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detail news only from Chhattishgarh ,dated: ३१ जुलाई २०२०

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ केन्द्रीय कोयला मंत्री श्री प्रहलाद जोशी की आज यहां मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ में कोयला उत्पादन एवं खान के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने बैठक में एलीफेंट कॉरीडोर तथा सघन वन क्षेत्रों में स्थित कोयला खदानों को कोल ब्लॉक्स की आगामी नीलामी से अलग रखने का प्रस्ताव रखते हुए इन खदानों के स्थान पर राज्य में स्थित अन्य कोयला क्षेत्रों को चिन्हित करने का सुझाव रखा, जिस पर केन्द्रीय कोयला मंत्री श्री जोशी ने सहमति व्यक्त की।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वर्ष 2014 के पूर्व सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार उद्योगपतियों द्वारा एडीशनल लेवी के रूप में जमा की गई 4140 करोड़ रूपए की राशि, जो केन्द्र सरकार के पास जमा है। उसे राज्य को देने की मांग की। जिस पर केन्द्रीय कोयला मंत्री ने सहमति व्यक्त करते हुए यह बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में उक्त राशि के डिस्पोजल हेतु आवेदन लगाया गया है, उसके आधार पर जल्द ही निर्णय लिया जायेगा। बैठक में मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉस प्रकरण में दिए गए निर्णय अनुसार जुर्माने की राशि 10 हजार 129 करोड़ रूपए राज्य को देने की मांग रखी। श्री बघेल ने गारे पेल्मा खदानों में एसईसीएल को तत्काल उत्पादन बढ़ाने हेतु निर्देशित करने, साथ ही कोयला खदानों में जमा पानी का उपयोग जनहित में पेयजल एवं सिंचाई प्रयोजन के लिए करने, खनन प्रक्रिया समाप्ति पश्चात् अनुपयोगी जमीन राज्य को वापस करने तथा फ्लाई-ऐश के डिस्पोजल हेतु एसईसीएल की बंद पड़ी खदानों के संबंध में त्वरित कार्यवाही की मांग रखी। जिस पर केन्द्रीय मंत्री द्वारा सीएमपीडीआईएल, एसईसीएल और राज्य के अधिकारियों का संयुक्त दल गठन कर तत्काल निर्णय लेने पर सहमति व्यक्त की गई।

मुख्यमंत्री द्वारा बैठक में रखे गए छत्तीसगढ़ के स्थानीय लघु उद्योगों को कोयला उपलब्ध कराने हेतु एक निश्चित मात्रा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर चेयरमेन कोल इण्डिया द्वारा सहमति व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को एजेंसी नियुक्त करने हेतु आग्रह किया गया। जिसके माध्यम से कोयला राज्य के लघु उद्योगों को उपलब्ध कराया जा सकेगा। केन्द्र सरकार के खान मंत्रालय से संबंधित विषयों पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार द्वारा लौह अयस्क की रॉयल्टी दरों में संशोधन करने के संबंध में भी आग्रह किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल एक्सप्लोरेशन मिनरल ट्रस्ट (एनएमईटी) मद में छत्तीसगढ़ राज्य ने लगभग 300 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार के पास जमा किए हैं। श्री बघेल ने इस राशि के उपयोग हेतु राज्य सरकारों को खनिज अन्वेषण हेतु खनिजों का चयन करने की अधिकारिता देने तथा इस राशि के उपयोग हेतु नियमों के सरलीकरण करने की ओर केन्द्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया, जिस पर केन्द्रीय मंत्री श्री जोशी द्वारा सहमति दी गई। भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के सचिव द्वारा दिए गए प्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि भारत में लगभग 150 बिलियन टन कोयला के भंडार होने के बावजूद देश में कोयले का आयात आस्ट्रेलिया, इण्डोनेशिया एवं अन्य देशों से किया जा रहा है। अतः देश में उपलब्ध कोयले के पर्याप्त दोहन हेतु सही प्लानिंग कर कोयले के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है।

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प्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश उपरांत देश में निरस्त किये गये 204 कोल ब्लॉक्स अंतर्गत राज्य के निरस्त किये गये 41 कोल ब्लॉक्स में से 16 कोल ब्लॉक्स पुनः आबंटित किये गये थे। जिसमें से वर्तमान में ऑपरेशनल 08 ब्लॉक्स को छोड़कर शेष कोल ब्लॉक्स में भी तत्काल खनन प्रारंभ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लंबित आवश्यक कार्यावाही तत्काल करने का अनुरोध केन्द्रीय अधिकारियों द्वारा किया गया। केन्द्रीय सचिव द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि राज्य में स्थित शासकीय उपक्रम एसईसीएल द्वारा भी आने वाले दो से चार वर्षों में कोयला उत्पादन बढ़ाया जाएगा, जिससे राज्य शासन को वर्तमान में कोयले से प्राप्त होने वाले राजस्व में दोगुना वृद्धि होगी। राज्य को लगभग 6000 करोड़ रूपए का राजस्व मिलेगा। इसके अतिरिक्त वर्ष 2023-24 तक कोल माईन्स स्पेशल प्रोविजन्स एक्ट (सीएमएसपी एक्ट) के तहत् वर्तमान में आबंटित तथा नवीन खदानों को मिलाकर लगभग 25 अन्य कोल खदानों से भी राज्य को 8700 करोड़ रूपए अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। इस प्रकार आगामी 04 से 05 वर्षों में राज्य को कोयले से प्राप्त होने वाला राजस्व लगभग 14 हजार 500 करोड़ रूपए होने की संभावना है। इन सभी कोयला खदानों से लगभग 02 लाख लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी प्राप्त होगा। इसके साथ ही आगामी चार सालों में राज्य के अंदर कोयले से संबंधित कोल अधोसंरचना विकास में लगभग 48 हजार 95 करोड़ का निवेश भी होगा।

बैठक में कोयला मंत्रालय के सचिव श्री अनिल कुमार जैन, कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमेन श्री प्रमोद अग्रवाल, एसईसीएल के सीएमडी श्री ए. पी. पण्डा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन श्री मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, खनिज विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., पीसीसीएफ श्री राकेश चतुर्वेदी और संचालक खनिज श्री समीर विश्नोई सहित केन्द्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़ में आज शाम तक 230 कोरोना मरीजों की पहचान हुई। 2 कोरोना संक्रमित मरीजों के मौत की खबर है।

आज जिन जिलों में नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है उनमें सबसे ज्यादा 132 मरीज रायपुर के हैं। आज कोंडागांव से 23, दुर्ग से 19, राजनांदगांव से 17, महासमुंद से 09, कोरबा से 06, बलरामपुर बस्तर बलौदाबाजार से 04.04, बिलासपुर से 03, जांजगीर से 02, दंतेवाड़ा जशपुर सूरजपुर सरगुजा गरियाबंद कांकेर व अन्य राज्यों से 01.01 संक्रमितों की पहचान हुई है। इन्हें प्रदेश के अलग अलग कोविड अस्पतालों में उपचार के लिए भर्ती कराया जा रहा है।

रायपुर में नगर पालिक निगम रायपुर अंतर्गत सताई बुटिक,याकूब पान ठेला के बाजू,बैरन बाजार ,ब्लॉक- के,रहेजा रेसीडेंसी , आई पी सिटी,सड्डू, विधानसभा , सर्वोदय नगर,पचपेड़ी नाका,एम दी कॉलोनी,हीरापुर,कबीर नगर, काशीराम नगर,तेलीबांधा ,पार्थिवी लुक कॉलोनी परिसर,आमानाका और राजीव आवास परिसर,गोलबाजार में एक नया कोरोना पॉजिटिव केस पाये जाने के फलस्वरुप उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है।

आज दुर्ग भिलाई में 5 पुरुष सेक्टर 1 हॉस्पिटल भिलाई से संक्रमित पाए गए, 1 महिला सुपेला से, 1 पुरुष कातुल बोर्ड से, 2 पुरुष नन्दिनी कुंदिनी ब्लॉक धमधा से, 1 व्यक्ति महाराणा प्रताप चौक सेक्टर 6 दुर्ग से,1 व्यक्ति आकाश गंगा सब्जी मार्केट भिलाई से, 1 व्यक्ति आंनद नगर भिलाई से, 1 व्यक्ति सेक्टर 2 स्ट्रीट 3 से, 1 महिला सेक्टर 2 से, 1 स्टाफ जिला अस्पताल से, 1 पुरुष एवं 1 महिला स्ट्रीट 28 सेक्टर 7 भिलाई से, 1 व्यक्ति बीएसफ कैम्प रिसाली होस्टल से और एक व्यक्ति निषाद सेवा समिति कैम्प पावर हाउस वार्ड क्रमांक 24 से संक्रमित पाया गया।

छत्तीसगढ़ महानदी भवन (मंत्रालय) में 5 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. जिसके बाद से मंत्रालय में हड़कंप मचा हुआ है. यहां तक कि सामान्य प्रशासन विभाग ने 3 अगस्त तक मंत्रालय और इंद्रावती भवन को बंद करने का आदेश दिया है. अब छत्तीसगढ़ मंत्रालय कर्मचारी संघ ने सभी कर्मचारियों की कोरोना टेस्ट कराने और बिल्डिंग को सेनेटाइज कर 7 अगस्त तक बंद रखने की मांग की है.

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छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रालय में कोरोना का मामला बढ़ने लगा है. मंत्रालय में 5 कर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मच गया है, जिसे लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने संज्ञान लिया है. बता दें कि पॉजिटिव आए मरीजों के सम्पर्क में आने वालों की सूची बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे कोरोना टेस्ट कराकर पहले अपना रिपोर्ट पेश करें और उसके बाद ही दफ्तर आएं. GAD में मिले 3 कोरोना संक्रमित के बाद विभाग ने 25 अधिकारियों-कर्मचारियों की लिस्ट जारी कर उन्हें कोरोना टेस्ट कराने का निर्देश दिए हैं. वहीं बिना टेस्ट रिपोर्ट के उन्हें मंत्रालय आने से मना किया गया है. इसी तरह GAD की तरफ से स्कूल शिक्षा विभाग के 11 कर्मचारियों और अधिकारियों को कोरोना टेस्ट कराकर रिपोर्ट पेश करने और उसके बाद ही दफ्तर आने का निर्देश दिया गया है.

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अधिकारियों-कर्मचारियों में कोरोना के संक्रमण के बाद राज्य सरकार ने 29 जुलाई से 6 अगस्त तक मंत्रालय और इंद्रावती भवन में कामकाज को बंद रखने का आदेश जारी किया था. दरअसल मंत्रालय के 5 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद संक्रमित कर्मचारियों के प्राइमरी कॉन्टैक्ट में आए 36 अधिकारी-कर्मचारी को कोरोना टेस्ट के बाद ही मंत्रालय आने को कहा गया है. सामान्य प्रशासन ने कहा है कि कर्मचारी खुद संज्ञान लेकर अपना कोरोना टेस्ट कराएं. सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि अधिकारी और कर्मचारी अपनी रिपोर्ट लेने के बाद ही कार्यालय पहुंचे.

वहीं अब कोरोना ने मंत्रियों के बंगले में भी अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बंगले में काम करने वाले 10 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. मंत्री टीएस सिंहदेव ने खुद इसकी जानकारी दी है. इससे पहले पीसीसी चीफ मोहन मरकाम का परिवार भी कोरोना की चपेट में आ चुका है.

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर 5 कोल ब्लॉक केंद्र सरकार द्वारा नीलामी से हटाए जाने की सहमति पर प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक मामले में छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य और छत्तीसगढ़ वासियों के हकों और हितों की बात को पुरजोर तरीके से रखा। इन पांच कोल ब्लॉकों के हटने से हसदेव के कैचमेंट एरिया में केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तावित उत्खनन से होने वाले पर्यावरण वन जीवन हसदेव और मांड नदी के कैचमेंट और इन क्षेत्रों में रहने वालों को होने वाले नुकसान पर रोक लगेगी। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने इन पांच प्रस्तावित कोल ब्लॉकों के कारण होने वाले विस्थापन और प्रदेश के नुकसान को रोकने को लेकर सहमति बनाने में सफलता प्राप्त की है। केंद्र सरकार के समक्ष कोयले की रॉयल्टी पर छत्तीसगढ़ राज्य के हितों और हकों को राज्य सरकार ने प्रभावी ढंग से सामने रखा।

कांग्रेश संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जंगल नदी नाले हमारे प्राकृतिक संसाधन है जिन पर छत्तीसगढ़ राज्य के किसान और जंगल में रहने वाले लोग अपने जीवनयापन के लिए बड़ी संख्या में निर्भर करते हैं। निश्चित रूप से लोहा कोयला का खनन आवश्यक है लेकिन इस खनन के साथ-साथ हमारे संसाधनों की रक्षा और उन संसाधनों पर अपनी आजीविका के लिए निर्भर छत्तीसगढ़ वासियों की हित रक्षा कैसे की जाती है , यह भूपेश बघेल सरकार ने दिखा दिया है।

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कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इन 5 ब्लॉकों की नीलामी रोकने की सहमति बनने से हसदेव नदी और मांड नदी के केचमेंट एरिया की रक्षा होगी और हाथी अभयारण्य बनने का मार्ग प्रशस्त होगा। हाथियों के प्राकृतिक आवास के इलाकों में बढी खनन गतिविधियों से छत्तीसगढ़ में हाथियों की आवाजाही बड़ी और राजधानी रायपुर के सीमा तक अब जंगली हाथी आने लगे हैं। विगत 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ में भाजपा की रमन सिंह सरकार ने हाथी अभयारण्य की दिशा में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए और छत्तीसगढ़ के किसानों को जंगल में रहने वालों को हाथियों के द्वारा कुचले जाने मारे जाने और उनकी फसल नष्ट होने की घटनाओं से 15 साल तक आंख मीच कर बैठी रही। आज की सहमति से स्पष्ट है कि भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ में हाथी अभयारण्य बनाने के लिए कितनी गंभीर है। हाथी अभयारण्य बनने से ही मैन एलीफेंट कनफ्लिक्ट की घटनाओं में कमी आएगी और छत्तीसगढ़ के बहुमूल्य जनजीवन के साथ-साथ फसलों की भी रक्षा हो सकेगी।

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छत्तीसगढ़ में अब कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए बेहतर इलाज का विकल्प तलाश कर लिया गया है, इसके तहत अब मरीजों को घर में ही रहने की अनुमति (होम आइसोलेशन) प्रदान की जाएगी, ऐसे मरीजों के घर के बाहर लोगों को सावधान करने के लिए लाल रंग का स्टीकर लगाया जाएगा और उन्हें घरपर ही उपचार सुविधाएँ दी जाएँगी |
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई इस योजना के संबंध में स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किया है, इसमें कम लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी, बशर्ते उनका घर 3bhk हो. इसके साथ ही कोरोना पर बेहतर निगरानी के लिए जिला स्तर पर 24×7 कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी |
साथ ही अलग-अलग जिलों के लिए होम आइसोलेशन की सुविधा के लिए संख्या भी तय कर दी गई है, इसके अलावा होम आइसोलेशन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया गया है, होम आइसोलेशन की सुविधा के साथ इन तमाम दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. होम आइसोलेशन के दौरान लगातार स्वास्थ्य विभाग के संपर्क में बना रहना होगा, और गंभीर लक्षण पाए जाने पर मरीज को अस्पताल भेजने की व्यवस्था भी करनी होगी |

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देखें आदेश प्रति






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कोरोना संक्रमण के चलते उद्यानिकी की खेती करने वाले कृषकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के दायरे को बढ़ाए जाने की घोषणा की गई है। इस स्कीम में आलू, प्याज, टमाटर के साथ अब विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों को भी शामिल किए जाने की घोषणा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तीसरे भाग में की गई है। इसके तहत अधिक उत्पादन वाले स्थान से कम उत्पादन वाले स्थान पर परिवहन हेतु 50 प्रतिशत परिवहन अनुदान तथा भण्डारण शीतगृह में योग्य फसलों के भण्डारण हेतु 50 प्रतिशत अनुदान का प्रस्ताव किया गया है।

ऑपरेशन ग्रीन स्कीम मुख्य रूप से टमाटर, प्याज और आलू के सामूहिक विकास से संबंधित है जिसके दो प्रमुख घटकों में पहला मूल्य का स्थिरीकरण एवं संतुलन (कम अवधि) एवं दूसरा सामूहिक श्रृंखला का विकास करना (लंबी अवधी) है। परन्तु कोरोना संक्रमण महामारी की वजह से यह श्रृंखला प्रभावित हुई है और किसान अपनी उपज बाजार में नहीं बेच पा रहे हैं। कृषकों को होने वाले आर्थिक नुकसान की क्षतिपूर्ति ही इस स्कीम के दायरे को बढ़ाने का उद्देश्य है। भारत शासन द्वारा जारी नए दिशा-निर्देश से लॉकडाउन की वजह से बाजार में सब्जियों एवं फलों की कम दर में ब्रिकी और पोस्ट हार्वेस्ट की हानि भरपाई हो सकेगी।

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ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के द्वारा योजना को टमाटर, प्याज और आलू से बढ़ाकर अब इसमें फलों में आम, केला, अमरूद, किवी, लीची, पपीता संतरा, अनानास, अनार एवं कटहल तथा सब्जियों में राजमा, करेला, बैंगन शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, भिण्डी को शामिल किया गया है। इस योजना में इसके अलावा अन्य फल एवं सब्जियों को भविष्य में कृषि मंत्रालय की अनुसंशा पर जोड़ा जा सकता है। यह योजना 11 दिसम्बर 2020 तक प्रभावी होगी आवश्यकता होने पर केंद्र शासन द्वारा अवधि बढ़ाई जा सकती है।

खाद्य प्रसंस्करण, किसान उत्पादक संगठन एवं किसान उत्पादक संस्था, सहकारी समिति, व्यक्तिगत कृषक, अनुज्ञप्ति धारक प्रतिनिधि, निर्यातक राज्य विपणन, रिटेल आदि जो फलों एवं सब्जियों के विपणन एवं प्रसंस्करण कार्य में लगे हुए हैं, उन्हें इस योजना के क्रियान्वयन हेतु पात्र संस्था घोषित किया गया है। आवेदक द्वारा सामग्री के परिवहन एवं भण्डारण करने के पूर्व पोर्टल https:/www.sampada-mofpi.gov.in/Login.aspx में पंजीकरण जरूरी है।

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कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के सख्त निर्देश के बाद जिले के खनिज अमले ने अवैध रेत उत्खनन के प्रकरणों पर कार्रवाई तेज कर दी है। कल आधी रात को खनिज विभाग के उड़नदस्ते ने राताखार के पास हसदेव नदी में अवैध रेत उत्खनन करते एक हाईवा और दो टैक्टरों को जप्त कर लिया है। हाईवा में 15 टन अवैध रूप से खोदी गई रेत भरी पाई गई है, वही दो टैक्टरो में तीन-तीन घन मीटर अवैध रेत जप्त की गई है। तीनो वाहनो को खनिज जांच नाका सेमीपाली उरगा में अभिरक्षा में खड़ा किया गया है। इसके साथ ही जप्तीनामा बनाकर हाईवा मालिक राजन सिंह और परिवहन कर्ता के विरूद्ध खान एवं खनिज अधिनियम की धारा 21-5 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कहा है कि ऐसी कार्रवाईयां आगे भी जारी रहेंगी। अवैध रेत खनन, डीजल-पेट्रोल चोरी के साथ-साथ कबाड़ का अवैध धंधा करने वालो पर प्रशासन की पैनी नजर है, और ऐसे अवैध धंधे करते पकड़े जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

खनिज विभाग के अमले ने अवैध रेत परिवहन के मामलो मे भी जांच तेज कर दी है। अमले ने राताखार, बरबसपुर, उरगा, बालको, सलिहाभाठा और पंडरीपानी क्षेत्रो में अपने दल सक्रिय कर दिये है। एक दिन में ही इन क्षेत्रो में 29 अवैध परिवहन के प्रकरण तैयार किए जा चुके है। अवैध भण्डारण पर भी विभाग ने चार मामलो मे कार्रवाई की है। इन सभी 33 मामलो में खनिज विभाग ने संबंधितो से तीन लाख 71 हजार रूपए से अधिक जुर्माना वसूल किया है।

कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व अमले ने भी रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर कार्रवाई तेज कर दी है। आज नायब तहसीलदार पवन कोसमा और सोनू अग्रवाल ने रेत का अवैध परिवहन करते एक टैªक्टर जप्त किया है। टैªक्टर तिलकेला निवासी राजकुमार गोस्वामी का बताया गया है। टैक्टर के चालक ने बताया कि ट्राली में भरी रेत बालको के ढेंगुरनाला से निकाली गई है। और वह उसे लेकर. रिस्दी जा रहा था। अवैध रूप से खोदी गई रेत भरकर ढेंगुरनाला से निकलते ही मेन रोड पर टैक्टर को दोनो नायब तहसीलदारो ने रोका और रेत संबंधी दस्तावेजो की मांग की। चालक द्वारा किसी भी प्रकार दस्तावेज प्रस्तुत नही करने पर रेत सहित टैक्टर ट्राली को जप्त कर बालको थाने के सुपुर्द किया गया है। इस संबंध मंे कार्रवाई के लिए जप्तीप्रकरण एसडीएम न्यायालय कोरबा में प्रस्तुत किया जाएगा।

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छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अंबेडकर हॉस्पिटल में सफाई कर्मियों ने समय पर खाना नहीं मिलने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. गुरुवार रात अस्पताल के बाहर ही सफाई कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए. जहां अंबेडकर हॉस्पिटल मैनेजमेंट के खिलाफ सफाईकर्मियों ने जमकर नारेबाजी की.नाराज सफाई कर्मी देर रात अपनी समस्या को लेकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनीत जैन के पास पहुंचे. इसके अलावा स्थिति संभालने के लिए पुलिस भी मौके पर पहुंची थी. सफाई कर्मियों का आरोप है कि उन्हें समय से नाश्ता और खाना नहीं दिया जा रहा है. वह सुबह से ही भूखे पेट काम कर रहे हैं, लेकिन शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है.

बता दें कि अंबेडकर अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में साफ सफाई करने वाले कर्मचारियों को मंगल भवन में ही रखा गया है. वे पिछले 1 महीने से अपने परिवार वालों से दूर रहकर काम कर रहे हैं. ऐसे में समय पर खाना नहीं देने और लापरवाही बरतने को लेकर प्रबंधन की लापरवाही साफ तौर पर जाहिर हो रही है . वहीं सफाई कर्मचारी संगठन ने भी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की मांग की है. अगर तय समय पर व्यवस्थाओं को दूर नहीं किया गया तो वे आंदोलन करेंगे.

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कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले में डीजल, कबाड़ चोरों और रेत मफियाओ के खिलाफ अब कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। कलेक्टर ने खाद्य, माइनिंग विभाग के अधिकारियों सहित सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को भी इन सभी मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर के निर्देश पर जिला खाद्य अधिकारी ने मोरगा हाइवे पर डीजल चोरी करते टेंकर चालक को पकड़ा है। खाद्य अधिकारी ने चोरी किए गए डीजल को खरीदने वाले व्यापारी के यहाँ भी छापेमार कार्रवाई की । मोरगा के व्यापारी सुनील अग्रवाल के यहाँ से चोरी का खरीदा हुआ बीस लीटर डीजल और डीजल रखने के लिए उपयोग होने वाली 44 खाली जरकीन सहित नाप लीटर भी बरामद किये है।पुरे प्रकरण को आगामी करवाई के लिए कलेक्टर न्यायालय में पेश किया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने डीजल-पेट्रोल चोरी, कबाड़ चोरी और अवैध रेत उत्खनन के विरूद्ध ऐसी कार्रवाईयां आगे भी जारी रखने की बात कही है। उन्होने आमजनो से भी ऐसी अवैधानिक गतिविधियों की जानकारी प्रशासन को समय पर देने की अपील की है।

जिला खाद्य अधिकारी आशीष चतुर्वेदी ने बताया कि गोपालपुर के आईओसीएल डिपो से डीजल और पेट्रोल लेकर निकलने वाले टैंकरो से अम्बिकापुर हाइवे पर डीजल चोरी की शिकायतें मिल रही थी। ऐसी ही एक शिकायत पर कल अम्बिकापुर हाईवे पर मोरगा में टैंकर क्रमांक सीजी-15 एसी 4367 केे चालक को डीजल चोरी करते पकड़ा गया है। टैंकर गोपालपुर के डिपो से डीजल और पेट्रोल लेकर वाड्राफ नगर के लिए निकला था। रास्ते में चालक ने टैंकर को मोरगा में सुनील अग्रवाल के फ्लाईएश ब्रिक्स बनाने के कारखाने परिसर में ले गया और पाईप से करीब 20 लीटर डीजल चोरी कर सुनील अग्रवाल को ही बेच रहा था। मौके पर पहुंची खाद्य विभाग की टीम ने टैंकर सहित चालक को रंगे हाथो पकड़कर टैंकर और चोरी किया गया डीजल जब्त कर लिया। मौके से टीम ने डीजल निकालने के लिए उपयोग में लाए गए पाईप को भी जब्त किया।

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जिला खाद्य अधिकारी ने इसके बाद सुनील अग्रवाल के ब्रिक्स प्लांट परिसर का भी निरीक्षण किया और खरीदे गए 20 लीटर डीजल सहित चोरी के डीजल पेट्रोल को रखने के लिए लगभग 44 अलग अलग नाप के खाली जरकीन भी जब्त किए। जब्त की गई जरकीनो में चोरी का लगभग एक हजार 100 लीटर डीजल-पेट्रोल रखा जा सकता है। जब्त टैंकर और अन्य सामान को अम्बिकापुर हाईवे पर चोटिया स्थित महामाया पेट्रोल पंप के परिसर में पेट्रोल पंप प्रबंधक की निगरानी में रखा गया है। खाद्य अधिकारी ने बताया कि पूरे प्रकरण को कलेक्टर न्यायालय मंे कार्रवाई के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है।

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