detail news only from Chhattishgarh ,dated: 15th September 2022



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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दूसरे चरण में रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विधानसभा में 569 करोड़ 78 लाख रुपये की लागत के 24 विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी। जिसमें 64 करोड़ 36 लाख रुपये की लागत से निर्मित 15 कार्यो का लोकार्पण एवं 505 करोड़ 42 लाख रुपये की लागत से बनने वाले 9 कार्यों का शिलान्यास कार्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के दौरान जिन कार्यों का लोकार्पण किया उनमें लोक निर्माण विभाग द्वारा 24 करोड़ 74 लाख रुपये की लागत से घरघोड़ा-बायपास मार्ग का उन्नयन कार्य, शिक्षा विभाग द्वारा 74 लाख रुपये की लागत से घरघोड़ा के ग्राम-भालूमार में नवीन हाईस्कूल भवन निर्माण एवं 75 लाख रुपये की लागत से धरमजयगढ़ अंतर्गत ग्राम-ससकोबा में शाासकीय हाईस्कूल भवन का निर्माण, आदिवासी विकास विभाग द्वारा 14 करोड़ 57 लाख रुपये की लागत से धरमजयगढ़ में 500 सीटर आदिवासी छात्रावास भवन का निर्माण, 3 करोड़ 84 लाख रुपये की लागत से घरघोड़ा एवं महाराजगंज में 50-50 सीटर पोस्ट मैट्रिक छात्रावास भवन निर्माण, लोक निर्माण विभाग सेतु द्वारा 8 करोड़ 2 लाख रुपये की लागत से धरमजयगढ़ से कोरबा, उरगा, हाटी एवं धरमजयगढ़ मार्ग में सरिया नाला सेतु निर्माण कार्य एवं 9 करोड़ 99 लाख रुपये की लागत से कुड़ेकेला के बंगरसुता मार्ग पर मांड नदी पर पुल निर्माण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 25 लाख रुपये की लागत से धरमजयगढ़ अंतर्गत ग्राम पण्ड्रीमौहा एवं उदउदा में मानव राहत केन्द्र सह अन्नागार, वन विभाग द्वारा 80 लाख रुपये की लागत तीन जगहों पर डब्ल्यूबीएम वनमार्ग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 40 लाख रुपये की लागत से मेडिया खूंटा नाला में वेंटेज, कॉजवे निर्माण भाग-1 व 2 तथा नगर पंचायत घरघोड़ा द्वारा 27 लाख रुपये की लागत से पौनी पसारी बाजार निर्माण कार्य शामिल है।

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शिलान्यास कार्य के तहत न्याय विभाग द्वारा 76 लाख रुपये की लागत से सिविल कोर्ट घरघोड़ा में न्यायिक अधिकारियों के लिए 1 नग डी टाईप शासकीय आवास गृह निर्माण, आदिवासी विकास विभाग द्वारा 01 करोड़ 53 लाख रुपये की लागत से घरघोड़ा के ग्राम बिच्छीनारा में 50 सीटर पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास, लोक निर्माण विभाग सेतु द्वारा 5 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से रायगढ़ के पानीखेत से ऐडुकला मार्ग पर पुल निर्माण एवं 7 करोड़ 98 लाख रुपये की लागत से ग्राम समनिया व पत्थलगांव खुर्द के मध्य सांगुल नदी में पुल निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 329 करोड़ 74 लाख रुपये की लागत से धरमजयगढ़ एवं घरघोड़ा में 92 रेट्रोफिटिंग योजना, 110 सिंगल विलेज एवं 71 सोलर योजना कार्य, नगर पंचायत घरघोड़ा द्वारा 2 करोड़ 97 लाख रुपये की लागत से सीसी रोड व नाली निर्माण तथा 94 लाख रुपये की लागत से घरघोड़ा अंतर्गत वार्ड क्रमांक 10 छोटेमुड़ा तालाब का सौंदर्यीकरण कार्य तथा विद्युत विभाग द्वारा 156 करोड़ रुपये की लागत से धरमजयगढ़ के हाटी में 220/132 के.व्ही.उपकेन्द्र निर्माण कार्य शामिल है।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा और बस्तर सांसद श्री दीपक बैज के नेतृत्व में बस्तर दशहरा समिति जगदलपुर के प्रतिनिधि मण्डल ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व 2022 में शामिल होने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा में आमंत्रित करने के लिए प्रतिनिधि मण्डल को धन्यवाद देते हुए आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।



गौरतलब है कि 75 दिवसीय विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व हरेली अमावस्या से प्रारंभ होकर आश्विन शुक्ल पक्ष के 13वें दिन तक मनाया जाता है। देश के तीन भागों में दशहरे की अलग पहचान है, मैसूर (कर्नाटक) एवं किन्नौर (हिमाचल प्रदेश) के अलावा छत्तीसगढ़ के बस्तर का दशहरा अपने आप में अनूठा है। चालुक्य नरेश पुरूषोत्तम देव द्वारा पुरी के जगन्नाथ मंदिर जाकर रथपति की उपाधि के साथ वापस लौटने के प्रतीक स्वरूप रथ उत्सव गोंचा पर्व व दशहरा का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में बस्तर के निवासियों द्वारा बस्तर अंचल की प्रमुख आराध्य देवी मां दन्तेश्वरी के सम्मान में श्रद्धापूर्वक दशहरा मनाया जाता है। बस्तर दशहरा यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं सामाजिक समरसता का प्रतीक है। इस पर्व में समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए कार्य निर्धारित है। बस्तर दशहरा हर वर्ष अद्वितीय उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया जाता है। बस्तर दशहरा देखने के लिए देश-विदेश से हजारों पर्यटक हर वर्ष बस्तर आते हैं।



मुख्यमंत्री को आमंत्रण देने रायपुर आए प्रतिनिधि मण्डल में जगदलपुर विधायक श्री रेखचंद जैन, परगनाकरेकोट के श्री मंगलु मांझी, बारसूर परगना श्री अर्जुन कर्मा, श्री बलराम मांझी, दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी श्री विजेन्द्र सहित अनेक मांझी, चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन शामिल थे।

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भारत निर्वाचन आयोग ने देश के विभिन्न राज्यों के बूथ लेवल ऑफिसरों के साथ आयोजित पारस्परिक संवाद सत्र में एक नए डिजिटल प्रकाशन, 'बीएलओ ई-पत्रिका' का विमोचन किया। विमोचन कार्यक्रम में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों (सीईओ) के कार्यालय से 350 से भी अधिक बीएलओ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से और निकटवर्ती राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली के 50 बीएलओ इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से जुड़े। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आयोग के यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/watch?v=vNI2qtQD5VA पर किया गया एवं इसे 10 लाख से भी अधिक बीएलओ के साथ साझा किया गया ताकि वे इसमें भाग ले सकें। कार्यक्रम के दौरान, भारत निर्वाचन आयोग के यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/eci से 25 हजार से भी अधिक सब्सक्राइबर जुड़े और दो लाख 40 हजार व्यूज प्राप्त हुए।




आयोग के साथ पारस्परिक संवाद सत्र के दौरान बूथ लेवल आफिसरों ने अत्यंत उत्साहपूर्वक अपने अनुभवों और उन चुनौतियों को साझा किया जिनका वे अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करने के दौरान सामना करते हैं। साथ ही, उन्होंने अपनी कामयाबी की कहानियां भी साझा की। यह अपने आप में पहला ऐसा आयोजन था जिसमें आयोग द्वारा देश भर के बूथ लेवल आफिसरों के साथ प्रत्यक्ष संवाद किया गया। इस आयोजन के दौरान निर्वाचन आयोग के वरिष्ठर अधिकारियों और सभी राज्योंा के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों ने (वीडियो कांफ्रेंस के माध्यठम से) भाग लिया।

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इस द्विमासिक ई-पत्रिका की विषय-वस्तु में ईवीएम-वीवीपैट प्रशिक्षण, सूचना प्रौद्योगिकी एप्लीकेशन, विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण, मतदान बूथों पर न्यूनतम स्वीप कार्यकलाप, डाक मतपत्र सुविधा, सुगम निर्वाचन, निर्वाचक साक्षरता क्लब, विशेष मतदाता जागरूकता पहल और राष्ट्रीय मतदाता दिवस जैसे विषय शामिल किए जाएंगे। इसमें बीएलओ के साथ अनौपचारिक वार्तालाप, उनकी सफलता की कहानियां और देशभर की सर्वोत्तम पद्धतियां भी शामिल की जाएंगी। इस ई-पत्रिका की भाषा सरल, संप्रेषणात्मक और निदर्शनात्मक होगी। यह पत्रिका अंग्रेजी, हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी। बीएलओ ई-पत्रिका का अंग्रेजी और हिंदी संस्करण भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट https://ecisveep.nic.in/ebook/BLO-E-Patrika-en/index.html और https://ecisveep.nic.in/ebook/BLO-E-Patrika-hindi/index.html पर या भारत निर्वाचन आयोग के ट्विटर हैंडल @ECISVEEP पर पढ़ा जा सकता है। इसे गरुड़ एप पर भी अपलोड किया गया है।

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केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मंजूरी दे दी है. पीएम मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रीमंडल ने बुधवार को यह फैसला लिया. सरकार के इस फैसले से 12 जातीय समूहों को बड़ी राहत मिलेगी. वहीं इस फैसले के बाद बीजेपी और कांग्रेस में श्रेय लेने की राजनीति भी शुरू हो गई है. केंद्र सरकार ने जिन 12 जातियों को एसटी वर्ग में शामिल करने की मंजूरी दी है, उनमें भारिया भूमिया के साथ भूईंया, भूईयां, भूयां को भी शामिल किया गया है. वहीं पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो और धनवार के धनुहार, धुनवार को भी शामिल किया गया है. गदबा और गोंड के साथ ही गोंड़ को भी शामिल किया गया है.

वहीं कौंध के साथ कोंद और कोडाकू के साथ कोड़ाकू, नगेसिया, नागासिया के साथ किसान, धनगढ़ के साथ धांगड़ को भी एसटी सूची में शामिल किया गया है. इनमें से अधिकतर समुदाय जाति के नामों में भिन्नता के चलते एसटी वर्ग में शामिल नहीं थे. अब इन सभी जातियों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा.12 जातियों को एसटी वर्ग में शामिल करने से इन जाति के लोगों को सरकार की तरफ से अनुसूचित जनजातीय वर्ग के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. साथ ही छात्रवृत्ति, रियायती लोन और सरकारी नौकरी में आरक्षण जैसे लाभ भी मिल सकेंगे.

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12 जातियों को एसटी वर्ग में शामिल करने से राज्य में श्रेय की राजनीति भी शुरू हो गई है. बता दें कि भाजपा जहां इस फैसले को पार्टी के प्रयासों की जीत बता रही है और प्रधानमंत्री को इसका श्रेय देते हुए केंद्र सरकार को धन्यवाद दे रही है. वहीं कांग्रेस इस फैसले को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों का नतीजा बता रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने अगर अपने शासनकाल में कोशिश की होती तो यह काम बहुत पहले हो जाता.

बता दें कि ना सिर्फ छत्तीसगढ़ को बल्कि 5 राज्यों के कई आदिवासी समुदायों को एसटी वर्ग में शामिल करने की मंजूरी मिली है.

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समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत आज आठ दिव्यांग दंपतियों को प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया। कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रास सभाकक्ष में सामान्य सभा की बैठक के दौरान जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा, उपाध्यक्ष श्री टंकराम वर्मा, श्री माखन कुर्रे एवं श्री सौदागर सोनकर सदस्य जिला पंचायत रायपुर के द्वारा विवाह प्रोत्साहन राशि का धनादेश प्रदान किया गया। इस अवसर पर विभागीय कर्मचारी उपस्थित थे।

समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक ने बताया कि पांच दिव्यांगजन दंपत्तियों को पृथक-पृथक एक लाख रूपये एवं तीन दिव्यांगजनों को पृथक-पृथक पचांस हजार रूपये कुल छः लाख पचांस हजार रूपये का चेक प्रदान किया गया। जिन हितग्राहियों को चेक प्रदान किया गया है उसमें रूपेश कुमार साहू एवं राधिका साहू, राम कुमार साहू एवं धनेश्वरी साहू, भागवत यादव एवं सुखवन्तीन यादव, सुनील कुमार सेन एवं आंगन पटेल, उत्तम कुमार साहू एवं किरण साहू, मोहसीन खान, रमाकान्त साहू तथा नेहुल बोथरा शामिल है।

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एक्टर अजय देवगन की फिल्म आने वाली है। देवगन ने इस फिल्म में चित्रगुप्त का किरदार निभाया है। अब इस किरदार को लेकर रायपुर में बवाल हाे गया है। कायस्थ समाज के लोगों ने अजय देवगन के खिलाफ थाने में शिकायत कर दी है। वो अजय देवगन के साथ फिल्म के मेकर्स भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।ये शिकायत रायपुर के सिविल लाइंस थाने में की गई है। पुलिस को शिकायत सौंपने कायस्थ समाज के लोग थाने पहुंचे। इनमें भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव भी शामिल थे। श्रीवास्तव ने बताया कि हमने अभिनेता अजय देवगन फिल्म निर्देशक इंद्र कुमार और फिल्म निर्माता कंपनी टी सीरीज और मारुति इंटरनेशनल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

कायस्थ समाज की ओर से संजय श्रीवास्तव ने कहा कि फिल्म थैंक गॉड के ट्रेलर में हमारे आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त के आसपास अश्लीलता का प्रदर्शन किया गया जिसमें अर्धनग्न स्त्रियां भगवान के अगल-बगल खड़ी है। साथ ही घटिया चुटकुले व आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है, जिससे कायस्थ जनों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

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इंद्र कुमार के निर्देशन में बनी यह फिल्म यमलोक की कहानी पर आधारित है। फिल्म में एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा और रकुल प्रीत सिंह पति-पत्नी के रोल में हैं।अजय देवगन इसमें चित्रगुप्त की भूमिका में नजर आ रहे हैं।चित्रगुप्त बने अजय देवगन ने अपने डायलॉग्स और सिद्धार्थ ने अपने फेस एक्सप्रेशन्स से लोगों को खूब हंसाना चाहा, लेकिन इसी वजह से बवाल हो गया है।

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केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र (NQAS Certification) के लिए राज्य के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (HWC) उप स्वास्थ्य केन्द्रों का भी मूल्यांकन किया गया है। छत्तीसगढ़ देश का तीसरा राज्य है जहां केन्द्र की टीम द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर उप स्वास्थ्य केन्द्रों का भी मूल्यांकन एनक्यूएस सर्टिफिकेशन के लिए किया गया है। दुर्ग जिले के अमलेश्वर और रायपुर के निसदा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर उप स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण इसके लिए किया गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अब तक प्रदेश के 55 शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान किया जा चुका है।

एचडबल्यूसी उप स्वास्थ्य केन्द्रों का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन 12 मानकों के आधार पर किया जाता है। इसके लिए संस्था द्वारा सेवा प्रदायगी, मरीज संतुष्टि, क्लिनिकल सर्विसेस, इनपुट, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सर्विसेस, गुणवत्तापूर्ण प्रबंध, आउटपुट जैसे मानकों की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है। मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। प्रदेश के कुल 55 अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्राप्त हो चुका है। इनमें दस जिला अस्पताल, सात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 26 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन का उद्देश्य अस्पतालों की सुविधाओं को सुदृढ़ करते हुए आम जनता तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना है। राज्य में इसका सर्टिफिकेशन अब एचडबल्यूसी उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर भी शुरू किया गया है। हाल ही में हुई राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण पत्र की बैठक में प्रदेश के 17 एच.डबल्यू.सी. उप स्वास्थ्य केन्द्रों का राज्य स्तरीय प्रमाणीकरण किया गया जो कि पूरे देश में सर्वाधिक है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए छत्तीसगढ़ की सराहना भी की है।

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जिला कौशल विकास प्राधिकरण रायपुर द्वारा संकल्प परियोजना के अंतर्गत लाईवलीहुड कॉलेज जोरा में प्लेसमेंट कैंप का आयोजन 20 सितम्बर 2022 को सुबह 11 बजे से किया जायेगा। इस प्लेसमेंट कैंप में निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठान पेस गियर अपेरेल रायपुर तथा ईसाडोरा लाइफ स्टाईल रायपुर द्वारा नियुक्ति हेतु साक्षात्कार लिया जाएगा। इन संस्थानों द्वारा मास्टर टेलर एवं टेलर ट्रेनी आदि के 25 पदों के लिये साक्षात्कार लिया जायेगा।

सहायक संचालक जिला कौशल विकास प्राधिकरण रायपुर ने बताया कि रायपुर जिले के वे युवा जो कम से कम 10वीं परीक्षा उत्तीर्ण और जिनकी आयु 21 वर्ष से 35 वर्ष तक है। ऐसे युवा अपने सभी प्रमाण पत्रों के मूल एवं सत्यापित प्रतिलिपि के साथ प्लेसमेंट कैंप में साक्षात्कार के लिये उपस्थित हो सकतें हैं। यह प्लेसमेंट कैंप युवाओं के लिये पूर्णतः निःशुल्क है। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना या प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत सेल्फ एम्पलायड टेलर तथा सिविंग मशीन ऑपरेटर व्यवसाय में कौशल प्रशिक्षित युवाओं को चयन में प्राथमिकता दिया जायेगा। चयनित युवाओं को उनके योग्यता एवं अनुभव अनुसार प्रतिमाह 8 से 12 हजार रूपये का वेतन दिया जाएगा एवं इनका कार्यक्षेत्र रायपुर जिला होगा। टेलर ट्रेनी को प्रशिक्षण अवधि में 6 हजार से 8 हजार रूपये का मानदेय दिया जायेगा।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में यूनिसेफ इंडिया के प्रमुख यासूमासा किमुरा ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने छत्तीसगढ़ में न्यूट्रिशन के क्षेत्र में अच्छे कार्याें के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल को बधाई दी। मुलाकात के दौरान श्री किमुरा ने छत्तीसगढ़ में कुपोषण मुक्ति अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि बच्चों में कुपोषण और महिलाओं में एनीमिया दूर करने के लिए राज्य में अच्छा काम हो रहा है। श्री किमुरा ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में हेल्थ के क्षेत्र में हो रहे कार्याें की वजह से छत्तीसगढ़ के हेल्थ इंडेक्स में काफी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यह उत्साहजनक है। यूनिसेफ इससे काफी प्रभावित है।

श्री किमुरा ने मुख्यमंत्री को बताया कि यूनिसेफ इंडिया की टीम ने बस्तर अंचल के नारायणपुर, कोण्डागांव और बस्तर जिले का भ्रमण किया था और वहां मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के किए जा रहे कार्याें को नजदीक से देखा। उन्होंने कहा कि मलेरिया उन्मूलन के क्षेत्र में भी काफी अच्छा काम हुआ है। जिससे मलेरिया के मामलों में कमी आई है। लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं और उनकी दिक्कतें दूर हुई हैं। लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इस परिवर्तन को यूनिसेफ की टीम ने भी महसूस किया है। छत्तीसगढ़ में यूनिसेफ के प्रमुख श्री जॉब जकारिया सहित यूनिसेफ के श्री सैम सुधीर बंडी, डॉ. अर्पणा देश पाण्डेय, श्री विशाल वासवानी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर कुपोषण और एनीमिया की समस्या के समाधान के लिए बस्तर अंचल से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई थी। जिसमें मिली सफलता को देखते हुए इस अभियान का पूरे राज्य में विस्तार किया गया है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से छत्तीसगढ़ में लगभग 2 लाख 10 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त हो चुके हैं। इसी तरह एक लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो चुकी हैं। इस अभियान के तहत बच्चों और महिलाओं को स्थानीय पोषक आहार, गरम भोजन, अण्डा, चिक्की, मूंगफली, चना, कुछ स्थानों पर मिलेट्स के साथ रेडी-टू-ईट पूरक पोषण आहार दिया जा रहा है। इस अभियान में महिला स्व-सहायता समूहों की मुख्य भागीदारी है।

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पेंड्र क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश और गर्जना से जंगली सब्जी पिहरी/ छतनी/ मशरूम बाजार हाट में कम भाव में बिक रही है. अपने उच्च प्रोटीन , गुणवत्ता एवं स्वाद की वजह से शौकीनो के थालियों में परोसे जाने वाला पिहरी (मशरूम) जो बाज़ार में 700-800 रुपए किलो बिका करती थी. इन दिनों पेंड्रा के बाजार में 100 से 200 रुपये किलो बिक रही है. बारिश के आते ही जंगली सब्जी पिहरी/पुटू सामान्य लोगों की पहुंच से दूर रहती हैं. प्रारंभिक रूप से जब यह फसल जंगल से बाजार पहुंचती है तो इसकी कीमत काजू बादाम से भी महंगी होती है. इसके शौकीन ही इसकी कीमत चुका सकते हैं. सामान्य व्यक्ति इन सब्जियों की कीमत पूछ कर ही रह जाता है. इसे खरीद नहीं पाता परंतु सावन के खत्म होते ही भादो लगा और वापस जाते मानसून की बारिश ने जब अपना रूप दिखाया तो बारिश के साथ गर्जना भी हुई और जंगल में साल के वृक्ष के नीचे यह पिहिरी ऐसे निकली जैसे बर्फ की चादर बिछ गई.

केंदा , कारीआम, बस्तिबगरा, मातिन क्षेत्र का पसान, कर्री, तुलबुल एवं मरवाही के जंगल से अचानक बड़ी मात्रा में पिहरी या मशरुम भी निकलने लगी. जो 700 से 800 किलो का था. वो बेजा उत्पादन से 40-50 रुपये किलो हो गया है. ग्रामीण जो पिहरी खाना तो चाहते थे परंतु उनके पहुंच से दूर थी. उसे खरीदने के लिए टूट पड़े. परंतु पहरी भी इतनी बड़ी बड़ी मात्रा में बाजार में आ गया कि उसके खरीदने वाले कम पड़ गए. पिहरी की तासीर ऐसी है की 1 दिन से दूसरे दिन उपयोग न हो तो उसमें कीड़े पड़ जाते हैं. फिलहाल बारिश इतनी हो रही है, बादल नहीं निकल रहे हैं. जिससे उसे सुखाया भी नहीं जा सकता है. बाजार में पिहिरी / मशरूम /छतनी तरह तरह के आ गया. पर खरीदने वाला कोई नहीं है. अब सवाल ये उठता है कि जंगल की सौगात "पिहरी'' याने लम्बे और स्वादिष्ट मशरूम का व्यावसायिक उत्पादन क्यों नहीं हो रहा. यदि संभव है तो इस और प्रयास क्यों नहीं किया जा रहा है?

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Short news only from Chhattishgarh ,dated: 15th September 2022


धरमजयगढ़ : 15/Sep/2022

🌐 मुस्कान की तमन्ना हुई पूरी, रिसर्च के लिए दो लाख रुपए की मिली मंजूरी🌐

धरमजयगढ़ की धरा पर भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के जरिए आए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री बघेल को छात्रा मुस्कान अग्रवाल ने जब अपनी व्यथा बताई कि वह गरीब परिवार से है और बीएससी की पढ़ाई पूरी कर चुकी है, अब आगे रिसर्च के फील्ड में जाना चाहती है। बैंगलोर में जाकर पढ़ाई करने चाहती है। इसके लिए कोचिंग करना जरूरी है, लेकिन वह सक्षम नहीं है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छात्रा की बातों को ध्यान से सुना और कहा बताओ कितना चाहिए? छात्रा मुस्कान ने स्टीमेट नहीं बनाने की बात बताई तो मुख्यमंत्री ने मजाकिया लहजे में कहा कि आप एक मुख्यमंत्री से बिना स्टीमेट के बातें कर रहे हो तो मैं कैसे आपको राशि दे पाऊंगा। पल भर के लिए शांत होकर चुप्पी साधने वाली मुस्कान की मुस्कुराहटों को देखकर मुख्यमंत्री ने उन्हें आवेदन देने की बात कहते हुए तुरंत ही स्वेच्छानुदान से दो लाख रुपए देने को घोषणा कर दी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर वहाँ उपस्थित महिलाओं सहित लोगों ने तालियां बजाकर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

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रायपुर : 15/Sep/2022

🌐 मुख्यमंत्री से खैरागढ़-छुईखदान-गंडई से आए मरार समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने की सौजन्य मुलाकात🌐

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में राजनांदगांव जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री नवाज खान के नेतृत्व में खैरागढ़-छुईखदान-गंडई से आए मरार समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मरार-भोयर समाज के समुदायिक भवन के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा एक एकड़ जमीन और 50 लाख रूपए की राशि प्रदान करने के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया। प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री को बताया कि समुदायिक भवन के लिए भूमि मिली है उसकी प्रीमियम राशि 11 लाख 34 हजार रूपए है। प्रीमियम राशि जमा करने में समाज सक्षम नहीं है। प्रतिनिधि मण्डल ने प्रीमियम की राशि माफ करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल प्रीमियम राशि माफ करने की मंजूरी प्रदान की। प्रतिनिधि मण्डल में मरार-भोयर समाज के अध्यक्ष श्री सुखदेव पटेल सहित सर्व श्री मुन्ना पटेल, दिनेश पटेल तथा 50 सदस्य शामिल थे।

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जगदलपुर : 15/Sep/2022

🌐 राज्य महिला आयोग की जन-सुनवाई शुक्रवार 16 सितम्बर को🌐

बस्तर जिले में राज्य महिला आयोग द्वारा शुक्रवार 16 सितम्बर को सुबह 11 बजे कलेक्ट्रेट के प्रेरणा कक्ष में जन सुनवाई की जाएगी। जन-सुनवाई में राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक एवं राज्य महिला आयोग के दो सदस्यगण उपस्थित रहेंगे। पीड़ित महिलाएं अपनी समस्याओं के निराकरण हेतु आयोग के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकती हैं। अधिक जानकारी के लिये दुरभाष क्रमांक +91-07782-223181 एवं मोबाईल नंबर +91-7000983161 पर भी संपर्क कर सकते हैं ।

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बिलासपुर : 15/Sep/2022

🌐 सूचना का अधिकार पर 16 सितम्बर को कार्यशाला’🌐

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के संबंध में कल 16 सितम्बर को जिला कार्यालय के सभाकक्ष में सवेरे 11 बजे से जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई है। जनसूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को कार्यशाला में अधिनियम कीे विभिन्न प्रावधानों की बारीकियां बताई जायेंगी। मुख्य सचूना आयुक्त श्री एम.के.राऊत प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ करेंगे। आयोग के विषय विशेषज्ञों द्वारा अधिनियम के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी प्रदान की जायेगी। कलेक्टर सौरभकुमार ने जिले के सभी जनसूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को सूचना आयोग द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में हिस्सा लेने के निर्देश दिये हैं। कार्यशाला का आयोजन राज्य सूचना आयोग द्वारा जिला प्रशासन के समन्वय से आयोजित किया गया है।

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छत्तीसगढ़ प्रदेश : 15/Sep/2022 🌐 छत्तीसगढ़ में अब तक 1138.2 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज🌐

राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 15 सितम्बर तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 2249.9 मिमी और सरगुजा में जिले में सबसे कम 525.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर में 867.9 मिमी, बलरामपुर में 850.0 मिमी, जशपुर में 904.9 मिमी, कोरिया में 797.5 मिमी, रायपुर में 809.5 मिमी, बलौदाबाजार में 1047.3 मिमी, गरियाबंद में 1134.9 मिमी, महासमुंद में 1068.3 मिमी, धमतरी में 1189.8 मिमी, बिलासपुर में 1295.9 मिमी, मुंगेली में 1172.0 मिमी, रायगढ़ में 1048.6 मिमी, जांजगीर-चांपा में 1221.5 मिमी, कोरबा में 1085.2 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 987.1 मिमी, दुर्ग में 924.8 मिमी, कबीरधाम में 1019.4 मिमी, राजनांदगांव में 1126.1 मिमी, बालोद में 1218.2 मिमी, बेमेतरा में 659.7 मिमी, बस्तर में 1650.0 मिमी, कोण्डागांव में 1174.7 मिमी, कांकेर में 1444.8 मिमी, नारायणपुर में 1309.6 मिमी, दंतेवाड़ा में 1696.5 मिमी और सुकमा में 1389.6 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।