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detail news only from Chhattishgarh ,dated: १६ सितम्बर २०२०

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए जीतो कोविड सेन्टर का शुभारंभ किया। जैनम मानस भवन रायपुर में कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए यह सर्वसुविधायुक्त कोविड सेन्टर जीतो (जैन इन्टरनेशनल ट्रेड आर्गनाइजेशन) तथा छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से प्रारंभ किया गया है। रायपुर के एयरपोर्ट के समीप स्थित इस कोविड सेन्टर में 200 बिस्तर की व्यवस्था है। यहां कोविड के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम के अलावा भोजन इत्यादि का निःशुल्क प्रबंध है। जीतो कोविड सेन्टर के शुभारंभ कार्यक्रम में मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, श्री टी.एस.सिंहदेव, श्री मोहम्मद अकबर, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, डॉ. शिवकुमार डहरिया, श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जीतो कोविड सेन्टर का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए जीतो के सभी पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन समाज सेवा के मामले में हमेशा से आगे रहा है। करोना संकट काल में कोविड के मरीजों के लिए सर्वसुविधायुक्त सेन्टर की व्यवस्था कर जीतो ने जन सेवा एवं सहभागिता की भावना को आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन समाज एवं जीतो के इस सेवाभाव को देखकर अन्य समाज के लोग भी आगे आएंगे। उन्होंने कहा कि जीतो की पहल से हम कोविड की लड़ाई में एक कदम और आगे बढ़े हैं। समाज के सभी वर्गों के सहयोग से कोविड की लड़ाई हम जरूर जीतेंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कोविड की वैश्विक बीमारी ने हम सभी को और हर व्यवस्था को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि मै नहीं समझता कि कोई महामारी इससे पहले दुनिया को इतना व्यापक पैमाने पर प्रभावित किया हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों एवं जरूरतमंदों की मदद के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में समाज के सभी वर्गो में बढ़चढ़कर सहयोग दिया। जरूरतमंदों की सभी ने मदद की। उन्होंने कहा कि शुरूआती के दिनों में कोविड मरीजों की संख्या कम थी। सड़क, रेल एवं हवाई यात्राएं शुरू हो जाने से कोविड मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा कोविड के मरीजों के बेहतर इलाज की हरसंभव कोशिश की जा रही है। अस्पतालों में बेड की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोविड के मरीजों की सेवा के लिए सामाजिक संस्थाओं से सहभागिता की अपील की गयी है। उन्होंने इस कार्य में सर्वप्रथम सहभागिता के लिए जीतो संस्था को बधाई और शुभकामनाएं दी।

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कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव ने भी सम्बोधित किया और कहा कि जीतो का यह प्रयास सराहनीय है। यह अन्य सामाजिक संस्थाओं के लिए प्रेरणा का आधार बनेगा। इस अवसर पर जीतो संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष गणपत राय चौधरी ने रायपुर में कोविड सेन्टर के संचालन के लिए छत्तीसगढ़ शासन से मिले सहयोग के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि जैनम मानस समिति के मानस भवन में जीतो कोविड सेन्टर में निःशुल्क संचालित होगा। कोविड मरीजों को देखभाल, भोजन एवं इलाज का यहां प्रबंध किया गया है। उन्होंने कहा कि जीतो का यह 11 वां कोविड सेन्टर रायपुर में शुरू हुआ है। उन्होंने कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सहित सभी मंत्रीगणों का आभार जताया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ जीतो के अध्यक्ष श्री जयकुमार वैद ने कहा कि जीतो के सेवा प्रकल्प को छत्तीसगढ़ शासन ने सहयोग देकर आगे बढ़ाया है। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन जीतो रायपुर अध्यक्ष श्री अनिल बरडिया ने किया।

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स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव की पहल पर अम्बिकापुर के नवापारा स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कैंसर जैसी घातक बीमारी के ईलाज के लिए कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने ऑनलाइन दो बिस्तरीय दीर्घायु वार्ड में कीमोथेरेपी का शुभारंभ किय।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री सिंहदेव ने कहा कि स्थानीय स्तर पर कैंसर के इलाज के लिए नवापारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कीमोथेरेपी की व्यवस्था की गई है। कीमोथेरेपी प्रारम्भ होने से मरीजों को अब बड़े शहर का रूख नही करना पड़ेगा। कैंसर के ईलाज के लिए कीमोथेरेपी के साथ ही रेडियोथेरेपी की भी अत्यंत आवश्यकता होती है। इस केंद्र में रेडियोथेरेपी की सुविधा भी जल्द शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि मरीजांे का बेहतर ईलाज सेवा भावना के साथ किया जाए। कोरोना महामारी के संकट काल में कोरोना योद्धाओ की सेवा समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कैंसर का ईलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी तथा रेडियोथेरेपी के द्वारा किया जाता है। इस केंद्र में वर्तमान में 2 बेड के वार्ड से कीमोथेरेपी की शुरुआत की गई है। भविष्य में इसे 30 बेड के वार्ड में विस्तारित किया जाएगा। इस मौके पर दो मरीजों का कीमोथेरेपी भी किया गया। ऑनलाइन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य वनाओषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक, महापौर डॉ. अजय तिर्की, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री राकेश गुप्ता, पर्षद श्री द्वितेंद्र मिश्र श्रीमती गीता रजक, मेडिकल कालेज के डीन डॉ. आर.के. सिंह, सी.एम.एच.आ.े डॉ. पी.एस. सिसोदिया, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नावापारा के प्रभारी डॉ. आयुष जायसवाल, डॉ. आमिन फिरदौशी, उपस्थित थे।

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स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज रायपुर शहर एवं आसपास के मोहल्ला कक्षाओं का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कचना, फुंडहर, पुरैना तालाब, कबीर नगर और लाखेनगर पहुंचकर वहां संचालित मोहल्ला कक्षाओं का अवलोकन किया। इस दौरान वरिष्ठ विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा उनके साथ थे।

उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लॉकडाउन अवधि में स्कूलों की नियमित पढ़ाई बंद होने के कारण, कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पालकों की सहमति से स्कूलों से बाहर गांव और मोहल्लों में “पढ़ई तुंहर पारा“ अन्तर्गत शिक्षकों एवं स्थानीय युवाओं (शिक्षा मित्र/शिक्षा सखी) के सहयोग से स्वेच्छिक रूप से ऑफलाईन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा हैं। इन कक्षाओं में वे बच्चे सम्मिलित होते है, जिनके पास मोबाईल फोन या इंटरनेट सुविधा नहीं हैं।

मंत्री डॉ. टेकाम को बच्चों एवं शिक्षको ने चर्चा में बताया कि इस विपत्ति के समय शिक्षा विभाग की अभिनव पहल पढ़ई तुंहर दुआर से विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखने एवं उन्हें गतिविधियों के माध्यम सीखने-सिखाने का अवसर सुलभ हुआ है। नए-नए नवाचार के माध्यम से शिक्षकों के अध्यापन कौशल में निखार आया है, वहीं बच्चों में पारंपरिक रटंत विद्या के स्थान पर स्वयं गतिविधियों के माध्यम से विषय की समझ विकसित हो रही है। मंत्री श्री टेकाम ने अध्ययन-अध्यापन की इस व्यवस्था के लिए शिक्षकों की भूमिका की सराहना की।

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स्कूल शिक्षा मंत्री और अवलोकन दल के सदस्यों ने सुबह सबसे पहले “कचना“ स्थित साहू सार्वजनिक भवन में “शिक्षिका सुनीला फ्रेंकलीन“ की कक्षा का अवलोकन किया। अवलोकन के समय बच्चे दो अलग कक्षों मे मॉस्क पहनकर एवं शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ड्राइंगशीट में विभिन्न चित्रों के माध्यम से अध्ययन कर रहे थे। इसके बाद “फुंडहर“ स्थित सामुदायिक भवन में “डॉ. वंदना अग्रवाल“ एवं साथियो द्वारा मिट्टी की मूर्तिकला, रेत की मूर्ति, ड्राइंगशीट पर चित्रों के माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही थी। “पुरैना तालाब“ के पास “शिक्षिका कविता आचार्य“ द्वारा लाउडस्पीकर के माध्यम से पाठ्य पुस्तक के इंग्लिश पोयम को सिखाने का अनोखा तरीका देखा गया। “कबीर नगर“ रायपुर के सामुदायिक भवन में “रीता मंडल“ एवं शिक्षा सखियों की “नाट्यशैली“ की कक्षा का अवलोकन कर बच्चों से चर्चा की। अतः में अवलोकन दल के सदस्यों ने “लाखेनगर“ स्थित तालाब किनारे “ममता अहार मेडम“ की “गीत-संगीत“ के मनोरंजक तरीके से शिक्षा प्रदान करते पाया।

इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री जी.आर. चन्द्राकर, जिला मिशन समन्वयक एवं नोडल अधिकारी श्री के.एस. पटले ने मंत्री डॉ. टेकाम को जानकारी दी कि वर्तमान में जिले के 317 गांवों और मोहल्लों में 837 शिक्षकों द्वारा 16 हजार 116 बच्चों को कंटेनमेंट क्षेत्र के बाहर “पढ़ई तंुहर पारा“ अन्तर्गत ऑफलाईन शिक्षा दी जा रही हैं। वहीं “लॉउडस्पीकर“ से 172 गांव और मोहल्लों में 50 शिक्षकों द्वारा 1559 बच्चों को पढ़ाया जा रहा हैं। ब्लूटूथ (बूल्टू के बोल) के माध्यम से रायपुर जिला के 84 हॉटबाजार में 353 शिक्षकों द्वारा 4337 लोगो को आडियो लेशन प्रेषित किया गया हैं। “ऑनलाईन कक्षाओं“ के माध्यम से 07 अप्रैल से अब तक 1419 स्कूलों के 8028 शिक्षकों द्वारा एक लाख 27 हजार 587 कक्षाएं लगाई गई। जिसके जरिए 5 लाख 47 हजार 49 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों का अध्ययन-अध्यापन कराने के साथ ही उनके प्रश्नों एवं शंकाओं का समाधान किया गया। उन्होंने बताया कि पढ़ई तुंहर दुआर के माध्यम से रायपुर जिले में प्रतिदिन 1096 कक्षाएं संचालित की जा रही है। जिसमें 46,957 विद्यार्थी ऑनलाईन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

निरीक्षण के अवसर पर भारत स्काउट गाइड जिला संघ के जिला आयुक्त श्री सुरेश शुक्ला, यू.आर.सी. श्री शिरीष तिवारी उपस्थित थे।

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भारतीय जनता पार्टी का आदिवासी विरोधी चेहरा एक बार फिर खुल कर सामने आया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा से सवाल किया कि मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा कवर्धा के निर्दोष आदिवासी की हत्या पर राज्य के भाजपा नेता क्यो चुप है ? कवर्धा में दो आदिवासियों पर मध्यप्रदेश पुलिस ने गोलियां चलाई जिसमे एक कि मृत्यु हो गयी दूसरा बाल बाल बच गया ।इन दोनों ही आदिवासियों को नक्सली होने का झूठा आरोप मढ़ने की कोशिश भी मध्यप्रदेश पुलिस ने किया ।छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मो अकबर ने इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने हेतु मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को दो पत्र भी लिखा ।इसके बाद भी मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई। इस मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग के भी संज्ञान लिए जाने की खबरे आ रही हैं ।इसके बावजूद मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा कोई कार्यवाही नही करना इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सरकार दोषियों को बचाना चाह रही है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने छत्तीसगढ़ भाजपा से पूछा कि इस मामले में उसका क्या रुख है ?राज्य के आदिवासियों को भाजपा शासन वाली पडोसी राज्य की पुलिस जबरिया गोलियों से मार डालती है छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता सन्देहास्पद चुप्पी क्यों साधे हुए है ,?छोटे छोटे मसलो में ट्यूट करने वाले रमन सिंह ,धर्मलाल कौशिक ,बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर जैसे नेताओं की बोलती अब क्यो बन्द है ?क्या राज्य के गरीब आदिवासी की जिंदगी का भाजपा नेताओं की निगाह में कोई महत्व नही है ?जिस मामले में राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री दो दो बार पत्र लिख चुके है मप्र का मानव अधिकार आयोग संज्ञान ले रहा है उस मामले में भाजपा नेता सिर्फ इसलिए मध्यप्रदेश सरकार से सवाल करने का साहस नही दिखा पा रहे क्योकि मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है।इस मामले को उठाने पर अपने दल के सरकार की बदनामी होगी । मप्र में उपचुनाव होने वाले है सवाल करने पर भाजपा के शिवराज सरकार की बदनामी होगी और उपचुनाव में भाजपा की चुनावी सम्भवनाओ पर असर पड़ेगा । छत्तीसगढ़ भाजपा के नेताओ के लिए दलीय प्रतिबद्धता राज्य के एक आदिवासी के जीवन से भी बढ़ कर हो गयी है

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छत्तीसगढ़ में कोरोना (Covid-19 In Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ सरकार ने आज कोरोना टेस्ट को लेकर बड़ा निर्णय किया हैं. अब निजी लेब कोरोना मरिजों से टेस्ट करने के नाम पर अधिक जार्ज नहीं ले पाएंगे. प्रदेश शासन ने इसके लिए दर तय कर दी हैं. सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी.

छत्तीसगढ़ में कोरोना (Covid-19 In Chhattisgarh) टेस्ट के लिए राज्य शासन ने निजी पैथोलॉजी लैबों और अस्पतालों के लिए आरटीपीसीआर तथा एंटीजन रैपिड टेस्ट की दर तय कर दी है. छत्तीसगढ़ में स्थापित लैबों में आरटीपीसीआर जांच के लिए 1600 रूपए की दर निर्धारित की गई है. जांच के लिए संभावित मरीज के घर से सैंपल संकलित किए जाने पर 1800 रूपए लिए जाएंगे.

प्रदेश के बाहर स्थित लैबों के लिए आरटीपीसीआर जांच की दर दो हजार रूपए निर्धारित की गई है। घर से सैंपल कलेक्शन किए जाने पर 2200 रूपए लिए जाएंगे. इन शुल्कों में सैंपल कलेक्शन, परिवहन, जांच, कन्जुमेबल्स पीपीई किट इत्यादि शुल्क शामिल हैं.

निजी लैबों और अस्पतालों में रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए 900 रूपए का शुल्क तय किया गया है. इसमें जांच, कन्जुमेबल्स पीपीई किट इत्यादि शुल्क शामिल हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आज मंत्रालय से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. शासन द्वारा निर्धारित ये दरें तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं।

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रायपुर के वरिष्ठ चिकित्सक एवं आईएमए छत्तीसगढ़ के निर्वाचित अध्यक्ष डाॅ महेश सिन्हा ने कोरोना जांच के लिए लोगों द्वारा स्वयं सी टी स्कैन जांच कराए जाने पर चिंता जाहिर की है। उनका मानना है कि वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिकों तथा भारत सरकार के आई सी एम आर द्वारा रैपिड एन्टीजन किट, आर टी पी सी आर टेस्ट एवं टू स्टेप ट्रू-नाट विधि से कोविड-19 के मरीजों का जांच किया जाना निर्धारित किया गया है जो कि विश्वसनीय है। छत्तीसगढ़ शासन ने भी इस बारे में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये हैं जिनका सबको पालन करना चाहिए. सी टी स्कैन कोरोना की जांच का विश्वसनीय तरीका नही है। यह फेफड़ों की अन्य गंभीर बीमारियों में भी उसी तरह की छवि दिखाई देती है जैसे कि अन्य तरह के निमोनिया, एच१एन१ इत्यादि. इसके उलट इसके रेडिएशन से मरीजों को अनावश्यक दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए बिना चिकित्सक की सलाह के इसका उपयोग करना उचित नहीं है । किसी व्यक्ति को अगर कोरोना के लक्षण हैं और उनका प्रथम टेस्ट निगेटिव आया है तो चिकित्सक की सलाह से आगे बढ़ना चाहिए और तीन दिन बाद फिर से टेस्ट करवाया जा सकता है. उनका मानना है कि आज के इस दौर मे आम जनता सबसे अधिक विश्वास चिकित्सक पर कर रही है तब हमें आम जनता को कोरोना के निर्धारित टेस्ट कराने की ही सलाह देनी चाहिए।

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स्वास्थ्य विभाग ने आरके सिंह को मेडिकल शिक्षा का प्रभारी संचालक (डीएमई) बनाया है। डॉ. आरके सिंह वर्तमान में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के डीन है। इससे पहले वे राजनांदगांव में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। फॉरेंसिक मेडिसीन के भी एचओडी रहे। अब उन्हें विभाग ने प्रभारी डीएमई बनाया है। इनके जगह पर डॉ. पीके निगम को शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर का प्रभारी अधिष्ठाता बनाया गया है। बता दें कि वर्तमान डीएमई डॉ आदिले पर भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप लगे थे। एक महिला ने एसपी से उनकी लिखित शिकायत कर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। जिसके बाद स्वास्थ्य़ विभाग ने उन्हें तत्काल पद से हटा दिया था।

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छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित कक्षा 11वीं और 12वीं की कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय की पाठ्य पुस्तकें राज्य के सभी प्राचार्यों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के पुस्तक भण्डारों से सीधे क्रय करने पर 15 प्रतिशत की विशेष छूट दी जाएगी। यह पुस्तकें छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के पुस्तक भण्डार रायपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर और रायगढ़ से प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए निगम की वेबसाइट पर आर्डर करके ऑनलाइन भुगतान कर डिपो से पुस्तकें प्राप्त की जा सकेगी।

छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की प्रबंध संचालक ने बताया कि निगम द्वारा सभी प्राचार्यों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को ऑनलाईन घर पहुंच सेवा प्रदाय की जा रही है। इसके लिए सबसे पहले छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की वेबसाइट www.tbc.cg.nic.in पर लॉग इन करना होगा। लॉग इन करते ही वेबसाइट में लाल रंग के बॉक्स में ’बाय बुक्स ऑनलाइन’ का आप्शन आएगा। उसे क्लिक करते ही एक आर्डर फार्म खुलेगा जिसे सावधानीपूर्वक भरना होगा। फार्म में इच्छुक व्यक्तियों को अपना पूरा नाम, डाक का पूरा पता, मोबाइल नम्बर और अपनी आवश्यकता की पुस्तकों के नाम एवं संख्या (जो पहले से ही कीमत के साथ अंकित हैं) भरने होंगे। सभी जानकारी पूर्ण करने के उपरांत डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, पेटीएम आदि के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट करना होगा। निगम द्वारा अनुमोदन उपरान्त पुस्तकें भेंजी जाएंगी। यदि ऑनलाइन आर्डर करते समय कोई असुविधा हो तो छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की वेबसाइट में दिए गए हेलपलाईन नम्बर 93003-93199 या 94255-10660 पर संपर्क किया जा सकता है। ऑनलाइन आर्डर करने पर डाक खर्च की छूट दी जाएगी।

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सांसद श्रीमती फूलोदेवी नेताम ने नगरनार इस्पात संयंत्र के संबंध में माननीय इस्पात मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान को पत्र लिखा। सांसद ने लिखा है कि भारत सरकार इस्पात मंत्रालय के अधीन नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम एनएमडीसी लिमिटेड द्वारा लगभग 20 हजार करोड रूपए से अधिक की लागत पर बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट लगाया जा रहा है। अभी यह प्रोजेक्ट पूरा भी नहीं हुआ है लेकिन केन्द्र सरकार ने बस्तर के इस स्टील प्लांट का निजीकरण करने का निर्णय कर लिया है।यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है कि छत्तीसगढ के आदिवासी अंचल में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रस्तावित स्टील प्लांट का निजीकरण किया जा रहा है। इससे लाखों आदिवासियों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को गहरा आघात पहुंचा है। आदिवासी समुदाय आंदोलित हो रहे हैं।

सांसद ने सरकार से आग्रह किया है कि केन्द्र सरकार नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के निर्णय पर पुनः विचार करे और इसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के रूप में ही बनाए रखा जाए।

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छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल के भिलाई- 3 स्थित निवास पर तैनात सीएएफ के 7 जवानों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. सभी को कचांदुर के कोरोना केयर सेंटर में भर्ती कराया गया है. जिले में मंगलवार देर रात तक कोरोना के 401 नए मरीज मिले हैं. वहीं 7 लोगों ने दम तोड़ दिया है।

वही नेहरू नगर पॉश कॉलोनी में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. आशंका है कि घरों में काम करने और वाहन चलाने आने वालों के माध्यम से यहां कोरोना फैल रहा है. नेहरू नगर के एक-एक मकान से दो से तीन लोग संक्रमित मिल रहे हैं.इसी तरह से सेक्टर-2, 4, 5 में भी लगातार संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. टाउनशिप के इन क्षेत्रों में बड़ी संया में लोगों का आना-जाना होता है. इसके अलावा सुभाष नगर कैंप-1 और दो से भी बड़ी संया में कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमितों की संया में तेजी से इजाफा हुआ है. मंगलवार को प्रदेश में 3 हजार 450 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है. प्रदेश में कुल मरीजों की संया 70 हजार 777 हो गई है. अब तक 29 हजार 992 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है.

एक्टिव केस की संया 35 हजार 951 है. मंगलवार को 15 कोरोना संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो गई. अब तक प्रदेशभर से 588 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग के सहमति के बाद 14 हजार 580 शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी किया गया है। शिक्षकों की नियुक्ति आदेश राज्य शासन द्वारा स्कूल खुलने के आदेश जारी होने के उपरांत ही जारी किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने और इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।

स्कूल शिक्षा विभाग को वित्त विभाग द्वारा शिक्षकांे की नियुक्ति की अनुमति शर्तो के साथ प्रदान की है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी नियुक्ति आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा कि ’नियुक्ति किसी न्यायालय में लंबित अथवा भविष्य में दायर किसी भी प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अध्याधीन होगी’। नियुक्ति आदेश प्रत्येक चयनित अभ्यर्थी के लिए पृथक-पृथक जारी किए जाएंगे। नियुक्ति आदेश में शिक्षकों की वरिष्ठता व्यापम द्वारा जारी प्रावीण्य सूची के क्रमानुसार रहेगी। शिक्षकों की परीक्षा अवधि तीन वर्ष की होगी। राज्य शासन द्वारा परिवीक्षा अवधि के दौरान देय वेतन और अन्य लाभों के संबंध में जारी नियम लागू होंगे।

लोक शिक्षण संचालनालय से विभिन्न संवर्गो के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए व्यापम द्वारा परीक्षा आयोजित करायी गई थी, जिसमें विभिन्न संवर्ग के कुल 14580 शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जानी थी। व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा के परिणाम 30 सितम्बर 2019 एवं 22 नवम्बर 2019 को घोषित किए गए थे। व्यापम द्वारा जारी की गई प्रावीण्य सूची के आधार पर नियुक्तियां की जानी थी। मार्च 2020 में कोरोना लॉकडाउन होने के पश्चात वित्त विभाग द्वारा यह निर्देश जारी किए गए कि विभागों में प्रचलित नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी रहेगी, परंतु नियुक्ति आदेश जारी करने के पूर्व वित्त विभाग से सहमति प्राप्त करना आवश्यक होगा। तद्नुसार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग को प्रकरण सहमति हेतु भेजा गया था। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा शर्तांे के साथ शिक्षकों के पदों की नियुक्ति के लिए सहमति दी गई है।

शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शामिल शर्तो में प्रत्येक नियुक्तिकर्ता अधिकारी के द्वारा व्यापम की प्रावीण्य सूची के क्रम में विज्ञापित पदों की संख्या के अनुसार प्रावधिक चयन सूची जारी की जाएगी। प्रावधिक चयन सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों को नियुक्तिकर्ता अधिकारी के द्वारा कार्यालय में बुलाकर दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाएगा। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि दस्तावेज सत्यापन के समय कोरोना संक्रमण से बचाव से संबंधित भारत सरकार और राज्य सरकार के सेनेटाइजेशन एवं सामाजिक दूरी बनाए रखें आदि के सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

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जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापित होते हैं, उन्हें जिला चिकित्सा बोर्ड से मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु निर्देश दिया जाएगा और पुलिस वेरिफिकेशन हेतु संबंधित का प्रकरण भेजा जाएगा। प्रावधिक चयन सूची में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को दस्तावेज सत्यापन के लिए नियुक्तिकर्ता अधिकारी के कार्यालय में सभी दस्तावेजों सहित निश्चित तिथि एवं समय पर उपस्थित होने के लिए सूचना पत्र पंजीकृत डाक से भेजा जाएगा। अभ्यर्थी की उपस्थिति का दिन सूचना पत्र जारी होने के कम से कम 20 दिन बाद का रखा जाएगा। यदि किसी 16कारणवश कोई अभ्यर्थी निर्धारित तिथि को उपस्थित न हो सकें तो वह नियुक्तिकर्ता अधिकारी के समक्ष लिखित आवेदन प्रस्तुत करके किसी अन्य दिन उपस्थित होने का अनुरोध कर सकेगा। यदि ऐसा अनुरोध उपस्थिति के लिए निश्चित तिथि से 10 दिन के भीतर प्राप्त होता है तो नियुक्तिकर्ता अधिकारी उस अभ्यर्थी के दस्तावेज सत्यापन के लिए कोई अन्य तिथि निश्चित कर सकेगा।

जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नही होता है अथवा जो अभ्यर्थी सूचना प्राप्ति के बाद भी दस्तावेज सत्यापन के लिए उपस्थित नही होते हैं, उन्हें लिखित रूप से सूचित किया जाएगा कि, विज्ञापन में निर्धारित मापदंडों के अनुसार दस्तावेजों का सत्यापन नहीं होने के कारण उन्हें नियुक्ति के योग्य नहीं पाया गया और ऐसे अभ्यर्थियों का नाम प्रावधिक चयन सूची से काट दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को दी जाने वाली सूचना मेें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा कि, कौन से अनिवार्य दस्तावेज सत्यापित नहीं हुए।

जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नियमानुसार पूर्ण होगा उन्हें इस बात की लिखित सूचना दी जाएगी कि, उनका प्रकरण मेडिकल फिटनेस एवं सेवा पूर्व पुलिस वेरिफिकेशन के लिए भेजा जा रहा है। यह दोनों प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात उनके लिए पृथक से नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा। पत्र में इस बात का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा कि यह पत्र नियुक्ति आदेश नहीं है। संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संबंधित नियुक्तिकर्ता अधिकारी द्वारा नियुक्ति आदेश तैयार किया जाएगा। दस्तावेज सत्यापन उपरांत उन पात्र चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश जारी किए जाएंगे जिन्हें मेडिकल बोर्ड द्वारा फिट पाया गया है तथा जिनके पुलिस वेरिफिकेशन में प्रतिकूल टीप नहीं पाई गई है।

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छत्तीसगढ़ में सरकारी कामकाज के एवज में अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा रिश्वत लेने का सिलसिला लगातार जारी है. एसीबी की टीम शिकायत पर कार्रवाई जरूर कर रही है. लेकिन इसके बाद भी अधिकारी बेखौफ घूस ले रहे हैं. ताजा मामला जांजगीर जिले से सामने आया है, जहां बिलासपुर एसीबी की टीम ने जनपद पंचायत अकलतरा में उप अभियंता के पद पर पदस्थ अधिकारी और दलाल को 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.

मिली जानकारी के मुताबिक अकलतरा निवासी राजेश कुमार कोसले की पत्नी पूर्व पंचायत के कार्यकाल के दौरान मुड़पार गांव की सरंपच थी. इस दौरान पंचायत के तहत होने वाले कार्यों के मूल्यांकन रिपोर्ट बनवाने के लिए जनपद पंचायत अकलतरा के उप अभियंता सुमित राजपूत के पास पहुंचा. तभी पीड़ित का संपर्क दलाल राजकुमार रात्रे से हुआ. इसके बाद अधिकारी सुमित राजपूत ने मूल्यांकन रिपोर्ट बनाने के एवज में 40 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी. तब इस पूरे मामले की सूचना राजेश ने बिलासपुर एसीबी को दी.

एसीबी की टीम ने मामले को गंभीरता लेते हुए पूरा जाल बिछाया और पहली किस्त की राशि 20 हजार रुपए लेते उप अभियंता सुमित राजपूत और दलाल राजकुमार रात्रे को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. यह कार्रवाई एसीबी के निदेशक एवं पुलिस उप महानिरीक्षक आरिफ शेख और पुलिस अधीक्षक पंकज चंद्रा के दिशा निर्देश पर हुई है. गिरफ्तार आरोपी उप अभियंता सुमित राजपूत बलौदाबाजार जिले के कोदवा गांव और दलाल राजकुमार रात्रे बिलासपुर जिले के पेंड्री गांव के निवासी है.

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