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detail news only from Chhattishgarh ,dated: २० july २०२०

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स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार रात साढ़े 9 बजे की स्थिति में मेडिकल बुलेटिन जारी किया है। रायपुर जिले से 66, दंतेवाड़ा से 27,जांजगीर-चांपा से 22, राजनांदगांव से 13, बिलासपुर से 9, दुर्ग से 8, बीजापुर से 7, जशपुर से 7, सरगुजा से 4, महासमुंद से 3, रायगढ़ से 2, सुकमा से 2, कांकेर से 1, कोरिया से 1 और धमतरी से 1 मरीज की पहचान हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर निवासी 3 और राजनांदगांव से 1 मरीज की मौत होने की पुष्टि की है। सोमवार को 169 कोरोना मरीजों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया है। प्रदेश में अब तक कुल 5598 कोरोना मरीजों की पहचान हो चुकी है। इनमें 3944 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। अब तर 28 लोगों की मौत दर्ज की गई है। प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 1626 पहुंच चुकी है।

राजधानी के भाठागांव में आज मिले 20 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं ,कोरोना जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मोबाइल लैब वैन भेजी थी ,यही वहीं जगह है जहाँ कोरोना संक्रमित महिला के निधन के बाद के अंतिम संस्कार के करेब 300 लोग इकठा हुए थे और महिला का शव रात भर घर में रखा रहा था,वहीं पंडरी के श्री शिवम शो रूम में 12 कोरोना संक्रमित मिलने के बाद पंडरी में हड़कंप मच गया है। शो रूम में काम करने वाले लोग संक्रमित पाए गए हैं। जिसके बाद शासन ने यह निर्देश दिया गया है कि जो लोग भी इस शो रूम में गया है वे शासन—प्रशासन को इसकी सूचना दें। CMHO मीरा बघेल ने इसकी पुष्टि की है।शासन ने मीडिया के माध्यम से यह अपील की है कि जो भी व्यक्ति इस शो रूम में खरीददारी करने गया है वे प्रशासन को इसकी जानकारी दे, स्थानीय स्वास्थ्य कर्मचारी, पार्षद या फिर किसी भी तरीके का इस्तेमाल करके प्रशासन तक अपनी सूचना पहुंचाए। और वह तुरंत होम क्वारंटाइन हो जाएं।




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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हरेली पर्व पर आज यहां अपने निवास में चार किसानों से 48 किलो गोबर की खरीदी की और किसानों को दो रूपए के हिसाब से 96 रूपए का भुगतान कर गोधन न्याय योजना की प्रदेशव्यापी शुरूआत की। ये किसान रायपुर जिले के अभनपुर विकासखण्ड के ग्राम नवागांव से आए थे। मुख्यमंत्री ने नवागांव गौठान समिति के जय छत्तीसगढ़ महिला स्व-सहायता समूह के लिए नवागांव के श्री कृष्ण कुमार चक्रधारी, पीलू राम ध्रुव, सेवक राम साहू और शिव नारायण साहू से गोबर खरीदा। मुख्यमंत्री ने स्वयं गौठान समिति के रजिस्टर में गोबर खरीदी की मात्रा भी दर्ज की और गोबर विक्रेता किसानों को गोबर बिक्री का कार्ड भेंट किया। विक्रेता किसानों को दिए गए कार्ड में उनके द्वारा रोज बेचे जाने वाले गोबर की मात्रा दर्ज की जाएगी।


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मुख्यमंत्री निवास में अभनपुर से आए इन किसानों ने ‘गोधन न्याय योजना‘ प्रारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह योजना किसानों और छोटे पशुपालकों के लिए बहुत अच्छी योजना है। श्री चक्रधारी ने बताया कि उनके पास पांच मवेशी है। हर रोज लगभग एक झउहा 20 किलो तक गोबर निकलता था, जो कचरे में जाता था। अब इसकी बिक्री होने से हम जैसे हजारों लोगों को इसका लाभ मिलेगा।


मुख्यमंत्री निवास में पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ हरेली का त्यौहार मनाया गया। हरेली पर्व में परंपरा है कि किसान और उनके परिवार की महिलाएं अपने खेत और बाड़ी की सब्जियां अपने सियान लोगों को भेंट करते हैं। जय धरती मां महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा बाई चक्रधारी सहित श्रीमती लक्ष्मी धु्रव, श्रीमती आरती साहू सहित समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को सब्जियां भेंट की। लौकी, रमकेलिया, कोहड़ा, बरबट्टी, करेला, तरोई सहित चेचभाजी, पटवा भाजी, अमारी भाजी का गुलदस्ता बनाकर भेंट किए। महिलाओं ने उनकी बाड़ी के भुट्टे भी मुख्यमंत्री को भेंट किए।

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देश की अपनी तरह की पहली गोधन न्याय योजना की शुरुआत आज से छत्तीसगढ़ में हुई। लोक महापर्व हरेली के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सांकेतिक रूप से गोबर खरीद कर इसे शुरु किया। इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीदेगी और फिर उससे जैविक खाद तैयार किया जाएगा। योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी है। इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है। गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने निवास पर धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गोधन तथा कृषि यंत्रों की पूजा-अर्चना कर योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश वासियों को नये साल के पहले त्योहार की बधाई देते हुए कहा कि यह योजना संकट के समय किसानों और पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगी। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के संजीवनी बनेगी। उन्होंने कहा कि यह एक बहुआयामी योजना है, जिससे हमें बहुत सारे लक्ष्य एक साथ हासिल करेंगे। श्री बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना से पशुपालकों की आय में वृद्धि तो होगी ही, पशुधन की खुली चराई पर भी रोक लगेगी। जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा मिलने से रासायनिक खाद के उपयोग में कमी आएगी। खरीफ तथा रबी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित होने से द्विफसलीय क्षेत्र में होगा। भूमि की उर्वरता में सुधार होगा तथा विष रहित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ेगी, इससे पोषण का स्तर और सुधरेगा।

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पारंपरिक रूप से हरेली पर्व कृषि और पर्यावरण से जुड़ी हुआ है। इसीलिए गोधन न्याय योजना की शुरुआत के लिए इसी अवसर को चुना गया। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास में आयोजित एक सांस्कृतिक समारोह में योजना की शुरुआत की। प्रदेश के गांवों में सुराजी गांव योजना पहले ही लागू की जा चुकी है, जिसके तहत पांच हजार से ज्यादा गोठानों की स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 2785 गोठान बनकर तैयार हो चुके हैं, शेष का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना इन्हीं गोठानों के माध्यम से संचालित होगी। गौठानों को पशुओं के डे केयर सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। महिला स्व सहायता समूह द्वारा यहां वर्मी कंपोस्ट के निर्माण के साथ अन्य आय मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं । राज्य सरकार चरणबद्ध रूप से गौठानों का विस्तार करते हुए प्रदेश की सभी 11630 ग्राम पंचायतों और सभी 20 हजार गांवों में गौठान निर्माण का लक्ष्य रखा है। निर्माण पूरा होने के बाद वहां भी गोबर की खरीदी की जाएगी।

किसानों और पशुपालकों से गोठान समितियों द्वारा दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी, जिससे महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाएगा। तैयार वर्मी कंपोस्ट को 8 रुपए प्रति किलो की दर से सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। खरीदे गए गोबर से अन्य सामग्री भी तैयार की जाएंगी।

मुख्यमंत्री निवास पर गोधन न्याय योजना के शुभारंभ के अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविंद्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह जुनेजा, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, रायपुर नगर निगम से सभापति श्री प्रमोद दुबे, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र तिवारी, खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री विनोद वर्मा और श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री आर.पी.मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त डा. एम. गीता, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़़ सरकार की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना‘ के पहले दिन ही राज्य के एक हजार 642 गौठानों में करीब दो हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की गई। राज्य के 11 हजार 277 पशुपालकों ने गौठानों में गोबर को बेचा।

प्रदेश के जांजगीर-चांपा जिले के 134 गौठानों में 655 गौपालकों द्वारा सर्वाधिक 477 क्विंटल गोबर बिक्री की गई है। इसी तरह रायगढ़ जिले के 114 गौठानों में एक हजार 147 पशुपालकों द्वारा 342 क्विंटल गोबर बेची गई है। इसी प्रकार रायपुर जिले के 95 गौठानों में 465 पशुपालकों द्वारा 114 क्विंटल, गरियाबंद जिले के 41 गौठानों में 220 पशुपालकों द्वारा 38 क्विंटल, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के 56 गौठानों में 372 पशुपालकों द्वारा 62 क्विंटल, महासमुंद के 61 गौठानों में 377 पशुपालकों द्वारा 86 क्विंटल और धमतरी जिले के 104 गौठानों में 714 पशुपालकों द्वारा 79 क्विंटल गोबर की बिक्री गई है।

इसी प्रकार दुर्ग जिले के 25 गौठानों में 220 पशुपालकों द्वारा 76 क्विंटल, बालोद के 50 गौठानों में 210 पशुपालकों द्वारा 45 क्विंटल, बेमेतरा के 100 गौठानों में 298 पशुपालकों द्वारा 94 क्विंटल, राजनांदगांव के 42 गौठानों में 316 पशुपालकों द्वारा 35 क्विंटल, कबीरधाम जिले के 74 गौठानों में 210 पशुपालकों द्वारा 19 क्विंटल, बिलासपुर जिले के 72 गौठानों में 218 पशुपालकों द्वारा 28 क्विंटल, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के 6 गौठानों में 82 पशुपालकों द्वारा 8 क्विंटल, मुंगेली जिले के 26 गौठानों में 171 पशुपालकों द्वारा 32 क्विंटल, कोरबा जिले के 110 गौठानों में 422 पशुपालकों द्वारा 27 क्विंटल, सरगुजा जिले के 84 गौठानों में 83 पशुपालकों द्वारा 7 क्विंटल, सूरजपुर जिले के 30 गौठानों में 422 पशुपालकों द्वारा 37 क्विंटल, बलरामपुर के 62 गौठानों में 343 पशुपालकों द्वारा 51 क्विंटल, जशपुर के 64 गौठानों में 563 पशुपालकों द्वारा 64 क्विंटल, कोरिया जिले के 11 गौठानों में 54 पशुपालकों द्वारा 10 क्विंटल, बस्तर जिले के 36 गौठानों में 2013 पशुपालकों द्वारा 15 क्विंटल, कोण्डागांव जिले के 39 गौठानों में 580 पशुपालकों द्वारा 62 क्विंटल, कांकेर जिले के 164 गौठानों में 591 पशुपालकों द्वारा 117 क्विंटल, दंतेवाड़ा जिले के 6 गौठानों में 173 पशुपालकों द्वारा 16 क्विंटल, सुकमा जिले के 3 गौठानों में 104 पशुपालकों द्वारा 33 क्विंटल, बीजापुर जिले के 11 गौठानों में 103 पशुपालकों द्वारा 12 क्विंटल और नारायणपुर जिले के 31 गौठानों में 151 पशुपालकों द्वारा 7 क्विंटल गोबर की बिक्री गई है।

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स्कूल शिक्षा एवं जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने आज कोरबा जिले के अमरपुर गौठान में हरेली पूजा के साथ राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना का विधिवत शुभारंभ किया। मंत्री द्वय द्वारा अमरपुर गौठान में गोधन न्याय योजना की शुरूआत पर गोबर खरीदी केंद्र का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्र में विजयपुर ग्राम पंचायत के लगभग दस गौ पालको से दो रूपए प्रति किलो कि दर से गोबर भी खरीदा गया। गोबर खरीदी केंद्र में वजन मशीन भी लगाई गई है। कार्यक्रम की शुरूआत में राजगीत अरपा पैरी के धार... भी गाया गया। इस दौरान मध्यक्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लाल जीत सिंह राठिया, कटघोरा विधायक पुरषोत्तम कंवर, पाली तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, नगर पंचायत कटघोरा के अध्यक्ष श्री रतन मित्तल, नगर निगम कोरबा के महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद,जनपद अध्यक्ष कटघोरा श्रीमती लता कंवर और विजयपुर ग्राम पंचायत के सरपंच श्री विश्राम सिंह कंवर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।


दो रूपए किलो में गोबर खरीदी की योजना ग्र्रामीणों को फायदा पहुंचाने का सरकार का अभिनव प्रयास-

प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में शुरू की गई गोधन न्याय योजना राज्य के ग्रामीणो को फायदा पहुंचाने और गांव को अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का अभिनव प्रयास है। गोबर खरीदने की इस योजना से होने वाले फायदे पर देश विदेश सहित अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों की भी नजर है। डॉ. टेकाम ने कहा कि खेती किसानी से लेकर ग्रामीण लोगो के सामाजिक आर्थिक परिवेश में भी इस योजना से सकारात्मक बदलाव आयेगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्य के ग्रामीणों और किसानों की बेहतरी के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।

डॉ. टेकाम ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की सिंचाई कर की भी माफी की गई है। राज्य में रोका-छेका अभियान की शुरूआत किए जाने की साथ ही खुली चराई प्रथा पर रोक लगाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि गांव और किसानों की बेहतरी के लिए सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के संवर्धन और संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। गांव में वर्षा जल संरक्षण के लिए नरवा (नाला) का उपचार कराए जाने के साथ ही पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण कराया जा रहा है। गौठानों में किसानों एवं पशुपालकों पशुधन के रखरखाव एवं उनके चारे-पानी का बेहतर प्रबंध किए जाने के साथ ही महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से विभिन्न आयमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। घुरवा कार्यक्रम के तहत गांव में नाडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन की ओर ग्रामीणों एवं किसानों का रूझान बढ़ा है। राज्य में निर्मित गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन भी किया जा रहा है। बाड़ी विकास कार्यक्रम से गांव में सब्जी-भाजी के उत्पादन को बढ़ावा मिला है। महिला समूह अब सामूहिक रूप से सब्जी उत्पादन के कार्य से जुड़े हैं। इन योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। राज्य में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य का सपना मूर्त रूप लेने लगा है।

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कार्यक्रम को राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि गोधन न्याय योजना ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों को लाभ पहुंचाने की एक अभिनव योजना है। इस योजना के तहत किसानों एवं पशुपालकों से दो रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी, जिसके जरिए गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इससे गांव में लोगों को रोजगार एवं आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। मध्यक्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लालजीत सिंह राठिया, उपाध्यक्ष श्री पुरूषोत्तम कंवर ने भी संबोधित किया। कलेक्टर ने बताया कि जिले में 282 गौठान स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 210 गौठान पूरे हो चुके है। गौठान संचालन के लिए समितियों को 10-10 हजार रूपए प्रतिमाह उपलब्ध कराए जा रहे है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक आंकलन के अनुसार गोधन न्याय योजना से एकत्रित किए गए गोबर से जिले में चौदह हजार टन से अधिक जैविक खाद उत्पादन होगा। इस योजना से जिले में एक लाख चौतीस हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे तथा लगभग 282 स्वसहायता समूहों को रोजगार मिलेगा।

कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण हितग्राहियों को बीज मिनी किट, मछली जाल, मुर्गी पालन के लिए चूजे भी वितरित किए गए। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान धवईपुर क्लस्टर के महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बनाई जा रही छत्तीसगढ़ थीम की राखियों के ब्रोशर उजियारा राखी का विमोचन किया। इस ब्रोशर में समूह द्वारा चावल, दाल, बांस, रेशम, कौड़ी, गेहूं जैसे स्थानीय चीजों से बनाई गई राखियों का सचित्र विवरण शामिल किया गया है। इस दौरान उद्यानिकी विभाग द्वारा अमरपुर, रंजना, ढेलवाडीह, ढपढप और भिलाईबाजार के महिला स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन कर विक्रय करने पर लगभग चालीस हजार रूपए के चेक भी वितरित किए गए। सभी अतिथियों ने गौठान परिसर में वृक्षारोपण भी किया। मिनी किट, गोबर क्रय पत्रक मछली जाल हितग्राही मूलक योजनाओं के तहत कार्यक्रम की समाप्ति पर गोधन न्याय योजना से जुड़े समिति की सदस्यों को गोबर खरीदी पत्रक वितरित किया गया तथा स्व-सहायता समूहों को चेक वितरित किया गया।

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कोरोना वायरस के बढ़ते पॉजिटिव केस को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ. सारांश मित्तर द्वारा नगर पालिका बिलासपुर एवं नगर पंचायत बिल्हा एवं बोदरी के सम्पूर्ण क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है और 23 जुलाई प्रात 5 बजे से 31 जुलाई 2020 शाम 5 बजे तक इन क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से विभिन्न गतिविधियों पर रोक लगाई गई है।

कलेक्टर द्वारा जारी ओदशानुसार नगर पालिका निगम बिलासपुर तथा नगर पंचायत बिल्हा एवं बोदरी क्षेत्र के सभी शासकीय, अशासकीय, अर्द्धशासकीय कार्यालयों को तत्काल प्रभाव से बंद किया गया है। सभी पदाधिकारी तथा कर्मचारी अपने घरों से शासकीय कार्याें का निष्पादन करेगें। आवश्यकता पड़ने पर कार्यालय प्रमुख उन्हंें कार्यालय बुला सकेंगे।

जिले के इन नगरीय क्षेत्रों में सभी सार्वजनिक परिवहन सेवायें निजी बसें, टैक्सी, आटो रिक्शा, बसें, ई-रिक्शा, रिक्शा, आदि के परिचालन को तत्काल प्रभाव से बंद किया गया है। केवल इमरजेंसी मेडिकल सेवा वाले व्यक्तियों को आवागमन को अनुमति रहेगी। ऐसे निजी वाहन जो इस आदेश के अंतर्गत आवश्यक सेवाओं, वस्तुओं के उत्पादन एवं उनके परिवहन का कार्य कर रह हो उन्हें भी परिवहन की छूट रहेगी।

बिलासपुर जिले के इन नगरीय क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं, वस्तुओं के आवागमन को छोड़कर सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। सिर्फ वाण्ज्यिक कार्गाे परिवहन की अनुमति इस प्रतिबंधित क्षेत्र में होगी।

नगर पालिका निगम बिलासपुर तथा नगर पंचायत बिल्हा एवं बोदरी क्षेत्र की सभी दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, गोदाम, साप्ताहिक हाट बाजार आदि को अपनी सम्पूर्ण गतिविधियां बंद रखने का आदेश दिया गया है। इन क्षेत्रों में फैक्ट्री, निर्माण, एवं श्रम कार्य संचालित करने वाली ईकाईयों को शर्ताें के अधीन छूट रहेगी। जिसमें यथासंभव श्रमिकों के रहने की व्यवस्था, फैक्ट्री के अंदर करनी होगी। आवश्यकता पड़ने पर कर्मचारियों के परिवहन की व्यवस्था फैक्ट्री को स्वंय करनी होगी और भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा समय समय पर महामारी से सुरक्षा हेतु दिये जा रहे निर्देशों का पालन करना होगा। फैक्ट्री में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान होने पर उनके ईलाज पर होने वाले समस्त व्ययों का वहन फैक्ट्रीयों को करना होगा। इन क्षेत्रांे से बाहर स्थित फैक्ट्री, निर्माण एवं श्रम कार्य संचालित करने वाले संस्थानों को प्रतिबंध से छूट रहेगी।

सभी धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल आम जनता के लिए पूर्णत बंद रहेगें। विदेश एवं अन्य राज्यों से आने वाले सभी नागरिकों को निर्धारित क्वारंटाईन अवधि का कड़ाई से पालन करना होगा। इसमें किसी प्रकार के चुक होने पर उनके विरूद्ध भारतीय दंड संहिता के तहत कार्यवाही की जायेगी।

इस अवधि में सभी नागरिक अपने घर में रहेगें। बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बाहर जाने पर सामाजिक दूरी के दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। किसी भी स्थिति में अति आवश्यक परिस्थिति को छोड़कर एक से अधिक व्यक्तियों (इसमें ड्रायवर भी शामिल हैं) को घर से बाहर जाने से प्रतिबंधित किया गया है। बाहर जाने की स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति को अनिवार्यतः अपना वैध पहचान पत्र रखना होगा। फेस मास्क के उपयोग और सोशल तथा फिजिकल डिस्टेंस रखने के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करने की शर्त पर आवश्यक सेवायें प्रदान करने वाले कार्यालयों को इन प्रतिबंधों से बाहर रखा गया है। जिसमें उच्च न्यायालय, अधीनस्थ अन्य न्यायालय, तथा राजस्व मंडल, आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय दण्डाधिकारी उप पुलिस अधीक्षक कोषालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय एवं उनके अधीनस्थ समस्त कार्यालय तहसील थाना एवं चौकी ये सभी कार्यालय आम जनता के लिए बंद रहेंगे।

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उपरोक्त शासकीय कार्यालयों में कार्यालय प्रमुख की अनुमति के बिना आगुन्तकों को प्रवेश नहीं होगा। पंजीयन कार्यालय (ऐप-पास के माध्यम से प्राप्त निर्धारित समय सीमा का कड़ाई से पालन करने की शर्त पर), भारत सरकार के अधीनस्थ केन्द्रीय कार्यालय, कानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा से संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी, स्वास्थ्य सेवाएं (जिसके अंतर्गत सभी अस्पताल, मेडिकल कालेज, लायसेंस प्राप्त पंजीकृत क्लीनिक शामिल है), दवा दुकान एवं दवा उत्पादन की इकाई एवं संबंधित परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवायंे, उचित मूल्य की दुकानें (सार्वजनिक वितरण प्रणाली), किराना दुकानें, आटा चक्की संबंधी गतिविधियों की अनुमति प्रातः 6 बजे से अपरान्ह 12 बजे तक होगी। ठेले पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा जाकर फल सब्जी विक्रय करने वाले व्यक्तियों को, विक्रय करने की अनुमति अपरान्ह 12 बजे तक होगी, स्थायी दुकानों, स्थानों पर पर विक्रय करने वाले व्यक्तियों को फल, सब्जी, दूध, ब्रेड, चिकन, मटन, मछली एवं अण्डा विक्रय, वितरण, भण्डारण, परिवहन संबंधी गतिविधियों की अनुमति प्रात 6 बजे से अपरान्ह 12 बजे तक होगी, दूधविक्रय हेतु सायं 6 से 7 बजे तक अतिरिक्त अनुमति होगी।

दुग्ध संयंत्र, घर पर जाकर दूध बांटने वाले दूध विक्रेता एवं न्यूज पेपर हॉकर प्रातः 5.30 बजे से प्रातः 9.30 बजे तक प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। मास्क सेनेटाईजर, दवाईयां, ए.टी.एम. वाहन, एल.पी.जी. गैस सिलेण्डर वाहन एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं, सेवाएं, जो इस आदेश में उल्लिखित हों, को परिवहन करने वाले वाहन, बिजली, पेयजल आपूर्ति एवं नगर पालिका सेवाएं जिसमें सफाई, सिवरेज एवं कचरे का डिस्पोजल इत्यादि भी शामिल है, जेल, अग्निशमन सेवाएं, ए.टी.एम. टेलीकॉम, इंटरनेट सेवाएं, आई.टी. आधारित सेवाएं, मोबाईल रिचार्ज एवं सर्विसेस दुकानें अपरान्ह 12 बजे तक संचालित की जा सकेगी।

पेट्रोल, डीजल पम्प एवं एल.पी.जी., सी.एन.जी. गैस के परिवहन एवं भण्डारण की गतिविधियां, पशु आहार, पक्षी आहार एवं मछली आहार से संबंधित वस्तुएं व सेवायें पशु चिकित्सा सेवाएं एवं पेटस शॉप एक्यूरियम, कृषि मशीनरी विक्रय, स्पेयर पार्टस तथा कृषि उत्पाद कीटनाशक, उर्वरक, बीज से संबंधित दुकानें अपरान्ह 12 बजे तक संचालित की जा सकेगी।

पोस्टल सेवाएं, खाद्य, दवा एवं चिकित्सा उपकरण सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की ई-कामर्स आपूर्ति, टेक-अवे, होम डिलवरी रेस्टोरेंट, पूर्व से विभिन्न होटलों में रूके हुए अतिथियों के लिए डायनिंग सेवाएं, हॉटल, होमस्टे, लॉज, मोटल जो कि पूर्व से रूके व्यक्तियों, पर्यटकों, मेडिकल तथा आवश्यक सेवाओं वाले स्टाफ हेतु संचालित हो, किन्तु इनमें नये व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित होगा। सुरक्षा में कार्य लगी सभी एजेंसियां (निजी एजेंसियों सहित), अनवरत उत्पादन प्रकिया अपनाने वाले औद्योगिक संस्थान अथवा फैक्ट्री (ब्लास्ट फरनेस, बॉयलर आदि हो), सीमेण्ट, स्टील, शक्कर, फर्टिलाइजर एवं खान ये सभी संस्थान न्यूनतम अनिवार्य आवश्यकता तक ही कर्मचारियों अधिकारियों का उपयोग करेंगे एवं संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते हुये भारत सरकार, राज्य शासन तथा समय-समय पर स्थानीय प्रशासन के द्वारा महामारी से सुरक्षा हेतु दिए जा रहे निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करेंगे। न्यूनतम उर्पाजन मूल्य पर उर्पाजन में सम्मिलित एजेंसियों सहित कृषि उत्पादों के उपार्जन में शामिल एजेंसियां इसमें मण्डी बोर्ड द्वारा संचालित अथवा राज्य शासन द्वारा अधिसूचित मण्डियां भी शामिल है। प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया तथा राज्य शासन द्वारा विशेष आदेश से निर्धारित कोई सेवा को भी प्रतिबंध से बाहर रखा गया है।

नगर पालिक निगम बिलासपुर एवं नगर पंचायत बिल्हा तथा बोदरी के सभी सीमा क्षेत्रों मंे स्थित सभी बैंक अपने संस्थान में न्यूनतम अनिवार्य आवश्यकता तक ही कर्मचारियों, अधिकारियों का उपयोग करेंगे एवं संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते हुये भारत सरकार, राज्य शासन तथा समय समय पर स्थानीय प्रशासन के द्वारा महामारी से सुरक्षा हेतु दिये जा रहे निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करेंगे।

सभी बैंकों के प्रबंध द्वारा कर्मचारियों के सामूहिक आवागमन हेतु व्यवस्था किसी भी स्थिति में उपलब्ध नहीं करायी जायेगी। सभी बैंक अपने संस्थान में एक समय में अधिकतम 5 ग्राहकों को ही प्रवेश देंगे, बैंक द्वारा संचालित ए.टी.एम. में पर्याप्त मात्रा में मुद्रा की उपलब्धता बैंक प्रबंधन द्वारा सुनिश्चित की जावेगी।

निजी प्रतिष्ठान जो कोविड-19 के रोकथाम के प्रयासों से संबंधित है, खुले रहेंगे, ऐसे सभी प्रतिष्ठान निर्धारित स्वास्थ्य मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे, जिन व्यक्तियों द्वारा कोविड 19 के परीक्षण हेतु सैम्पल दिया गया है, उन्हें अनिवार्यतः संगरोध का पालन करना होगा, जब तक कि परीक्षण का परिणाम न आ जाए। इन आदेशों के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, प्रतिष्ठान भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के धारा 188 के तहत दण्डनीय होंगे।

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कोरोना संक्रमण पर संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि 150 देशों की मदद का झूठा दावा करने वाली मोदी सरकार ने अपने ही देश के मजदूरों की मदद की होती तो यह संख्या 151 होती। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं को तो कोरोना संक्रमण फैलने के लिए मोदी सरकार के जिम्मेदारी को स्वीकार करने का नैतिक साहस दिखाये। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी पर प्रभावी नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त की। लॉकडाउन-1 का कुप्रबंधन मोदी सरकार ने नहीं किया होता और प्रवासी मजदूरों की उसी समय घर वापसी हो जाती तो छत्तीसगढ़ अब तक कोरोना महामारी से मुक्त हो जाता। लॉकडाउन के बाद उत्पन्न परिस्थितियों से रोजी-मजदूरी के संकट खाने रहने की समस्या, लॉकडाउन की अनिश्चितता और संक्रमण के बढ़ते खतरे के कारण प्रवासी मजदूरों को परेशानी उठानी पड़ी। केंद्र की मोदी सरकार लॉकडाउन के दौरान देश के प्रवासी मजदूरों के रहने खाने सुरक्षा के पुख्ता सही और सुसंगत इंतजाम करने में असफल साबित हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के सफल प्रयासों से स्पेशल ट्रेन बस एवं अन्य माध्यमों से छत्तीसगढ़ में 7 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों की सकुशल घर वापसी हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने प्रवासी मजदूरों के रहने खाने रोजगार सहित तमाम सुविधाओं को देने का काम किया है। राज्य के मजदूरों के अलावा राज्य से होकर गुजरने वाले अन्य प्रांतों के मजदूरों के लिए भी छत्तीसगढ़ में भोजन पानी एवं गंतव्य तक पहुंचाने की सुविधा के साथ-साथ जूता चप्पल तक मुहैया कराये गये। दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को छत्तीसगढ़ सरकार ने मनरेगा के तहत रोजगार एवं निशुल्क राशन भी दिया है।

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संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता प्रवासी मजदूरों के छत्तीसगढ़ वापसी का पहले भी विरोध कर रहे थे और आज भी कोरोना वायरस के लिए मजदूरों को दोषी बताकर भाजपा के मजदूर विरोधी, गरीब विरोधी चरित्र को उजागर कर रहे हैं मोदी सरकार के द्वारा चार चरणों में की गई लॉकडाउन से कोरेना महामारी नियंत्रित होने के बजाय फैलता ही गया आज देश में 10 लाख से अधिक कोरोनावायरस संक्रमित पाए गए हैं 26 हजार से अधिक लोगों की कोरोना महामारी के चलते मौत हो गई है। 12 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था तबाह हो गयी। रोजी रोजगार के गंभीर संकट से सभी वर्ग जूझ रहे हैं ऐसे कठिन समय में भी भाजपा के सांसद और विधायक छत्तीसगढ़ के नागरिकों को मदद करने के बजाय मात्र बयानबाजी करते रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने महामारी से निपटने के लिए प्रवासी मजदूरों को रखने के लिए 20 हजार से अधिक क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाएं। राज्य में कोविड-19 अस्पतालों का निर्माण कर 21500 बैड की व्यवस्था की आईसीयू सहित 141 कोविड-19 केयर सेंटर बनाए गए रोजाना 5000 से अधिक टेस्टिंग किया जा रहा है जिसे बढ़ाकर अब 10हजार करने का लक्ष्य रखा गया है लॉक डाउन करने का अधिकार जिला प्रशासन को देकर कोरोना नियंत्रित करने के सारे उपाय किए जा रहे है। शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों में सही स्क्रीनिंग और आने वाले यात्रियों को क्वेरेंटाइन करने में मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ की तरह समझदारी से काम लिया होता तो आज देश में स्थिति इतनी खराब नहीं होती। नमस्ते ट्रम्प जैसे औचित्य विहिन आयोजनों और मध्यप्रदेश की निर्वाचित कांग्रेस सरकार को गिराने जैसे अलोकतांत्रिक कृत्यों के लिए मोदी सरकार ने लगातार गैरजिम्मेदारी का प्रदर्शन किया। देश को कोरोना महामारी के इस कठिन परिस्थिति में मोदी सरकार ने ही ला खड़ा किया।

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स्कूल शिक्षा विभाग, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के अधिकारियों एवं शिक्षकों के अथक मेहनत एवं लगन के फलस्वरूप कम्यूनिटी रेडियो का अभिनव प्रयोग से सुदूर वनांचल एवं आदिवासी बाहुल क्षेत्र बस्तर विकासखण्ड के ग्राम भाटपाल में कोरोना काल में भी बच्चों को निर्बाध रूप से शिक्षा मिल रही है। पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई ’कम्यूनिटी रेडियो से शिक्षा’ की सफलता यहां के बच्चों के शिक्षा अर्जन का सशक्त माध्यम बन गया है।

ग्राम पंचायत भाटपाल के कम्यूनिटी रेडियो कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित होकर बस्तर जिले के अन्य विकासखण्ड के ग्राम पंचायत भी अब ’’कम्यूनिटी रेडियो’’ के तहत् लाउडस्पीकर से पढ़ाई करवाने हेतु उत्साहित है। वर्तमान में विकासखण्ड बस्तर में भाटपाल के अलावा विकासखण्ड लोहण्डीगुड़ा के समस्त ग्राम पंचायतों में ’’कम्यूनिटी रेडियों’’ कार्यक्रम के अंतर्गत पढ़ाई शुरू हो चुकी है। विकासखण्ड दरभा में ग्राम पंचायत अल्वा, विकासखण्ड तोकापाल में ग्राम पंचायत रायकोट और ग्राम पंचायत छापर भानपुरी तथा विकासखण्ड जगदलपुर में ग्राम पंचायत जमावाड़ा के बाड़ापारा एवं ग्राम पंचायत छोटे कवाली में ’’कम्यूनिटी रेडियो’’ कार्यक्रम के माध्यम से पढ़ाई की जा रही है।

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बस्तर जिले में ज्यादातर बच्चे गरीब परिवारों से आते है इसलिए उनके पास स्मार्ट फोन की उपलब्धता भी नहीं है, ऐसी स्थिति से उबरने एवं बस्तर जिले के सुदूर गांवों एवं गरीब परिवार के बच्चे इस कोरोना काल में शिक्षा से वंचित ना रहें। इसके लिए लाउड स्पीकर के माध्यम से प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए स्थानीय भाषा हल्बी, हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में पढ़ाने एवं गतिविधि आधारित शिक्षा देने का कार्य शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम से ग्राम पंचायत भाटपाल के बच्चों के साथ-साथ उनके पालक भी लाभान्वित हो रहे हैं। एक निर्धारित समय में ग्राम के बच्चे अपने-अपने घरों में कॉपी पेंसिल लेकर बैठ जाते हैं और लाउडस्पीकर के माध्यम से दिए गए प्रश्नों एवं अन्य निर्देशों को सुनकर लिखते हैं और पढ़ाई करते हैं।

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार के चलते देश और दुनिया में भी बच्चों को शिक्षा मुहैया करा पाना लगभग असंभव सा हो गया था। लेकिन कहा जाता है कि इंसान के इरादे यदि नेक हो तो रास्ते कहीं न कहीं से निकल ही जाते हैं। स्मार्ट फोन एवं इन्टरनेट सुविधाओं के अभाव में ’पढई तुंहर दुआर’ योजना के लाभ से वंचित हो रहे इस अंचल के अधिकांश विद्यार्थियों के लिए कम्यूनिटी रेडियो का यह प्रयोग वास्तव में फायदेमंद साबित हो रहा है। जिसके फलस्वरूप वैश्विक महामारी कोरोना के इस काल में भी बच्चों तक शिक्षा की ज्योति का प्रसार किया जा रहा है।

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कोरोना काल के बीच हुए अनलॉक में पुलिस को लगातार सफलताएं मिल रही है. एक ओर 'लोन वर्राटू' अभियान के तहत नक्सली लगातार नक्सल विचारधारा को अलविदा कहते हुए और नक्सलियों का साथ छोड़कर मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सुरक्षाबल के जवान भी अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों के दिल में जगह बनाने के लिए उनके गांवों तक पहुंच रहे हैं. इसी बीच जवान किरंदुल थाना क्षेत्र के हिरोली गांव पहुंचे, जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. हिरोली गांव पहुंचकर जवानों ने नक्सलियों के बनाए गए स्मारक को ध्वस्त कर दिया है. जानकारी के मुताबिक स्मारक इनामी नक्सली गुड्डी का है. दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने इसकी जानकारी दी है.


क्या है 'लोन वर्राटू' अभियान
अपनी विचारधारा से भटककर लाल आतंक का रास्ता चुनने वाले नक्सलियों के खिलाफ दंतेवाड़ा पुलिस ने एक अभियान छेड़ रखा है. इस अभियान का नाम 'लोन वर्राटू' रखा गया है. स्थानीय भाषा में 'लोन वर्राटू' का मतलब है 'घर वापस आइए' और यह गोंडी बोली में बोले जाने वाला शब्द है. इस अभियान से दंतेवाड़ा पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है. लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में नक्सली मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं. बीते 14 जुलाई को दंतेवाड़ा में 5 नक्सलियों ने मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला किया था. लोन वर्राटू अभियान के तहत 5 नक्सलियों ने नक्सल विचारधारा को छोड़कर दंतेवाड़ा के बोदली कैंप में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था. इस दौरान SP अभिषेक पल्लव और सीआरपीएफ डीआईजी डी एन लाल भी मौजूद थे. वहीं अभी तक कुल 53 नक्सलियों ने संगठन का साथ छोड़ मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला किया है. साथ ही दंतेवाड़ा पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कई बड़े नक्सली भी आत्मसमर्पण कर सकते हैं.

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लोन वर्राटू अभियान के तहत दंतेवाड़ा जिले के सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों की जानकारी और इनाम सहित फोटो गांव-गांव में लगाई जा रही है. वहीं पुलिस नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील भी कर रही है. वहीं नक्सलियों के बैनर पोस्टर सभी साप्ताहिक हाट बाजारों में भी बांटे जा रहे हैं. साथ ही नक्सलियों के घर पर भी पोस्टर चिपकाया जा रहा है, जिसे देखकर अब ग्रामीण खुद नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ रहे हैं. साथ ही ग्रामीणों का मनोबल भी बढ़ा है. यहीं वजह है कि अब ग्रामीण पुलिस पर विश्वास भी करने लगे हैं.

रदेश में पुलिस को लगातार नक्सली मोर्चे पर कामयाबी मिल रही है. 3 महीने में बस्तर संभाग में अब तक पुलिस और नक्सलियों के बीच 17 मुठभेड़ हुई. एनकाउंटर में 10 नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया. वहीं 26 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. 89 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही पुलिस कई प्रकार के अभियान चला रही है.

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