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शनिवार रात लग्जरी बस से इटली के 37 छात्र मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर पहुंचे। इटली का नाम सुनते ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 37 छात्रों की जांच कर उन्हें कन्या छात्रावास राहत शिविर में क्वॉरेंटाइन किया गया। रविवार को उन्हें आंध्र प्रदेश के लिए रवाना कर दिया गया। हालांकि राहत की बात यह रही कि उनमें कोई भी संदिग्ध नहीं मिला।
छात्रों ने बताया कि वह आंध्र प्रदेश के निवासी हैं और अपने घर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1 महीने पहले वे सभी इटली से दिल्ली पहुंचे, दिल्ली में उनके उनका स्वास्थ्य जांच किया गया और 28 दिनों तक क्वॉरेंटाइन में रखा गया। डॉक्टर जब पूरी तरह से संतुष्ट हो गए तो उन्हें स्पेशल पास जारी किया ताकि वह दिल्ली बॉर्डर पार कर सके।

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सुबह होते ही छात्रों की जानकारी जैसे ही चिल्फी के ग्रामीणों को हुई तो वह छात्रावास की ओर पहुंचे और मांग करने लगे कि इनको तुरंत ही बाहर किया जाए। ग्रामीण डर गए कि कहीं वह भी वायरस की चपेट में ना आ जाए। पहले तो पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने काफी समझाया नहीं माने तो पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग किया। हालांकि इस दौरान किसी को चोट नहीं आई।

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कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है। प्रशासन ने समाज सेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों और अन्य लोगों द्वारा घूम-घूम कर जरूरतमंद लोगों को राशन सामग्री के वितरण पर रोक लगा दी है। प्रशासन की ओर से इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि किसी भी संस्था या व्यक्तिक रूप से राहत के लिए रशद बांटने की जगह दान दाता प्रशासन के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को सहयोग करें। जिन्हें भी दान करना है वे प्रशासन के पास दान सामग्री या दान राशी जमा कर लोगों का सहयोग कर सकते हैं।

राशन बांटने की आढ़ में लोग धारा 144 को नजर अंदाज भी कर रहे थे। इसे देखते हुए मंत्रालय से आज एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें लिखा है कि निकायों में अनेक जनप्रतिनिधियों, एजेंसियों, संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा आवश्यक सामग्री वितरण किए जाने के कारण जन स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अति आवश्यक फिजिकल डिस्टेंसिंग के सिद्धांत का पालन नहीं किए जाने की संभावना बनी रहती है।

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इस कार्य के लिए इच्छुक दान दाताओं और संस्थाओं से भी प्रशासन ने अपील की वह ऐसी समस्त सामग्री जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएं। नगरीय निकाय ऐसे समस्त जनप्रतिनिधियों और दानदाताओं के सम्मान स्वरूप सोशल मीडिया के माध्यम से उनको धन्यवाद ज्ञापित कर सकते हैं, जिससे अन्य नागरिकों को भी प्रेरणा मिलेगी।

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नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न स्थलों के बोरवेल, हैंडपंप एवं अन्य जल स्रोतों का नमूना लेकर 77 एमएलडी जल शोधन संयंत्र में टेस्टिंग के लिए जोन के द्वारा भेजा जा रहा है। उप अभियंता अर्पित बंजारे ने बताया कि जल संशोधन संयंत्र में नियमित रूप से रॉ वाटर एवं क्लियर वाटर का दिन में तीन बार टेस्ट किया जा रहा है इसके साथ ही प्रत्येक जोन से 10-10 सैंपल की भी टेस्टिंग की जा रही है। जल की गुणवत्ता परखने जल शोधन संयंत्र के लैब में पीएच, क्लोराइड, हार्डनेस, टर्बाडिटी, टीडीएस आदि का परीक्षण किया जा रहा है। जल जनित बीमारी पीलिया से बचाव के लिए निगम भिलाई द्वारा प्रारंभिक तौर से प्रयास किए जा रहे हैं और यह भी लगातार अपील की जा रही है कि पानी को उबालकर पिए छानकर पिए एवं शुद्ध पानी का ही उपयोग करें।

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निगम द्वारा जन जागरूकता के तहत पंपलेट के माध्यम से जल जनित बीमारियों से बचाव के उपाय भी बताए जा रहे हैं। शहर को शुद्ध पेयजल प्रदाय करने के लिए निगम भिलाई द्वारा पाइपलाइन लीकेज की मरम्मत, बोरवेल एवं हैंडपंप के आसपास सफाई रखने ब्लीचिंग एवं चुना का छिड़काव, क्लोरीन टेबलेट का घर-घर वितरण, नियमित रूप से पानी की टेस्टिंग, पानी टैंकरो मे रबर पेंट एवं जोन के अधिकारियोंध्कर्मचारियों द्वारा जल स्रोतों का निरीक्षण आदि कार्य किया जा रहा है। जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें सख्त निर्देश दिए हैं। नगर पालिक निगम भिलाई अपील करती है कि कहीं पर भी पाइप लाइन लीकेज दिखे या पेयजल स्रोतों की गुणवत्ता में खामी नजर आए तो अपने क्षेत्र के जोन कार्यालय के अधिकारियोंध्कर्मचारियों को अवगत कराएं।

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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तेजी से फैल रहे पीलिया संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने रोजाना सुबह 6:30 बजे से लेकर 7:30 बजे तक बिजली गुल करने का फैसला लिया है. सोमवार को रायपुर के पीलिया प्रभावित इलाकों में सुबह बिजली गुल रही. नगर निगम प्रशासन ने इसके लिए बकायदा जिला प्रशासन से मांग की थी. इसके बाद कलेक्टर ने बिजली विभाग के चीफ को पत्र लिखकर 1 घंटे पीलिया प्रभावित इलाकों में बिजली सप्लाई स्थगित करने की मांग की है

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बिजली गुल किए जाने को लेकर नगर निगम की दलील है कि नल खोलने के समय में लोग पंप से पानी खींच रहे हैं. इस वजह से नलों में दूषित पानी आने की संभावना ज्यादा है. इसलिए नल खुलने के समय में बिजली गुल करने की मांग नगर निगम ने की थी. रायपुर के पीलिया प्रभावित क्षेत्र आमापारा, मंगल बाजार, स्वीपर कॉलोनी, महामाई पारा, मोवा, सड्डू ,चंगोराभाठा और मठपुरैना इलाके में आज बिजली की सप्लाई सुबह एक घंटे के लिए बंद की गई.

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। कोरोना वायरस के रोकथाम और नियंत्रण के लिए देश भर में लॉकडाउन किया गया है। वहीं प्रशासन युद्ध स्तर पर लॉकडाउन के नियमों का पालन करवाने में लगा हुआ है। इसी बीच 3 पुलिसकर्मियों द्वारा ड्यूटी में लापरवाही करने का मामला सामने आया है। इस मामले में एसपी ने एएसआई और दो आरक्षकों को निलंबित कर दिया है। यह मामला दरभा थाना का है, जहां बस्तर एसपी दीपक कुमार झा औचक निरीक्षण पर पहुंचे और जायजा लिया इस दौरान उन्होंने पाया कि दरभा पुलिस आने-जाने वालों को न रोक रही है और न ही पूछताछ कर रही है। इस क्षेत्र में लोग लॉकडाउन का पालन न करते हुए अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र में कोरोना वायरस का फैलने का खतरा बना हुआ है। कार्य में लापरवाही बरतने पर एसपी ने एक थानेदार को 'निंदा' की सजा के साथ ही एएसआई और दो आरक्षकों को निलंबित कर दिया है। एसपी ने तत्काल दरभा टीआई लालजी सिन्हा को उनके सेवा पुस्तिका में 'निंदा' की सजा दी है। इसके साथ ही दरभा थाना में पदस्थ एएसआई भुवनेश्वर चंद्रवंशी, आरक्षक सुन्हेर सिंह मतलाम और आरक्षक जमुना ठाकुर को काम में लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया है।

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कोरोना से जंग के बीच देश की बड़ी आबादी लॉकडाउन को सफल करने के लिए सरकार का पूरा सहयोग कर रही है. तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जो खुद खतरा उठा रहे हैं और दूसरो को भी खतरे में डाल रहे हैं. हद तो तब हो गई जब दो लोगो ने एंबुलेंस में सवारी बुकिंग शुरू कर दी. धमतरी में कोतवाली पुलिस ने दो एंबुलेंस को पैसेंजर ढोते हुए पकड़ लिया. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दोनो एंबुलेंस सवारियों को धमतरी से राजनांदगांव छोड़ने जा रहे थे. इसके लिए बकायदा बुकिंग ले रखी थी. पुलिस ने जब इन्हें पकड़ा तो दोनों चालक बचने के लिए गाड़ी में मरीज होने का बहाना बनाने लगे. लेकिन जब पुलिस ने थोड़ी सख्ती दिखाई और कागजात मांगे तब सारी पोल पट्टी खुल गई. चालको ने खुद सारी हकीकत बताई और खुलासा हुआ कि एंबुलेंस की आड़ में लॉकडाउन को गच्चा देकर पैसे कमाने का धंधा चल रहा था.

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एंबुलेंस आपात सेवा के लिए होता है. इसलिए चाहे कितनी भी ट्रैफिक हो, कितना भी वीआईपी मूवमेंट हो, चाहे कर्फ्यू ही क्यों न लगा हो, एंबुलेंस को रोकना और जांच करना तो दूर उल्टे पुलिस और आम लोग तक इसके लिए रास्ता छोड़ देते हैं. इसी का फायदा उठा कर लोग पैसे कमाने की फिराक में थे, लेकिन पकड़े गए. कोतवाली पुलिस ने दोनो एंबुलेंस को जब्त कर लिया है और चालक विकास मानिकपुरी और वसीमुद्दीन कुछावा को गिरफ्तार कर लिया है. दोनो ही आरोपी धमतरी के रहने वाले हैं और धमतरी के ही दो निजी एंबुलेंस के चालक हैं. इन्होंने न सिर्फ पूरे सिस्टम को धोखा देने की कोशिश की बल्कि अपने मालिको को भी अंदेरे में रखा,कोतवाली पुलिस ने इस मामले में वसीमुद्दीन और विकास के खिलाफ मुकदमा कायम किया है. दोनों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है

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छत्तीसगढ़ में कोरबा जिला का कटघोरा इलाका कोरोना वायरस संक्रमण का हॉट स्पॉट बन गया है. प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण कोविड-19 से संक्रमित 31 मरीज मिले हैं. इनमें से 22 कटघोरा की पुरानी बस्ती इलाके से हैं. यही वजह की प्रशासन ने उस इलाके को सीलबंद कर दिया है. इतना ही नहीं कटघोरा के उस इलाके के सभी व्यक्तियों का कोविड-19 टेस्ट करने के निर्देश सरकार ने दिए हैं.
,br>छत्तीसगढ के स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि 'एक 16 साल के लड़के ने 21 लोगों को संक्रमित कर दिया, जिसने सरकार को चिंता में डाल दिया. इस संक्रमण को रोकने का रास्ता लॉकडाउन और रैपिड टेस्ट ही है. अभी हमारे पास संसाधन नहीं हैं, जो टेंडर में भाग ले रहे थे कि वो टेंडर अमेरिका चला गया. केन्द्र सरकार से टेस्टिंग किट मुहैया कराने की मांग की गई है. '

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टीएस सिंहदेव ने कहा- आज के दिन के हिसाब से एम्स में 500 बिस्तर की व्यवस्था है. 622 वैंटिलेटर है. बड़ी सुनामी आई तो कोई भरसक व्यवस्था नही रहेगी. 2-3 हजार बिस्तर और बढ़ाए जा सकते हैं. लेकिन एक सीमा से अधिक आंकड़ा हुआ तो क्या भारत, क्या छत्तीसगढ़. बाकि देशों के हालात देखे जा सकते हैं. 12 अप्रैल को कैबिनट की बैठक हुई सबकी राय ली गई है. अंतर्राज्यीय आवाजाही को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

यहाँ उल्लेखनीय है की कोरबा जिले के कटघोरा में तबलीगी जमात के सदस्य एक 16 साल के किशोर में बीते 4 अप्रैल को कोविड-19 के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके बाद उसके संपर्क में आए अब तक 21 और लोग संक्रमित पाए गए हैं. प्रदेश में फिलहाल कोरोना के 21 एक्टिव केस हैं और ये सभी कटघोरा में 16 साल के किशोर के संपर्क में आए लोग ही हैं.

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दिल्ली के निजामुद्दीन से लौटे जमाती युवक के घर पुलिस, डॉक्टर और जिला प्रशासन की टीम ने दबिश दी है। अचानक उसकी तबीयत खराब होने की सूचना के बाद टीम ने युवक के घर पहुंचा है।जानकारी के अनुसार जमाती युवक 6 अप्रैल को दिल्ली के निज़ामुद्दीन में था। वहां से कब सुकमा आया। इसकी जानकारी नहीं दी है। दिल्ली के निजामुद्दीन से एक फोटो फेसबुक में पोस्ट किया है। इधर इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन अलर्ट हो गया।इस बीच अब उसकी तबीयत खराब होने के बाद पुलिस, डॉक्टर और जिला प्रशासन की टीम घर में दबिश दी। फिलहाल जमाती युवक का उपचार डॉक्टरों की निगरानी में किया जा रहा है।उसका सैंपल लिया है।

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सोमवार को उद्योग एसोसिएशन की वीडियो कॉंफ्रेसिंग के जरिए बैठक हुई। इसमें प्रदेश के बड़े एसोसिएशन ने लॉकडाउन की अवधि में उद्योग का कारोबार चालू नहीं करने का निर्णय लिया।
• एसोसिएशन की बैठक में चर्चा की गई कि छत्तीसगढ़ राज्य माल का उत्पादन करता है। फिर उसे दिल्ली, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में भेजा जाता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से माल का ट्रांसपोर्ट नहीं हो सकेगा। इसको लेकर सरकार की तरफ से कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है। ऐसे में माल बनाने के बाद उसका ट्रांसपोर्ट नहीं हो पाएगा, तो माल बनकर केवल डंप ही रह जाएगा।
• उद्योग एसोसिएशन ने सरकार के उद्योगों में सिर्फ 40 प्रतिशत मजदूरों से काम लिए जाने के फैसले पर असहमति जताई है। इनका कहना है कि 40 प्रतिशत मजदूरों से सिर्फ मेंटेनेंश का काम ही हो सकता है। इनसे उत्पादन का काम नहीं लिया जा सकता है।
• एसोसिएशन ने बैठक में इस बात पर भी कड़ी अपत्ति जताई कि केंद्र और राज्य सरकार ने उद्योगों को लॉकडाउन के दौरान किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी है।
• इससे वो काम कर पाने में अपनी असहमित जाहिर कर रहे हैं। उन्होंने बैंकों को भी आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार से मिले निर्देशों के बाद भी बैंकों द्वारा ईएमआई काटी जा रही है।

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• उद्योगपतियों का बैठक में कहना था कि प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान आम लोगों को 30 अप्रैल तक की छूट मिली है, जबकि उद्योगों को कोई छूट नहीं मिली है।
• वहीं कई राज्यों में उद्योगों को बिजली फिक्स चार्जेस की छूट दी गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस प्रकार की कोई राहत नहीं दी गई है। प्रदेश में उद्योगों को बिजली को लेकर भी किसी प्रकार की छूट नहीं मिलने पर उद्योगपतियों ने अपनी आपत्ति जताई है।
• वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई बैठक में उरला उद्योग एसोसिएशन, रोलिंग मिल एसोसिएशन, मिनी स्टील एसोसिएशन, स्पंज आयरन एसोसिएशन समेत प्रदेश के कई छोटे-बड़े उद्योग एसोसिएशन के सदस्य शामिल हुए।

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लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों और निर्सिंग होम्स के नियमित संचालन के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने निजी अस्पताल संचालकों को पत्र लिखकर जरूरी चिकित्सा सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने कहा है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के कारण निजी चिकित्सा संस्थानों द्वारा अस्पतालों का संचालन बंद कर दिया गया है जिससे आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

स्वास्थ्य विभाग ने पत्र में अस्पतालों और नर्सिंग होम्स का नियमित संचालन सुनिश्चित करने कहा है। कोविड-19 के मद्देनजर अस्पताल संचालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। चिकित्सा संस्थानों को मरीजों को देखने के लिए यथासंभव टेलीफोन या मोबाइल फोन के जरिए अलग-अलग समय देने कहा गया है, जिससे अस्पताल पहुंचने पर उनकी तत्काल जांच और परामर्श हो सके। इससे मरीजों की अनावश्यक भीड़ से भी बचा जा सकता है। लोगों को इस संबंध में सूचित करने के लिए अस्पताल परिसर में टेलीफोन नंबर सहित सूचना प्रदर्शित किया जाना चाहिए।

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स्वास्थ्य सचिव ने अस्पतालों में सभी मरीजों के लिए सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करवाने कहा है। इलाज के दौरान डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टॉफ द्वारा सुरक्षा मापदंडों और सावधानियों का पालन भी अनिवार्यतः करने के निर्देश दिए गए हैं। सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों के लिए पृथक प्रवेश एवं निकास द्वार, प्रतीक्षा कक्ष और ओपीडी कक्ष की व्यवस्था करने कहा गया है। बायो-मेडिकल वेस्ट का निपटान निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार करने के लिए भी निर्देशित किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने किसी मरीज में कोरोना वायरस संक्रमण के संभावित लक्षण पाए जाने पर चिन्हांकित जांच केन्द्रों में कोरोना रिफरल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उसे एम्बुलेंस से भेजने कहा है। इस तरह के रिफरल मामलों की सूचना टोल-फ्री नंबर 104 या संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी या स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए नंबर पर अनिवार्यतः देने कहा गया है। स्वास्थ्य सचिव ने आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने सहयोग का आग्रह किया है।

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कोरोना वायरस के चलते लगाई गई लॉकडाउन में बिजली बिल की रीडिंग इस महीने नहीं होगी। ऐसे में ​उपभोक्ताओं को औसत बिजली का भुगतान करना होगा। विद्युत कंपनी ने 30 अप्रैल तक बिल भुगतान करने की समय सीमा निर्धारित की है।इसके बाद अगले 2 महीने मी​टर की रीडिंग होगी। रीडिंग के आधार पर ही उपभोक्ताओं को बिल जमा करना होगा। फिलहाल अभी बिजली बिल की रीडिंग नहीं होने से विद्यृत कंपनी उपभोक्ताओं को मैसेज के जरिए बिजली ​बिल दे रहा है। वहीं किसी भी तरह की जानकारी और शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर 1912 पर उपभोक्ता कॉल कर सकते हैं।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां मुख्यमंत्री निवास में मंत्रीगणों और अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मंत्रिपरिषद के सदस्य और अधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉक डाउन बढ़ाने के मद्देनजर विभिन्न विभागों के कार्यो की समीक्षा की गई।

श्री बघेल ने कहा कि लॉकडाउन के संबंध में सभी मंत्रियों से महत्वपूर्ण सुझाव मिले हैं। भारत सरकार की गाइड-लाइन के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए पृथक से आदेश जारी किए जाएंगे, तथा इन आदेशों का कड़ाई से पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों को लागू करने में सभी मंत्रीगणों के नेतृत्व में अधिकारियों-कर्मचारियों में टीम भावना के साथ सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने बैठक में प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग किट, मास्क, पीपीई किट, ग्लब्स, सेनेटाईजर, वेन्टिलेटर की उपलब्धता, आइसोलेशन वार्ड, क्वारेनटाइन सेंटर, डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करने, कृषि से जुड़ी तैयारियों, पेयजल की स्थिति आदि व्यवस्थाओं की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए।

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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अभी तक लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में सरगुजा-बलरामपुर से लेकर सुकमा और दंतेवाड़ा तक एकरूपता के साथ काम किया गया, जिसके कारण हमें सफलता मिली। मंत्रियों से लेकर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को जारी किए गए आदेश और गाइड-लाइन में एकरूपता रही और सभी ने इसका कड़ाई से पालन किया। सभी मंत्रीगण, अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र है। श्री बघेल ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सचिव स्तर के सभी अधिकारी गाइड-लाइन को ध्यान में रखकर अपने निवास में कैम्प कार्यालय के माध्यम से कार्य सम्पादित करें। नस्तियों का मुवमेंट नियमानुसार करें।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ली गई, इस बैठक में सभी मंत्रीगणों सहित मुख्य सचिव श्री आर पी मंडल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मनिंदर कौर द्विवेदी, खाद्य सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह, नगरीय विभाग विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी., खनिज विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., उप सचिव श्रीमती सौम्या चौरसिया सहित विभिन्न विभागों के सचिव भी उपस्थित थे।

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कोविड 19 से बचाव के लिए केंद्र और राज्य की सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, बावजूद इसके संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। छत्तीसढ़ में कोरोना की स्थिति को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया है।जारी बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में आज पिछले 24 घंटे के भीतर में प्रदेश में एक भी कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, 21 मरीजों का उपचार रायपुर एम्स में लगातार जारी है।रदेश में अब तक कोरोना के 4377 संभावित मरीजों की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। इनमें से 3969 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। प्रदेश में अब तक 31 की पॉजिटिव आई है। शेष 377 सैंपलों की जांच जारी है। जबकि अब तक 10 मरीजों को रिकवर कर घर भेज दिया गया है और 21 मरीजों का उपचार जारी है। वहीं, दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने सार्वजनिक स्थानों में मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है।

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