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detail news only from Chhattishgarh ,dated: १७ जुलाई २०२०

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आज छत्तीसगढ़ में कोरोना का प्रकोप अपनी भयवाह स्थिति में पहुँच गया है ,पुरे प्रदेश से रिकॉर्ड संख्या में २१५ मरीज पाए गए हैं जिसमे जिला रायपुर से १०६,दुर्ग से २३,राजनंदगांव से १८,बिलासपुर और सरगुजा से १७ १७,बालोद से 8,जांजगीर-चांपा से ७,गरियाबंद से ५ ,जशपुर से 4,रायगढ़ मुंगेली से 3 3 ,दंतेवाडा से २,बलौदाबाजार और धमतरी से 1 1 शामिल है

आज एसपी ऑफिस के ओएम शाखा में पदस्थ प्रधान आरक्षक कोरोना पॉजिटिव मिला है. दो दिन पहले प्रधान आरक्षक ने तबीयत खराब होने के बाद कोरोना टेस्ट कराया था. रिपोर्ट में आरक्षक के पॉजिटिव मिलने के बाद एसपी ऑफिस को सील कर दिया गया है.इससे पहले रायपुर के कबीर नगर थाने का सब इंस्पेक्टर कोरोना पॉजिटिव निकला है.एसआई के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद कबीर नगर थाने को सील कर दिया गया है. इसके साथ ही थाना प्रभारी सहित थाने के पूरे स्टॉफ का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा. जब तक कबीर नगर थाना सील रहेगा, तब तक आमानाका थाना के पुलिसकर्मी यहां का कामकाज देखेंगे.

जानकारी के अनुसार निगम के पूर्व अधिकारी का पूरा परिवार कोरोना संक्रमित मिला है। परिवार की ट्रेवल हिस्ट्री के बारे में अभी जानकारी जुटाई जा रही है, हालांकि कहा जा रहा है कि कभी आउटिंग के दौरान परिवार की चपेट में आया होगा। निगम के पूर्व अधिकारी के कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद शहर के एक नामी डाक्टर व कोरोना कमांड सेंटर से जुड़े कुछ शीर्ष अधिकारियों पर कोरोना का खतरा मंडराने लगा है।

बिलासपुर चकरभाटा थाना में पदस्थ एक पुलिसकर्मी के एक परिजन को कोरोनावायरस पॉजिटिव आने की खबर के बाद चकरभाटा थाने को सील कर दिया गया है।पुलिस अधीक्षक ने चकरभाटा थाने में पदस्थ सभी अधिकारियों कर्मचारियों का कोरोनावायरस टेस्ट करने का निर्देश दिया है।और इसके साथ ही आगामी आदेश तक चकरभाटा थाने को सील कर वहां का सारा कार्य हिर्री थाने से किए जाने का निर्देश दिया है।





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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोधन न्याय योजना के संचालन और निगरानी की पूरी जिम्मेदारी जिला कलेक्टरों की है। इस योजना की पूरे देश में चर्चा है, पूरे देश के अर्थशास्त्रियों और सामाजिक संगठनों की निगाह इस योजना पर है। इस योजना से गोबर एक कीमती वस्तु बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले से संचालित समर्थन मूल्य में धान खरीदी, लघु वनोपजों की खरीदी और तेंदूपत्ता संग्रहण का काम जिस कुशलता और व्यवस्थित ढंग से किया जा रहा है। आने वाले समय में ऐसी ही व्यवस्था गोबर खरीदी और इससे तैयार वर्मी कम्पोस्ट की मार्केटिंग की करनी होगी। श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठान छत्तीसगढ़ की परंपरा का हिस्सा है, जिन्हें आधुनिक स्वरूप देकर व्यावसायिकता से जोड़ा जा रहा है। जिससे गौठानों के माध्यम से ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो सके और उन्हें आय का जरिया मिल सके। उन्होंने कहा कि गौठान और गोधन न्याय योजना मूलरूप से ग्रामीणों की अपनी योजना है। इस योजना को प्रारंभ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी संसाधन और व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा रही है। आने वाले समय में ग्रामीण स्वयं इन योजनाओं का संचालन करेंगे।

श्री बघेल ने कहा कि 20 जुलाई हरेली पर्व से राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की प्रदेशव्यापी शुरूआत होगी। राज्य में पूर्ण हो चुके गौठानों में 20 जुलाई से अलग-अलग तिथियों में कार्यक्रम आयोजित होंगे। कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री, सांसदीय सचिव, पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा कि गौठानों में जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से गौठान समितियों का गठन कर उन्हें सक्रिय करें। गौठानों में काम करने वाले स्व-सहायता समूहों को चिन्हित कर लिया जाए। श्री बघेल ने कहा कि गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने का कार्य उन्हीं लोगों को सौंपा जाए, जिन्हें हाथ से गोबर उठाने में संकोच न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में ग्रामीण क्षेत्रों के 2408 और शहरी क्षेत्रों के 377 गौठानों में गोबर की खरीदी प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी गांवों में गोधन न्याय योजना प्रारंभ करने की मांग आएगी। इसलिए चरणबद्व रूप से सभी 11 हजार 630 ग्राम पंचायतों और फिर 20 हजार गांवों में गौठान तैयार करने होंगे। इसके लिए भी कलेक्टर भूमि के चिन्हांकन का काम प्रारंभ कर दें। उन्होंने स्व-सहायता समूहों के प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों को कृषि विभाग, वेटनरी, कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने कॉन्फ्रेंस में फसलों की गिरदावरी की तैयारियों, वृक्षारोपण अभियान की प्रगति, श्रमिकों के कौशल उन्नयन और उनके रोजगार की स्थिति तथा क्वॉरेंटाइन सेंटर में रुके हुए श्रमिकों से सम्बंधित विषयों की समीक्षा भी की। उन्होंनेे कहा कि हर गौठान समिति का सहकारी बैंक में खाता अनिवार्य रूप से खोला जाए। गोबर बेचने वाले हर व्यक्ति का एक कार्ड बनाया जाए। जिसकी एक प्रति विक्रेता के पास और दूसरी प्रति गौठान समिति के पास रखी जाए। कार्ड पर गौठान के गोबर संग्रहणकर्ता के हस्ताक्षर कराए जाएं। उन्होंने कहा कि गौठानों में रूकने वाले पशुओं के गोबर पर चरवाहे का अधिकार होगा। उसे भी दो रूपए प्रति किलो की दर पर खरीदा जाएगा।

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इन योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। श्री बघेल ने कहा कि इस वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मना रहे हैं। बापू ने ग्राम स्वराज का सपना देखा था। गौठानों को आजीविका सेंटर और रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने की योजना है। जिससे ग्राम स्वराज का सपना साकार हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दैनिक उपयोग संबंधी छोटी छोटी वस्तुएं बाहर से आती हैं कोरोना संकट की वजह से विदेशों से सामान की आपूर्ति आने वाले समय में कम रहेगी। इसकी पूर्ति स्थानीय स्तर पर वस्तुएं तैयार करा कर की जा सकती हैं। जिला कलेक्टर अपने जिलों के व्यावसायिक संगठनों और विभिन्न कम्पनियों के साथ विचार-विमर्श कर ऐसी वस्तुओं की जानकारी ले। जिनका उत्पादन गौठानों में स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण और कच्चा माल उपलब्ध कराकर किया जा सकता है।

श्री बघेल ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के गौठानों में बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन होगा, हालांकि इसके सबसे बड़े ग्राहक गांव के किसान ही होंगे। इसके साथ ही वन, कृषि, उद्यानिकी, नगरीय विकास विभाग सहित अन्य विभाग जिन्हें वर्मी कम्पोस्ट की आवश्यकता होती है, वे प्राथमिकता के आधार पर गौठान में तैयार वर्मी कम्पोस्ट सहकारिता के माध्यम से खरीदें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्ग में दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय में अध्ययन-अध्यापन के साथ जैविक खाद, गौ-मूत्र से औषधि तैयार करने और जैविक पेस्टिसाइट तैयार करने पर अनुसंधान कार्य किए जाएं। श्री बघेल ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि पटवारी खेतों में जाकर फसलों की गिरदावरी करें। पटवारी खेत में अपनी उपस्थिति के साथ फोटो संबंधित राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार के पास जमा कराएं। उन्होंने नजूल और आबादी भूमि के पट्टों पर काबिज लोगों को मालिकाना हक देने की राज्य सरकार की योजना की प्रगति की समीक्षा की। श्री बघेल ने प्रदेश में प्रारंभ किए जा रहे अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की प्रगति की समीक्षा के दौरान कहा कि इन स्कूलों में सभी आधुनिक सुविधाएं और आकर्षक ढंग से साज-सज्जा की जाए। पढ़ाई की गुणवत्ता ऐसी हो कि वरिष्ठ अधिकारी भी अपने बच्चों को यहां पढ़ाने में संकोच न करें।

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि गौठानों में गोबर खरीदी के लिए बसोड़ों द्वारा तैयार किए गए टोकनी का उपयोग किया जाए, 5 किलो, 10 किलो और 20 किलो माप की टोकरियां रखी जाए, इससे बसोड़ों को भी रोजगार मिलेगा। तौल के लिए वेईंग मशीन की व्यवस्था भी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि गौठान समितियों में आवश्यक व्यवस्था के लिए गौ-सेवा आयोग, डीएमएफ, कैम्पा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राशि दी जा रही है।

कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री आर पी मंडल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन श्री मनोज पिंगुआ, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, खाद्य विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह, सहकारिता सचिव श्री आर प्रसन्ना, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, नगरीय विकास विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी., राजस्व विभाग की सचिव सुश्री रीता शांडिल्य, मुख्यमंत्री के ग्रामीण विकास सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार श्री राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री सचिवालय की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया उपस्थित थीं।

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स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाताओं (Deans) की बैठक लेकर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में मौजूदा चिकित्सा सेवाओं की भी समीक्षा की। श्री सिंहदेव ने कुशल डॉक्टर तैयार करने अध्ययन-अध्यापन की बेहतर सुविधा के साथ ही मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मौजूदा व्यवस्था में कसावट लाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री के सिविल लाइन स्थित निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में संसदीय सचिव श्री विनोद सेवन चन्द्राकर, चिकित्सा शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै और स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह भी मौजूद थीं।

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने बैठक में मेडिकल कॉलेजों को बजट आबंटन, व्यय, उपकरणों और दवाईयों की खरीदी, सुरक्षा, साफ-सफाई, भर्ती, पदोन्नति, आयुष्मान भारत योजना के बीमा दावों के पंजीयन, प्रस्तावित एवं निर्माणाधीन कार्यों तथा डॉक्टरों एवं अन्य मेडिकल स्टॉफ की उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अलग-अलग अंचलों में संचालित मेडिकल कॉलेजों से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं लगातार मिल सकें, इसके लिए मेडिकल कॉलेजों के संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

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श्री सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन के माध्यम से मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में अच्छी गुणवत्ता की दवाईयों की आपूर्ति के निर्देश दिए। उन्होंने राजनांदगांव, बिलासपुर और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेजों में कोविड-19 की आरटीपीसीआर जांच जल्द शुरू करने कहा। स्वास्थ्य मंत्री ने आयुष्मान भारत योजना के तहत बीमा दावों के भुगतान के लिए पंजीयन के काम में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिष्ठाताओं को रिक्त पदों पर भर्ती और पदोन्नति के लिए आवश्यक कार्यवाही करने कहा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री नीरज बंसोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. एस.एल. आदिले और डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के मेडिकल अधीक्षक डॉ. विनित जैन भी उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा प्रदेश में चल रहे रोका-छेका अभियान का विरोध करने पर तंज कसते हुये कहा कि पहले भाजपा की केंद्र सरकार चीन को भारत की जमीन पर घुसने से रोकने और चीनी सैनिकों को भारतीय जवानों की निर्मम हत्या करने से छेकने में असफल रही और प्रदेश भाजपा अपने बड़े नेताओं की चरम में चल रही गुटबाजी पर रोका-छेका लगा कर प्रदेश कार्यकरणी घोषित करे ताकि विपक्ष में शून्य पड़ी भाजपा कुछ काम कर सके।

प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि जहां एक ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मात्र डेढ़ साल के शासनकाल में प्रदेश को आर्थिक उन्नति और खुशहाली की ओर अग्रसर कर रहे है, ग्रामीण अंचल का विकास तेजी के साथ होना शुरू हो चुका है। किसानों को खुशहाल बनाने के लिए कांग्रेस सरकार ने 11 हजार करोड़ का कर्जा माफ किया। किसानों को धान समर्थन मूल्य 2500 रु दिया और पशुधन को उन्नत बनाने के लिए गोधन न्याय योजना भी शुरू किया और रोका-छेका के तहत पशुओं को गौठान में रखने की समुचित व्यवस्था भी की है। इन व्यवस्थाओं से तिलमिला कर आपसी गुटबाजी से संक्रमित भाजपा और कुंठा से ग्रसित होकर उनके नेता उलजुलूल बयानबाजी कर रहे हैं। भाजपा के रमन राज में जहां एक ओर 8000 से अधिक गोवंश की मौत भूख से हुई थी। शकुन गौशाला जो कि आरएसएस और भाजपा के नेताओं के द्वारा संचालित था, वहां पर सैकड़ों गोवंश की निर्मम हत्या हुई और भूख से मौत भी हुईं थी।

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कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी केवल और केवल उद्योगपतियों और धनाढ्य लोगो की रहनुमा है। जहां उद्योगपतियों का कर्जा माफ किया जाता है, किसानो-मजदूरो को प्रताड़ित किया जाता है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की सरकार किसानों की सरकार है, मध्यम वर्ग और मजदूरो की सरकार है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कोरोना महामारी के समय भी लगातार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर तेजी के साथ पटरी पर वापस लाने का काम किया जा रहा है। दूसरी ओर अपने पार्टी के आलानेताओ की गुटबाजी को रोका-छेका नही लगा पाने वाली भाजपा कुंठा से ग्रसित है भाजपा में नेताओं की आपसी गुटबाजी का संक्रमण चरम पर है।

प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार आने वाले समय में भी शहरों से लेकर गांव तक रोड में बैठे आवारा पशुओं की समुचित व्यवस्था करेगी। ताकि आमजनो को रोड एक्सीडेंट से निजात मिले और गोधन न्याय योजना के तहत गोबर का भी संग्रहण किया जा सकेगा।

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शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में बीपीएल परिवार के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 15 और 16 जुलाई को पहली लॉटरी निकाली गई। प्रदेश में 6 हजार 461 निजी स्कूलों की 81 हजार 452 सीटों के लिए इस लॉटरी में कुल 79 हजार 505 आवेदन प्राप्त हुए थे। पहली लॉटरी में 54 हजार 102 विद्यार्थियों का चयन हुआ है। प्रथम लॉटरी के बाद 17 हजार 111 बच्चों का चयन नहीं हो पाया है। चयनित नहीं हो पाये इन बच्चों को दूसरे लॉटरी में अपने आवेदनों को संशोधित करने एवं नवीन आवेदन प्रस्तुत करने के लिए शालाओं में अन्य मापदण्डों को ध्यान में रखते हुए पुनः आवेदन करने या प्रस्तुत आवेदन में संशोधन करने का अवसर मिलेगा। पुनः आवेदन या प्रस्तुत आवेदन को संशोधन करने की सुविधा 21 जुलाई से प्रारंभ होगी।

संचालक लोक शिक्षण श्री जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 15 जुलाई को 14 जिलों की लॉटरी निकाली गई थी। शेष जिलों की लॉटरी 16 जुलाई को निकाली गई। इस प्रकार दाखिले के लिए पहली लॉटरी में राज्य के 6461 निजी स्कूलों में आरटीई के तहत बच्चों को प्रवेश देने के लिए सभी विकल्पों के आधार पर निकाली गई। संचालनालय द्वारा चयनित बच्चों को प्रवेश दिलाने हेतु उनके पालकों को एसएमएस के माध्यम से सूचना भेजी जा रही है। श्री शुक्ला ने बताया कि जिनका आवेदन रदद् हुआ है वे फिर से दूसरे स्कूल के लिए आवेदन कर सकते हैं। सरकार का प्रयास है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम की पूरी सीट भरी जाए।

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लोक शिक्षण संचालनालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पहली लॉटरी जिलेवार स्कूलों में बच्चों के प्रवेश की स्थिति इस प्रकार है। प्रदेश के जिला रायपुर के 825 स्कूलों के लिए 6 हजार 65 बच्चे, बिलासपुर के 606 स्कूलों के लिए 5 हजार 396 बच्चे, दुर्ग में 552 स्कूलों के लिए 4 हजार 350 बच्चे, कोरबा जिले के 288 स्कूलों के लिए 3 हजार 911 बच्चे, जांजगीर चांपा जिले के 406 स्कूलों के लिए 3 हजार 924 बच्चे, राजनांदगांव जिले के 311 स्कूलों के लिए 2 हजार 936 बच्चे, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के 284 स्कूलों के लिए 2 हजार 894 बच्चे, रायगढ़ जिले के 357 स्कूलों के लिए 3 हजार 62 बच्चे, मुंगेली जिले के 176 स्कूलों के लिए 2 हजार 214 बच्चे, कोरिया जिले के 205 स्कूलों के लिए एक हजार 461 बच्चे, महासमुंद जिले के 224 स्कूलों के लिए एक हजार 732 बच्चे, धमतरी जिले के 205 स्कूलों के लिए एक हजार 384 बच्चे, कवर्धा जिले के 177 स्कूलों के लिए एक हजार 305 बच्चे, शिक्षा जिला सक्ती के 205 स्कूलों के लिए एक हजार 637, बस्तर जिले के 121 स्कूलों के लिए एक हजार 566 बच्चे, सरगुजा जिले के 192 स्कूलों के लिए एक हजार 215 बच्चे, सूरजपुर जिले के 267 स्कूलों के लिए एक हजार 414 बच्चे, जशपुर 175 स्कूलों के लिए एक हजार 189 बच्चे, बेमेतरा जिले के 161 स्कूलों के लिए एक हजार 99 बच्चे, बलरामपुर जिले के 150 स्कूलों के लिए एक हजार 285 बच्चे, कांकेर जिले के 157 स्कूलों के लिए 975 बच्चे, गरियाबंद जिले के 86 स्कूलों के लिए 923 बच्चे, बालोद जिले के 164 स्कूलों के लिए 994 बच्चे, कोण्डागांव जिले के 84 स्कूलों के लिए 647 बच्चे, बीजापुर जिले के 33 स्कूलों के लिए 192 बच्चे, दंतेवाड़ा जिले के 21 स्कूलों के लिए 129 बच्चे, सुकमा जिले के 15 स्कूलों के लिए 120 बच्चे और नारायणपुर जिले के 14 स्कूलों के लिए 83 बच्चे प्रवेश के लिए चयनित हुए हैं।

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इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा भाभा अटॉमिक रिसर्च सेन्टर (बार्क), मुम्बई के सहयोग से धान की दो नवीन म्यूटेन्ट किस्मंे - विक्रम ट्रॉम्बे छत्तीसगढ़ राईस और छत्तीसगढ़ ट्रॉम्बे जवाफूल विकसित की गई हैं। ये नवीन म्यूटेन्ट किस्में छत्तीसगढ़ की परंपरागत किस्मों क्रमशः सफरी-17 और जवाफूल में उत्परिवर्तन के द्वारा सुधार कर विकसित की गई हैं। नवीन किस्में परंपरागत किस्मों की अपेक्षा बौनी, शीघ्र पकने वाली और अधिक उपज देने वाली हैं। विक्रम टी.सी.आर. किस्म परंपरागत सफरी-17 की तुलना में 30-35 दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है और 21 प्रतिशत अधिक उत्पादन देती है। इसी प्रकार सी.जी. जवाफूल ट्रॉम्बे किस्म परंपरागत जवाफूल की तुलना में 10-15 दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है और 40 प्रतिशत अधिक उपज देती है। छत्तीसगढ़ राज्य बीज उप समिति द्वारा इन दोनों किस्मों को छत्तीसगढ़ राज्य के लिए जारी करने की अनुशंसा की गई है।

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इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा भाभा अटॉमिक रिसर्च सेन्टर के सहयोग से धान की दो परंपरागत किस्मों में उत्परिवर्तन के माध्यम से सुधार कर विकसित की गई दो नवीन किस्मों मंे से विक्रम ट्रॉम्बे छत्तीसगढ़ राईस की उत्पादन क्षमता संकर धान की किस्मों के बराबर पाई गई है। इस किस्म के पौधों की ऊंचाई 101-106 से.मी. है जबकि परंपरागत सफरी-17 प्रजाति के पौधों की ऊंचाई 160-165 से.मी. है। पौधों की ऊंचाई कम होने के कारण विक्रम टी.सी.आर. के पौधों के गिरने (लॉजिंग) का खतरा कम होता है। इसके पकने की अवधि 118-123 दिन है, जो परंपरागत सफरी प्रजाति की तुलना में 30 से 35 दिन कम है। यह किस्म कम पानी या सूखे की स्थिति में भी परंपरागत सफरी प्रजाति के जितना ही उत्पादन देती है। यह किस्म 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज दे सकती है। यह प्रजाति मुर्रा बनाने के लिए उपयुक्त पाई गई है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ की सुगंधित चावल की परंपरागत किस्म जवाफूल में सुधार द्वारा विकसित किस्म सी.जी. ट्रॉम्बे जवाफूल छोटे दानों की सुगंधित बौनी किस्म है। इस किस्म के पौधों की ऊंचाई 120-125 से.मी. होने के कारण पौधे गिरते नहीं हैं जबकि परंपरागत जवाफूल प्रजाति के पौधों की ऊंचाई 145-150 से.मी. होने के कारण पौधे तेज हवा या बरसात से गिर जाते हैं। सी.जी. ट्रॉम्बे जवाफूल किस्म के पकने की अवधि 130-135 दिन है, जो परंपरागत जवाफूल प्रजाति की तुलना में 10-15 दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है। इसकी अधिकतम उपज क्षमता 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा पुलिस विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों एवं उनके परिजनों की विभागीय समस्याएं संवेदनशीलता के साथ निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम मे डीजीपी श्री डीएम अवस्थी ने पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर में पुलिस परिवार कल्याण सेल का गठन किया है। श्री अवस्थी ने निर्देश दिए हैं कि सेल द्वारा पुलिस बल के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा सेवानिवृत्त अधिकारी, कर्मचारी, शहीद, मृत कर्मियों के परिजनों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर तत्काल कार्यवाही करते हुए निराकरण किया जाये।
सेल का ये है उद्देश्य-

डीजीपी श्री डीएम अवस्थी ने बताया कि सेल के गठन का उद्देश्य पुलिसकर्मियों एवं उनके परिजनों की समस्याओं का तत्काल निराकरण करना है। कई बार संबंधित इकाईयों में समस्याओं के निराकरण में देरी होती है। इसलिए सेल का गठन करके ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि पुलिसकर्मियों के अलावा उनके परिजन भी मुझसे मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत करा सकें। पुलिसकर्मी और उनके परिजन पुलिस मुख्यालय स्थित सेल के फोन नंबर पर संपर्क करके निर्धारित समय में आकर अपनी समस्याएं रख सकेंगे। सेल का फोन नंबर पृथक से जारी किया जाएगा। जिसका पुलिस परिवार कल्याण सेल द्वारा तत्काल निराकरण किया जायेगा। डीजीपी श्री डीएम अवस्थी उक्त सेल द्वारा की गई समस्याओं के निराकरण की लगातार मानिटरिंग करेंगे।

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इस प्रकार काम करेगी सेल-
पुलिस परिवार कल्याण सेल में पुलिसकर्मी अथवा उनके परिजन बहुत ही आसानी से अपनी समस्याएं रख सकेंगे। पुलिस मुख्यालय पहुंचने के बाद उन्हें कोई असुविधा न हो इसके लिये व्यवस्था बनायी गयी है। जिसके अनुसार वे सेल के नंबर पर फोन करके पुलिस मुख्यालय आने की तारीख और समय पता कर सकेंगे। पूर्व निर्धारित तारीख पर पुलिसकर्मी अथवा परिजन पुलिस मुख्यालय स्थित सेल में आकर अपनी समस्याओं को रख सकेंगे। । सेल के समक्ष पुलिस बल के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा सेवानिवृत्त कर्मी, शहीद, मृत कर्मियों के परिजन समस्या से संबंधित आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे, जिनका तत्काल निराकरण किया जाएगा।

इन समस्याओं का होगा निराकरणः-

उल्लेखनीय है कि पुलिस विभाग में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी, शहीदों के परिजनों को अनेक प्रकार की विभागीय समस्याओं जैसे स्थानांतरण,पदोन्नति,अनुकम्पा नियुक्ति,शहीद सम्मान निधि,संकट निधि,परोपकार निधि,पेंशन प्रकरण तैयार होने में विलंब,छात्रवृत्ति एवं अनुग्रह राशि के प्रकरण में विलंब की समस्याएं होती हैं। पुलिस परिवार कल्याण सेल द्वारा उक्त समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया जायेगा।

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रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार अगले महीने 3 अगस्त को मनाया जायेगा। यह त्यौहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। भाई-बहन के प्यार को समर्पित यह त्यौहार उनके बीच अटूट रिश्ते को दर्शता है। यह त्यौहार तब खास हो जाता है, जब बहनें खुद अपने हाथों से राखी तैयार कर भाईयों के कलाईयों में बांधती है। लॉकडाउन और कोरोना के बीच महिला समूहों की बहनें इस बार राशि के त्यौहार को विशेष रूप से मनायेगी। वे खुद अपने हाथों से अपने भाईयों के लिए राखी का निर्माण बड़े पैमाने पर कर रही है। छुरा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम कनसिंघी के बिहान से जुड़ी महिला समूहों ने इसे नया रूप दिया है। प्लास्टिक और फैंसी राखियों के स्थान पर घर में प्रयुक्त होने वाली खाद्य सामग्रियों को मिलाकर राखी का निर्माण खुबसूरती के साथ किया जा रहा है। इस बार राखी में काजू, बादाम, किशमिश, लहसुन, धान, चावल आदि खाद्य सामग्री के साथ साथ विभिन्न प्रकार की आकर्षक एवं सस्ती राखी का निर्माण देवरी के राखी ग्राम संगठन में किया जा रहा है।

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स्थानीय मांग और लागत को ध्यान में रखते हुए राखियां कम मूल्य की तैयार की जा रही है। इन राखियों का मूल्य 5 रुपये से लेकर अधिकतम 25 रुपये के कीमत तक है। राखियों को क्लस्टर के माध्यम से और छोटे-छोटे स्टॉल लगाकर विक्रय किया जायेगा। इससे मिलने वाले लाभ से समूह की आय बढे़गी। समूह की दीदियों ने बताया कि यह गतिविधि हमारे कनसिंघी कलस्टर में प्रथम बार हो रही है। इसे आदर्श संकुल संगठन कनसिंघी इस नये आजीविका गतिविधि को प्रोत्साहित कर रही है। संगठन के पदाधिकारी सदस्यों ने सभी ग्राम संगठन के दीदियों को ग्राम देवरी से राखी खरीदने के लिए बैठक कर लिया है। राखी निर्माण में जुटी गौरी ठाकुर, सरस्वती बाई, अमरौतिन, लोम्बाई, खेमा बाई, काशीबाई, भोज बाई ने बताया कि राखी बनाने के लिए जनपद पंचायत छुरा के सीईओ सुश्री रुचि शर्मा ने हमे प्रोत्साहित किया। उनके मार्गदर्शन में वाय.पी संजू, ब्लॉक समन्वयक सुभाष, बीरेंद्र, एडीओ हेमकंवर, क्षेत्रीय समन्वयक लितेश ध्रुव एवं आदर्श संकुल कनसिंघी के पदाधिकारी दीदियों एवं राखी ग्राम संगठन देवरी के 12 समूह के दीदियांे का भरपुर सहयोग मिला।

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जिला मुख्यालय से मात्र 2 किलोमीटर दूर पहंदा गांव में काटनाशक युक्त चारा खाने से 11 मावेशियों की मौत हो गई है. कलेक्टर ने गुरुवार को ही जनपद सीईओ को 'रोका छेका' अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नोटिस जारी किया था. इसके बावजूद इतनी बड़ी घटना से अभियान पर पानी फिर गया. फिलहाल पशु विभाग के डॉक्टर घटनास्थल पर मौजूद हैं.पशु चिकित्सकों के मुताबिक खेतों में छिड़काव किए गए कीटनाशक के सेवन से मवेशियों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि गुरुवार सुबह 7 बजे से ही गायों की तबीयत बिगड़ने लगी थी. ग्रामीणों को आशंका है कि किसी ने मवेशियों को जानबूझ कर जहर देकर मारा है. सरपंच ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग और सिटी कोतवाली थाना में दी है.पशु विभाग के मुताबिक गुरुवार से ही मवेशियों का इलाज किया जा रहा था, लेकिन दोपहर के बाद से ही स्थिति बिगड़ने लग गई थी. अब तक यहां करीब 11 मवेशियों की मौत हो चुकी है. पशु चिकित्सकों की टीम गांव में मौजूद हैं. जो मवेशियों को बचाने में जुटे हैं.

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विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अभिषेक तिवारी भी संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ पहंदा पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुखद घटना है. पशु चिकित्सक डाॅ. जायसवाल और उनकी टीम के प्रयास से 4 से 5 मवेशियों को बचाया गया है. ग्रामीणों के साथ मिलकर विश्व हिंदू परिषद- बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मवेशियों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की है. वहीं सिटी कोतवाली थाना प्रभारी विजय चौधरी ने कहा कि प्राथमिक तौर पर मवेशियों की मौत कीटनाशक से हुई है ऐसा लगता है. मामले में जांच के बाद और खुलासा हो सकता है.

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जिले के ग्राम कोमा की एक महिला ने खल्लारी थाना प्रभारी पर एक मामले में एक लाख रुपए लेने का आरोप लगाया है। महिला के मुताबिक थानेदार ने रकम लेने के बाद भी उसके पति के खिलाफ शराब मामले में प्रकरण बना दिया। अब पीडि़त महिला ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री सहित डीजीपी को पत्र भेजकर की है।

गुरूवार को ग्राम कोमा निवासी पीडि़त महिला रूखमणी साहू शिकायत लेकर संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर के कार्यालय पहुंची थी। उन्होंने शिकायत पत्र देते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया है कि पिछले दिनों ग्राम कोलदा में शराब बेच रहे दो लडक़ों को खल्लारी पुलिस ने पकड़ा था। इस मामले में खल्लारी थाना प्रभारी ने अपने थाने की पुलिस मोनू सरदार और देवचरण सिन्हा को उनके घर भेजकर पैसे की मांग की। लगातार थाना प्रभारी के दबाव के चलते इधर-उधर से पैसे की व्यवस्था कर एक लाख रुपए थाना प्रभारी के कहने पर मोनू सरदार व देवचरण सिन्हा को दिया गया। आरोप है कि पैसा मिलने के बाद भी प्रार्थी महिला के पति हितेश साहू को शराब के एक मामले में फंसा दिया गया। उन्होंने शिकायत पत्र देते हुए थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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महिला का आरोप है कि एक लाख रुपए देने के बाद थानेदार फिर से एक लाख रुपए की मांग कर रही है। थानेदार ने मांग पूरा नहीं करने पर उसके पति को फंसा देने की बात कह रही है जबकि एक लाख रुपए थानेदार को पहले ही दिया जा चुका है। मांग पूरी नहीं करने पर पुलिस उसके घर में रखी कार को जबरदस्ती ले गई हंै उसमें शराब रखवाकर कार की जब्ती बनाई गई है और उसके पति के खिलाफ झूठा मामला बनाने की बात कह रही है। टीआई लगतार धमकी दे रही है कि मांगें नहीं मानी तो गांजा के मामले में फंसा दिया जाएगा। पुलिस की इस धमकी से उसका परिवार भयभीत है।

इस मामले में खल्लारी थाना टीआई दीपा केंवट का कहना है कि महिला का आरोप बेबुनियाद है। मामले की जांच कराने पर वस्तुस्थिति स्पष्ट हो जाएगी। रहा सवाल हितेश साहू को फंसाने का, तो उसके खिलाफ थाने में पहले ही कई मामले दर्ज है।

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