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detail news only from Chhattishgarh ,dated: २३ जुलाई २०२०

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गुरुवार देर रात १० ३० को जारी बुलेटिंग के अनुसार २४ घंटे में छत्तीसगढ़ में अब तक के सर्वाधिक मरीज मिले है और पिछले २४ घंटे में ५ मौतें भी हुयी हैं शाम १०:30 बजे तक जारी बुलेटिंग के अनुसार ११६ नए मरीजो की पहचान की गयी है जिसमें रायपुर से ९१ .सरगुजा से ९ ,राजनंदगांव से ६ कोरबा से 3 महासमुंद बिलासपुर से २ २ दुर्ग सूरजपुर कंकर से 1 1 मिले है

वहीं शाम ६ बजे के बुलेटिंग में रायपुर से 114, कवर्धा से 34, कांकेर से 20, राजनांदगांव से 17, मुंगेली से 16, जांजगीर से 12, बस्तर से 10, बिलासपुर से 6, दुर्ग से 5, नारायणपुर से 4, गरियाबंद से 4, कोरिया से 3, जशपुर से 2, बालोद से 1, धमतरी से 1, बलौदाबाजार से 1, महासमुंद से 1, सरगुजा से 1, कोण्डागांव से 1, दंतेवाड़ा से 1 और बीजापुर से 1 नए कोरोना मरीज की पुष्टि हुई थी

इस तरह से दोनों बुलेटिन को मिला कर देखा जाये तो अकेले राजधानी में पिछले २४ घंटे में राजधानी रायपुर में २०५ नए मरीजों मिले है ये आंकडें कोरोना की भयवाह स्थिति को दर्शाते हैं







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कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बहन सरोज पांडे से पूछा है कि 15 लाख सबके खातों में, दो करोड़ रोजगार, हर साल किसानों की आय दुगुनी करने और स्वामिनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करने को लेकर बहन सरोज पांडे ने अपने भाई नरेन्द्र मोदी और भाई अमित शाह को राखी क्यों नहीं भेजती ? बहन सरोज पांडे ने भाई रमन सिंह को राखी क्यों नहीं भेजी ? जब छत्तीसगढ़ में रमन सिंह ने सारी महिलाओं का भाई बनकर चुनाव के पहले राशन कार्ड बांटे और चुनाव खत्म होने के बाद राशन कार्ड की जांच के नाम पर माताओं-बहनों को रमन सिंह सरकार ने अपमानित किया, तब सरोज पांडे कहां थी? तब बहन सरोज पांडे ने रमन सिंह को राखी क्यों नहीं भेजी प्रदेश की जनता जानना चाहती है।

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि बहन सरोज पांडे से छत्तीसगढ़ की जनता पूछना चाहती है कि 15 साल तक अपने भाई रमन सिंह को कितने वादे याद दिलाये? 15 मौके थे बहन सरोज पांडे के पास रमन सिंह को राखी भेजने के। 300 रूपये बोनस 5 साल तक, 2100 रूपये धान का समर्थन मूल्य, हर आदिवासी परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी, हर आदिवासी परिवार को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय, 5 हार्स पॉवर पंपों को मुफ्त बिजली की याद दिलाने बहन सरोज पांडे ने रमन सिंह को राखी क्यों नहीं भेजी ? यह छत्तीसगढ़ के लोग जानना चाहते हैं। राखी के अवसर पर बहन सरोज पांडे यह भी बता दे कि उन्होंने मोदी और शाह को कब राखी बांधा, कब याद दिलाया 15 लाख देने का वादा। इनमें से कुछ भी तो नहीं किया नरेन्द्र मोदी ने। सरोज पांडे दिल्ली में सांसद हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आवास भी दिल्ली में है। राखी के अवसर पर सरोज पांडे को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवास में जाकर इन बातों को पूरे करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कहना चाहिए।

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छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक एन्ड्रॉयड एप तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी प्रकार की पाठ्य सामग्री उपलब्ध होगी। इस एप को इंटरनेट के जरिए कोई भी शिक्षक या विद्यार्थी डाउनलोड कर सकेंगे और इसे कभी भी बिना इंटरनेट के ऑफलाईन देख सकेंगे। इस एण्ड्रॉयड एप को 15 अगस्त तक लांच किया जाना प्रस्तावित है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने यह जानकारी आज यूनीसेफ द्वारा आयोजित ‘डिजिटल टाऊनहॉल फॉर चिल्ड्रन‘ विषय पर आयोजित वेबीनार में दी। वेबीनार में पूर्व आईएएस एवं लैंग्वेज एण्ड लर्निंग फाउन्डेशन के संस्थापक एवं कार्यकारी निदेशक डॉ. धीर झींगरण और यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख क्षेत्राधिकारी श्री जॉब जकारिया भी शामिल हुए।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा कि ‘पढ़ई तुहंर दुआर‘ ऑनलाईन शिक्षा ही नहीं बल्कि बच्चों के द्वार तक शिक्षा पहुंचाने का एक माध्यम है। शिक्षा को बच्चों के द्वार तक पहुंचाने के लिए कई प्रकार के माध्यम हो सकते है। इस पर कार्य भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि राज्य स्तर से ही योजना तैयार हो, बल्कि शिक्षकों ने भी अच्छी-अच्छी योजना बनायी है, उसे राज्य में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की शुरूआत हुई तब सबके मन में एक ही तरीका सामने आया कि सीखने की प्रक्रिया को बरकरार रखने के लिए ऑनलाईन क्लास ही सबसे सशक्त माध्यम होगा। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इसी वजह से सीजीस्कूलडॉटइन नामक पोर्टल बनाया गया, जिसके माध्यम से बच्चों की पढ़ाई प्रारंभ की जा सके। राज्य के पहुंचविहीन क्षेत्रों में जहां इंटरनेट की समस्या है, जिनके पास मोबाइल नहीं है, उनके लिए दूसरे विकल्पों पर भी कार्य प्रारंभ किया गया है।

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डॉ. शुक्ला ने कहा कि दूरस्थ अंचल और आदिवासी क्षेत्रों में काम करने वाले शिक्षकों ने अलग-अलग तरीके अपनाए, जिसे लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्हें सहयोग और समर्थन देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर बहुत से शिक्षक बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। डॉ. शुक्ला ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि हमें सबसे पहले ऑनलाईन पोर्टल को विस्तार दिए जाने की अवश्यकता है, ताकि उसमें सब प्रकार की पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायी जा सके। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक एन्ड्रॉयड एप तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी प्रकार की पाठ्य सामग्री उपलब्ध होगी। इस एप को इंटरनेट के जरिए कोई भी शिक्षक या विद्यार्थी डाउनलोड कर सकेंगे और इसे कभी भी बिना इंटरनेट के ऑफलाईन देख सकेंगे। दूसरा बस्तर में एक पत्रकार के आईडिया पर काम करना शुरू किया है, जिसका नाम है ‘बुलटू रेडियो‘ अर्थात ब्लूटूथ के जरिए ऑडियो फाइल को ट्रांसफर करना। शिक्षा के अलावा अन्य जन जागरण के लिए उनके द्वारा हॉट बाजार में जहां भी किसी के पास इंटरनेट नहीं होता, उन्हें ब्लूटूथ के माध्यम से फाइल ट्रांसफर किया जाता है और जब आवश्यकता हो उस पाठ्य सामग्री को देख लेते है। इस प्रयोग को काफी सफलता मिल रही है।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने कहा कि शीघ्र ही एक कॉलसेंटर बनाने जा रहे है, जिसमें कोई भी विद्यार्थी टोल-फ्री नम्बर पर डायल कर किसी भी कक्षा की कोई भी अध्ययन सामग्री मोबाइल अथवा लैंडलाईन में बिना इंटरनेट के सुन सकेंगे। यह सभी सामग्री एक स्थान पर रखी जाएगी जहां से यह सुविधा प्रदान की जा सकती है। बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए लाऊड स्पीकर का उपयोग ऐसे स्थानों पर पढ़ाई के लिए किया जा रहा है, जहां मोबाइल और इंटरनेट सेवा नहीं है। इन स्थानों पर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विद्यार्थी लाउड स्पीकर के जरिए सुनकर अपने घरो या उसके सामने बैठकर एक निश्चित समय में अध्ययन-अध्यापन का कार्य बिना किसी बाधा के कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सर्वश्रेष्ठ विकल्प नहीं है, लेकिन एक अच्छा विकल्प सिद्ध हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग लोकल टैलेंट को बढ़ावा देने के लिए ऐसे शिक्षकों की पहचान कर रहा है जो वॉलिटिंयर्स के रूप में अपने आसपास के स्कूल के दायरे में आने वाले गांव में जाकर वहां पर समुदाय के बीच में बच्चों को बैठाकर पढ़ाएंगे और होमवर्क देंगे। वहां समुदाय के बीच से पढ़े-लिख वॉलिटिंयर्स नियुक्त करेंगे, जो बच्चों को शिक्षा अध्ययन में मार्गदर्शन देंगे।

लैंग्वेज एण्ड लर्निंग फाउन्डेशन के संस्थापक एवं कार्यकारी निर्देशक डॉ. धीर झींगरण ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की गई पहल और रणनीति देश के लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि स्कूल बंद रहने तक बच्चों को सीखने-सिखाने की प्रक्रिया से जोड़कर रखना है। यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख श्री जॉब जकारिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अभी लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों को ऑनलाईन शिक्षा उपलब्ध कराने का जो प्रयास किया गया है, वह सराहनीय और अनुकरणीय है।

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प्रदेश में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं को 15 दिन में गोबर खरीदी की राशि मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में वन विभाग के कार्याें की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि गोधन न्याय योजना की शुरूआत 20 जुलाई को गोबर खरीदी शुरू कर की गई थी। इसके लिए 15वें दिन 5 अगस्त को गोबर विक्रेताओं को राशि का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने मुख्य सचिव को सहकारी और ग्रामीण बैंकों सहित अन्य बैंकों के अधिकारियों की बैठक आयोजित कर इसके लिए सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। गोबर विक्रेताओं से क्रय किए गोबर की राशि उनके खाते में सीधे अंतरित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने गौठानों में गोबर खरीदी का समय निर्धारित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि गौठानों में वेटनरी डॉक्टरों और गौ-सेवकों के भ्रमण के कार्यक्रम भी तय किए जाए और लोगों की जानकारी के लिए गौठानों के सूचना पटल में प्रदर्शित किए जाए। श्री बघेल ने गौठानों और चारागाहों की देखभाल के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से बस्तर लौटे युवाओं को वनोपज संग्रहण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्याें में और गोधन न्याय योजना में जोड़कर अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाए। उन्होंने कहा कि कलेक्टर और डीएफओ बैठक कर युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कार्य योजना तैयार करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु वनोपजों की मार्केटिंग व्यवस्था पर विशेष रूप ध्यान दिया जाए। वनोपजों के बड़ी मात्रा में उपयोग करने वाली कम्पनियों से अनुबंध कर उनकी जरूरत की गुणवत्ता की वनोपजों और वनोषधियों को प्रसंस्करण करने के बाद कम्पनियों को उपलब्ध कराया जाए, जिसे कम्पनियां अपने उत्पादों में उपयोग कर सकेंगी। इससे संग्रहण कर्ताओं को वनोपज के समर्थन मूल्य के अलावा प्रसंस्करण से होने वाले लाभ का अंश भी मिलेगा। कम्पनियों के नेटवर्क के माध्यम से छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाली वनोपजों के लिए बड़ा मार्केट मिल सकेगा।

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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आयुर्वेदिक कम्पनियों को छत्तीसगढ़ में ही प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कृषि, उद्यानिकी और वनों में उत्पादित फसलों को सुरक्षित रखने के लिए पूरे प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क स्थापित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि और उद्यानिकी विभाग पी.पी.पी. माडल पर कोल्ड स्टोरेजों का संचालन कराए। बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविंद्र चौबे, वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अम्बिकापुर से स्वास्थ्य मंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव शामिल हुए।

बैठक में संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी और श्री चंद्रदेव प्रसाद राय, मुख्यमंत्री के सलाहकार सर्वश्री राजेश तिवारी, विनोद वर्मा, श्री प्रदीप शर्मा और श्री रुचिर गर्ग, मुख्य सचिव श्री आर. पी. मंडल, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी, आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव श्री डी. डी. सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी उपस्थित थे।

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राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इस मानसून के दौरान आकाशीय बिजली (गाज) और वज्रपात से बचने हेतु दिशा-निर्देश जारी किया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी गाईडलाइन के अनुसार राज्य के सभी जिलों को आवश्यक व्यवस्था एवं कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश में जिला स्तर पर आकाशीय बिजली एवं वज्रपात से बचाव के लिए स्थानीय भाषा में विभिन्न सुरक्षा युक्तियों के प्रदर्शन करने और लोगों को बचाव की प्रचार सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। नगरीय निकायों, पंचायत राज संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों, रेसीडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशन, ग्राम सभाओं, चिकित्सा पेशेवरों और स्थानीय निकायों को आकाशीय बिजली से बचाव के लिए सावधानियां की व्यापक जानकारी देने विशेष कार्यक्रम चलाने के भी निर्देश दिए गए हैं। जिससे वे अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को आकाशीय बिजली तथा वज्रपात से बचने जागरूक कर सकें।

पत्र में तीव्र गरज और आकाशीय बिजली से बचने के लिए आम लोगों से कहा गया है कि यदि वे घर पर हैं तो वज्रपात एवं आकाशीय बिजली से बचने के लिए यह करें कि आसमान के बदलते रंग और बढ़ती हवा के वेग पर नजर रखें। गड़गडाहट सुनाई दे तो इससे सावधान रहें। आकाशीय बिजली के सम्पर्क में आने से बचें। अद्यतन और चेतावनी निर्देशों के लिए स्थानीय मीडिया पर निगरानी रखकर जानकारी प्राप्त करते रहें। घर के अंदर रहें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें। खिडकियां और दरवाजे बंद करें और घर के बाहर की वस्तुओं को सुरक्षित रखें तथा यह सुनिश्चित करें कि बच्चे और पालतु जानवर अंदर ही रहें। अनावश्यक बिजली के उपकरणों को अनप्लग करें। पेड़ की लकड़ी या किसी भी अन्य मलबे को हटा दें जो दुर्घटना का कारण बन सकता है।

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आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा यह भी सलाह दी गई है कि नहाने के लिए शॉवर के उपयोग से बचें तथा बहते पानी से दूर रहें। ऐसा इसलिए है क्योंकि धातु के पाईप के साथ आकाशीय बिजली प्रवाहित हो सकती है। दरवाजे, खिडकिया, फायरप्लेस, स्टोव, बाथटब अथवा किसी अन्य विद्युत कंडक्टर से दूर रखें। कॉर्डेड फोन और अन्य बिजली के उपकरणों के उपयोग से बचें जो बिजली का संचालन कर सकते हैं। घर के बाहर खुले मैदान पर हैं तो तुरंत सुरक्षित आश्रय पर जाएं, धातु संरचना या धातु की चादर के साथ निर्माण जैसे आश्रय से बचें। आदर्श रूप से एक निचले क्षेत्र में आश्रय खोजें और सुनिश्चित करें कि चुना गया स्थान बाढ़ की संभावना से परे हो। अपने आप को छोटा बनाने के लिए पैरों को एक साथ रखें और सिर नीचे रखें। आपकी गर्दन के पीछे खड़े बाल संकेत कर सकते हैं कि आकाशीय बिजली निकटस्थ हैं। जमीन पर सपाट खडे न रहें। यह एक बड़ा लक्ष्य बना देगा। सभी उपयोगिता लाईनों फोन, पावर आदि धातु की बाड़ी पेड और पहाड़ी से दूर है। पेड़ों के नीचे शरण न ले, जहां आकाशीय बिजली गिरने की संभावना हो सकती है। रबर-सोल वाले जूते और कार के टायर बिजली से सुरक्षा का कोई साधन नहीं है। सायकिल, मोटर सायकिल अथवा खेत में उपयोग करने वाले वाहनों से दूर रहे जो आकाशीय बिजली को आकर्षित कर सकते हैं। नौका विहार या तैराकी कर रहे हो तो जितनी जल्दी हो सके सुरक्षित शरण ले लें।



तूफान के दौरान अपने वाहन में तब तक रहें जब तक की मदद नहीं आती है अथवा तूफान गुजर नहीं जाता है। वाहन की खिड़कियां बंद होनी चाहिए और पेड़ों से वाहन दूर पर पार्क करें।

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी निर्देश में इलाज के संबंध में कहा गया है कि ऐसे व्यक्ति को तत्काल अस्पताल ले जाएं जो आकाशीय बिजली गिरने से घायल हुआ है। हो सके तो बेसिक प्राथमिक उपचार दें। आकाशीय बिजली की चपेट में आने वाले लोगों को कोई विद्युत आवेश नहीं होता है और उन्हें सुरक्षित रूप से संभाला जा सकता है। टूटी हुई हड्डियों, सुनने और आंखों की रोशनी कम होने की जांच करें। आकाशीय बिजली का शिकार व्यक्ति अलग-अलग डिग्री तक जल सकती है, प्रभावित शारीरिक स्थान, चोट की जांच आवश्य करें।

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पंजीकृत महिला बचत स्व सहायता समूह स्वरोजगार स्थापित करने ऋण लेने के लिए 31 जुलाई तक आवेदन कर सकते है। आवेदित महिला समूह को शासन की योजनाओं में विभिन्न विभागों में आपूर्ति की जाने वाली सामाग्री प्रदाय करने के लिये आवश्यक प्रयास किया जायेगा। जिससे महिला समूह कों व्यवसाय से ऋण अदायगी पश्चात अधिक से अधिक आय अर्जित हो सके। महिला समूह को ऋण देने के लिए कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी जैसे व्यवसायों में स्वरोजगार स्थापित करने वालो को प्राथमिकता दी जायेगी। जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कोरबा द्वारा जिले के पंजीकृत महिला बचत स्व सहायता समूह को स्वयं के स्वरोजगार किये जाने हेतु 31 जुलाई 2020 तक आवेदन आमंत्रित किये गये है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कोरबा ने बताया कि कोरबा जिला में निवासरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय के 10 से 15 सदस्यीय वाले समूह आवेदन कर सकते है। समूह का फर्म एवं सोसायटी के धारा 7 के अधीन या राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के वेब पोर्टल पर पंजीयन हो, समूह के सदस्यों के आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष से अधिक न हो, गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हो समूह में 80 प्रतिशत सदस्य संबंधितवर्ग के एवं 20 प्रतिशत सदस्य अन्य वर्ग के शामिल किये जा सकते है। समूह का गठन की अवधि एक वर्ष से कम न हो, समूह के बैठक पंजी, आय व्यय लेन देन पंजी, कार्यवाही विवरण पंजी, बैंक में बचत खाता हो। समूह के सदस्य कार्यालयीन दिवस एवं अवधि में अंत्यावसायी, कार्यालय कलेक्टर, कोरबा से ऋण आवेदन फार्म निःशुल्क प्राप्त कर आवेदन प्राप्त कर सकते है। आवेदन पत्र में वर्तमान का फोटो चस्पा कर स्व प्रमाणित करके आवेदन पत्र के प्रत्येक कालम को सुस्पष्ट अक्षरों में भर कर वांछित दस्तावेज के साथ जमा कर सकते है। दस्तावेजो मे आवेदक का आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड, शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र, मोबाईल नं., महिला बचत समूह का पंजीयन प्रमाण पत्र, समूह की उपविधि, नियम शर्ते, बैठक पंजी, लेन देन आय-व्यय पंजी, कार्यवाही विवरण प्रस्ताव पंजी, समूह का बचत बैंक खाता शामिल है। जो व्यवसाय करना चाहते है उसके लिये स्थल भूमि भवन, तालाब के नक्शा खसरा अनुबंध पत्र भी आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा।

समूह को प्रत्येक सदस्य के मान से 0.50 लाख के मान से 10 सदस्यों में 5.00 लाख तक ऋण एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के समूह के सदस्यों को प्रति सदस्य 0.10 लाख के मान से जो गरीबी रेखा के नीचे होंगे अनुदान राशि जो 10 सदस्यों में 1.00 लाख तक होगी। 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 60 समान किश्तों में वसूली की जायेगी। जिला स्तरीय चयन समिति से चयन मुख्यालय से प्राप्त आबंटन एवं लक्ष्य अनुसार आवेदित समूह को आर्थिक सहायता ऋण के रूप में दी जाएगी।

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प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के हित में, मजदूरों के हित मे, पशुपालकों के हित मे गोबर खरीद रहे हैं तो रमन सिंह जी को तकलीफ होना स्वभाविक है, ईष्र्या होना स्वाभाविक है। रमन सिंह जी के कार्यकाल में तो एक नहीं अनेकों जगह करोड़ों रुपए का घोटाला गौशाला के नाम पर भाजपा नेताओं ने किया और गाय के मांस के लिए, गाय की चमड़ी के लिए गाय की हत्या का जघन्य कृत्य रमन सिंह जी के 15 साल के कार्यकाल में हुआ। रमन सिंह जी यह बताएं कि उनको राज्य के खजाने की याद क्यों नहीं आई? मुंबई से करीना कपूर को सेल्फी खिंचवाने के लिए राज्य के खजाने का करोड़ों रूपए खर्च किए गए तब उन्हें राज्य की याद क्यों नहीं आई? डेढ़ सौ करोड़ रुपए वाले बजट वाले जनसंपर्क विभाग में रमन सिंह जी के प्रभारी मंत्री रहते हुए साढ़े 400 रू. खर्च किए गए, कांग्रेस के खिलाफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी उस समय प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे उनके खिलाफ साजिश रचने के लिए जनसंपर्क का पैसा बर्बाद किया गया तब रमन सिंह जी को राज्य के खजाने की याद क्यों नहीं आई?

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि दरअसल रमन सिंह जी 2018 के चुनाव की हार के बाद भाजपा में अप्रासंगिक हो गए हैं भाजपा का कोई भी सच्चा कार्यकर्ता और नेता उनको पसंद नहीं कर रहा है पार्टी में अपनी जगह बनाए रखने के लिए रमन सिंह इस तरह की बयान बाजी कर रहे हैं और खबरों में बने रहना चाहते हैं

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बलात्कार के मामले में मणिपुर चौकी पुलिस द्वारा बुधवार शाम को एक आरोपी को केन्द्रीय जेल दाखिल कराया गया था। जेल प्रशासन द्वारा बंदी का इंट्री करने के बाद सर्दी-खांसी का लक्षण होने के कारण इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल दाखिल कराया गया था। यहां उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। गुरुवार की सुबह ५ से ६ बजे के बीच उसे शौचालय के लिए हथकड़ी खोला गय था। इस दौरान व जेल प्रहरी को चकमा देकर फरार हो गया। जेल प्रहरी द्वारा इसकी जानकारी जेल अधीक्षक को दिया गया। जेल प्रशासन ने मामले की जानकारी मणिपुर चौकी पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंच कर बंदी की तलाश की पर कहीं पता नहीं चला। इस मामले में मणिपुर चौकी पुलिस ने बंदी के खिलाफ २२४ के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं जेल प्रशासन द्वारा इस मामले में लापरवाही पाए जाने पर ड्यूटी में तैनात दो जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया है।

जानकारी के अनुसार २२ वर्षीय रिनू शिकारी कोरबा जिले के कटघोरा कर रहने वाला है। वह अंबिकापुर के मणिपुर क्षेत्र में रहकर काम करता था। दिसंबर २०१९ में इसकरे खिलाफ मणिपुर चौकी में ३७६, ३६३ व ३६६ के तहत अपराध दर्ज था। पुलिस ने उसे बुधवार को गिर तार कर न्ययालय में पेश करने के बाद शाम करीब ५ बजे उसे जेल दाखिल कर दिया गया था। आरोपी को जेल प्रशासन को सुपूर्द करने के बाद चले गए। इस दौरान जेल प्रशासन द्वारा गेट पर ही उसकी सारी फारमेल्टिी पूरी की गई। बंदी को सर्दी-खांसी का लक्षण होने के कारण जेल प्रशासन ने उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भिजवाया गया था। यहां उसे आईसोलेशन वार्ड में रखा गया था और इसके निगरारी में दो प्रहरी की ड्यूटी लगाई गई थी। गुरुवार की सुबह ५.३० से ६ बजे के बीच वह शौच के लिए आईसोलेशन वार्ड में शौचालय में गया था। इस दौरान वह जेल प्रहरी को चकमा देकर वहां से भाग गया।

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डेढ़ माह पूर्व भी अस्पताल से फरार हो चुका है बंदी

इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल से अब तक कई बंदी को फरार हो चूके हैं। इससे पूर्व ५ जून को हत्या के मामले का आरोपी अस्पताल से इलाज के दौरान फरार हो चुका है। इसका आज तक कहीं पता नहीं चल पाया है। वहीं डेढ़ माह बाद एक और बंदी को फरार होने का सामने हा चुका है।दो प्रहरी निलंबीत
जेल प्रशासन ने बंदी की निगरानी के लिए जेल प्रहरी की ड्यूटी लगाई थी। ड्यूटी में लापरवाही पाए जाने पर जेल प्रशासन ने जेल प्रहरी प्रदीप नरेटी व नरेंद्र वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। जेल प्रशासन ने मणिपुरी चौकी पुलिस मौके बंदी की फरार होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने बंदी के खिलाफ धारा २२४ के तहत अपराध दर्ज कर बंदी की तलाश कर रही है।

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पुलिस के मुताबिक सेक्टर-7 निवासी एस सतीश की 13 वर्षीय बेटी जे एंजेला ने बुधवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के समय उसके माता-पिता व भाई-बहन रेलवे कॉलोनी दुर्ग गए हुए थे। रात में वे लोग वापस लौटे और दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब न मिलने पर मृतका के पिता ने घर के पिछले तरफ से झांककर देखा तो उसकी लाश फंदे पर लटकी हुई थी।इसके बाद दरवाजा तोड़कर उसकी लाश को नीचे उतारकर सेक्टर-9 अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका के परिजनों के हवाले से पुलिस ने बताया कि मृतका को अभिनेता सुशांत सिंह बहुत पसंद था। वो उसकी हर फिल्म और सीरियल को देखती थी। अभिनेता की मौत के बाद से वो गुमसुम रहती थी। हमेशा सुशांत सिंह राजपूत के बारे में ही चर्चा करती थी। पुलिस के मुताबिक मृतका तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी और कक्षा सातवीं की छात्रा थी। गुरुवार को उसके शव का पोस्टमार्टम कराया गया।

मृतका के पिता एस सतीश ने पुलिस को बताया कि बुधवार की शाम को टीवी पर सुशांत सिंह की फिल्म छिछोरे चल रही थी। मृतका उसी फिल्म को देख रही थी। मृतका के पिता ने भी कुछ देर तक साथ में बैठकर फिल्म देखी थी। इसके बाद वो परिवार समेत दुर्ग चला गया। पिता ने मृतका को साथ में चलने के लिए कहा था, लेकिन उसने मना कर दिया था। घटना शाम करीब छह बजे के आसपास की है। जब परिजन दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे तो टीवी पर छिछोरे फिल्म ही चल रही थी और टीवी के सामने ही छात्रा ने फांसी लगाई थी।

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