया. फिर उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया. फिलहाल जवान की हालत स्थिर बताई जा रही है. अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें

********Advertisement********



👉 READ MORE


प्रेमिका के पति को रास्ते से हटाने के लिए युवक ने अपने मित्र के साथ मिलकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को शिवनाथ नदी में अमलडीहा में फेंक दिया था। पुलिस ने शव बरामद कर उसकी शिनाख्त की। उसकी शिनाख्त गजेंद्र सोनवानी पिता कार्तिकराम सोनवानी (33) साकिन बोरसी थाना भाटपारा के रूप में हुई। चौकी प्रभारी संतोष ध्रुव ने बताया कि जांच में हत्या का मामला निकला था।मामले में आरोपी मंतराम एवं दिलेश्वर को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी से मंतराम का प्रेम प्रसंग था। गजेंद्र को रास्ते से हटाने उसकी गमछे से गला दबाकर हत्या कर दी। दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। पुलिस के अनुसार युवक गजेंद्र का शव 5 जनवरी को शिवनाथ नदी के अमलडीहा घाट में पुलस के नीचे मिला था। पुलिस ने धारा 302, 201 के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया था।

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें

मामले में आरोपी मंतराम एवं दिलेश्वर को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी से मंतराम का प्रेम प्रसंग था। गजेंद्र को रास्ते से हटाने उसकी गमछे से गला दबाकर हत्या कर दी। दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। पुलिस के अनुसार युवक गजेंद्र का शव 5 जनवरी को शिवनाथ नदी के अमलडीहा घाट में पुलस के नीचे मिला था। पुलिस ने धारा 302, 201 के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया था।

********Advertisement********



👉 READ MORE


पोषण से भरी :खिचड़ी एक पौष्टिक भोजन है, जिसमें पोषक तत्वों का सही संतुलन होता है। चावल, दाल और घी का संयोजन आपको कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम प्रदान करता है। कई लोगों इसके पोषण मूल्य को बढ़ाने के लिए इसमें सब्जियां भी मिला देते हैं।

पचाने में आसान (सुपाच्य):खिचड़ी पेट और आंतों को स्मूथ बनाती है। सुपाच्य और हल्की होने की वजह से ही बीमारी में खिचड़ी खाने की सलाह दी जाती है। इसके सेवन से विषाक्त भी साफ होते हैं। नरम और पौष्टिक होने की वजह से यह बच्चों और बुजुर्ग दोनों के लिये बेहतर भोजन है।

त्रिदोषिक आहार (Tridoshic food) : खिचड़ी आयुर्वेदिक आहार का एक मुख्य भोजन है, क्योंकि इसमें तीन दोषों, वत्ता, पित्त और कफ को संतुलित करने की क्षमता होती है। यह क्षमता ही खिचड़ी को त्रिदोषिक आहार बनाती है। शरीर को शांत व डीटॉक्सीफाई करने के अलावा खिचड़ी की सामग्री में ऊर्जा, प्रतिरक्षा और पाचन में सुधार करने के लिए आवश्यक बुनियादी तत्वों का सही संतुलन होता है।

ग्लूटेन मुक्त आहार:ग्लूटेन अर्थात लस से परहेज कर रहे लोगों के लिये भी खिचड़ी एक बेहद फायदेमंद आहार विकल्प होती है। इसमें मौजूद दालों, सब्जियों व चावल में ग्लूटेन नहीं होता है और सभी लोग इसका निश्चिंत होकर सेवन कर सकते हैं।

साधना और दीप आंतरिक शांति:सुपाच्य भोजन होने के नाते खिचड़ी फैट व आलस्य नहीं पैदा कतरती है। यही कारण है कि धार्मिक लोगों व मौंक्स का खिचड़ी प्रमुख आहार होता है। पर्याप्त प्रोटीन देने के साथ रक्त में शर्करा की स्थिरता बनाए रखने में सहायक खिचड़ी मन की शांति और शांति की भावनाओं को सुविधाजनक बनाने में मदद करती है।

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें

कॉम्बिनेशन में बनाएं:प्रोटीन से भरी दाल में एक प्रकार का अमिनो एसिड नहीं होता इसलिए केवल दाल का सेवन न कर दाल-चावल या खिचड़ी के रूप में खाएं। खिचड़ी कॉम्बिनेशन में सेवन करने से यह कम्प्लीट प्रोटीन बन जाता है।

********Advertisement********



👉 READ MORE


वास्तु के हिसाब से घर के मंदिर के लिए आदर्श दिशाएं:

नॉर्थ-ईस्ट दिशा का स्वामी बृहस्पति होता है। इसे ईशान कोण भी कहा जाता है। ईशान यानी ईश्वर या भगवान। इसी वजह से यह भगवान या बृहस्पति की दिशा है। सलाह दी जाती है कि मंदिर यहीं रखें। इसके अलावा पृथ्वी का झुकाव उत्तर-पूर्व दिशा में भी है और धरती उत्तर-पूर्व के शुरुआती बिंदु के साथ घूमती है। यह कॉर्नर रेल के इंजन की तरह है तो पूरी रेलगाड़ी को खींचता है। घर के इस एरिया में मंदिर होना भी कुछ एेसा ही है। यह पूरे घर की ऊर्जा को खुद की ओर खींचकर उसे आगे ले जाता है। उन्होंने कहा कि घर के केंद्र में स्थित एक मंदिर, जिसे ब्रह्मस्थान भी कहा जाता है, को भी शुभ माना जाता है और घर के निवासियों के लिए यह समृद्धि और बेहतर स्वास्थ्य लाता है।

वास्तु के मुताबिक घर में कैसा होना चाहिए मंदिर का निर्माण:

जब बात घर में मंदिर के निर्माण की आती है तो इसे सीधे जमीन पर न रखें। इसे किसी ऊंचे स्थान या चौकी पर रखें। उन्होंने कहा, मंदिर लकड़ी या मार्बल का बना होना चाहिेए। ग्लास या एक्रेलिक से बना मंदिर न लें। मंदिर अव्यवस्थित नहीं होना चाहिए। इसमें एक ही जैसे देवी-देवता खड़े या बैठे मुद्रा में नहीं होने चाहिए। साथ ही जो मू्र्तियां या तस्वीरें आपने मंदिर में रखी हैं, वे टूटी या खंडित नहीं होनी चाहिए। इसे अपशगुन माना जाता है। जहां भी मंदिर हो, वहां कोई शख्स पूजा करने में सक्षम होना चाहिए। अगर कोई खास त्योहार हो तो पूरा घर साथ में पूजा कर सके। इसके अलावा बैठकर पूजा करने की जगह भी होनी चाहिए। मंदिर की जगह में अच्छी और स्वस्थ ऊर्जा का संचार होना चाहिए। इसलिए हमेशा मंदिर को साफ-सुथरा रखें। इस पर धूल, जाले और आसपास बेकार सामान नहीं होना चाहिए। मंदिर एेसा हो जो आपको शांति और स्थिरता महसूस कराए।

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें

घर में मंदिर सजाते वक्त क्या करें क्या न करें:

पूजा करने वाले शख्स के सीधी ओर दीया रखा होना चाहिए।

मंदिर को हमेशा ताजा फूलों से सजाएं। दिव्य माहौल बनाने के लिए सुगंधित मोमबत्तियां, धूप या अगरबत्तियां भी जला सकते हैं।

मंदिर में मृत पूर्वजों की तस्वीरें न लगाएं।

मंदिर के पास एक छोटी शेल्फ जरूर होनी चाहिए, ताकि पूजा से संबंधित सामान उसमें रख सकें।

मंदिर के आसपास एक स्विच बोर्ड होना चाहिए, ताकि आप त्योहारों के समय उसे लाइटों से रोशन कर सकें।

मंदिर के नीचे बेकार का सामान या कूड़ेदान कभी न रखें।

कई लोग मंदिर को किचन या बाथरूम में रख देते हैं। एसे मामलों में अगर आप मंदिर में पूजा नहीं कर रहे हैं तो उसके आगे पर्दा डाल दें।

मंदिर उस दीवार के सामने नहीं होना चाहिए, जिसके पीछे शौचालय है। अगर ऊपर वाले फ्लोर पर शौचालय है तो उसे नीचे उसके नीचे वाले हिस्से में नहीं रखना चाहिए।

मंदिर के लिए सफेद, हल्का पीला, बेज या लैवेंडर रंग का इस्तेमाल करें।

********Advertisement********



👉 READ MORE


वजन को नियंत्रित रखना :जमीन पर बैठना और उठना, एक अच्छा व्यायाम माना जाता है। भोजन करने के लिए तो आपको जमीन पर बैठना ही होता है और फिर उठना भी, अर्ध पद्मासन का ये आसन आपको धीरे-धीरे खाने और भोजन को अच्छी तरह पचाने में सहायता देता है। जिससे वसा के कारण वजन अनियंत्रित नहीं हो पाता।

स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद :जमीन पर बैठकर खाना एक प्रकार का योगासन कहा जाता है। जब भारतीय परंपरानुसार हम जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं तो उस तरीके को सुखासन या पद्मासन की तरह देखा जाता है। यह आसन हमारे स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभप्रद है।

रक्तचाप में कमी :जमीन पर बैठने से रीढ़ की हड्डी के निचले भाग पर जोर पड़ता है, जिससे आपके शरीर को आराम अनुभव होता है। इससे आपकी सांस थोड़ी धीमी पड़ती है, मांसपेशियों का खिंचाव कम होता है और रक्तचाप में भी कमी आती है।

पाचन क्रिया में सुधार :जमीन पर बैठकर भोजन करने के लिए प्लेट की तरफ झुकना होता है, जो एक प्राकृतिक तरीका है। लगातार आगे होकर झुकने और फिर पीछे होने की प्रक्रिया से पेट की मांसपेशियां निरंतर कार्यरत रहती हैं, जिससे पाचन क्रिया में सुधार होता है।

दिल की मजबूती :सही मुद्रा में बैठने से रक्त का संचार बेहतर होता है और नाड़ियों में दबाव भी कम महसूस होता है। पाचन क्रिया में रक्त संचार की एक अहम भूमिका है। पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में हृदय की भूमिका अहम होती है। जब भोजन जल्दी पच जाएगा तो हृदय को भी कम मेहनत करनी पड़ेगी।

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें

घुटनों का व्यायाम :जमीन पर बैठकर भोजन करने से आपका पूरा शरीर स्वस्थ रहता है, पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। इसके साथ ही साथ जमीन पर बैठने के लिए आपको अपने घुटने मोड़ने पड़ते हैं। इससे आपके घुटनों का भी बेहतर व्यायाम हो जाता है।

शरीर के मुख्य भागों की मजबूती :भोजन करने के लिए जब आप पद्मासन में बैठते हैं तब आपके पेट, पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे की मांसपेशियों में लगातार खिंचाव रहता है जिसकी वजह से दर्द और असहजता से छुटकारा मिलता है। इस मांसपेशियों में अगर ये खिंचाव लगातार बना रहेगा तो इससे स्वास्थ्य में सुधार देखा जा सकता है।

********Advertisement********



👉 READ MORE


हमारी प्रार्थना करने के विभिन्न तरीके हैं , कभी सरल शब्दों से,कभी कीर्तन से और कभी मन्त्रों से. इनमे मंत्र सबसे ज्यादा प्रभावशाली मानते जाते हैं , क्योंकि ये मन को तुरंत एकाग्र कर देते हैं और शीघ्र प्रभाव देते हैं. हर मंत्र से अलग तरह का प्रभाव और शक्ति उत्पन्न होती है इसलिए मंत्र का जप करने के लिए अलग अलग तरह की मालाओं का प्रयोग किया जाता है. ऐसा करने से अलग अलग मन्त्रों की शक्ति का लाभ मिल सकता है. माला का प्रयोग इसलिए भी किया जाता है ताकि मंत्र जप की संख्या में त्रुटी न हो सके. माला में लगे हुये दानों को मनका कहा जाता है. सामान्यतः माला में १०८ मनके होते हैं परन्तु कभी कभी इसमें २७ अथवा ५४ मनके भी होते हैं.

माला के प्रयोग की सावधानियां और नियम क्या हैं?

- माला के मनकों की संख्या कम से कम २७ या १०८ होनी चाहिए. हर मनके के बाद एक गाँठ जरूर लगी होनी चाहिए.

- मंत्र जप के समय तर्जनी अंगुली से माला का स्पर्श नहीं होना चाहिए साथ ही सुमेरु का उल्लंघन भी नहीं होना चाहिए.

- मंत्र जप के समय माला किसी वस्त्र से ढंकी होनी होनी चाहिए या गोमुखी में होनी चाहिए.

- मंत्र जाप करने के पूर्व हाथ में माला लेकर प्रार्थना करनी चाहिए कि माला से किया गया मंत्र जाप सफल हो .

- माला हमेशा व्यक्तिगत होनी चाहिए , दूसरे की माला का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

- जिस माला से मंत्र जाप करते हैं , उसे धारण नहीं करना चाहिए.

अलग अलग माला के प्रयोग के लाभ क्या हैं और क्या तरीका है?

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें

रुद्राक्ष की माला

पूजा करने वाले शख्स के सीधी ओर दीया रखा होना चाहिए।

सामान्यतः किसी भी मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से कर सकते हैं ,शिव जी और उनके परिवार के लोगों के मन्त्र रुद्राक्ष पर विशेष लाभकारी होते हैं , महामृत्युंजय और लघुमृत्युंजय मन्त्र केवल रुद्राक्ष पर ही जपना चाहिए

स्फटिक की माला

यह माला एकाग्रता , सम्पन्नता और शान्ति की माला मानी जाती है ,माँ सरस्वती और माँ लक्ष्मी के मन्त्र इस माला से जपना उत्तम होता है ,धन प्राप्ति और एकाग्रता के लिए स्फटिक की माला धारण करना भी अच्छा होता है

हल्दी की माला

विशेष प्रयोगों तथा मनोकामनाओं के लिए हल्दी की माला का प्रयोग किया जाता है ,बृहस्पति देव तथा माँ बगलामुखी के मन्त्रों के लिए हल्दी की माला का प्रयोग होता है ,हल्दी की माला से ज्ञान और संतान प्राप्ति के मन्त्रों का जाप भी कर सकते हैं

चन्दन की माला

चन्दन की माला दो प्रकार की होती है - लाल चन्दन और श्वेत चन्दन ,देवी के मन्त्रों का जाप लाल चन्दन की माला से करना फलदायी होता है,भगवान् कृष्ण के मन्त्रों के लिए सफ़ेद चन्दन की माला का प्रयोग कर सकते हैं

तुलसी की माला

वैष्णव परंपरा में इस माला का सर्वाधिक महत्व है ,भगवान् विष्णु और उनके अवतारों के मन्त्रों का जाप इसी माला से किया जाता है ,यह माला धारण करने पर वैष्णव परंपरा का पालन जरूर करना चाहिए ,तुलसी की माला पर कभी भी देवी और शिव जी के मन्त्रों का जप नहीं करना चाहिए

********Advertisement********



👉 READ MORE


*एक अच्छे और संतुलित आहार के साथ त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन आप में हृदय रोग, नेत्र रोग, उच्च रक्तचाप, कब्ज़, गैस और पेट से जुडी समस्याओं का संभावना ही समाप्त कर देता है।

• सिर्फ इतना ही नहीं, यह कई तरह के प्रमेह का भी अच्छी तरह से इलाज कर सकता है।

• मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी से आज बहुत से लोग जूझ रहे हैं। यह बीमारी आजकल बहुत आम हो गयी है। त्रिफला चूर्ण के उपयोग से आप बड़ी ही सहजता से इस बीमारी पर अपना नियंत्रण रख सकते हैं।

* त्रिफला का चूर्ण दूध के साथ पीने से पेट की जलन शांत होती है।

* त्रिफला चूर्ण का नियमित खुराक कुष्ठरोग एवं विषम ज्वर जैसे रोगों को भी साध सकता है।

* इसके अलावा यह किसी भी वजह से होने वाली सूजन को दूर करता है।

*अस्थियों और केश को मजबूत बना कर फिर से घना और काला भी बना सकता है।

अगर आप छत्तीसगढ़ में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी सेल/रेंट/लीज/ पर देना चाहते हैं ,तो कृपया हमारा प्रॉपर्टी क्लासिफाइड पेज विजिट करें

कमजोर पड़ चुके पाचन तंत्र को फिर से मजबूत बनाने में इसकी अहम भूमिका होती है। त्रिफला चूर्ण के इस्तेमाल से हमें सही और सम्पूर्ण लाभ पाने के लिए उसकी सटीक खुराक जान लेना बहुत ज़रूरी है। आईये, इसके अलग अलग खुराक के बारे में जान लें।

*कब्ज की समस्या की स्थिति में रात को सोने से पहले लगभग एक चम्मच यानी पांच ग्राम त्रिफला चूर्ण को एक गिलास हल्के गर्म दूध में मिलाकर पीएं। आप चाहें तो गर्म दूध के एवज में गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

*दाद, खाज, खुजली, फ़ोड़े-फुंसियों और तरह तरह के चर्म रोगों के निदान के लिए दिन में दो बार पानी में ६-८ ग्राम त्रिफला चूर्ण सेवन करें।

• एक चम्मच त्रिफला चूर्ण में ५ ग्राम शहद और १० ग्राम गाय का घी मिलाकर सेवन करें। इससे मोतियाबिंद और तमाम नेत्र रोगों से मुक्ति मिलती है। इसका नियमित सेवन ऐसे रोगों की संभावना ही खत्म कर देता है।

*वजन घटाने के लिए भोजन करने के लगभग एक घंटे बाद गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर सेवन करें। ऐसा दिन में दो तीन बार कर सकते हैं।

********Advertisement********