detail news only from Chhattishgarh ,dated: 30 december 2021



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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित बजट पूर्व बैठक में आम बजट को लेकर राज्य की उम्मीदें और राज्य के हितों से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। विज्ञान भवन में आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई, कोल उत्खनन पर केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने एवं नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर किये 15 हजार करोड़ के व्यय की प्रतिपूर्ति की मांग की। बैठक में अन्य राज्यों के वित्तमंत्री भी उपस्थित रहे।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोविड 19 के कारण आर्थिक गतिविधियों के बाधित होने से राज्यों की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। केंद्र से मिलने वाली राशि प्राप्त होने पर राज्य सरकार विकास कार्यक्रमों एवं योजनाओं में व्यय कर सकेगी।

उन्होने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है, आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र द्वारा नहीं की गयी है, इसलिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के पश्चात भी आगामी 05 वर्षों के लिए जारी रखा जाये।

इसके साथ ही उन्होने कहा कि विगत 3 वर्षों के केन्द्रीय बजट में छतीसगढ़ को केन्द्रीय करों में हिस्से की राशि 13,089 करोड़ कम प्राप्त हुए हैं। आगामी बजट में केन्द्रीय करों के हिस्से की राशि पूर्णतः राज्य को दी जाये।

श्री बघेल ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 294 रुपये प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ रूपए छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने की मांग की। इसके साथ ही उन्होने कहा कि नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य में तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर राज्य शासन का व्यय 15 हजार करोड़ हो चुका है। इसकी प्रतिपूर्ति के लिए अगले बजट में विशिष्ट प्रावधान किया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल पर केन्द्रीय उत्पाद कर कटौती से राज्य के हिस्से की राशि में कमी एवं वैट से मिलने वाले राजस्व में भी कमी होगी इसलिए भविष्य में उत्पाद कर के स्थान पर उपकरों में कमी की जाए।

श्री बघेल ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में बेहतर क्रियान्वयन करने वाले राज्यों के लिए प्रति परिवार 1100 रुपये प्रीमियम की सीमा बढ़ाने की मांग की। उन्होने कहा इससे हितग्राहियों की संख्या बढ़ेगी और अधिकांश जनसंख्या को इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पात्र परिवार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत भी पात्र होने चाहिए।

बैठक में श्री बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना एवं जल जीवन मिशन में भी राज्यों की सहभागिता को कम कर केंद्र का अंश बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जाये।

श्री बघेल ने इसके अलावा केंद्रीय बजट में रायपुर में इन्टरनेशनल कार्गाे टर्मिनल, केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय का एक कैंपस, एनएमडीसी का मुख्यालय छत्तीसगढ़ में स्थानांतरित करने, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का क्षेत्रीय कार्यालय राज्य में खोलने, नैक का क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर में खोलने एवं वोकल फॉर लोकल योजनांतर्गत स्थानीय उत्पादों के विपणन केन्द्र आदि के स्थापना की मांग भी रखी।

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इसके साथ ही बैठक में श्री बघेल ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों एवं मजदूरों को उदारता पूर्वक राशि दिये जाने, मनरेगा की मजदूरी दर श्रम आयुक्त की दरों के बराबर करने, दलहन-तिलहन उत्पादन हेतु विशेष प्रोत्साहन देने संबंधी सुझाव दिए।

मुख्यमंत्री ने चालू खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ से कम से कम 23 लाख मीट्रिक टन उसना चावल एफसीआई द्वारा केन्द्रीय पूल में लेने का लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह केन्द्रीय वित्त मंत्री से किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारतीय खाद्य निगम द्वारा 61.65 लाख मीट्रिक टन चावल लिया जाएगा जो शत् प्रतिशत अरवा चावल होगा। इस प्रावधान से छत्तीसगढ़ की उसना मिलें बंद हो जायेंगी और मिल से संबंधित कर्मचारी और मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे। उन्होंने धान समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए बारदाने की वास्तविक लागत की प्रतिपूर्ति और पुराने बारदानों में चावल उपार्जन की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध भी किया।

श्री बघेल ने राज्य में उपलब्ध अतिशेष धान से ऐथेनॉल उत्पादन की अनुमति प्रदान करने, वर्ष 2022-23 के बजट में अनुसूचित वर्गों के कल्याण के लिए वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ठोस स्थायी व्यवस्था करने, समग्र शिक्षा अभियान में राज्यों को आबंटित की जाने वाली राशि में वृद्धि करने, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में आबंटित राशि से संधारण व्यय की अनुमति देने, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में केन्द्र और राज्य का अंश 90ः10 निर्धारित करने, जल-जीवन मिशन योजना में केन्द्र का अंश 75 प्रतिशत तथा राज्य का अंश 25 प्रतिशत करने का आग्रह केन्द्रीय वित्त मंत्री से किया। बैठक में छत्तीगसढ़ की वित्त सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी. भी उपस्थित थीं।

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महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज को कोर्ट ने 1 जनवरी तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।रायपुर कोर्ट ने कालीचरण महाराज को पुलिस रिमांड पर दिए जाने का पुलिस का आग्रह मान लिया है। जेएमएफसी चेतना ठाकुर ने पुलिस के रिमांड आवेदन को मंज़ूर किया है अब दो दिन तक कालीचरण महराज जेल में रहेंगे। मध्यप्रदेश के खजुराहो से कालीचरण महराज की गिरफ्तारी होने के बाद उन्हें आज रायपुर जिला कोर्ट में पेश किया गया। उन्होनें जमानत याचिका की दायर भी की थी, लेकिन उनकी याचिका सुनवाई नहीं हुई।बता दें कि कोर्ट में पेश करने से पहले कालीचरण की जांच कराई गई, जिसमें एंटीजन टेस्ट निगेटिव, सुगर की सभी जांच में कालीचरन पास हो गए। बता दें कि कालीचरण ने राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। वहीं, आज तड़के खजुराहो से कालीचरण की गिरफ्तारी की गई थी।

कोर्ट में देर शाम राजधानी पुलिस कालीचरण महाराज को लेकर पहुँची जहां क़रीब डेढ़ घंटे से उपर समय तक अधिवक्ताओं के पैनल ने कालीचरण महाराज के पक्ष में तर्क दिया।इधर पुलिस की ओर से लोक अभियोजक ने न्यायालय से कहा कि कालीचरण महाराज से पूछताछ अभी नहीं हो पाई है, पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड की आवश्यकता है।जेएमएफसी कोर्ट ने पुलिस को कालीचरण महाराज को दो दिनों के लिए रिमांड पर भेजने के आदेश जारी कर दिए है।हालाँकि यह रिमांड सशर्त है।इस बीच जबकि कालीचरण महाराज को कोर्ट लाया गया बड़ी संख्या में समर्थक कोर्ट पहुँच गए। भीड़ और शोरगुल इतना ज़्यादा था कि न्यायालय की अप्रसन्नता के हवाले से पुलिस ने भीड़ को कोर्ट से बाहर करते हुए पूरे परिसर को ताला बंद कर दिया।

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कालीचरण की गिरफ्तारी पर भाजपा नेताओं ने उठाए सवाल

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहने वाले कालीचरण महाराज को मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया गया है। रायपुर पुलिस ने गुरुवार को कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया। वहीं अब उनकी गिरफ्तारी को लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है। भाजपा ने पुलिस की गिरफ्तारी के तरीके पर आपत्ति जताई है। हालांकि छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने इसे नियमों के तहत एक्शन करार दिया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी उनकी गिरफ्तारी को विधिक प्रक्रिया के तहत बताया है।

कालीचरण की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि गिरफ्तारी के पहले राज्य की पुलिस को इसकी सूचना दी जानी चाहिए लेकिन कालीचरण के गिरफ्तारी में रायपुर पुलिस ने ऐसा नहीं किया है। उन्होनें कहा कि गिरफ्तारी की कार्रवाई न्यायसंगत नहीं की गई है। इसमें छग पुलिस द्वारा भारी चूक की गई है।

वहीं मध्यप्रदेश के गृहमंत्री ने कहा कि कालीचरण ने महात्मा गांधी को लेकर जो बोला वह आपत्तिजनक है। छत्तीसगढ़ पुलिस में उनकी जो गिरफ्तारी की है वह बेहद आपत्तिजनक है। छग पुलिस ने रात के सन्नाटे में 3 बजे किसी नक्सली को नहीं उठाया, लेकिन कालीचरण को रात को सन्नाटे में गिरफ्तार किया गया। उन्होने कहा कि उठाने से पहले थाने को सूचना दे देते, गिरफ्तारी के बाद थाने को सूचना दे देते। लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस ने किसी को भी सूचनी नहीं दी। यह हमारी संविधान की संघीय भावना को आहत करती है।

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भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और भाजपा से हिन्दू होने का प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है पहले खुद ही डॉक्टर रमन सिंह तय कर ले कि वह गांधीवादी विचारधारा को मानते हैं कि गोडसेवादी है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी गांधीवादी हैं सत्य के साथ खड़े हैं और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और भाजपा मुंह में राम बगल में नाथूराम की नीति पर चलती है। 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद डॉ रमन सिंह की हालात यह है कि अपने ही 15 साल के कार्यकाल का बखान करने से डर रहे हैं और एक बार फिर आरएसएस के शिक्षा और दीक्षा के अनुसार धर्म से धर्म को लड़ा कर सामाजिक समरसता सौहार्द्र को बिगाड़ कर छत्तीसगढ़ की शांत धरा को अशान्त कर राजनीति रोटी सेकना चाहते है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को बताना चाहिए कि धर्म संसद के आयोजन में किस के बुलावे और शोभायात्रा में शामिल हुए थे? धर्म संसद के आयोजन के पहले पुजारी पार्क में भाजपा नेताओं ने आम लोगों को आमंत्रित किया और बैठक की। इससे समझ में आता है कि धर्म संसद के आयोजन में आरएसएस भाजपा की महती भूमिका है। धर्म संसद के मंच से कालीचरण ने आरएसएस भाजपा के मंसूबों को ही प्रदर्शित किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विरुद्ध अभद्र अमर्यादित आपत्तिजनक टिप्पणी किया। देश के पहले आतंकवादी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे की जयकारा लगाई। जिसका पूरा छत्तीसगढ़ के साथ देशभर में निंदा हुई। तब भाजपा नेता धर्म संसद के आयोजन से पल्ला झाड़ रहे। आरएसएस और भाजपा के खिलाफ लोगों के गुस्से को देखते हुए भाजपा के नेता अब किनारा कर रहे हैं। यह पहला अवसर नहीं है। महाराष्ट्र में भी कालीचरण के ऊपर इसी हरकतों के चलते एफआईआर दर्ज हुई है।

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इसके पहले भी देश में कई स्थानों पर हुई धर्म संसद के आयोजन में भी कुछ लोगों के द्वारा सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वैमनस्यता का जहर की फैलाने की कोशिश की गई। हरिद्वार में हुई धर्म संसद को लेकर ही देश भर में आक्रोश है। भारत की गंगा जमुनी तहजीब को खंडित करने का षड्यंत्र रचा गया है। ढोंगी कालीचरण के पहले भी भाजपा के सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर साक्षी महाराज सहित अन्य नेताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति आपत्तिजनक एवं अमर्यादित भाषा का उपयोग किया जिसकी निंदा पूरे देश में हुई। भाजपा शासित मध्यप्रदेश में गांधी के हत्यारे की मंदिर बनाकर महिमामंडित करने का षड्यंत्र किया गया जिसका विरोध होने के बाद कार्यवाही की गई। इससे समझ में आता है कि भाजपा कालीचरण के अपराधिक कृतियों को अप्रत्यक्ष तौर संरक्षण दे रही है।

कालीचरण आरएसएस भाजपा के पोषित है। कालीचरण जैसे लोग ही आरएसएस और भाजपा के प्रियवर है। कालीचरण के गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेताओं की बौखलाहट बता रही है दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल काली है। अब कालीचरण पुलिस के सामने सच्चाई बताएंगे तब धर्म संसद की आड़ में भाजपा नेताओं के द्वारा वैमनस्यता फैलाने को षडयंत्र का पर्दाफाश होगा।

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के बढ़ते हुए प्रकरणों की रोकथाम और ओमीक्रॉन वायरस के कारण आने वाली तीसरी लहर की भयावहता से निपटने के लिए आज मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त संभागायुक्त, समस्त कलेक्टर और समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में निर्देशित किया कि राज्य में कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए अभी से ही युद्ध स्तर पर सभी जरूरी तैयारियां प्रारंभ कर दी जाए। साथ ही जिलों को उपलब्ध कराए गए समस्त चिकित्सकीय उपकरणों-संसाधनों की कार्यशीलता की जांच आगामी दो दिनों के भीतर कर ली जाए। कोविड संबंधी व्यवहार जैसे मास्क-सेनेटाइजर के उपयोग सहित सोशल डिस्टेसिंग के नियम का कड़ाई से पालन हो।

मुख्य सचिव श्री जैन ने निर्देशित किया कि सार्वजनिक स्थान जैसे-हॉटल, सिनेमा हॉल थियेटर आदि 33 प्रतिशत बैठक क्षमता के साथ ही संचालित होंगे। सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन के पूर्व जिला दंडाधिकारी की अनुमति जरूरी होगी। श्री जैन ने कलेक्टरों से कहा है कि संक्रमण के दूसरे लहर के दौरान आयी कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी जरूरी उपाय अभी से ही प्रारंभ कर दिए जाए। उन्होंने ने अवगत कराया कि ओमीक्रॉन वायरस का फैलाव अधिक तेजी से होता है। जिसके कारण संक्रमितों की संख्या भी तेजी से बढ़ती है। इसके रोकथाम के लिए टेस्ट की संख्या को बढ़ाना जरूरी है। कोरोना संक्रमण पाजीटिव पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के साथ ही उसके सभी प्राथमिक सम्पर्क को अनिवार्य रूप से उनके घर में ही क्वारेंटिन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही सभी लोगों की जांच की प्रकिया भी की जानी चाहिए।

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किसी गांव अथवा वार्ड में एक भी व्यक्ति संक्रमण की चपेट में आता है तो उस पूरे गांव अथवा वार्ड को कंटेनमेंट जोन के रूप में चिन्हित किया जाना है। जिलों में कोरोना संक्रमण से प्रभावितों में से पांच प्रतिशत लोगों का जिनोम सिक्वेंसींग अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए है। सर्दी-खांसी के मरीजों का संक्रमण जांच किया जाना चाहिए। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश जैसे अन्य स्थान जहां संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, वहां से व्यावसायिक कारणों से छत्तीसगढ़ आने वाले लोगों की सूचना रखी जाएगी और उनकी जांच भी अनिवार्य रूप से की जाएगी। प्रत्येक गली-मोहल्लों में पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी द्वारा गस्त की जाए और मास्क का उपयोग सुनिश्चित कराया जाए।

मुख्य सचिव श्री जैन ने जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना करने के निर्देश दिए है। श्री जैन ने अफवाहों पर नियंत्रण के लिए नियमित रूप से मीडिया के माध्यम से कोविड के संक्रमण कंटेनमेंट जोन, होम आईसोलेशन, टेस्टिंग, टेªसिंग एवं अन्य जानकारियों का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए है। जिलों में संचालित हो रहे सभी शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में बिस्तरों की पर्याप्त संख्या की जानकारी निर्धारित सॉफ्टवेयर में नियमित रूप दर्शाए जाने के निर्देश उन्होंने दिए है। सभी हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में तीन जनवरी से शिविर लगाकर 15 से 18 साल के स्कूली बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। बच्चों को को-वेक्सीन के टीके लगाए जाएंगे। मुख्य सचिव ने इस संबंध में सभी तैयारियों पूरी करने के निर्देश दिए है। चिकित्सा कर्मियों, फ्रंट लाईन वर्कर को अनिवार्य रूप से बूस्टर डोज लगाने के निर्देश दिए गए है।

बैठक में बताया गया कि बलरामपुर जिले में आयोजित होने वाले तातापानी महोत्सव के आयोजन की अनुमति कोविड के बढ़ते प्रकरणों को ध्यान में रखते हुए नहीं दी जाएगी। रायगढ़ जिले के कलेक्टर श्री भीम सिंह ने बताया कि नववर्ष में जिले में आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रमों-पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू और प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. आलोक शुक्ला और मिशन संचालक सुश्री प्रियंका शुक्ला उपस्थित थे।

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राज्य मानसिक चिकित्सालय बिलासपुर सेंदरी में ई.ई.जी मशीन क्रय की जायेगी। यह मशीन मस्तिष्क की गतिविधियों को मापने के लिए उपयोगी है। अभी मरीजों को इसके लिए निजी संस्थाओं में भेजा जाता है। चिकित्सालय में यह मशीन उपलब्ध होने से मनोरोग के मरीजों को सुविधा होगी। बिलासपुर संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग की अध्यक्षता में आयोजित चिकित्सालय के जीवनदीप समिति की बैठक में उक्त मशीन क्रय करने की स्वीकृति दी गई।

बैठक में चिकित्सालय के सुचारू संचालन के लिए अनेक निर्णय लिए गए। मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के बैठने के लिए थ्री सीटर विजिटल चेयर जीवनदीप समिति की राशि से खरीदी जायेगी। चिकित्सालय में कार्यरत् योग शिक्षकों को दिये जाने वाले मानदेय राशि बढाने का निर्णय लिया गया। चिकित्सालय के कार्यालय परिसर में ग्रील लगवाने, प्रथम तल में बनाए गए 20 बेड के आईसोलेशन वार्ड में गर्मी में मरीजों के सुविधा के लिए डक्टिंग कूलर लगाने के लिए राशि स्वीकृत की गई।

बैठक में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बी.आर नंदा ने गत बैठक में लिए गए निर्णय का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। चिकित्सालय में नशामुक्ति वार्ड आरंभ करने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया है जिसकी स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। एनटीपीसी सीपत द्वारा मरीजों के परिजनों के ठहरने हेतु अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए 28 लाख 60 हजार रूपये उपलब्ध कराया गया है। निर्माण के लिए शीघ्र कार्यवाई करने के निर्देश संभागायुक्त ने दिये। उन्होंने निर्देशित किया कि चिकित्सालय भवन का फायर सेफ्टी आडिट कराने के साथ-साथ सुगम्य भारत योजना के तहत एक्सिसेबल आडिट भी कराएं।

बैठक में अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमती जयश्री जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी के प्रतिनिधि, एनटीपीसी सीपत, एसईसीएल, सीजीएमएससी, पीडब्ल्युडी के अधिकारी एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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छत्तीसगढ़ के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अब बुनियादी शिक्षा, गणित में पारंगत बनेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बुनियादी शिक्षा और गणित की विशेष पढ़ाई के लिए नये वर्ष से अभियान चलाया जाएगा। सौ दिनों तक चलने वाले इस अभियान में कक्षा आठवीं तक के बच्चों को दक्ष बनाया जाएगा।

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सभी जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य डाईट, जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देश में अभियान में 14 सप्ताह के लिए भाषा और गणित की गतिविधियां सुझाई गई हैं। यह गतिविधियां सुझाव के रूप में हैं। इन बिन्दुओं को स्थानीय स्तर पर कैसे सिखाया जाना है, इसके लिए सभी जिले एवं विकासखण्ड अपने-अपने स्तर पर भाषा और गणित संबंधी प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी (पीएलसी) के सामग्री तैयार करेंगे।

उल्लेखनीय है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान राज्य में शिक्षकों ने स्कूली बच्चों के अध्ययन को जारी रखने के लिए पढ़ई तुंहर दुआर के अंतर्गत मेहनत करके नवाचार किया। दूसरे वर्ष स्कूल खुलने के बाद बच्चों के लर्निंग लॉस को कम करने का प्रयास हुआ। इसमें पढ़ई तुंहर दुआर-2.0 के अंतर्गत पढ़ना, लिखना, गणित, विज्ञान के प्रयोग एवं समूह के प्रोजेक्ट बनाने का अभ्यास करवाते हुए संकुल से लेकर जिला स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में समुदाय एवं पालकों के बीच से निर्णायकों का चयन किया गया। इससे राज्य के स्कूलों में अच्छा माहौल बना, जिसे आगे जारी रखने के लिए यह कार्यक्रम लागू करने की योजना बनाई गई है।

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स्थानीय स्तर पर प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी (पीएलसी) के माध्यम से सप्ताहवार, विषयवार सामग्री को विस्तारित कर रोचक गतिविधियों को डिजाइन कर स्थानीय स्तर पर अग्रिम रूप से स्कूलों को सोशल मीडिया के जरिए पाठ्य सामग्री प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी। सामग्री को तैयार करते समय अधिक से अधिक विषय शिक्षकों और समुदायों से साथियों को जोड़कर उनसे सहयोग लिया जाएगा, ताकि इस सामग्री का उपयोग करते समय वह भी इससे जुड़ पाएं।

निर्देश में यह भी कहा गया है कि माह जनवरी 2022 का चर्चा पत्र बुनियादी साक्षरता एवं गणितीय कौशल पर आधारित है। इसे देखकर भी सभी विकासखण्ड के लिए स्थानीय सामग्री को शिक्षकों के माध्यम से एकत्र कर सकेंगे। प्रत्येक विकासखण्ड में चर्चा पत्र के आधार पर एक विस्तारित सामग्री एकत्र कर स्कूलों में शिक्षकों को उपलब्ध कराई जाएगी।

प्रति सप्ताह निर्धारित बिन्दुओं पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की नियमित मॉनिटरिंग और अकादमिक समर्थन संकुल समन्वयकों, शाला संकुल प्राचार्यों, विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों, डाईट एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से किया जाए। सभी स्कूलों में इन निर्धारित बिन्दुओं में बच्चों के साथ कार्य किया जाएगा। एक दल गठित कर प्रति सप्ताह कुछ सैम्पल क्षेत्रों में बच्चों के साथ उनकी उपलब्धि में हो रहे सुधारों की निगरानी की जाएगी। साथ ही उनकी जानकारी का गहराई से अध्ययन कर पालकों एवं समुदाय के समक्ष अपने सीखे हुए बिन्दुओं पर समय-समय पर प्रदर्शन भी किया जाएगा।

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राज्य शासन द्वारा 112 उप वनक्षेत्रपालों को वनक्षेत्रपाल के पद पर पदोन्नति दी गई है। इस आशय का आदेश आज 29 दिसम्बर को मंत्रालय महानदी भवन स्थित वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से जारी कर दिया गया है। प्रमुख सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री मनोज पिंगुआ ने बताया कि इनमें उप वनक्षेत्रपाल सर्वश्री तहसील राम नेताम, पुनीत राम लसेल, नन्द लाल वेदव्यास, श्रीमती यशोदादीप, लोमन गिरी गोस्वामी, कामता लाल मरकाम, खिलावन प्रसाद पुरैना तथा रमेश कुमार टण्डन को वनक्षेत्रपाल बनाया गया है। इसी तरह उप वनक्षेत्रपाल सर्वश्री जगदीश प्रसाद मिश्रा, अशोक सिंह, दीनानाथ सिंह, ईश्वरी प्रसाद खुंटे, ईतवारी राम नेताम, सरयू प्रसाद सागर, भाव सिंह देवांगन, राकेश मसीह, खिन्नू प्रसाद जोशी, अनूप चन्द्र अवधिया तथा मिर्जा फिरोज बेग को वनक्षेत्रपाल बनाया गया है। उप वनक्षेत्रपाल सर्वश्री रामजन्म प्रजापति, महाजन्म प्रजापति, महाजन लाल साहू, प्यारे लाल सिदार, बी.एस. पन्द्राम, चितराम राठिया, लक्ष्मण राम पैकरा, विश्राम सिंह नेताम, रतिराम उरांव, सेवक राम बैगा तथा अमर सिंह सिदार को वनक्षेत्रपाल बनाया गया है। इसी तरह उप वनक्षेत्रपाल सर्वश्री आत्मसाय किण्डो, कृपासिंधु पैकरा, नरेन्द्र कुमार मेश्राम, नुरेन्द्र कुमार साहू, फेकू राम लास्कर, गोपाल प्रसाद जांगड़े, सियाराम कर्माकर, लक्ष्मण दास पात्रे, भरत लाल धृतलहरे, अमर सिंह सिदार, धरमपाल सिंह तंवर, विष्णु प्रसाद मरावी, रामजी गोड़, सुन्दर सिंह धुर्वे तथा रमेश कुमार खैरवार को वनक्षेत्रपाल बनाया गया है। उप वनक्षेत्रपाल सर्वश्री शिव शंकर तिवारी, संतराम यादव, भुजबल साहू, डोमार सिंह साहू, अनिरूद्ध भोई, भूखनलाल सोरी, माखनलाल बंजारे, देव सिंह मरावी, अशोक कुमार मन्नेवार, मोहन कुमार बुराडे, सुंदरलाल जांगडे़, भारत भूषण दास, सतीश कुमार गुरला, महेश कुमार बनपेला, जागर सिंह ठाकुर, व्ही. रामाराव, विजय कुमार पटनायक, जालम सिंह गंगबेर, हलालू राम नाग, कैलाश सिंह ठाकुर, राम गोपाल यादव, देव नारायण सोनी तथा चरणकेश्वर सिंह को वनक्षेत्रपाल बनाया गया है। उप वनक्षेत्रपाल सर्वश्री राजाराम, राज बहादुर राय, साधेलाल बंजारे, राजेश चौहान, गणेश लाल सोनी, रामेश्वर प्रसाद मण्डावी, चन्द्रशेखर भंडारी, प्रीतम सिंह नेताम, गणेश राम मरकाम, पंच राम ठाकुर, लाल सिंह मरकाम, मेवालाल पटेल, कमलेश कुमार राय, नरेन्द्र कुमार गुप्ता, बिरेन्द्र कुमार पाण्डेय, रविन्द्र कुमार गंभीर तथा राजेश कुमार साहू को वनक्षेत्रपाल बनाया गया है।

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इसी तरह उप वनक्षेत्रपाल सर्वश्री नरेश चन्द्र दवेनाग, बीजन लाल शर्मा, जगबीर सिंह शोरी, सुकालू राम उसेण्डी, देवदत्त तारम, विनोद कुमार तिवारी, बनवारी लाल प्रजापति, अशोक कुमार झारिया, रूपउ राम सेन्द्राम, धनलाल साहू, कृष्ण कुमार नेताम, सुरेन्द्र कुमार शर्मा, गदाधर सिंह राणा, रावदास सोनवानी, लछिन्दर बघेल, सत्य नारायण मण्डावी, बलदाऊ दास मानिकपुरी, अमूल्य रतन राय, अर्जुन प्रसाद पटनायक, सुखराम निराला, छविलाल धु्रव, विरेन्द्र कुमार कश्यप, कमल सिंह कश्यप, सुबोध झा, जागेश्वर साहू, लाल साय राम भगत, शहदत खान तथा घुटुर साय पैकरा को वनक्षेत्रपाल बनाया गया है।

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छत्तीसगढ़ राज्य में 30 दिसम्बर तक 13 लाख 84 हजार 415 किसानों से 53 लाख 16 हजार 621 मीटरिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा चुकी है। राज्य के 2484 धान उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की जा रही है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल की पहल पर इस वर्ष धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव भी तेजी से हो रहा है। अब तक 20 लाख 26 हजार 702 मीटरिक टन का डीओ जारी कर दिया गया है। उपार्जन केन्द्रों से मिलर्स द्वारा 15 लाख 64 हजार 613 मीटरिक धान का उठाव हो चुका है। विपणन संघ द्वारा धान खरीदी के एवज में कृषकों को भुगतान के लिए 10 हजार 151 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि जारी कर दी गई है।

धान खरीदी के 30वें दिन भी राजनांदगांव जिला, प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के मामले में पहले स्थान पर है। राजनांदगांव जिले में 4 लाख 84 हजार 982 मीटरिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। जांजगीर-चांपा जिला प्रदेश में धान खरीदी में दूसरे पायदान पर है। जिले में 4 लाख 58 हजार 092 मीटरिक टन धान की खरीदी हुई है। बेमेतरा जिला धान खरीदी में आज राज्य में तीसरे क्रम पर है। बेमेतरा जिला में 3 लाख 85 हजार 241 मीटरिक टन धान की खरीदी की गई है।

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खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 दिसम्बर तक समर्थन मूल्य पर राज्य के बस्तर जिले में 84,014 मीटरिक टन, बीजापुर जिले में 31,796 मीटरिक टन, दंतेवाड़ा जिले में 5,876 मीटरिक टन, कांकेर जिले में 1,68,458 मीटरिक टन, कोण्डागांव जिले में 83,334 मीटरिक टन, नारायणपुर जिले में 12,518 मीटरिक टन, सुकमा जिले में 18,572 मीटरिक टन, बिलासपुर जिले में 2,75,120 मीटरिक टन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 34,911 मीटरिक टन, जांजगीर-चांपा जिले में 4,58,092 मीटरिक टन, कोरबा जिले में 65,686 मीटरिक टन, मुंगेली जिले में 2,23,821 मीटरिक टन, रायगढ़ जिले में 3,02,217 मीटरिक टन, बालोद जिले में 3,23,237 मीटरिक टन, बेमेतरा जिले में 3,85,241 मीटरिक टन, दुर्ग जिले में 2,38,031 मीटरिक टन, कवर्धा जिले में 2,47,099 मीट्रिक टन, राजनांदगांव जिले में 4,84,982 मीटरिक टन, बलौदाबाजार जिले में 3,75,187 मीटरिक टन, धमतरी जिले में 2,23,819 मीटरिक टन, गरियाबंद जिले में 1,88,455 मीटरिक टन, महासमुंद जिले में 3,73,361 मीटरिक टन, रायपुर जिले में 2,76,826 मीटरिक टन, बलरामपुर जिले में 81,298 मीटरिक टन, जशपुर जिले में 62,016 मीटरिक टन, कोरिया जिले में 63,061 मीटरिक टन, सरगुजा जिले में 95,204 मीटरिक टन और सूरजपुर जिले में 1,33,388 मीटरिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है।

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Short news only from Chhattishgarh ,dated: 30 december 2021

बलौदाबाजार : 30/Dec/2021

🌐 स्किल हब इनिशिएटीव के तहत निःशुल्क प्रशिक्षण हेतु आवेदन आमंत्रित🌐

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3 अंतर्गत स्किल इनिशिएटीव हब कार्यक्रम के तहत् जिला मुख्यालय स्थित चक्रपाणी स्कूल बलौदाबाजार को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु चयनित किया गया है। इस संबंध में सहायक सचालक जिला कौशल विकास प्राधिकरण ने बताया कि इस योजना के तहत ऐसे युवक युवतियां, जो दसवीं के बाद शिक्षा व्यवस्था से दूर हो चुके है। उनको को स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत पंजीकृत कर प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसका संचालन चक्रपाणी स्कूल बलौदाबाजार किया जायेगा। वर्तमान में डोमेस्टिक डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, हेल्थ केयर सेक्टर के प्रशिक्षण की व्यवस्था रहेगी। प्रशिक्षण के लिए 15 से 19 आयु वर्ग के युवक-युवतियां अपना नवीन पासपोर्ट साईज फोटो 2 नग,आधार कार्ड, राशन कार्ड दसवीं की अंकसूची इत्यादि दस्तावेज की छायाप्रति के साथ जिला कौशल विकास प्राधिकरण कलेक्टर परिसर कक्ष नं. 70 बलौदाबाजार अथवा चक्रपाणी स्कूल बलौदाबाजार कक्ष क्रमांक 5 (कम्प्युटर लैब) में उपस्थित होकर फॉर्म भर कर जमा कर सकते है। कोर्स पूरा होने के बाद एनएसडीसी द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा। यह योजना सीमीत अभ्यर्थीयों के लिए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पूर्णता निःशुल्क रहेगी। अधिक जानकारी के लिए देवेश कुमार कुशवाह मोबाईल नं.9713687610 में सम्पर्क कर सकते है। आवेदन जमा करनें की अंतिम तिथि 5 जनवरी 2022 है।

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रायपुर : 30/Dec/2021

🌐 लेखा प्रशिक्षण हेतु 31 जनवरी तक होंगे लिपिकों के आवेदन स्वीकार🌐

संचालनालय कोष, लेखा एवं पेंशन छत्तीसगढ़ अंतर्गत आगामी लेखा प्रशिक्षण सत्र मार्च-जून 2022 के लिये 01 से 31 जनवरी के मध्य की अवधि में आवेदन पत्र स्वीकार किये जायेंगे। संबंधित शासकीय कार्यालय प्रमुख निर्धारित प्रपत्र में 03 वर्ष की नियमित सेवा पूरी कर चुके लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के आवेदन पत्र शासकीय लेखा प्रशिक्षण शाला, नगर घड़ी चौक रायपुर को 31 जनवरी 2022 तक कार्यालयीन समय तक प्रेषित कर सकते हैं। इस तिथि के पूर्व एवं पश्चात प्रेषित आवेदन-पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदन पत्र के साथ अन्य सुसंगत दस्तावेजों के अलावा कोविड टीकाकरण पूर्ण होने संबंधी प्रमाण पत्र भी संलग्न करने कहा गया है।

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कोंडागांव : 30/Dec/2021

🌐 रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के प्रकरणों में 95 हजार रूपए से अधिक अर्थदण्ड की वसूली🌐

खनिज विभाग द्वारा कोंडागांव जिले में रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर रोक लगाने के लिए लगातार सख्त कार्यवाही की जा रही है। माह नवंबर एवं दिसम्बर 2021 में रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के विभिन्न प्रकरणों में 22 ट्रैक्टर और एक जेसीबी मशीन जब्त की गई और वाहन मालिकों से 95 हजार 800 रूपए अर्थदंड की वसूली की गई। खनिज विभाग के कोंडागांव के सहायक खनि अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार खनिज विभाग द्वारा माह नवम्बर 2021 में रेत का अवैध परिवहन करते हुए 8 ट्रैक्टर जब्त किया गया, जब्त किये गये ट्रैक्टर वाहन मालिकों से 43 हजार 600 रूपए अर्थदण्ड वसूला गया। माह दिसम्बर 2021 में खनिज रेत के अवैध उत्खनन के 01 प्रकरण मारागांव, माकड़ी कोण्डागांव मंे 01 जेसीबी व 02 ट्रैक्टर जब्त कर अर्थदण्ड राशि 30 हजार 400 रूपए वसूल किया गया। रेत के अवैध परिवहन के कुल 12 प्रकरणों में कार्यवाही की गई, जिसमें 04 ट्रैक्टर कोंडागांव से, 02 ट्रैक्टर बांसकोट से खनिज विभाग के द्वारा एवं 06 ट्रैक्टर लिहागांव से तहसीलदार बड़ेराजपुर के द्वारा जब्त किया गया है। जब्त किये गये ट्रैक्टर वाहन मालिकों से 04 प्रकरणों में अर्थदण्ड राशि 21 हजार 800 रूपए वसूल किया गया एवं 08 प्रकरणों की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

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छत्तीसगढ़ प्रदेश : 30/Dec/2021 🌐 🌐

Tough time never last ,but tough people do