सोमवार को उद्योग एसोसिएशन की वीडियो कॉंफ्रेसिंग के जरिए बैठक हुई। इसमें प्रदेश के बड़े एसोसिएशन ने लॉकडाउन की अवधि में उद्योग का कारोबार चालू नहीं करने का निर्णय लिया।
• एसोसिएशन की बैठक में चर्चा की गई कि छत्तीसगढ़ राज्य माल का उत्पादन करता है। फिर उसे दिल्ली, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में भेजा जाता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से माल का ट्रांसपोर्ट नहीं हो सकेगा। इसको लेकर सरकार की तरफ से कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है। ऐसे में माल बनाने के बाद उसका ट्रांसपोर्ट नहीं हो पाएगा, तो माल बनकर केवल डंप ही रह जाएगा।
• उद्योग एसोसिएशन ने सरकार के उद्योगों में सिर्फ 40 प्रतिशत मजदूरों से काम लिए जाने के फैसले पर असहमति जताई है। इनका कहना है कि 40 प्रतिशत मजदूरों से सिर्फ मेंटेनेंश का काम ही हो सकता है। इनसे उत्पादन का काम नहीं लिया जा सकता है।
• एसोसिएशन ने बैठक में इस बात पर भी कड़ी अपत्ति जताई कि केंद्र और राज्य सरकार ने उद्योगों को लॉकडाउन के दौरान किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी है।
• इससे वो काम कर पाने में अपनी असहमित जाहिर कर रहे हैं। उन्होंने बैंकों को भी आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार से मिले निर्देशों के बाद भी बैंकों द्वारा ईएमआई काटी जा रही है।

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• उद्योगपतियों का बैठक में कहना था कि प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान आम लोगों को 30 अप्रैल तक की छूट मिली है, जबकि उद्योगों को कोई छूट नहीं मिली है।
• वहीं कई राज्यों में उद्योगों को बिजली फिक्स चार्जेस की छूट दी गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस प्रकार की कोई राहत नहीं दी गई है। प्रदेश में उद्योगों को बिजली को लेकर भी किसी प्रकार की छूट नहीं मिलने पर उद्योगपतियों ने अपनी आपत्ति जताई है।
• वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई बैठक में उरला उद्योग एसोसिएशन, रोलिंग मिल एसोसिएशन, मिनी स्टील एसोसिएशन, स्पंज आयरन एसोसिएशन समेत प्रदेश के कई छोटे-बड़े उद्योग एसोसिएशन के सदस्य शामिल हुए।

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