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detail news only from Chhattishgarh ,dated: १६ जुलाई २०२०

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आज छत्तीसगढ़ प्रदेश में २४ घंटे के अन्दर मिलने वाली संख्या में तोडा है रिकॉर्ड आज शाम तक मिले है १९७ मरीज ,जो की अभी तक मिले संख्या में सबसे ज्यादा है जिसमे अभी भी सबसे ज्यादा मरीज राजधानी से मिले है .जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार रायपुर से ५७,बिलासपुर से ३२,राजनांदगांव से २३ ,दुर्ग से १७ ,कबीरधाम से १६,सरगुजा से 14,जांजगीर चांपा से १२,बेमेतरा से ९ ,जशपुर से ५ कोरबा से ०४,रायगढ़ और बलौदा बाजार से 3 3 ,बलरामपुर और अन्य राज्य से 1 1, शामिल है

राजधानी में आज फिर 5७ नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, शहर के डीकेएस अस्पताल और आजाद चौक थाना में भी मरीज मिले हैं।बड़ी खबर यह है कि इन मरीजों में कांग्रेस नेता नितिन भंसाली भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कांग्रेस नेता ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी है।



कवर्धा जिले में 10 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं,जो नए संक्रमित मिले हैं उनमें ग्राम तारो से 5, ग्राम खैरबना कला से 2, खदौड़ा खुर्द से 2 व ग्राम बरहट्टी से एक संक्रमित मिले हैं, इनमे 6 महाराष्ट्र से आए थे जो कि क्वारंटीन थे, वहीं 4 की ट्रैवल हिस्ट्री का पता लगाया जा रहा। आज मिले संक्रमित मरीजों में एक किराना दुकान संचालक और एक कपड़ा दुकान संचालक है.

बेमेतरा जिले के बेरला जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम जामगांव में मिला 35वर्षीय महिला कोरोना पॉजिटिव मरीज,आज बेमेतरा जिले में मिला दो मरीज .दोनों बेरला ब्लाक के हैं पहला बेरला नगर पंचायत वार्ड.क्रमांक 04 से है दुसरा ग्राम पंचायत जामगांव में है

वहीं अंबिकापुर में भी 10 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। सभी को कोविड अस्पताल में दाखिल किया जा रहा है, यहां 14 कंटेन्मेंट जोन बनाकर ड्रोन से निगरानी की जा रही है।

बिलासपुर में ३२ मरीजो की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि सिम्स चिकित्सा अधिकारी के पति और बच्चे की रिपोर्ट गुरुवार को पॉजिटिव आ गई है जिसके बाद उन्हें जिले के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया गया है।




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छत्तीसगढ़ में आयोग, निगम, मंडलों में नियुक्ति की लिस्ट जारी हो गई है. 32 लोगों को निगम मंडल में स्थान मिला है. रायपुर संभाग से 14, सरगुजा संभाग से 4, बिलासपुर संभाग से 4, दुर्ग संभाग से 4, बस्तर संभाग से 6 नेताओं को जगह मिली है:ये हैं इनकी सूची



नाम पद निगम/बोर्ड
देवेंद्र बहादुर अध्यक्ष राज्य वन विकास निगम
कुलदीप जुनेजा अध्यक्ष हाउसिंग बोर्ड
गिरीश देवांगनअध्यक्ष मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन
रामगोपाल अग्रवालअध्यक्ष स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन
शैलेष नितिन त्रिवेदी अध्यक्ष टेक्स्ट बुक कॉर्पोरेशन
सुभाष धुप्पड़ अध्यक्ष रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरडीए)
महेश शर्मा सदस्य बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड
सतीश अग्रवाल सदस्य बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड
करुणा शुक्ल चेयरपर्सन समाज कल्याण बोर्ड
किरणमयी नायकचेयरपर्सन राज्य महिला आयोग
नितिन सिन्हा सदस्य टेक्स्ट बुक कारपोरेशन
राजकुमार दीवानउपाध्यक्ष स्टेट शेड्यूल्ड ट्राइब्स कमीशन
राजेंद्र तिवारी अध्यक्ष खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड
सुरेंद्र शर्मा अध्यक्षराज्य कृषक कल्याण परिषद
बालकृष्ण पाठक अध्यक्ष स्टेट मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड
सफी अहमद अध्यक्ष लेबर वेलफेयर बोर्ड
अजय अग्रवाल उपाध्यक्ष स्टेट लेवल 20 प्वाइंट इंप्लीमेंटेशन रिव्यू
गुरप्रीत बांबरा अध्यक्ष स्टेट फूड कमीशन
महंत राम सुंदर दास अध्यक्ष स्टेट गौ सेवा आयोग
बैजनाथ चंद्राकर अध्यक्ष स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (अपेक्स) कोऑपरेटिव एक्ट
थानेश्वर साहूअध्यक्ष स्टेट बैकवर्ड क्लास कमीशन
पद्मा मनोहर सदस्य स्टेट बैकवर्ड क्लास कमीशन
अरुण वोरा अध्यक्ष स्टेट वेयरहाउसिंग कारपोरेशन लिमिटेड
धनेश पटालिया अध्यक्ष अन्त्यसेवी सहकारी वित्त आवाम विकास निगम
महेश चंद्रवंशी सदस्य स्टेट बैकवर्ड क्लास कमीशन
नीता लोधी उपाध्यक्ष अन्त्यसेवी सहकारी वित्त अवाम विकास निगम
चंदन कश्यप अध्यक्ष हस्तशिल्प विकास बोर्ड
एम आर निशाद अध्यक्ष मछुआ कल्याण बोर्ड
मिथिलेश स्वर्णकार अध्यक्ष रिन्युवेबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी
नितिन पोटाई सदस्य स्टेट शेड्यूल्स ट्राइब्स कमिशन
छविंद्र कर्मा उपाध्यक्ष स्टेट मेडिसिनल प्लांट बोर्ड
कल्पना सिंह सदस्य समाज कल्याण बोर्ड

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अम्बिकापुर निगम क्षेत्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा एवं पुलिस अधीक्षक श्री टीआर कोशिमा ने आज अन्य प्रशासनिक अधिकारियो के साथ मोमिनपुरा कंटेन्मेंट जोन एरिया में संक्रमण से बचाव और सुरक्षा तैयारियों का निरीक्षण कर स्थित का जायजा लिया। कलेक्टर श्री झा ने संक्रमण के नियंत्रण हेतु मोमिनपुरा एवं रासुलपुर के चारों कंटेन्मेंट जोन को मिलाकर एक साथ सील कर सख्त निगरानी के निर्देश दिए। निगरानी में सख्ती के लिए पूरे कंटेन्मेंट जोन की निगरानी ड्रोन कैमरे से करने कहा। इसके साथ ही कंटेन्मेंट जोन के अंदर की गलियों को भी पूरी तरह से ब्लॉक कर गलियों को बांस के साथ नेट लगाकर मजबूत घेरा लगाकर बेरिकेटिंग करने निर्देशित किया। सुरक्षा के मद्देनजर बेरिकेटिंग के पास चारो तरफ पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तथा प्रशासन के कर्मचारी 24 घंटे तैनात करने तथा कंटेन्मेंट जोन के पास 1 नायब तहसीलदार की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिये। कंटेन्मेंट जोन में नियमों के पालन नही करने वाले के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।अब जोन के अंदर किसी भी तरह का आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा। चाहे वह अधिकारी हो या कर्मचारी किसी भी व्यक्ति को कंटेन्मेंट जोन से आने जाने की अनुमति नही दी जाएगी। अंदर का व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में बाहर नही निकलेगा। जोन के अंदर रहने वाले परिवारों के लिए आवश्यकतानुसार जरूरी खाद्य सामग्री की उपलब्धता हेतु कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। सब्जी और दूध इत्यादि आवश्यक सामानों के पूर्ति के लिए कंटेन्मेंट जोन के अंदर स्वास्थ्य विभाग की टीम पूर्ण सुरक्षा किट के साथ मौजूद रहेगी जो ड्रॉपडाउन से सामान लाने ले जाने का कार्य करेगी।

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कलेक्टर ने सैम्पल लेने वाले मेडिकल टीम को निर्देशित किया कि कोरोना पॉज़िटिव के संपर्क में आने वालों की संख्या का सही जानकारी लेने के लिए मरीज का इंटरव्यू लेते समय ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करें। पुलिस अधीक्षक श्री कोशिमा ने कहा कि कण्टेन्मेंट जोन के आगत एवं निर्गत पॉइंट पर पोलिस कर्मी और निगम के कर्मचारी बेहतर ताल-मेल बनाएं।उल्लेखनीय है कि अम्बिकापुर नगर निगम अंतर्गत अब तक 79 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं जिसमें से 25 लोग डिस्जार्च हुए हैं। वर्तमान में मोमिनपुरा एवं रसुलपुर क्षेत्र से 20 मरीजों का इलाज जारी है।निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत के सीईओ श्री कुलदीप शर्मा, निगम आयुकत श्री हरेश मंडावी, एसडीएम श्री अजय त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में देश की अपनी तरह की अनूठी ’गोधन न्याय योजना’ छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व से 20 जुलाई को प्रारंभ हो रही है। पशुपालकों से गोबर खरीदी की इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के संबंध में राज्य शासन के कृषि विकास, किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश सभी संभागायुक्तों, जिला कलेक्टरों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, नगर निगम के कमिश्नरों, नगर पालिका और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को जारी कर दिए गए हैं। गोबर के क्रय और भुगतान की प्रक्रिया, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए स्व सहायता समूहों के प्रशिक्षण, वर्मी कम्पोस्ट टांका निर्माण, गौठानों में गोबर प्रसंस्करण, वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग, वर्मी कम्पोस्ट के विपणन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। योजना के संचालन एवं क्रियान्वयन का सम्पूर्ण दायित्व जिला कलेक्टरों का होगा।
    गोधन न्याय योजना ग्रामीण क्षेत्र में बनाए गए 2408 गौठान और शहरी क्षेत्र के 377 गौठानों में संचालित की जाएगी। योजना से पशुपालकों की आय में वृद्धि और पशुधन विचरण एवं खुली चराई पर रोक लगेगी। जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा एवं रासायनिक उर्वरक उपयोग में कमी आएगी। खरीफ एवं रबी फसल सुरक्षा एवं द्विफसलीय क्षेत्र विस्तार होगा। स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता होगी। स्थानीय स्व सहायता समूहों को रोजगार भी मिलेगा। भूमि की उर्वरता में सुधार, विष रहित खाद्य पदार्थो की उपलब्धता एवं सुपोषण के स्तर में सुधार होगा।
 
नवीन गौठानों की स्थापना के साथ होगा योजना का विस्तार

    गोधन न्याय योजना का कार्यक्षेत्र संपूर्ण प्रदेश आगामी वर्षो में नवीन गौठानों की स्थापना के साथ-साथ आवश्यकता अनुसार योजना का विस्तार किया जाएगा। गोबर का क्रय एवं भुगतान की प्रक्रिया के अनुसार गौठान समितियों द्वारा उसी पंचायत का गोबर क्रय किया जा सकेगा। गौठान समिति गोबर खरीदी के लिए समय का निर्धारण किया जाएगा। गौठान में गोवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुपालक से गोबर का क्रय शासन द्वारा निर्धारित दर से किया जाएगा। वर्तमान में शासन द्वारा 2 रूपए किलोग्राम (परिवहन व्यय सहित) की दर निर्धारित की गई है। पशुपालक गोबर का विक्रय स्वैच्छिक रूप से कर सकेंगे। गोबर की गुणवत्ता हाथ में उठाये जाने लायक अर्धठोस प्रकृति की होगी। गोबर में कांच, मिट्टी, प्लास्टिक इत्यादि नही होना चाहिए।
    गौठान समिति द्वारा पशुपालकों से क्रय किए जा रहे गोबर का लेखा विवरण दो प्रतियों में रखा जाएगा। गोबर क्रय पत्रक का नमूना निर्धारित किया गया है। गोबर क्रय पत्रक में पशुपालक का हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से लिया जाएगा। हितग्राहियों से गोबर ही लिया जाएगा, गोबर के कोई उत्पाद यथा कंडा इत्यादि नहीं लिया जाएगा। बायोमॉस (जैविक अपशिष्ट) स्वेच्छा से गौठानों में प्रदाय किया जा सकता है, परंतु इसके लिए कोई भी राशि देय नहीं होगी।
    गौठान में रहने वाले पशुओं द्वारा उत्सर्जित गोबर गौठान के स्वत्व में होगा, उसके लिए पशुपालक को पृथक से राशि देय नहीं होगी। गौठान में पशुओं हेतु यथासंभव हरा चारा की आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। क्रय उपरांत गोबर को संग्रहित कर गौठान में सामान्यतः अंदरूनी क्षेत्र में निर्मित सीपीटी में रखा जाएगा तथा 15 से 20 दिन के उपरांत वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में उपयोग किया जाएगा। क्रय किए गए गोबर की राशि का भुगतान प्रत्येक 15 दिवस में गौठान समिति द्वारा हितग्राहियों को किया जाएगा। गोबर के भार मापन हेतु कैलिबरेटेड फर्मा, तराजू का उपयोग किया जाएगा। गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के किसी भी प्रक्रिया अथवा चरण में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति, सदस्य को शामिल नहीं किया जाएगा। गौठान में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन हेतु स्व सहायता समूह का चिन्हांकन, चयन अनिवार्य रूप से तत्काल करने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में चरवाहा स्व-सहायता समूह के अभिन्न अंग होगे। यह कार्य कलेक्टर के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं शहरी क्षेत्रों में आयुक्त, मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरीय निकाय की निगरानी में किया जाएगा।

समूहों के प्रशिक्षण के लिए तैनात होंगे नोडल अधिकारी

    वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने हेतु प्रशिक्षण के संबंध में जारी निर्देशो के अनुसार कलेक्टर द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक गौठान के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए चिन्हांकित स्व-सहायता समूह को दो चक्रों में विस्तृत प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। समस्त गौठानों में वर्मीकम्पोस्ट निर्माण के लिए पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित सुनिश्चित किया जाएगा। समस्त गौठानों में समयावधि में प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कराने का दायित्व कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, उप संचालक कृषि, उप संचालक पशु चिकित्सा को होगा। शहरी क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्य राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत संपादित किया जाएगा।
    वर्मी कम्पोस्ट टांका निर्माण- प्रत्येक गौठान में गोबर की उपलब्धता के अनुसार वर्मी टांका बनाया जाएगा। वर्मी टांका का निर्माण मनरेगा के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा किया जाएगा। नगरीय क्षेत्र में वर्मी टांका का निर्माण संबंधित नगरीय निकायों द्वारा किया जाएगा। जिलावार भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए वर्मी टांका निर्धारित मापदण्ड के अनुसार बनाया जाएगा, ताकि कंेचुआ की जीवितता प्रभावित न हो, साथ ही वर्मी वॉश इत्यादि का एकत्रीकरण हो सके। वर्मी टांका 3.6मी.ग 1.5मी. ग 0.75मी. साईज का मनरेगा प्राक्कलन के अनुसार एवं पशुओं से प्राप्त हो रहे गोबर की मात्रा के आवश्यकता अनुसार किया जाएगा।
    स्व सहायता समूह द्वारा गौठान में संग्रहित, एकत्रित गोबर से प्राथमिक रूप से वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाएगा। स्थानीय मांग एवं आवश्यकतानुसार अन्य उत्पाद भी तैयार किए जा सकेंगे। उप संचालक कृषि अथवा मैदानी अमलों के निगरानी में तकनीकी मापदण्ड अनुसार चिन्हांकित स्व सहायता समूह के द्वारा गोबर, केचुआ एवं जैविक अवशेष आदि का वर्मी टांका में भराई की जाएगी। वर्मी टांका में 15-20 दिन का अपघटित गोबर का ही उपयोग किया जाएगा, ताकि गोबर से उत्पन्न होने वाली उष्मा एवं मिथेन गैस से केंचुआ पर विपरीत प्रभाव न पड़े।
 
विक्रय के लिए वर्मी कम्पोस्ट के दो, पांच और तीस किलो के बैग

    वर्मी कम्पोस्ट का पैकेजिंग- वर्मी कम्पोस्ट तैयार होने के बाद वर्मी कम्पोस्ट एवं केंचुआ को अलग-अलग करने हेतु छलनी का प्रयोग किया जाएगा। वर्मी कम्पोस्ट तैयार होने पर पैकिंग के पूर्व प्रत्येक चक्र में कृषि विभाग के उर्वरक निरीक्षण द्वारा प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु नमूना लिया जाएगा। गौठान में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट की गुणवत्ता परीक्षण एवं पैकेजिंग इत्यादि कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप विभाग (कृषि) की देख-रेख में स्व सहायता समूह द्वारा कराया जाएगा। वर्मी कम्पोस्ट की आकर्षक पैकेजिंग का कार्य स्व सहायता समूह द्वारा कलेक्टर द्वारा नामित नोडल अधिकारी के पर्यवेक्षण में किया जाएगा।
    पैकिंग उपरांत वर्मी कम्पोस्ट का सुरक्षित भण्डारण स्व सहायता समूह द्वारा किया जाएगा। पैकेजिंग हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं (पैंकिग बैग, पैकिंग बैग प्रिटिंग, वेट मशीन आदि) गौठान समिति की प्राप्तियां, चक्रीय निधि आदि से किया जाएगा। परीक्षण रिपोर्ट के सफल, मानक स्तर का होने पर 2 कि.ग्रा., 5 किग्रा. एवं 30 किग्रा. के पॉली बैग में पैकिंग स्व सहायता समूह द्वारा किया जाएगा। स्व सहायता समूह को पैकिंग बैग में उत्पाद का विवरण प्रिंटिंग कराना होगा।

कम्पोस्ट का वितरण सहकारी समितियों के माध्यम से

    वर्मी कम्पोस्ट का विपणन- वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय शासन द्वारा निर्धारित दर से किया जाएगा। वर्तमान में यह दर 8 रूपए प्रति किग्रा. निर्धारित किया गया है। विक्रय हेतु कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी। किसानों को गौठानों से वर्मी कम्पोस्ट का सीधा विक्रय नही किया जाएगा। अपितु उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का वितरण सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाएगा। वन विभाग, कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्यागिकी विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग एवं ग्रामोद्योग (रेशम) विभाग द्वारा विभागीय कार्यक्रम में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट को छोड़कर विभाग हेतु आवश्यक अतिरिक्त वर्मी कम्पोस्ट की मात्रा का क्रय गौठानों से किया जाएगा। किसी भी विभाग द्वारा टेण्डर से वर्मीकम्पोस्ट का क्रय नहीं किया जाएगा। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति एवं लैम्पस के माध्यम से कृषकों प्रदायित अल्पकालीन फसल ऋण के ऋण मान में वर्मी कम्पोस्ट अनिवार्यतः शामिल कर आदान सामग्री के रूप में वितरित किया जाएगा।
    योजना क्रियान्वयन का दायित्व- योजना के विभिन्न गतिविधियों का निर्धारित समयावधि में संपादन कराने का संपूर्ण दायित्व जिला कलेक्टर का होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में योजना के क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण का कार्य जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर क्रमशः मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा किया जाएगा। जबकि शहरी क्षेत्रों में यह दायित्व आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरीय निकाय का होगा। राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों द्वारा योजना की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।
    गोधन न्याय योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर मॉनिटरिंग समितियों का गठन किया गया है। राज्य स्तरीय अंतर्विभागीय अनुश्रवण एवं समन्वय समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई है। इस समिति में अपर मुख्य सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय, प्रमुख सचिव वन, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विभाग सदस्य, सचिव सहकारिता विभाग, और सचिव नगरीय प्रशासन विभाग सदस्य होंगे। कृषि उत्पादन आयुक्त एवं भार साधक सचिव, कृषि विभाग समिति के सदस्य सचिव होंगे। यह समिति योजना क्रियान्वयन की नीति तैयार कर समय-समय पर निर्देश प्रसारित करेगी। समिति का दायित्व योजना का अनुश्रवण करना, अंर्तविभागीय समन्वय एवं संबंधित विभागों को यथोचित निर्देश प्रसारित करना, योजना को बेहतर बनाने हेतु मैदानी अनुभव एवं सुझाव को मंत्रिमंडलीय समिति के समक्ष प्रस्तुत करना एवं गोबर क्रय दर एव वर्मी कम्पोस्ट विक्रय दर के निर्धारण के लिए अनुशंसा मंत्रिमंडलीय समिति को प्रस्तुत करना होगा।
    जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में किया गया है। इस समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, वन मंडलाधिकारी, आयुक्त/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगरीय निकाय, उप पंजीयक, सहकारिता, उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं, उप, सहायक संचालक, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सदस्य एवं उप संचालक कृषि को सदस्य सचिव बनाया गया है।
    इस समिति का दायित्व जिले स्तर पर योजना क्रियान्वयन हेतु कार्ययोजना तैयार करना, वर्मी कम्पोस्टर का गुणवत्ता नियंत्रक, मानक पैकिंग, विपणन की व्यवस्था करना, समस्त संबंधित भागीदारों को समय-सीमा में भुगतान सुनिश्चित करना, योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराना एवं गोठान समिति एवं स्व-सहायता समूह का क्षमता विकास करना होगा।

वर्मी कम्पोस्ट के वितरण हेतु दिशा-निर्देश
    प्रदेश में संचालित गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का वितरण सहकारी सोसायटी के माध्यम से किया जाना है। वर्मी कम्पोस्ट खाद का वितरण हेतु प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के अधीन आने वाले गौठानों को संबंधित समिति में संलग्न किया जाना होगा। योजना के क्रियान्वयन हेतु गौठानों, समितियों एवं समितियों के अधीन आने वाले गांवों का मैपिंग सोसायटी द्वारा किया जाएगा, जिसकी जानकारी किसानों एवं गौठानों समितियों को दी जाएगी।
    कृषि विभाग के द्वारा निर्धारित एफ.ए.क्यू मैपिंग एवं अन्य मापदण्ड की पूर्ति करने वाले खाद का ही वितरण सोसायटी के माध्यम से किया जाएगा। गौठान समिति में भंडारित खाद किसानों को वितरित की जाएगी। किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खाद का वितरण बैंक-सहकारी समिति द्वारा वस्तु ऋण के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। कोई भी किसान समिति से परिमट कटवाकर गौठान समिति में लेकर आएंगे तथा निर्धारित मात्रा में खाद प्राप्त करेंगे। जिसका प्रमाणीकरण गौठान समिति द्वारा किया जाएगा। किसानों द्वारा प्रमाणित पर्ची प्राप्त कर सोसायटी में जमा करना होगा। तत्पश्चात किसानों के ऋण खाते में ऋण राशि का समायोजन किया जाएगा।
    प्रति शुक्रवार को सहकारी सोसायटी द्वारा गौठान समिति को राशि का ऑनलाईन ट्रांसफर किया जाएगा। इसके लिए गौठान समिति को सहकारी बैंक में खाता खुलवाना होगा। प्रतिमाह सहकारी सोसायटी एवं गौठान समिति द्वारा वर्मी खाद क्रय-विक्रय के खातों का मिलान करेंगे। वर्मी कम्पोस्ट खाद की गुणवत्ता सें संबंधित शिकायतों का निराकरण कृषि विभाग के उप संचालक, कृषि एवं सहकारी सोसायटी के संबंधित शिकायतों का निराकरण जिले के सहायक, उप पंजीयक, सहकारी सोसायटी द्वारा किया जाएगा।
शहरी क्षेत्रों में क्रियान्वयन
     शहरी क्षेत्रों में गोधन न्याय योजना का प्रमुख उद्देश्य एकीकृत व्यवस्था के साथ सड़क में धूमने वाले पशुओं के नियंत्रण, खेत एवं बाड़ियों हेतु उच्च गुणवत्ता के जैविक खाद की उपलब्धता, शहरी स्वच्छता के माडल को सुदृढ़ करते हुए पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ पशुपालन से उत्सर्जित अपशिष्ट से होने वाले बीमारियों के बचाव हेतु अपशिष्ट का वैज्ञानिक निपटान किया जाना है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु योजना में कार्यरत शहरी गरीब परिवारों के आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन हेतु शहरी क्षेत्रों में गोबर का क्रय एवं गोबर से निर्मित गुणवत्ता युक्त वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय तथा गौठान समिति को आत्मनिर्भर बनाया जाना है।
    इस योजना के क्रियान्वयन में मितव्यवता एवं उपलब्ध अधोसंरचना की क्षमता का अधिकाधिक उपयोग, पूंजीगत व्यय की कमी, अन्य व्यवस्थाओं की दृष्टिकोण से निकाय में क्रियान्वयित स्वच्छ भारत मिशन से वित्त पोषित राज्य प्रवर्तित मिशन क्लीन सिटी के साथ (अभिसरण) कनवरजेंस किया जाना प्रस्तावित है। नगरीय क्षेत्र के प्रत्येक पशुपालक का निकाय स्तरीय पंजीयन किया जाएगा। इस हेतु निर्धारित प्रारूप में आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। पशुपालक के आवेदन जमा करने वार्ड कार्यालय, एस.एल.आर.एम. सेंटर, कम्पोस्ट शेड, गौठान आदि के काउंटर बनाए जाएंगे। आवेदन में अंकित जानकारी यथा पशुपालक का नाम, पशुओं की संख्या, उत्सर्जित गोबर की अनुमानित मात्रा आदि का पशुपालक द्वारा स्व-आकलित जानकारी का समूह एवं योजना के वार्ड प्रभारी द्वारा भौतिक सत्यापन उपरांत पंजीयन किया जाएगा। पंजीकृत पशुपालक को गोधन न्याय योजना अंतर्गत निर्धारित प्रारूप में कार्ड का वितरण किया जाएगा। गोबर खरीदी की जानकारी कार्ड एवं पंजी में दर्ज की जाएगी। यथासंभव स्वयंसेवी संस्थान अन्य संस्थानों के सहयोग से सर्वे उपरांत प्रत्येक पशुओं के गले में मवेशी मालिक के नाम, पता, मोबाईल नंबर की पट्टिा (सोहाई) बांधी जाएगी, जिससे खुले में घूमते पाये जाने की स्थिति में पशुपालक की जिम्मेदारी तय की जा सकेंगी।
शहरों में गोबर का  क्रय, गोबर खरीदी केन्द्र एवं संग्रहण
    शहरों में स्थित एसएलआरएम सेंटर, कम्पोस्ट शेड, गौठान में तराजू/फर्मा आदि की व्यवस्था के साथ गोधन न्याय योजना खरीदी केन्द्र बनाए जाएंगे। पंजीकृत पशुपालकों द्वारा ही गोबर का विक्रय गोधन न्याया योजना खरीदी केन्द्र में किया जाएगा। समूह द्वारा पशुपालक को गोबर के क्रय उपरांत शासन द्वारा निर्धारित दर अनुसार मय परिवहन शुल्क भुगतान किया जाएगा।

प्रसंस्करण एवं अधोसंरचना विकास
    शहरों में सर्वे उपरांत प्राप्त होने वाले गोबर के संभावित मात्रा के अनुरूप निकाय क्षेत्र में मिशन क्लीन सिटी योजना अंतर्गत निर्मित कम्पोस्ट शेड की क्षमता का आकलन संबंधित नगरीय निकाय द्वारा किया जाएगा। इस योजना अंतर्गत क्रय किए गए गोबर से निकाय की स्थिति अनुरूप वर्मी कम्पोस्ट, गार्डन पाऊडर, गोबर लकड़ी, गोबर धूपबत्ती, गोबर दीया, बायोगैस, नाडेप टांका खाद एवं अन्य संबंधित उत्पाद तैयार करने हेतु छोटी-छोटी परियोजनाएं तैयार की जाएगी। एकत्रित गीले कचे एवं क्रय किए गए गोबर के मिश्रण के निकाय में निर्मित कम्पोस्ट शेड में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जाएगा। साथ ही गोबर खरीदी के उपरांत परिवहन व्यय को कम किए जाने एवं शहरों में विकेंद्रिकृत गोठान की उपलब्धता को सुनिश्चित करने हेतु यथा संभव एसएलआरएम एवं कम्पोस्ट शेड के निकट की भूमि में निकाय की अवस्थिति अनुरूप निम्नानुसार शहरी गौठान शहरी गौठान विकसित किए जाएंगे।
    योजना में आवश्यकता अनुरूप वर्मी कम्पोस्ट एवं गोबर के क्रय के अन्य उत्पाद निर्माण हेतु कम्पोस्ट शेड की जानकारी तकनीकी एवं प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि हेतु निकाय द्वारा प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। प्रस्ताव का चरणवार अनुमोदन सक्षम प्राधिकारी द्वारा किया जाएगा। इस कार्य हेतु राशि की व्यवस्था पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता मद अंतर्गत केन्द्र, राज्य प्रवर्तित योजना में उपलब्ध प्रावधानों के तहत की जाएगी। वर्तमान में खाद विक्रय से प्राप्त होने वाले आय निकाय का राजस्व होता है। खाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, स्व-सहायता समूह की महिलाओं की कार्य प्रति रूचि बढ़ाने, खाद एवं अन्य प्रसंस्करण में लगने वाले खर्च की व्यवस्था आदि को दृष्टित रखते हुए खाद विक्रय से प्राप्त होने वाले राजस्व को स्व-सहायता समूह को प्रदान किया जाएगा।
विपणन एवं गुणवत्ता
    गोबर की खरीदी एवं गोबर से निर्मित खाद एवं अन्य उत्पाद का विक्रय स्व-सहायता समूह द्वारा ही किया जाएगा। गोबर का क्रय शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही की जाएगा एवं हितग्राहियों को गोबर क्रय का भुगतान पाक्षिक आधार पर किया जाएगा। गोबर का क्रय हेतु तराजू/आयतन मापक (वाल्यूमेट्रिक आधार अनुमानित वजन का पैमाना) कलेक्शन करने वाले स्व-सहायता समूह को उपलब्ध कराए जाएंगे।
    गोबर के क्रय हेतु लगने वाले आवर्ती व्यय की प्रतिपूर्ति स्व-सहायता समूह द्वारा उत्पाद विक्रय से की जाएगी। इस कार्य हेतु स्व-सहायता समूह को एकमुश्त एक बार ऋण निकाय द्वारा प्रदान किया जाएगा। इस हेतु किसी भी प्रकार की ब्याज स्व-सहायता समूह से नहीं लिया जाएगा एवं समूह के मासिक मानेदय से आगामी 24 माह में वसूली की जाएगी। खाद का विक्रय कृषि विभाग निर्धारित प्रक्रिया अनुसार पर स्व-सहायता समूह द्वारा किया जाएगा। जिला स्तरीय समिति द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया कृषि विभाग द्वारा तय गुणवत्ता मानक अनुसार खाद का निर्माण, गुणवत्ता परीक्षण एवं अनुषांगिक प्रक्रियाएं सुनिश्चित की जाएगी।
स्व-सहायता समूह प्रबंधन एवं प्रशिक्षण
    समूह का पंजीयन नगरीय निकायों द्वारा सिटी लेवल फेडरेशन, एरिया लेवल फेडरेशन एवं स्व-सहायता समूह हेतु प्रकाशित नियम के तहत किया जाएगा। समूह का प्रशिक्षण
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से समूह का गौठान प्रबंधन एवं कम्पोस्ट निर्माण विषयों में कृषि विभाग के द्वारा उपलब्ध अध्यन सामग्री के समावेश से किया जाएगा। निकाय में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन अन्तर्गत कार्यरत विशेषज्ञ को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण मिलेगा।

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छत्तीसगढ़ सरकार के परिवहन विभाग ने एक पदोन्नति आदेश जारी किया है, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा उपनिरीक्षकों को पदोन्नत कर निरीक्षक बनाया गया है।ये हैं इनकी लिस्ट


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महासमुंद जिले में पुलिसकर्मियों का थोक में तबादला हुआ है. एसपी प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने आज जिले मे कुल 53 पुलिस वालों के नवीन पदस्थापना आदेश करी किए है. जिसमें 4 उपनिरीक्षक, 15 सहायक उप निरीक्षक और 34 प्रधान आरक्षक शामिल है.




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राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की परीक्षाएं अब असाइनमेंट पद्धति से संपन्न कराई जाएंगी। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी की मुख्य और अवसर परीक्षा वर्ष 2020 कोविड-19 संक्रमण के तहत अभी तक आयोजित नहीं हो पाई हैं। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल के सचिव प्रोफेसर व्ही.के. गोयल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हायर सेकेण्डरी कक्षा 12वीं की परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों को आबंटित परीक्षा केन्द्र के माध्यम से 22 जुलाई से 29 जुलाई तक असाइनमेंट कार्य का वितरण किया जाएगा। इसी प्रकार हाई स्कूल कक्षा 10वीं की परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों को आबंटित परीक्षा केन्द्र के माध्यम से 4 अगस्त से 9 अगस्त तक असाइनमेंट कार्य का वितरण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि हायर सेकेण्डरी के परीक्षार्थियों को जिस दिन असाइनमेंट प्रदान किया जाएगा, उसे दो दिवस के भीतर संबंधित परीक्षा केन्द्र में जमा करना अनिवार्य होगा। असाइनमेंट जमा करने की अंतिम तिथि 24 जुलाई से 31 जुलाई तक रहेगी, अर्थात जो छात्र 22 जुलाई को असाइनमेंट प्राप्त करेंगे उसकी अंतिम तिथि 24 जुलाई और जो छात्र 29 जुलाई को असाइनमेंट प्राप्त करेंगे उनकी अंतिम तिथि 31 जुलाई होगी। रविवार 26 जुलाई को अवकाश के दिन भी असाइनमेंट प्रदान करने और जमा करने का कार्य किया जाएगा।

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इसी प्रकार हाई स्कूल कक्षा 10वीं के परीक्षार्थियों को जिस दिन असाइनमेंट प्रदान किया जाएगा, उसे दो दिवस के भीतर संबंधित परीक्षा केन्द्रों में जमा करना अनिवार्य होगा। असाइनमेंट जमा करने की अंतिम तिथि 6 अगस्त से 11 अगस्त तक रहेगी। जो छात्र 4 अगस्त को असाइनमेंट प्राप्त करेंगे, उसकी अंतिम तिथि 6 अगस्त और जो छात्र 9 अगस्त को असाइनमेंट प्राप्त करेंगे उनकी अंतिम तिथि 11 अगस्त होगी। रविवार 9 अगस्त को अवकाश के दिन भी असाइनमेंट प्रदाय करने और जमा करने का कार्य किया जाएगा।

सचिव छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल ने बताया कि शासकीय अवकाश के दिनों में भी असाइनमेंट वितरण और जमा किया जाएगा। सभी छात्र निर्धारित तिथियों में असाइनमेंट अपने परीक्षा केन्द्रों से प्राप्त करेंगे और इसे प्राप्त करने की तिथि से दो दिन के भीतर असाइनमेंट परीक्षा केन्द्रों में जमा करेंगे। जो छात्र इन तिथियों में असाइनमेंट प्राप्त नहीं करेंगे उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा। जो छात्र दो दिन की समय-सीमा में असाइनमेंट जमा नहीं करेंगे वे भी अनुपस्थित माने जाएंगे। दो दिन की समय-सीमा में शासकीय अवकाश की भी गणना की जाएगी। परीक्षा केन्द्र में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य है। इसके अंतर्गत परीक्षा केन्द्रों में मास्क, फिजिकल डिस्टेंसिंग और अन्य गाईडलाइन को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाएगा।

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न्यायाधीश के शासकीय मकान का ताला तोड़कर चोरों ने लैपटॉप और नकद समेत 1 लाख 25 हजार रुपये का सामान चोरी कर लिया है. घरेलू सहायक दादू सिंह की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. कोटा के फिरंगीपारा निवासी दादू सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि, वह न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आशीष डहरिया के शासकीय आवास में घरेलू सहायक के रूप काम करता है.

दादू सिंह ने बताया कि 11 जुलाई को न्यायाधीश लोक अदालत के बाद शासकीय आवास में आए थे. इसके बाद दोपहर को ही रायपुर चले गए. वह हर दिन की तरह मकान में साफ-सफाई और लाइट जलाने आता था. 13 जुलाई की शाम भी वह लाइट जलाकर अपने घर चला गया. जिसके बाद वह मंगलवार दोपहर 3 बजे पहुंचा, तो मेन गेट का ताला टूटा हुआ था.

चैनल गेट में भी ताला नहीं था. अंदर जाने पर पता चला कि बेडरूम का भी ताला टूटा है और अंदर का पूरा सामान बिखरा हुआ था. इसके बाद दादू सिंह ने इसकी जानकारी न्यायाधीश को दी. दादू सिंह ने पुलिस को बताया कि चोर आवास से लैपटॉप, सूट और नकद 25 हजार समेत कुल कुल सवा लाख रुपये का सामान पर हाथ साफ किया है

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.इधर, एक और वारदात में रतनपुर क्षेत्र में 15 जुलाई को अधिवक्ता के सूने मकान का फायदा उठाते हुए आरोपी ने घर का ताला तोड़कर चोरी की वारदात को अंजाम दिया है. इस दौरान आरोपी ने LED टीवी और टुल्लू पंप चुरा लिया था. चोरी की घटना का पता चलने के बाद अधिवक्ता ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराई थी. शिकायत के बाद पुलिस ने टीम बनाकर आरोपी की तलाश शुरू की. जिसमें अधिवक्ता के पड़ोसी ने ही चोरी की घटना को अंजाम दिया था.

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