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detail news only from Chhattishgarh ,dated: २२ नवम्बर २०२०

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय में बिलासपुर में छह करोड़ 11 लाख रूपए की लागत से छत्तीसगढ़ राजस्व मंडल के नवनिर्मित भवन का ई-लोकार्पण किया। उन्होंने बिलासपुर में इस बहुप्रतीक्षित भवन के लोकार्पण पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब बेहतर और व्यवस्थित कार्यालय के मिलने से राजस्व मंडल के कार्यों में और तेजी आएगी। इस अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू और बिलासपुर से राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, राजस्व मंडल के अध्यक्ष श्री सी.के. खेतान, महाधिवक्ता श्री सतीशचंद्र वर्मा तथा क्षेत्रीय विधायकगण शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में भूमि का व्यवस्थित रिकार्ड रखने और भूमि संबंधी विवादों का निपटारा करने में राजस्व न्यायालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां एक सर्वसुविधायुक्त और व्यवस्थित कार्यालय के मिलने से राजस्व प्रकरणों के निपटारे तथा मंडल के कार्यों में और गति आएगी। उन्होंने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 44 प्रतिशत भूमि में वन है और 76 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में राजस्व प्रशासन के कार्यों को व्यवस्थित करने और उन्हें गतिशीलता प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। इस दिशा में एक और कड़ी जोड़ते हुए आज बिलासपुर में राजस्व मंडल के नये कार्यालय भवन का लोकार्पण हुआ है। इससे आम आदमी को काफी सहुलियत होगी।

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इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने संबोधित करते हुए कहा कि नये राजस्व मंडल के भवन से अच्छी सुविधा उपलब्ध हो गई है तथा इससे राजस्व प्रकरणों की सुनवाई में और गति आएगी। इसी तरह राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि बिलासपुर में राजस्व मंडल के भवन की आवश्यकता थी, जो आज पूरी हुई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली को आधुनिक बनाने के साथ-साथ ई-कोर्ट की व्यवस्था की गई है। ई-कोर्ट के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण में और पारदर्शिता तथा तेजी आयी है।

कार्यक्रम में राजस्व मंडल के अध्यक्ष श्री सी.के. खेतान ने स्वागत उद्बोधन देते हुए बताया कि बिलासपुर में पुराने राजस्व मंडल कार्यालय के समीप ही 6 करोड़ 11 लाख रूपए की लागत से नया भवन बनाया गया है। इस भवन में तीन कोर्ट-रूम, आधुनिक पद्धति के साथ अभिलेखागार, एक सभाकक्ष, बार रूम और लाइब्रेरी आदि कक्ष बनाए गए हैं। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन सचिव राजस्व मंडल श्री बी.एस. उइके ने किया। इस अवसर पर विधायक श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सचिव राजस्व सुश्री रीता शांडिल्य उपस्थित थीं।

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खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए 1 दिसम्बर से धान खरीदी की जानी है। धान खरीदी की प्रकिया सुचारू रूप से सम्पन्न कराने तथा धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए राज्य शासन से प्राप्त निर्देशानुसार प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। चूंकि बलरामपुर जिले की सीमा तीन राज्यों को स्पर्श करती है इसलिए सीमावर्ती क्षेत्रों से धान के अवैध परिवहन की संभावना को देखते हुए कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने राज्य शासन के मंशानुरूप सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को यथोचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। आदेश के परिपालन में प्रशासनिक अमला धान के अवैध परिवहन को रोकने के लिए अंतर्राज्यीय चेकपोस्टों पर वाहनों की सघन जांच तथा निगरानी कर रहा है। इसी क्रम में विकासखंड वाड्रफनगर के धनवार चेकपोस्ट से धान के ट्रक को जब्त किया गया।

ट्रक में 632 बोरी धान था जिसे इलाहाबाद से रायपुर ले जाया जा रहा था। जांच के दौरान जरूरी दस्तावेज न होने के कारण वाहन के जप्ती की कार्यवाही की गई और उसे बसंतपुर थाने की अभिरक्षा में सुपुर्द किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व वाड्रफनगर श्री विशाल महाराणा ने बताया कि उत्तरप्रदेश की सीमा से लगने वाले वाड्रफनगर के धनवार चेकपोस्ट में जांच के दौरान चालक के पास परिवहन संबंधी दस्तावेज उपलब्ध न होने के कारण उक्त कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आगामी धान खरीदी को देखते हुए अवैध परिवहन के विरुद्ध सीमावर्ती क्षेत्रों में टीम बनाकर जांच की जा रही है।

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छत्तीसगढ़ में आज 2284 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार बीते 24 घंटे में 1277 मरीज स्वस्थ हुए हैं। वहीं दूसरी ओर 16 मरीज की उपचार के दौरान मौत हो गई। प्रदेश में अब तक 2713 कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो चुकी है।जिलेवार मरीजों की संख्या के लिए रिपोर्ट देखें





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राज्य के जेलों में 88 अशासकीय जेल संदर्शकों की नियुक्ति की गई है। राज्य में 5 केन्द्रीय जेल, 13 जिला जेल एवं 15 उपजेलों में अशासकीय जेल संदर्शकों की नियुक्ति के संदर्भ में राज्य शासन द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। यह नियुक्ति जेल नियमावली के नियम 815 (1) में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए किया गया है। नियुक्ति की कालावधि तीन वर्ष के लिए होगी। प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि इस नियुक्ति से जेलों के संचालन में सहयोग मिलेगा।

अधिसूचना के तहत केन्द्रीय जेल रायपुर में तीरथ यादव, वेदप्रकाश सिंह, तुलेश साहू, अश्वनी राजपूत एवं राजू प्रदीप दुबे को नियुक्त किया गया है। केन्द्रीय जेल बिलासपुर में अंकित सिंह ठाकुर, शेख निजामुद्दीज, सैय्यद मोहम्मद शाह, लक्ष्मीनाथ साहू, पुष्पेन्द्र शर्मा एवं संदीप बाजपेयी को, केन्द्रीय जेल जगदलपुर दिनेश यदु, होरी प्रसाद मण्डल, धरमूराम कश्यप, सरला तिवारी, विजेन्द्र ठाकुर एवं उगेश चन्द्र मरकाम को, केन्द्रीय जेल अम्बिकापुर में सी.डी. कुमार, अजय अरूण मिंज, ज्योति सिंह, सुनील मिश्रा, संदीप गुप्ता एवं निखिल गुप्ता को, केन्द्रीय जेल दुर्ग में ओमप्रकाश यादव, ईश्वर सोनवान, भरत साहू, नीतू सिंह, गुरलिन सिंह एवं जय डहरिया को नियुक्त किया गया है।

जिला जेल महासमुन्द में तौकीर दानी एवं शिवानन्द महन्ती को, जिला जेल धमतरी में लखनलाल साहू, जिला जेल रायगढ़ में दीपक पाण्डेय, राजीव कालिया एवं यतीश कुमार गांधी, जिला जेल कोरबा में अरूण शर्मा, जिला जेल जांजगीर-चाम्पा में राधेश्याम थवाईत, ठण्डाराम साण्डे एवं संदीप थवाईत, जिला जेल दन्तेवाड़ा में तुलिका वर्मा, राधा नाग एवं प्रदीप गौतम, जिला जेल कांकेर में विश्राम गावड़े, देवेन्द्र सोनी एवं सुनील गोस्वामी, जिला जेल बैकुण्ठपुर में हर्षवर्धन शुक्ला, राजेन्द्र तिवारी एवं कमल कान्त साहू, जिला जेल जशपुर में रूद्रदाम पाठक एवं सुरेश अग्रवाल, जिला जेल बेमेतरा में जय सोनी, शेषनारायण मिश्रा एवं नवीन ताम्रकार, जिला जेल राजनांदगांव में रमेश डाकलिया, लालचन्द साहू एवं शमीम तिगाला और जिला जेल कबीरधाम में बिलाल खान, पिताम्बर वर्मा एवं सच्चिदानंद केशरवानी को नियुक्त किया गया है।

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इसी तरह उप जेल बलौदाबाजार में सुनील कुमार साहू एवं राकेश वैष्णव, उप जेल गरियाबंद में नरेन्द्र देवांगन एवं शीला ठाकुर, उप जेल सारंगढ़ में राकेश पटेल, उप जेल कटघोरा में चन्द्रहास राठौर एवं हसन अली, उप जेल सक्ती में राजीव जायसवाल, उप जेल मुंगेली में संजय जायसवाल, अरविन्द वैष्णव एवं लोकराम साहू, उप जेल पेण्ड्रारोड में लक्ष्मण राजपूत, उप जेल सुकमा में मनोज चौरसिया, मोहन सिंह एवं राजेन्द्र वर्मा, उप जेल नारायणपुर में राजेश दीवान एवं काण्डे राम मंडावी, उप जेल बीजापुर में अजय सिंह, उप जेल मनेन्द्रगढ़ में अभिषेक वर्मा, उप जेल सूरजपुर में मनोज अग्रवाल, सतीश चौबे एवं दुर्गा शंकर दीक्षित, उप जेल संजारी बालोद में धीरज उपाध्याय, अनिल सेनानी एवं ढालसिंह देवांगन, उप जेल डोंगरगढ़ में भारत भूषण मेश्राम एवं राजकुमार सेन, उप जेल खैरागढ़ में चन्द्रचुड़मणि सिंह एवं भुनेश्वर साहू की नियुक्ति अशासकीय संदर्शक के रूप में की गई है।

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विश्व बाल दिवस के अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग के समग्र शिक्षा और स्टोरीवीवर (प्रथम पुस्तक की एक पहल, नॉट फॉर प्रॉफिट चिल्ड्रन बुक पब्लिशर) के संयुक्त तत्वाधान में कहानी लेखन की तकनीक विषय पर वेबीनार के माध्यम से प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से बड़ी संख्या में शिक्षक ऑनलाइन प्रशिक्षण में शामिल हुए।

वेबीनार प्रशिक्षण के दौरान इसमें बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देने के साथ कोविड-19 महामारी और पढ़ने का संकट पर विशेष रूप से चर्चा की गई। बच्चे स्कूल से दूर होने के बावजूद भी पढ़ना सीखते रहें इसके लिए प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षकों का राज्यव्यापी अध्ययन-अध्ययापन कार्यक्रम के लिए स्टोरीबुक का उपयोग करने और छत्तीसगढ़ की स्थानीय भाषाओं में स्टोरीबुक का निर्माण और अनुवाद करने हेतु स्टोरीवीवर का उपयोग करने प्रोत्साहित किया गया। संपूर्ण शिक्षक समुदाय तक पहुंचने के लिए वेबीनार का यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम भी किया गया। वेबीनार के माध्यम से छत्तीसगढ़ के शिक्षकों ने कहानीकार मंच का उपयोग करके कहानी लेखन की तकनीक सीखी।

वेबीनार में बताया गया कि स्टोरीवीवर www.storyweaver.org.in गोंडी, हिन्दी और संथाली सहित 280 भाषाओं में 27 हजार से अधिक लाइसंेस प्राप्त कहानियों का खुले तौर पर एक डिजिटल मंच है। स्टोरी वीवर में ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ने, बनाने, अनुवाद करने और डाऊनलोड करने के लिए निःशुल्क आसान उपकरण हैं। कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से बच्चें घर पर रहने से स्टोरी वीवर ने एक विशाल स्पाइक का उपयोग किया है। यह शिक्षा प्रणाली वर्तमान समय में दूरस्थ शिक्षा के लिए एक समाधान के रूप में अनुकूल है। स्टोरी वीवर का व्यापक रूप से उपयोग उच्च गुणवत्ता, क्यूरेटेड सामग्री के बड़े भंडार के लिए खुली पहुंच प्रदान कर रहा है।

राज्य में समग्र शिक्षा और स्टोरीवीवर ने कोरोना के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान शिक्षकों और छात्रों की मदद के लिए कई पहल की है। छत्तीसगढ़ में ’कहानी दिवस’ वर्तमान में एक राज्यव्यापी पठन कार्यक्रम है। हर सप्ताह स्टोरीवीवर राज्य के शिक्षकों को वाट्सअप जैसे डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से छात्रों के बीच प्रचारित और प्रसारित करने के लिए स्टोरी बुक और गतिविधियां प्रदान करता है। यह कार्यक्रम छात्रों को गुणवत्तापूर्ण पठन सामग्री प्रदान करने के साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि इस दौरान बच्चों के पठन कौशल का क्षरण न हो। छत्तीसगढ़ में यह कार्यक्रम 30 हजार 500 स्कूलों के लगभग 17 लाख बच्चों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। शिक्षण-प्रशिक्षण वेबीनार में पढ़ने के कार्यक्रम के महत्व पर ध्यान केन्द्रित किया और शिक्षकों को दिखाया कि स्टोरीव्यू के टूल का छत्तीसगढ़ की स्थानीय भाषाओं में बनाने और अनुवाद करने के लिए उपयोग किया जाए। जिससे छात्रों को अपनी भाषा में स्टोरी बुक तक पहुंच आसान हो सके।

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स्टोरीवीवर की निदेशक सुश्री पूर्वी शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा के साथ साझेदारी करके शिक्षकों का अपने छात्रों के साथ स्टोरी बुक साझा करने और विशेष रूप से कोरोना के कठिन समय के दौरान मातृभाषा में पठन सामग्री बनाने के लिए खुशी हो रही है। हल्बी, कुड़ुक, साद्री जैसी स्थानीय बोलियों में बच्चों के लिए साहित्य का अनुवाद करने हेतु शिक्षकों को तैयार करने से सतत् शिक्षा को बढ़ावा देने से संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इससे बच्चों को स्टोरीबुक पढ़ने में ज्यादा रूचि होगी और उन्हें अपनी बोली-भाषा में समझने में भी आसानी होगी।

स्कूल शिक्षा विभाग के तकनीकी सलाहकार श्री सत्यराज अय्यर ने राज्य में शिक्षकों द्वारा नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग और शिक्षकों की क्षमता निर्माण के अनुभवों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहानीकारों द्वारा साझा प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कहानियों का संग्रह करने और इसे पुस्तक के रूप में विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित पर जोर दिया। समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश ने कहा कि छत्तीसगढ़ के शिक्षक अपने दायित्यों के प्रति सजग और संवदेनशाल हैं। शिक्षा के नवाचार को सीखने और अपनाने में शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभाई है।

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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि धान की बर्बादी पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले भाजपा नेता जवाब दें कि छत्तीसगढ़ में 15 साल सरकार चलाने के दौरान भाजपा सरकार ने धान को सुरक्षित भंडारण के लिये कितने गोडाउन का निर्माण करवाया था? 15 साल में कमीशनखोरी के लिये बिना आवश्यकता के सिर्फ कमीशनखोरी की नियत से बड़ी-बड़ी अट्टालिकायें बनाने वाली तत्कालीन रमन सरकार ने धान के सुरक्षित भंडारण के लिये कोई योजना क्यों नहीं बनाया? धान की रक्षा के लिये कोई निर्माण क्यों नहीं करवाया? भाजपा की रमन सिंह सरकार ने 15 साल धान को संरक्षित करने और धान खरीदी को सुव्यवस्थित करने की कोई व्यवस्था क्यों नहीं बनाई? कांग्रेस सरकार तो धान को सुरक्षित करने के लिये चबूतरे बना रही है। कांग्रेस सरकार में तो स्थिति बहुत बेहतर है। भाजपा शासनकाल में तो इससे ज्यादा धान बारिश में भीगने और सड़ने से खराब हो जाता था। रमन सिंह के शासनकाल में उपार्जित धान के खराब होने का विवरण जारी करते हुये संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि वर्ष 2019-20 में कुल उपार्जित 83.94 लाख मे.टन धान में से 78.80 लाख मे. टन (94.3 प्रतिशत) धान का निराकरण किया जा चुका है। शेष 5.14 लाख मे.टन धान का निराकरण जारी है, जिसे 15 दिसंबर 2020, तक निराकृत कर लिया जायेगा। संपूर्ण धान के निराकरण हुये बिना ही सूखत अथवा खराब धान की मात्रा को लेकर भाजपा नेताओं का बयान आधारहीन और कोरी बयानबाजी है। कांग्रेस सरकार का प्रयास है कि खराब धान की मात्रा न्यूनतम रहे। विगत सत्र के धान का निराकरण लगातार जारी है। आधी अधूरी जानकारी को लेकर लगाये जा रहे भाजपा के आरोप गलत एवं निराधार है।

क्र. खरीफ वर्ष उपार्जित धान की मात्रा (लाख टन में) खराब हुये धान की मात्रा (टन में)
1 2011-12 59.72 50841
2 2012-13 71.36 100381
3 2013-14 79.72 78161

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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में कुल 83.94 लाख मे.टन धान का उपार्जन किया गया जिसमें से 51.70 लाख में. टन धान सीधे समितियों से मिलर को प्रदाय किया जो कुल धान उपार्जन का 62 प्रतिशत है। विगत वर्षो में कुल उपार्जित धान के विरूद्व मिलरो द्वारा उठाव का प्रतिशत एवं धान की मात्रा जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि समितियों से सर्वाधिक मात्रा में धान का सीधा उठाव इस वर्ष किया गया है, जिसके कारण शासन को परिवहन राशि की बचत भी हुई है। कांग्रेस सरकार द्वारा सफलतापूर्वक सुव्यवस्थित रूप से धान की खरीदी से भाजपा नेताओं को स्वाभाविक रूप से पेट में पीड़ा हो रही है। अगर भाजपा की सोच सही होती तो भाजपा आगे आकर कांग्रेस सरकार की सफलता को स्वीकार करने का नैतिक साहस प्रदर्शित कर लें।

क्रं. खरीफ वर्ष उपार्जित धान की मात्रा (लाख टन में ) समितियों से सीधे उठाव की मात्रा (लाख टन में )
1 2016-17 69.59 41.25
2 2017-18 56.88 41.45
3 2018-19 80.38 47.40
4 2019-20 83.94 51.70
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 2500 रू. धान का दाम देने वाली कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ भाजपा नेताओं का दुष्प्रचार सीधे-सीधे जनता की आंखो में धूल झोकने की कोशिश है। धान खरीदी पर भाजपा किस मुंह से बोल रही है? भाजपा को किसानों और ग्रामीण मतदाताओं से अब कोई समर्थन इसलिये नहीं मिलेगा क्योंकि छत्तीसगढ़ के लोग भाजपा के किसान विरोधी, गरीब विरोधी चरित्र, मजदूर विरोधी चरित्र को बखूबी समझ चुके है। किसान और धान का सम्मान की बड़ी बड़ी बाते करने वाले भाजपा नेताओं से प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर अनुमानित धान उपार्जन हेतु लगभग 3.50 लाख गठन नये बारदानों की आवश्यकता के विरूद्ध जूट कमिश्नर, कोलकाता के माध्यम से भारत सरकार द्वारा केवल 1.45 लाख गठन नये बारदाने ही क्यो उपलब्ध कराये जा रहे है? शेष बारदानों की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जा रही है।

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विगत एक साल से अपने इकलौते पुत्र के तलाश में भटक रही महिला को अंततः महिला आयोग की सुनवाई में उपस्थित होने से राहत मिली। इस प्रकरण में आवेदिका श्रीमती जगदम्बा सेना पति स्व. भुवनेश्वर सेना झोपड़ीपारा, संजय गाँधी वार्ड-34, रेल्वे काॅलोनी जगदलपुर, जिला-बस्तर (छ.ग.) के पुत्र शेखर सेना के लापता होने के संबंध में आवेदिका द्वारा बोडघाट थाना में गुमशुदगी का रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, किन्तु अभी तक आवेदिका के पुत्र शेखर सेना का पता थाना बोडघाट पुलिस द्वारा नहीं लगाया जा सका है। आवेदिका ने शंका जाहिर की है, कि उनके पुत्र शेखर सेना का हत्या कर, कहीं फेंक या गाड़ दिया गया है।

आवेदिका ने आपने आवेदन में 5 संदिग्धों पर शक जाहिर किया। ये सभी संदिग्ध संजय गाँधी वार्ड-34, रेल्वे काॅलोनी जगदलपुर, जिला-बस्तर (छ.ग.) के निवासी है।आवेदिका ने इन सभी पर हत्या करने का शक जाहिर की है।ज्ञात हो कि यह घटना 9 जुलाई.2019 की रात की है, इस पर रोती बिलखती माँ को न्याय नहीं मिल सका था।

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आवेदिका श्रीमती जगदम्बा सेना के पुत्र शेखर सेना का गुम होने के पश्चात् उसके कुछ दोस्तों ने आवेदिका के पास शेखर सेना का कुछ समान छोड़ा था और उसके बाद से ही उसके बेटे का पता नहीं चला था। 09 जुलाई 2019 से उसका बेटा लापता था। थाना बोडघाट में गुमशुदगी का रिपोर्ट दर्ज किया गया था। महिला आयेाग में आवेदिका के द्वारा नवम्बर 2019 से प्रकरण दर्ज था और नार्को टेस्ट कराये जाने के लिए माह फरवरी 2020 से मामला लंबित था। 06 नवम्बर 2020 को जगदलपुर में महिला आयोग की सुनवाई के दौरान आवेदिका ने बताया था, कि जिन लोगों पर शक है उन लोगों की जानकारी में है कि उसका पुत्र जीवित है या मृृत है, उसकी जांच करने में पुलिस विभाग लापरवाही कर रही है, बीच में संदेहीजनों के बताये जाने पर, जे.सी.बी. से खुदाई भी कराई गई थी, पर आवेदिका के बेटे का कहीं भी पता नहीं चला।जिस पर महिला आयोग के अध्यक्ष के द्वारा प्रकरण को संज्ञान में लिया गया और उपस्थित पुलिस अधिकारियों से पुछताछ करने पर उनके द्वारा जानकारी दिया गया कि कोविड-19 के कारण न्यायालय बंद है और 17 नवम्बर 2020 से न्यायालय खुलने पर जिला दण्डाधिकारी से नार्को टेस्ट की अनुमति मिलने पर ही, नार्को टेस्ट हो सकेगा।

इस पूरे प्रकरण में त्वरित कार्यवाही के लिए पुलिस अधीक्षक जगदलपुर, पुलिस महानिरीक्षक बस्तर संभाग एवं जिला सत्र न्यायाधीश बस्तर तीनों से अध्यक्ष ने बात की कि इस प्रकरण में नार्को टेस्ट की अनुमति शीघ्र दिया जाये। पुलिस विभाग के जिला सत्र न्यायालय से अनुमति लिया गया है और इस मामले के सभी संदिग्ध व्यक्तियों का नार्को टेस्ट लिया जायेगा, जिससे आवेदिका को शीघ्र न्याय मिल सकेगा।

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छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले दो साल में मत्स्य बीज उत्पादन में 13 और मत्स्य उत्पादन में 9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। मछली पालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए राज्य के दो मत्स्य कृषकों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जाएगा। 21 नवंबर को विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर भारत शासन द्वारा ए.पी. सिम्पोजियम हॉल, पूसा कैंपस नई दिल्ली में आयोजित समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य के मेसर्स एम.एम.फिश सीड़ कल्टीवेशन प्राइवेट लिमिटेड, माना, जिला रायपुर को बेस्ट फिशरीज इन्टरप्राइजे़स के तहत् दो लाख रूपए का नगद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र एवं मेसर्स एम.आई.के कम्पनी, सिहावा, जिला धमतरी को बेस्ट प्रोप्राईटरी फर्म संवर्ग के तहत् एक लाख रूपए का नगद पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल तथा कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित करने वाले मत्स्य कृषकों एवं संस्थाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में मछली पालन के क्षेत्र में प्रदेश के मत्स्य कृषक नवीनतम तकनीक को अपनाते हुए सफलता अर्जित कर रहे हैं। मत्स्य बीज उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश आत्मनिर्भर हैं। विगत दो वर्षो में प्रदेश में 13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मत्स्य बीज उत्पादन 251 करोड़ स्टैण्डर्ड फ्राई से 267 करोड़ स्टैण्डर्ड फ्राई का उत्पादन में किया हैं। देश में राज्य का मत्स्य बीज उत्पादन के क्षेत्र में छठवां स्थान हैं। राज्य के मत्स्य कृषक प्रदेश में आवश्यक मत्स्य बीज प्रदाय करने के अतिरिक्त मध्यप्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, आध्रप्रदेश एवं बिहार प्रदेशों को भी निजी क्षेत्र द्वारा मत्स्य बीज की आपूर्ति कर रहे हैं। यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है।

संचालक मछली पालन ने बताया कि आधुनिक तकनीक का उपयोग कर राज्य के मत्स्य कृषक 6-7 मेट्रिक टन तक मत्स्य उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं। विगत दो वर्षो में प्रदेश में 9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ मत्स्य उत्पादन 4.89 लाख मिटरिक टन से 5.31 लाख मिटरिक टन का उत्पादन हुआ हैं। देश में राज्य का मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में भी छठवां स्थान हैं।

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राज्य में विगत दो वर्षो में मत्स्य कृषकों द्वारा स्वयं की भूमि पर 1000 तालाबों का निर्माण कर पंगेशियस प्रजाति का उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश के प्रगतिशील मत्स्य कृषक एवं जिला कांकेर के कृषकों द्वारा समूह में तालाबों का निर्माण कर विशेषकर पंगेशियस मत्स्य प्रजाति का नवीनतम तकनीक के साथ-साथ पूरक आहार का उपयोग कर 60-70 मेट्रिक टन प्रति हेक्टेयर तक मत्स्य उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं जिससे प्रदेश वासियों को स्वस्थ्य प्रोटीन युक्त ताजा आहार उपलब्ध हो रहा हैं। राज्य में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु तीव्र बढ़वार वाली मत्स्य ‘‘तिलापिया‘ का उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। निजी क्षेत्र में एक तिलापिया बीज उत्पादन हेतु हैचरी रायपुर में स्थापित की गई हैं प्रदेश में प्रति दिवस लगभग 20 टन तिलाबिया की मांग है। तिलापिया मत्स्य का निर्यात अन्य राज्यों जैसे केरल, उत्तर प्रदेश, मघ्य प्रदेश को किया जा रहा है। प्रदेश में इस वर्ष 3.00 करोड़ तिलापिया मत्स्य बीज निजी क्षेत्र में उत्पादित किया गया है।

राज्य के मध्यम एंव बड़ेे जलाशयों में मत्स्य की शत्-प्रतिशत प्राप्ति सुनिश्चित करती है केज कल्चर तकनीक। इस तकनीक में जलाशयों में 6x4x4 मीटर के केज बनाकर तीव्र बढ़वार वाली मत्स्य जैसे कि ‘पंगेशियस‘ एवं ‘तेलापिया‘ का पालन किया जाता है। प्रति केज 3000-5000 किलो मत्स्य उत्पादित की जाती है। अब तक प्रदेश के 11 जिलों में 1400 केज स्थापित हो चुके है।

प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय हसदेव बांगो, कोरबा में 1000 केज की परियोजना स्वीकृत की गई है। इन्हें स्थापित कर प्रति हितग्राही 05-05 केज की इकाई एक-एक हितग्राही को मत्स्य पालन हेतु आबंटित की जावेगी। उक्त केज स्थानीय अनुजनजाति के मत्स्य पालकों को प्रदाय कर शासन की ओर से 40 से 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसमें डुबान क्षेत्र में आने वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जावेगी।

प्रदेशवासी मछलीपालन के क्षेत्र में क्रियान्वित नवीनतम तकनीक जैसे एकीकृत मत्स्य पालन, सघन मत्स्य पालन, पंगास पालन, रिसर्कलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आर.ए.एस.) तकनीक के माध्यम से कम क्षेत्र एवं कम जलक्षेत्र में पानी को निरन्तर परिशुद्धि कर मत्स्य पालन अपनाकर सफलता अर्जित कर रहे हैं, जिससे प्रदेश का मत्स्य उत्पादन निरंतर बढ़ रहा है। प्रदेश की आर.एस.ए. तकनीक का अन्य प्रदेश से मछलीपालन अधिकारी एवं प्रगतिशील मत्स्य कृषक यहाँ प्रयोग की नई तकनिकों का अध्ययन एवं परीक्षण कर प्रेरणा प्राप्त कर रहे हैं।

प्रदेश में नवीनतम तकनीक से कम क्षेत्र में छोटी-छोटी टंकिया स्थापित कर कम जलक्षेत्र में परिपूरक आहार का उपयोग कर मछली पालन कर अधिक उत्पादन लेने हेतु बायोफ्लॉक तकनीक संचालित किये जाने हेतु शासन द्वारा इस वर्ष से मत्स्य कृषकों को प्रोत्साहन करने हेतु योजना स्वीकृत की गई है। जिसके तहत् प्रदेश वासियों को राशि 7.50 लाख रूपए लागत की इकाई स्थापना पर लागत राशि पर 40 प्रतिशत आर्थिक सहायता दिया जाने का प्रावधान रखा गया है।

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छत्तीसगढ़ की बहुमूल्य धरोहर समृद्ध हाथकरघा के रूप में अभिव्यक्त हो रही है और अपनी विविधता, गुणवत्ता एवं सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है। राजनांदगांव जिले के बुनकरों के हाथों के हुनर ने बेजोड़ कारीगरी से अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। शासन की पहल से विलुप्त हो रही छत्तीसगढ़ी परम्परागत लोधी बुनकारी कला को पुनर्जीवन मिला है। छुईखदान एवं गंडई के बुनकर मोहक डिजाइन के लोधी साड़ी का निर्माण कर रहे हैं, जिसकी अभी मार्केट में अच्छी डिमांड है। लोधी साड़ी को बड़ेभौराई साड़ी भी कहा जाता है। जिसमें खाप का प्रयोग करते हुए सिंघोलिया बूटी, मेयूर बूटी एवं डमरू की डिजाइन बनी हुई है, साथ ही पंचोलिया एवं प्रताप पर डिजाइन से सुसज्जित किया गया है। यह साड़ी शादी-विवाह के अवसर पर बहुतायत उपयोग किया जाता है। छुईखदान बुनकर सहकारी समिति मर्यादित के तहत निर्मित हाथकरघा उत्पाद फेब इंडिया नई दिल्ली में निर्यात किये जा रहे हैं। अनोखे रंग संयोजन से बने उम्दा फेब्रिक लोगों की पसंद बन रही है। इस वर्ष 150 बुनकरों को 70 लाख 64 हजार राशि की प्राप्त हुई है, जिनसे उनकी आर्थिक स्थिति सशक्त हुई है। शासन द्वारा बेडशीट एवं गणवेश के लिए वस्त्र क्रय किया गया है, वहीं कोरोना संक्रमण के बावजूद 10 लाख वस्त्र तैयार किए गए हैं, जो फेब इंडिया को भेजे जा रहे हैं। वहीं वस्त्रों का शासकीय कार्यों के लिए सप्लाई किया गया है।

छुईखदान, गंडई एवं खैरागढ़ में डोंगरगढ़ एवं राजनांदगांव में कुशल बुनकरों द्वारा खुबसूरत डिजाइनदार साड़ी, ऊलन, स्पायडल चादर, जेकार्ड चादर, साल, रंगीन चेक, प्लेन चादर, प्रिटेंड चादर, पिलो कव्हर, फर्श दरी, फर्निशिंग क्लाथ, शर्ट क्लाथ, पेसेंट डे्रस, सर्जन गाउन, ग्रीन वर्दी, यूनिफार्म, डे्रस के लिए वस्त्र, धोती, गमछा, पंछा, नेपकीन, रूमाल एवं उपयोगी वस्त्र तैयार किये जा रहे है। उप संचालक हाथकरघा श्री इन्द्रराज सिंह ने बताया कि विलुप्त हो रही परम्परागत लोधी साड़ी का वेल्यू एडीशन करने के साथ ही इसमें नया प्रयोग करते हुए नई डिजाइन का समावेश भी किया जा रहा है। छुईखदान बुनकर सहकारी समिति मर्यादित के प्रबंधक श्री लालचंद देवांगन ने बताया कि छुईखदान प्रदेश में एकमात्र संस्था है, जिसे जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित से 54 लाख रूपए की ऋण स्वीकृति प्राप्त है। जिससे संस्था अपना व्यवसाय करती है। उन्होंने बताया कि संस्था के जीर्णोद्धार के लिए शासन की ओर प्रस्ताव भेजा गया है जो प्रक्रियाधीन है।

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बुनकर लोधी साड़ी का निर्माण करने वाले श्री ईश्वरराम ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह अंचल की परंपरागत प्राचीन कला है, जिसे शासन के प्रयासों से संरक्षण मिला है। धागा रंगाई का कार्य मेहनत का कार्य है, जिसे खैरागढ़ में किया जा रहा है। चरखा चलाकर महिलाएं बाबिन भरने का कार्य कर रही है। वही मशीन से भी बाबिन भरने का कार्य छुईखदान में किया जा रहा है। बुनकर श्री रामखिलावन देवांगन हरे एवं स्लेटी रंग का समन्वय करते हुए नया प्रयोग कर रंगीन बार्डर की साड़ी बना रहे थे। श्री मयाराम देवांगन किसानों के लिए पटका बना रहे है। वही श्री सीताराम कुर्ते का कपड़ा बना रहे है।

उल्लेखनीय है कि छुईखदान, खैरागढ़, डोंगरगढ़, कबीरधाम, गंडई, मलाजखंड, राजनांदगांव, घुमका में हथकरघा के शो रूम है। वर्ष 2018-19 में एक करोड़ 45 लाख 62 हजार रूपए की राशि प्राप्त हुई। वर्ष 2018-19 में 25 लाख रूपए के कपड़े फेब इंडिया में निर्यात किए गए। वहीं 2019-20 में 56 लाख रूपए के कपड़े निर्यात किए गए। इस वर्ष कोरोना के बावजूद 10 लाख वस्त्र तैयार किए गए हैं, जो फेब इंडिया में भेजे जा रहे हैं।

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चिकित्सा सेवाओं में इजाफे के साथ-साथ उम्दा व प्रशिक्षित चिकित्सक देकर आमजन को जिले में ही प्रादेशिक स्तर का उपचार उपलब्ध कराने वाले मेडिकल काॅलेज के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में शुक्रवार को पुनः निरीक्षण रूपी कार्य दिखने को मिला। जिला स्वास्थ्य से मिली जानकारी के मुताबिक आज संचालक, चिकित्सा शिक्षा (डी.एम.ई.) डाॅ. आर. के. महासमुंद पहुँचे । उनके साथ डाॅ. निर्मल वर्मा साथ थे । डाॅ. सिंह ने सुबह की पाली में ग्राम खरोरा, स्थित मेडिकल काॅलेज के लिए आबंटित भूमि-स्थल का खसरा नंबर से लेकर प्रवेश एवं निकासी तक के लिए बनाए गए योजना प्रारूप का मौका मुआयना किया। तत्पश्चात् उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय पहुँचे । वहाँ उन्होंने सी.एम.एच.ओ. डाॅ. एन. के. मंडपे से प्रदाय की जाने वाली चिकित्सा सेवाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी ली। बैठक में ए.डी.एम. जोगेन्दर नायक एवं डिप्टी कलेक्टर सुश्री पूजा बंसल ने उन्हें भूमि आबंटन की वर्तमान स्थिति व भविष्य में निर्मित किए जाने वाले भवन के बारे में आवगत कराया।

इसी क्रम में डाॅ. सिंह और उनका दल जिला चिकित्सालय पहुंचा और ओ.पी.डी., आई.पी.डी., नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई, ऑपरेशन थियेटर एवं आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं आदि की सेवा सुविधाओं का आंकलन किया। साथ ही उन्होंने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कोविड केयर सेन्टर के रूप में उपयोग लाए जा रहे जी.एन.एम. नर्सिंग सेन्टर सहित एम.पी.डब्ल्यू छात्रावास का अवलोकल किया। जिसमें मेडिकल काॅलेज के मानदण्डों में अनुरूप भवन एवं परिसर, कक्षों की संख्या और आकार, रहवास के लिए हाॅस्टल एवं मैस आदि की उन तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया, जो अनिवार्य सूची में संलग्न हैं।

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बढ़ते क्रम में उन्होंने मेडिकल काॅलेज सुविधा विस्तार के मद्देनजर एवं आगामी प्रबंधन संबंधी आंकलन के दृष्टिगत बरौंडा बाजार स्थित लाइवली-वुड काॅलेज का निरीक्षण किया। जहां, विभागीय विस्तार सहित आने वाले सत्रों में द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों के अध्ययन से जुड़ी आवश्यकताओं को लेकर सम्भावनाओं की तलाश की गई। बताया जा रहा है कि चिकित्सा शिक्षा संचालक द्वारा महासमुंद में बनने वाले बहुप्रतिष्ठित मेडिकल काॅलेज को यथाशीध्र शुरू करने के लिए उक्त निरीक्षण किया गया है। जिसमें आवश्यक जानकारियों का संकलन कर आगामी योजना क्रियान्वयन पर जोर दिया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य सेवाओं को भी इस ओर निरंतर समन्वय एवं सहयोग बनाते हुए निर्देशानुसार कार्य संपादित किए जाने के लिए कहा गया है। ऐसे में, जिले में जल्द ही मेडिकल काॅलेज की पढ़ाई के साथ-साथ उच्च स्तरीय अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं के शुरू हो जाने के कयास भी तेज होते नज़र आ रहे हैं।

निरीक्षण के दौरान जिला स्तरीय अधिकारियों में ए.डी.एम. श्री नायक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मंडपे, डिप्टी कलेक्टर सुश्री बंसल, एस.डी.ओ. (पी.डब्ल्यू.डी.) श्री चन्द्राकर एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला स्वास्थ्य सलाहकार संदीप चन्द्राकर सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

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छत्तीसगढ़ समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य और राज्यमंत्री की दर्जा प्राप्त कल्पना सिंह के पति प्रशांत सिंह को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. प्रशांत सिंह की गिरफ्तारी के बाद बस्तर में भी चर्चाओं का बाजार गर्म है. हालांकि दोनों कभी दंतेवाड़ा में रहे नहीं, लेकिन यंहा इन्हें बंगला आबंटित किया गया है. इस बंगले को तैयार करने में लाखों रुपए खर्च किए गए हैं.जानकारी के अनुसार 2019 में एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे में फरार प्रशांत सिंह पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था.

राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त कल्पना सिंह को दंतेवाड़ा जिले में छत्तीसगढ़ सरकार ने बंगला दिया था, जिससे कल्पना सिंह दंतेवाड़ा में रहकर सरकार की विभिन्न योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाएं. साथ ही आम जनता को इसका लाभ दिलाए, लेकिन जब से कल्पना सिंह समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य बनी है. उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त हुआ है. कल्पना सिंह अपने पति के साथ दंतेवाड़ा में कभी नहीं रहीं.

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समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य बनने के बाद कल्पना सिंह दो बार अपने पति प्रशांत सिंह के साथ दंतेवाड़ा आई थीं. इस दौरान उन्होंने विधायक देवती कर्मा और अन्य कांग्रेसियों से मुलाकात की थी, लेकिन आबंटित बंगले पर नहीं रुके थे. बताया जा रहा है कि इनके कुछ रिश्तेदार सुकमा जिले के दोरनापाल में भी हैं, जिनसे दोनों मिलने के दोरनापाल गए थे.

बता दें कि गिरफ्तार 50 हजार के इनामी प्रशांत सिंह के पत्नी कल्पना सिंह के साथ दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान उस पर खुफिया पुलिस की नजर थी, लेकिन कांग्रेस सरकार होने के कारण उस पर पुलिस हाथ डालने से बचती रही. बहरहाल अब यूपी में गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म है. दंतेवाड़ा में कल्पना सिंह के पति प्रशांत सिंह की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक गलियारें में चर्चाएं शुरू हो गई है.

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