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detail news only from Chhattishgarh ,dated: २४ अक्टूबर २०२०

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छत्तीसगढ़ राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करने और परिपक्व अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए नवीन औद्योगिक नीति में 2019-24 में कुल 21 बिन्दुओं पर संशोधन अधिसूचित किए गए हैं। इसमें प्रमुख रूप से लघु उद्योगों को कैपिटल सबसिडी में नगद या जी.एस.टी की पूर्ति का विकल्प होगा। अभी तक यह नगद अनुदान की सूक्ष्म उद्योगों के लिए पात्रता थी। शासन ने विभिन्न औद्योगिक संगठनों की मांगों को स्वीकार करते हुए लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों को नगद या जी.एस.टी में अनुदान देने का निर्णय लिया है। अनूसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी के उद्यमियों के लिए विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गयी है। इसके तहत पिछली औद्योगिक नीतियों से अधिक लाभ दिया जाएगा। पुराने उद्योगों के विस्तार पर भी नए उद्योगों की तरह सरकार प्रोत्साहन देगी। उद्योगों को अब राज्य से अन्य देशों से निर्यात करने के लिए परिवहन में पैसा लगता था। उसमें सरकार परिवहन लागत में अनुदान देगी। इसके तहत प्रतिवर्ष 20 लाख रूपए का अनुदान सरकार देगी।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा नई औद्योगिक नीति में एमएसएमई को पृथक रूप से परिभाषित किया गया है तथा वृहद सेवा उद्यम की परिभाषा भी जारी की गई। निवेशकों की मांग अनुसार स्थायी पूंजी निवेश अनुदान को सूक्ष्म उद्योगों तक सीमित न कर लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिए भी प्रावधानित किया गया। विद्यमान उद्योगों के विस्तार करने पर स्थायी पूंजी निवेश की गणना अवधि को भी बढ़ा दिया गया है। राज्य के उद्योगों की रीढ़ इस्पात क्षेत्र को बढ़ावा देने मेगा, अल्ट्रामेगा उद्योगों के लिए ठम ैचवाम च्वसपबल के तहत विशेष प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई है। ये वो इकाईयां होगी जो राज्य शासन के साथ एम.ओ.यू. निष्पादित करेंगे।

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उद्योगों में नवीन विचारधारा को समहित करने तथा नव रोजगार सृजित करने छत्तीसगढ़ राज्य स्टार्ट-अप पैकेज को नीति में स्थान दिया गया है। इन स्टार्ट-अप्स को अन्य उद्योगों से अधिक सुविधाएं कम औपचारिकता के साथ प्रदान की जाएगी। समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के उद्यमियों के लिए विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज जारी किया गया है। इसके तहत अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के उद्यमियों को पूर्व की सुविधाओं से अधिक लाभ प्राप्त होगा।

कोर सेक्टर के माध्यम, वृहद, मेगा, अल्ट्रामेगा उद्योगों को अब किसी भी श्रेणी के स्थान में उद्योग स्थापित करने पर विद्युत शुल्क में पूर्ण छूट प्रदान की जाएगी। अब परिवहन अनुदान हेतु इकाई का शत्-प्रतिशत निर्यातक होना आवश्यक नहीं रह गया है। सामान्य वर्ग के उद्यमियों द्वारा स्थापित किए जाने वाले पात्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को उद्योग विभाग/सीएसआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्रों में भू-आबंटन पर भू-प्रीमियन प्रदान किया जाएगा। उद्यमियों द्वारा बहुप्रतीक्षित भूमि हस्तांतरण शुल्क में कमी कर दी गयी है। साथ ही उत्पादन प्रारंभ करने की अधिकतम सीमा में भी वृद्धि की गई है।

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छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्णय लिया गया है कि होम असाइनमेंट के प्राप्तांकों के आधार पर मंडल की मुख्य परीक्षा 2020-21 में प्रत्येक विषय में 30 प्रतिशत अंक आंतरिक मूल्यांकन के रूप में मान्य किए जाएंगे।

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा होम असाइनमेंट के संबंध में यह भी निर्णय लिया गया है कि मंडल की मुख्य परीक्षा 2020-21 में केवल उन्हीं विद्यार्थियों को सम्मिलित किया जाएगा, जिन्होंने कम से कम 70 प्रतिशत होम असाइनमेंट किए होंगे। होम असाइनमेंट माह-सितम्बर 2020 से माह फरवरी 2021 तक विद्यार्थियों को दिए जाएंगे। इस प्रकार प्रत्येक विषय में छह असाइनमेंट होंगे, जिसमें 70 प्रतिशत के मान से प्रत्येक विषय में 4 असाइनमेंट विद्यार्थियों के द्वारा पूरा किया जाना आवश्यक होगा, अन्यथा उन्हें मुख्य परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित कर दिया जाएगा।

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छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव प्रो. व्ही.के. गोयल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में कोविड-19 संक्रमण के कारण अभी तक स्कूल नहीं खुल पाए हैं। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इस कारण मुख्य विषयों के पाठ्यक्रम में 30 से 40 प्रतिशत की कमी की है। पाठ्यक्रमों को माह सितम्बर 2020 से माह फरवरी 2021 तक छह महीनों में विभाजित किया है। प्रत्येक माह विद्यार्थियों के लिए होम असाइनमेंट जारी किया जा रहा है।

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छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमितों की रिकवरी दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। विभिन्न कोविड अस्पतालों, आइसोलेशन सेंटरों और होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे मरीज तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। प्रदेश में पिछले एक सप्ताह (16 अक्टूबर से 22 अक्टूबर) में 16 हजार 649 लोगों ने कोरोना को मात दी है। प्रदेश में अब तक कुल एक लाख 43 हजार 212 मरीज ठीक हो चुके हैं। कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए रोजाना औसतन 22 हजार के करीब सैंपलों की जांच की जा रही है। कोविड-19 की पुष्टि के लिए प्रदेश में अब तक कुल साढ़े 16 लाख से अधिक सैंपलों की जांच की गई है। पिछले एक सप्ताह में ही एक लाख 51 हजार 392 व्यक्तियों की जांच की गई है।

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प्रदेश में कोरोना पर विजय प्राप्त करने वाले कुल एक लाख 43 हजार 212 मरीजों में से 71 हजार 021 विभिन्न कोविड अस्पतालों व कोविड केयर सेंटरों से तथा 72 हजार 191 मरीज होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज हुए हैं। बीते एक हफ्ते में स्वस्थ हुए 16 हजार 649 में से 2928 ने कोविड अस्पतालों व आइसोलेशन सेंटरों में एवं 13 हजार 721 मरीजों ने होम आइसोलेशन में अपना इलाज कराया है। तेजी से स्वस्थ हो रहे मरीजों के कारण प्रदेश की रिकवरी दर भी लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में यहां रिकवरी दर 84.18 प्रतिशत हो गई है, जबकि मृत्यु दर 0.99 प्रतिशत है। रिकवरी एवं मृत्यु दर का राष्ट्रीय औसत क्रमशः 89.53 प्रतिशत और 1.51 प्रतिशत है। प्रदेश में पिछले एक सप्ताह के दौरान 16 अक्टूबर को 2539, 17 अक्टूबर को 2732, 18 अक्टूबर को 2077, 19 अक्टूबर को 2439, 20 अक्टूबर को 2288, 21 अक्टूबर को 1852 और 22 अक्टूबर को 2722 मरीज कोरोना से ठीक हुए हैं।

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शहर में बड़े व्यवसायिक काम्पलेक्स, परिसर, दुकानों आदि का नया असिसमेंट के लिए निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन द्वारा गठित दल के सहा0 राजस्व अधिकारी प्रकाशधर दीवान, बाजार प्रभारी थान सिंग यादव, सहा0 राजस्व निरीक्षक शशी यादव तथा स्पैरो के अविनाश कुमार ने आज पुलगांव वार्ड में स्थित वृंदावन रेस्टारेंट एवं स्टेशन रोड में गुरुद्वारा के आगे स्वरुप टाकीज की संपत्ति का नापजोक कर अतिरिक्त निर्माण का असिसमेंट किया गया। जिसमें 1.50 लाख से 2.50 लाख की वृद्धि हुई है। संपत्तियों के मालिकों को नया असिसमेंट के अनुसार गणना की गई राशि निगम में जमा करना होगा। निगम सीमा क्षेत्र के एैसे सभी बड़े व्यवसायिक काम्पलेक्स, परिसरों, दुकानों आदि का असिसमेंट निगम द्वारा निरंतर जारी रहेगा।

इस संबंध में आयुक्त ने बताया कि निगम के टैक्स वसूली एजेंसी द्वारा जानकारी दी गई है कि वार्ड 1 से 60 वार्डो का निरीक्षण कर निर्मित भवनों, काम्पलेक्स, व्यवसायिक परिसरों व अन्य निर्माण का असिसमेंट किया जाना है। बहुत से करदाताओं द्वारा स्वनिर्धारण कर असिसमेंट नहीं कराया जा रहा है। उन्होनें बताया बहुत से लोगों के द्वारा सही जानकारी स्व विवरणी में नहीं भरा गया है जिसकी जांच की जा रही है एैसे करदाताओं के भवनों, व्यवसायिक परिसरों में किये गये अतिरिक्त निर्माण का निरीक्षण किया जा है। आयुक्त श्री बर्मन ने शहर के समस्त करदाताओं से अपील कर कहा है कि वे अपने संपत्ति का स्व-विवरणी जल्द से जल्द भर कर कड़ी कार्यवाही से बचें ।

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उल्लेखनीय है कि आज वृंदावन रेस्टारेंट के मालिक कमलेश कौर/बलवंत सिंग अरोरा के संपत्तियों का असिसमेंट किया गया जिसमें वे पूर्व में 1,39,302 रु0 संपत्तिकर जमा कर रहे थे असिसमेंट के बाद उनका डिमांग अब 4,23,369 रु0 हो गया है । इसी प्रकार स्वरुप टाकीज के मालिक नेमीचंद नाहर द्वारा पूर्व में 1,06596 रु0 जमा किया जा रहा था असिसमेंट के बाद अब 2,86147 रु0 हो गया है जिन्हे जल्द से जल्द जमा करने मालिकों से कहा गया है। अतः समस्त बड़े करदताओं से अनुरोध है कि वे अपने संपत्ति का स्व-विवरणी भरवाकर निगम का टैक्स समय पर जमा करें।

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छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. श्रीमती किरणमयी नायक ने जिला पंचायत के सभाकक्ष में जिले से प्राप्त महिलाओं के उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई की। इस अवसर पर नगर निगम राजनांदगांव महापौर श्रीमती हेमा देशमुख, शासकीय अधिवक्ता कुमारी शमीम रहमान एवं कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश एवं शहर के स्थानीय अधिवक्तागण उपस्थित थे।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. श्रीमती नायक ने 15 प्रकरणों के दोनों पक्ष आवेदक एवं अनावेदक को बारी-बारी से अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका दिया। उनकी शिकायतों को सुनकर 15 प्रकरणों की सुनवाई की गई जिसमें एक वृद्ध महिला को उनके घर का आधिपत्य नहीं मिल पा रहा था। किसी अन्य महिला द्वारा उनके मकान पर कब्जा कर निवास किया जा रहा था। जिसकी मृत्यु होने के बाद वृद्ध महिला जब अपने घर में निवास करने गई तो उन्हें आधिपत्य नहीं मिल सका। इसकी जानकारी मिलने पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने तुरंत पुलिस विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए घर का आधिपत्य देने के लिए कहा, सुनवाई के अन्य मामले में आवेदिकागण जो कि शासकीय कर्मचारी है के द्वारा अवकाश स्वीकृत ना होने की शिकायत आयोग के समक्ष की गई थी आयोग के समक्ष हाजिर होने पर यह ज्ञात हुआ कि आयोग की नोटिस अन आवेदक को मिलते ही अन आवेदक द्वारा 20 अक्टूबर 2020 को सुनवाई के ठीक 2 दिन पूर्व ही अवकाश स्वीकृत कर दिया गया है जिसकी जानकारी आवेदकगणों को आयोग के समक्ष हाजिर होने पर हुई जिसमें आवेदिकागणों द्वारा डॉ. किरणमयी नायक का आभार व्यक्त किया गया। एक अन्य प्रकरण में पिता और पुत्री के मध्य संपत्ति विवाद में पुत्री और पिता दोनों को अपने-अपने पक्ष के समर्थन में संबंधित दस्तावेजों को लेकर आगामी सुनवाई की तिथि पर आयोग में उपस्थित होने को निर्देशित किया गया।

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जिस पर दोनों पक्षों के द्वारा सहमति व्यक्त की गई इसके अतिरिक्त आयोग के अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के विरुद्ध जो कि स्वास्थ्य विभाग के आरएचओ के पद पर पदस्थ हैं पत्नी और पुत्री को कोई भरण पोषण राशि ना देकर प्रताडि़त करने की जानकारी दी जिसे आयोग के द्वारा तत्काल गंभीरता से लिया जा कर संबंधित अधिकारी के उच्च अधिकारिय को पत्र के माध्यम से भरण पोषण राशि हेतु अधिकारी के वेतन से आधा वेतन सीधे प्राप्त करने का आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया और उसके पश्चात आयोग के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया गया, एक अन्य मामले में अनावेदकगणों की अनुपस्थिति होने पर एसपी राजनांदगांव के माध्यम से आगामी सुनवाई तिथी पर उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया, इसके अतिरिक्त आयोग ने कई विभागों में आंतरिक परिवाद समिति गठन पर जोर दिया जाकर उनकी रिपोर्ट के अवलोकन के पश्चात महिला उत्पीडऩ से संबंधित शिकायत का निराकरण किए जाने की बात कही, आज आयोग के समक्ष कुल 15 प्रकरण सहित एक नया प्रकरण तत्काल लिया गया 15 प्रकरणों में से 8 प्रकरण निराकृत होकर नस्तीबध हुए शेष 7 प्रकरणों को आगामी सुनवाई हेतु आयोग में उपस्थिति होने हेतु निर्देशित किया गया।

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बस्तर में 5 स्टील प्लांट खोलने के सरकार के निर्णय पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर प्रदेश सरकार तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट किया है कि "जो पहले गलत था वह अब सही कैसे? जो अब सही है वह पहले गलत कैसे? भारत सरकार ने बस्तर में स्टील प्लांट के लिए टाटा को जमीन दी थी सरकार ने वो जमीन वापस कर दी। अब रोजगार के झूठे सपने दिखा कर कांग्रेस जो स्टील प्लांट लगाने जा रही है वो कौन से ग्रह की जमीन पर लगाएगी ।

उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि वो ये बताएं कि स्टील प्लांट आखिर कहां लगेगा, भू अधिग्रहण करना पड़ेगा हर प्लांट के लिए 1000 एकड़ की जमीन की जरूरत पड़ेगी । हमेशा आदिवासियों की जमीन की बात करते थे अब स्टील प्लांट के लिए उन्हें भी आदिवासियों की जमीन लेनी पड़ेगी, पहले कांग्रेसी जिस बात का विरोध करते थे अब सब काम वहीं कर रहे हैं लगता है अब उन्हें सद्बुद्धि आ गई है।

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इस पर पलटवार करते हुए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आदिवासियों की जमीन लेने के बाद सालों तक तक फैक्ट्री नहीं लगाने हमने आदिवासियों की जमीन वापस दिलवाई है। हम जो स्टील प्लांट लगाने जा रहे हैं, वह जमीन आवंटन के बाद निर्धारित समय में शुरू हो जाएगा। रमन सिंह को इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है ।

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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सरकार ने भू-माफिया की तरह लोहाण्डीगुड़ा की जमीन उद्योग के लिये हथियाली थी। कांग्रेस सरकार में सुनिश्चित करेंगे फिर जमीन की व्यवस्था की जायेगी। रमन सिंह के 15 साल में न केवल बस्तर ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में उद्योगों के नाम पर जमीन का अपवंचन किया गया। रमन सिंह इस गलतफहमी में न रहे कि लोहाण्डीगुड़ा की कहानी कांग्रेस सरकार में दुहराई जा सकती है। यह सुनिश्चित करना इसलिये भी जरूरी हो गया है कि नगरनार में प्लांट के नाम पर जमीन ले ली गयी और केन्द्र की भाजपा सरकार एनएमडीसी के नगरनार प्लांट को बेचने का फैसला ले लिया है। न हम लोहाण्डीगुड़ा होने देंगे न नगरनार दोहराने देंगे।

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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह जी अपनी विफलताओं का ठिकरा कांग्रेस की सरकार के माथे फोड़ने की राजनीति बंद करें। टाटा की स्टील प्लांट के लिये जमीन दी गयी। बस्तर वालों से लेकर दी गयी। आदिवासियों से लेकर दी गयी और टाटा का स्टील प्लांट तो नहीं लगा। 6-7 वर्षो तक वो जमीन खाली पड़ी रही। कांग्रेस सरकार ने वो जमीन आदिवासियों को लौटायी। उसके मूल मालिकों को लौटायी। रमन सिंह जी को इससे बड़ी तकलीफ हुई। अब अगर बस्तर में 4-5 नये स्टील प्लांट लगने की बात हो रही है उसकी शुरूआत हो रही है तो रमन सिंह जी को इससे भी तकलीफ नहीं होनी चाहिये। अगर 5 स्टील प्लांट नये लगेंगे तो उसके लिये जमीन की भी व्यवस्था होगी। जमीन की व्यवस्था करके जमीन के मालिकों को सही प्रतिसाद मिलेगा और वो जमीन खाली नहीं पड़े रहेगी रमन सिंह सरकार के 15 साल की तरह। उस जमीन में प्लांट लगेंगें। बस्तर के लोगों को रोजगार मिलेगा। बस्तर की भलाई के लिये कोई पहल होने पर रमन सिंह जी को क्यों इतना कष्ट हो रहा है? कांग्रेस की सरकार बस्तर वालों को रोजगार देने के लिये, विकास के लिये कोई भी शुरूआत करती है तो रमनसिंह जी और भाजपा को तकलीफ क्यों होती है ? रमनसिंह खुद तो कुछ नहीं कर पाये। कांग्रेस की सरकार ने अब करने जा रही है तो रमन सिंह को तकलीफ से स्पष्ट है कि रमन सिंह जी का चरित्र बस्तर विरोधी है, विकास विरोधी है छत्तीसगढ़ विरोधी है।

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि देश का हर किसान नये कृषि बिल के खिलाफ खड़ा हुआ है। मोदी सरकार के तीन काला कानून का समर्थन वही लोग कर रहे हैं जो पूंजीपतियों के बिचौलिए हैं पूंजीपतियों के एजेंट हैं। जब से परिवहन एवं वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने मोदी सरकार के तीन काला कानून पर भाजपा नेताओ के बहस की चुनौती को स्वीकार किया तब से बहस की चुनौती देने वाले प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णुदेव साय और पूर्व मंत्री राजेश मूणत मैदान से गायब हो गए हैं। भाजपा नेताओं की यही फितरत है चुनौती देना,वादा करना और बाद में दगाबाजी करना। 15 साल के रमन शासनकाल में भी छत्तीसगढ़ के किसानों मजदूरों युवाओं के साथ भाजपा ने धोखाबाजी छल ही किया था।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने प्याज के दामो के विरोध में प्याज की माला पहनकर विरोध करने वाले भाजपा नेत्रियों पर तंज कसा उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी प्याज लहसुन नही खाती इस वजह से उन्हें प्याज के दामो में वृद्धि से कोई फर्क नही पड़ता।स्मृति ईरानी जी अब केंद्रीय मंत्री है वो प्याज की नही बल्कि हीरे जवारहत की माला पहनने की हैसियत रखती है इस लिए प्याज की महंगाई से उन्हें फर्क नही पड़ता प्याज माला पहनना भूल गई है।सरोज पांडे जी राज्य सभा सदस्य है उन्हें प्याज की कीमत से कोई लेना देना नही है।

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्याज कीमतों में मनमानी वृद्धि की मुख्य वजह मोदी सरकार के द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम में किया गया बदलाव है।मोदी सरकार के तीन काला कानून का दुष्प्रभाव किसानों और आम उपभोक्ताओं के ऊपर पड़ने लगा है।प्याज के बढ़ते दाम मोदी सरकार के जमाखोरी और मुनाफाखोरी का सरकारीकरण करने का नतीजा है। प्याज के बढ़ते दाम को लेकर भाजपा नेताओं के पास कोई जवाब नहीं है कृषि बिल को किसान हितैषी बताने वाले भाजपा के नेता अब आम जनता के सवालों से मुंह चुरा रहे हैं। मोदी भाजपा ने वस्तु अधिनियम में संशोधन कर आम उपभोक्ताओं के ऊपर महंगाई की मार को बढ़ाने के काम किया है। पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे जनता के ऊपर कुठाराघात किया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नया कृषि कानून लागू होने के बाद देशभर में 14 सितंबर से 14 अक्टूबर तक हुई 10 कृषि उत्पादों की खरीदी पर नजर डाला जाए तो केंद्र सरकार की वेबसाइट ही बता रहा है की 1800000 किसानों ने अब तक जो उपज बेचे हैं उसमें से मात्र 32 प्रतिशत लोगों को ही एमएसपी मिला है।बासमती राइस की एक किस्म 1509 को किसान सामान्य किस्म के धान के एमएसपी 1868 रु के दर के नीचे बेचने को मजबूर हुए हैं।न्यूनतम समर्थन मूल्य में बाजरा सोयाबीन बेचने वाले किसानों की संख्या 5 प्रतिशत भी नही है।मक्का,मूंगफली,रागी बेचने वाले कुल किसानों में से एक चौथाई को ही एमएसपी का फायदा मिला। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों के ऊपर मोदी सरकार के तीन काला कानून का प्रभाव पड़ने नहीं देगा किसानों के हक अधिकार पर राज्य को मिले संघीय व्यवस्थाओं के तहत अधिकारों का पालन कर कानून बनाया जाएगा और छत्तीसगढ़ के किसानों को आम उपभोक्ताओं को राहत दिलाया जाएगा।

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आज मिले कोरोना मरीजों में से जांजगीर-चांपा- 226, कोरबा- 225, रायपुर- 202, रायगढ़- 182, दुर्ग-197, राजनांदगांव- 120, बिलासपुर- 114, बस्तर- 93, बलौदाबाजार- 85, दंतेवाड़ा- 81, महासमुंद- 77, कांकेर- 75, कोंडागांव- 69, धमतरी- 69, मुंगेली- 65, बालोद- 62, सूरजपुर- 60, कोरिया- 58, गरियाबंद- 57, सरगुजा- 55, कवर्धा- 52, जशपुर- 46, बीजापुर- 45, बलरामपुर- 43, बेमेतरा- 42, सुकमा- 35, नारायणपुर- 7, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- 5 और अन्य- 3 मरीज शामिल हैं।






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वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार वन विभाग द्वारा राज्य के वनों की सुरक्षा और वन अपराधों की रोकथाम के लिए अभियान लगातार चलाया जा रहा है। इस कड़ी में बस्तर वनमण्डल के माचकोट वनों से हो रही बीजा वृक्षों की तस्करी पर वन विभाग के अमले द्वारा बड़ी कार्यवाही की गई है। विगत दिवस बुधवार 21 अक्टूबर की रात बड़ी संख्या में उड़ीसा से आये तस्कर समूह के लोगो द्वारा बीजा लकड़ी के गोलों की तस्करी की सूचना मिलने पर, माचकोट रेंज के वनकर्मियों द्वारा मौके पर घेराबंदी कर आवश्यक कार्रवाई की गई। वनमण्डलाधिकारी बस्तर सुश्री स्टायलो मण्डावी के निर्देशानुसार गठित विभागीय टीम द्वारा छापेमार कार्रवाई में दर्जनभर से ज्यादा बीजा लकड़ी के लट्ठे जब्त किए गए। जिनकी कीमत 3 लाख रूपए से अधिक अनुमानित है।

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गौरतलब है कि वहां माचकोट के जंगल में शुरूआती कार्रवाई के दौरान वनकर्मियों की कम संख्या के कारण तस्कर उन पर हावी थे, इसके मद्देनजर तत्काल उनकी सहायता के लिए बस्तर वनमण्डल से माचकोट रेंज में विभागीय अमले को और सहायता के लिए भेजा गया। इस कार्यवाही में एक तस्कर को पकड़ने मे वन अमला सफल रहा, और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। रेंजर विनय चक्रवर्ती द्वारा बताया गया कि तस्करों द्वारा तस्करी के लिए विशेष डिजाइन की सायकल प्रयोग में लाई जा रही है। जिसमें लकड़ी के मोटे लट्ठे को आसानी से लोड किया जा सकता है।

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महर्षि विद्या मंदिर स्कूल के एओ अभय सिंह को आखिरकार डिफाल्टर नोटिस वाले मामले में जिला शिक्षा अधिकारी से माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने डीईओ से कहा कि अब ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।फीस जमा न करने वाले छात्र-छात्राओं की डिफाल्टर लिस्ट बनाने की चेतावनी को लेकर स्कूल के संबंधित छात्र-छात्राएं तो परेशान थे ही, अभिभावक भी सदमें में थे। इसे लेकर भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।

कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर से इसकी शिकायत की गई। उन्होंने संज्ञान लेते हुए डीईओ अशोक कुमार भार्गव को जांच के निर्देश दिए थे। इस पर उन्होंने स्कूल के एओ को तलब किया, पर वे नहीं आए। अपने बदले स्कूल प्राचार्य से बात कराया। इस पर डीईओ नर्म पड़ गए, और उल्टे अभिभावकों से अपनी इच्छानुसार फीस जमा करने की अपील की। इससे बात नहीं बनी अभिभावकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। उनके साथ अन्य शहरवासी भी शामिल होने लगे। लगातार हो रहे विरोध के मद्देनजर आखिर प्रबंधन को अभिभावकों के सामने झुकना पड़ा। इस बीच एओ अभय ने डीईओ से भी अपनी गलती स्वीकार करते हुए मांफी मांगी, लेकिन अब तक स्कूल प्रबंधन ने डीईओ से अनुमोदित फीस की कॉपी और स्ट्रक्चर अभिभावकों को नहीं दिखाया है। इस पर पैरेंट्स का कहना है कि भले ही प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है, मगर अब तक अनुमोदित फीस की जानकारी नहीं दी है। इस पर भी दबाव बनाया जाएगा।

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महर्षि स्कूल के एओ अभय सिंह ने स्कूल के वाट्सएप ग्रुप में ऐसे छात्र-छात्राओं को जिन्होंने फीस नहीं पटाया है, उन्हें नोटिस जारी कर कहा था कि 20 अक्टूबर तक अगर फीस नहीं जमा की, तो उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा। इसकी सूचना बोर्ड में चस्पा भी कर दी जाएगी। इसके बाद से ही विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।

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छत्तीसगढ़ राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड, रायपुर में राज्य में संचालित सभी पालतु पशु दुकान एवं डाॅग ब्रीडिंग सेंटर का पंजीयन कराना अनिवार्य है।

इसी तारतम्य में कल छत्तीसगढ़ राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के अधिकारियों ने रायपुर शहर के विभिन्न पालतु पशु दूकानों का आकस्मिक रूप से निरीक्षण किया। निरीक्षण दौरान पाया गया कि एक्वेरियम हाऊस और यश फिश एक्वेरियम द्वारा आज तक पंजीयन नहीं कराया गया। इन दुकानों को पंजीयन कराने के निर्देंश दिए गए। इसी तरह आल हैप्पी पाॅस, विस्काॅच पेट स्टोर, द अमेजिंग पेट शाॅप दुकान में अग्निशमन के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देंश दिए गए। बोर्ड के अधिकारियों ने सभी पालतु पशु दुकान एवं डाॅग ब्रीडिंग सेंटर के पदाधिकारियों के संचालकों से कहा कि वे पंजीयन अनिवार्य रूप से करायें। इसी तरह अभिलेख संधारित कर वार्षिक रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष 31 जनवरी तक कार्यालय छ.ग. राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड में जमा करायें। उन्होंने बताया कि पंजीयन नहीं कराये जाने की स्थिति में दुकान को सीलबंद किया जा सकता है। निरीक्षण के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य बोर्ड के संयुक्त संचालक डाॅ.एम.पी. पासी एवं डाॅ.अनिता और डाॅ.इला प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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