detail news only from Chhattishgarh ,dated: 3 May 2022



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अक्ती पर्व के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के खेत में ठाकुरदेवता की पूजा अर्चना कर खेती-किसानी के नये कामों की शुरुआत की और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने माटी पूजन के दौरान सबसे पहले कोठी से अन्न लेकर ठाकुर देव को अर्पित किया. यहाँ परम्परागत तौर पर उन्होंने अन्न के दोने को बैगा को सौंपा. इस अन्न को ठाकुर देव के सामने रखकर अन्न पूजा की क्रिया को सम्पन्न किया गया. इस अन्न दोने से बीजहा लेकर खेत में बीजारोपण किया जाएगा.धरती और प्रकृति की रक्षा करने के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ में माटी पूजन महाभियान की शुरुआत की। इसके अंतर्गत राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अक्ती तिहार के मौक़े पर माटी पूजन कर नई परम्परा की है शुरुआत की है







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मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अक्षय तृतीया के अवसर पर खेत में हल और ट्रेक्टर चलाकर बीजों का रोपण भी किया।







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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 4 मई से प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर आमजनों से भेंट-मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री इस दौरान प्रदेश की सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का जमीनी स्तर पर अवलोकन करेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल के भेंट मुलाकात दौरे को लेकर व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। मुख्यमंत्री का यह दौरा प्रदेश के सरगुजा संभाग से शुरू हो रहा है। इसके बाद वे बस्तर संभाग के विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री हर दिन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के किन्ही तीन गांवों में जाएंगे।

मुख्यमंत्री अपने दौरे में आम लोगों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों से चर्चा करेंगे और राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में फीड बैक भी लेंगे। वे दौरे में गांवों, तहसील कार्यालयों, पुलिस थानों, जनपद कार्यालयों, स्कूलों, आंगनवाड़ियों, स्वास्थ्य केंद्रों के कामकाज तथा सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत अधोसंरचनाओं की उपलब्धता का जायजा लंेगे साथ ही ग्रामीणों, प्रमुख व्यक्तियों एवं जनप्रतिनिधियों के प्रत्यक्ष भेंट एवं चर्चा कर उनसे फीडबैक, अभिमत एवं आवश्यक सुझाव लेंगे। वे उसी विधानसभा क्षेत्र में रात्रि विश्राम करेंगे।

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मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन सुबह मीडिया से चर्चा व अन्य लोगों से भेंट के बाद श्री बघेल अगले गंतव्य के लिये रवाना हो जायेंगे। मुख्यमंत्री का प्रवास विधानसभा क्षेत्र के जिस ग्राम में होना संभावित होगा उसकी जानकारी जिला प्रशासन को अल्प समय पूर्व ही उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री के साथ दौरे में स्थानीय विधायक और जिले के प्रभारी मंत्री भी उपस्थित रहेंगे।

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जिले के बैरिस्टर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय में अक्ती पर्व के अवसर पर माटी पूजा महा अभियान की शुरुआत हुई। इस अवसर पर माटी पूजन के जरिए उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने परंपरागत खेती से धरती को बचाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री बैजनाथ चंद्राकर द्वारा मुख्यमंत्री का संदेश भी पढ़ा गया।संदेश के जरिये किसानों को परंपरागत खेती को बढ़ावा दिए जाने और अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपरा की ओर लौटने के लिए प्रोत्साहित किया गया। अपने संदेश में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा हमारे जीवन का मूल यहाँ की माटी है। हमें इसे हमेशा जीवंत मानते हुए इसका आदर सम्मान करना चाहिए।

इस महा अभियान के माध्यम से रासायनिक खादों और कीटनाशकों के स्थान पर जैविक खाद, वर्मी कंपोस्ट और गोमूत्र के प्रयोग को बढ़ावा दिए जाने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री बैजनाथ चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश में वैज्ञानिक अनुसंधान द्वारा खेती को लगातार आधुनिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में काफी समृद्धि आयी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री आनंद मिश्रा ने कहा कि खेती-किसानी को समृद्ध बनाने के लिए इस दिशा हो रहे बदलावों की जानकारी और समझ होना भी जरूरी है।

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कार्यक्रम स्थल में जैविक उत्पादों एवं उन्नत बीजों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी। हितग्राहियों को प्रदर्शनी के माध्यम से उन्नत खेती के बारे में जानकारी भी प्रदान की गयी।

इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, नगर निगम बिलासपुर के महापौर श्री रामशरण यादव,जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री प्रमोद नायक, जिला किसान कांग्रेस के अध्यक्ष श्री संदीप शुक्ला, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री विजय केशरवानी, कृषि महाविद्यालय के डीन डॉ आर.के. शुक्ला सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान और हितग्राही मौजूद रहे।

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छत्तीसगढ़ युवा आयोग के सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अजय सिंह को 6 सालों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। कांग्रेस संगठन के प्रभारी महामंत्री अमरजीत चावला ने कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि अजय पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे, इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम के निर्देशानुसार अजय सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

दरअसल, युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी के ऊपर लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे थे। इसके बाद कांग्रेस संगठन प्रभारी मंत्री ने नोटिस जारी कर अजय से 7 दिनों के अंदर लिखित में जवाब मांगा था। जवाब नहीं देने पर एक पक्षीय कार्यवाही की बात कही थी। अजय सिंह ने बताया कि उन्होंने समय से पहले ही लिखित में जवाब दे दिया था। आला कमान से मिलकर अपनी बात भी रखी थी, लेकिन विधायक के दबाव में मुझ पर कार्रवाई की गई है।

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युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस को छोड़कर किसी और दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए मैं सपने में भी नहीं सोच सकता। रहूंगा तो कांग्रेस में ही रहूंगा। ये जरूर है कि अभी कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया गया है। इस कार्रवाई का स्वागत है। पार्टी के बड़े नेताओं से मिलकर अपनी बात रखूंगा।

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कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में पशु चिकित्सा विभाग ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। जिले के मगरलोड विकासखंड के अंतर्गत पशु चिकित्सालय भेण्डरी सैक्टर के अधीनस्थ ग्राम कपालफोड़ी में कृत्रिम गर्भाधान तकनीक से गर्भिणी गाय ने जुड़वा वत्स (बछड़ों) को जन्म दिया है।

पशु चिकित्सा विभाग की सहायक शल्यज्ञ डॉ. वर्षा जैन ने बताया कि उनके मार्गदर्शन में कपालफोड़ी गांव में निजी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्त्ता श्री ओमप्रकाश कंवर के द्वारा नौ माह पूर्व कपालफोड़ी के पशुपालक खेमनलाल साहू की गाय का कृत्रिम गर्भाधान किया गया था, जिसके सत्यापन हेतु जब पशुपालक के घर भ्रमण किया गया तो पता चला कि उनके यहां कृत्रिम गर्भाधान वाले गाय के जुड़वा बछड़े हुए हैं। दोनों बछड़े नर हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं। यह देखकर डॉक्टर और उनकी टीम बहुत खुश हुई। इस संबंध में डॉ. जैन ने बताया कि ये उनके कैरियर में यह पहली प्राकृतिक घटना है जिसे कृत्रिम गर्भाधान की विशेष उपलब्धि मानी जा सकती है। उन्होंने बताया कि गायों की प्रजाति में ऐसे जुड़वा बच्चे पैदा होने की संभावना बहुत कम पाई जाती है जो कि संभवतः लाखों में एक होती है। यह तभी संभव होता है जब एक ही समय में गाय के अंडाशय के द्वारा दो अंडों का विमोचन हो और दोनों अंडे दो अलग-अलग स्पर्म के द्वारा एक ही समय में निषेचित हों। इसे विज्ञान की भाषा में डाईजायगोटिक ट्विंस कहा जाता है और ये जुड़वा बछड़े इसी के उदाहरण हैं।

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पशु शल्यज्ञ ने नवजात बछड़ों के रखरखाव और गाय के खानपान के लिए पशुपालक श्री साहू को विशेष सलाह दी। साथ ही उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. एम एस बघेल ने पूरी टीम को बधाई दी है जिन्होंने समय-समय पर गर्भिणी गाय का निरीक्षण किया। इसमें भेण्डरी सैक्टर के सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी श्री घनश्याम ध्रुव और श्री रामकुमार बंजारे का विशिष्ट योगदान रहा, जिनके द्वारा कृत्रिम गर्भाधान के लक्ष्य के विरूद्ध समन्वित प्रयास किया जा रहा है।

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छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर जगन्नाथपुर गांव के छात्र-छात्राओं का समूह कलेक्ट्रेट पहुंचा. समूह की छात्राओं ने बीते सोमवार को बालोद कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन दिया. इसमें उन्होंने अवैध रूप से शराब बेचने की अनुमति मांगी. दरअसल बालोद थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर अवैध शराब बेचने वाले माफियाओं का गढ़ बन गया है. अवैध शराब बेचने वाले कोचियों की तादाद दर्जनों में है, जिसकी वजह से गांव का माहौल तो बिगड़ ही रहा है.

जगन्नाथपुर गांव में शराब बिक्री के मामले को देखकर तो लोग अब इस गांव को मदिरापुर तक कहने लगे हैं. इसके अलावा महिलाओं और युवतियों का बाहर निकलना दुर्भर हो गया है. महिलाओं को गृह कार्य एवं कृषि कार्य के लिए व छात्राओं को कालेज के लिए गांव के बस स्टॉप तक पहुचने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिन रास्तों से होकर महिलाएं और युवतियां गुजरती हैं वहां शराबियों का शर्मनाक माहौल बना रहता है. आलम यह है कि अब महिलाएं घर के बाहर निकलने से कतराती हैं. शराबी छेड़छाड़ भी करते हैं. इन सभी बातों को ध्यान में रख गांव में अवैध शराब की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने एवं पूर्ण शराबबंदी को लेकर गांव के तमाम छात्र-छात्राओं एवं युवाओं ने एसपी को आवेदन सौंपा है. अवैध शराब की बिक्री पर रोक नही लगाए जाने की स्तिथि में छात्राओं ने स्टॉल लगाकर शराब बिक्री करने की अनुमति की भी मांग की है.

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जगन्नाथपुर की रहने वाली चुनेश्वारी देशमुख ने ज्ञापन देते हुए कलेक्टर से कहा कि यदि गांव में अवैध शराब की बिक्री नहीं रोक पा रहे हैं तो हमें भी स्टॉल लगाकर शराब बेचने की इजाजत दे दीजिए. क्योंकि हम भी बेरोजगार हैं और इससे हमारी आय बढ़ेगी. गांव के ही युवा भुवनेश्वर व अन्य का कहना है कि गांव में शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. जिन बच्चों के हाथों में किताबे होनी चाहिए, उनके हाथों में शराब की बोतलें दिखाई देती हैं. भुनेश्वर ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस अवैध शराब बेचने वाले माफियाओं पर कार्रवाई तो करती है, लेकिन फिर बाद में उन्हें पैसे लेकर छोड़ देती है.

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किसी भी राज्य की संस्कृति में वहां की भौगोलिक परिस्थितियां काफी असर डालती है। छत्तीसगढ़ में देश के अन्य हिस्सों की तुलना में ज्यादा बारिश होती है, इसलिए यहां धान की फसल ली जाती है। धान की विपुल फसल होने के कारण छत्तीसगढ़ देशभर में धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध है। यहां के किसानों की आय के मुख्य जरिया भी धान की फसल है। यहां तीज त्यौहारों से लेकर दैनिक जीवन में चावल का बहुतायत से उपयोग होता है।

छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति-खान-पान, बोली-भाषा और वेश-भूषा पर गर्व की अनुभूति दिलाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर एक मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर को प्रदेश मंे बोरे बासी दिवस के रूप में मनाने, सामूहिक रूप से बोरे बासी खाने का आह्वान किया गया। सामाजिक समरसता के साथ-साथ किसानों और श्रमवीरों का मान बढाने की दिशा में एक प्रशंसनीय कदम है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति और लोक परंपराओं, तीज-त्यौहारों को प्रोत्साहन देने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ के लोकगायन में भी बोरे बासी का विवरण मिलता है। यह हमारी संस्कृति में रची-बसी है। यहां अमीर-गरीब सभी के घरों में इसे चाव से खाया जाता है। मेहमानों को भी इसे परोसा जाता है। लोक गायक शेख हुस्सैन जी ने बासी खाने वाले किसानों, श्रमवीरों के सम्मान के लिए ‘बटकी म बासी अउ चुटकी म नून, मै हा गांवथव ददरिया तैहां कान दे के सुन’ जैसा लोकगीत गाया।

गर्मी के मौसम में जब तापमान अधिक होता है तब छत्तीसगढ़ में बोरे बासी विशेष तौर पर खाई जाती है। यह लू से बचाने का काम करती है। वही दूसरी ओर इससे शरीर को कई प्रकार के पोषक तत्व भी मिलते हैं। उल्टी, दस्त जैसी बीमारियों में यह शरीर में पानी की कमी को दूर करती है। इन्ही खूबियों के कारण बोरे बासी छत्तीसगढ़ में लोकप्रिय है। आमतौर पर घरों में पके हुए अतिरिक्त चावल के सदुपयोग के लिए बोरे बासी तैयार की जाती है। इसके गुणकारी महत्व को देखते हुए इसे घरो घर खाने का प्रचलन है।

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छत्तीसगढ़ की संस्कृति है कि विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में यदि अचानक कोई मेहमान आ जाये अथवा कोई व्यक्ति आ जाए तो वह भूखा न जाए। सुबह जब लोग काम पर जाए तो उसके लिए तात्कालिक तौर पर भोजन की व्यवस्था हो जाए शायद इसी उद्देश्य से उपलब्ध सदस्य से अधिक खाना बनाने का रिवाज प्रचलित है। रात के बचे हुए चावल को पानी में डुबाकर रख देते है और सुबह नास्ते या भोजन के तौर पर विशेष कर सबेरे से ही काम पर जाने वाले किसान और श्रमिक खाते है इसे ही ‘बोरे बासी’ कहा जाता है।

बोरे बासी जहां गर्मी के मौसम में ठंडकता प्रदान करता है, वहीं पेट विकार को दूर करने के साथ ही पाचन के लिए रामबाण डिश है। बोरे बासी पर्याप्त पौष्टिक आहार के रूप में उभर कर सामने आया है। बोरे बासी को लोग प्याज, टमाटर-हरी मिर्च की चटनी, आम का आचार, करमता बाजी, चेच भाजी, अमारी भाजी, बिजौरी व पापड़ आदि के साथ चाव से खाया जाता है। यह धीरे-धीरे हमारी रोज की चलन में आ गया और छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध डिश बन गया।

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भगवान श्री परशुराम जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में सारस्वत (ब्राह्मण) महासभा छत्तीसगढ़ द्वारा दिनांक 01 मई 2022, रविवार को रेडक्रॉस ब्लड बैंक, रायपुर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में समाज के सभी आयु वर्गों के लोगों ने उत्साह के साथ रक्त दान किया और मानव समाज के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।

शिविर में 40 सदस्यों ने रक्तदान किया। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ सदस्य एवं पदाधिकारियों ने सभी रक्तदाताओं को शुभकामनाएं दी।

सारस्वत ब्राह्मण समाज के महासचिव श्री राजाबाबू सारस्वत ने बताया की यह समाज का 5वां शिविर है । वर्तमान समय में रक्तदान को महादान कहा जाता है, क्योंकि रक्त का कोई अन्य विकल्प नहीं है। आवश्यकता के समय किया गया 1 रक्तदान, 3 जीवन बचा सकता है।

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रक्तदान शिविर के आयोजन मे उपाध्यक्ष श्री दिनेश ओझा एवं श्री विशाल शर्मा जी का विशेष योगदान रहा । साथ ही श्री आनंद सारस्वत, श्री श्याम ओझा, श्री गोपाल जोशी, श्री किशन सारस्वा, श्रीमति सुमन ओझा, श्री गोपाल कृष्ण तावनिया, श्री मुकेश जोशी एवं श्री आशीष जोशी का सहयोग उल्लेखनीय रहा।

श्री सुरेश तावनिया ने सभी रक्तदाताओं, कार्यकर्ताओं तथा ब्लड बैंक के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया।

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कोरबा में सोमवार देर रात तेज रफ्तार एक कार पुलिया की रेलिंग तोड़ते हुए नहर में जा गिरी। हादसे में एक की मौत हो गई। जबकि 4 दोस्त किसी तरह से बाहर निकल आए। घायलों को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से 3 की हालत गंभीर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि कार की रफ्तार तेज होने के कारण अनियंत्रित हो गई। हादसा बालको थाना क्षेत्र में हुआ है।

जानकारी के मुताबिक, राजनांदगांव निवासी अंकित तिवारी बेंगलुरु से आए अपने 4 अन्य दोस्तों के साथ घूमने के लिए कोरबा आया था। सभी लोग कोरबा के एक व्यापारी दोस्त के पास आए थे। उससे मिलने के बाद देर रात सभी लौट रहे थे। अभी वे भवानी मंदिर के पास पहुंचे थे कि अचानक से कार अनियंत्रित हो गई और पुलिया की रेलिंग तोड़ते हुए नहर में जा गिरी।

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पानी ज्यादा होने के कारण कार पूरी तरह से उसमें समा गई। किसी तरह से 4 लोग कार से बाहर निकले, लेकिन अंकित अंदर ही फंसा रह गया। सूचना मिलने पर सुबह पुलिस ने अंकित के शव को बाहर निकला। तब तक शव बुरी तरह से अकड़ चुका था। तीन दोस्तों की हालत अभी गंभीर है। हादसा कैसे हुआ, यह जानकारी नहीं मिल सकी है। सभी घायल बेंगलुरु से आए हैं।

कोरबा में जिस व्यापारी दोस्त से मिलने युवक आए थे, उसके बारे में पुलिस को अभी कोई जानकारी नहीं है। अंकित के परिजनों से संपर्क किया गया है। उनके आने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। कोरबा में 3 दिनों के दौरान यह दूसरा ऐसा हादसा है। इससे पहले उरगा क्षेत्र में पुलिया की रेलिंग तोड़ कार नहर में गिरी थी। इसमें भी एक युवक की मौत हो गई थी।

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गर्मियों में बढ़ते तापमान के साथ बच्चों से लेकर बुजुर्गों में दस्त यानि डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। डायरिया के लिए आमतौर पर लू और दूषित खानपान मुख्य कारण है। दूषित खाद्य या पेय पदार्थों में मौजूद वायरस, बैक्टीरिया या प्रोटोजोआ के कारण ही विभिन्न आयु के लोगों में डायरिया होता है।दस्त का उपचार यदि शुरूआत में नहीं किया जाए तो अनेक आपातकालीन स्थितियां बन सकती है तथा यह जानलेवा भी हो सकता है। गर्मियों में दस्त से बचाव के लिए सभी आयु वर्ग के लोगों को अपने खान-पान में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। तीव्र डायरिया में दस्त के कारण शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स यानि सोडियम व पोटेशियम की मात्रा बहुत तेजी से कम होने लगती है जिससे शरीर में ऐंठन, बेहोशी जैसे लक्षण मिलते हैं। इन लक्षणों से पीड़ित को त्वरित उपचार नहीं मिलने पर डिहाइड्रेशन के कारण मौत भी हो सकती है । शासकीय आयुर्वेद कॉलेज रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि डायरिया के घातक होने की संभावनाओं के मद्देनजर आम लोगों को अपने खान-पान की गुणवत्ता और आदतों पर सावधानी बरतने की जरूरत है। गर्मियों में भोजन और अन्य खाद्य पदार्थ अत्यधिक तापमान के कारण बड़ी जल्दी खराब हो जाते हैं। इसलिए बासी और खुले भोजन से बचना चाहिए तथा ताजा भोजन ही लेना चाहिए। इन दिनों बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थों और शीतल पेय जैसे लस्सी, गन्ने और अन्य फलों के रस के सेवन में सावधानी बरतना चाहिए क्योंकि इनके संक्रमित या दूषित होने से दस्त सहित पेट से संबंधित अनेक रोगों की होने की संभावना ज्यादा होती है । चूंकि गर्मियों में पाचन तंत्र कमजोर होता है और शारीरिक सक्रियता कम रहती है इसलिए लोगों को तले-भुने, मसालेदार गरिष्ठ भोजन, फास्ट फूड, स्ट्रीट फूड, मांसाहार और शराब सेवन का परहेज करना चाहिए। दस्त होने पर भोजन में चावल या खिचड़ी, दही, केला, अनार इत्यादि को शामिल करना चाहिए। शिशुओं को मां का दूध, दाल या चावल का पानी यानि माढ़ आदि तथा चिकित्सक के परामर्श पर जिंक का टेबलेट देना चाहिए ।

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डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में डायरिया यानि अतिसार का मुख्य कारण त्रिदोष यानि वात, पित्त व कफ का असंतुलन और पाचक अग्नि यानि जठराग्नि का मंद होना है। इसलिए इस पद्धति में अतिसार से बचने के लिए गर्मियों में भरपेट भोजन के बजाय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में अनेक बार ताजा और सुपाच्य भोजन ग्रहण करने का निर्देश है। इस मौसम में बाजार में मिलने वाले कोल्ड ड्रिंक्स की जगह जीरा मिलाकर मठा यानि छाछ, नारियल पानी, नींबू पानी, बेल का शरबत, आम का पना आदि का सेवन करना चाहिए। गर्मियों में पेयजल की शुद्धता पर भी ध्यान देना आवश्यक है। घर में कटे फल और भोज्य पदार्थों को ढंक कर रखना चाहिए। इसके अलावा लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता पर भी ध्यान देना चाहिए। शौच के बाद और भोजन के पहले साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए। उपयोग से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से पानी से धो लेना चाहिए ताकि संक्रमण की संभावना न हो। डायरिया से पीड़ित रोगियों के उपचार में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। अत्यधिक दस्त के कारण डिहाइड्रेशन की संभावना रहती है, इसलिए शुरूआत में ही रोगी को जीवन रक्षक घोल यानि ओआरएस या घर में बने नमक-शक्कर का घोल, दाल या चावल का पानी इत्यादि पिलाते रहना चाहिए। रोगी को प्राथमिक उपचार देने के बाद अतिशीघ्र नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं या चिकित्सा विशेषज्ञ का परामर्श लें, ताकि आपातकालीन स्थिति न बने।

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Short news only from Chhattishgarh ,dated: 3 May 2022

छत्तीसगढ़ प्रदेश : 03/May/2022

🌐 हज कमेटी के अध्यक्ष ने प्रदेशवासियों को दी ईद पर्व की मुबारकबाद🌐

छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष श्री मोहम्मद असलम खान ने प्रदेशवासियों को ईद-उल-फितर की मुबारकबाद दी है। उन्होंने कहा है कि ईद-उल-फितर का पर्व परस्पर प्रेम और सौहार्द्र का पर्व है। रमजान के पवित्र महीने में रोजा और इबादत के फलस्वरूप यह पर्व खुशी के तौर पर मनाया जाता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि पैगंबर साहब की शिक्षा के अनुरूप गरीबों, बेसहारा लोगों की मदद कर आपसी सौहार्द्र को कायम रखते हुए हर्षाेल्लास के साथ ईद का पावन त्यौहार मनाए।

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बालोद : 03/May/2022

🌐 पति – पत्नी एक साथ फंदे पर झूले, फंदे पर लटकी मिली लाश🌐

जिले में पति – पत्नी का शव पेड़ में लटका मिला है। दोनों ने एक साथ फ़ासी लगाकर आत्महत्या की है। दोनों ने 4 माह पहले ही प्रेम विवाह किया था। मृतक युवक का नाम टकेश्वर और मृतका का नाम ज्योति बताया जा रहा है। सूचना के बाद पहुंची बालोद पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक घटना वाली रात मृतक के घर में कुछ विवाद हुआ था। जानकारी के अनुसार मृतक पति – पत्नी खैरतराई में अपने परिवार के साथ रहता था। करीब 4 महीने पहले दोनों ने प्रेम विवाह किया था। घटना वाली रात दोनों के बीच मामूली विवाद हुआ था। जिसके बाद ताकेश्वर अपनी पत्नी को लेकर घर से बाहर आ गया, सुबह के वक्त दोनों की लाश गांव में ही एक पेड़ में फंदे से झूलती ही मिली। घटना की सूचना पुलिस को स्थानीय लोगों ने दी, जिसके बाद बालोद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

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बालोद : 03/May/2022

🌐 मंत्री श्रीमती भेंड़िया अक्ती तिहार एवं माटी पूजन कार्यक्रम में हुईं शामिल,मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन कर लोगों को मिट्टी की रक्षा के लिए किया प्रेरित🌐

महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया आज 3 मई को बालोद जिले के ग्राम चरोटा के आदर्श गौठान में आयोजित अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने भुईयां माता की पूजा कर अक्ती तिहार और माटी पूजन दिवस की बधाई एवं शुभकामना दी। संजारी -बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा भी इस अवसर पर मौजूद थी।

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नारायणपुर : 03/May/2022

🌐 CG Govt Job Opportunity : नारायणपुर जिले में 09 मई से होगी पुलिस भर्ती🌐

जिला नारायणपुर में बस्तर फाईटर विशेष बल अंतर्गत फाईटर्स आरक्षक के लिए 300 पदोें पर नियुक्ति के लिए 9 मई 2022 से 21 मई 2022 तक बालक हाई स्कूल मैदान, नारायणपुर में भर्ती होगी। 9 मई से 21 मई तक भर्ती प्रक्रिया में प्रमाण पत्रों की जांच, शारीरिक मापतौल एवं शारीरिक प्रवीणता संबंधी कार्य किया जायेगा। परीक्षा के द्वितीय चरण में . लिखित परीक्षा 5 जून को प्रातः 10ः00 बजे से 12ः00 बजे तक आयोजित होगी। वहीं लिखित परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 15 जून तक किया जायेगा। साक्षात्कार 24 जून से 30 जून तक होगा। अंतिम चयन सूची का प्रकाशन 15 जुलाई को किया जायेगा।

अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के दौरान वर्तमान में कोरोना (कोविड-19) महामारी संक्रमण को ध्यान में रखते हुये दस्तावेज जांच (मूल प्रमाण पत्र), शारीरिक मापतौल, शारीरिक दक्षता परीक्षा, लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को शासन/प्रशासन द्वारा जारी निर्देशानुसार मास्क एवं सेनेटाईजर लेकर परीक्षा केन्द्र में उपस्थित होंगें।

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