detail news only from Chhattishgarh ,dated: 10 August 2022



👉 पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें


छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वनवासियों को जागरूक करने प्रदेश में 15 अगस्त से 26 जनवरी तक सामुदायिक वन संसाधन अधिकार जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का एक कैलेंडर तैयार किया गया है, जिसका विमोचन विश्व आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया। सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के क्रियान्वयन की राज्य स्तर पर मार्गदर्शिका तैयार की गई है और मैदानी कर्मचारियों के लिए कार्यशालाएं आयोजित की गई, परंतु ग्राम सभाओं में अभी भी सूचनाएं और प्रक्रियाएं पहुंच नहीं पा रही थी। अब पुनः मुख्यमंत्री ने समीक्षा की और ग्राम सभाओं को जागरूक करने के लिए एक विशेष अभियान की आवश्यकता महसूस की। इसे ध्यान में रखते हुए फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी संस्था ने आदिवासी विकास विभाग और वन विभाग के मार्गदर्शन में ग्राम सभाओं को प्रक्रियाओं की जानकारी देने सामुदायिक वन संसाधन अधिकार जागरूकता अभियान का एक कैलेंडर तैयार किया। इसका शुभारंभ 9 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया। यह अभियान 15 अगस्त 2022 से 26 जनवरी 2023 तक चलाया जाएगा।

स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्ष के समारोह में सभी ग्राम पंचायतों में वन अधिकार कानून के बारे में वाचन करते हुए अभियान की शुरुआत की जाएगी। इसके बाद जनवरी 2023 तक सभी वन आधारित गांवों में ग्राम सभाओं में सामुदायिक वन संसाधन पर चर्चा प्रस्ताव करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें अगस्त में दावों के शुभारंभ के लिए ग्राम सभा, सितंबर में लोकवाणी के माध्यम से मुख्यमंत्री से बातचीत, अक्टूबर की ग्राम सभा में प्रस्ताव, नवंबर में राज्य स्थापना दिवस पर कार्यक्रम, दिसंबर में हाट बाजार, जनवरी में ग्राम सभा में विचार आदि के संबंध में जागरूकता अभियान संचालित रहेगा. यह अभियान एक साझा अभियान है, जिसमें सभी स्वयंसेवी संस्थाएं जुड़ेंगी, जिन्होंने लंबे समय तक इस कार्य को गति दी है और वर्तमान में संचालित कर रहे हैं। विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को आदिवासी विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इस अभियान के शुभारंभ में अभियान गीत के साथ जागरूकता पोस्टर्स एवं धमतरी के नगरी विकासखंड के चारगांव के ग्राम सभा के प्रयासों पर एक फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

********Advertisement********

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अभियान को राज्य भर में संचालित करने के लिए आदिवासी विकास विभाग और वन विभाग को निर्देशित किया। स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका को भी महत्वपूर्ण मानते हुए मुख्यमंत्री ने अभियान को सफल बनाने के लिए उनका आव्हान किया। छत्तीसगढ़ अकेला राज्य है, जहां इस तरह के सामुदायिक संसाधनों के अधिकार का लक्ष्य बनाया गया है और उसके लिए ग्राम सभाओं को सशक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके माध्यम से समुदाय की परंपरागत सांस्कृतिक धरोहर के साथ आजीविका के माध्यम ये वन संसाधन उनकी जिम्मेदारी सहित अधिकार में आएंगे।

फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी संस्था के कार्यकारी निदेशक संजय जोशी के अनुसार संस्था देशभर में सामुदायिक प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन एवं संरक्षण के माध्यम से समुदाय की आजीविका को बेहतर करने पर कार्य करती है। इसी के माध्यम से पर्यावरण के भी स्वास्थ्य को बेहतर रखने का प्रयास किया जाता है। इसी क्रम में संस्था छत्तीसगढ़ शासन के साथ भी सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन को मैदानी स्तर पर मजबूत करने में प्रयासरत है।

वर्तमान में राज्य के कुल 3801 ग्रामों के सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के दावे स्वीकृत हो चुके हैं। इनमें 15,32,316.866 हेक्टेयर का दावा शामिल है। सामुदायिक वन संसाधन अधिकार में एक पारंपरिक गांव के सीमा के भीतर के वन और राजस्व के छोटे बड़े झाड के जंगल का अधिकार ग्राम सभा को मिलता है, जिसमें उन्हें इन वन क्षेत्रों की सुरक्षा, सरंक्षण, पुनरुत्पादन, प्रबंधन की भी जिम्मेदारी निभानी होती है। दावा प्रस्तुत करने के लिए ग्राम सभाएं वन अधिकार समिति का गठन करती है और दावा मिल जाने पर प्रबंधन के लिए वन प्रबंधन समिति का गठन कर सकती है।

दावों के लिए गांव के बुजुर्ग, महिलाएं, सभी निवासरत जनजाति के प्रतिनिधि सहित पटवारी, वन रक्षक, पंचायत सचिव इत्यादि परम्परागत सीमा की पहचान करते हैं और पड़ोसी गांव के साथ जानकारी साझा करते हैं। साथ ही नजरी नक्शा, गांव का निस्तार पत्रक, बुजुर्गों का कथन और पड़ोसी सीमा के लगे गांव के अनापत्ति पत्र लगाए जाते हैं। इसके बाद उपखंड स्तरीय समिति द्वारा सत्यापन करवाया जाता है। सब सही पाए जाने पर जिला स्तरीय समिति को भेजा जाता है। वहां सही पाए जाने पर अधिकार पत्र मिलता है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर





👉 पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें


मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय में कोविड-19 टीकाकरण के मानिटरिंग के लिए गठित राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक ली गई। मुख्य सचिव ने बैठक में समिति के सदस्यों को कहा कि 15 अगस्त से 15 सितम्बर की अवधि में विशेष अभियान चलाकर कोविड टीकाकरण व बूस्टर डोज लगाये जायें। उन्होनें सभी शासकीय कर्मियों और उनसे जुड़े परिजनों, विभागीय योजनाओं के लाभार्थीयों सहित अन्य नागरिकों का इस अभियान के माध्यम से टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। श्री जैन ने संभागीय मुख्यलायों में स्थित पांच बड़े कार्यालयों में 11 अगस्त से 14 अगस्त की अवधि में टीकाकरण कैम्प लगाकर टीकाकरण करने के भी निर्देश दिए है। इसी तरह 15 अगस्त के बाद 19 से 21 अगस्त को ब्लॉक स्तर के पांच बड़े कार्यालय केम्पस में टीकाकरण शिविर लगाने कहा गया है।

बैठक में स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती मनिन्दर कौर द्विवेदी ने बताया कि आजादी के 75 वें वर्षगाठ के अवसर पर अमृत महोत्सव के तहत 15 अगस्त से 15 सितम्बर तक की अवधि में कोविड-19 के बूस्टर डोज निःशुल्क लगाये जायेगें। प्रदेश में अब तक करीब दो करोड़ 22 लाख 76 हजार 912 लोगों को प्रथम डोज, एक करोड़ 96 लाख 79 हजार 341 को दूसरा डोज और 38 लाख एक हजार 813 लोगों को बूस्टर डोज लगाया जा चुका है।

बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, राजस्व, महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, आदिवासी विकास, गृह विभाग, श्रम विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारियों ने कोविड टीकाकरण के लिए अपने विभाग की रणनीति-कार्ययोजना के विषय में विस्तर से जानकारी दी। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में संबंधित विभागों के सचिव एवं संचालक स्तर के अधिकारी शामिल हुए।

********Advertisement********

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर





👉 पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें


छत्तीसगढ़ में नामकरण को लेकर सियासत गरमा गई है. 02 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा खरोरा कॉलेज का नामकरण कांग्रेस नेता गिरिश देवांगन के पिता रामप्रसाद देवांगन के नाम पर करने पर बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व आईएएस अधिकारी और बीजेपी नेता जीएस मिश्रा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार सत्ता के नशे में मदहोश हो गई है. नामकरण को लेकर समान्य प्रशासन विभाग की ओर से नियम बने हुए हैं जिसके तहत दानदाता के नाम पर, स्वतंत्रा संग्राम सेनानी के नाम पर या प्रतिष्ठित व्यक्ति के नाम पर करने का नियम है.

जीएस मिश्रा का कहना है कि मगर यह सरकार कांग्रेसी नेताओं के नाम पर नामकरण कर रही है जिसका ग्रामीण भारी विरोध कर रहे हैं. वहीं यह भी कहा कि सरकार के द्वारा किए गए नामकरण के विरोध में ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं 0जिनसे बात करने अब तक कोई भी जिम्मेदार नहीं गयामोहरेंगा के स्कूल का नाम भी मंडल दास गिलहरे के नाम पर करने पर बीजेपी ने आपत्ति दर्ज कराई है. पूर्व विधायक देवजी पटेले ने बताया कि सरकार के इस निर्णय के खिलाफ स्थानीय लोग चक्काजाम कर रहे हैं. लगातार आंदोलन कर रहे ह. मगर प्रशासन सुध तक नहीं ले रही है.

पूर्व आईएएस अधिकारी और बीजेपी नेता जीएस मिश्रा ने दोनों ही मामलों को लेकर कहा कि अगर सरकार नियमानुसार कार्रवाई नहीं करती है तो बीजेपी की सरकार आने के बाद सरकार द्वारा लिए गए ऐसे निर्णयों को अनडू कर दिया जाएगा

********Advertisement********

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर





👉 पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें


छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनीमाता बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी थी। अपने प्रखर नेतृत्व क्षमता की बदौलत राष्ट्रीय नेताओं के बीच उनकी अलग पहचान थी। दलित शोषित समाज ही नहीं सभी वर्गो ने उनके नेतृत्व को मान्य किया था। उन्होंने संसद में अस्पृश्यता निवारण अधिनियम पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मिनीमाता समाज हितैषी कार्यो की वजह से लोकप्रियता के शीर्ष पर पहंुची।

मिनीमाता ने समाजसुधार सहित सभी वर्गों की उन्नति और बेहतरी के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने जन सेवा को ही जीवन का उद्ेश्य मानकर कार्य किया। उन्होंने नारी उत्थान, किसान, मजदूर, छूआ-छूत निवारण कानून, बाल विवाह, दहेज प्रथा, निःशक्त व अनाथों के लिए आश्रम, महिला शिक्षा और जनहित के अनेक फैसलों और समाज हितैषी कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मिनीमाता की राजनीतिक सक्रियता और समर्पण से पीड़ितों के अधिकार हेतु संसद में अनेक कानून बने।

मिनीमाता का मूल नाम मीनाक्षी देवी था। उनका जन्म 13 मार्च 1913 को असम राज्य के दौलगांव में हुआ। उन्हें असमिया, अंग्रेजी, बांगला, हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषा का अच्छा ज्ञान था। वह सत्य, अहिंसा एवं प्रेम की साक्षात् प्रतिमूर्ति थीं। उनका विवाह गुरूबाबा घासीदास जी के चौथे वंशज गुरू अगमदास से हुआ। विवाह के बाद वे छत्तीसगढ़ आई, तब से उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। गुरू अगमदास जी की प्रेरणा से स्वाधीनता के आंदोलन, समाजसुधार और मानव उत्थान कार्यों में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

स्वतंत्रता पश्चात लोकसभा का प्रथम चुनाव 1951-52 में सम्पन्न हुआ। मिनीमाता सन् 1951 से 1971 तक सांसद के रूप में लोकसभा की सदस्य रहीं। छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद के रूप में दलितों एवं महिलाओं के उत्थान के लिए किए गए कार्यों के लिए उन्हें सदा याद किया जाएगा। अविभाजित मध्यप्रदेश में बिलासपुर-दुर्ग-रायपुर आरक्षित सीट से लोकसभा की प्रथम महिला सांसद चुनी गईं। इसके बाद परिसीमन में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंची।

********Advertisement********

मिनीमाता की स्मृति में छत्तीसगढ़ सरकार ने असंगठित क्षेत्रों के कमज़ोर आय वर्ग की श्रमिक महिलाओं को प्रसूति के लिये आर्थिक सहयोग प्रदान करने वाली भगिनी प्रसूति सहायता योजना का नाम बदलकर ‘मिनीमाता महतारी जतन योजना’ कर दिया है। मिनीमाता के योगदान को चिरस्थाई बनाने के लिए तत्कालीन मध्यप्रदेश में हसदेव बांगो बांध को मिनीमाता के नाम पर रखकर किसानों के हित में किए गए उनके कार्यो के प्रति श्रद्धांजलि दी गई। आज बिलासपुर और जांजगीर जिले के हजारों किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल रही है।

मिनीमाता ने उद्योगों में हमेशा स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने की वकालत की। वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिनीमाता की स्मृति में समाज एवं महिलाओं के उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिनीमाता सम्मान की स्थापना की गई।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर





👉 पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें


संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् द्वारा राज्य स्तर पर सप्ताह का आयोजन रक्षाबंधन के 3 दिन पूर्व और 3 दिवस बाद तक किया जाता है। विभिन्न जयंतियों - वाल्मिकि जयंती, कालीदास जयंती, गीता जयंती, गुरू पूर्णिमा का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के विद्यालयों की सक्रिय सहभागिता रहती है। संस्कृत दिवस के दिन वेद शास्त्रों की पूजा एवं महत्ता पर चर्चा एवं विद्वत्संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है।

भारत की प्राचीनतम भाषा संस्कृत में भारत का सर्वस्व संन्निहित है। देश के गौरवमय अतीत को हम संस्कृत के द्वारा ही जान सकते हैं। संस्कृत भाषा का शब्द भण्डार विपुल है। यह भारत ही नहीं अपितु विश्व की समृद्ध एवं सम्पन्न भाषा है। भारत का समूचा इतिहास संस्कृत वाड्मय से भरा पड़ा है। आज प्रत्येक भारतवासी के लिए विशेषकर भावी पीढ़ी के लिए संस्कृत का ज्ञान बहुत ही आवश्यक है।

संस्कृत भाषा ने अपनी विशिष्ट वैज्ञानिकता के कारण भारतीय विरासत को सहेजकर रखने में अपना अप्रतिम योगदान दिया है। संस्कृत ऐसी विलक्षण भाषा है जो श्रुति एवं स्मृति में सदैव अविस्मरणीय है। अतिप्राचीन काल में संरक्षित-संग्रहित भारत की यह विपुल ग्रंथ सम्पदा संस्कृत के कारण ही सुरक्षित रही है। संस्कृत की महत्ता को सम्पूर्ण विश्व ने स्वीकारा है। संस्कृत को भारतीय शिक्षा में अनिवार्य करना आवश्यक है। शिक्षा में इसकी अनिवार्यता को लेकर केन्द्रीय संस्कृत आयोग ने 1959 में - माध्यमिक स्कूलों में संस्कृत को अनिवार्य शिक्षा करने के साथ मातृभाषा तथा क्षेत्रीय भाषा पढ़ाई जाने की अनुसंशा की। संस्कृत शाला एवं संस्कृत महाविद्यालय प्रारंभ करने के लिए शासन द्वारा 90 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की गई है।

संस्कृत परिष्कृत, संस्कारित एवं वैज्ञानिक भाषा है। आदिकाल से वेद, रामायण, महाभारत सहित विशिष्ट विषयों को भारतीय मस्तिष्क में संस्कृत के संबल पर सहेज कर रखा है। वेद, रामायण, महाभारत आदि ग्रंथ श्रुति एवं स्मृति परिचारों में सुरक्षित रखते हुए आज लिपिबद्ध रूप में गोचर हो रहे हैं। इससे बड़ा प्रमाण कोई नहीं हो सकता।

संस्कृत भाषा का अपना एक वैज्ञानिक महत्व है। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार संस्कृत एक सम्पूर्ण वैज्ञानिक भाषा है। प्राचीन भारत में बोल-चाल की भाषा में संस्कृत का ही उपयोग किया जाता था। इससे नागरिक अधिक और मानसिक रूप से अधिक संतुलित रहा करते थे। संस्कृत के मंत्रों का उच्चारण करते समय मानव स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव पड़ता है। मंत्रोच्चार के समय वाइब्रेशन से शरीर के चक्र जागृत होते हैं और मानव का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। बहुत सी विदेशी भाषाएं भी संस्कृत से जन्मी हैं। फ्रेंच, अंग्रेजी के मूल में संस्कृत निहित है। संस्कृत में सबसे महत्वपूर्ण शब्द ‘ऊँ’ अस्तित्व की आवाज और आंतरिक चेतना एवं ब्रम्हाण्ड का स्वर है। प्राचीन धरोहर की खोज करने का मुख्य मापदण्ड संस्कृत है। संस्कृत की महत्ता को देखते हुए जर्मनी में 14 से अधिक विश्व विद्यालयों में संस्कृत का अध्ययन कराया जाता है।

********Advertisement********

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का कहना है कि हमारे वेद पुराण और गीता आदि संस्कृत में लिखे गए हैं। हमें अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए। संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य शासन द्वारा हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार के प्रयास से संस्कृत शिक्षा की प्रगति हो रही है। संस्कृत अध्ययन प्रोत्साहन राशि संस्कृत शालाओं में पढ़ने वाले उत्तर मध्यमा स्कूल प्रथम वर्ष कक्षा 11वीं के विद्यार्थियों को दी गई। इससे कक्षा पहली, छठवीं और 9वीं को दी गई थी। गैर अनुदान प्राप्त संस्कृत शालाओं को स्तरवार वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस वर्ष से गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों को उनके प्रत्येक स्तर को जोड़ते हुए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। प्रवेशिका प्राथमिक स्तर को 10 हजार रूपए प्रतिवर्ष, प्रथमा मिडिल स्तर को 20 हजार रूपए प्रतिवर्ष, पूर्व मध्यमा प्रथम एवं उत्तर मध्यमा प्रथम (हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी) को 40 हजार रूपए प्रतिवर्ष की दर से राशि प्रदान की जाती है। केन्द्रीय जेल रायपुर में संस्कृत पाठशाला संचालित की जा रही है और विगत तीन वर्षों से अम्बिकापुर में भी संस्कृत पाठशाला संचालित हो रही है। पन्द्रह वर्ष बाद संस्कृत उत्तर मध्यमा कक्षा को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 12वीं के समकक्ष मान्यता प्रदान की गई।

भारतीय विरासत के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के दिग्दर्शन में आयुर्वेद, योग, प्रवचन, वेद, ज्योतिष जैसे संस्कृत के वैज्ञानिक विषयों का अध्ययन-अध्यापन संस्कृत पाठशालाओं में किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की संस्कृत पाठशालाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को संस्कृत में शास्त्रों के अध्ययन के साथ-साथ आधुनिक विषयों जैसे गणित, विज्ञान, वाणिज्य आदि का समन्वित ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश में संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थी किसी भी क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में समर्थ हैं।

प्रदेश में संस्कृत का अतीत समृद्ध है। यहां बलौदाबाजार में तुरतुरिया महर्षि वाल्मीकि और सरगुजा जिले के उदयपुर में रामगढ़ की पहाड़ियां महाकवि कालीदास का क्षेत्र माना जाता है। प्रदेश रामायणकालीन एवं महाभारतकालीन धरमकर्मों से जुड़ा हुआ है। यहां का बड़ा भू-भाग दण्डकारण्य क्षेत्र में आता है, जो ऋषियों का क्षेत्र कहा गया है। छत्तीसगढ़ वासियों का आचार-विचार, व्यवहार और संस्कार संस्कृत से पुरित हैं।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर





👉 पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें


भाजपा प्रवक्ता अजय चंद्राकर द्वारा राज्य में प्रस्तावित पेसा कानून के संबंध में दिये गये बयान को कांग्रेस ने भाजपा की बौखलाहट बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में 15 साल तक भाजपा की सरकार थी, अजय चंद्राकर स्वयं उस सरकार में प्रभावशाली मंत्री थे। भाजपा सरकार ने वनवासियों के लिये पेसा कानून क्यों नहीं लागू किया? कभी इस पर ठोस कदम क्यों नहीं उठाया? कांग्रेस की सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की 32 फीसदी आबादी आदिवासियों को अधिकार संपन्न बनाने पेसा कानून लागू कर रहे तो इससे भाजपा नेता गलत बयानी कर अपनी खीझ निकाल रहे है। रमन भाजपा की सरकार ने आदिवासी वर्ग के जमीनों पर कब्जा करने के लिये भू-संशोधन विधेयक पारिया किया था जिसका कांग्रेस पार्टी ने पुरजोर विरोध किया तब कहीं जाकर भू-संशोधन विधेयक को भाजपा की सरकार ने वापस लिया था।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अजय चंद्राकर तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे। भाजपा सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों का शोषण करती थी, रमन राज में तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा मात्र 2500 रू. मिलता था, कांग्रेस की सरकार ने इसे बढ़ाकर 4000 रू. कर दिया। भाजपा सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका के नाम पर उनसे ज्यादा पैसे लेकर कमीशनखोरी करती थी, संग्राहक अपने ही पैसे देकर भी अपने पसंद के चप्पल नहीं खरीद सकते थे। कांग्रेस सरकार ने कमीशनखोरी वाली योजना पर विराम लगाया। 65 वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी कर रही है। देश में कुल खरीदी की गई वनोपज में छत्तीसगढ़ की भागीदारी लगभग 80 प्रतिशत है। 15 साल में इतनी मात्रा में वनोपज की खरीदी और संग्रहण क्यों नहीं हुआ, इसका जवाब भाजपा को देना चाहिये।

********Advertisement********

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा हमेशा से आदिवासियों की शोषक रही है। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की अधिग्रहित जमीनों को रमन सरकार ने लैड बनाकर जप्त किया था, कांग्रेस सरकार ने उसे वापस किया। 15 सालों तक साढ़े पांच लाख से अधिक वन अधिकार पट्टों को लंबित रखा था? बस्तर में हजारों आदिवासियों को नक्सली बताकर अजय चंद्राकर की सरकार ने वर्षों से जेलों में बंद रखा था, कांग्रेस की सरकार ने उनकी रिहाई शुरू करवाया। बस्तर में 400 से अधिक स्कूल भाजपा सरकार ने बंद कर दिया था। बस्तर में लोग डायरिया, मलेरिया से मरते रहे, अजय चंद्राकर स्वास्थ्य मंत्री थे कभी आदिवासियों के स्वास्थ्य का ख्याल नहीं आया। आज बस्तर में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली की सुविधायें बहाल हुई है।

बस्तर कनिष्ठ चयन बोर्ड का गठन किया गया, डेनिक्स के माध्यम से बस्तर के लोगों के सपनों में नई उड़ान आई है। आदिवासियों के संबंध में उनके अधिकारों के संबंध में कुछ भी बोलने के पहले समूची भाजपा को छत्तीसगढ़ के 32 प्रतिशत आदिवासी समाज से माफी मांगनी चाहिये। भाजपा के 15 सालों में छत्तीसगढ़ के आदिवासी ठगे गये, उनकी प्रगति को रोकने का षड़यंत्र रचा गया था।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर





👉 पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें


छत्तीसगढ़ में पिछले सात महिनों से लगभग 200 ट्रेन रद्द होने पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि लगातार ट्रेन के रद्द होने से यात्री पहले से ही परेशान थे ही और राखी त्यौहार के समय 4 दिन पहले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 68 ट्रेनों को कैंसिल कर भाई-बहनों के पवित्र त्यौहार राखी का अपमान किया है। इतिहास गवाह है तीज त्यौहार के समय अतिरिक्त रेल चलाया जाता था। रेल में अतिरिक्त बोगी भी लगाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार तो हर काम उल्टा करने की कसम खा रखी है जो ट्रेन चलता था उसे भी रद्द कर दिया है।

अतिरिक्त ट्रेन चलाने की तो बात ही छोड़ दो। कोई अपने बिजनेस के नाम से तो कोई अपने पढ़ाई के नाम से तो अपने नौकरी के कारण परिवार से दूर रहते है और बहनें अपने ससुराल में राखी के त्यौहार का बेसब्री से इंतजार करती रहती है कि भाई के कलाई में राखी बांधेगे और भाई को भी इस घड़ी का इंतजार रहता है, केंद्र सरकार के रवैये के कारण इस राखी में भाई के कलाई सुनी रह जायेगी।

********Advertisement********

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि मोदी सरकार के पास कोई नीति है और ना जनहित के लिये कोई नीयत जिसके कारण अभी से माताओं एवं बहनों को चिंता सता रही है। ऐसे ही रेल रद्द होती रहेगी तो तीज के त्यौहार में भी शायद मायके ना जा पाये। महंगाई के दौर में इतना बजट भी नहीं होता कि निजी साधन कर पायें। गरीब एवं मध्यम वर्ग के लिये एक स्थान से दूसरे स्थान आने जाने के लिये एकमात्र रेल ही साधन होता है। त्योहारी सीजन के कारण यात्री पहले से ही यात्रा का प्लान कर लिये थे लेकिन रेल रद्द होने से और अधिक परेशान हो गये है और ना केंद्र सरकार के तरफ से कोई वैकल्पिक साधन दिये है।

कग- नरेंद्र मोदी के गलत नीति के कारण बेलगाम महंगाई जिसके कारण किचन सूना,राखी में भाई के कलाई सूना। केंद्र सरकार के गलत नीति के कारण सबसे ज्यादा महिलाएं परेशान एवं दुखी है.लेकिन ये नारी शक्ति है आधी आबादी है आने वाले चुनाव में हिसाब पूरा करेगी।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर





👉 पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें


छत्तीसगढ़ में हसदेव बांगो परियोजना की मुख्य नहर अब बुधवार सुबह कोरबा में फूट गई। इसके चलते तीन बस्तियां डूब गईं। आनन-फानन में नगर निगम की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और लोगों को बाहर निकाल सामुदायिक केंद्र में शिफ्ट किया गया है। घरों में पानी घुसने से लोगों का सारा सामान और राशन बर्बाद हो गया। इसके बाद नहर में पानी सप्लाई बंद कर दी गई है। इसके चलते रायगढ़, जांजगीर, सक्ती में सिंचाईं के लिए पानी पहुंचना बंद हो गया है। दो दिन पहले जांजगीर में भी यही नहर फूटी थी।

जानकारी के मुताबिक, कोरबा के सीतामढ़ी होकर हसदेव बांगो परियोजना की मुख्य नहर निकलती है। यहीं से आगे नहर जांजगीर, सक्ती होते हुए रायगढ़ जाती है। इस नहर से धान की खरीफ फसल के लिए पानी छोड़ा जा रहा है। इसी दौरान सुबह करीब 5 बजे नहर का तटबंध फूट गया। इसके चलते तेजी से पानी बाहर आया और आसपास की निचली बस्तियों में भरना शुरू हो गया। उस दौरान लोग अपने घरों में सो रहे थे। अचानक घरों में पानी घुसने पर लोगों की नींद खुली तो हड़बड़ा कर बाहर निकले।

बस्ती में हर ओर पानी देख हड़कंप मच गया। इससे इमलीडुग्गू, बंसोड़ मोहल्ला और खंडाला बस्ती डूब चुके थे। मोहल्लों में 4 से 5 फीट तक पानी भरा था। इसकी चपेट में 40 से 45 मकान आए हैं। सूचना मिलने पर नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और करीब 2 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। जो जितना अपना सामान घरों से निकाल सकता था, लेकर बाहर आया। सभी को सामुदायिक केंद्र में ले जाया गया है। वहां निगम और प्रशासन की टीम लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था कर रही है।

********Advertisement********

नहर फूटने के चलते वहां से मछलियां निकल कर सड़क पर आने लगीं। इसके बाद वहां से निकल रहे लोग मछलियां पकड़ने में लग गए। थोड़ी ही देर में सड़क पर जाम लग गया। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों और अफसरों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। काफी कोशिश के बाद भी लोग नहीं हटे तो पुलिस ने लाठियां चलाकर लोगों को वहां से खदेड़ा। फिलहाल नहर में पानी की सप्लाई बंद कर दी गई है। इसका असर रायगढ़ और जांजगीर में भी देखने को मिलेगा। पानी बंद होने से एक बार फिर किसान प्रभावित होंगे।

बताया जा रहा है कि नहर का पानी उसके ऊपर निर्मित पुल के पिलर से टकराकर ऊपर की ओर बह रहा था। भिलाई खुर्द से आगे पानी नहीं जा रहा था। इसी के चलते पानी नीचे की बस्तियों में पहुंच गया। कोतवाली पुलिस के साथ ही SDM और अन्य अफसर मौके पर पहुंच गए। SDM ने मामले की जांच कराने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि नहर फूटने की घटना अप्रत्याशित है। इसे जांचा जाएगा कि निर्माण कार्य या मेंटेनेंस में कहीं गड़बड़ी तो नहीं हुई। फिलहाल पहली प्राथमिकता लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की है।

दो दिन पहले सोमवार तड़के जांजगीर-चांपा में भी हसदेव बांगो परियोजना की मुख्य नहर फूट गई थी। इससे करीब 2 किमी के दायरे में पानी भर गया। खेत में खड़ी 100 एकड़ से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई। हादसे के समय पूरा गांव सो रहा था। करीब 7 दिन पहले ही किसानों ने नहर से पानी रिसने की शिकायत की थी, लेकिन अफसर-कर्मचारियों ने अनसुना कर दिया। सरपंच ने इसके लिए प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग भी उठाई है। फिलहाल वहां भी अफसरों ने नहर फूटने की जांच कराने की बात कही है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर





👉 पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें


सावन खत्म होते-होते एक बार फिर छत्तीसगढ़ में बादल टूटकर बरस रहे हैं। लगातार हो रही बारिश अब रायपुर से लेकर बस्तर और बेमेतरा तक कहर बरपाने लगी है। रायपुर भी सेजबहार नाला उफान पर होने से गांव में पानी घुस गया है। इसके कारण कई मकान डूब गए हैं। बेमेतरा में भी गई गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है। आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला की भी मौत हो गई है। दूसरी ओर राजनांदगांव जिला अस्पताल बारिश से जलमग्न है। दुर्ग में भी बारिश ने 4 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है।

पिछले 24 घंटे में रायपुर में हुई मूसलाधार बारिश के बाद अब निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सेज बहार में नाला उफान पर होने से पानी गांव में घुस गया है। बताया जा रहा है कि 25 से 30 मकान डूब गए हैं। इसके बाद प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि अब तक 25 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। मौके पर SDRF और मुजगहन थाना पुलिस तैनात है। दूसरी ओर बलौदाबाजार में भी कोल्हान नाला उफान पर आ गया है। इसके कारण सारागांव के पास बलौदाबाजार-खरोरा मार्ग बंद है।

दुर्ग जिले में 15 घंटे से लगातार हो बारिश जारी है। इसके कारण पूरा शहर पानी में तर हो गया है। सड़कें तालाब बन गई हैं। मार्केट भी पानी से लबालब हैं। बारिश के कारण पारा भी 6 डिग्री लुढ़क गया है। बताया जा रहा है कि चार साल में पहली बार 9 दिन के भीतर दुर्ग-भिलाई में 251 मिमी पानी गिरा है। यह कोरोना काल के बाद अगस्त के शुरुआती दिनों में पानी गिरने का नया रिकार्ड है। अभी तक 610.5 मिमी पानी गिर चुका है, जो सामान्य से 3 फीसदी अधिक है। बुधवार को भी मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है।

बेमेतरा में भी पिछले 16 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। इससे शिवनाथ नदी सहित सकरी नदी, हाफ नदी और नाले उफान पर हैं। इसके बाद दाढ़ी को तहसील के गांव सुनहरा भैया आमचो सहित कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। नवागढ़ नगर पंचायत में पानी लोगों के घरों में घुस गया है। नवागढ़-भाटापारा को जोड़ने वाले पुल पर पानी आने के कारण उसे बंद कर दिया गया है। वहीं सिटी कोतवाली क्षेत्र के तेंदूभाटा गांव में 56 साल की सहोदरा बाई की बिजली गिरने से मौत हो गई है। वह अपने पति के साथ खेत में काम कर रही थी।

********Advertisement********

वहीं आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी लगातार बारिश हो रही है। बुधवार को भी तीनों प्रदेशों के लिए अलर्ट जारी है। छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश-तेलंगाना रूट पर परवीरापुरम में एक फीट पानी भर गया है। आशंका जताई जा रही है कि जल स्तर बढ़ने से कुछ घंटों बाद तीनों राज्यों का संपर्क टूट सकता है। हालांकि गोदावरी नदी के जल स्तर में ठहराव आया है, लेकिन अब शबरी में पानी बढ़ने लगा है इसके कारण कोंटा में बाढ़ के हालात बन रहे हैं। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बारिश का रेड अलर्ट है।

बस्तर में भी लगातार हो रही बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। नेशनल हाईवे-163 से होकर गुजरने वाली तुमनार नदी पर बने पुल का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। एप्रोच रोड भी उखड़ गई है। इससे सड़क और पुल के बीच करीब 10 फीट लंबा और 5 फीट गहरा गड्ढा हो गया। पिछले कई घंटों से बीजापुर-जगदलपुर मार्ग बंद है। दोनों तरफ वहानों की लंबी कतार लगी है। हालांकि, नदी का पानी कम होने पर अब प्रशासन की टीम पुल और सड़क के मरम्मत कार्य में जुट गई है। मिट्टी और सीमेंट-गिट्टी का मलवा डाल गड्ढे को भरा जा रहा है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर





👉 पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें


छत्तीसगढ़ सरपंच संघ का आंदोलन तेज होने लगा है. बुधवार को अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सरपंच संघ के सदस्यों से राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब स्थिति धरना स्थल में आंदोलन कर शक्ति प्रदर्शन किया. इसके बाद सभी सरपंच मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए निकले, जहां उन्हें प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया, लेकिन वो उसे तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे. इसके बाद पुलिस जवानों और पुलिस कर्मियों के बीच में जमकर धक्का मुक्की हुई,

बूढ़ातालाब स्थिति धरना स्थल से अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे सरपंच मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सरपंचों को रोकने के लिए सप्रे स्कूल के सामने बैरिकेडिंग की, लेकिन सरपंचों ने बैरिकेडिंग को तोड़ दी औक आगे निकल गए. इसके बाद सरपंचों और पुलिस जवानों के बीच जमकर धक्का मुक्की भी हुई.

इस दौरान मौके पर एसडीएम, अपर कलेक्टर के साथ ही SSP मौके पर पहुंचे और किसी तरह प्रदर्शनकारी सरपंचों को शांत करवाया. सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने कहा कि सरपंच निधि 10 लाख रुपए करने, कोरोना काल की वजह से 2 साल कार्यकाल बढ़ाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया है. प्रशासन ने 10 दिनों का समय मांगा है. उसके बाद भी अगर मांग पूरी नहीं होती है तो वो उग्र प्रदर्शन करेंगे.

********Advertisement********

सरपंचों की 11 सूत्रीय मांगों में सरपंचों का मानदेय 20 हजार करने, पंचों का मानदेय 5 हजार रुपए करने, सरपंचों को आजीवन 10 हजार पेंशन, महामारी के कारण सरपंचों का कार्यकाल 2 साल बढ़ाए जाने जैसी मांगें शामिल हैं. सरपंच संघ इससे पहले भी प्रदेश के कई हिस्सों में अपनी मांगों के लेकर प्रदर्शन करता रहा है. अब इन्होंने अपनी आवाज उठाने के लिए राजधानी रायपुर को चुना है. अब देखना होगा का इनके इस प्रदर्शन का असर क्या होता है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣 खरीदी -बिक्री /किराया/लीज आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर



Short news only from Chhattishgarh ,dated: 10 August 2022

रायपुर : 10/Aug/2022

🌐 गाड़ी ओवरटेक करने के विवाद पर युवक पर चला दी गोली, घायल युवक का उपचार जारी, आरोपी गिरफ्तार🌐

राजधानी रायपुर में एक बार फिर गोली चलने की वारदात सामने आ रही है। घटना गाड़ी ओवरटेक करने के विवाद पर हुई है। बताया जा रहा है कि उड़ीसा निवासी युवक ने एक व्यक्ति के ऊपर गोली चला दी है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आज दोपहर अभनपुर थाना क्षेत्र में ग्राम हसदा के पास ओवरटेक करने के विवाद पर आरोपी ने निखिल साहू की जाँघ पर गोली चला दी जिससे निखिल घायल हो गया और घायल को तत्काल इलाज के लिए अभनपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहाँ उसका उसका उपचार जारी है बताया जा रहा है कि अब घायल युवक खतरे से बाहर हैवहीं पुलिस घटना की सूचना मिलते ही घेराबंदी कर आरोपी को उसकी थार गाड़ी एवं लायसेन्सी पिस्टल के साथ पकड़ लिया गया है। आरोपी विक्रमादित्य सिंह देव उड़ीसा का रहने वाला है उससे पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा कि आरोपी कालाहांडी ज़िले में नक्षत्र न्यूज़ में काम करता है

Sharing is caring ! When we share,door open for others

like our Facebok page




रायपुर : 10/Aug/2022

🌐 छग कैडर की IAS मनिंदर कौर द्विवेदी को केंद्र में मिला अतिरिक्त सचिव का पदभार🌐

छत्तीसगढ़ कैडर से 1995 बैच की IAS मनिंदर कौर द्विवेदी को केंद्र सरकार ने अतिरिक्त सचिव के पद पर नियुक्त किया है। वर्तमान में वो लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रमुख सचिव हैं। केंद्र ने उनके साथ 16 अन्य आईएएस अधिकारीयों की भी नियुक्ति की गयी है।

Sharing is caring ! When we share,door open for others

like our Facebok page




रायपुर : 10/Aug/2022

🌐 अब अंतागढ़ तक चलेगी रायपुर–केवटी डेमू स्पेशल🌐

रेल यात्रियो की सुविधाओ को ध्यान में रखते हुए रेल प्रशासन द्वारा दुर्ग-केवटी के मध्य 08815 रायपुर-केवटी डेमू स्पेशल एवं 08818 केवटी-दुर्ग डेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन को 13 अगस्त से अंतागढ़ तक विस्तार किया जा रहा है। इस स्पेशल ट्रेनों की समय सारणी में आंशिक परिवर्तन किया जा रहा है। यह स्पेशल ट्रेन अंतागढ़ तक आगामी आदेश तक चलती रहेगी। वहीं 08824/07825 दुर्ग-दल्लीराजहरा-दुर्ग डेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन की समय सारणी में 13 अगस्त से आंशिक परिवर्तन किया गया है।

Sharing is caring ! When we share,door open for others

like our Facebok page



जांजगीर-चांपा : 10/Aug/2022

🌐 थाने में कॉन्स्टेबल ने किया जमकर हंगामा, बर्खास्त🌐

जांजगीर-चांपा के पामगढ़ थाने में पदस्थ आरक्षक को थाने में हंगामा और अन्य पुलिसकर्मियों से गालीगलौज व धक्कामुक्की करना भारी पड़ गया। दरअसल आरक्षक रज्जू टंडन के भाई साहिल टंडन (21 वर्ष) को POCSO (The Protection of Children from Sexual Offences) एक्ट के तहत पुलिस ने 4 अगस्त की रात गिरफ्तार कर लिया था, जिस पर वो आवेशित हो गया। जब आरक्षक रज्जू टंडन ने अपने भाई साहिल को थाने में देखा, तो पहले तो उसे लॉकअप से निकालने का प्रयास किया, लेकिन जब ऐसा नहीं हो सका, तो उसने पुलिसकर्मियों से धक्कामुक्की और गालीगलौज की। थाने में हंगामा करने पर एसपी विजय अग्रवाल ने आरक्षक रज्जू टंडन को बर्खास्त कर दिया है।

Sharing is caring ! When we share,door open for others

like our Facebok page



कांकेर : 10/Aug/2022

🌐 कांकेर में माकड़ी ढाबा के पास ग्रामीणों ने रायपुर-जगदलपुर हाईवे किया जाम🌐

छत्तीसगढ़ के कांकेर में बुधवार को ग्रामीणों ने रायपुर-जगदलपुर हाईवे जाम कर दिया। बड़ी संख्या में ग्रामीण सड़क पर बैठ गए। आरोप लगाया 4 एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। उसे बेचकर पट्टा भी करा दिया। ग्रामीणों ने मांग रखी कि जब तक प्रशासन जमीन के पट्टे को निरस्त नही करेगा तब तक चक्काजाम जारी रहेगा। हालांकि दो घंटे बाद जाम खत्म हो गया और ग्रामीण अपने घर लौट गए।

Sharing is caring ! When we share,door open for others

like our Facebok page



छत्तीसगढ़ प्रदेश : 10/Aug/2022

🌐 मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन पर्व की दी शुभकामनाएं🌐

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को भाई-बहन के स्नेह और विश्वास के पर्व रक्षाबंधन की बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर उन्होंने सभी नागरिकों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। रक्षाबंधन पर्व की पूर्वसंध्या पर जारी अपने बधाई संदेश में श्री बघेल ने कहा है कि रक्षाबंधन हमारी संस्कृति से जुड़ा महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और मजबूत बनाता है। इस दिन बहनें मंगल कामना करते हुए अपने भाईयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन स्नेह और विश्वास के अटूट रिश्तों का त्यौहार है। यह त्यौहार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, अस्मिता के प्रति हम सभी को जागरूक और प्रतिबद्ध करता है।

Sharing is caring ! When we share,door open for others

like our Facebok page



छत्तीसगढ़ प्रदेश : 10/Aug/2022

🌐 मुख्यमंत्री ने मिनीमाता की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन🌐

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की 11 अगस्त को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरल और सहज व्यक्तित्व की धनी मिनीमाता ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया। असम में जन्मी मिनीमाता विवाह के बाद छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रच-बस गई। दलितों के नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिये अस्पृश्यता निवारण अधिनियम को संसद में पारित कराने में उन्होंने महती भूमिका निभाई। बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरोध में उन्होंने समाज से लेकर संसद तक अपनी आवाज उठाई। मिनीमाता मजदूर हितों और नारी शिक्षा के प्रति भी जागरुक और सहयोगी रहीं। भिलाई इस्पात संयंत्र में स्थानीय निवासियों को रोजगार और औद्योगिक प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया।

Sharing is caring ! When we share,door open for others

like our Facebok page



छत्तीसगढ़ प्रदेश : 10/Aug/2022

🌐 साहित्यकार एवं पत्रकार श्री लीलाधर मंडलोई वसुंधरा सम्मान से होंगे सम्मानित🌐

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं पत्रकार श्री लीलाधर मंडलोई को वसुंधरा सम्मान से सम्मानित करेंगे। श्री मंडलोई को यह सम्मान मुख्यमंत्री द्वारा 14 अगस्त को दोपहर 12 बजे, मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित समारोह में दिया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत करेंगे। उल्लेखनीय है कि वसुंधरा सम्मान स्वर्गीय देवी प्रसाद चौबे की स्मृति में प्रदान किया जाता है। उनकी 46वीं पुण्यतिथि पर आयोजित वसुंधरा सम्मान का यह निरंतर 22वां आयोजन है। इस सम्मान के अंतर्गत प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह तथा सम्मान निधि प्रदान की जाती है। इसका आयोजन संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन लोक जागरण की मासिक पत्रिका कृति वसुंधरा एवं श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।

Sharing is caring ! When we share,door open for others

like our Facebok page