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detail news only from Chhattishgarh ,dated: २४ जून २०२०

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आज प्रदेश में कुल १२ पॉजिटिव मरीजो की पहचान की गई है जिसमे जिला जांजगीर-चांपा से ५ ,रायगढ़ और रायपुर से 3 3 ,कोरबा से 1




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राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा है कि जिस प्रकार वीरांगना रानी दुर्गावती ने अपने शत्रुओं का साहस से सामना किया, उसी प्रकार हमें कोविड-19 जैसी आपदा से निजात पाने के लिए मन में धैर्य और कार्य में द्रुत गति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वह दिन अब दूर नहीं जब हम इस महामारी से सफलतापूर्वक निजात पा सकेंगे। सुश्री उइके आज छिन्दवाड़ा में वेबिनार के माध्यम से रानी दुर्गावती की 457 वीं बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय जनजातीय युवा सम्मलेन को संबोधित कर रही थीं। इस सम्मलेन का विषय ‘‘जनजाति प्रवासी मजदूरों पर कोविड 19 का प्रभाव ‘‘आजीविका के विभिन्न माध्यम तथा सामाजिक-राजनैतिक संगठनों की भूमिका’’ रखा गया है, जो प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि मध्य प्रदेश के पूर्वांचल तथा पावन नर्मदा नदी के उत्तरी ओर स्थित जबलपुर एक ऐतिहासिक शहर माना जाता है। कलचुरी के उपरांत 14 वीं शती के उत्तरार्द्ध में त्रिपुरी पर गढ़ा मण्डला में गोंड़ राजवंश का अभ्युदय यादोराय द्वारा हुआ। इसी राजवंश की एक योद्धा थीं वीरांगना रानी दुर्गावती जो अकबर से युद्ध करते हुए 24 जून 1564 को वीरगति को प्राप्त हुईं। वह अपनी आखिरी सांस तक मुगलों से लड़ती रहीं। 24 जून को रानी दुर्गावती बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। मैं उन्हें नमन करती हूं। रानी दुर्गावती एक साहसी वीरांगना थीं, जिन्होंने जनजाति समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जनजाति समाज इनके इस पराक्रम तथा शौर्य से प्रभावित है।

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राज्यपाल ने कहा कि कोविड 19 जैसे इस महासंकट में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत एक विशेष पैकेज की घोषणा की है, जिसके तहत जरूरतमंद श्रमिकों, हितग्राहियों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह सहायता अलग-अलग किस्तों में दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य है कि श्रमिकों को उनके गांव-घर के समीप कार्य दिया जाए, इसके लिए स्किल मैपिंग की जाएगी। उन्होंने आग्रह किया कि आप सभी इस योजना का लाभ उठाएं। प्रवासी श्रमिकों के रूप में जो आदिवासी आए हैं उन्हें पशु पालन, मुर्गी पालन, उद्यानिकी तथा वन संसाधन से जुड़े अन्य छोटे-छोटे उद्योगों से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वयंसहायता समूह का गठन कर विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं और अपने पैरों पर खड़ा होकर आत्मनिर्भर बनें।

राज्यपाल ने कहा कि सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग जनजातीय क्षेत्रों के विकास में एक अहम् भूमिका निभाते हैं। जिनके द्वारा रोजगार के अनेक अवसर प्राप्त किये जा सकते हैं। जनजातीय क्षेत्रों में वन उत्पादों के द्वारा उनकी अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है। जनजातीय उत्पादों के विकास तथा विपणन के लिए संस्थागत समर्थन की आवश्यकता है। इस महामारी से लड़ने तथा इन गरीब जनजाति श्रमिकों के उत्थान के लिए विभिन्न संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर नगर निगम द्वारा निर्मित छत्तीसगढ़ के वृहद ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र का अपने रायपुर निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ई-लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर ग्राम सकरी में लगभग 127 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित संयंत्र जनता को समर्पित किया। छत्तीसगढ़ के इस सबसे बड़े ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र में रोज 500 टन कचरे का वैज्ञानिक पद्धति से निपटान किया जाएगा। इस पूरी परियोजना की लागत 197 करोड़ रूपए है। यह संयंत्र पीपी माडल पर कार्य करेगा। इस संयंत्र में कचरे से खाद बनेगी तथा सीमेंट कारखानों के लिए सहायर्क इंधन भी मिलेगा। इस संयंत्र में 6 मेगावाट बिजली उत्पादन भी प्रस्तावित है। 15 साल की इस परियोजना पर नगर निगम रायपुर और नई दिल्ली की एम एस डब्ल्यू साल्यूशन लिमिटेड मिलकर काम कर रहे हैं। परियोजना में हर घर और दुकान से डोर-टू-डोर कचरे का संग्रहण, परिवहन, प्रोसेसिंग और डिस्पोजल की व्यवस्था की गई है।.

शुभारंभ कार्यक्रम को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रानी दुर्गावती को उनके बलिदान दिवस पर नमन करते हुए कहा कि रायपुर नगर निगम क्षेत्र में आज छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र जनता को समर्पित किया जा रहा है। इस संयंत्र में 500 टन कचरे का प्रतिदिन निपटान होगा। इस संयंत्र के लोकर्पण के बाद छत्तीसगढ़ भारत का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा, जहां किसी शहर में उत्सर्जित कचरे का शत प्रतिशत निपटान वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रायपुर और बिलासपुर शहरों में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली से एवं शेष नगरीय निकायों में मिशन क्लीन सिटी तथा स्वच्छता दीदीयों के माध्यम से प्रतिदिन 1600 टन कचरे का निपटान किया जाता है। राज्य सरकार स्वच्छ छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को पूर्ण करते हुए सभी शहरों में कचरे के वैज्ञानिक निपटान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान गांव के साथ शहरों में नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों ने अपने कर्तव्य का बखूबी निर्वहन किया, लेकिन खतरा अभी टला नही है सावधानी अभी जरूरी है। बारिश के मौसम के साथ नाले एवं नालियों की साफ-सफाई आदि कार्य आवश्यक है। इस कार्य के लिए राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में प्राथमिकता से कार्य कर रही है। राज्य सरकार पौनी पसारी योजना, शहरी गरीबों को पट्टा देने, पुराने पट्टों का नियमितिकरण और मालिकाना हक देने का कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ के नगरीय क्षेत्र में साफ-सफाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम आप सब ने उठाया है। जितने भी कर्मचारी इस कार्य में लगे हैं उनको बधाई और शुभकामनाएं।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी. सहित वरिष्ठ अधिकारी और सकरी स्थित संयंत्र स्थल पर लोक सभा सांसद श्री सुनील सोनी, विधायक सर्वश्री सत्यनारायण शर्मा, विकास उपाध्याय, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, एमआईसी सदस्य खाद्य श्री नागभूषण राव सहित नगर निगम के अनेक पार्षद, नगर निगम रायपुर के आयुक्त श्री सौरभ कुमार सहित अनेक अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

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बहुउद्देषीय बोधघाट परियोजना इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है, जो कि गोदावरी नदी की मुख्य सहायक नदी है। छत्तीसगढ़ राज्य में इंद्रावती नदी कुल 264 किलोमीटर में प्रवाहित होती है। बोधघाट परियोजना दन्तेवाड़ा जिले के विकासखण्ड एवं तहसील गीदम के ग्राम बारसूर से लगभग 8 किलोमीटर तथा जगदलपुर शहर से लगभग 100 किलोमीटर दूरी पर प्रस्तावित है। इस परियोजना हेतु वर्ष 1979 में पर्यावरण स्वीकृति मिली थी। वन संरक्षण अधिनियम 1980 लागू होने के उपरांत वर्ष 1985 में पुनः पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त हुई। विभाग द्वारा प्रभावित वनभूमि के बदले 8419 हेक्टेयर भूमि में क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण किया गया था, जिसके आधार पर वन सरंक्षण अधिनियम 1980 लागू होने के उपरांत पुनः वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 5704.332 हेक्टेयर भूमि हेतु 05 फरवरी 2004 को सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई। योजना का सर्वेक्षण, अनुसंधान एवं विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर भारत शासन के विभिन्न मंत्रालयों से स्वीकृति प्राप्त किए जाने का कार्य भारत शासन के मिनिरत्न उपक्रम मेसर्स वाप्कोस लिमिटेड को सौपा गया है। पोलावरम् परियोजना एवं बोधघाट परियोजना एक साथ प्रारंभ हुए थे परन्तु पोलावरम् परियोजना का निर्माण कार्य 70 प्रतिशत से अधिक संपन्न हो गया है एवं बोधघाट परियोजना के कार्य नहीं हो सका।
बोधघाट और पोलावरम् परियोजना में तुलनात्मक रूप से देखे तो
कुल जल ग्रहण क्षेत्र बोधघाट (प्रस्तावित) में 15280.90 वर्ग किमी., पोलावरम् में 306643 वर्ग किमी.।
जलाषय का विवरण में बांध का उच्च स्तर बोधघाट का 471 मी. पोलावरम् 53.32मी.।
उपयोगी जल भण्डारण में बोधघाट 3715.40 मि.घ.मी. पोलावरम् में 2130 मि.घ.मी.।
पूर्ण जल स्तर डूबान क्षेत्र के अन्तर्गत बोधघाट 13783.147 हेक्टेयर पोलावरम् में 47367.18 हेक्टेयर।
सिंचाई क्षमता में बोधघाट से 366580 हेक्टेयर पोलावरम् 436804 हेक्टेयर।
विद्युत उत्पादन में बोधघाट में 300 मेगावाट पोलावरम् में 1040 मेगावाट।
डूबान प्रभावित ग्राम में बोधघाट (प्रस्तावित) परियोजना से 42 और पोलावरम् परियोजना से 288 जिसमें छत्तीसगढ़ के 09 गांव प्रभावित है। विस्थापित होने वाले परिवारों की जनसंख्या 12,888 जबकि पोलावरम् परियोजना से 1 लाख 95,357 प्रभावित हुए हैं।

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इन्द्रावती नदी कैचमेंट से छत्तीसगढ़ द्वारा पूर्ण योजनाओं में 11.091 टी.एम.सी. तथा निर्माणाधीन योजनाओं अन्तर्गत 1.932 टी.एम.सी. कुल 13.023 टी.एम.सी. जल उपयोग किया जा रहा है। बोधघाट परियोजना अन्तर्गत प्रस्तावित जल उपयोग की मात्रा 155.911 टी.एम.सी. है। गोदावरी जल विवाद अभिकरण द्वारा आबंटित 300 टी.एम.सी. (8496 मि.घ.मी.) जल के विरूद्ध छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा बोधघाट परियोजना सहित केवल 168.934 टी.एम.सी. (4784 मि.घ.मी.) जल का उपयोग प्रस्तावित है, अतः योजना निर्माण में कोई अंतर्राज्यीय मुद्दा नहीं है।

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कोरोना ने अब जिले के नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को भी घेरे में ले लिया है. BSF के 14 जवानों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इससे नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों में हड़कंप मच गया है.मंगलवार शाम को कांकेर में पहले 3 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई. जिसमें एक बीएसएफ का जवान भी था. बताया जा रहा है, जवान छुट्टी से वापस लौटा है. इसके बाद रात 11 बजे के आसपास बीएसएफ (BSF) के 11 और जवानों के कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई. जिसमें से 8 जवान कोयलीबेड़ा ब्लॉक के बांदे कैंप में पदस्थ है, वहीं 3 जवान अंतागढ़ के कैंप में पदस्थ है. ये सभी 11 जवान हाल ही में छुट्टी से लौटे हैं. इसके अलावा आज सुबह 2 और जवानों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई. जवानों के किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आकर कोरोना की चपेट में आने की जानकरी अभी नहीं मिल सकी है. पॉजिटिव पाए गए जवानों को आज सुबह अस्पताल भेजा गया है. साथ ही अब बीएसएफ (BSF) के जिन कैंप में ये जवान पदस्थ थे, वहां के जवानों की जांच की जा रही है.

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नक्सल मोर्चे पर तैनात बीएसएफ (BSF) जवानों के लिए अब नक्सलियों के साथ-साथ कोरोना से निपटना एक बड़ी चुनौती बन सकती है. एक ही दिन में 14 जवानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों में हड़कंप मच गया है. बता दें, इसके पहले नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा में भी नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.

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कोरोना संक्रमित पाए गए होटल संचालक की ट्रैवल हिस्ट्री ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है. इतवारी बाजार स्थित होटल संचालक का कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया था. सैंपल लेने के बाद संचालक अपनी दुकान चला रहा था. दुकानदार के पॉजीटिव होने की पुष्टि होने के बाद भी दो घंटे तक होटल खुला था. जानकारी के मुताबिक यह होटल शहर में चर्चित है. लोग यहां सुबह से लेकर शाम तक नाश्ता करने पहुंचते हैं.

सोमवार को भी दिनभर होटल चालू था और लोग बाकी दिनों की तरह नाश्ता करने पहुंच रहे थे. यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रशासनिक अफसरों में भी हड़कंप मचा हुआ है. संक्रमित होटल संचालक को पूरे एहतियात के साथ कोविड-19 अस्पताल राजनांदगांव ले जाया गया है. इसके साथ ही उसकी ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है

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हॉटल संचालक का सैंपल लेकर शनिवार को एम्स रायपुर भेजा गया था. जिसकी जांच रिर्पोट पॉजीटिव आई है. संक्रमित पाए गए हॉटल संचालक की दुकान पर दिनभर में सैकड़ों लोग चाय-नाश्ते के लिए आते हैं. ऐसे में अब संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका है. पूरा एरिया सील करने के बाद हॉटल संचालक की ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है.

कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद स्वास्थ्य अमला हॉटल संचालक के घर पहुंचा. इसके बाद उसके परिजन, होटल में काम करने वाले कर्मचारी और प्रारंभिक संपर्क में आए लोगों की सूची बनाई गई है. वहीं सूची खंगालकर उनका सैंपल लिया जा रहा है. खैरागढ़ में इस इलाके के दुकानों को बंद करा दिया गया है. संक्रमित होटल संचालक के परिजन का सैंपल लेकर होम आइसोलेट कर दिया गया है. इसके अलावा एहतियात के रूप में उनके घर के आसपास बैरिकेड्स लगाकर सील कर दिया है, ताकि कोई आना-जाना न कर सकें.

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जिले में सरपंच के 04 व पंच के 12 रिक्त पदों के उप चुनाव हेतु राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली तैयार/पुनरीक्षित किये जाने हेतु कार्यक्रम जारी किया गया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिव अंनत तायल ने निर्वाचक नामावली तैयार किये जाने हेतु संबंधित विकासखण्ड के अनुविभागीय अधिकारी (रा.) को रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा तहसीलदार को सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी निुयक्त किया है।
,br> त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2019-20 के दौरान नाम निर्देशन पत्र प्राप्त नही होने एवं अन्य कारणों से जिले में 04 सरपंच एवं 12 पंच पद रिक्त है, जिसमंें बेमेतरा ब्लाक से कोदवा, भनसुली, तथा बेरला ब्लाक से गोड़गिरी, कुसमी में सरपंच का पद रिक्त है। इसी प्रकार बेमेतरा ब्लाक के ग्राम पंचायत मरतरा के वार्ड 04, बहेरा के वार्ड 12, लालेसरा के वार्ड 19, मउ के वार्ड 6 तथा 18, गांगपुर के वार्ड 9, भंवरदा केे वार्ड 12 में, बेरला ब्लाक से ग्राम पंचायत कंडरका में वार्ड 13 व 15 तथा नवागढ़ ब्लाक से ग्राम पंचायत घठोली के वार्ड 02, भोपसरा के वार्ड 10 तथा अमलडीहा के वार्ड 04 में पंच का पद रिक्त है। राज्य निर्वाचन आयोग रायपुर द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार प्रथम चरण में 01 जनवरी 2020 की स्थिति में विधानसभावार अद्यतन निर्वाचक नामावली के आधार पर आधार पत्रक तैयार किया जायेगा। प्रारंभिक निर्वाचक नामावली के आधार पत्रक अनुसार पीडीएफ आॅनलाइन साफ्टवेयर के माध्यम से तैयार कर मुद्रण एवं जांच के लिए दिनांक 06 जुलाई 2020 निर्धारित है । जनपद पंचायतवार मुद्रित निर्वाचक नामावली प्राप्त करना और उन्हे रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को उपलब्ध कराना एवं निर्वाचक नामावली प्रकाशन के संबंध में सूचना भेजना दिनांक 11 जुलाई 2020 निर्धारित है।

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राज्य निर्वाचन आयोग रायपुर द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार द्वितीय चरण में निर्वाचक नामावली के संबंध में सार्वजनिक सूचना का प्रकाशन और दावे तथा आपत्तियां प्राप्त करने के कार्य की शुरूवात दिनांक 13 जुलाई 2020, प्राप्त दावों एवं आपत्तियों का निपटारे की अंतिम तिथि 21 जुलाई 2020 दोपहर 3.00 बजे तक, दावे/आपत्तियों के निराकरण आदेश के विरूद्ध अपील करने एवं अपील अधिकारी द्वारा निराकरण की अंितम तिथि 04 अगस्त 2020, ग्राम पंचायतवार अनुपूरक सूचियों एवं पी.डी.एफ. तैयार करना दिनांक 08 अगस्त 2020, अनुपूरक सूचियों एवं पी.डी.एफ. मुद्रण हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंपना दिनांक 11 अगस्त 2020, अनुपूरक सूचियां मूल प्रारंभिक सूचियों के साथ जोड़ा जाना हेतु दिनांक 13 अगस्त 2020 तथा निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा किया जाने हेतु दिनांक 14 अगस्त .2020 निर्धारित है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी शिव अनंत तायल ने संबंधित ब्लाक के अनुविभागीय अधिकारी (रा.) को रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा तहसीलदार को सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी निुयक्त करते हुये आयोग के निर्देश एवं निर्धारित कार्यक्रम अनुसार संबंधति ग्राम पंचायतों की निर्वाचक नामावली तैयार करने के निर्देश दिये है।

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