छत्तीसगढ़ के छात्रों को राजस्थान के कोटा से वापस लाने की कवायद शुरू हो चुकी है। उन्हें वापस लाने के लिए सरकार द्वारा बसें भेजी जा रही है। लॉकडाउन की वजह से कोटा में फंसे बच्चों को वापस लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट के जरिये ये जानकारी दी है। इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि लॉकडाउन के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ लाने के लिए बस भेजी जा रही है। विद्यार्थियों को जल्द छत्तीसगढ़ लाया जाएगा।
कोटा में रह रहे बच्चों को लाने का इंतज़ाम हम कर रहे हैं. लेकिन हम चाहते हैं कि प्रदेश से बाहर फंसे हर नागरिक को, चाहे वे पढ़ने गए बच्चे हों, पर्यटक हों या फिर श्रमिक सभी को वापस लाया जा सके।
केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार इन्हें वापस लाने का इंतज़ाम किया जाएगा।
बता दें कि पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 18 हजार विद्यार्थी अपने-अपने घर जा चुके हैं। उनमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के करीब 12 हजार 500, मध्य प्रदेश के 2800, गुजरात के 350 और दादरा-नागर हवेली के 50 बच्चे शामिल हैं। इससे पहले गुरुवार को कोटा में फंसे मध्यप्रदेश के कई छात्रों को बसों के जरिए वापस लाया गया था। छत्तीसगढ़ के छात्रों ने भी सीएम बघेल से सोशल मीडिया के जरिए अपनी परेशानी बताई थी।इस पर सीएम बघेल ने तत्काल छात्रों की वापसी के लिए अफसरों को निर्देश दिए। अब बसों को रवाना कर उन्हें वापस लाने की तैयारी हो रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए श्री सिंहदेव,स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को कोविड—19 के नियंत्रण की व्यवस्थाओं की दी जानकारी
छत्तीसगढ़ ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से 50 हजार एन-95 मास्क, 20 हजार वीटीएम (Viral Transport Media) किट और 250 वेंटीलेटर्स उपलब्ध कराने की मांग की है। सी.आर.पी.एफ. द्वारा बनाए जा रहे ट्रिपल लेयर मास्क की खरीदी हेतु प्रदेश के लिए कोटा निर्धारित करने का आग्रह भी किया है। स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन की वीडियो कॉन्फ्रेंस में कोविड-19 से निपटने के लिए प्रदेश की तात्कालिक जरूरतें साझा की। स्वास्थ्य मंत्रालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा कर देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्वनी कुमार चौबे और स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव सुश्री प्रीति सूदन भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में मौजूद थीं।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रदेश में की गई व्यवस्थाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर के अलग-अलग अस्पतालों में 5,666 बिस्तरों पर इलाज की व्यवस्था की जा रही है। आईसीयू और सेमी-आईसीयू के साथ ही अस्पतालों में 622 वेंटिलेटर्स की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त 300 चाइल्ड-वेंटिलेटर भी उपलब्ध है। प्रदेश के पास हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आठ लाख 20 हजार गोलियों का स्टॉक है। उन्होंने जानकारी दी कि जरूरत पड़ने पर अधिग्रहण के लिए निजी अस्पताल भी चिन्हांकित कर लिए गए हैं। आपात स्थिति में आइसोलेशन सुविधा के विस्तार के लिए कमरों के साथ अटैच्ड टॉयलेट वाले छात्रावासों के चिन्हांकन के भी निर्देश दिए गए हैं।
श्री सिंहदेव ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि पूल टेस्टिंग और आर.डी. किट सर्विलांस के माध्यम से अधिक से अधिक संदिग्धों की जांच की जा रही है। अब तक कुल दस हजार 346 संभावित व्यक्तियों के सैंपल एकत्र कर जांच की गई है। इनमें से 9,206 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है जबकि 1104 सैंपल की जांच जारी है। अब तक यहां कुल 36 पाजिटिव मामले आए हैं जिनमें से 30 मरीज इलाज के बाद पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। 6 लोगों का उपचार जारी है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर एक्टिव सर्विलांस किया जा रहा है। लॉक-डाउन सहित भारत सरकार के सभी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 की जांच के लिए प्रदेश की लैबोटरीज को अपडेट करने जरूरी मशीनों की आईसीएमआर द्वारा अनुमोदित कीमत उपलब्ध कराने का आग्रह किया। इससे राज्य सरकार तेजी से जरूरी मशीनों की खरीदी कर लैब का उन्नयन कर सकेगी। वीडियो कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह और आयुक्त श्री भुवनेश यादव भी शामिल हुए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोरोना वायरस के मद्देनज़र अंतरिम ज़मानत या पैरोल पर छोड़े गये बंदी और क़ैदी अब अगले एक महीने तक रिहाई का लाभ ले पायेंगे. इन बंदियों और क़ैदियों की ज़मानत 30 अप्रैल को समाप्त हो रही थी. यानी 30 अप्रैल तक इन्हें जेल लौटना था. लेकिन कोविड-19 से जुड़ी जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ज़मानत और पैरोल की मियाद 31 मई तक बढ़ा दी है. हाईकोर्ट में इस बात पर बहस हुई कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 3 मई कर दी गई है. ऐसे में 30 अप्रैल तक इन बंदियों और क़ैदियों की जेल वापसी से ज़मानत का उद्देश्य पूरा नहीं होता. राज्य सरकार की तरफ़ से यह भी तर्क दिया गया कि 30 अप्रैल तक जो क़ैदी और बंदी वापस जेल आयेंगे, उन्हें आइसोलेशन में रहना पड़ेगा क्योंकि ये सभी क़ैदी और बंदी ज़मानत अवधि के दौरान कई लोगों से मिले होंगे. ऐसे में इन्हें सीधे दूसरे बंदियों के साथ रखे जाने की स्थिति में जेल के दूसरे बंदियों में भी संक्रमण का ख़तरा हो सकता है.
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी की पीठ ने कहा कि क़ैदियों को अगर फिर से जेल भेजा जाता है तो कई जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं. इसके बाद अदालत ने हाईपावर कमेटी को क़ैदियों और बंदियों की ज़मानत की अवधि को 31 मई तक बढ़ाने का आदेश जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने एक याचिका की सुनवाई के बाद जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों को लेकर चिंता जताई थी और राज्य सरकारों को आदेश दिया था बाकी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये क़ैदियों और बंदियों को ज़मानत या पैरोल पर छोड़ा जाये. इस आदेश के बाद राज्य सरकार द्वारा गठित हाईपावर कमेटी ने 1,478 क़ैदियों और बंदियों को अंतरिम ज़मानत और पैरोल पर रिहा किया था.
कोरोना वायरस के संक्रमण COVID-19 की महामारी के दौरान छत्तीसगढ़ में दूसरी बार मेडिकल राहत सामग्री पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना के विमान की मदद ली गयी.
कोरोना वायरस के संक्रमण कोविड-19 की महामारी के दौरान छत्तीसगढ़ में दूसरी बार मेडिकल राहत सामग्री पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना के विमान की मदद ली गयी. वायुसेना का डॉर्नियर विमान गुरुवार को मेडिकल राहत सामग्री लेकर रायपुर पहुंचा. शाम 6:15 पर स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर पर मेडिकल सामग्री लेकर विमान उतरा. इस विमान में कुल 140 किलोग्राम मेडिकल राहत सामग्री लायी गयी, जिसमें टेस्टिंग किट और अन्य मेडिकल सामग्री है. मेडिकल राहत सामग्री पहुंचाने वाली सभी उड़ानों को लाइफ लाइन उड़ान नाम दिया गया है.
दिल्ली से आईसीएमआर द्वारा भारतीय वायुसेना के विमान से कोरोना से निपटने के लिए जरूरी दवाइयां और जांच किट भेजे गए. रायपुर एयरपोर्ट डायरेक्टर राकेश सहाय ने न्यूज़ 18 को बताया कि लायी गयी राहत सामग्री कुल140 किलो की थी, जिसमें 10 कार्टन थे और ज्यादातर में टेस्टिंग किट ही लायी गयी है. सामग्री को प्राप्त करने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मेडिकल कॉर्पोरेशन और एम्स की टीम पहले ही एयरपोर्ट में मौजूद थी.
बता दें कि बीते रविवार की शाम को भी वायुसेना सेना का विमान हरक्यूलिस राहत सामग्री लेकर रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंचा था, जिसमें आरएनए और अन्य सामान इसमें भेजे गये. इसमें सेंपल टेस्टिंग किट के 3 कार्टून 50 किलो के वजन के थे साथ ही अन्य सामान भेजे गए थे. कोरोना संक्रमण काल के दौरान यह 7वीं बार मेडिकल राहत सामग्री भेजी गई है, जिसे रायपुर एम्स में उपयोग में लाया जा रहा है. इससे पहले सभी राहत मेडिकल राहत सामग्री एयर कार्गो से भेजी गई थी, लेकिन पहली बार वायु सेना के हरक्यूलिस विमान का उपयोग किया गया और दूसरी बार डॉर्नियर 228 मेडिकल राहत सामग्री लेकर पहुंचा.
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालयों और एकलव्य विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम प्रतिशत अंक के प्रावधानों में इस वर्ष छूट
कोविड-19 संक्रमण के फलस्वरूप शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं कक्षा को छोड़कर शेष कक्षाओं के विद्यार्थियों को जरनल प्रमोशन दिए जाने के कारण विद्यार्थियों को सामान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालयों और एकलव्य विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम प्रतिशत अंक के प्रावधानों में इस वर्ष छूट देकर विद्यार्थियों को राहत प्रदान की है।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि प्रयास आवासीय विद्यालयों में कक्षा 9वीं में प्रवेश के लिए कक्षा 8वीं में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक और इसी प्रकार एकलव्य विद्यालयों में कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए कक्षा 5वीं में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक का प्रावधान था। इस वर्ष इन विद्यालयों में प्रवेश के प्रावधान को शिथिल किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रयास आवासीय विद्यालयों और एकलव्य विद्यालयों में परीक्षा फॉम भरने की अंतिम तिथि में 15 मई तक वृद्धि कर दी गई है। प्रयास आवासीय विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा की तिथि में वृद्धि कर 24 मई निर्धारित की गई है। इसी प्रकार एकलव्य विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा तिथि में वृद्धि कर 31 मई की तिथि निर्धारित की गई है। एकलव्य विद्यालयों की विभिन्न कक्षाओं में रिक्त सीटों को भरने की अनुमति भी प्रदान की गई है।
डॉ. टेकाम ने बताया कि विभाग द्वारा विपरीत परिस्थितियों में भी आगामी शिक्षण सत्र को ध्यान में रखते हुए एकलव्य विद्यालयों में कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए तथा प्रयास आवासीय विद्यालयों में कक्षा 9वीं में प्रवेश परीक्षा का आयोजन लॉकडाउन अवधि समाप्त होने के उपरांत फिजिकल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए मई माह के अंत तक करा लिए जाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि आगामी शिक्षण सत्र में समय पर इन विद्यालयों में चयनित विद्यालयों के प्रवेश की कार्रवाई और शिक्षण प्रारंभ किया जा सके।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने मोदी सरकार द्वारा देश के प्रमुख सरकारी बैंकों का परस्पर विलय कर चार बड़े बैंक बनाए जाने पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने मोदी सरकार द्वारा देश के प्रमुख सरकारी बैंकों का परस्पर विलय कर चार बड़े बैंक बनाए जाने पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह कथन सच्चाई से परे है कि यह कदम बैंकों का विश्वस्तरीय बनाने के लिए उठाया गया है, जबकि वास्तविकता यह है कि इस विलय के बावजूद कोई भी बैंक विश्व की 50 प्रमुख बैंकों की श्रेणी में स्थान प्राप्त नहीं कर पाई है। नोटबंदी और जीएसटी के समान ही यह फैसला बिना सोचे- समझे जल्दबाजी में लिया गया है। उन्होंने कहा कि बैंकों को अपनी पूंजी का निश्चित प्रतिशत ही लोन देने का अधिकार था, अब बड़ी बैंक बनने से उनको बड़े लोन देने का अधिकार होगा और उसका लाभ पूंजी पतियों एवं कारपोरेट घरानों को मिलेगा जिन्हें अधिक से अधिक लोन की जरूरत पड़ती है। वैसे भी लोन डिफॉल्ट की श्रेणी में हमारे देश में कारपोरेट डिफाल्टर की सर्वाधिक है। कमजोर एवं मध्यम वर्ग के लोगों को लोन देने में बड़े बैंकों की भूमिका पूर्व की भांति निराशाजनक रहने वाली है।
प्रवक्ता श्री वर्ल्यानी ने कहा कि बैंकों के विलय के पीछे सबसे बड़ा कारण एनपीए खातों की बड़ी राशि है। मोदी सरकार के कार्यकाल में एनपीए बढ़कर छह लाख करोड़ पहुंच गया था और संबंधित बैंकों की स्थिति कर्ज के बोझ तले बंद होने की कगार पर पहुंच जाती जिन्हें छुपाने हेतु बैंकों का विलय कर दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार का कथन है कि इस विलय से बैंकों के खर्चों में कटौती होगी। लेकिन एक सर्विस सेक्टर में खर्चों में कटौती का सीधा मतलब रोजगार का घटना होता है। सरकार बैंकों में कार्यरत कर्मचारियों की बढ़ी संख्या को वीआरएस लेने मजबूर करेगी और नई भर्तियों पर रोक लगा देगी। सरकार के इस कदम से देश के नौजवान, बैंकों में रोजगार पाने के अवसरों से वंचित हो जाएंगे। बैंक यूनियनों ने भी इसका विरोध करते हुए कहा है कि बैंकिंग सेक्टर्स की समस्याओं का समाधान बैंकों के विलय से नहीं होगा।
लॉकडाउन के दौरान सुकमा जिले में काम कर रहे बिहार के एक युवक की मौत हो गईव्,इस दौरान बस्तर पुलिस ने अपना फर्ज निभाते हुए जगदलपुर में युवक का अंतिम संस्कार कराया
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरा देश जुझ रहा है. एक तरफ जहां इस वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन में ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं. जिसमें मानव मूल्यों की झलक देखने को मिल रही है. ऐसा ही एक मामला जगदलपुर में आया है जहां सुकमा जिले में यूनिफेब इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में सुपरवाइजर का काम करने वाले रंधीर कुमार की किडनी फेल होने और पीलिया से मौत हो गई. लॉकडाउन की वजह से रंधीर के पार्थिव शरीर को प्रशासन उसके गृह ग्राम नहीं भेज पाई और ना ही उसके परिजन शव को लेने बस्तर आ सके.जिसके चलते बस्तर पुलिस ने मानवता का परिचय देते हुए परिजनों से संपर्क साधकर विधि विधान के साथ रंधीर कुमार का अंतिम संस्कार शहर के मुक्तिधाम में किया, और वीडियो कॉलिंग के जरिए परिवार वालों को पूरी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया दिखाई.
जगदलपुर के सीएसपी हेमसागर सिदार ने शव को मुखाग्नि दी. सीएसपी ने बताया कि 'शव के अंतिम संस्कार करने के बाद उसके अस्थियों को पुलिस सुरक्षित अपने पास रखेगी और लॉगडाउन हटने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा'. एसपी ने कहा कि 'कंपनी के ठेकेदार और पुलिस विभाग से हर संभव मदद मृतक के परिजनों को दिया जाएगा. मृतक के अंत्योष्टि के दौरान पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे. इसके अलावा जैन समाज के युवकों ने भी पुलिस के इस कार्य में पूरा सहयोग किया.
थाना क्षेत्र अंतर्गत आरोपी तापस पलित के बोलेरो वाहन क्रमांक सीजी 07 एएच 6555 में माओवादी नक्सलियों को देने के लिए ले जा रहे 45 जोड़ी कोस्टर कंपनी के जूता, 50 जोड़ी काला प्लास्टिक का जूता, 75 मीटर काले, हरे रंग की रेमंड कंपडा, 02 आई कॉम कंपनी का वॉकी टॉकी सेट, 50 मीटर का टेप, 200 मीटर इलेक्ट्रिक वायर सहित भारी मात्रा में सामग्री बरामद की गई थी तथा पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा पूर्व में और सामग्री तथा रुपये नक्सलियों को दिया जाना बताया गया उक्त प्रकरण पर आरोपी दयाशंकर मिश्र राजनांदगांव में गिरफ्तार किया गया था।
प्रकरण की गंभीरता एवं संवेदनशील को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज श्री पी0सुन्दरराज, उप पुलिस महानिरीक्षक काँकेर रेंज काँकेर श्री संजीव शुक्ला के मार्गदर्शन तथा पुलिस अधीक्षक कांकेर श्री एम0आर0 आहिर के दिशा निर्देश पर उपरोक्त प्रकरण की अग्रिम विवेचना, आरोपियों की गिरफ्तारी एवं पतासाजी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक काँकेर श्री कीर्तन राठौर के नेतृत्व में एमआईटी (विशेष अनुसंधान टीम ) का गठन किया गया था जिसमें उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय आकाश मरकाम, उप पुलिस अधीक्षक अजाक जगदीश उइके, निरीक्षक डी.एम.देहारी, निरीक्षक मोरध्वज देशमुख, उप निरीक्षक अमित पदमशाली एवं उप निरीक्षक सत्येंद्र सिंह एवं कांकेर पुलिस टीम शामिल है। उक्त टीम द्वारा प्रकरण में लगातार बारीकी से विवेचना करते हुए निरंतर एवं सार्थक प्रयास कर प्रकरण की अन्य आरोपी (1) अजय जैन पिता प्रकाशचंद जैन, उम्र 45 वर्ष मकान नं0 ई-5, वार्ड नं 39, रिद्धि-सिद्ध कॉलोनी फेस-2, कौरीनभाटा, राजनांदगांव, डोंगरगांव रोड (2) कोमल प्रसाद वर्मा पिता कीर्तन लाल वर्मा वार्ड नं0 01, स्कूल तेलीटोला टप्पा राजनांदगांव (3) रोहित नाग सखाराम जाति कलार निवासी ग्राम हेटारकसा, थाना कोयलीबेड़ा (4) सुशील शर्मा पिता सखाराम शर्मा उम्र 50 वर्ष, निवासी शिव शक्ति बिहारगढ़ रोड मेरठ एल.एल.आर.एम मेडिकल कॉलेज उत्तर.प्रदेश (5) सुरेश शरणागत पिता कागजचंद शरणागत उम्र 28 वर्ष ग्राम पाडेवारा, पोस्ट खमरिया थाना लालबर्रा जिला बालाघाट म.प्र. के आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
विवेचना के दौरान प्रकाश में आया है कि लेण्डमार्क इंजीनियर कंपनी बिलासपुर के निशांत जैन एवं लेण्डमार्क कंपनी राजनांदगांव के वरुण के नाम से कांकेर जिला में पीएमजेएसवाय के तहत अंतागढ़, आमाबेडा, सिकसोड़, कोयलीबेड़ा जैसे नक्सली प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य संबंधी फर्म को विभाग द्वारा दिए जाने पर फर्म द्वारा रुद्रांश अर्थ मुवर्स पार्टनर अजय जैन एवं कोमल वर्मा को अधिकार पत्र के माध्यम से कार्य करने के लिए दिया गया था जिनके द्वारा अन्दरूनी क्षेत्रों में कार्य करने के दौरान नक्सलियों से संपर्क एवं संबंध स्थापित करें उन्हें लगातार वर्दी कपड़ा,जूता, मेनपेट सेट,रुपये एवम अन्य सामग्री का सप्लाई किया जा रहा था इस गिरोह का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण सफलता विशेष अनुसंधान टीम एवं कांकेर पुलिस टीम के द्वारा अर्जित की गई है। वर्तमान में प्रकरण विवेचना में है, जिसमे आगामी दिनों में और कार्यवाही किया जाना है।
आतंक का पर्याय बन चुका तेंदुआ वन विभाग के कर्मियों और ग्रामीणों को चकमा देकर भागने में सफल हो गया। उल्लेखनीय है कि यह तेंदुआ अब तो कई मवेशियों को अपना शिकार बना चुका है।गुरुवार को नगरी ब्लाक के ग्राम उमरगांव में सुबह करीब 10 बजे किसान सुखदेव गंधर्व अपने मक्का के खेत में गया तो अचानक वहां उसे तेंदुआ दिखा उसकी चीख-पुकार के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण डंडा रोड यदि पकड़कर वहां आ गए। इसके बाद किसी तरह वहां से भागकर किसान देवलाल के घर घुस गया उस समय घर में उसकी मां और कुछ लोग थे। तेंदुआ ने किसी तरह बचकर वे बाहर आए और घर का दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद तत्काल ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों और सिहावा पुलिस को दी।
टीआई संतोष मिश्रा डेंजर, कश्यप प्रदीप नेताम, आदि दलबल के साथ वहां पहुंच गए। उन्होंने घर के चारों ओर घेरा बंदी कर दिया करीब 4 घंटे की मशक्कत के बाद दोपहर 1:30 बजे जैसे ही घर का दरवाजा खोलकर तेंदुआ को पूर्ण करने के लिए अंदर गए तो वह छलांग लगाकर वहां से भागने में सफल हो गया। ग्रामीणों और वन विभाग की टीम ने कुछ दूर तक उसका पीछा भी किया लेकिन नतीजा सिफर रहा।
गौरतलब है कि महीने भर से नगरी और आसपास इलाके में तेंदुआ का काफी आतंक है। कुछ दिन पहले ग्राम रतवा में 1 साल के बच्चे पर तेंदुए ने हमला कर दिया। इसके बाद नगरी, दिनकपुर , उमरगांव, रानीगांव, समीरा आदि गांवों में घुसकर उसने कई जानवरों को अपना शिकार बनाया।
>दंतेवाड़ा। >छत्तीसगढ़ में सड़क ही एक ऐसा माध्यम होता है जिससे विकास को हर एक व्यक्ति तक पहुंचाने की कोशिश की जाती है, लेकिन बस्तर की सड़कों पर नक्सलियों की नापाक नजर रहती है।नक्सली हमेशा से सड़क काटकर या ब्लास्ट कर विकास को आखरी व्यक्ति तक पहुंचने में रोक लगा देते हैं। ऐसे ही दंतेवाड़ा के एटेपाल, तेलम और टेटम के 21 किलोमीटर की एक सड़क है, जिसे नक्सलियों ने कई साल से अपने कब्जे में रखा है।
नक्सलियों ने इस सड़क को 50 से ज्यादा बार खोदकर या काटकर मार्ग को बाधित कर दिया है।इन दिनों कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में हाहाकार मचाया है, जिसको देखते हुए नक्सलियों के डर को मात देते हुए कोरोना के इस लड़ाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम नक्सलगढ़ पहुंची और जोखिम उठाकर चिरायु की टीम कई किमी चलकर गुरुवार को नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले गांव पहुंचे. जहां उन्होंने दूसरे राज्यों से आए लोगों को क्वॉरेंटाइन किया।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दूसरे राज्यों से आए लोगों के साथ ही ग्रामीणों की जांच की, जिसके बाद उन्हें एहतियात बरतने की सलाह भी दी. वहीं दूसरे राज्यों से गांव में आए लोगों को चिहांकित करने के लिए स्याही की सील लगाई गई है. साथ ही 28 दिनों तक गांव से अलग रहने को भी कहा गया है।
पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मेघा टेम्भुलकर के आदेशानुसार तथा एसडीओपी पुपलेश कुमार पात्रे के मार्गदर्शन में टीम प्रभारी श्रीमती कमला पुसाम ठाकुर के नेतृत्व में पिथौरा नगर में कई दिनों से कथित तौर पर कई जुआ प्रेमी खेलने की लगातार आ रही सूचना के ऊपर मुखबिर लगाया गया था। जो आज दिनांक को मुखबिर ने बताया कि पिथौरा क्षेत्र के आसपास के लोग एकत्र होकर भीड़ जमा कर जिला एवं प्रदेश में लागू 144 लॉकडाउन का उल्लंघन कर गोपालपुर पारा नंबर 10 के डोंगरीपारा में कुछ जुवाड़ी ताश के 52 पत्ते में रुपयों पैसों का दांव लगाकर हार जीत का खेल जुआ खेल रहे है, कि सूचना पर थाना प्रभारी के साथ उपनिरीक्षक पालेश्वर, जोशी, प्रधान आरक्षक कुबेर जायसवाल, मुकेश पटनायक, आरक्षक गुलेन्द्र ठाकुर, चेतन ठाकुर, तिलक ठाकुर, दाऊलाल चक्रधारी, सौरभ बाँसवॉर, दुधेश साहू के द्वारा उक्त जुवड़ियानो को घेराबंदी कर पकड़ा गया. पकड़े गये जुवाडीयो के कब्जे से 31,180 रुपये नगद एवं 08 मोटर सायकल, जुमला कीमत को गवाहों के समक्ष कब्जा पुलिस लिया जाकर 13 जुवा एक्ट की कार्यवाही की गई तथा लॉक डाउन के उल्लंघन करना पाए जाने पर 188, 269, 270, 34 के तहत कार्यवाही की जा रही है
इनमे से साथ जुआड़ी मौके पर पकडे गए जिनके नाम,राजेंद्र कुमार पंडा इंद्रा कालोनी,सरबजीत सिंह, बागड़पारा पिथौरा, बजरंग अग्रवाल रावणभाठा पिथौरा, कैलाश साहू नयापारा पिथौरा,ओमप्रकाश साहू पिथौरा अमलीडीह, दुर्गेश देवदास इमलीडीह पिथौरा, कुलजीत सिंह पिथौरा मौके पर पकड़े गए. वहीं पुलिस के छपे से मौके पर फरार हुए जुआड़ी हैं चैतकुमार पर्वत राज लक्ष्मीपुर ,लोकनाथ डड़सेना नयापारा,कमलेश रावण बस्ति पारा पिथौरा फोटो कॉपी सेंटर न्यायालय के सामने वाला,धनपति दास (महाराज) लक्ष्मीपुर.है
पाटन क्षेत्र के अमेरी गांव से दर्दनाक घटना सामने आई है। खबर है कि अमेरी गांव के सरपंच आशीष चंद्राकर ने खुदकुशी कर ली है। इस घटना के बाद से पूरे गांव में अफरातफरी मच गई है। बताया जा रहा है कि खुदकुशी करने से पहले सरपंच आशीष ने अपने दोस्तों को वाट्सअप पर मैसेज किया है, साथ ही घटना स्थल से सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है। सुसाइड नोट में आशीष ने पूर्व सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। फिलहाल सूचना मिलने से मौके पर पहुंची पुलिस मर्ग कायम कर आगे की कार्रवाई कर रही है।मिली जानकारी के अनुसार अमोरी गांव के सरपंच आशीष चंद्राकर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। घटना स्थल पर मिले सुसाइड नोट पर आशीष ने पूर्व सरपंच,सचिव और रोजगार सहायक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, साथ ही सीएम भूपेश बघेल से पूर्व सरपंच के भ्रष्टाचार की जांच करवाने की मांग की है।
वहीं, दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरपंच की खुदकुशी पर शोक व्यक्त करते हुए न्यायीक जांच की मांग की है। कौशिक ने कहा है कि पंचायती राज दिवस के दिन सरपंच की खुदकुशी की घटना बेहद दुखद है। इस घटना की न्यायीक जांच होनी चाहिए। वहीं, भाजपा ने तीन सदस्यी जांच दल का भी गठन किया है।