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detail news only from Chhattishgarh ,dated: २८ अक्टूबर २०२०

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छत्तीसगढ़ विधानसभा की विशेष सत्र का मकसद पूरा हो गया है, सरकार की ओर से कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 पेश किया है। इस पर विपक्ष के कई सवाल और सरकार को तंज मिल रहे हैं। लेकिन सत्ता पक्ष बहुमत के आगे विपक्ष का यह तेवर फीका पड़ने वाला है, कैबिनेट में मंत्री मंडल की मंजूरी के बाद यह संसोधित विधेयक पेश हुआ है, जिसे पारित होना ही है।

छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 के सदन में पेश होने के बाद बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा है “किसानों के मुद्दों पर ये विशेष सत्र बुलाया है। सरकार ने 1 दिसम्बर से धान खरीदी का वक़्त तय किया है यदि सरकार ने 1 नवम्बर से धान खरीदी शुरू नहीं की जाएगी तो किसानों को सुखत का नुकसान उठाना पड़ेगा।

विधायक नारायण चंदेल ने कहा कि केंद्र ने 60 लाख मीट्रिक टन लेने को कहा है तो हम सरकार से मांग करते है कि प्रति एकड़ 15 की जगह 20 क्विंटल धान खरीदा जाए।

अजय चंद्राकर ने कहा कि तथाकथित रूप से 2500 रुपये प्रति क्विंटल किसानों को दे रहे हैं, तथाकथित इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि केवल दो ही क़िस्त किसानों को दिया गया है। किसानों की हित की बात कर रहे हैं तो एक नवंबर से धान खरीदी क्यों नहीं की जा रही है? विशेष सत्र में ही इसकी घोषणा की जानी चाहिए।

वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस सत्र को किसानों के हित के लिए बुलाया गया है, धान की कटाई शुरू हो चुकी है।

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पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि किसानों का धान आना शुरू हो गया है। 15 सालों तक किसानों की आदत थी कि धान खेत से सीधे सोसायटी ले जाता था। लोग घरों में धान नहीं रखते थे। किसानों से 1 नवम्बर से ही धान खरीदी की व्यवस्था होनी चाहिए, प्रति एकड़ 20 क्विंटल खरीदी की जाए। हम ये मांग करते हैं कि इस सत्र में ही सरकार ये कानून लेकर आये कि किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जाए और यह खरीदी एक नवंबर से हो।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि 2500 रुपये आज भी किसानों के खाते में नहीं गए हैं और इस साल की खरीदी शुरू हो रही है। किसानों की यह स्थिति नहीं है कि अक्टूबर में धान काटने के बाद उसे दिसम्बर तक रोक कर रख सके। इस बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित हुई।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर तंज कसा कि 9 महीने में बच्चा बाहर आ जाता है लेकिन सरकार न्याय योजना का पैसा किसानों को दे नहीं पाई।

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छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में आज छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने इस विधेयक पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस संशोधन विधेयक का कोई भी प्रावधान केन्द्र के कानून का उल्लंघन नहीं करता है। हम केन्द्रीय कानूनों का अतिक्रमण नहीं कर रहे हैं। इस संशोधन विधेयक के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों और अधिकारों की रक्षा हो सकेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था कृषि पर आधारित है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के नए कानूनों से कृषि व्यवस्था में पूंजीपतियों का नियंत्रण बढ़ने के साथ ही महंगाई बढ़ने, समर्थन मूल्य में धान खरीदी और सार्वभौम पीडीएस प्रणाली के प्रभावित होने की आशंका है। छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक से किसानों गरीबों, मजदूरों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा सकेगी।
    
    कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने चर्चा के दौरान इस संशोधन विधेयक के उद्देश्य और कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रदेश में 80 प्रतिशत लघु एवं सीमांत कृषक हैं। लघु एवं सीमांत कृषकों की कृषि उपज भण्डारण तथा मोल-भाव की क्षमता नहीं होने से, बाजार मूल्य के उतार-चढ़ाव तथा भुगतान की जोखिम को दृष्टिगत रखते हुए, उनकी उपज की गुणवत्ता के आधार पर सही कीमत, सही तौल तथा समय पर भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु डीम्ड मंडी तथा इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म की स्थापना किया जाना कृषक हित में आवश्यक हो गया है।

विधानसभा में पारित छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक, 2020 एक नजर में

    छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 को और संशोधित करने हेतु विधेयक। भारत गणराज्य के इकहत्तरवें वर्ष में छत्तीसगढ़ विधान मण्डल द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो- 

संक्षिप्त नाम, विस्तार तथा प्रारंभ

1. (1) यह अधिनियम छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) अधिनियम 2020 कहलाएगा। 
  (2) इसका विस्तार संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में होगा। 
  (3) यह दिनांक 5 जून 2020 से भूतलक्षी प्रभाव से प्रवृत्त होगा।

धारा दो का संशोधन

2. छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 (क्र.24 सन 1973) (जो इसमें इसके पश्चात मूल अधिनियम के रूप में निर्दिष्ट है) की धारा 2 की उपधारा (1) में,-

(एक) खण्ड (क) के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाए अर्थात,- 

(क) ’कृषि उपज’ से अभिप्रेत है कृषि, उद्यान कृषि, पशुपालन, मधुमक्खीपालन, मत्स्यपालन या वन संबंधी समस्त उत्पादन, चाहे वह प्रसंस्कृत या विनिर्मित हो या न हो, जो कि अनुसूची में विनिर्दिष्ट है,‘
(दो) खण्ड (छ) के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाए अर्थात,-
(छ) मण्डी/डीम्ड मंडी से अभिप्रेत है धारा 4 के अधीन स्थापित की गई मण्डी/डीम्ड मंडी,‘ 

धारा चार का संशोधन

3. मूल अधिनियम की धारा 4 के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाए अर्थात,-
4. मण्डी/डीम्ड मंडी की स्थापना तथा उसमें अधिसूचित कृषि उपज के विपणन का विनियम- (1) धारा 3 के अधीन जारी की गई अधिसूचना में विनिर्दिष्ट की गई कालावधि का अवसान होने के पश्चात और ऐसी आपत्तियों तथा सुझावों पर, जो ऐसे अवसान के पूर्व प्राप्त हुए हो, विचार करने के पश्चात तथा ऐसी जांच, यदि कोई हो, जो आवश्यक हो, करने के पश्चात, राज्य सरकार, अन्य अधिसूचना द्वारा धारा 3 के अधीन अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए गए क्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए, इस अधिनियम के प्रयोजन के लिए अनुसूची में विनिर्दिष्ट की गई कृषि उपज के संबंध में मण्डी स्थापित कर सकेगी और इस प्रकार स्थापित की गई मण्डी ऐसे नाम से जानी जाएगी, जो कि उस अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किया जाए।

(2) राज्य सरकार, अन्य अधिसूचना द्वारा, इस अधिनियम के प्रयोजन के लिए, अनुसूची में विनिर्दिष्ट की गई कृषि उपज के क्रय-विक्रय, प्रसंस्करण या विनिर्माण, कोल्ड स्टोरेज, साइलोज, भण्डागार, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग तथा लेन-देन प्लेटफार्म और ऐसे अन्य स्थान अथवा संरचनाओं को, डीम्ड मंडी घोषित/स्थापित कर सकेगी, जो कि उपधारा (1) के अधीन स्थापित मंडी की डीम्ड मंडी के नाम से जानी जाएगी। डीम्ड मंडी स्थापित किए जाने हेतु धारा 3 की उपधारा (1) एवं (2) के प्रावधान लागू नहीं होंगे‘। 

धारा 19 का संशोधन

4. मूल अधिनियम की धारा 19 की उपधारा (1) के खण्ड (दो) के पश्चात निम्नलिखित जोड़ा जाए अर्थात,-
(तीन) अधिसूचित कृषि उपज, चाहे वे राज्य के भीतर से या राज्य के बाहर से किसी मंडी प्रांगण या उप मंडी प्रांगण या विशेष वस्तु मंडी प्रांगण या टर्मिनल मार्केट कॉम्प्लेक्स या डीम्ड मंडी में विक्रय के लिए लाई गई हो, के विक्रय या वितरण और प्रसंस्करण तथा विनिर्माण में उपयोग में लाए जाने पर या प्रसंस्करण तथा विनिर्माण के पश्चात विक्रय किए जाने पर’

नवीन धारा 20-क का अन्तःस्थापन

5. मूल अधिनियम की धारा 20 के पश्चात निम्नलिखित अंतःस्थापित किया जाए, अर्थात
‘20-क कृषक/विक्रेता हित संरक्षण की दृष्टि से लेखे पेश करने हेतु आदेश देेने की शक्ति और प्रवेश, निरीक्षण तथा अभिग्रहण की शक्तियां-
(1) मण्डी समिति का सचिव या बोर्ड या मण्डी समिति का कोई भी अधिकारी या सेवक, जो सक्षम प्राधिकारी द्वारा सशक्त किया गया हो तथा इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित अधिकारी या सेवक, किसी ऐसे व्यक्ति से, जो किसी भी किस्म की अधिसूचित कृषि उपज का व्यापार करता हो, विक्रेता/कृषक से, क्रय कृषि उपज के संबंध में, यह अपेक्षा कर सकेगा कि अधिसूचित कृषि उपज के क्रय विक्रय से संबंधित लेखे, तथा अन्य दस्तावेज या प्रारूप, जैसा कि अधिसूचना द्वारा विहित किया जाए, संधारित करे और कोई ऐसी जानकारी दे, जो ऐसी कृषि उपज के क्रय, विक्रय तथा परिदान से संबंधित हो। 

(2) किसी अधिसूचित कृषि उपज के व्यापार के संबंध में अधिसूचना के अनुसार संधारित समस्त लेखे तथा रजिस्टर और ऐसी कृषि उपज के क्रयों, विक्रयों तथा परिदानों से संबंधित दस्तावेज, प्रारूप, जो उसके कब्जे में हो, और ऐसे व्यक्ति के कार्यालय, व्यापार के स्थान, भण्डागार, स्थापना, प्रसंस्करण या विनिर्माण इकाई या वाहनों का निरीक्षण, मण्डी समिति या बोर्ड के सचिव या मंडी समिति के किसी अधिकारी या सेवक तथा राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में अधिसूचित अधिकारी या सेवक के द्वारा किया जा सकेगा। 

(3) यदि किसी ऐसे अधिकारी या सेवक के पास यह संदेह करने का कारण हो कि कोई व्यक्ति निर्धारित प्रारूप में लेखे एवं दस्तावेज प्रारूप संधारित नहीं करता या मिथ्या लेखे संधारित कर रहा है, तो वह कारणों को लेखबद्ध करते हुए, ऐसे व्यक्ति के ऐसे लेखे, रजिस्टर या दस्तावेज, प्रारूप तथा अधिसूचित कृषि उपज जैसा कि आवश्यक हो, अभिग्रहित कर सकेगा तथा उनके लिए एक रसीद देगा और उन्हें तब तक रखे रहेगा, जब तक कि वे उनकी परीक्षा के लिए या अभियोजन के लिए आवश्यक हो।

(4) उप धारा (2) या उपधारा (3) के प्रयोजनों के लिए ऐसा अधिकारी या सेवक किसी भी व्यापार के स्थान, भण्डागार, कार्यालय, स्थापना, गोदाम, प्रसंस्करण या विनिर्माण इकाई या वाहन में, जिसके संबंध में ऐसे अधिकारी या सेवक के पास यह विश्वास करने का कारण हो कि उनमें ऐसा व्यक्ति अपने व्यापार के लेखे, रजिस्टर या दस्तावेज, प्रारूप या अपने व्यापार के संबंध में अधिसूचित कृषि उपज के स्टॉक रखता है या तत्समय रखा है, प्रवेश कर सकेगा या तलाशी ले सकेगा।

(5) दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का सं. 2) की धारा 100 के उपबन्ध, यथाशक्य उपधारा (4) के अधीन तलाशी के लिए लागू होंगे।

(6) जहां कोई लेखा पुस्तकें या अन्य दस्तावेज, प्रारूप किसी स्थान से अभिग्रहित की जाए और उनमें ऐसी प्रविष्टयां हो जो विक्रेता/कृषक से क्रय अधिसूचित कृषि उपज के परिमाण (मात्रा), क्रय करार, दरों, तौल तथा भुगतान से संबंधित हों, वहां ऐसी लेखा पुस्तकें या अन्य दस्तावेज, प्रारूप उन्हें साबित करने के लिए, साक्षी के उपसंजात हुए बिना ही, साक्ष्य के रूप में ग्रहण की जाएगी और ऐसी प्रविष्टियां, उन मामलों में, संव्यवहारों तथा लेखाओं की, जिनका कि उनमें अभिलिखित होना तात्पर्यित हैं, प्रथम दृष्टया साक्ष्य होगी। 

(7) अधिसूचित कृषि उपज के क्रय-विक्रय से संबंधित लेखा पुस्तकें या अन्य दस्तावेज, प्रारूप मिथ्या पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध तथा अभिग्रहित अधिसूचित कृषि उपज के लिए मंडी समिति के सचिव या राज्य सरकार या बोर्ड या मण्डी समिति के कोई भी अधिकारी या सेवक, जिसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस संबंध में प्राधिकृत किया गया हो, के द्वारा वाद दायर किया जा सकेगा। 

धारा 36 का संशोधन

6. मूल अधिनियम की धारा 36 के पश्चात निम्नलिखित जोड़ा जाए अर्थात,-
36-क. इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म - (1) राज्य सरकार, अधिसूचित कृषि उपज के विक्रय में कृषक/विक्रेता को अपने उत्पाद को स्थानीय मंडी के साथ-साथ प्रदेश की अन्य मंडियों तथा अन्य राज्यों के व्यापारियों को गुणवत्ता के आधार पर पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से विक्रय कर बेहतर कीमत प्राप्त करने तथा समय पर आनलाईन भुगतान हेतु इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म की स्थापना कर सकेगी।

(2) इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म में अधिसूचित कृषि उपज के पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया तथा आनलाईन भुगतान राज्य सरकार द्वारा विहित प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा। 

धारा 49 का संशोधन

7. मूल अधिनियम की धारा 49 की उप धारा (4) के पश्चात निम्नलिखित जोड़ा जाए अर्थात,-
‘(4-क) यदि कोई व्यक्ति, जिसे अधिसूचित कृषि उपज के क्रय एवं विक्रय से संबंधित लेखा पुस्तिका या अन्य दस्तावेज, प्रारूप के संबंध में जानकारी देने के लिए धारा 20-क के अधीन अपेक्षित किया जाए।
(क) कोई जानकारी देने में जानबूझकर उपेक्षा करेगा या कोई जानकारी देने से इंकार करेगा या 
(ख) मिथ्या जानकारी या जानबूझकर मिथ्या जानकारी देगा, या 
(ग) लेखा-पुस्तकें या अन्य दस्तावेज, प्रारूप में संधारित मात्रा से अधिक या कम अधिसूचित कृषि उपज रखता हो, तो वह दोष सिद्धि पर कारावास से, जिसकी अवधि 3 मास तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो पांच हजार रूपए तक का हो सकेगा या दोनों से, दण्डित किया जाएगा तथा पश्चातवर्ती उल्लंघन की दशा में, कारावास से, जो 6 मास तक का हो सकेगा या जुर्माने से जो दस हजार रूपए तक का हो सकेगा या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।‘     

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भारतीय रेलवे द्वारा किसानों की मदद करने तथा देश भर में कृषि उत्पादों की तेज ढुलाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किसान रेल चलाई जा रही है | किसान रेल द्वारा कृषि उत्पाद देश के एक कोने से दूसरे कोने तक आसानी से व न्यूनतम भाड़े के साथ पहुंचाई जा रही है । किसान रेल एक सुरक्षित, विश्वसनीय और तेज परिवहन प्रदान करता है जो किसानों और कारोबारियों के लिए उनके उत्पादों की अच्छी कीमत दिलाने में भी मददगार साबित हो रहा है |

इसी संदर्भ में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा दिनांक 28 अक्टूबर 2020 को नागपुर मंडल के छिंदवाड़ा स्टेशन से हावड़ा स्टेशन तक 18 कोचों के संयोजन के साथ किसान स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है जो महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ ,बिहार व पश्चिम बंगाल राज्यों को जोड़ेगी। वापसी में यह गाड़ी 29 अक्टूबर 2020 को हावड़ा स्टेशन से छिंदवाड़ा स्टेशन के लिए रवाना होगी | किसानों के हित में चलाई जा रही इस किसान रेल में सब्जी व फल के परिवहन के भाड़े में 50 फीसदी की रियायत दी जा रही है | किसानों व व्यापारियों के साथ बैठक कर उन्हें विस्तृत जानकारी दे रहे हैं साथ ही किसान रेल के माध्यम से सब्जी व फल के परिवहन हेतु उन्हें प्रेरित कर रहे हैं |

इस सुविधा से किसान कम लागत पर अपने उपज नए संभावित मार्केट तक भेज सकेंगे, जिससे वे आर्थिक रूप से लाभान्वित होंगे | किसान रेल के माध्यम से सब्जी व फल का परिवहन करने वाले किसान अथवा व्यापारी रायपुर, दुर्ग पार्सल आफिस या मुख्य वाणिज्य निरीक्षक पार्सल से मुख्य पार्सल सुपरवाइजर रायपुर 9752877967 एवं चीफ पार्सल सुपरवाइजर दुर्ग से 9109112682 से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

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गाड़ी संख्या 00883 किसान रेल छिंदवाड़ा से 28 अक्टूबर 2020 को 05.00 बजे प्रस्थान करेगी तथा सौसर आगमन 06.25 बजे प्रस्थान 06.55 बजे, सावनेर आगमन 07.25 बजे प्रस्थान 07.55 बजे, इतवारी आगमन 09.00 बजे प्रस्थान 13.00 बजे, गोंदिया आगमन 14.55 बजे प्रस्थान 15.15 बजे, राजनांदगाँव आगमन 16.35 बजे प्रस्थान 16.45 बजे, दुर्ग आगमन 17.25 बजे प्रस्थान 17.45 बजे, रायपुर आगमन 18.25 बजे प्रस्थान 18.45 बजे, बिलासपुर आगमन 20.40 बजे प्रस्थान 21.00 बजे, चांपा आगमन 22.05 बजे प्रस्थान 22.15 बजे, रायगढ़ आगमन 23.10 बजे प्रस्थान 23.30 बजे, झारसुगुड़ा दूसरे दिन आगमन 01.00 बजे प्रस्थान 01.20 बजे, राउरकेला आगमन 02.40 बजे प्रस्थान 03.10 बजे, चक्रधरपुर आगमन 04.30 बजे प्रस्थान 04.40 बजे, टाटानगर आगमन 05.40 बजे प्रस्थान 06.10 बजे, खड़गपुर आगमन 08.40 बजे तथा 09.10 बजे प्रस्थान कर हावड़ा 12.00 बजे पहुंचेगी।

इसी प्रकार वापसी में गाड़ी संख्या 00884 किसान रेल हावड़ा से 29 अक्टूबर 2020 को 15.00 बजे प्रस्थान करेगी तथा खड़गपुर आगमन 17.30 बजे प्रस्थान 18.00 बजे, टाटानगर आगमन 20.30 बजे प्रस्थान 21.00 बजे, चक्रधरपुर आगमन 22.00 बजे प्रस्थान 22.10 बजे, राउरकेला आगमन 23.25 बजे प्रस्थान 23.55 बजे, झारसुगुड़ा दूसरे दिन आगमन 01.30 बजे प्रस्थान 01.50 बजे, रायगढ़ आगमन 03.20 बजे प्रस्थान 03.40 बजे, चांपा आगमन 04.40 बजे प्रस्थान 04.50 बजे, बिलासपुर आगमन 05.50 बजे प्रस्थान 06.10 बजे, रायपुर आगमन 08.00 बजे प्रस्थान 08.20 बजे, दुर्ग आगमन 09.00 बजे प्रस्थान 09.20 बजे, राजनांदगाँव आगमन 09.55 बजे प्रस्थान 10.05 बजे, गोंदिया आगमन 11.20 बजे प्रस्थान 11.30 बजे, इतवारी आगमन 13.30 बजे प्रस्थान 14.30 बजे, सावनेर आगमन 15.45 बजे प्रस्थान 16.00 बजे, सौसर आगमन 16.30 बजे प्रस्थान 16.45 बजे तथा 18.30 बजे छिंदवाड़ा पहुंचेगी | इस गाड़ी में इन सभी स्टेशनों पर किसान / व्यापारी अपना पार्सल चढ़ा व उतार सकेंगे ।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने राजा महेन्द्र बहादुर सिंह के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुये कहा है कि महेंद्र बहादुर सिंह को जब राज्य गठन हुआ था तब प्रोटेम स्पीकर बनाए गए थे। वे अनेक बार जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुये और विभिन्न पदों पर रहे। फिंगेश्वर, सरायपाली, बसना क्षेत्र से उनका अटूट संबंध रहा और पूरे छत्तीसगढ़ के लोग उनके प्रति अगाध श्रद्धा रखते हैं। कांग्रेस परिवार राजा महेंद्र बहादुर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करता हैं। दुख की इस घड़ी में हम सभी कांग्रेस जन परिवार के साथ हैं। भगवान से प्रार्थना करते हैं राजा महेंद्र बहादुर सिंह को हम सब श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनकी शांति के लिए परिवारजनों को इस दुख की सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिये ईश्वर से हम प्रार्थना करते हैं।

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राजा महेन्द्र बहादुर सिंह के निधन पर कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, महामंत्री प्रशासन रवि घोष, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला, राजेंद्र तिवारी सदस्य, रमेश वर्ल्यानी सदस्य, आर.पी. सिंह सदस्य, सुरेंद्र शर्मा सदस्य, सुशील आनंद शुक्ला सदस्य, किरणमयी नायक सदस्य, विभोर सिंह सदस्य, रउफ कुरैशी सदस्य, विकास दुबे सदस्य, संदीप साहू सदस्य, नितिन भंसाली सदस्य, अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव सदस्य, इंजीनियर अमित यदु सदस्य, क्रांति बंजारे सदस्य, नीना रावतिया सदस्य, अधिवक्ता मोहन निषाद सदस्य ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

राजा महेन्द्र बहादुर सिंह के निधन पर प्रदेश प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, धनंजय ठाकुर, विकास तिवारी, मोहम्मद असलम, एडवोकेट सुरेंद्र वर्मा, एम.ए. इकबाल, वंदना राजपूत, आलोक दुबे जगदलपुर, अभय नारायण राय बिलासपुर, जनार्दन त्रिपाठी सरगुजा, कमलजीत पिंटू राजनांदगांव, कृष्णकुमार मरकाम धमतरी, स्वपनिल मिश्रा, प्रकाशमणि वैष्णव, अंशुल मिश्रा ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल बुधवार 28 अक्टूबर को जगदलपुर के लालबाग में झीरम शहीद मेमोरियल भवन की आधारशिला रखेंगे। मुख्यमंत्री जगदलपुर प्रवास के दौरान बस्तर संभाग को 562 करोड़ 77 लाख रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात देंगे। श्री बघेल यहां विश्वप्रसिद्ध बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार कार्यक्रम में शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल निर्धारित दौरा कार्यक्रम के अनुसार 28 अक्टूबर को राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड से पूर्वान्ह 11.45 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर 12.50 बजे जगदलपुर पहुंचेंगे और सिरहासार भवन में आयोजित मुरिया दरबार कार्यक्रम में शामिल होंगे। दोपहर 2 बजे झीरम घाटी शहीद मेमोरियल भवन का भूमिपूजन और अन्य विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे। कार्यक्रम के बाद श्री बघेल शाम 4.05 बजे रायपुर लौट आएंगे।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जगदलपुर के लालबाग में झीरम शहीद मेमोरियल भवन की आधारशिला रखेंगे। यह स्मारक लगभग दो करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। श्री बघेल बस्तर संभाग को 562 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात भी देंगे। इनमें 196 करोड़ 76 लाख रुपए से अधिक के 58 विकास कार्यों का लोकार्पण और 360 करोड़ 89 लाख रुपए से अधिक के 224 विकास कार्यों के भूमिपूजन शामिल है। कार्यक्रम में श्री बघेल 82 हजार 235 हितग्राहियों को 512 लाख रुपए से अधिक के हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण करेंगे।

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मुख्यमंत्री बस्तर संभाग के जिन कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे उनमें बस्तर जिले में 35 करोड़ 15 लाख रुपए के 18 विकास कार्यों का लोकार्पण और 104 करोड़ 48 लाख से अधिक राशि के 31 कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। इसके साथ ही दंतेवाड़ा के 161 करोड़ 60 लाख रुपए से अधिक के 140 विकास कार्यों का लोकार्पण और 107 करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक के 125 कार्यों, कांकेर जिले के 69 करोड़ 33 लाख रुपए से अधिक के 33 कार्य, कोंडागांव जिले के 35 करोड़ 72 लाख रुपए से अधिक के 18 कार्य, सुकमा जिले के 39 करोड़ 26 लाख रुपए से अधिक के 15 कार्य और नारायणपुर जिले के 4 करोड़ 39 लाख रुपए से अधिक के एक विकास कार्य का भूमिपूजन शामिल है।

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विजय दशमी को भीतर रैनी पर रथ परिक्रमा के बाद रात्रि को चुराई गई रथ की वापसी कुम्हड़ाकोट में नवाखानी के बाद हुई। उल्लेखनीय है कि विश्वप्रसिद्ध बस्तर दशहरा में कोड़ेनार-किलेपाल क्षेत्र के माड़िया जनजाति के युवाओं द्वारा विजय रथ को माता के छत्र के साथ चुराने की परम्परा है, जिसे कुम्हड़ाकोट के जंगल में छुपाया जाता है। मंगलवार को उसी विजय रथ को वापस लेने के लिए आश्विन शुक्ल एकादशी पर राजपरिवार, बस्तर दशहरा समिति, माझी, मुखिया, चालकी, नाइक, पाइक, देवी, देवता कुम्हड़ाकोट के जंगल पूरे लाव-लश्कर के साथ पहुंचे।

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यहां विधिवत माता के छत्र की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर माटी पुजारी श्री कमल चंद्र भंजदेव, बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष श्री दीपक बैज, राजपरिवार के सदस्यों ने नए चावल की खीर खाई। इस अवसर पर खीर का वितरण प्रसाद के रूप में किया गया और नवाखानी की रस्म निभाई गई। इसके बाद हर्षोल्लास के साथ विजय रथ के वापसी व बाहर रैनी पूजा विधान पूरी की गई।

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बीजेपी नेता श्रीचंद्र सुंदरानी के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व पार्षद राकेश धोतरे ने सोशल मीडिया में टिप्पणी कर दी। पूर्व पार्षद की टिप्पणी से नाराज होकर भाजुयमो ने सिविल लाइन थाना पहुंचकर पूर्व पार्षद की शिकायत की। भाजयुमो ने 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार की मांग की है। शिकायत के दौरान भाजयुमो नेता ने पुलिस को सोशल मीडिया में सुंदरानी के खिलाफ पूर्व पार्षद द्वारा अपलोड किए गए वीडियो की क्लिप भी दी है।

भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुन्दरानी ने कहा कि मेरे चरित्र हनन का प्रयास किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन यदि एफआईआर दर्ज कर उचित कार्यवाही नहीं करती तो वे न्यायालय जाएंगे। भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुन्दरानी ने राकेश धोतरे पर 2 करोड़ का मानहानी का दावा करने की बात कहीं हैं। भाजयुमो के जिला अध्यक्ष राजेश पांडेय ने कहा कि कांग्रेस नेता राकेश धोतरे द्वारा सोशल मीडिया में हमारे नेता के लिए जिस प्रकार से अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया गया हैं, यह कांग्रेस नेता के चरित्र व दूषित मानसिकता को दर्शाता हैं।

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शिकायत करने के दौरान पार्षद रोहित साहू, सचिन मेघानी, अमित मैशेरी, विजय जयसिंघानी, चंद्रेश शाह, उमेश घोरमोड़े, अमरजीत छाबड़ा, तुषार चोपड़ा, रितेश सहारे, अकबर अली, अर्चना शुक्ला, राजकुमार राठी, राजीव मिश्रा, दलविंदर बेदी, राहुल राय, आशीष आहूजा, अर्पित सूर्यवंशी, विशाल पांडेय, विशेष विद्रोही, मोहन होतवानी, संभव शाह, रियाज अहमद, असगर अली, दीपक भारद्वाज, भारत कुंडे, सोनू यादव, गोपाल साहू, तरुण गुप्ता, आकाश तिवारी, अनुराग साहू, योगी साहू, गोविंदा गुप्ता, हरिओम साहू, कुणाल मोरयानी सहित बड़ी संख्या में भाजयुमो कार्यकर्ता मौजूद थे।

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आज मिले कोरोना मरीजों में से कोरबा- 223, रायगढ़- 206, जांजगीर-चांपा- 184, रायपुर- 177, राजनांदगांव- 149, दुर्ग- 107, कांकेर- 100, बलौदाबाजार- 83, बिलासपुर- 73, धमतरी- 68, सूरजपुर- 66, दंतेवाड़ा- 58, बालोद- 55, सुकमा- 53, कोंडागांव- 52, महासमुंद- 50, बेमेतरा- 46, कवर्धा- 47, सरगुजा- 40, कोरिया- 40, गरियाबंद- 37, बस्तर- 32, बीजापुर- 32, मुंगेली- 20, जशपुर- 18, बलरामपुर- 13, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- 5, नारायणपुर- 4 और अन्य- 8 शामिल हैं।






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छत्तीसगढ़ में बिलासपुर में गोवा से संचालित हो रहे आईपीएल सट्टा पर बिलासपुर पुलिस की टीम ने छापा मारकर 5 सटोरियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से एक करोड़ की सट्टा पर्ची बरामद हुई है। गोवा से पुलिस ने दयालबंद बिलासपुर निवासी राजेश गांधी व अमन गांधी और कटनी निवासी महेंद्र पटेल को गिरफ्तार किया। उनके पास से 50 लाख की सट्टा पर्ची बरामद हुई। पुलिस को जानकारी मिली की शहर के कुछ लोग राज्य के बाहर जाकर क्रिकेट सट्टा का संचालन कर रहे हैं, जानकारी पर बिलासपुर पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने अधिकारीयों को मामले में आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की विशेष टीम बनाने के निर्देश दिए.एसपी के आदेश पर उपनिरीक्षक मनोज नाइक के नेतृत्व में एक सयुंक्त टीम गठित की गई. फिर जानकारी जुटाते हुए पुलिस टीम गोवा पहुंची. वहां पहुंचकर टीम ने घेराबंदी कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया.

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गोवा में रेड मारने के दौरान ही बिलासपुर पुलिस की टीम को जानकारी मिली कि गोवा में सट्टा खिलाने वाले कुछ लोग वहां से भागकर दुर्ग में छुपे हैँ. सूचना के आधार पर पुलिस ने दुर्ग के देवांगन लाज में छिपे दो लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाई की जा रही है. पकड़े गए आरोपियों में दयालबंद के राजेश गाँधी, दयालबंद के ही अमन गाँधी, कटनी के महेन्द्र पटेल, सरकंडा के राजा बजाज और सरकंडा के ही महेश कमलानी का नाम शामिल है.पकड़े गए सभी आरोपियों के पास से 54 हजार रुपए, 50-50 लाख रुपए की सट्‌टा पर्ची, 7 मोबाइल और एलईडी टीवी जब्त की है।

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जिले में आगामी 23 नवम्बर से 18 दिसंबर तक जैपेनीज इन्सेफ्लायटिस टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में एक साल से 15 साल तक की उम्र के दो लाख 57 हजार 160 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। आज इस संबंध में कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टीकाकरण कार्यबल की बैठक आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में समय सीमा के बैठक के बाद रखी गई। बैठक में कलेक्टर ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा शिक्षा विभाग को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित किया कि अभियान के तहत शत्-प्रतिशत लक्षित बच्चे लाभान्वित हों, इसके लिए वे ब्लॉक स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारियों की बैठक लेना सुनिश्चित करेंगे।

इस अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग का दायित्व होगा कि आंगनबाड़ी आने वाले छः साल तक के सभी बच्चों का टीकाकरण हो, यह सुनिश्चित करें। इसी तरह जिला शिक्षा अधिकारी, स्कूलों में आने वाले छः से 15 साल तक के सभी बच्चों का टीकाकरण कराना सुनिश्चित करेंगे। वहीं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों का दायित्व होगा कि वे सभी एक साल से 15 साल तक के आउट ऑफ स्कूल के बच्चों को लक्षित कर उनका टीकाकरण कराएं। वहीं नगरीय निकायों में आयुक्त तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे अभियान को सफल बनाने में पूरा सहयोग करें। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में यह अभियान धमतरी सहित बस्तर, बीजापुर, दन्तेवाड़ा और कोण्डागांव जिले में चलाया जाएगा। चार सप्ताह तक चलने वाले इस टीकाकरण अभियान के तहत कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.डी.के.तुर्रे को निर्देशित किया है कि वे प्रति सप्ताह प्रगति रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्होंने इस अभियान में ए.एन.एम., मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्कूल के शिक्षकों की ड्यूटी लगाने कहा है। साथ ही निर्देशित किया है कि अभियान शुरू होने से पहले इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए, जिससे कि लोगों को जैपेनीज इन्सेफ्लायटिस बीमारी के संबंध में जानकारी देकर जागरूक किया जा सके तथा टीकाकरण में उनका शत्-प्रतिशत सहयोग प्राप्त हो।

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इस मौके पर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.बी.के.साहू ने बताया कि यह एक प्रकार का वायरल इन्सेफ्लायटिस (मस्तिष्क ज्वर) है। फ्लैवि वायरस नामक विषाणु इंसानी शरीर को प्रभावित करती है। इस वायरस को क्यूलेसक्स मच्छर की प्रजातियां इंसानों में फैलाती हैं। संक्रमित मच्छर के काटने से यह बीमारी मलेरिया की तरह फैलती है तथा घरेलू पालतू जानवारों में भी यह विषाणु पाए जाते हैं। मुख्य तौर पर यह बीमारी एक साल से 15 साल तक की उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। इस बीमारी से 24 से 48 प्रतिशत बच्चों की मृत्यु की संभावना तथा जटिलता होने पर 70 प्रतिशत बच्चों में मस्तिष्कीय विकलांगता हो सकती है। इसके नियंत्रण के दो प्रमुख उपायों में पहला ’प्रभावी मच्छर नियंत्रण कार्यक्रम’ तथा दूसरा बचाव के लिए टीकाकरण है। प्रदेश में यह अभियान धमतरी सहित चार अन्य जिलों में चलाया जा रहा है। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती नम्रता गांधी, वनमण्डलाधिकारी श्री अमिताभ बाजपेयी, अपर कलेक्टर श्री दिलीप अग्रवाल सहित जिला टास्क फोर्स समिति के सदस्य और वीडियो कॉन्फ्रंेस के जरिए ब्लॉक स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे।

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छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में पीएचई विभाग में पदस्थ एक SDO पर युवती ने बलात्कार का आरोप लगाया है | एसडीओ ने युवती को पढ़ाने-लिखाने के नाम पर घर पर रखा था। पीड़िता ने अजाक थाने में एसडीओ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पीड़िता के मुताबिक एसडीओ करीब एक साल तक उससे दुष्कर्म कर रहा था।मध्यप्रदेश निवासी 60 वर्षीय एनआर कुरैशी अंबिकापुर में पीएचई विभाग में एसडीओ के पद पर पदस्थ है। वह अंबिकापुर में ही रहता है। उसने वर्ष 2016 में 24 वर्षीय एक युवती को घर का काम करने व पढ़ाने-लिखाने के नाम पर अपने घर में रखा था। इसी बीच उसकी नीयत बिगड़ गई और नौकरी लगवाने व बैंक खाते खुलवा देने का लालच देकर उससे बलात्कार करता था। वह अप्रैल 2017 तक युवती को झांसा देकर जबरन उसका शोषण करता रहा | इसके बाद युवती परेशान होकर वहां से अपने घर भाग गई थी।

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एसडीओ द्वारा बार-बार पीड़िता को धमकी दी जाती थी। इस डर से उसने घटना के संबंध में किसी को जानकारी नहीं दी थी। इसके बाद उसने किसी तरह हिम्मत जुटा कर घटना के संबंध में परिजन को जानकारी दी। इसके बाद परिजन के साथ आजाक थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस आरोपी पीएचई विभाग के एसडीओ एनआर कुरैशी के खिलाफ धारा 376 (2) (ख) आईपीसी 376 (2) (एन), 3(2)(वी), 313 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

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