detail news only from Chhattishgarh ,dated: 08 August 2022



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छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ ही स्वाइन फ्लू ने भी चिंता बढ़ा दी है. स्वाइन फ्लू से छत्तीसगढ़ में पहली मौत हुई है. बीते रविवार की रात को छत्तीसगढ़ के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रही एक 4 साल की बच्ची की मौत हो गई है. बच्ची दूसरी बीमारी से भी ग्रसित थी. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 4 साल की बच्ची निमोनिया और सीवियर रेस्पिरिटी डिसऑर्डर की भी शिकार थी. कोरबा से इलाज के लिए बच्ची को रायपुर लाया गया था. पिछले कुछ दिनों से रायपुर में उसका इलाज चल रहा था. हाल ही में उसमें स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी.

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले करीब एक महीने में स्वाइन फ्लू के 28 मरीज मिले हैं. इनमें एक्टिव मरीजों की संख्या 11 है. 1 की मौत हो चुकी है. राज्य के एपेडिमिक कंट्रोल डायरेक्टर डॉ सुभाष मिश्रा ने बताया कि बच्ची कोरबा से आयी थी और निमोनिया और सीवियर रेस्पिरिटी डिसऑर्डर से पीड़ित थी. इसका इलाज राजधानी के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. इस दौरान चब बच्ची का एच1एन1 इन्फ्लुएंजा (स्वाइन फ्लू) का टेस्ट किया गया तब रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. हांलाकि डॉ. मिश्रा का कहना है कि मौत की वजह केवल स्वाइन फ्लू नहीं हो सकती क्योंकि बच्ची निमोनिया और सीवियर एआरडीएफ से भी पीड़ित थी और इसके बाद जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी, लेकिन बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और बच्ची की मौत हो गयी.

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छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बीते 24 घंटे में 213 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. जबकि इलाज के दौरान एक मरीज की कोरोना से मौत भी हो गई है. पिछले 24 घंटे में राजधानी रायपुर में सबसे ज्यादा 44, दुर्ग में 19, राजनांदगांव में 13 और बिलासपुर में भी 13 नए मरीज मिले. प्रदेश में अब तक कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 11 लाख 69 हजार 43 हो गई है. कोरोना को लेकर भी लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है.

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) द्वारा संचालित भिलाई स्टील प्लांट में बड़ा हादसा हो गया है. इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस)-3 में लैडल फटा है. एसएमएस-3 का लैडल फटने की वजह की 20 टन हॉट मैटल बह गया है. इसके बाद आसपास भीषण आग लग गई. राहत की बात है कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन प्रबंधन को करोड़ों रुपये के नुकसान की आशंका जताई जा रही है.

मिली जानकारी के मुताबिक बीते रविवार को प्यूरीफाई कर हॉट मैटल को कास्टिंग के लिए ले जाया जा रहा था. लेकिन इसी दौरान लैडल फट गया और ये हादसा हो गया. सप्ताह भर के भीतर ये दूसरा बड़ा हादसा है. इसके पूर्व बीते गुरुवार को भी लैडल फटने से 120 टन हॉट मैटल बह गया था. उस वक्त भी भीषण आगजनी में करोड़ों का केबल और कंट्रोल रूम पूरी तरह से जल गया था. लगातार हो रहे हादसों को लेकर अब बीएमएस के कार्यकारी अध्य्क्ष चिन्ना केशवलु ने हादसे के लिए बीएसपी प्रबंधन को दोषी ठहराया है.

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चन्ना केशवलु का कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में लगातार ठेका श्रमिकों से कार्य लिया जा रहा है. जिस जगह में यह हादसा हुआ है. वहां भी ठेका श्रमिक कार्य कर रहे थे. यदि अनुभवी बीएसपी की कर्मी होते तो शायद इस घटना को टाला जा सकता था. बता दें कि इन दोनों हादसों से पहले 23 जून को भी भिलाई स्टील प्लांट में बड़ा हादसा हुआ था. तब स्टील प्लांट के बार एंड रॉड मिल में अचानक ही भीषण आग लग गई. देखते ही देखते आग भड़क गई थी. आग भड़कने से कार्य कर रहे कर्मिकों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था. कार्मिकों ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई. दुर्घटना के बाद से सरिया का उत्पादन कुछ घंटों के लिए ठप हो गया था. जिसके चलते बड़ा आर्थिक नुकसान भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को हुआ था.

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छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ ही स्वाइन फ्लू ने भी चिंता बढ़ा दी है. स्वाइन फ्लू से छत्तीसगढ़ में पहली मौत हुई है. बीते रविवार की रात को छत्तीसगढ़ के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रही एक 4 साल की बच्ची की मौत हो गई है. बच्ची दूसरी बीमारी से भी ग्रसित थी. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 4 साल की बच्ची निमोनिया और सीवियर रेस्पिरिटी डिसऑर्डर की भी शिकार थी. कोरबा से इलाज के लिए बच्ची को रायपुर लाया गया था. पिछले कुछ दिनों से रायपुर में उसका इलाज चल रहा था. हाल ही में उसमें स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी.

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले करीब एक महीने में स्वाइन फ्लू के 28 मरीज मिले हैं. इनमें एक्टिव मरीजों की संख्या 11 है. 1 की मौत हो चुकी है. राज्य के एपेडिमिक कंट्रोल डायरेक्टर डॉ सुभाष मिश्रा ने बताया कि बच्ची कोरबा से आयी थी और निमोनिया और सीवियर रेस्पिरिटी डिसऑर्डर से पीड़ित थी. इसका इलाज राजधानी के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. इस दौरान चब बच्ची का एच1एन1 इन्फ्लुएंजा (स्वाइन फ्लू) का टेस्ट किया गया तब रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. हांलाकि डॉ. मिश्रा का कहना है कि मौत की वजह केवल स्वाइन फ्लू नहीं हो सकती क्योंकि बच्ची निमोनिया और सीवियर एआरडीएफ से भी पीड़ित थी और इसके बाद जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी, लेकिन बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और बच्ची की मौत हो गयी.

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छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बीते 24 घंटे में 213 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. जबकि इलाज के दौरान एक मरीज की कोरोना से मौत भी हो गई है. पिछले 24 घंटे में राजधानी रायपुर में सबसे ज्यादा 44, दुर्ग में 19, राजनांदगांव में 13 और बिलासपुर में भी 13 नए मरीज मिले. प्रदेश में अब तक कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 11 लाख 69 हजार 43 हो गई है. कोरोना को लेकर भी लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है.

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लैंग्वेज पैथॉलोजी (BASLP) पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। नाक, कान और गला रोग विभाग के तहत संचालित इस स्व-वित्त पोषित पाठ्यक्रम में 20 सीटों पर प्रवेश होना है। इसके लिए 20 अगस्त तक आवेदन किए जा सकते हैं।

कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक, इस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए विभाग की वेबसाइट https://raipurbaslp.org/ से आवेदन पत्र डाउनलोड किया जा सकता है। वेबसाइट पर उपलब्ध फार्म को डाउनलोड करने के बाद पूरा भरकर डिमांड ड्राफ्ट के साथ ENT डिपार्टमेंट, कक्ष क्रमांक 244, सेकंड फ्लोर, डाॅ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ के पते पर भेजना होगा।

आवेदन का शुल्क सामान्य वर्ग के लिए 600 रुपए और आरक्षित वर्ग के लिए 350 रुपए निर्धारित की गई है। आवेदन पत्र को स्पीड पोस्ट/रजिस्टर्ड पोस्ट/ सामान्य डाक से भेजा जा सकता है। लेट फीस के साथ 22 अगस्त तक फार्म जमा किया जा सकता है। मेरिट लिस्ट जारी करने की तिथि 27 अगस्त है।

मेरिट लिस्ट के प्रकाशन बाद 03 सितंबर तक दावा-आपत्ति किया जा सकता है। प्रवेश के लिए काउंसिलिंग की प्रक्रिया सोमवार 7 सितंबर से शुरू होगी। दाखिले से संबंधित अधिक जानकारी के लिए फोन नंबर 07712890137 पर कार्यालयीन समय में सम्पर्क किया जा सकता है।

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यह चार वर्ष का पैरामेडिकल कोर्स है। इस पाठ्यक्रम को भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI) से मान्यता प्राप्त है। यह एक रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम है। प्रवेश के लिए कम से कम 50% अंकों के साथ 12वीं पास होना जरूरी है। 12वीं में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान के साथ जीव विज्ञान, गणित, कंप्यूटर साइंस, स्टेटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, साइकोलॉजी में से कोई एक विषय की पढ़ाई अनिवार्य है।यह पाठ्यक्रम 2006-07 से संचालित है। इसमें 20 सीटें हैं। उनमें 9 सीटें सामान्य हैं। 6 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए और दो सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। वहीं तीन सीटों पर केवल अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति का प्रवेश तय है।

बताया जा रहा है, बैचलर ऑफ ऑडियोलॉजी एंड स्पीच लैंग्वेज पैथॉलोजी पूर्णकालिक है। इसकी पढ़ाई के बाद सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं, निजी अस्पतालों, बाल विकास केन्द्रों, पुनर्वास केन्द्रों पर रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।

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छत्तीसगढ़ और आदिवासी एक-दूसरे के पर्याय हैं। छत्तीसगढ़ के वन और यहां सदियों से निवासरत आदिवासी राज्य की पहचान रहे हैं। प्रदेश के लगभग आधे भू-भाग में जंगल है, जहां छत्तीसगढ़ की गौरवशाली आदिम संस्कृति फूलती-फलती रही है। आज से साढ़े तीन साल पहले नवा छत्तीसगढ़ के निर्माण का संकल्प लेते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों को उनके सभी अधिकार पहुंचाने की जो पहल शुरू की जिससे आज वनों के साथ आदिवासियों का रिश्ता एक बार फिर से मजबूत हुआ है और उनके जीवन में नई सुबह आई है। राज्य में 42 अधिसूचित जनजातियों और उनके उप समूहों का वास है। प्रदेश की सबसे अधिक जनसंख्या वाली जनजाति गोंड़ है जो सम्पूर्ण प्रदेश में फैली है। राज्य के उत्तरी अंचल में जहां उरांव, कंवर, पंडो जनजातियों का निवास हैं वहीं दक्षिण बस्तर अंचल में माडिया, मुरिया, धुरवा, हल्बा, अबुझमाडिया, दोरला जैसी जनजातियों की बहुलता है।

छत्तीसगढ़ में निवासरत जनजातियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत रही है, जो उनके दैनिक जीवन तीज-त्यौहार एवं धार्मिक रीति-रिवाज एवं परंपराओं के माध्यम से अभिव्यक्त होती है। बस्तर के जनजातियों की घोटुल प्रथा प्रसिद्ध है। जनजातियों के प्रमुख नृत्य गौर, कर्मा, काकसार, शैला, सरहुल और परब जन-जन में लोकप्रिय हैं। जनजातियों के पारंपरिक गीत-संगीत, नृत्य, वाद्य यंत्र, कला एवं संस्कृति को बीते साढ़े तीन सालों में सहेजने-संवारने के साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार ने विश्व पटल पर लाने का सराहनीय प्रयास किया है। अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का भव्य आयोजन इसी प्रयास की एक कड़ी है। प्रदेश सरकार द्वारा आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान रायपुर में संग्रहालय की स्थापना वास्तव में आदिवासियों की समृद्ध कला एवं संस्कृति और उनके जीवन से सदियों से जुड़ी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का प्रयत्न है। छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद श्री वीरनारायण सिंह की स्मृति में लगभग 25 करोड़ 66 लाख रूपए की लागत से 10 एकड़ भूमि में स्मारक-सह-संग्राहलय का निर्माण नवा रायपुर अटल नगर में पुरखौती मुक्तांगन में किया जा रहा है। इसमें प्रदेश के जनजातीय वर्ग के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का जीवंत परिचय प्रदेश और देश के शोध छात्र और आम जनों को हो सकेगा।

छत्तीसगढ़ राज्य के 28 जिलों में से 14 जिले संविधान की 5वीं अनुसूची में पूर्ण रूप से और छह जिले आंशिक रूप से शामिल हैं। राज्य के आदिवासी समुदाय का लिंगानुपात सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन् देश के लिए अनुकरणीय है। इस समुदाय में एक हजार पुरूष पर 1013 महिलाओं की स्थिति लिंगानुपात को लेकर सुखद एहसास है। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी क्षेत्रों और वहां के जनजीवन को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए प्रयासरत है। यही वजह है कि आदिवासियों का भरोसा व्यवस्था में कायम हुआ है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का कहना है लोहण्ड़ीगुड़ा में किसानों की जमीन की वापसी, तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2500 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा करके, 65 प्रकार के लघु वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी एवं वेल्यू एडीशन करके हमने न सिर्फ वनवासियों की आय में बढ़ोत्तरी की है, बल्कि रोजगार के अवसरों का भी निर्माण किया है। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी समुदाय के जुड़े हर मसले को पूरी संदेवनशीलता और तत्परता से निराकृत करने के साथ ही उनकी बेहतरी के लिए कदम उठा रही है। वनवासियों को वन भूमि का अधिकार पट्टा देने के मामले में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। अब तक राज्य में 4 लाख 54 हजार से अधिक व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र, 45,847 सामुदायिक वन तथा 3731 ग्रामसभाओं को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित कर 38 लाख 85 हजार हेक्टेयर से अधिक की भूमि आवंटित की गई है, जो 5 लाख से अधिक वनवासियों के जीवन-यापन का आधार बनी है।

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वन अधिकार पट्टाधारी वनवासियों के जीवन को आसान बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उनके पट्टे की भूमि का समतलीकरण, मेड़बंधान, सिंचाई की सुविधा के साथ-साथ खाद-बीज एवं कृषि उपकरण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वन भूमि पर खेती करने वाले वनवासियों को आम किसानों की तरह शासन की योजनाओं का लाभ मिलने लगा है। वनांचल में कोदो-कुटकी, रागी की बहुलता से खेती करने वाले आदिवासियों को उत्पादन के लिए प्रति एकड़ 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किया गया है। राज्य में पहली बार कोदो-कुटकी की तीन हजार तथा रागी की 3377 रूपए प्रति क्विंटल की दर से कुल 16 करोड़ 58 लाख रूपए की खरीदी की गई। कोदो-कुटकी, रागी जैसी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने और वैल्यु एडिशन के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए मिशन मिलेट शुरू किया गया है। वनोपज का आदिवासियों के जीवन से बड़ा ही गहरा ताल्लुक रहा है। बिचौलियों से सरकार ने अब वनवासियों को मुक्ति दिला दी है।

बस्तर अंचल के तेजी से विकास के लिए नियमित हवाई सेवा शुरू की गई है। जगदलपुर एयरपोर्ट आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करायी गई हैं। इस एयरपोर्ट का नामकरण बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के नाम पर किया गया है। अंबिकापुर में शीघ्र हवाई सेवा शुरू करने के लिए दरिमा स्थित मां महामाया एयरपोर्ट में हवाई पट्टी का विस्तार शुरू कर दिया गया है। बीजापुर से बलरामपुर तक सभी अस्पतालों में अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। इन अस्पतालों में प्रसुति सुविधा, जच्चा बच्चा देखभाल सहित पैथालाजी लेब और दंतचिकित्सा सहित विभिन्न रोगों के उपचार और परीक्षण की सुविधाएं उपलब्ध करायी गई है। हाट-बाजारों में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना में मेडिकल एम्बुलेंस के जरिए दुर्गम गांवों तक निःशुल्क जांच और उपचार की सुविधा के साथ दवाईयों का वितरण किया जा रहा है। मलेरिया के प्रकोप से बचाने के लिए बस्तर संभाग में विशेष अभियान चलाया गया, जिससे बस्तर अंचल में अब मलेरिया का प्रकोप थम सा गया है।

सुकमा जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र जगरगुण्डा सहित 14 गांवों की एक पूरी पीढ़ी 13 वर्षों से शिक्षा से वंचित थी अब यहां स्कूल भवनों की मरम्मत कर दी गई है। बीजापुर और बस्तर संभाग के जिलों में भी सैकड़ों बंद स्कूलों को फिर से प्रारंभ किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 9 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जहां से शिक्षा प्राप्त 97 विद्यार्थी आईआईटी, 261 विद्यार्थी एनआईटी एवं ट्रिपल आईटी, 44 विद्यार्थी एमबीबीएस तथा 833 विद्यार्थी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन प्राप्त कर तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। राज्य में 73 एकलव्य आवासीय विद्यालय संचालित हैं। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में एकलव्य विद्यालयों में 18 हजार 984 विद्यार्थी अध्ययनरत है।

बस्तर अंचल के लोहांडीगुड़ा के 1707 किसानों की 4200 हेक्टेयर जमीन जो एक निजी इस्पात संयंत्र के लिए अधिगृहित की गई थी। यह भूमि किसानों को लौटा दी गई है। बस्तर संभाग के जिलों में नारंगी वन क्षेत्र में से 30 हजार 429 हेक्टेयर भूमि राजस्व मद में वापस दर्ज की गई है। इससे बस्तर अंचल में कृषि, उद्योग, अधोसंरचना के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध हो सकेगी। आजादी के बाद पहली बार अबूझमाड़ क्षेत्र के 2500 किसानों को मसाहती पट्टा प्रदान किया गया है। अबूझमाड़ के 18 गांवों का सर्वे पूरा कर लिया गया है, दो गांवों का सर्वे जारी है।

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भाजपा के प्रमुख प्रवक्ता एवं विधायक अजय चंद्राकर के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा प्रवक्ता एवं विधायक अजय चंद्राकर को अपने रमन भाजपा शासनकाल को याद करना चाहिए जिस दौरान दक्षिण बस्तर के चार विकासखंड तक सीमित नक्सलवाद भाजपा शासनकाल की लापरवाही के चलते 14 जिलों को प्रभावित कर दिया। तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का गृह जिला कवर्धा भी नक्सलवाद के चपेट में आ गया। उस दौरान प्रदेश के 14 जिलों में नक्सली सप्ताह मनाया जाता था और पूर्व की रमन सरकार आंखें मूंदे बैठे रहती थी। प्रदेश ने देखा है नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सलाहकार बन कर आए पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल को रमन भाजपा सरकार ने वेतन लो और मौज करो की सलाह दिया था। इससे स्पष्ट समझ में आता है कि रमन भाजपा की सरकार नक्सलवाद के खात्मे के पक्ष में नहीं थी बल्कि उस दौरान नक्सलवाद और नक्सलियों के सहयोगी फलते फूलते रहे हैं। कई बड़ी नक्सली वारदात हुई जिसमे बड़ी संख्या में आमजनों एवं सुरक्षा में लगे जवानों की शहादत होती थी।

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति के तहत काम कर रही है। गोलियों का जवाब गोलियों से दिया जा रहा है और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग डॉक्टर, व्यापारी, युवा, जन प्रतिनिधियों से चर्चा कर नक्सलवाद को खत्म करने का मजबूत रणनीति के साथ काम कर रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, विकास के लिए काम किया जा रहा है अब नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जनता नक्सलियों के खिलाफ सामने आकर लड़ाई लड़ रही है। हमारे सुरक्षा के जवान नक्सलियों से लोहा लेकर उन्हें पीछे धकेल रहे हैंं। सरकार पूरी तरीके से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कमरकस की लड़ाई लड़ रही है जिसका ही परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवादी गतिविधियों में 80 प्रतिशत की कमी आई है और अभी केंद्र सरकार ने कोंडागांव जिला को अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र की सूची से बाहर किया है।

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शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना आज आमजनों के सपने साकार करने वाली योजना बन गयी है। योजनांतर्गत पशुपालकों को गोबर विक्रय से एक ओर अतिरिक्त आमदनी मिली, वहीं दूसरी ओर गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण एवं विक्रय ने महिलाओं को स्वरोजगार का नया जरिया दिया। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा पशुपालकों को एक और सौगात दी गई, हरेली त्यौहार से गौठानों में गोमूत्र की भी खरीदी की शुरुआत से लोगों को आजीविका का नवीन माध्यम मिल गया।



जिले में कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में दो गौठानों में गोमूत्र ख़रीदी की जा रही है, जिनमें विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के जूनापारा एवं विकासखण्ड सोनहत के पोड़ी गौठान में गोमूत्र खरीदकर महिलाओं द्वारा जीवामृत तथा ब्रम्हास्त्र का निर्माण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि अब तक जिले में 4 रुपए प्रतिलीटर की दर से कुल 279 लीटर गोमूत्र की खरीदी की गई है। गोमूत्र से निर्मित उत्पादों को जिला मुख्यालय में स्थित सीमार्ट में विक्रय हेतु रखा जाएगा।



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इस तरह बनाए जा रहे उत्पाद-

रासायनिक खाद तथा कीटनाशक के अत्यधिक प्रयोग से मृदा तथा भूमि को नुकसान पहुंचता है वहीं मानव स्वास्थ्य में भी इसके घातक परिणाम देखने मिलते हैं। जूनापारा गौठान कि भक्ति महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष पार्वती ने बताया कि जीवामृत एक पारम्परिक जैव कीटनाशक है। गोमूत्र में बेसन, गुड़, गोबर, मिट्टी, पानी निश्चित अनुपात में अच्छी तरह मिलाकर ढंककर रखा जाता है। समय-समय पर इसे लकड़ी की सहायता से मिलाया जाता है, लगभग 2 से 3 दिनों में किण्वन प्रक्रिया से जीवामृत तैयार हो जाता है। जीवामृत में भरपूर मात्रा में जैविक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पौधों एवं मृदा के लिए उपयोगी है। इसी प्रकार गौमूत्र में पानी तथा विभिन्न प्रकार की पत्तियों को पीसकर मिलाया जाता है, फिर अच्छी तरह उबालकर 24 घण्टे ठंडा करने के बाद छानकर ब्रम्हास्त्र बनाया जाता है। यह जैविक कीटनाशक रासायनिक कीटनाशकों की अपेक्षा पौधों की कीटों से रक्षा के लिए अच्छा विकल्प है।

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दामोदर प्रसाद चंद्रा निवासी ने थाना डभरा में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वर्ष 2002 में जीवन बीमा पालिसी जीवन सुरभि बीमा एजेंट हेमंत कुमार पटेल निवासी केनाभाठा से कराया था जिसका वार्षिक किस्त 10 हजार रूपये प्रति वर्ष एजेंट प्रार्थी के घर आकर ले जाता था दूसरे वर्ष जब हेमंत कुमार पटेल पैसा लेने आया तो उसे पिछले साल का जमा पावती रसीद देते थे। एजेंट हेमंत कुमार पटेल द्वारा प्रार्थी को प्रीमियम राशि का भुगतान 15 वर्ष तक करने के संबंध में कोई जानकारी नहीं देना एवं एजेंट द्वारा प्रार्थी से 20 वर्ष तक पैसा लिया गया है। प्रार्थी को बीच में दो बार 25-25 हजार रूप्ये का बोनस प्राप्त हुआ था प्रार्थी को तिसरा बोनस मिलना था। किन्तु अभिकर्ता द्वारा वर्ष 2013 के बाद बीमा कम्पनी को प्रीमियम राशि का भुगतान ही नही किया गया। भिकर्ता हेमंत कुमार पटेल द्वारा प्रार्थी की बीमा रािश को नहीं पटाने के कारण प्रार्थी की पालिसी बंद हो गई थी और दिनांक 22.07.22 को प्रार्थी को बीमा कम्पनी से पत्र प्राप्त हुआ जिसमें 67 हजार की राशि मिलना जिसमें आवश्यक दस्तावेज लेकर जांजगीर बीमा कार्यालय मे सम्पर्क करने हेतु कहॉ गया था। जांजगीर कार्यालय में पहुंचकर पूछताछ करने पर कार्यालय द्वारा प्रार्थी की पालिसी को वर्ष 2013 से बंद होना तथा वर्ष 2015 तक प्रिमियम जमा करने उपरांत ही बोनस प्राप्त होना बताया गया । प्रार्थी से अभिकर्ता हेमंत पटेल द्वारा 07 वर्ष तक छल कर करीबन 70 हजार रूपये गबन करने संबंधी रिपोर्ट पर आरोपी के विरूद्ध थाना डभरा में अपराध क्रमांक 294/2022 धारा 409,420 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

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प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपी हेमंत कुमार पटेल निवासी केनाभांठा को दिनांक 08.08.22 को गिरफतार कर न्यायालय पेश किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार करने में सउनि एस.एन.मिश्रा, प्र.आर.श्रवण चौहान,राम प्रसाद चौहान आर दीपेंद्र मधुकर, आर वेश जाटवर एवं थाना स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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छत्‍तीसगढ़ के रायपुर में पुलिस ने ई-चालान भेजकर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भांडाफोड़ किया है. लोगों को वाट्सएप में ई-चालान का क्यूआर कोड भेजकर ई-चालान की रकम जमा करवाई जा रही थी. इसके साथ ही क्यूआर कोड से चालान की रकम जमा नहीं करने पर केस दर्ज करने तक की बात कही जा रही थी.

हालांकि पुलिस ने रायपुर के पुरानी बस्ती थाना में शिकायत दर्ज होने के बाद इस मामले में कार्रवाई करते हुए दिल्ली के तिलक नगर से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार के अलावा कई अन्य राज्यों के लोगों के साथ भी ठगी की घटना को अंजाम दिया है.

मुख्य आरोपी विभांशु गर्ग कॉल सेंटर का संचालन करता था. जानकारी के अनुसार, आरोपी फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से कॉल सेंटर का संचालन कर रहा था. फर्जी दस्तावेज के माध्यम से ही आरोपी ने दिल्ली के तिलक नगर में किराए पर दुकान भी लिया हुआ था. इसके साथ ही कॉल अटेंड करने वाले लोगों को स्क्रीप्ट देकर पूरी ट्रेनिंग दी जाती थी.

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मुख्य आरोपी विभांशु गर्ग इससे पहले सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, कंपनी में काम करता था. इसी दौरान कुछ डाटा वेंडर्स के संपर्क में आया और वेंडर्स से अलग-अलग राज्यों के ई-चालान का डाटा खरीदा. जिसके बाद आरोपी ने तिलक नगर में वेल्यू सर्विसेस प्राय. लिमि. कंपनी खोलकर फर्जी ई-चालान का काम करना शुरू किया. पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 25 कंप्यूटर, 35 मोबाइल, दर्जनभर से ज्यादा सिम कार्ड, डायलर मशीन, पेन ड्राइव, लैपटॉप के साथ ही फर्जी दस्तावेज बरामद किया है.

शिकायत के बाद रायपुर पुलिस की टीम के सदस्य कुरियर बॉय बनकर आरोपियों के लोकेशन तक पहुंची. जहां पुलिस को दिल्ली के तिलक नगर में वेल्यू सर्विसेस प्रा. लि. कंपनी के नाम पर कोई कॉल सेंटर का संचालित होने की जानकारी मिली. जिसके बाद पुलिस की टीम ने फर्जी कॉल सेंटर में छापा मारा. इस दौरान कुछ युवक और युवतियां फोन पर कॉल करते हुए मिले. जहां से पुलिस ने 2 युवक और 4 युवतियों विभांशु गर्ग, सुमित कुमार, नेहा शर्मा, रानी हरिजन, सत्या हरिजन और जन्नत अंसारी को गिरफ्तार किया है.

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छत्तीसगढ़ पुलिस ने सूरजपुर जिले के एक निजी स्कूल के प्रधानाचार्य (45) को दो नाबालिग छात्राओं के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. कोतवाली थाना प्रभारी प्रकाश राठौड़ ने बताया कि पांचवी और सातवीं कक्षा की नाबालिग छात्राओं ने पिछले सप्ताह घर पहुंचने के बाद अपने माता-पिता को घटना की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि प्रधानाचार्य ने अपने कक्ष में बुलाकर उनके साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की. प्रकाश राठौड़ के मुताबिक, माता-पिता के इस संबंध में शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने शनिवार को प्रधानाचार्य को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. राठौड़ के अनुसार, स्कूल के मालिक ने भी कुछ छात्र-छात्राओं के माता-पिता के खिलाफ कथित तौर पर उनके साथ धक्का-मुक्की करने का मामला दर्ज कराया है. यह कथित वारदात उक्त घटना के सामने आने के बाद हुई थी. अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है. जल्द ही इसका खुलासा किया जा सकता है. सभी पक्षों से मामलें में पूछताछ की जा रही है. शिकायकर्ता छात्राओं के भी बयान लिए जाएंगे.

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मिली जानकारी के मुताबिक स्कूल प्रबंधन और स्टाफ के खिलाफ अलग-अलग मामलों में लगातार शिकायतें की जा रहीं थीं. ताजा मामला छेड़छाड़ से जुड़ा था. मामला गंभीर होने पर परिजन पुलिस थाने पहुंचे. इसके बाद स्कूल प्रबंधन की ओर से भी कुछ पालकों के खिलाफ शिकायत की गई है. हालांकि पालकों का कहना है कि खुद को बचाने के लिए स्कूल प्रबंधन इस तरह से दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. पुलिस जल्द ही मामले में कार्रवाई कर सकती है.

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मोबाइल एडिक्शन बच्चों में किस कदर हावी हो रहा है, इसका ताजा नमूना दुर्ग के रिसाली में देखने को मिला. यहां एक 11वीं कक्षा की छात्रा ने मोबाइल खराब होने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली. घटना रविवार देर रात की है. नेवई पुलिस ने घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया और शव को पीएम के लिए भिजवा दिया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

दरअसल कक्षा 11वीं में पढ़ने वाली छात्रा अदिति को उसके मोबाइल के खराब हो जाने का इतना गहरा सदमा लगा कि उसने अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली. दुर्ग के प्रगति नगर में रहने वाली छात्रा अदिति शर्मा ने अपने घर पर अपने कमरे में फांसी लगा ली

अदिति अपने पिता के साथ ही रहती थी. क्योंकि पिता और उसकी माता का डिवोर्स हुआ है. जिसके बाद से अदिति अपने पिता के साथ ही रहती थी. आदिति के पिता एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं, छात्रा के पिता ड्यूटी चले गए थे. इस दौरान छात्रा घर पर अकेली थी. जिसके बाद छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पिता जब वापस लौटे तो उन्हें इसकी जानकारी हुई.

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पुलिस की माने तो छात्रा अदिति का मोबाइल पिछले 15 दिनों से खराब था और उसे लेकर वह परेशान रहती थी. उसके पिता ने नया मोबाइल खरीदकर देने का वादा भी किया था. फिलहाल मृतिका का अंतिम संस्कार होने के बाद परिजनों व दोस्तों से पूछताछ की जाएगी. प्रारंभिक तलाशी में कहीं कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. मामले की जांच की जा रही है.

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बिलासपुरजिले में कोटा नगर पंचायत के सोनसाय गांव में मध्याह्न भोजन के बाद 22 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी बच्चों की उम्र 6 से 11 साल के बीच है। बताया जा रहा है की जब बच्चे स्कूल से जब अपने-अपने घर पहुंचे, तब उन्हें उल्टी-दस्त होने लगी। परिजनों ने भी हल्के में लिया। लेकिन रविवार सुबह बच्चों की हालत गंभीर होने लगी। इसके बाद परिजनों ने पहले तो बच्चों को घरेलू इलाज दिया, लेकिन हालत बिगड़ने पर ग्रामीणों ने इसकी जानकारी मितानिन और सरपंच को दी।

जानकारी के अनुसार, शहर के कोटा नगर पंचायत के सोनसाय गांव के 23 बच्चे शनिवार को अचानक बीमार पड़ गए। मितानिन ने भी बीमार बच्चों को दवाईयां दीं, लेकिन बच्चों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद बच्चों के परिजन रविवार को इन्हें नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। घटना कोटा ब्लॉक के सोनसाय नवागांव की है। इधर, स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव भी पहुंची हुई है। स्वास्थ्य विभाग मामले में नजर बनाए हुए है।

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Short news only from Chhattishgarh ,dated: 08 August 2022

छत्तीसगढ़ प्रदेश : 08/Aug/2022

🌐 छत्तीसगढ़ में अब तक 650.0 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज🌐

राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2022 से अब तक राज्य में 650.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज आठ अगस्त तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1658.2 मिमी और सरगुजा में जिले में सबसे कम 273.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।

राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर में 370.6 मिमी, बलरामपुर में 311.0 मिमी, जशपुर में 354.5 मिमी, कोरिया में 386.4 मिमी, रायपुर में 423.4 मिमी, बलौदाबाजार में 577.3 मिमी, गरियाबंद में 719.2 मिमी, महासमुंद में 596.2 मिमी, धमतरी में 717.6 मिमी, बिलासपुर में 658.8 मिमी, मुंगेली में 658.9 मिमी, रायगढ़ में 576.9 मिमी, जांजगीर-चांपा में 735.2 मिमी, कोरबा में 486.9 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 585.1 मिमी, दुर्ग में 578.8 मिमी, कबीरधाम में 610.1 मिमी, राजनांदगांव में 662.7 मिमी, बालोद में 743.6 मिमी, बेमेतरा में 410.6 मिमी, बस्तर में 989.3 मिमी, कोण्डागांव में 746.0 मिमी, कांकेर में 858.1 मिमी, नारायणपुर में 744.7 मिमी, दंतेवाड़ा में 1029.7 मिमी और सुकमा में 737.2 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।

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छत्तीसगढ़ प्रदेश : 08/Aug/2022

🌐 राज्यपाल ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर दी शुभकामनाएं🌐

.राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर देश और प्रदेश के आदिवासी समाज एवं समस्त नागरिकों को शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ देश के उन प्रदेशों में शामिल है, जहां पर करीब 30.62 प्रतिशत आदिवासी निवासरत् हैं, जिन्होंने अपनी संस्कृति, विचारों, कला और मान्यताओं को सहेजा है। इनकी संस्कृति और परम्पराएं विशिष्ट हैं। आदिवासी समाज ने वास्तव में प्रकृति और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभाई है। इन्हीं भावों के कारण ही आदिवासी समाज सहज रूप से समृद्ध हुआ है।

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छत्तीसगढ़ प्रदेश : 08/Aug/2022 🌐 🌐

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