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detail news only from Chhattishgarh ,dated: १२ अगस्त २०२०

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मेडिकल बुलेटिन के अनुसार आज भी राजधानी रायपुर में सबसे ज्यादा 154 संक्रमित मरीजों की पहचान हुई। इसके अलावा राजनांदगांव में 55, रायगढ़ में 41, दुर्ग में 29, बस्तर में 26, सुकमा में 19, बिलासपुर में 17, नारायणपुर में 14, जशपुर में 13, कोरबा में 11, बलौदाबाजार में 10, सूरजपुर में 10, जांजगीर में 9, महासमुंद में 6, बालोद में 5, कांकेर में 5, धमतरी में 3, बेमेतरा में 3, बीजापुर में 2, गरियाबंद में 1, मुंगेली, 1, सरगुजा में 1, अन्य राज्य 3 संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है।





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कलेक्टर श्री भीम सिंह ने जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखते हुये आज शहर के समीप केआईटी (किरोड़ीमल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी)परिसर में कोविड अस्पताल बनाये जाने हेतु 300 बेड तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने केआईटी परिसर के मुख्य भवन तथा अध्यापन कक्ष में सभी आवश्यक सुविधा सहित 300 बेड की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री सिंह ने भवन में पूरे परिसर की साफ-सफाई तथा पानी की आपूर्ति के लिये नगर निगम के अधिकारियों को तथा भवन में डॉक्टर, नर्सेस तथा संक्रमित मरीजों के लिए अलग-अलग शौचालय तथा स्नानगृह तैयार करने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सौंपते हुये दो दिनों के भीतर सभी कार्य पूर्ण करने को कहा। केआईटी प्रबंधन द्वारा जानकारी दी गई कि भवन में सीसीटीवी कैमरे लगे हुये है। कलेक्टर श्री सिंह ने सभी सीसीटीवी कैमरे और लाईट, पंखे सहित सभी विद्युत उपकरणों की जाचं कर चालू करने के निर्देश दिये ताकि यहां इलाज के लिये आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

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कलेक्टर श्री सिंह ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी को सारंगढ़ क्षेत्र के ग्राम छोटे खैरा में जहां सर्वाधिक संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये है वहां विशेष कैम्प का आयोजन कर गांव के बच्चों, बुजुर्ग सहित सभी लोगों के सेम्पल प्राप्त कर जांच कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने रायगढ़ शहर में सेम्पलों की जांच का दायरा बढ़ाने और कन्टेमेन्ट क्षेत्र के निवासियों तथा छोटे-छोटे व्यवसायी, शासकीय कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों तथा अन्य कारोबार से जुड़े लोगों का रेण्डम सेम्पल एकत्र कर जांच कराने के निर्देश दिये, इसी प्रकार कोरोना संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देने वाले सर्दी, खांसी, और बुखार जैसे लक्षण पाये जाने वाले व्यक्तियों तथा संक्रमित पाये गये मरीजों के प्रायमरी कान्टेक्ट में आने वाले व्यक्तियों की भी सेम्पल जांच करने को कहा। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं चिकित्सक तथा आदिवासी विकास विभाग एवं लोक निर्माण विभाग तथा केआईटी प्रबंधन के अधिकारी उपस्थित थे।

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स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को फर्जी वीडियो, अफवाहों व भ्रामक समाचारों से सावधान रहने की अपील की है। इस तरह के वीडियो और खबरों से समुदाय में न केवल भ्रम व डर की स्थिति बनती है, बल्कि आपाधापी की स्थिति भी निर्मित होती है। सोशल मीडिया में कथित जनप्रतिनिधि के नाम से वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कोविड-19 मरीजों को शासन द्वारा दी जाने वाली राशि के एवज में अस्पतालों में भर्ती करने की बात कही जा रही है.स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह वीडियो और इसमें कही जा रही बातें फर्जी और आधारहीन है। पूर्व में भी सोशल मीडिया में खुद को कोरोना पीड़ित बताकर मुख्यमंत्री से मदद की गुहार करती एक युवती का वीडियो वायरल हुआ था जिसे रायपुर के देवेन्द्र नगर का बताया जा रहा था। पड़ताल में इस वीडियो के छत्तीसगढ़ का नहीं होने की पुष्टि हुई थी.

प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित हर व्यक्ति का विशेषीकृत कोविड अस्पतालों में निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। कोरोना के बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों का कोविड केयर सेंटर्स में उपचार किया जा रहा है। कोविड-19 के सभी संभावित मरीजों के सैंपल संकलित कर तत्काल जांच के लिए भेजा जा रहा है। शासन-प्रशासन द्वारा प्रदेश में कोविड-19 पीड़ितों और उनके परिवार को प्राथमिकता से चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के साथ ही उन्हें हर तरह का सहयोग प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के लिए शासन द्वारा सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.

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स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 से संबंधित भ्रामक, आधारहीन और फेक वीडियो, ऑडियो, पाम्पलेट या समाचार जारी करने वालों को चेतावनी दी है। यदि कोई सोशल मीडिया में इस तरह की पोस्ट करता है तो उसके उसके खिलाफ विभाग की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। साथ ही महामारी नियंत्रण अधिनियम के तहत भी कार्यवाही की जाएगी। विभाग ने लोगों को महामारी जैसी राष्ट्रीय विपत्ति के दौर में स्वास्थ्य विभाग व शासन द्वारा दी जाने वाली हिदायतों पर अमल करने कहा है। भ्रांति और दहशत फैलाने वाली अफवाहों को दूर रहे.

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सृष्टि निर्माता ने छत्तीसगढ़ को अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य से नवाजा है। दक्षिण कौशल का यह क्षेत्र रामायणकालीन संस्कृति का परिचायक रहा है। ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक महत्व की यह स्थली रामगढ़ की पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। यह स्थल जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर उदयपुर विकासखण्ड के समीप स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊॅचाई लगभग 3 हजार 202 फीट है।

महाकवि कालिदास की अनुपम रचना ‘‘ मेघदूतम’’ की रचना स्थली और विश्व की सर्वाधिक प्राचीनतम् शैल नाट्यशाला के रूप में विख्यात ‘‘रामगढ़’’ पर्वत के साये में इस ऐतिहासिक धरोहर को संजोए रखने और इसके संवर्धन के लिए हर साल आषाढ़ के पहले दिन यहां रामगढ़ महोत्सव का आयोजन किया जाता रहा है। रामगढ़ पर्वत के निचले शिखर पर स्थित ‘‘सीताबेंगरा’’ और ‘‘जोगीमारा’’ की गुफाएं प्राचीनतम शैल नाट्यशाला के रूप में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। ये गुफाएं तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व मौर्यकाल के समय की मानी जाती हैं। जोगीमारा गुफा में मौर्य कालीन ब्राह्मी लिपि में अभिलेख तथा सीताबेंगरा गुफा में गुप्तकालीन ब्राह्मी लिपि में अभिलेख के प्रमाण मिलते है। जोगीमारा गुफा की एक और विशेषता है कि यहां भारतीय भित्ति चित्रों के सबसे प्राचीन नमूने अंकित हैं।

पुरातात्विक दस्तावेजों के रूप में मूर्तियों, शिलालेखों एवं ताम्रपत्रों का बड़ा महत्व माना जाता है। रामगढ़ मंे ऐसे महत्व की वस्तुएं उपलब्ध है। जोगीमारा गुफा में लगभग 8 मूर्तियां संग्रहित हैं। यह मूर्तियां लगभग 2 हजार वर्ष पुरानी हैं।

रामगढ़ पहाड़ी के ऊर्ध्व भाग में दो शिलालेख मौजूद हैं। प्रस्तर पर नुकीले छेनी से काटकर लिखे गए इस लेख की लिपि पाली और कुछ-कुछ खरोष्टी से मिलती जुलती है। लिपि विशेषज्ञों ने इसे एक मत से पाली लिपि माना है। इस पर निर्मित कमलाकृति रहस्यमय प्रतीत होती है। यह आकृति कम बीजक ज्यादा महसूस होता है।

रामगढ़ के निकट स्थित महेशपुर वनस्थली महर्षि की तपोभूमि थी। रामगढ़ को महाकवि कालीदास की अमरकृति मेघदूतम् की रचनास्थली मानी जाती है। इस स्थल पर ही लगभग 10 फीट ऊपर ’’कालीदासम’’ खुदा हुआ मिला है।

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सीताबेंगरा के ही पार्श्व एक सुगम सुरंग मार्ग है, जिसे हाथी पोल कहते हैं। इसकी लम्बाई लगभग 180 फीट है। इसका प्रवेश द्वार लगभग 55 फीट ऊंचा है। इसके अंदर से ही इस पार से उस पार तक एक नाला बहता है। इस सुरंग में हाथी आसानी से आ-जा सकता है। इसलिए इसे हाथी पोल कहा जाता है। सुरंग के भीतर ही पहाड़ से रिसकर एवं अन्य भौगोलिक प्रभाव के कारण एक शीतल जल का कुण्ड बना हुआ है। कवि कालीदास ने मेघदूत के प्रथम श्लोक में जिस ’’यक्षश्चक्रे जनकतनया स्नान पुण्योदकेषु’’ का वर्णन किया है वह सीता कुण्ड यही है। इस कुण्ड का जल अत्यन्त निर्मल एवं शीतल है।

कालिदास युगीन नाट्यशाला और शिलालेख, मेघदूतम् के प्राकृतिक चित्र, वाल्मीकी रामायण के संकेत तथा मेघदूत की आधार कथा के रूप में वर्णित तुम्वुरू वृतांत और श्री राम की वनपथ रेखा रामगढ़ को माना जा रहा है। मान्यता यह है कि भगवान राम ने अपने वनवास का कुछ समय रामगढ़ में व्यतीत किया था। भगवान राम के वनवास के दौरान सीताजी ने जिस गुफा में आश्रय लिया था वह ”सीताबेंगरा“ के नाम से प्रसिद्ध हुई। यही गुफाएँ रंगशाला के रूप में कला-प्रेमियों के लिए तीर्थ स्थल है। यह गुफा 44.5 फुट लंबी ओर 15 फुट चौड़ी है।

सीताबेंगरा के बगल में ही एक दूसरी गुफा है, जिसे जोगीमारा गुफा कहते हैं। इस गुफा की लम्बाई 15 फीट, चौड़ाई 12 फीट एवं ऊंचाई 9 फीट हैं। इसकी भीतरी दीवारे बहुत चिकनी वज्रलेप से प्लास्टर की हुई हैं। गुफा की छत पर आकर्षक रंगबिरंगे चित्र बने हुए हैं। इन चित्रों में तोरण, पत्र-पुष्प, पशु-पक्षी, नर-देव-दानव, योद्धा तथा हाथी आदि के चित्र हैं। इस गुफा में चारों ओर चित्रकारी के मध्य में पांच युवतियों के चित्र हैं, जो बैठी हुई हैं। इस गुफा में ब्रह्मी लिपी में कुछ पंक्तियां उत्कीर्ण हैं।

सरगुजा अपने अतीत के गौरव और पुरातात्विक अवशेषों के कारण अपना एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। यहां आने वाले पर्यटकों को रामायणकालीन युग का अहसास होता है।

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कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए शासन द्वारा सैंपल जांच की सुविधा लगातार बढ़ाए जाने के फलस्वरूप अब प्रदेश में रोजाना सैंपल जांच की क्षमता 11 हजार के करीब पहुंच गई है। अभी एम्स रायपुर के साथ ही प्रदेश के सभी छह शासकीय मेडिकल कॉलेजों में आरटीपीसीआर, 16 केंद्रों में ट्रू-नाट मशीनों से और सभी जिलों में रैपिड एंटीजन किट से सैंपलों की जांच की जा रही है। कोविड-19 की पहचान के लिए प्रदेश में 11 अगस्त तक कुल तीन लाख 88 हजार 852 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। इनमें से तीन लाख एक हजार 29 सैंपलों की जांच आरटीपीसीआर तकनीक से, 29 हजार 797 की जांच ट्रू-नाट विधि से और 58 हजार 206 सैंपलों की जांच रैपिड एंटीजन किट से किए गए हैं।

प्रदेश के सात मेडिकल कॉलेजों में स्थापित बीएसएल-2 लैब में रोजाना आरटीपीसीआर जांच की कुल क्षमता 4500 है। वहीं विभिन्न जिलों के 16 केंद्रों में स्थापित ट्रू-नाट मशीनों से रोज 2040 सैंपलों की जांच की जा सकती है। रैपिड एंडीजन किट से भी सभी 28 जिलों में प्रतिदिन 4450 सैंपलों की जांच की जा सकती है। आगामी 8-10 दिनों में सभी जिलों में ट्रू-नाट विधि से सैंपल जांच शुरू हो जाएगी। इसके लिए लैबों में मशीन स्थापना का काम तेजी से जारी है। प्रदेश के तीन निजी लैबों द्वारा भी सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच की जा रही है। वहीं दो अस्पतालों में ट्रू-नाट विधि से कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए सैंपल जांच की अनुमति दी गई है।

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कोरोना वायरस संक्रमितों की पहचान के लिए जांच का दायरा बढ़ाने के साथ ही प्रभावितों के इलाज के लिए विशेषीकृत कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। कोविड-19 के लक्षणरहित और हल्के लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रदेश भर के 176 कोविड केयर सेंटर्स में 20 हजार 750 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के सभी जिलों में अभी कुल लगभग 25 हजार बिस्तरों के लक्ष्य के साथ इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है। प्रदेश के 30 विशेषीकृत कोविड अस्पतालों में 3384 मरीजों के इलाज की व्यवस्था है। गंभीर मरीजों के लिए यहां 479 वेंटिलेटर्स के साथ 445 आईसीयू और 296 एचडीयू (High Dependency Unit) बिस्तर हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित 166 क्वारेंटाइन सेंटर्स में भी 4261 बिस्तर हैं। रायपुर और बिलासपुर के कुछ निजी अस्पतालों को भी कोविड-19 के इलाज की अनुमति दी गई है।

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रीबो के ईलाज के लिए बनी डीकेएस स्पेशलिटी अस्पताल की न्यूरो विभाग के छत गिरने और दो लोग के घायल होने की घटना के लिए कांग्रेस ने पूर्व की रमन सरकार में हुये गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यो को जिम्मेदार ठहराया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते दामाद पुनीत गुप्ता ने गरीबो के लिए बनाये गये डीकेएस सुपर स्पेशलिस्ट सरकारी अस्पताल को ही गिरवी रख दिया और करोड़ों रुपयों का हेरा फेरी की। मेडिकल इक्विपमेंट एम्बुलेंस खरीदी, बिल्डिंग निर्माण में भारी गड़बड़ियां की। 15 साल के रमन भाजपा सरकार में विकास कार्यो के नाम से मात्र कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार किया गया। निर्माण कार्यो की गुणवत्ता मापदंड पर ध्यान नही दिया गया। कई विकास कार्य तो धरातल में उतरे ही नही सिर्फ कागजो तक सिमट रहे और सरकारी खाजने से भुगतान तक निकाल लिया गया। विदेशों के पुल-पुलिया की फोटो को छत्तीसगढ़ का बताकर एवं एक जिले की सड़क की फोटो को दूसरे जिले की सड़क बता कर सोशल मीडिया में शेयर कर जनता को दिग्भ्रमित करने का काम किया जाता रहा।

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन, पुनीत के कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार की हवस इतनी बढ़ गई कि गरीबो के स्वास्थ सुविधा के लिए पुनित उद्देश्य से बन रही डीकेएस सुपर हॉस्पिटल को भी निगल गये। रमन सरकार में विकास कार्य नहीं बल्कि विकास कार्यों के नाम से कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार किया जाता रहा है। राजधानी में जनता के विरोध के बावजूद बनी आधी अधूरी स्काईवॉक रमन भाजपा के भ्रष्टाचार की स्मारक है,एक्सप्रेस-वे, डीकेएस में करोड़ो रुपया का हेराफेरी किया गया। राजधानी में बने गुणवत्ताविहीन ओवर ब्रिज, अंडरब्रिज रमन सिंह के भ्रष्टाचार की गवाही दे रहे है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन भाजपा के 15 साल के शासन काल में छत्तीसगढ़ का विकास नहीं हुआ बल्कि विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार कमीशनखोरी कर भाजपा के नेता जरूर अकूत दौलत के मालिक बन गए हैं। कई स्थानों पर भाजपा के शीर्ष नेताओं की बेनामी संपत्तियां हैं।

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झीरम मामले में एनआईए कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इस निर्णय ने साबित किया है कि झीरम नरसंहार के षडयंत्र की अलग से जांच करने का भूपेश सरकार का फ़ैसला एकदम सही है। उन्होंने कहा है यह भी स्पष्ट हो गया है कि केंद्र की भाजपा सरकार दूसरी केंद्रीय एजेंसियों की तरह एनआईए का भी दुरुपयोग कर रही है और वह नहीं चाहती कि झीरम का सच सामने आये।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा लगातार झीरम षड़यंत्र का पर्दाफाश होने से रोकने में लगी रही है। यह भाजपा के नेता ही बता सकते हैं कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा है कि एनआईए की प्रथम रिपोर्ट में माओवादियों के शीर्ष नेताओं गणपति, रमन्ना और गुड्सा उसेंडी झीरम घटना में भागीदारी की बात थी। लेकिन जब चालन पेश हुआ तो इनके नाम हटा दिए गए। तो किसके कहने से यह नाम हटे?

एनआईए की अदालत ने निर्देश दिए थे कि एनआईए गुड्सा उसेंडी का बयान दर्ज करे। लेकिन गिरफ़्तार हो चुके गुडसा उसेंडी से आज तक बयान तक नहीं लिया।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है की अदालत में एनआईए ने झीरम मामले की फाइनल रिपोर्ट दाखिल की और कहा कि एनआईए की झीरम की जांच पूर्ण हो गयी। एनआईए की वेबसाइट पर यह सूचना भी प्रदर्शित होती रही। लेकिन राज्य में भाजपा की हार के बाद जब कांग्रेस की सरकार आई और उसने झीरम के षडयंत्र की जांच के लिए एस आई टी के गठन की घोषणा की तो अचानक एनआईए को याद आ गया कि उसकी जांच पूरी नहीं हुई है। शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि एनआईए की आड़ में केंद्र की भाजपा सरकार षडयंत्र की जांच को रोक रही है।

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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख ने कहा है कि सीबीआई जांच के मामले में भी भाजपा की मंशा स्पष्ट हो गई थी। राज्य में कांग्रेस के दबाव में तत्कालीन रमन सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपने की घोषणा तो कर दी लेकिन केंद्र सरकार के दबाव में सीबीआई ने जांच हाथ में लेने से इनकार कर दिया। रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ की जनता को यह क्यों नहीं बताया कि सीबीआई ने जांच करने से इनकार कर दिया है?? प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि जो लोग जांच का विरोध कर रहे है वे ऐसा क्यों कर रहे? झीरम के शहीदों के परिजनों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की जनता भी जानना चाहती है कि षडयंत्र का पर्दाफ़ाश हो पर भाजपा के नेता इसे रोक रहे हैं। यह तो जनता भी समझ रही है कि ऐसा क्यों हो रहा है। पर यह जानना ज़रूरी है कि रमन सिंह और उनके कहने पर केंद्र सरकार किसे बचाना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि एनआईए जांच के नाम पर जो लीपापोती शुरु हुई वह बेहद पीड़ा पहुंचाती है। न तो एनआईए ने इस षडयंत्र की जांच की और न रमन सिंह सरकार ने जांच आयोग के जांच के दायरे में षडयंत्र को रखा है। राज्य सरकार जांच करना चाहती है तो अडंगे अटकाए जा रहे हैं।

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं सहित कार्यकर्ताओं और सुरक्षा कर्मियों की जान क्यों गई और इसका षडयंत्र किसने रचा यह जानने का हक़ छत्तीसगढ़ की जनता को है। इसे भाजपा के नेता छीनना चाहते हैं। अदालत के फ़ैसले ने साबित किया है कि राज्य सरकार का फैसला जनहित और जन भावना का फैसला है।

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और भाजपा विधायक दल के नेता धरमलाल कौशिक के रमन सिंह के बचाव में दिये गये बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रमन सिंह के 15 साल के शासनकाल में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी में भागीदार रहे भाजपा के नेता ही रमन सिंह को बचाने में लगे हैं। रमन सिंह सरकार की काली कमाई, काले कारनामों में पर्दा डालने में लगे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ना खाऊंगा ना खाने दूंगा कहा था। आज मोदी जी के ही शासनकाल में भ्रष्टाचार में शामिल लोगों की जांच की फाइल गायब हो जा रही है। इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता की माल्या की फाइल की तरह ही कल कही पनामा मामले में फंसे रमन मेडिकल कवर्धा निवासी अभिषाक सिंह की जांच फाइल भी गायब ना हो जाये।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि विष्णुदेव साय बतायें चुनाव आयोग को दिये शपथ पत्र के अनुसार ही रमन सिंह की आय के अधिक अनुपात में संपत्ति कैसे बढ़ रही है? विष्णुदेव साय यह भी बतायें कि रमन सिंह ऐसा कौन सा व्यापार, ठेकेदारी या उद्योग चला रहे थे जिससे उनकी संपत्ति में इतनी अनुपातहीन वृद्धि हुई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय में जरा भी नैतिकता है तो रमन सिंह एवं उनके परिवार की संपत्ति कहाँ-कहाँ पर है एवं बेनामी संपत्ति कितनी और कहाँ है इसकी जानकारी सार्वजनिक करें।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पूछा है कि भाजपा कांग्रेस के इस सवाल का जवाब क्यों नहीं देती कि रमन सिंह की संपत्ति 10 गुना कैसे हो गई? कांग्रेस ने रमन सिंह जी द्वारा हर चुनाव में दिए गए शपथ पत्रों के आधार पर उनसे साफ सुस्पष्ट सवाल पूछे हैं जिसका भाजपा के पास कोई जवाब नहीं है। दस्तावेज सहित सप्रमाण आरोपों पर भाजपा खोखली बयानबाजी से खारिज नहीं कर सकती है। रमन सिंह के खिलाफ दस्तावेजी सबूत के सामने आने से भाजपाई बौखला गये है। इसी बौखलाहट में भाजपाने झूठे एवं निराधार आरोप का सहारा लिया है।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और भाजपा के नेता रमन सिंह पर लगाये गये दस्तावेजों, सबूतो के साथ लगाये गये आरोपों को ऐसे खारिज कर रहे जैसे इंकम टैक्स विभाग, सीबीआई, ईडी या न्यायालय सब कुछ भाजपा के नेता ही बन गये है। भाजपा नेताओं में नैतिकता हो तो पहले डॉ रमन सिंह पर लगे आरोप की जांच पूरी होने तक उन्हें भाजपा से बाहर करें और जांच में सहयोग करने कहे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता पर सवाल करने से पहले खुद की लोकप्रियता का आंकलन कर ले तो बेहतर होगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ताओं का ही समर्थन नही है। लोकसभा चुनाव में पार्टी ने विष्णु देव साय को सांसद की टिकट के लायक नही माना वो लोकप्रियता की बात कर रहे है। विष्णु देव साय पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एवं उनकी पत्नी की काली कमाई पर पर्दा डालने लोक हितकारी किसान हितकारी कांग्रेस सरकार पर उंगली उठाना बंद करें।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा का चरित्र ही आर्थिक अपराधियों को संरक्षण देना है। भाजपा के बड़े नेताओं के संरक्षण में बैंकों को अरबों रुपए का चूना लगाने वाले विजय माल्या, नीरव मोदी, सुशील मोदी सहित कई नामी-गिरामी बैंक डिफाल्टर देश से बाहर निकल चुके हैं। भाजपा अपराधियों के लिए पनाहगाह है और भाजपा के नेता अपराधियों को देश से बाहर भेजने के लिए ट्रैवल एजेंट की भूमिका निभाते हैं।

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पुलिस से मिल जानकारी के अनुसार मुखबीर से सूचना मिली कि रायपुर की ओर से नदी मोड से होते महासमुन्द की ओर एक व्यक्ति अपनी नीले रंग की शोल्ड मोपेड गाडी (मेस्ट्रो) में अवैध रूप से भारी मात्रा में ब्राउन शूगर (हेरोइन) एवं आॅटोमैटिक पिस्टल रख कर बिक्री करने व सौदा बाजी करने के लिए ग्राहक तलाश करते हुये आ रहा है। उक्त सूचना पर पुलिस अधीक्षक श्री प्रफुल्ल ठाकुर के द्वारा जिले सायबर सेल टीम एवं थाना सिटी कोतवाली से टीम गठित कर अग्रिम कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया जिस पर टीम के द्वारा मुखबीर के बताये हुलिये अनुसार एक व्यक्ति नीले रंग के बिना नम्बर वाली मैस्ट्रों एज मोपेड वाहन में आ रहा था जो पुलिस की नाकेबंदी को देखकर भागने लगा जिसे पूर्ण संदेह होने पर दौडा कर रोका गया जिसे नाम पता पूछने पर अपना नाम शंकर लाल वैष्णव पिता जोधाराम वैष्णव उम्र 30 वर्ष सा. कासीराम नगर हनुमान मंदिर के पास थाना तेलीबांधा रायपुर एवं स्थायी ग्राम कानासार तह. फलोदी थाना फलोदी जिला जोधपुर, राजस्थान पता का रहने वाला बताया पुलिस को देख भागने का कारण पूछने पर गोल-मोल जवाब देने लगा।

आरोपी शंकल लाल वैष्णव की तलाशी लेने पर उसके पास से कमर में छुपा कर रखे एक आॅटोमैटिक पिस्टल 7.6 उउ व 02 नग मैग्जीन व 02 नग जिंदा कारतूस को बरामद किया गया एवं तलाशी दौरान जेब से 50 ग्राम मादक पदार्थ ब्राउन शूगर मिला तथा नीले रंग के मैस्ट्रो एज मोपेड गाडी के डिक्की से 01 Horlick के डिब्बे में भुरे रंग का पाउडर मादक पदार्थ 550 ग्राम ब्राउन शूगर एवं 01 अन्य प्लास्टीक के डिब्बे में मादक पदार्थ 180 ग्राम ब्राउन शूगर मिला। जिसकी राष्ट्रीय बाजार में कीमत प्रति ग्राम 20,000 रूपयें आंकी जाती है तथा 02 नग मोबाईल, 01 नग सिल्वर कलर की डिजीटल इलेक्ट्रानिक तौल मशीन, 01 नग स्टील का चम्मच, 25 नग जीपर वाली पाॅलीथीन पैकेट, नगदी रकम 950/- रूपये मिला। जिसपर से आरोपी शंकर लाल वैष्णव पिता जोधाराम वैष्णव उम्र 30 वर्ष सा. कांशीराम नगर हनुमान मंदिर के पास थाना तेलीबांधा रायपुर छ0ग0 के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम की धारा 21सी व 22 तथा 25 आआर्म्स एक्ट के तहत् थाना सिटी कोतवाली महासमुंद में कार्यवाही की जा रही है।

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यह संपूर्ण कार्यवाही पुलिस अधीक्षक श्री प्रफुल्ल ठाकुर के निर्देशन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमति मेघा टेम्भुरकर एवं अनु0अधिकारी(पु) महासमुंद श्री नारद सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक संजय सिंह राजपूत, उप निरीक्षक योगेश सोनी व सउनि. नवधाराम खाण्डेकर प्रआर. मिनेश ध्रुव, प्रकाश नंद, प्रवीण शुक्ला आर. संदीप भोई, देव कोसरिया, छत्रपाल सिन्हा, शुभम पाण्डेय, चम्पलेश ठाकुर, अजय जांगडे, रवि यादव, लाला राम कुर्रे के द्वारा की गई।

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