लॉकडाउन के कारण सभी शिक्षण संस्थान बंद है, लेकिन शासन द्वारा आदेश दिए जाने के बाद भी कई निजी स्कूलों द्वारा फीस संबंधित मैसेज बालकों को फोन नंबर पर भेजा जा रहा है। ऐसे स्कूलों की जानकारी सामने आने के बाद जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा नोटिस थमाया गया है। आर के शारदा भारतीय विद्या भवन द्वारा मैसेज भेजकर फीस मांगी गई है। शिकायत सामने आने के बाद जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा कार्रवाई की तैयारी है। जिला शिक्षा कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि आपातकालीन स्थितियों में बनाए गए नियमों का उल्लंघन यदि स्कूल द्वारा किया जाता है, तो उनकी मान्यता भी समाप्त की जा सकती है।

निजी स्कूल द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं को आधार बनाकर गर्मी की छुट्टियों की फीस मांगी जा रही है। इसके साथ ही बस का भाड़ा भी पालकों को देने के लिए कहा जा रहा है, जबकि मार्च के दूसरे पखवाड़े से ही स्कूलों में किसी भी प्रकार का परिवहन कार्य नहीं हो रहा है। अधिकतर स्कूलों में बस किराया 5000 से 10000 तक है इसके अलावा कई अन्य ऐसे मदों में भी वसूली की जा रही है, जिसकी आवश्यकता स्कूल में ऑफलाइन कक्षाएं संचालित होने पर ही होती हैं। इस मामले में रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी जीएल चंद्राकर ने कहा कि- 'कुछ स्कूलों द्वारा फीस संबंधित मैसेज भेजने की शिकायत मिली है। मनमानी रोकने कार्यवाही की गई है। आदेश का उल्लंघन किया तो मान्यता रद्द की जाएगी।

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दुर्ग जिला शिक्षा अधिकारी ने धमधा के एक निजी स्कूल पर एक​ लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बताया जा रहा है कि स्कूल प्रबंधन ने सोशल मीडिया के जरिए सूचना जारी कर छात्रों के पालको को ​किताब वितरण के लिए बुलाया था। मामले की जानकारी होने पर डीईओ ने स्कूल पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में तीन मई तक लॉक डाउन कर दिया गया है। इस दौरान सरकार ने सभी स्कूलों, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया है। वहीं, सरकार ने इस दौरान सोशल डिस्टेंस और लॉक डाउन का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।

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