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detail news only from Chhattishgarh ,dated: २८ अगस्त २०२०

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छत्तीसगढ़ के नवीन विधानसभा भवन का भूमिपूजन 29 अगस्त को दोपहर 12 बजे सांसद श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री राहुल गांधी द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर अटल नगर में विधानसभा का नवीन भवन बनेगा। भूमिपूजन कार्यक्रम मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय कार्य मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडावी सहित मंत्रियों, सांसदों, संसदीय सचिवों और विधायकों की गरिमामय उपस्थिति में निर्माण स्थल पर संपन्न होगा।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के नवीन विधानसभा भवन का निर्माण महानदी एवं इन्द्रावती भवन के मध्य के पीछे 51 एकड़ भूमि पर किया जाएगा। नवीन भवन 52 हजार 497 वर्ग मीटर में होगा। भवन में विधायकों की बैठक क्षमता के अनुरूप सदन का निर्माण एवं अध्यक्षीय दीर्घा, अधिकारी दीर्घा, प्रतिष्ठित दर्शक दीर्घा, पत्रकार दीर्घा एवं दर्शक दीर्घा का निर्माण किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों, नेता प्रतिपक्ष एवं उपाध्यक्ष और मुख्य सचिव तथा विधानसभा के प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य सचिव के लिए कक्ष, मीटिंग हॉल एवं स्टाफ कक्षों का निर्माण किया जाएगा। नवीन भवन में विभिन्न समिति कक्षों का निर्माण, पुस्तकालय, एलोपैथिक, होम्योपैथिक एवं आयुर्वेदिक औषधालय, पोस्ट ऑफिस, रेल्वे रिजर्वेशन काऊंटर एवं बैंक के लिए भी कक्षों का निर्माण होगा। विधानसभा के चारों ओर सड़क निर्माण, वृक्षारोपण सहित सौर्न्दीयकरण का कार्य किया जाएगा।

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स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर जानकारी दी है। आज 1025 मामलों की पुष्टि हुई है।वहीं, आज 502 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है और 6 कोरोना संक्रमित की मौत हो गई।प्रदेश में आज रायपुर से 343, दुर्ग से 104, सरगुजा से 62, राजनांदगांव से 61, जांजगीर से चांपा से 48, महासमुंद से 44, बिलासपुर से 43, बस्तर से 40, बलौदाबाजार से 31, मुंगेली से 28, बेमेतरा से 27, रायगढ़ से 24, धमतरी से 19, सुकमा से 19, नारायणपुर से 18, कोरिया से 16, बीजापुर से 14, बालोद से 14, कवर्धा से 12, कांकेर से 12, सुराजपुर से 9, जशपुर से 09, गरियाबंद से 07, कोरबा से 06, बलरामपुर से 06, कोंडागांव से 05, दंतेवाड़ा से 02 और अन्य राज्य से 01 नए मरीज की पुष्टि हुई है।







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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सत्ता के मद और अंहकार में डूबी मोदी सरकार द्वारा करोना महामारी के बावजूद जेईई और एनईईटी परीक्षा आयोजित कर लाखों का जीवन खतरे में डालने के खिलाफ कांग्रेस का राजधानी रायपुर में धरना और प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना दिया गया। बरसते पानी में कांग्रेसजनों ने जमकर नारेबाजी की और मोदी सरकार के छात्र विरोधी रवैये के खिलाफ प्रदर्शन किया। बिहार और असम में बाढ़ के बावजूद घोर लापरवाही और छात्रों की मांग की अनदेखी के खिलाफ कांग्रेसजनों ने मोदी सरकार से मांग की है कि वे अपनी घमंड से बाहर आकर छात्रहित में इन परीक्षाओं को स्थगित करने की छात्रों की मांगों की सुनवाई करें। लाखों छात्रों के जीवन से करोना महामारी के समय खिलवाड़ न करें और एनईईटी, जेईई की परीक्षा तत्काल स्थगित की जाये। कांग्रेस ने छात्रों की मांगों के समर्थन में पूरे देश में और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित सभी जिला मुख्यालयों में धरना दिया।

आज के धरना प्रदर्शन में पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष उधो राम वर्मा, ब्लाक अध्यक्ष सहदेव व्यवहार, रायपुर ब्लाक अध्यक्ष सुमीत दास, जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मोहन लाल वर्मा, ब्लाक अध्यक्ष माधव साहू, बिरगांव ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष नंद लाल देवांगन, तिल्दा ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष देवेन्द्र वर्मा, तिल्दा शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुनील सोनी, झुग्गी झोपड़ी के प्रदेश उपाध्यक्ष सय्यैद असरफ, अभनपुर ब्लाक कांग्रेस कमेटी महामंत्री फतीश साहू, ब्लाक अध्यक्ष टिकेन्द्र बघेल, शब्बीर खान, रमेश्वर विश्वकर्मा, ब्लाक अध्यक्ष देवकुमार साहू, अभिषेक अवधिया, पार्षद ऋषि बारले, मुरली साहू सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे।

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जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ अतिवृष्टि आदि से बचाव के लिए जिला स्तर पर जिला कार्यालय बिलासपुर के कक्ष क्रं 25 में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जिसका दूरभाष नंबर 07752-251000 है। राहत शाखा प्रभारी श्री मनोज केसरिया, डिप्टी कलेक्टर को बाढ़ नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी है। जिनका मोबाईल नंबर 94242-28958 है। सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख श्री दुष्यंत कीर्तिमान कौशले बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी है। जिनका मोबाईल नंबर 97536-46986 है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष में बाढ़ या अतिवृष्टि से हानि संबंधित सूचना दी जा सकती है।


बाढ़ नियंत्रण 24 घंटे कार्य करेगा
बाढ़ नियंत्रण 24 घंटे कार्य करेगा यह बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करेगा। जिसके लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। प्रतिदिन सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक श्री राजेश तम्बोली सहायक गे्रड-3 सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बिलासपुर, राघेवन्द्र कुमार दुबे सहायक गे्रड-3 कार्यपालन अभियंता खारंग जल संसाधन संभाग बिलासपुर, अशोक यादव भृत्य कार्यपालन अभियंता सेतु निर्माण विभाग बिलासपुर, गौरीशंकर दुबे भृत्य, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बिलासपुर कक्ष में उपस्थित रहेंगे।

इसी तरह प्रतिदिन दोपहर 2 से रात्रि 10 बजे तक श्री आर.ए.द्विवेदी सहायक गे्रड-3 कार्यपालन अभियंता लोकनिर्माण विभाग बिलासपुर, श्री उमाशंकर तिवारी सहायक ग्रेड-3 मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना ग्रामीण विकास संभाग बिलासपुर, तिरथराम पठारी भृत्य कार्यपालन अभियंता खारंग जल संसाधन संभाग बिलासपुर और बाबूलाल यादव भृत्य कार्यपालन अभियंता खारंग जल संसाधन संभाग बिलासपुर कक्ष में उपस्थित रहेंगे।

प्रतिदिन रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अजय कुमार श्रीवास सहायक ग्रेड-3 सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बिलासपुर, तिलक राम कश्यप सहायक ग्रेड-3 कार्यपालन अभियंता खारंग जल संसाधन संभाग बिलासपुर, दीपक प्रधान भृत्य मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग बिलासपुर, राम सिंह राज भृत्य सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बिलासपुर, पिताम्बर पटेल सहायक ग्रेड-3 कार्यपालन अभियंता खारंग जल संसाधन संभाग बिलासपुर और बसंत पाण्डेय भृत्य कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग बिलासपुर कक्ष में उपस्थ्ति रहेंगे।

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दो दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते जलभराव वाले क्षेत्रों की स्थिति देखने कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे आज शिवनाथ नदी एवं अन्य महत्वपूर्ण नालों के नजदीक बसे गांवों में पहुंचे। सबसे पहले वे महमरा एनीकट पहुंचे। सुबह दस बजे का समय था, उस समय महमरा एनीकट में शिवनाथ का जलस्तर साढ़े आठ फीट ऊपर चल रहा था। यह स्तर शाम को छह बजे साढ़े दस फीट तक पहुंच चुका था। जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मोंगरा, घूमरिया एवं सूखा नाला जलाशय से लगभग साढे चैवालीस हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। महमरा एनीकट के किनारे के तीन गांवों महमरा, पीपरछेड़ी एवं चंगोरी में स्थिति का जायजा कलेक्टर ने लिया। इसके बाद वे धमधा ब्लाक के गांवों में गए। यहां आमनेर नदी की वजह से छह गांवों का संपर्क टूट चुका है। कलेक्टर ने यहां पहुंचकर उन गांवों की स्थिति की जानकारी ली। स्थानीय अमले ने बताया कि फोन पर उस गांव के अमले से वे लगातार संपर्क में है। कलेक्टर देउरकोना पहुंचे और यहां स्थिति की जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने तुमाखुर्द में भी स्थिति की जानकारी ली। यहां पर पानी बढ़ जाने की वजह से निकटवर्ती गांवों से संपर्क टूट गया है। कलेक्टर ने यहां स्थित होमगार्ड के जवानों को स्थिति पर नजर रखने एवं किसी भी को पुल पार करने का जोखिम नहीं लेने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने एसडीएम श्री बृजेश क्षत्रिय को कहा कि स्थिति पर लगातार नजर रखे। जहां कहीं भी रेस्क्यू की जरूरत होती है टीम को तैयार रखें। श्री क्षत्रिय ने बताया कि एहतियातन कुछ गांवों में लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है। जैसे अकोला में सोलह लोगों को सुरक्षित स्थान में ठहराया गया है। हिर्री में घर टूट जाने की वजह से दो परिवारों को आश्रय स्थल में ठहराया गया। तीनों ब्लाॅकों में 217 मकानों में क्षति पहुंची है।

दुर्ग और पाटन ब्लाॅक में भी स्थिति नियंत्रण में- दुर्ग और पाटन ब्लाॅक में भी खासी बारिश हुई है। पाटन में एसडीएम श्री विनय पोयाम ने बताया कि छोटे नाले उफान पर हैं। जमराव में कुछ परिवारों को एहतियात के रूप में सुरक्षित स्थान में भेज दिया गया है। एसडीएम दुर्ग श्री खेमलाल वर्मा ने बताया कि दुर्ग में शंकर नगर नाले में कुछ परिवार प्रभावित हुए हैं जिन्हें कल शाम से ही फूड पैकेट भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही वार्ड नंबर 15 के 20 लोगों को श्रमिक भवन में ठहराया गया है।

गौठानों में तैयार कर लिये गए नये वर्मी टैंक भी देखे- कलेक्टर ने सेवती और हल्का में गौठान का निरीक्षण भी किया। यहां उन्होंने नये तैयार किये गये वर्मी टैंक भी देखे। स्वसहायता समूह की महिलाओं ने कलेक्टर को बताया कि किस तरह वे तकनीकी रूप से वर्मी कंपोस्ट तैयार कर रही हैं। महिलाओं ने बताया कि वर्मी टैंकों में केंचुए छोड़ दिये गए हैं। कलेक्टर ने गौठान समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों को पूरी मेहनत कर योजना को सफल बनाने कहा ताकि गांवों के लोगों को तेजी से आर्थिक अवसर उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि वर्मी कंपोस्ट का जितना अच्छा गुणवत्तापूर्वक उत्पादन होगा, गौठान समितियों की आय उतनी ही बढ़ेगी। इससे गौठान समितियां गोधन संवर्धन के लिए अनेक कदम उठा सकती है। उन्होंने सीईओ को निर्देश दिये कि जिस तरह मुर्गी शेड एवं मत्स्यपालन के लिए गौठानों में कार्य किया जा रहा है। उसी प्रकार से अन्य रोजगारमूलक गतिविधियों को भी गौठानों में बढ़ाया जाए।

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विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर स्थित विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में छत्तीसगढ़ विधानसभा की शोध पत्रिका ‘विधायन‘ के नवीनतम अंक का विमोचन किया। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल एवं विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री चंद्रशेखर गंगराड़े भी उपस्थित थे। विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विधानसभा पर केन्द्रित वृत्तचित्र (Documentary Film) का भी विमोचन करते हुए इसकी डी.वी.डी. जारी की।

उल्लेखनीय है कि अविभाजित मध्यप्रदेश में शोध पत्रिका ‘विधायनी‘ का प्रकाशन होता था। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात छत्तीसगढ़ विधानसभा में ‘विधायन‘ नाम से पत्रिका का प्रकाशन वर्ष 2001 से प्रारंभ हुआ। विगत 10 वर्षों से इस पत्रिका का प्रकाशन स्थगित था। पिछले 1 वर्ष से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की रुचि, निर्देश एवं मार्गदर्शन पर अब नियमित रूप से ‘विधायन‘ के प्रकाशन का कार्य प्रारंभ किया गया है।

‘विधायन‘ के जिस अंक का आज विमोचन किया गया है। वह ‘पर्यावरण‘ पर केंद्रित है। वर्तमान समय में विश्वव्यापी महामारी कोरोना ने पूरे विश्व को झकझोर दिया है। ये संकट प्रकृति एवं पर्यावरण के साथ मानव द्वारा लंबे समय तक की जाने वाली लापरवाही एवं छेड़छाड़ का परिणाम है। इसेे ध्यान में रखते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने ‘विधायन‘ का वर्तमान अंक ‘पर्यावरण‘ पर केंद्रित करने हेतु निर्देशित किया था। इस पत्रिका के नियमित प्रकाशन हेतु संपादक मंडल का गठन किया गया है। इस अंक में पर्यावरण प्रदूषण, ओजोन परत एवं ग्रीनहाउस जैसे विषयों पर देश भर के वरिष्ठ विशेषज्ञों के उच्च स्तरीय लेख प्रकाशित किए गए हैं। इस पत्रिका में प्रकाशित होने वाले लेख संदर्भ एवं शोध करने वाले छात्रों के लिए लाभदायक होंगे।

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नीति आयोग ने छत्तीसगढ़ राज्य की एक बार फिर सराहना की है। नीति आयोग ने प्रदेश के नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल आकांक्षी जिला नारायणपुर के नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में जिला प्रशासन एवं गाँव के शिक्षित युवक-युवतियों की सामुदायिक सहायता से संचालित ’पढ़ई तुंहर दुआर’ योजना की सराहना की है। यहां सामुदायिक भवन और घर के बरामदे में कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। नीति आयोग ने नारायणपुर जिले में राज्य शासन की पढ़ई तुंहर दुआर योजनांतर्गत कोरोना काल में बच्चों तक शिक्षा पहुचाने की प्रशंसा करते हुए इसे अपने अधिकारिक ट्विटर हेण्डल से ट्वीट किया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल से कोरोना की इस विषम परिस्थिति में भी बच्चों तक सुलभ और सुचारू शिक्षा के लिए ऑनलाईन शिक्षा व्यवस्था के रूप में ’पढई तंुहर दुआर’ जैसी महत्वाकांक्षी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत प्रदेश के करीब 22 लाख छात्र-छात्राएं और करीब 2 लाख शिक्षक अध्ययन-अध्यापन से जुड़े हुए हैं।

इस अभियान की सफलता में कई चुनौतियां भी है, मसलन एन्ड्राइड मोबाइल, मोबाइल डाटा आदि की उपलब्धता। घर में ये साधन हो भी तो बच्चों के लिए इनकी उपलब्धता और सबसे बड़ी बात समाज और अभिभावकों की सहभागिता। राज्य शासन द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के अतिरिक्त शिक्षकों के द्वारा समुदाय की सहभागिता से कई नवाचार भी वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में किए गए हैं, इसमें गांव और मोहल्ले में समुदाय की सहायता से बच्चो की सीखने की व्यवस्था, लाउडस्पीकर तथा बुलटू के बोल के माध्यम से पढ़ाई की व्यवस्था की गई है, ताकि बच्चों को ऑनलाइन के बिना भी आसानी से सुचारू शिक्षा उपलब्ध हो सके। पढ़ई तुंहर दुआर योजनांतर्गत बहेबीववसण्पद पोर्टल पर नारायणपुर जिले के 5930 विद्यार्थी एवं 1380 शिक्षक पंजीकृत हैं। वही पारा-मोहल्ला तथा लाउड स्पीकर से संचालित कक्षा में 4299 विद्यार्थियों को सुचारू शिक्षा प्रदान की जा रही है।

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पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम अंतर्गत दंतेवाड़ा जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बचेली की व्याख्याता डॉ. तरूणा सिंह ने सीजी स्कूल डाट इन पोर्टल में हमारे नायक में स्थान प्राप्त कर दंतेवाड़ा जिले को गौरवान्वित किया है। वे विद्यार्थी हित को ध्यान में रखते हुए निःस्वार्थ भाव से सभी नवाचारी गतिविधि के साथ वर्चुअल क्लास का संचालन कर रही हैं। अभी तक वे 90 ऑनलाइन कक्षा का संचालन कर चुकी हैं। बच्चे इनके साथ जिस किसी भी विधि से जुड़ते हैं ये बच्चों को पढ़ाने के लिए तत्पर रहती हैं। बच्चों के शंका-समाधान को अपने तरीके से निपटाने के लिए मिस्ड कॉल गुरूजी विधि का उपयोग कर रही हैं।

सुदूर क्षेत्र दन्तेवाड़ा जिले की व्याख्याता डॉ. तरूणा सिंह का मुख्य उद्देश्य किसी भी तरह से इच्छुक विद्यार्थीयों तक पाठ्यक्रम को पहुंचाना है। देशभर में लॉकडाउन होने की जानकारी मिलते ही स्कूलों का संचालन बंद हो गया था। वही डॉ तरूणा सिंह मार्च माह से ही बच्चों को व्हाट्सएप के द्वारा अध्यापन कार्य कराते आ रही हैं। लगातार ऑनलाइन वर्चुअल क्लास लेना जिसमें बच्चों को अपने वाई-फाई से जोड़कर अध्यापन कराना साथ ही सीजी स्कूल डॉट इन की वेबसाइट में कार्य करना सिखाना प्रारंभ करने लगी। अपने घर, स्कूल और आसपास मोहल्ले के बच्चों को छोटे-छोटे ग्रुप में एकत्रित कर अध्यापन कराती है। पुराने विद्यार्थियों को शिक्षा सारथी के रूप में प्रेरित कर प्रतिदिन 1 घंटे की कक्षा लेने के लिए सहयोग प्रदान करने का कार्य कर रहें हैं। दूरस्थ स्थानों के विद्यार्थियों हेतु संकट निवारण हेतु मिस्ड कॉल गुरूजी विधि तथा पढाई मोहल्ला का प्रयोग कर रही हैं, जिसमें उनके विद्यालय के बाहर के बच्चे भी इनके साथ शामिल हो रहे हैं। अपनी कक्षाओं के दौरान सामाजिक दूरियों तथा सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा जाता है। अभी तक इनकी मोहल्ला कक्षा में 25-30 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं।

डॉ. तरूणा सिंह के प्रयासों से ही शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बचेली में संस्कृत विषय को भाषा के रूप में उच्चतर कक्षा के लिए पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इनके द्वारा लिखी गई लेखन कविता, काव्य पाठ का राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर प्रकाशन हो चुका है। डॉ. सिंह स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा प्रांरभ किए गए ऑनलाइन पढ़ाई की सराहना करते हुए दूरस्थ अचंलों में रहने वाले विद्यार्थियों को जिला प्रशासन के द्वारा किए जा रहे नवाचार ज्ञान गंगा का उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है। ज्ञान गंगा जिले के 90 पंचायतों में लगा हुआ हैं, जो बिना नेटवर्क के वाई-फाई से मोबाइल में कनेक्ट होता है और इसमें कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों को पाठ्यक्रम पढ़ने मिलता है। ज्ञान गंगा जिले के उन बच्चों के लिए लाभदायक है जिनके पास नेटवर्क नहीं है।

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छ्त्तीसगढ़ में कई संगठन और अभिभावक समय-समय पर अशासकीय विद्यालयों में फीस वृद्धि का विरोध करते रहे हैं. अब स्कूलों में फीस तय करने अभिभावक की समिति बनाई जाएगी वही निजी स्कूल में फीस तय करेगी.इसको लेकर विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनिमयन विधेयक 2020 बहुमत से पारित हो गया.शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने कहा पालकों की शिकायतों को दूर करने और फीस को नियंत्रित करने विधेयक लाया गया है. फिर पर नियंत्रण रखने 3 समिति बनाई जाएगी. एक समिति स्कूल स्तर पर, एक समिति जिला स्तर पर और एक समिति राज्य स्तर पर बनाई जाएगी.


स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने कहा कि कमेटी समिति में क्लेक्टर द्वारा नामांकित नोडल सदस्य प्रायमरी, मिडिल, हाई स्कूल के स्कूल से नामांकित दो-दो सदस्य होंगे. निजी स्कूलों की सबसे कम फीस पंजाब में है उसे भी आधार बनाया गया है. विद्यालय समिति फीस बढ़ाने की अनुशंसा जिला समिति को करेगी. नियमों का उल्लंघन करने वाले विद्यालय के प्रथम उल्लंघन पर 50 हजार, फीस लेने की राशि का 2 गुना, दूसरी गलती पर 1 लाख जुर्माना, तीसरे उल्लंघन पर लिए गए फीस का 4 गुना जुर्माना लगेगा. सीएम ने कहा विद्यालय के विवादों पर भी समिति निर्णय करेगी.


निजी स्कूलों की बेतहाशा फीस पर लगाम लगाने की मांग को प्रीती उपाध्याय की याचिका पर हाई कोर्ट ने शासन को दिया था आदेश
इसके पहले राजधानी रायपुर की पूर्व बैंकर प्रीति उपाध्याय ने ट्यूशन फीस के नाम पर मोटी फीस वसूली करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिस पर २७ अगस्त को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.कोर्ट ने जवाब देने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया है.समाचार लिखे जाने तक प्रशासन की तरफ से कोर्ट में क्या जवाब दाखिल किया गया है इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है ..याचिकाकर्ता प्रीति उपाध्याय ने अपनी याचिका में एक कमेटी के गठन की मांग उठाई थी,जो निजी स्कूलों की फीस वसूली पर नजर रखेगी और तय करेगी कि निजी स्कूलों को कितनी फीस वसूल करनी है. याचिका में ट्यूशन फीस को परिभाषित करने की भी मांग उठाई गई थी.

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निजी स्कूलों द्वारा लिए जाने वाले ट्यूशन फीस को लेकर पालक संघ और छात्र की ओर से लगाई गई याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है
हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर 9 जुलाई को फैसला दिया था, जिसमें लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों को पालकों से ट्यूशन फीस लेने की इजाजत दी गई थी. पालको को सिर्फ ट्यूशन फीस देना है। निजी स्कूलों को फीस नही देने की बात कहना मा. उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 9 जुलाई 2020 का उल्लघंन है। लेकिन इस आदेश का अपने तरीके से व्याख्या करते हुए फीस वसूली किए जाने की बात कहते हुए छात्र सिद्धांत डांगी की ओर से अधिवक्ता सूर्या कवलकर डांगी ने पुनर्विचार याचिका और छत्तीसगढ़ छात्र पालक संघ ने अधिवक्ता सुदीप जौहरी के माध्यम से हस्तक्षेप आवेदन लगाया गया था.

बता दें, लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने निजी स्कूलों कि फीस वसूली पर रोक लगा दी थी, जिसके खिलाफ निजी स्कूलों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. स्कूलों की ओर से तर्क दिया गया था कि अगर उन्हें फीस लेने की अनुमति नहीं मिलेगी तो वे अपने कर्मचारियों और शिक्षकों का वेतन कैसे भुगतान करेंगे. निजी स्कूलों ने कहा था कि उन्हें कम से कम ट्यूशन फीस लेने की अनुमति हाईकोर्ट प्रदान करें.निजी स्कूलों की इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए तब उच्च न्यायालय ने राहत देते हुए उन्हें ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दे दी थी, लेकिन परिजनों का आरोप है कि अब इसी आदेश के आड़ में निजी स्कूलों ने उच्च न्यायालय के आदेश पर पालकों को गुमराह करते हुए मोटी फीस वसूली शुरू कर दी है.

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