अगर आप भी ३६नॉकआउट की छत्तीसगढ़ की दिन भर की प्रमुख ख़बरें एक पेज एक लिंक अपने सीधे अपने मोबाइल व्हाट्सएप्प पर चाहते हैं तो कृपया 9424276027 पर HELLO CG लिख कर व्हाट्सएप्प करें

detail news only from Chhattishgarh ,dated: २१ सितम्बर २०२०

👉 READ MORE


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से बस्तर जगदलपुर से रायपुर एवं हैदराबाद की हवाई यात्रा के लिए 72 सीटर नियमित विमान सेवा का वर्चुअल शुभारंभ किया। जगदलपुर स्थित मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट से अब बस्तरवासियों को हवाई मार्ग से रायपुर एवं हैदराबाद आवागमन की सुविधा का लाभ मिलेगा। विमान सेवा के शुभारंभ अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के मंत्रीगण, सांसद, संसदीय सचिव, विधायकगण सहित बस्तर अंचल के जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि जगदलपुर से विमान सेवा की शुरूआत कर हम बस्तर को बड़ी संभावनाओं से जोड़ रहे हैं, जो पूरे बस्तर संभाग के विकास को नया आयाम देगी। उन्होंने इस मौके पर बस्तर को हवाई सेवा से जोड़ने के प्रयासों का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि बस्तरवासियों को उड़ान सेवा का लाभ देने हेतु शासन लगातार प्रयत्नशील रहा है। हमारी सरकार के प्रयासों से 02 मार्च 2020 को डीजीसीए नई दिल्ली से विमान उड़ान हेतु अनुमति प्राप्त करने में सफलता मिली, जिसके परिणाम स्वरूप आज से एयर इंडिया की सहायक कम्पनी एलायंस एयर बस्तर में उड़ान सेवा प्रारंभ कर रही है।


1939 में रखी गई थी जगदलपुर एयरपोर्ट की नींव
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि जगदलपुर एयरपोर्ट की नींव सन् 1939 में द्वितीय विश्व युद्व के पूर्व ब्रिटिश काल में रखी गयी थी, तब इसे जहाज भाटा के नाम से जाना जाता था। 13 मार्च 1953 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू ने भी बस्तर के इस जहाज भाटा में अपना कदम रखा था। इसके अतिरिक्त पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 राजेंद्र प्रसाद, डॉ ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम, डॉ प्रतिभा पाटिल एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, श्री मोरारजी देसाई, श्री व्ही0पी0सिंह, श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी जैसी महान विभूतियां भी इस पावन धरा में कदम रख चुकी हैं। 20 मार्च 1988 को जगदलपुर से भोपाल के बीच वायुदूत सेवा के नाम से उड़ान की शुरूआत तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोतीलाल वोरा ने की थी। श्री वोरा जी, अपने मंत्रीमंडल के सदस्यों के साथ प्रथम यात्रा भोपाल से जगदलपुर के लिये की थी। जगदलपुर एयरपोर्ट का उपयोग सामरिक कार्यों के लिये किया जाता रहा है ।


मां दन्तेश्वरी के नाम से जाना जाएगा जगदलपुर एयरपोर्ट
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जगदलपुर एयरपोर्ट का नामकरण अंचल की आराध्य देवी माँ दन्तेश्वरी के नाम से किया गया है। मां दन्तेश्वरी एयरपोर्ट जगदलपुर कुल 57.6 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में स्थापित है। एयर स्ट्रिप की लम्बाई 1704 मीटर और चौड़ाई 30 मीटर है। एयरपोर्ट के आधारभूत सुविधाओं का प्रबंधन लोक निर्माण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा किया जा रहा है। एयरपोर्ट में एयर ट्रॅिफक कंट्रोल का प्रबंधन एयरपोर्ट एथॉरिटी आफ इंडिया द्वारा किया जाएगा। एयरपोर्ट में 72 सीटर यात्री क्षमता वाली हवाई जहाज को संचालित किया जा रहा है। यात्री विमान सुबह 9 बजे हैदराबाद से उड़ान भरकर जगदलपुर होते हुए दोपहर 12 बजे तक रायपुर पहुंचेगा। वापस हैदराबाद के लिए यह विमान रायपुर से 12.30 बजे उड़ान भरकर 1.35 बजे जगदलपुर पहंुचेगा और वहां से 2.05 बजे उड़ान भरकर 3.40 बजे हैदराबाद पहंुचेगा।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बताया कि बस्तर के लोगों की सुविधा हेतु विमानों की उड़ान प्रतिदिन किया जाना सुनिश्चित किया गया है। टिकट की बुकिंग एलायंस एयर के वेबसाईट, ऐप एवं टिकट काउण्टर के माध्यम से किया जा सकता है। यात्री किराया भी न्यूनतम रखा गया है, जिसे आसानी से वहन किया जा सकता है। हैदराबाद से जगदलपुर का 1405 रूपये जगदलपुर से रायपुर का टिकट 1270 रूपये मात्र है। आम नागरिक कम खर्चे में आसानी से हवाई यात्रा का लाभ ले सकते हैं। हमारी सरकार प्रांरभ से ही बस्तर के सर्वांगीण विकास हेतु कृत संकल्पित रही है। हम बस्तर की पहचान अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए बहुआयामी प्रयास कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



मुख्यमंत्री ने इस मौके पर एयरपोर्ट जगदलपुर में आमचों बस्तर केन्टीन का भी शुभारंभ किया। जिला प्रशासन जगदलपुर के सौजन्य से जगदलपुर से रायपुर पहली बार हवाई यात्रा कर रहे बस्तर अंचल के विभिन्न क्षेत्रों के रहवासियों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को जगदलपुर से विमान सेवा शुरू करने और उन्हें हवाई यात्रा का सुअवसर प्रदान करने के लिए आभार जताया। हवाई सेवा के शुभारंभ कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के माध्यम से जुड़े मंत्री सर्वश्री रविन्द्र चौबे, टी.एस. सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, मोहम्मद अकबर, डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, कवासी लखमा, जयसिंह अग्रवाल, बस्तर के सांसद श्री दीपक बैज, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन, विधायक श्री चंदन कश्यप, छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री एमआर निषाद, जगदलपुर की महापौर श्रीमती शकुंतला साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने जगदलपुर से विमान सेवा शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए कहा कि आपके प्रयासों से बस्तरवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हुई है और आपके प्रयास से बस्तर विकास की ओर तेजी से अग्रसर है।

********Advertisement********



👉 READ MORE


कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम के उद्देश्य से जिला प्रशासन रायपुर द्वारा राजधानी रायपुर में 21 सितम्बर को रात्रि 9 बजे से 28 सितम्बर तक पूर्ण लॉकडाउन के लिए जारी आदेश में आंशिक संशोधन किया गया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रायपुर डॉ.एस.भारतीदासन द्वारा लॉकडाउन के संबंध में 19 सितम्बर को जारी आदेश की कंडिका 4, 5, 11 एवं 15 के स्थान पर निम्नानुसार संशोधित आदेश जारी किया गया है।

जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी संशोधित आदेश की कंडिका 4 में पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा केवल शासकीय वाहन, शासकीय कार्य में प्रयुक्त वाहन, अस्पताल मेडिकल इमरजेंसी से संबंधित निजी वाहन, एंबुलेंस, एलपीजी परिवहन कार्य में प्रयुक्त वाहन, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, अंतरराज्यीय बस स्टैंड से संचालित ऑटो टैक्सी निर्धारित करने वाले वाहन, एडमिट कार्ड दिखाने पर परीक्षार्थी, उनके अभिभावक, परिचय पत्र दिखाने पर मीडिया कर्मी, प्रेस वाहन, न्यूज पेपर हॉकर, दुग्ध वाहन तथा छत्तीसगढ़ में नहीं रूकते हुए सीधे अन्य राज्य को जाने वाले वाहन को डीजल, पेट्रोल प्रदान किया जाएगा। बाकी वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। इसी तरह कंडिका 8 में दुग्ध पार्लर, दुग्ध वितरण और न्यूज पेपर हॉकर द्वारा समाचार पत्रों के वितरण की समय अवधि सुबह 6 बजे से 8 बजे तक और शाम को 5 बजे से 6.30 बजे तक होगी। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि दुग्ध व्यवसाय हेतु कोई भी दुकान अथवा पार्लर नहीं खोले जाएंगे। केवल दुकान अथवा पार्लर के सामने फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं मास्क संबंधित निर्देशों का पालन करते हुए उक्त अवधि में दुध बेचने की अनुमति होगी।

लॉकडाउन की अवधि में कंडिका 11 में रायपुर जिला अंतर्गत सभी केंद्रीय, शासकीय, सार्वजनिक, अर्द्ध-सार्वजनिक एवं निजी कार्यालय बंद रहेंगे. टेलीकॉम, रेलवे रखरखाव से जुड़े कार्यालय, वर्कशॉप, लोडिंग अनलोडिंग कार्य, एडमिशन के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज परीक्षा केंद्र एवं अस्पताल पूर्व की भांति संचालित होंगे। इसी तरह कंडिका 15 में अपरिहार्य पस्थितियों में रायपुर जिले से किसे अन्यत्र आने-जाने यात्रियों को ई-पास के माध्यम से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। प्रतियोगी एवं अन्य परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के लिए एडमिट कार्ड, इंजीनियरिंग कॉलेज के एडमिशन की दशा में उनका कॉल लेटर दिखाना अनिवार्य होगा. रेलवे, टेलीकॉम संचालक एवं रखरखाव कार्य हॉस्पिटल में चिकित्सकों द्वारा जारी आईडी कार्ड ई-पास के रूप में मान्य होगा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



.

********Advertisement********



👉 READ MORE


राज्य शासन द्वारा जिले में स्थित निजी अस्पतालों एवं पैथोलॉजी केंद्रों में कोविड- 19 की जांच हेतु आरटीपीसीआर एवं एंटीजन रैपिड टेस्ट के लिए शुल्क निर्धारित किया है, जिसके अनुसार आरटीपीसीआर टेस्ट (लैब जो प्रदेश में स्थित हो) वहाॅ यदि कोविड-19 टेस्ट का सैंपल कलेक्शन पैथोलॉजी सेंटर में किया जाता है तो जांच शुल्क सोलह सौ रूपये प्रति मरीज लिया जाएगा, यदि सैंपल कलेक्शन मरीज के घर जा कर लिया जाता है तो जांच शुल्क अठारह सौ रूपये प्रति मरीज लिया जाएगा और यदि आरटीपीसीआर टेस्ट (लैब जो प्रदेश के बाहर स्थित हो), वहाॅ यदि कोविड-19 टेस्ट का सैंपल कलेक्शन पैथोलॉजी सेंटर में किया जाता है तो जांच शुल्क दो हजार रूपये प्रति मरीज लिया जाएगा, यदि सैंपल कलेक्शन मरीज के घर जा कर लिया जाता है तो जांच शुल्क बाईस सौ रूपये प्रति मरीज लिया जायेगा। । एंटीजन रैपिड टेस्ट नौ सौ रूपये प्रति मरीज लिया जाएगा। उक्त सभी निर्धारित शुल्क में सैंपल कलेक्शन, ट्रांसपोर्ट शुल्क, जांच शुल्क एवं कज्युमेबल, पीपीई कीट इत्यादि का शुल्क भी सम्मिलित है।

सीटी स्कैन करने वाली संस्थाओं के प्रबंधकों की महत्वपूर्ण बैठक आज ली गई। बैठक में अपर कलेक्टर श्री बीबी पंचभाई ने प्रबंधकों को निर्देशित किया कि कोई व्यक्ति बिना डाॅक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के अथवा रिफरल के यदि सीटी स्कैन कराने आता है तो उसका सीटी स्कैन नहीं किया जाए। सेंटर में जितनी जांच की जाती है उसका ब्योरा हर दिन शाम पांच बजे तक प्रशासन को दें। जांच के डिटेल जैसे संक्रमण की स्थिति कैसी है, इन सबकी जानकारी दें। श्री पंचभाई ने कहा कि इसके लिए फार्मेट तैयार किया गया है। इसके साथ ही बीते पंद्रह दिनों में किये गए सीटी स्कैन के डिटेल्स की जानकारी भी दें। उन्होंने कहा कि कोविड के चिन्हांकन के लिए केवल तीन तरीके हैं आरटीपीसीआर, एंटीजन टेस्ट, ट्रूनाट। सीटी स्कैन केवल प्राग्नोसिस है डायग्नोसिस नहीं। इस संबंध में सेंटर में भी डिस्प्ले किया जाए। उन्होंने कहा कि सेंटर में सैनेटाइजेशन का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। प्रवेश द्वार और निकास दोनों अलग-अलग होने चाहिए। प्रबंधकों ने बताया कि टेस्ट के दौरान पीपीई किट एवं अन्य सावधानियां बरती जाती हैं। नीचे पालिथीन शीट लगाई जाती है।

सीएमएचओ डा. गंभीर सिंह ठाकुर ने कहा कि समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग की टीम इस संबंध में मानिटरिंग करेगी। डिप्टी कलेक्टर प्रियंका वर्मा ने कहा कि कोरोना मरीजों के लिए प्रशासन ने शुल्क निर्धारित किया है। संस्थान निर्धारित शुल्क ही लें। उन्होंने कहा कि आपके द्वारा निर्धारित फार्मेट में जो जानकारी भेजी जाएगी, उसकी रोज समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोविड को रोकने में टेस्टिंग और निर्धारित तरीके से इलाज की जरूरत है। लोग टेस्टिंग की प्रक्रिया से गुजरेंगे तो तुरंत इलाज शुरू हो जाएगा। यह इलाज कोविड के लिए निर्धारित प्रोटोकाल के मुताबिक होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए सीटी स्कैन संचालकों की भी अहम भूमिका है। उनसे सूचनाओं का जितना तीव्र आदान-प्रदान होगा, उतना ही मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देने में प्रशासन को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सूचनाओं का लगातार फालोअप किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



.

********Advertisement********



👉 READ MORE


राज्य सरकार ने कई अपर कलेक्टर व डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारियों के ट्रांसफर आर्डर जारी किये हैं। जिन 13 राज्य प्रशासनिक अधिकारियों के ट्रांसफर आर्डर जारी किये गये हैं,इन आदेशो में पदस्थापना की गयी है



ओपी सिंह को अपर कलेक्टर कबीरधाम से अपर कलेक्टर बीजापुर

जय कुमार अग्रवाल को खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त संचालक को अपर प्रबंध संचालक मार्कफेड का एडिश्नल चार्ज

अरविंद कुमार पांडेय को संयुक्त कलेक्टर बलौदाबाजार से पाठ्य पुस्तक निगम का जीएम

निर्भय कुमार साहू को संयुक्त कलेक्टर गरियाबंद से संयुक्त कलेक्टर रायपुर

शिम्मी नाहिद को प्राचार्य राजस्व प्रशिक्षण शाला बिलासपुर से डिप्टी कलेक्टर रायपुर

सूरज कुमार साहू को डिप्टी कलेक्टर रायपुर से डिप्टी कलेक्टर गरियाबंद

भरोसाराम ठाकुर से कोयलीबेड़ा जनपद सीईओ से डिप्टी कलेक्टर कोरबा

वीरेंद्र लकड़ा को डिप्टी कलेक्टर कोरिया से अवर सचिव राजस्व मंडल बिलासपुर

दिलेराम डाहिरे को डिप्टी कलेक्टर बेमेतरा से डिप्टी कलेक्टर कवर्धा

टेकराम महेश्वरी को डिप्टी कलेक्टर रायपुर से डिप्टी कलेक्टर बलौदाबाजार

अरूण कुमार सोनकर को डिप्टी कलेक्टर कवर्धा से डिप्टी कलेक्टर कोरिया

वेदनाथ चंद्रवंशी को डिप्टी कलेक्टर कबीरधाम से क्षेत्रीय उपायुक्त भू अभिलेश बिलासपुर

संदीप ठाकुर को क्षेत्रीय उपायुक्त भू अर्जन बिलासपुर से डिप्टी कलेक्टर कवर्धा

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



.

********Advertisement********



👉 READ MORE


वनमण्डल केशकाल के द्वारा टाटामारी ईको पर्यटन केन्द्र का विकास जिले के अंतर्गत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाये जा रहे ईको पर्यटन सर्किट के तहत् किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत वनमण्डल केशकाल द्वारा अभिनव पहल के तहत् इस पर्यटन केन्द्र को विशेष पहचान दिलाने के उद्देश्य से बनाये जा रहे लोगो (प्रतीक चिन्ह) को डिजाइन करने के लिए स्कूली एवं महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया है। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत कक्षा 8वीं से लेकर महाविद्यालय तक के छात्र-छात्राएं ईको पर्यटन केन्द्र टाटामारी हेतु लोगो डिजाइन हेतु अब 27 सितम्बर तक वनमण्डल केशकाल कार्यालय द्वारा जारी वाट्सएप नम्बरों 9406117550, 9752111623 पर अपने द्वारा तैयार की गई लोगो (प्रतीक चिन्ह) को वाट्सएप द्वारा 27 सितम्बर की मध्यरात्रि 12.00 बजे तक भेजना होगा। विदित हो कि पूर्व में 12 सितम्बर तक प्रतियोगिता की अंतिम तिथि निश्चित की गई थी। इस प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागी के द्वारा बनाये गये प्रतीक चिन्ह को टाटामारी ईको पर्यटन केन्द्र के लोगो के रूप में उपयोग किया जाएगा साथ ही विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा।

इस प्रतियोगिता के संदर्भ में वनमण्डल द्वारा प्रतियोगियों के लिए सुझाव दिया गया है कि वे लोगो डिजाइन के दौरान टाटामारी के महत्व एवं विशेषता को प्रतीक चिन्ह में विशेषतः सम्मिलित करें एवं प्रतीक चिन्ह की डिजाइन के साथ उसके संबंध में संक्षिप्त विवरण अनिवार्यतः संलग्न करें। इसके साथ ही वाट्सएप में प्रतिभागियों को लोगो के साथ अपना नाम, पालक का नाम, ग्राम का नाम, पूर्ण पता, मोबाईल नम्बर, कक्षा, स्कूल/महाविद्यालय का नाम जहां वे अध्ययनरत् हैं, बताया जाना अनिवार्य होगा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



.

********Advertisement********



👉 READ MORE


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य के सभी स्कूली बच्चों को कोरोना संक्रमण काल में भी मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत सूखा राशन का वितरण किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि राज्य शासन के निर्णय अनुसार कोविड-19 के संक्रमण के चलते शालाओं के बंद रहने की अवधि 11 अगस्त से 31 अक्टूबर तक कुल 63 दिनों का मध्यान्ह भोजन का सूखा राशन स्कूली बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में वितरण किया जाएगा। सूखा राशन सामग्री का वितरण सुविधानुसार स्कूल में अथवा घर-घर पहुंचाकर देने के निर्देश दिए गए हैं। वितरण के दौरान बच्चों या पालकों के मध्य सामाजिक दूरी बनाए रखी जाएगी। इस संबंध में संचालक लोक शिक्षण श्री जितेन्द्र शुक्ला ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

लोक शिक्षण संचालनालय से जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा 29 अगस्त 2020 में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण काल में अनलॉक-4 के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किया गया है। इस आदेश में 30 सितम्बर 2020 तक शालाओं को बंद रखे जाने का निर्देश दिया गया है। अतः खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में बच्चों को सूखा चावल एवं कुकिंग कास्ट की राशि से अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री - दाल, तेल, सूखी सब्जी इत्यादि वितरित किया जाना है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



सूखा राशन सामग्री वितरण हेतु जारी निर्देश में कहा गया है कि मध्यान्ह भोजन योजना की गाईडलाइन के अनुसार कक्षा पहली से आठवी तक के उन बच्चों को जिनका नाम शासकीय शाला, अनुदान प्राप्त अशासकीय शाला अथवा मदरसा-मकतबा में दर्ज है, मध्यान्ह भोजन दिया जाए। सूखा राशन वितरण में बच्चों को चावल, दाल एवं तेल की मात्रा भारत सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा से कम नहीं होनी चाहिए। बच्चों को प्रदाय की जाने वाली सामग्रियों को पृथक-पृथक सील बंद पैकेट बनाकर प्रति छात्र सभी सामग्रियों का एक बड़ा पैकेट बनाया जाए। वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्रियां उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सामग्रियों की पैकिंग के पूर्व और पैकिंग के बाद के फोटोग्राफ लिए जाए। सामग्री के ब्रांड से संबंधित फोटोग्राफ और सामग्री नमूनार्थ एक माह तक के लिए रखी जाए। जिससे किसी प्रकार की शिकायत होने पर गुणवत्ता के संबंध में जांच की जा सके। सूखा राशन वितरण के संबंध में प्रत्येक शाला में बच्चों को वितरित होने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता एवं मात्रा सुनिश्चित करने हेतु सामग्री वितरण के लिए जिला स्तर पर इस प्रकार कार्ययोजना बनाई जाए जिससे इसकी सूक्ष्म मॉनिटरिंग की जा सके।

शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में 63 दिनों के लिए प्रति छात्र चावल 6300 ग्राम, दाल 1260 ग्राम, आचार 500 ग्राम, सोयाबड़ी 630 ग्राम, तेल 315 ग्राम और नमक 400 ग्राम प्रदाय किया जाना है। इसी प्रकार माध्यमिक स्कूलों में 63 दिनों के लिए प्रति छात्र चावल 9450 ग्राम, दाल 1890 ग्राम, आचार 750 ग्राम, सोयाबड़ी 945 ग्राम, तेल 500 ग्राम और नमक 600 ग्राम प्रदाय किया जाना है। स्कूलों के लिए चावल पूर्व की तरह ही उचित मूल्य की दुकान के माध्यम से प्रदाय किया जाएगा।

********Advertisement********



👉 READ MORE


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि केवल चंद पूंजीपतियों, जमाखोरों और दलालों को संरक्षण देने वाली भारतीय जनता पार्टी किसान हितैषी होने का ढोंग कर रही है! देश में अधिनायक वादी रवैया अपनाकर कल किसान विरोधी काले कानून पास किए गए! सदस्यों की मांग के बावजूद मत विभाजन के बिना ध्वनि मत से विधेयक का पारित किये जाने से भी बहुत से प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए है! मूल सवाल यह है कि महामारी की आपदा के समय राज्य सरकारों किसान संगठनों और सदन में चर्चा के बगैर ऐसे काले कानून क्यों थोपे जा रहे हैं?

एपीएमसी अर्थात कृषि उपज मंडियों में खरीदी की व्यवस्था को नष्ट करने का निर्णय किसान विरोधी होने के साथ ही संविधान के सातवीं अनुसूची के तहत राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण भी है! आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 क के तहत स्टॉक लिमिट को खत्म करने का निर्णय ना केवल किसान विरोधी है बल्कि आम उपभोक्ताओं के शोषण के लिए जमाखोरों को संरक्षण देने का कुत्सित प्रयास है! धान, गेहूं, तेल, तेल के बीच, आलू, प्याज जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तु की सूची से बाहर करना मोदी सरकार की किसान और उपभोक्ता विरोधी नीति को प्रमाणित करता है! जमाखोरी की लालच में निश्चित ही चंद पूंजीपतियों द्वारा लाभ की संभावनाओं में बड़े पैमाने पर भंडारण किया जाएगा और इसी नियत से ही विगत बजट सत्र में मोदी सरकार ने रिटेल जैसे सेक्टर में 100% एफडीआई को मंजूरी दी गई है!

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि जो व्यवस्था पूरी दुनिया में फेल हो चुकी है यूरोप और अमेरिका तक में आज हालत यह है कि इसी तरह के किसान विरोधी फैसलों के कारण वहां के 91% किसान दिवालिया हो चुके हैं! इसी तरह का फैसला 2006 में बिहार में नीतीश कुमार सरकार के द्वारा लिया गया और उस दौरान बिहार के किसानों को बड़े-बड़े सपने दिखाए गए कि आप लोगों को मंडी की बाध्यता से मुक्त किया जाता है और निजी व्यापारियों के द्वारा आपको एमएसपी से ज्यादा कीमत मिलने लगेगी पर आज हकीकत यह है कि पूरे देश में सबसे ज्यादा शोषित पीड़ित प्रताड़ित और कर्जदार बिहार का किसान है किसान बिहार में रहा ही नहीं पूरी तरह से बंधुआ मजदूर बन चुका है बिहार का किसान धान और गेहूं 1200 से 1300/- प्रतिक्विंटल से अधिक में नहीं बेच पाता, बिहार का किसान आज अपना कृषि उत्पाद पंजाब और हरियाणा में बेचने मजबूर है, क्योंकि बिहार में apmc पहले ही ख़त्म कर दिया गया है,अब यदि पूरे देश में यही हालत होगी तो देश का किसान कहां जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि यदि मोदी सरकार किसान हितेषी है तो मिनिमम सपोर्ट प्राइस को किसानों का कानूनी अधिकार बनाती ! असलियत यह है कि चंद पूंजीपतियों के मुनाफे के लिए काम करने वाली मोदी सरकार किसान हितैषी होने का केवल ढोंग कर रही है! वास्तव में यदि मोदी सरकार किसानों को जमाखोरों और बिचौलियों के शोषण से मुक्त कराना चाहती तो न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर खरीदी करने वाले बिचौलियों और दलालों पर सक्त कानूनी प्रावधान सुनिश्चित करती लेकिन मोदी सरकार तो किसानों के शोषण के लिये ईस्ट इंडिया कंपनी बनाने में लगी है।

********Advertisement********



👉 READ MORE


जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर खडगांव थाना क्षेत्र के धुर नक्सली क्षेत्र के ग्राम पंचायत कमकासूर के आश्रित ग्राम पूसेवाडा में एक आदिवासी छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में 16 सितंबर को मौत हो गई। नाबालिग छात्रा की मौत के बाद गांव में खाप पंचायत लगाकर पुलिस को बिना सूचना दिए शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। छात्रा की अस्वावभाविक मौत में काफी गंभीर रहस्य छुपे हुए हैं। मामले की सूक्ष्मता से जांच करने की मांग करते हुए मोहला मानपुर की समाजसेवी नम्रता सिंह ने प्रशासन को लिखित आवेदन दी, जिस पर मोहला एसडीएम सीपी बघेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कब्र का उत्खनन कर शव का पीएम कराने का निर्देश जारी किया।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



एसडीएम के आदेश के बाद मानपुर तहसीलदार सुरेंद्र उर्वशा, सब इंस्पेक्टर उषा अहिरवार, खडगांव टीआई कोमल राठौर, डॉक्टर वर्षा ठाकुर गांव पहुंचे। प्रशासन के सामने कब्र से पंचनामा कर शव निकाला गया। रात तक पोस्टमार्टम किया गया। मृत छात्रा की मौत पर तरह-तरह की चर्चा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृत छात्रा किसी गंभीर अपराध की शिकार हुई है, जिसके बाद उसकी मौत हुई है। पूरे मामले को मौत के बाद खाप पंचायत में निपटा दिया गया। हालांकि एसडीएम ने कहा है कि इस मामले की सुक्ष्मता से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

********Advertisement********



👉 READ MORE


दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपने निर्णय में आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित समूह के बच्चो को जो आरटीई के अंतर्गत प्रवेशित है उन्हे आनलाईन क्लासेस के लिए मोबाईल और डाटा की व्यवस्था कराने प्रायवेट स्कूलों को निर्देशित किया गया है जिसके पश्चात अब छत्तीसगढ़ में भी आरटीई के अंतर्गत प्रवेशित बच्चों को मोबाईल और डाटा प्रदान करने की मांग उठने लगी है।

छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित समूह के 2.85 लाख बच्चें जो कि आरटीई के अंतर्गत 6500 प्रायवेट स्कूलों में प्रवेशित है उनकी समुचित व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।

श्री पॉल का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित समूह के 2.85 लाख बच्चें जो कि आरटीई के अंतर्गत 6500 प्रायवेट स्कूलों में प्रवेशित है, जिनके पास मोबाईल की सुविधा नहीं है जिसके कारण वे ऑनलाईन पढ़ाई और शिक्षा से वंचित है। जिसके संबंध में पूर्व में उनके द्वारा शिक्षा सचिव और संचालक को जानकारी दिया गया था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा इन बच्चों के लिए अब तक कोई व्यवस्था नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल के द्वारा पत्र लिखकर शिक्षा सचिव से यह मांग किया गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित समूह के 2.85 लाख बच्चें जो कि आरटीई के अंतर्गत 6500 प्रायवेट स्कूलों में प्रवेशित है उन्हें ऑनलाईन क्लासेस के लिए मोबाईल और डाटा तत्काल उपलब्ध कराया जावे, क्योंकि कई पालकों के पास की-पैड वाला परंपरागत मोबाईल है, जिससे ऑनलाईन पढ़ाई किया जाना संभव नहीं है, जिससे कारण भी कई बच्चे ऑनलाईन पढ़ाई से वंचित है। दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि ऑनलाईन पढ़ाई में भी बच्चों की पढ़ाई के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है, इसलिए बच्चों को मलिटी एज्युकेशन देने के लिए मोबाईल और डाटा उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



********Advertisement********