रायपुर एम्स के तर्ज पर ही बांग्लादेश अपने कोरोना संक्रमितों का इलाज करेगा. कोरोना पॉजिटिव मरीजों को स्वस्थ करने के तरीके से बांग्लादेश प्रभावित हो हुआ है. राजधानी ढाका के एक चिकित्सा संस्थान में कोरोना के पॉजिटिव मरीजों का इलाज यहां अपनाए गए तरीकों से किया जाएगा. उनकी मांग पर एम्स की तरफ से ट्रीटमेंट गाइडलाइंस उपलब्ध कराई गई है. वहीं सार्क देशों के प्रतिनिधियों को भी वेंटिलेटर और आईसीयू मैनेजमेंट का तरीका बताया गया है.

रायपुर एम्स में 16 साल से लेकर 73 साल तक के मरीजों को स्वस्थ कर छुट्टी दी गई है. जबकि जो रिपोर्ट आ रही थी उसमें यह बात कही जा रही थी कि बुजुर्ग और बच्चों को कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा है. एम्स रायपुर के इलाज पद्धति की चर्चा न केवल देश भर में बल्कि विदेशों में भी है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सार्क देश एम्स रायपुर के संपर्क में हैं और उनका पैटर्न जानकर अपने देश में भी इलाज कर रहे हैं.

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स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि हमारे लिए खुशी की बात है कि हमारे मरीज स्वस्थ होकर लौट रहे हैं. हम दूसरों की मदद कर पा रहे हैं यह भी खुशी की बात है. हम भी दूसरे राज्यों और देशों में कैसे इलाज किया जा रहा है, उस नजर रखते हुए कार्य योजना बनाते है. दूसरे राज्य या देश इस कार्य योजना पर काम चाहते है तो ये एक अच्छी पहल है.

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