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detail news only from Chhattishgarh ,dated: १८ सितम्बर २०२०

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ख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि केन्द्र सरकार का एक राष्ट्र-एक बाजार अध्यादेश किसानों के हित में नहीं है। इससे मंडी का ढांचा खत्म होगा, जो किसानों और व्यापारियों दोनों के लिए लाभप्रद नहीं है। अधिकांश कृषक लघु सीमांत है, इससे किसानों का शोषण बढ़ेगा। उनमें इतनी क्षमता नहीं कि राज्य के बाहर जाकर उपज बेच सके। किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम में किए गए संशोधन से आवश्यक वस्तुओं के भंडारण एवं मूल्य वृद्धि के विरूद्ध कार्यवाही करने मे कठिनाई होगी। कान्ट्रैक्ेट फार्मिग से निजी कंपनियों को फायदा होगा। सहकारिता में निजी क्षेत्र के प्रवेश से बहुराष्ट्रीय कंपनिया, बड़े उद्योगपति सहकारी संस्थाओं पर कब्जा कर लेंगे और किसानों का शोषण होगा।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय से वीड़ियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले को 332.64 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात देने के बाद कार्यक्रम को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने की। कार्यक्रम में सभी मंत्रीगण, लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत एवं अन्य जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में वीड़ियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आम जनता के हितों का संरक्षण एवं उनकी खुशहाली हमारी सरकार की प्राथमिकता है। यह प्रेरणा हमें विरासत में मिली है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर लाल बहादुर शास्त्री, श्रीमती इंदिरा गांधी की नीतियों और आदर्शों का अनुसरण करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों, मजदूरों, किसानों और आदिवासियों के बेहतरी के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा काल में छत्तीसगढ़ सरकार ने लोगों को अपने जनहितैषी कार्यक्रमों एवं योजनाओं के जरिए 70 हजार करोड़ रूपए की सीधे मदद दी हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज देश और दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है। बहुत से देशों की राष्ट्रीय सरकारों ने किसानों, गरीबों और आपदा पीड़ितों के प्रति सहानुभूति का रवैया रखते हुए बीमारी के नियंत्रण में अच्छी सफलता हासिल की है। लेकिन हमारे देश ने जिस तरह से सर्जिकल स्ट्राइक के तरीके से नोटबंदी, जीएसटी और लॉकडाउन किया गया, उससे लगातार हालत खराब होती गई और सबका मिला-जुला असर कोरोना काल में राष्ट्रीय आपदा के रूप में सामने आया है। यदि केन्द्र सरकार रचनात्मक और सहानुभूतिपूर्ण रवैया रखती तो देश को आज जैसे दिन नहीं देखने पड़ते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना काल में जो रचनात्मक नजरिया रखा उसके कारण हम किसानों, मजदूरों, गरीबों, ग्रामीणों, वन आश्रितों को 70 हजार करोड़ रू. की आर्थिक मदद कर पाए। उन्होंने कहा कि मुझे दुख होता है कि इस संकट काल में भी हमारे उन पुरखों के योगदान को भुलाने की कोशिश की जाती है, जिन्होंने देश को अपनी सही सोच और सही नेतृत्व से स्वावलंबी बनाया था।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश स्वतंत्र हुआ उस समय देश में कृषि एवं कृषकों की स्थिति अत्यंत खराब थी। भुखमरी की स्थिति में खड़े देश को आत्मनिर्भर बनाने अभियान चलाया गया। प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 लागू किया, जिससे जमाखोरी एवं कालाबाजारी पर रोक लगी। प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के समय प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए कृषि मूल्य आयोग गठित किया गया। प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने भारत की परंपरागत कृषि को ‘‘हरित क्रांति’’ में परिवर्तित कर दिया। उन्होंने कृषकों के लिए बैंक के द्वार खोलने के लिए बैंको का राष्ट्रीयकरण किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 1970 के दशक में एग्रीकल्चर प्रोडयूस मार्कटिंग (रेगुलेशन) ऐक्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत किसानों को उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए कृषि विपणन समितियां बनी थी। इन समितियों का उद्देश्य बाजार की अनिश्चितताओं सेे किसानों को बचाना और उनका शोषण रोकना था। इस एक्ट के द्वारा मंडी समितियों का गठन किया गया। इन मंडियों में कृषकों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलता है। कृषक अपना प्रतिनिधि चुनते हैं, जो मंडी समिति का प्रबंधन करते हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज केन्द्र सरकार द्वारा विश्वव्यापी कोरोना संकट के समय के अवसर को अच्छा अवसर मानते हुए कृषकों के शोषण के लिए चार अध्यादेश लाया गया है। जिसके तहत एक राष्ट्र- एक बाजार के तहत एक्ट में संशोधन किया गया है। इसमें किसानों को देश के किसी भी हिस्से में अपनी उपज बेचने की छूट दी गई है। इसमें किसान और व्यापारी को उपज खरीदी-बिक्री के लिए राज्य की मंडी के बाहर टैक्स नहीं देना होगा अर्थात मंडी में फसलों की खरीदी-बिक्री की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी और निजी मंडियों को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन, खाद पदार्थों के उत्पादन और बिक्री को नियंत्रण मुक्त किया गया है। तिलहन, दलहन, आलू, प्याज जैसे उत्पादों से स्टाक सीमा हटाने का फैसला लिया गया है। कॉन्ट्रेक्ट फार्मिग और सहकारी बैंकों में निजी इक्विटी की अनुमति का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा स्पष्ट मत है कि कोरोना आपदा के समय में केन्द्र सरकार द्वारा जो अध्यादेश लाए गए हैं, उसका बहुत बुरा असर होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पुरजोर तरीके से केन्द्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि आज देश के सामने दो मॉडल स्पष्ट हैं कि आपदा में जनसेवा के माध्यम से विश्वास जगाते हुए सबको साथ लेकर चलने वाला छत्तीसगढ़ी मॉडल और दूसरा आपदा को मनमानी करने का अवसर मानने वाला केन्द्र सरकार का मॉडल। उन्होंने कहा कि हमें अपने छत्तीसगढ़ी मॉडल पर भरोसा है, जिसने आपदा के समय में जरूरतमंदों को सीधे मदद पहुंचाने के साथ ही नवगठित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के विकास को नया आयाम दिया है।

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कांग्रेस ने मोदी सरकार पर छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव और सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आपदा काल में मोदी सरकार से मदद की उम्मीद करना दूर की बात है।छत्तीसगढ़ के बकाया 6हजार करोड़ की राशि देने में भी केंद्र सरकार हील हवाला कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार आपदा काल में छत्तीसगढ़ के किसानों मजदूरों आमजनों के खातों में विभिन्न मदों से 5 हजार करोड से अधिक की राशि जमा कराई है।महामारी को नियंत्रित करने किए जा रहे उपायों में अब तक 554 करोड़ की राशि खर्च कर चुकी है।आगे भी महामारी नियंत्रण के उपायों में पैसों की कमी नहीं होगी ।साढ़े सात लाख प्रवासी मजदूरों की सकुशल घर वापसी, उनके रहने खाने का इंतजाम रोजगार की व्यवस्था 20हजार से अधिक कवारेटाइन सेंटरों की व्यवस्था, दूसरे प्रदेशों के 28हजार प्रवासी श्रमिकों को सकुशल उनके घर तक पहुंचाना,पढ़ाई करने राज्य से बाहर गए छात्रों को सकुशल घर वापसी, मनरेगा के माध्यम से 1 दिन में 26 लाख लोगों को रोजगार, प्रत्येक बीपीएल राशन कार्डधारियों को 35 किलो चांवल मुफ्त देना, चना नमक शक्कर एवं सामान्य राशन कार्ड वालों को10 रु किलो में चावल देना। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से धान उत्पादक किसानों को अंतर की राशि एवं मक्का व गन्ना उत्पादकों को लाभान्वित करना गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर खरीदी कर पशुपालकों को लाभान्वित करना। कोविड-19 के बचाव के उपायों को पूरा करते हुए तेंदूपत्ता एवँ 31वनोपज को समर्थन मूल्य में खरीदी करना। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक रेडी टु ईट लॉकडाउन में 47 लाख घरों तक सुपोषित भोजन सामग्री पहुँचाना। सहित अनेक जन हितेषी कार्य को करते हुए छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से सक्षम मजबूत बनाने काम करते हुये कोविड 19 से लड़ाई लड़ रहे है।

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि महामारी काल में मोदी सरकार छत्तीसगढ़ की जनता को किसी प्रकार से सहयोग नहीं मिला है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने लॉक डाऊन के कारण बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए छत्तीसगढ़ के किसान मजदूर महिलाएं व्यापारी कामकाजी महिलाएं ठेला चालक रिक्शा चालक दिहाड़ी मजदूरों को मदद करने के लिए 30 हजार करोड़ की राहत पैकेज की मांग की गई थी लेकिन मोदी सरकार ने अब तक मदद नहीं की है। महामारी संकटकाल से निपटने के स्वास्थ व्यवस्थाओं को और विस्तारित करने लिए 821करोड़ की राशि मांगी थी लेकिन मात्र 85 करोड़ देकर मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।प्रधानमंत्री मजदूर गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ को बाहर किया गया।किसान सम्मान निधि से 25 लाख किसानों के नाम को काट दिया गया।पीएम केयर फंड में छत्तीसगढ़ के सीएसआर फंड की राशि को जबरिया जमा करवा लिया गया और पीएम केयर फंड से नाम मात्र राशि मदद की गई ये छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता के साथ अन्याय है।और भाजपा के सांसद सभी विषयों पर मौन रहकर छत्तीसगढ़ के साथ किये जा रहे भेदभाव का समर्थन कर रहे हैं।

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भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती पूजा विधानी ने काँग्रेस पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया तो व्यक्त कर दी पर वे ये भूल गयीं कि आत्मचिंतन और आत्म मंथन के परिणामस्वरूप ही आज छत्तीसगढ़ जैसे कृषिप्रधान प्रदेश में काँग्रेस की सरकार है। मजदूरों, किसानों, पशुपालकों के जीवन मे क्रांति लाये गये आज छत्तीसगढ़ में गाँव से लेकर शहर तक अर्थव्यवस्था व्यवस्थित है। कोरोना संकट में भी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कोरोना संकट के कारण आई कठिनाइयों के बावजूद उस प्रक्रिया को भी पूरा करने की दिशा में काम करना बहुत ही सराहनीय है। कोरोना संकट में भी मध्याह्न भोजन के सफलतापूर्वक संचालन होने से कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। राज्य में महिलाएँ आत्मनिर्भर बन रही है तो भाजपा नेत्रियों को खुश होना चाहिए कि 15 सालों बाद ऐसा समय देखने को मिला ।

प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि भूपेश बघेल की सरकार जमीन स्तर पर कार्य कर रही है तो भाजपाइयों को अनपचक हो रहा है। और यदि बात कोरोना महामारी की है तो इसका श्रेय सर्वप्रथम केंद्र की मोदी सरकार को जाता है जिन्होंने नमस्ते ट्रम्प जैसे बड़े उत्सव का आयोजन करके न केवल इस देश को अपितु देश की अर्थव्यवस्था को, देश की प्रगति को, देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन को असमय ही काल के गाल में समा जाने के लिये असहाय छोड़ दिया और फिर भारत की भोली भाली जनता से ताली और थाली बजवा कर नौटंकी के नये-नये कारनामे भी करवाये गये ।

प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि जलसा, उत्सव, मन की बात, मोर के साथ समय व्यतीत करने की सीख, आत्मनिर्भर बनने की बात करना, महंगा कपड़े पहनने का शौक ये पूरा देश जान रहा है । हमारे देश के मुखिया को यह भी नहीं पता कि कोविड काल में कितने प्रवासी मजदूरों के जान चली गई । बेपरवाह केंद्र सरकार को इसकी जानकारी भी नहीं। नोटबंदी में समय मांगा अौर अर्थव्यवस्था तबाह कर दिये।कोरोना में समय मांगा अौर जिंदगियां तबाह कर दी।

प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि 15 साल तक मेवा खाकर नकली सेवा करने वालों को जनता ने 15 सीटों में सिमटा दिए। यहाँ इनका घमंड टूटा है अब उनका घमंड टुटेगा। " आत्मनिर्भर भारत" से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा एक अौर जुमला है केंद्र सरकार में सिर्फ नारे गढे जा रहे है अौर काम कुछ होता नहीं।

प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि कोविड काल मे देश मे हजारो जाने मजदूरों की गई, वही लाखो लोग केंद्र सरकार के मिस मैनेजमेंट से बेरोजगार हुए। छोटे व्यापारी का व्यापार खत्म हो गया। मोदी जी की तीन भूलो को इतिहास नोटबन्दी, जीएसटी, और कोविड मिस मैनेजमेंट कभी माफ नही करेगा।

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सरकार द्वारा नगर पालिका, नगर परिषद और नगर पंचायत में एल्डरमैन की नियुक्ति किए 24 घंटे नहीं बीते की कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताना शुरू कर दिया है। कांग्रेस आईटी सेल के लगभग 25 कार्यकर्ताओं ने नियुक्ति को लेकर असंतोष जताते हुए थोक में विधायक शैलेष पांडे और पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव को इस्तीफा सौंप दिया है। पीसीसी महामंत्री अनिल शुक्ला ने नियुक्ति पर एतराज जताते हुए कहा कि इस संबंध में पीसीसी अध्यक्ष मोहम मरकाम से शिकायत करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि अनजान लोगों को एल्डरमैन बनाया गया है, यहां तक एक ही परिवार में दो लोगों को एल्डरमैन बना दिया गया है। पत्र में आरोप लगाया गया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के दो साल बीतने के बाद भी पार्टी से जुड़े निष्ठावान ईमानदार कार्यकर्ताओं का कोई काम नहीं हो रहा है।

पत्र में बताया कि प्रदेश कांग्रेस आईटी सेल के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने सड़क तक की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया। लेकिन सरकार बनने के बाद बार-बार कार्यकर्ताओं के साथ धोखा हो रहा है। एल्डरमैन की नियुक्ति में भी मेहनत और संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं के साथ धोखा हुआ है, जिससे क्षुब्ध होकर वे पद से इस्तीफा दे रहे हैं।


मंत्री रविन्द्र चौबे का बयान
एल्डरमैन नियुक्ति को लेकर कार्यकर्ताओं में उपजे असंतोष और इस्तीफे के बाद सरकार के प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे का बयान सामने आया है। चौबे ने कहा कि जनप्रतिनिधियों से रायशुमारी के बाद एल्डरमेन की सूची तैयार की गई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगता है कि एल्डरमैन नियुक्ति में सुधार की आवश्यकता है तो नगरीय प्रशासन मंत्री पुनर्विचार कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में एल्डरमैन की नियुक्ति वैधानिक प्रक्रिया है। अधिकांश नगरीय क्षेत्रों में पहले से एल्डरमेन नियुक्त किए जा चुके थे। कुछ स्थानों के लिए अभी सूची जारी की गई है। नगरीय प्रशासन मंत्री ने जनप्रतिनिधियों से बातचीत करने के बाद इस सूची को तैयार किया है।

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छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन की संभावना से इंकार कर दिया है. मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाकर इसका हल निकाला गया है. कई छोटे कस्बे और तहसीलें बंद हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर अब केंद्र सरकार ने सुझाव लेना बंद कर दिया है.मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को लेकर सुझाव लेना और देना बंद कर दिया है. जब ट्रेन और एयरपोर्ट चल रहे हैं, तो लॉकडाउन कैसे किया जा सकता है. यात्राएं शुरू रहेंगी तो लॉकडाउन का कोई विशेष महत्व नहीं रहेगा.

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बता दें कि प्रदेश सहित देश में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इससे मरने वालों की संख्या में भी कई गुना इजाफा हुआ है. इसे रोकने में अब तक केंद्र सहित कई राज्य सरकार नाकाम रही है. वहींं कई राज्यों से बढ़ते करोना संक्रमण को रोकने अब पूर्ण लॉकडाउन की मांग भी होने लगी है. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से अब देश के विभिन्न राज्यों को ना तो कोई दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं और ना ही कोई गाइडलाइन जारी की जा रही है, जबकि शुरुआती दिनों में लगातार केंद्र सरकार समय-समय पर कोरोना से निपटने और उसकी रोकथाम को लेकर राज्य सरकारों से राय मशवरा कर आवश्यक दिशा निर्देश देती रही है.

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होम आइसोलेशन में रह कर कोविड-19 का इलाज करा रहे 21 हजार 361 मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिसीन किट उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में कोविड-19 के उपचार के लिए अब तक 22 हजार 435 मरीजों ने होम आइसोलेशन का विकल्प चुना है। इनमें से 8441 मरीज होम आइसोलेशन की अवधि पूरी कर स्वस्थ हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों को दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ ही होम आइसोलेशन के दौरान मरीजों और उनके परिजनों द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों व दिशा-निर्देशों की जानकारी दी जा रही है। सभी जिलों में स्थापित होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम के माध्यम से मरीजों की सेहत की निगरानी भी की जा रही है।

प्रदेश में कोविड-19 से जंग जीतने वाले मरीजों की कुल संख्या अब 41 हजार 111 पहुंच गई है। विभिन्न कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में इलाज के बाद स्वस्थ हुए 32 हजार 630 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। वहीं होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे 8481 मरीज भी ठीक हो चुके हैं। 17 सितम्बर को प्रदेश भर में 5226 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। इनमें कोविड केयर सेंटर्स और अस्पतालों से डिस्चार्ज 2019 और होम आइसोलेशन पूर्ण कर स्वस्थ हुए 3207 शामिल हैं।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थानीय प्रशासन के सहयोग से रायपुर जिले में होम आइसोलेटेड 7484 कोरोना संक्रमितों तक मेडिसीन किट पहुंचाई गई है। बिलासपुर जिले में होम आइसोलेशन वाले 2625, राजनांदगांव में 2203, दुर्ग में 1556, रायगढ़ में 1329, कबीरधाम में 595, कोरिया में 591, सरगुजा में 569, धमतरी में 515, मुंगेली में 419, कांकेर में 372, सूरजपुर में 313, बस्तर में 300, कोरबा में 278, बलौदाबाजार-भाटापारा में 273, जांजगीर-चांपा में 255, गरियाबंद में 238, बालोद में 234, कोंडागांव में 233, दंतेवाड़ा में 216, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 180, महासमुंद में 168, नारायणपुर में 112, बलरामपुर-रामानुजगंज में 99, सुकमा में 69, जशपुर में 57, बीजापुर में 42 और बेमेतरा में 16 मरीजों को मेडिसीन किट उपलब्ध कराई गई है।

कोविड-19 के उपचार के लिए होम आइसोलेशन का विकल्प चुनने वाले प्रदेश के 22 हजार 435 मरीजों में से 8481 मरीज आइसोलेशन की अवधि पूरी कर स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें रायपुर जिले के 5802, बिलासपुर के 729, राजनांदगांव के 504, दुर्ग के 282, सरगुजा के 225, धमतरी के 188, रायगढ़ के 164, बस्तर के 106, कांकेर के 93, कबीरधाम के 70, कोरिया के 60, बलौदाबाजार-भाटापारा के 52, सुकमा के 47, बीजापुर के 38, महासमुंद और बालोद के 34-34, सूरजपुर के 18 तथा जांजगीर-चांपा के 15 मरीज शामिल हैं।

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त्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। प्रिंस लॉज में ये अवैध कारोबार संचालित हो रहा था। पुलिस ने इस मामले में 3 युवतियों के साथ 3 युवकों को गिरफ्तार किया है। वहीं लॉज संचालक को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।

सारंगढ़ थाना इलाके के भारत माता चौक स्थित प्रिंस लॉज में आपत्तिजनक हालत में 3 युवक और 3 युवतियां धरे गए हैं. मामले में पुलिस ने लॉज के मालिक सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस को सूचना मिली थी कि प्रिंस लॉज में बाहर से लड़कियों को बुलाकर देहव्यपार का धंधा कराया जा रहा है. पहले पुलिसकर्मी खुद ग्राहक बनकर लॉज में पहुंचे, फिर छापेमार कार्रवाई कर कमरे से 6 लड़के-लड़कियों को पकड़ा गया. कमरे से बीयर और आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई है. पकड़े गए आरोपियों में दो युवक जांजगीर, एक सारंगढ़ और तीनों युवती रायगढ़ जिले की रहने वाली हैं.

सारंगढ़ पुलिस के अनुसार प्रिंस लॉज में छापा मारा. जहां पर आपत्तिजनक हालत में तीन जोड़ों को पकड़ा गया. मामले में कुल 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. सभी के खिलाफ पीटा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. प्रिंस लॉज का मालिक संतोष केशरवानी पहले भी पीटा एक्ट के तहत जेल जा चुका है. जेल से छूटने के बाद फिर देह व्यपार कारोबार संचालित कर रहा था.

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मामले के बारे में पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि प्रार्थिया श्रीमती भारती वरू ने थाना खमतराई मं रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह शिवानंद नगर सेक्टर 3 में रहती है तथा वंदना पार्लर समता कालोनी में काम करती है। घर में प्रार्थिया और उसका पति नरेश वलमजी वरू रहते है। दिनांक 05.09.2020 को प्रार्थिया सुबह 08ः00 बजे तथा उसका पति दिन 11ः30 बजे अपने काम से घर में ताला लगाकर रोज की तरह निकले थे जो अपने-अपने काम के बाद दोनों एक साथ शाम करीबन 05ः00 बजे वापस घर पहुंचे तो घर के मेन गेट जिसमें ताला नहीं लगा था तथा घर अंदर के दरवाजा जिसमें जाली वाला दरवाजा एवं मेन दरवाजा जिसमें दोनांे दरवाजे में ताला लगा था दोनों का ताला गायब था। दरवाजा खोल घर अंदर जाने पर अंदर में रखंे आलमारी व आलमारी के अंदर का लाॅकर जिसे प्रार्थिया लाॅक कर रखी थी जिसका लाॅक खुला मिला उसके अंदर रखा सामान गायब होने की शंका पर चेक की तो लाॅकर अंदर रखें प्रार्थिया का पुराना इस्तेमाली सोने का जेवरात नहीं था। कोई अज्ञात चोर प्रार्थिया के घर के दरवाजा में लगे ताला को खोलकर अंदर प्रवेश कर आलमारी व लाॅकर को खोलकर सोने के जेवरात चोरी कर ले गया। जिस पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना खमतराई में अपराध क्रमांक 408/20 धारा 454, 380 भादवि. का अपराधा पंजीबद्ध किया गया।

घटना के संबंध में आसपास के लोगों से भी पूछताछ करते हुये घटना स्थल व उसके आसपास लगे सी.सी.टी.व्ही. फुटेजों का अवलोकन किया गया एवं अज्ञात आरोपी के संबंध में तकनीकी विश्लेषण कर अज्ञात आरोपी की पहचान सुनिश्चित करने के प्रयास किये जा रहे थे। इसी दौरान टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि ताज नगर सिविल लाईन निवासी इसरत बानो उर्फ खुशबू प्रधान जो प्रार्थिया एवं उसके पति से परिचित है तथा इसका प्रार्थिया के घर आना – जाना है, को दिनांक घटना को प्रार्थिया के घर प्रवेश करते देखा गया था। जिस पर संदेह के आधार पर पूछताछ हेतु थाना खमतराई की टीम द्वारा इसरत बानो उर्फ खुशबू प्रधान को थाना लाकर पूछताछ किया गया, परंतु इसरत बानो उर्फ खुशबू प्रधान द्वारा किसी भी प्रकार से चोरी की घटना में अपनी संलिप्तता नहीं होना बताकर लगातार टीम को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा था। जिस पर टीम द्वारा प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर कड़ाई से पूछताछ करने पर वह अधिक समय तक अपने झूठ पर टिक न सकी और अंततः चोरी की उक्त घटना को कारित करना स्वीकार किया।

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पूछताछ में आरोपिया ने बताया कि उसका प्रार्थिया के घर आना जाना था तथा उसे घर एवं आलमारी की चाबी कहां पर रहता है इस संबंध में जानकारी थी। घटना के कुछ दिन पूर्व आरोपिया प्रार्थिया के घर घुमने गयी थी इसी दौरान मौका पाकर घर व आलमारी का एक सेट चाबी को चोरी कर अपने पास रख ली थी तथा दिनांक घटना को प्रार्थिया के घर चोरी की घटना को अंजाम दी। आरोपिया की निशानदेही पर उसके कब्जे से चोरी की सोने की 02 नग मंगल सूत्र, पंच धातु में सोने की पट्टी लगा चूड़ी 03 नग एवं सोने का झुमका 01 जोड़ी जुमला कीमती 2,00,000/- रूपये जप्त किया गया है। आरोपिया को गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
गिरफ्तार आरोपिया :इसरत बानो उर्फ खुशबू प्रधान पति खली अहमद उम्र 35 साल निवासी ताजनगर थाना सिविल लाईन रायपुर।

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दो सगी बहनों के साथ शारीरिक संबंध बनाकर तैयार किया अश्लील वीडियो, फिर ब्लैकमेल कर दोनों से 4 लाख रुपए वसूल लिए. जब मन नहीं भरा तो वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी देकर दोबारा पैसे की डिमांड करने लगा. इतना सब हो गया और दोनों बहनें एक दूसरे की परेशानियों से अंजान थी. जब उन्हें पता चला कि दोनों के साथ युवक ने इस तरह की हरकत की है, तब साहस दिखाते हुए पूरे मामले की शिकायत थाने की. पुलिस ने संज्ञान लेते हुए आरोपी युवक को दूसरे दिन धर दबोचा. अब युवक जेल की हवा खा रहा है. घटना कोरबा जिले के दर्री थाना क्षेत्र इलाके का है.

दर्री सीएसपी खोमन लाल सिंहा ने बताया कि दर्री निवासी आरोपी युवक रूपेश कुमार मिरी अपने पड़ोस में रहने वाली दो सगी को अपने प्यार के जाल में फंसा लिया. शादी का झांसा देकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया और शारीरिक संबंध बनाते समय वीडियो और तस्वीरें बना ली. अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी देकर एक बहन से 2.50 लाख और दूसरी बहन से 1.50 लाख रूपये वसूल कर चुका था. बाद में दोबारा पैसा की डिमांड के साथ ब्लैकमेलिंग करने लगा.

आरोपी दोनों बहनों के मोबाइल में बार-बार अश्लील वीडियो भेजने लगा था. उसकी इन हरकतों से तंग आकर और हिम्मत जुटाकर दोनों दर्री थाने में शिकायत की. इस मामले में पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ धारा 376, 384, 506 34 के तहत अपराध दर्ज कर जांच कर रही थी. आज आरोपी को रूपेश कुमार मिरी को गिरफ्तार कर लिया गया

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