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detail news only from Chhattishgarh ,dated: २८ मई २०२०


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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गत दिवस आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार राज्य शासन द्वारा आर्थिक गतिविधियों के संचालन, क्वारेंटीन सेंटर्स की व्यवस्थाओं, रेड, आरेंज जोन निर्धारण के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए है। जारी निर्देशों के अनुसार मई माह के अंतिम शनिवार-रविवार को होने वाले पूर्ण लॉकडाउन को निरस्त कर दिया गया है। इसलिए आगामी शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन नहीं रहेगा। सभी दुकानें और संस्थान जो भारत सरकार के गृह मंत्रालय अथवा राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंधित नहीं हैं वे सप्ताह के छह दिन सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक खुली रहेंगी।

दुकानें और व्यावसायिक संस्थान पहले की तरह खुलेंगी लेकिन वर्तमान में जारी समय सीमा और सप्ताहिक अवकाश का पालन करना होगा। बाजार पूर्व में निर्धारित दिनों और व्यवस्था के अनुसार वर्तमान में तय समय के अनुसार खोले जाएंगे। बहुत घने बाजारों में भीड़ को कम करने के लिए स्थानीय स्तर पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। सड़क किनारे सामान बेचने वालों (स्ट्रीटवेंर्डस) के लिए स्थानीय निकायों द्वारा स्थान और समय का निर्धारण कर फिजिकल डिस्टेंस का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इन व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय व्यापारी संघों के साथ चर्चा के निर्देश दिए गए हैं।

व्यावसायिक आटो और टैक्सियों का परिचालन 28 मई से परिवहन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार शुरू हो गया है। अंतर्राज्यीय व्यावसायिक बसों और अंतर्राज्यीय व्यावसायिक टैक्सियों का परिचालन आगामी आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा। अंतर्राज्यीय आवागमन ई-पास के जरिए हो सकेगा। ई-पास एप को विभिन्न श्रेणियों के लिए स्वचालित रूप से ई-पास जारी करने के लिए अपडेट किया गया है। टेªन, टैक्सी, ऑटो एवं बस से यात्रियों को चिन्हित मार्ग से उनके गंतव्य तक जाने की अनुमति दी जाएगी। इन वाहनों में यात्रियों की संख्या बैठक क्षमता से अधिक न हो और यात्रियों को अनिवार्य रूप से मॉस्क पहनना होगा और फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखना होगा।व्यावसायिक आटो और टैक्सियों का परिचालन 28 मई से परिवहन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार शुरू हो गया है। अंतर्राज्यीय व्यावसायिक बसों और अंतर्राज्यीय व्यावसायिक टैक्सियों का परिचालन आगामी आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा। अंतर्राज्यीय आवागमन ई-पास के जरिए हो सकेगा। ई-पास एप को विभिन्न श्रेणियों के लिए स्वचालित रूप से ई-पास जारी करने के लिए अपडेट किया गया है। टेªन, टैक्सी, ऑटो एवं बस से यात्रियों को चिन्हित मार्ग से उनके गंतव्य तक जाने की अनुमति दी जाएगी। इन वाहनों में यात्रियों की संख्या बैठक क्षमता से अधिक न हो और यात्रियों को अनिवार्य रूप से मॉस्क पहनना होगा और फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखना होगा।

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कंटेनमेंट जोन को छोड़कर जिले में सभी शासकीय कार्यालय संचालित होंगे

विवाह समारोह में अधिकतम 50 और अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 व्यक्तियों को शामिल होने की मिलेगी अनुमति: एसडीएम और तहसीलदार देंगे अनुमति

दुकानें और व्यावसायिक संस्थान सप्ताह के छह दिन सवेरे 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुले रहेंगे

स्ट्रीट वेंडरों के लिए स्थानीय निकाय तय करेंगे स्थान और समय

अंतर्राज्यीय बसों का परिचालन प्रतिबंधित रहेगा

रेड और आरेंज जोन का निर्धारण स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा

प्रत्येक क्वारेंटीन सेंटर के लिए प्रभारी अधिकारी और क्वारेंटीन सेंटर के समूहों की निगरानी के लिए जोनल अधिकारी तैनात किए जाएंगे

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में शोभा टाह फाउण्डेशन बिलासपुर द्वारा अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित ’रोबोट नर्स’ का शुभारंभ किया। श्री बघेल ने सुरक्षात्मक दृष्टि से बेहतर उपयोग के लिए निर्मित इस ’रोबोट नर्स’ को एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) रायपुर के कोविड-19 वार्ड में उपयोग के लिए मौके पर ही सौंप दिया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित रोबोट नर्स की खोज के लिए शोभा टाह फाउण्डेशन बिलासपुर की सराहना की और इसे कोविड-19 और विभिन्न संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए बहुत उपयोगी बताया।

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यह रोबोट नर्स एक बार में एक निश्चित दूरी लगभग 90 फीट की लंबाई तक सामग्री के आदान-प्रदान सेवाओं जैसे मानवीय क्रियाकलाप में सक्षम है और वार्ड में बिना मानव के मरीज तक आवश्यक दवाईयां, कपड़े सहित खान-पान की सामग्रियों को पहुंचाने के साथ-साथ वापस लाने की सुविधा से युक्त है। इसके साथ ही रोबोट नर्स के माध्यम से अस्पताल में चिकित्सक तथा मरीज के बीच कैमरे तथा मोबाइल द्वारा फोटो, वीडियोग्राफी, वीडियोकॉलिंग तथा चैटिंग आदि भी की जा सकेगी। इसके लिए चिकित्सक को मरीज के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। इस तरह मेन पॉवर के बिना रोबोट नर्स के माध्यम से मरीज तक आवश्यक सुविधाओं की सेवाएं जल्द से जल्द पहुंचायी जा सकेगी। इससे वर्तमान में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक, नर्स तथा सफाईकर्मी आदि लोगों को भी इलाज आदि के कार्यों में काफी सहूलियत होगी। इस अवसर पर टाह फाउण्डेशन से जुड़े श्री सतीश कुमार, श्री अमर गिर्दवानी तथा एम्स रायपुर के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. करण पीपरे आदि उपस्थित थे।

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राजनांदगांव 🌎 क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूर की संदिग्ध मौत 🌍
क्वॉरेंटाइन सेंटर में एक प्रवासी मजदूर की मौत हो गई है। श्रमिक की मौत के बाद गांववाले डरे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। डॉक्टरों ने मौत को सामान्य बताया है।ऐहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग ने मजदूर का सैंपल लेकर एम्स रायपुर जांच के लिए भेजा है।मुख्या चिकित्सा अधिकारी मिथलेश चौधरी ने बताया कि छुरिया के गहिराभेड़ी गांव में 25 मई को शाम करीब 6.36 बजे रांची से पहुंचे प्रवासी मजदूर को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. ये क्वॉरेंटाइन सेंटर गहिराभेड़ी के प्राथमिक शाला में बनाया गया था. क्वॉरेंटाइन के दौरान प्रवासी में कोरोना के कोई भी लक्षण जैसे सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में नहीं थे. अचानक क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजदूर को जमीन पर गिरा देखा गया था, जिसके बाद स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने विभाग को इसकी सूचना दी थी. स्वास्थ्य विभाग की टीम जब तक पहुंची, तब तक मजदूर की मौत हो चुकी थीमृतक झारखंड से आया था.

गरियाबंद 🌎 क्वॉरेंटाइन सेंटर में हुई गर्भवती महिला की मौत 🌍
मैनपुर ब्लॉक के धारनिधोड़ा गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर का है. यहां रह रही गर्भवती महिला की अचानक मौत हो गई है। महिला तेलंगाना राज्य के खम्मम जिले से अपने पिता के साथ लौटी थी। लेकिन गांव पहुंचने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद उसे रायपुर मेकाहारा अस्पताल में भर्ती कराया था। एक हफ्ते पहले ही अस्पताल से महिला को छुट्टी मिली थी।

पेंड्रा-गौरेला-मरवाही 🌎 गौरेला के टीकरकला क्वॉरेंटाइन सेंटर में डेढ़ साल की बच्ची की मौत 🌍
गौरेला के टीकरकला क्वॉरेंटाइन सेंटर में डेढ़ साल की मासूम की मौत हो गई. बच्ची का पिता बीती 19 मई को भोपाल से लौटा था, जिसकी वजह से उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. बताया जा रहा है कि बच्ची का पिता पेंड्रा के क्वॉरेंटाइन सेंटर से भागकर अपने परिवार से मिलने और पैसा देने घर पहुंचा था, जिसके बाद गांववालों ने पूरे परिवार को गांव से पानी भरने से भी रोक दिया. 3 दिन के बाद मजबूरन पत्नी को बच्ची के साथ क्वॉरेंटाइन सेंटर जाना पड़ा. यहां बच्ची की मौत हो गई है. पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर लिया है।एहतियातन कोरोना जांच के लिए शव से सैंपल लिया गया है. बता दें कि गांव के नवनिर्मित छात्रावास में प्रवासी मजदूरों को ठहराने के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. बच्ची का पिता श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिलासपुर होते हुए पेंड्रा पहुंचा था. जहां टीकरकला क्वॉरेंटाइन सेंटर में उसे रखा गया।इस दौरान उसकी पत्नी ने उसे बताया कि घर चलाने के लिए पैसा नहीं है, जिसके बाद उसने कियोस्क का संचालन करने वाले गांव के ही शख्स से पैसा भिजवाया, जो परिवार को नहीं मिला. जिसकी वजह से एक रात बच्ची का पिता पेंड्रा के क्वॉरेंटाइन सेंटर की खिड़की से भाग खड़ा हुआ और अपने गांव आ गया. गांववालों को जब उसके घर पहुंचने का पता चला, तो उन्होंने परिवार का बहिष्कार कर दिया. मजबूरन पत्नी को बच्ची के साथ क्वॉरेंटाइन सेंटर जाना पड़ा।बुधवार की सुबह बच्ची को मां ने दूध पिलाया, फिर उसे सुलाकर नहाने चली गई. कुछ देर बाद वह लौटी, तो बच्ची हिचकी ले रही थी. उसकी हालत देखकर मां घबरा गई. उसने अपने पति को जानकारी दी. फिर आनन-फानन में उसे एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल ले जाया गया. जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. बच्ची की मौत किस वजह से हुई है, यह तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा।


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बालोद : 🌎 क्वॉरेंटाइन सेंटर में 4 महीने के मासूम की बिगड़ी तबियत, अस्पताल में मौत 🌍
छत्तीसगढ़ के बालोद जिलान्तर्गत देवरीबंगला के पास टटैगा (भरदा) गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में 4 महीने के बच्चे की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। बच्चे को बुधवार रात 11 बजे बालोद ले जाया गया था। जिसके बाद गुरूवार की सुबह 6 बजे बच्चे की मौत हो गई।मिली जानकारी के मुताबिक़ मृत शिशु और उसका परिवार चंद्रपुर से बालोद आए थे। जिसके बाद सभी को टटैगा (भरदा) क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था। यह बालोद जिले में क्वॉरेंटाइन सेंटर में हुई तीसरी मौत है. बच्चे की तबीयत बिगड़ते ही उसे क्वॉरेंटाइन सेंटर से जिला अस्पताल रेफर किया गया था। बच्चे का परिवार गुंडरदेही ब्लॉक का बताया जा रहा है।बच्चे का परिवार एक हफ्ते पहले महाराष्ट्र से आया था. जिसके बाद पूरे परिवार को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया था. बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया. बच्चे की मां का रो-रोकर बुरा हाल था. वो अपने जिगर के टुकड़े के शव को देने के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन बाद में पुलिस ने किसी तरह से मां को समझाकर बच्चे के शव को लिया। फिलहाल शव से सैंपल लिए गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की सही वजह का पता चल सकेगा. इधर पूरे अस्पताल को सैनिटाइज किया जा रहा है।बता दें कि जिले में अब तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में 3 मौत हो चुकी है। पहले मामले में बाहर से आए एक मजदूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद तेलंगाना से आई एक 20 साल की युवती की भी मौत हो गई थी। अब ताजा घटना में क्वॉरेंटाइन सेंटर में इस 4 महीने के मासूम की मौत हो गई है।

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प्रदेश के विभिन्न शासकीय अस्पतालों में 361 नए डॉक्टर सेवाएं देंगे। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने आज नए डॉक्टरों की पदस्थापना सूची जारी की है। ये डॉक्टर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला चिकित्सालयों, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा मातृ एवं शिशु अस्पतालों के साथ ही विशेषीकृत कोविड अस्पतालों में सेवाएं देंगे।

स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने सरकारी अस्पतालों में सेवा के साथ अपने करियर की शुरूआत करने वाले सभी नए डॉक्टरों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के साथ इनके जुड़ने से कोविड-19 के नियंत्रण के लिए एक बड़ी टीम मिलेगी। ये युवा डॉक्टर शहरों के अस्पतालों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों और दूरस्थ अंचलों के सरकारी अस्पतालों में काम कर कोविड-19 के साथ ही नॉन-कोविड चिकित्सा सुविधाओं को लोगों तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल्द ही 200 और डॉक्टरों की पदस्थापना की जाएगी।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी डॉक्टरों की सूची एवं उनके पदस्थापना स्थल इस प्रकार हैं



















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देश कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आर.पी. सिंह ने बयान जारी करके डॉ. रमन सिंह से यह आग्रह किया है कि अगर वे छत्तीसगढ़ के सच्चे हित चिंतक हैं और कोरोना वायरस के चलते पूरे देश एवं अन्य राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ़ भी प्रभावित हो रही अर्थव्यवस्था से व्यथित हैं तो एक सच्चे राजनेता की तरह व्यवहार करें। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने राज्य की प्रभावित हो रही अर्थव्यवस्था को देखकर ही केंद्र सरकार से 30 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज की मांग की थी। बार-बार केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इस आग्रह को दोहराया भी था। लेकिन दुखद पहलू यह है कि आज तक केंद्र सरकार ने आर्थिक मदद तो दूर उस पत्र का जवाब देना भी उचित नहीं समझा है। 20 लाख करोड़ रुपए के मोदी लाली पॉप जिसमे की तेरह शून्य होते हैं। यही शून्य छत्तीसगढ़ राज्य को मोदी जी से हासिल हुआ है।

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आर.पी. सिंह ने कहा है डॉ. रमन सिंह जी को जनता ने तीन बार प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना था इसलिए यह उनकी भी नैतिक जिम्मेदारी है कि छत्तीसगढ़ राज्य को केंद्र से आर्थिक पैकेज आवश्यक रूप से मिले। डॉ. रमन सिंह को मोदी सरकार के ऊपर दबाव बनाना चाहिए की प्रदेश के व्यापक जनहित में उक्त 30 हजार करोड़ की राशि शीघ्र ही जारी हो। ताकि जनहित के कार्य तेजी से संपन्न किए जा सकें। इतना ही नहीं उन्हें अपने सभी विधायकों को भी आदेशित करना चाहिए कि वह अनिवार्य रूप से अपनी विधायक निधि मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कर दें। भारतीय जनता पार्टी के सांसदों से भी उन्हें आग्रह करना चाहिए कि वे पीएम केयर फंड के बजाए सीएम रिलीफ फंड में अपना योगदान दें। कोरोना संक्रमण के चलते पूरे देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है। कई आर्थिक एजेंसियों ने यह आशंका भी जताई है कि इस वर्ष देश का जीडीपी 0% तक हो सकता है। ऐसी विकट परिस्थिति में देश की चिंता ना करते हुए डॉ. रमन सिंह की चिंता सिर्फ छत्तीसगढ़ को लेकर है। उनका यह बयान प्रदेश की जनता को बताने के लिए पर्याप्त है कि ऐसे समय में जब छत्तीसगढ़ की सरकार और प्रदेश की जनता कोरोना संक्रमण से जूझ रही है तब रमन सिंह जी कोरी बयानबाजी करके ओछी राजनीति कर रहे हैं। रमन सिंह जी से पुनः आग्रह है या तो 30 हजार करोड रुपए का आर्थिक पैकेज राज्य सरकार को तुरंत दिलवाने में मदद करें अन्यथा ऐसी छोटी राजनीति से दूर रहें।

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प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि प्रदेश में मनरेगा श्रमिकों की चिंता नहीं की जा रही है। इस पर प्रदेश सरकार को जल्दी फैसला लेना चाहिए। इस कोरोना काल में श्रमिकों के सामने दो वक्त की रोजी-रोटी का संकट खड़ा होता जा रहा है और इनकी चिंता करने वाला कोई नहीं है। श्री कौशिक ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा रोजगार गारंटी योजना के तहत 100 दिनों के रोजगार का लक्ष्य रखा जाता है और प्रदेश में 50 दिनों के रोजगार का अतिरिक्त लक्ष्य पूर्ववर्ती भाजपा शासन में रखा गया था ताकि मनरेगा के श्रमिकों को नियमित दो वक्त की रोजी-रोटी मुहैय्या कराई जा सके।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश में मनरेगा के केंद्र सरकार के 100 दिनों का रोजगार का लक्ष्य पूरा हो गया है, वहीं अब तक प्रदेश सरकार ने 50 दिनों तक रोजगार देने का ऐलान नहीं किया है। किसी तरह से कोई आदेश जारी नहीं किया है। इसे लेकर प्रदेश के श्रमिक चिंतित हैं। जब भाजपा की सरकार थी तब 50 दिनों तक रोजगार अतिरिक्त दिया जाता था जिससे प्रदेश के मनरेगा श्रमिकों को 50 दिनों का अतिरिक्त रोजगार मिलना संभव हो पाता था। श्री कौशिक ने कहा कि इस संकटकाल में रोजगार का और कोई जरिया नहीं होने के कारण श्रमिकों के सामन आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। पूरे प्रदेश में श्रमिकों के पास काम नहीं होने से वे बेरोजगार होते जा रहे हैं। समय रहते पंचायतों को मनरेगा का कार्य आदेश दिया जाना चाहिये ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। श्री कौशिक ने यह भी कहा कि अब तक के मनरेगा का बकाया भुगतान भी श्रमिकों को जल्द किया जाना चाहिए। मनरेगा योजना को लेकर प्रदेश सरकार जल्द से जल्द उचित कदम उठाए ताकि श्रमिकों को रोजगार मिल सके। श्री कौशिक ने इस संबध में एक पत्र भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखा है।

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स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने लॉकडाउन के दौरान बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित करने हेतु पालकों के प्रति आभार व्यक्त किया है। डॉ. टेकाम ने कहा है कि सामान्य दिनों में हम बार-बार सभी पालकों से घर पर बच्चों को सीखने में सहयोग देने की अपील करते रहते हैं, पर ऐसा बहुत कम ही हो पाता है। पालकों का अधिकांश समय काम-काज और खेती-बाड़ी में ही निकल जाता है, परंतु लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में पालकों ने घर पर रह कर बच्चों को पर्याप्त समय देने के साथ-साथ उन्हें पढ़ाने-लिखाने का कार्य करने में सभी प्रकार का आवश्यक सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी परंपरा है, जो जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कठिन परिस्थितियों में भी राज्य में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर ‘पढ़ई तुंहर दुआर‘ कार्यक्रम प्रारंभ कर बच्चों को अवकाश के सद्उपयोग करने की दिशा में अन्य राज्यों से पहले इसका क्रियान्वयन किया। 

स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि लाकॅडाउन की अवधि में बच्चों से निरंतर संपर्क के लिए एक मात्र साधन है, उनके पालकों का मोबाइल। उन्होंने सभी शिक्षकों से अपील की है कि वे अपने विद्यार्थियों के पालकों से निरंतर संपर्क में रहें और समय-समय पर उनके मोबाइल पर कॉल कर हाल-चाल पूछते रहें। साथ ही विद्यार्थियों की पढ़ाई के बारे में भी जानकारी लें और बच्चों के बारे में कुछ विशिष्ट जानकारी देते हुए उन्हें घर पर प्रेरित करते हुए पढ़ाने में आवश्यक सहयोग करें। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि पालकों और शिक्षकों के बीच बने संबंधों की प्रभावी कड़ी को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए “गुरु तुझे सलाम” अभियान की शुरुआत की है। संकट के इस दौर में अभी पालक ही बच्चों के लिए शिक्षक का काम कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों को पालकों से संपर्क कर उन्हें बच्चों को सिखाने हेतु टिप्स देने के साथ-साथ सभी आवश्यक सहयोग देते रहना चाहिए। डॉ. टेकाम की अपील पर सैकड़ों की संख्या में शिक्षक भी इस बात के महत्व को समझ कर पालकों को आभार के साथ-साथ बच्चों को ऑनलाईन एवं ऑफलाईन सीखने में सहयोग करने लगे हैं।  

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स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा है कि आमतौर पर सीखने-सिखाने का कार्य औपचारिक तरीकों से स्कूलों में ही हो पाता है। अधिकांश पालक ऐसी स्थिति में नहीं होते कि वे बच्चों को अपने घर पर सीखने में सहयोग दे सके, लेकिन लॉकडाउन में इस बार घर पर रह रहे पालकों और बच्चों में सीखने के लिए सभी तरीकें से सहयोग देने का पुनीत कार्य प्रारंभ करने में सहयोग दिया। पालकों और शिक्षकों द्वारा कोरोना की वजह से स्कूल बंद होने के बावजूद घर पर रहते हुए अलग-अलग तरीकों से बच्चों और विद्यार्थियों को सहयोग प्रदान किया है। डॉ. टेकाम ने कहा कि ऐसे सभी शिक्षकांे और पालकों को उनके अच्छें कार्यों के लिए आभार मानना चाहिए और आगे भी ऐसा करते रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए।  “पढई तुंहर दुआर‘ कार्यक्रम के माध्यम से हम बहुत बड़ी संख्या में बच्चों तक ऑनलाईन पहुँचने का प्लेटफार्म तैयार कर चुके हैं। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए आवश्यक है कि हमारे शिक्षक पालकों के निकट संपर्क में रहें और उन्हें विद्यार्थियों को सीखने-सिखाने में सहयोग करने हेतु टिप्स देते रहें।”

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छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा की परियोजना स्वीकृति बोर्ड की बैठक आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई। भारत सरकार के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में संचालित नवाचारी कार्यक्रम ’पढ़ई तुंहर दुआर’ की सराहना की। केन्द्र सरकार के अधिकारियों ने इस कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों में क्रियान्वित करने पर बल दिया। लॉकडाउन अवधि में मितव्ययता के साथ चलते हुए प्रत्येक स्तर पर प्राथमिक कार्यों पर ही ध्यान देने के निर्देश दिए। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य में समग्र शिक्षा के लिए सत्र 2020-21 की वार्षिक कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला के द्वारा छत्तीसगढ़ में चल रहे नवाचारी कार्यक्रम ’पढ़ई तुंहर दुआर’ की गतिविधियों के विषय में प्रभावी ढंग से प्रस्तुती दी। समग्र शिक्षा के मिशन संचालक श्री जितेन्द्र शुक्ला ने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। श्री जितेन्द्र शुक्ला ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में जहां बहुत से नेटवर्कविहीन क्षेत्र और स्मार्टफोन रहित आबादी है, वहीं पर विभिन्न वैकल्पिक तरीकों जैसे - मोटरसाईकल गुरूजी, ब्लूटूथ फोन, ऑडियो सामग्री, टेलीविजन के माध्यम से बच्चों के लिए शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विभिन्न नवाचारी सुझाव दिए। लगभग 3 घंटे चली इस ऑनलाइन बैठक में केन्द्र के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों भी उपस्थित रहे। बैठक में लॉकडाउन के चलते बच्चों के अध्ययन-अध्यापन की निरंतरता के लिए चर्चा की गई। राज्य की वर्तमान परिस्थितियों खासतौर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों सहित अन्य विषयों पर विस्तार से समीक्षा की गई।

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समग्र शिक्षा के परियोजना स्वीकृति बोर्ड की विडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में भारत सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव श्रीमती अनीता कारवाल, छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री आशीष भट्ट, संचालक समग्र शिक्षा श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एस.सी.ई.आर.टी.) के अपर संचालक श्री आर.एन. सिंह, संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे, समग्र शिक्षा के उप संचालक श्री डी.के. कौशिक, सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश सहित सभी अधिकारी उपस्थित रहे।

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छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य प्रशासनिक सेवा के 14 अधिकारियों की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर जनपद पंचायतों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया है। सामान प्रशासन विभाग द्वारा इस आशय के आदेश आज मंत्रालय महानदी भवन से जारी कर दिया गया है। आदेश के अनुसार इन्हें पदस्थ किया गया है।

1-- श्री मनोज कुमार बंजारे डिप्टी कलेक्टर दंतेवाड़ा को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भोपालपटनम्

2 -- श्री हिमांचल साहू डिप्टी कलेक्टर सुकमा को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद सुकमा

3 -- कु. पुजा बंसल डिप्टी कलेक्टर महासमुंद को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मैनपुर

4-- सुश्री रूचि शर्मा डिप्टी कलेक्टर मुंगेली को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत फरसाबहार

6-- सुश्री शीतल बंसल डिप्टी कलेक्टर रायपुर को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गरियाबंद

6-- श्री हेमेन्द्र भूआर्य डिप्टी कलेक्टर बीजापुर को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भैरमगढ़

7-- श्री प्रवेश पैकरा डिप्टी कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रामचन्द्रपुर (रामानुजगंज)

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8 -- श्रीमती ज्योति बबली बैरागी डिप्टी कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत दुलदुला,

9-- श्री कौशल प्रसाद तेंदुलकर डिप्टी कलेक्टर कोरिया को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत दरभा

10-- श्री आर.आर. चुरेन्द्र डिप्टी कलेक्टर मुंगेली को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मैनपाट

11-- श्री डी.एस.ध्रुव डिप्टी कलेक्टर धमतरी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मरवाही

12-- श्री अशोक कुमार मार्बल डिप्टी कलेक्टर रायगढ़ को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोण्डागांव

13 -- श्री छबिलाल ओटी डिप्टी कलेक्टर कांकेर को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तमनार

14 -- कु. अर्चना पाण्डेय डिप्टी कलेक्टर रायपुर को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत छुरा जिला गरियाबंद

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हाल ही में भूख से पीड़ित महिला की प्लेटफार्म में होने वाली मौत के आने वाले विडियो ने पुरे भारत को झकझोर के रख दिया है ,इस मसले पर सवेदनशीलता दिखाते हुए छत्मुतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ कलेक्टर को छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में समुचित बिस्कुट चाय पानी की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के राज्य में ठहरने वाले स्टेशनों में प्रवासी श्रमिकों के लिए बिस्किट और पानी पाउच की समुचित व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ कलेक्टर को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी श्रमिकों के लिए रेल्वे स्टेशनों में भोजन-पानी की कोई व्यवस्था नही है और न ही वो टेªनों से उतर पा रहे है। ऐसी स्थिति में उन्हें बिस्किट और पानी के पाउच आदि मुहैया कराने से काफी राहत मिलेगी।

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मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों की उनके गृह राज्यों में वापसी के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही है। ऐसी श्रमिक स्पेशल ट्रेने जो छत्तीसगढ़ से होकर गुजरेंगी यदि आपके जिले में रूकती है तो कम से कम एक मुख्य स्टेशन में इन प्रवासी श्रमिकों के लिए पर्याप्त संख्या में बिस्किट और पानी पाउच की व्यवस्था की जाए। ट्रेन के स्टेशन पर रूकते ही तत्काल यात्रियों को इसके वितरण की व्यवस्था की जाए। वितरण के लिए आवश्यक दल गठित कर लिए जाएं, साथ ही इस कार्य में वालिंटियर्य का सहयोग भी लिया जाए। सामग्री के वितरण का सुपरविजन जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। बिस्किट या अन्य खाद्य सामग्रियों को उचित ढंग से संग्रहित किया जाए ताकि वो खराब न हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए।

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छत्तीसगढ़ में क्वारेंटाइन सेंटरों में महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ स्वच्छता का भी ध्यान रखा जा रहा है। इस कड़ी में नयी पहल करते हुए बलौदाबाजार जिले के 763 क्वारेंटाइन सेंटर में 16 वर्ष से 40 साल की महिलाओं को करीब 7 हजार निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन दिया जायेगा। जिला कलेक्टर के विशेष प्रयासों से अजीज प्रेम जी फाउंडेशन की ओर से सेनेटरी नैपकिन की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षु आईएएस सुश्री नम्रता जैन ने बलौदाबाजार तहसील के अंतर्गत ग्राम करमदा स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन वितरण कर इसका शुभारंभ किया। उन्होंने ने क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था के बारे में जानकारी लेने के साथ महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन की उपयोगिता और स्वास्थ्य सुरक्षा के बारे में जागरूक भी किया।

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क्वारेंटाइन सेंटर में स्वास्थ्य विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा सेनेटरी पैड के उपयोग और डिस्पोजल के बारे में महिलाओं को जानकारी दी गई। जिला पंचायत सीईओ आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि कोविड कि लडाई में महिलाओं के स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति सजग होना जरूरी है। बलौदाबाजार राज्य का पहला जिला है जो इस तरह अभिनव प्रयास कर रहा। ईट भट्ठा में काम करने वाली महाराष्ट्र के नालिन्द शहर से लौटी ग्राम करमदा निवासी 35 वर्षीय सुश्री अनिता कुंभकार ने बताया कि क्वारेंटाइन सेंटर में खाना के साथ ही हमारे स्वास्थ्य की सुरक्षा का ख्याल प्रशासन की और से रखा जा रहा है। सेनेटरी नैपकिन मिलने से हमें बहुत खुशी हैं और इसके लिए हम प्रशासन को धन्यवाद देते हैं। इस दौरान ग्राम करमदा की सरपंच श्रीमती सावन बघेल, महिला कमांडो सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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पुलिस ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के मामले में सिमगा ब्लाक के नायब तहसीलदार को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि नायब तहसीलदार पीड़िता के साथ 7 साल तक शादी का झांसा देकर लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा। इस मामले में जानकारी देते हुए थाना प्रभारी बेमेतरा राजेश मिश्रा ने बताया कि प्रार्थिया पीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। थाना दाढ़ी की रहने वाली युवती ने सिटी कोतवाली में मामले की शिकायत की थी। उसने बताया था कि युवराज साहू नामक युवक साल 2015 से 19मई 2020 तक लगातार शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाता रहा।

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पीड़िता साल 2015 के पहले बेमेतरा में पढ़ाई कर रही थी। साल 2015 के पहले युवराज साहू शिक्षाकर्मी के पद पर जिला बेमेतरा के ग्राम बालसमुंद और सिंघौरी में पदस्थ था। साल 2019 में युवराज साहू का नायब तहसीलदार के पद पर चयन होने से उसकी पोस्टिंग सिमगा जिला बलौदाबाजार में हुई। इसी बीच उसने सगाई कर ली और इसकी जानकारी छिपाई। उसने तब भी शादी का झांसा देकर 5 साल तक शारीरिक शोषण किया। इस रिपोर्ट पर धारा 376, 376, 2, भादवि 3-2, एससीएसटी एक्ट कायम कर विवेचना में लिया गया। आरोपी की पतासाजी की गई और 27 मई को उसे सुपेला थाना भखारा जिला धमतरी से गिरफ्तार किया गया। आरोपी को न्यायालय बेमेतरा में पेश किया गया।

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जिले के धनोरा थाना के हाटचपई जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुआ है। जवानों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर नक्सलियों को जवाब दिया है। मुठभेड़ खत्म होने के बाद जवानों ने घटनास्थल से भारी मात्रा में नक्सली सामान बरामद किया है। यह घटना कोंडागांव जिले के धनोरा थाना क्षेत्र की है, जहां थाना प्रभारी आर्म्स एम्युनेशन के साथ नक्सली क्षेत्र के क्वारेंटाईन सेन्टर फुन्डेर, बाड़ागांव एवं बडे़ ओड़गांव चेंकिग के लिए रवाना हुए थे। चेकिंग दौरान तुर्की, हाटचपई होते हुए वापस धनोरा आ रहे थे तभी हाटचपई जंगल के पास पहले से घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने पुलिस पार्टी को जान से मारने एवं हथियार लूटने की नीयत से फायरिंग कर दी।

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पुलिस पार्टी ने भी जवाबी कार्यवाही करते हुए फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस पार्टी को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल की ओर भाग गये। पुलिस पार्टी ने फायरिंग रूकने के बाद घटनास्थल का सर्चिंग की। सर्चिंग करने पर स्टील का गंज, प्लास्टिक जरकीन, टेंट, मैग्जीन पोच, नक्सली वर्दी, मेनपेक सेट का चार्जर, नक्सली साहित्य एवं अन्य दैनिक उपयोगी की सामग्री बरामद हुआ। अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ थाना धनोरा में धारा 147, 148, 149, 307 भादवि 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

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