करोना संक्रमण और लॉक डाउन के दौरान वृहद् स्तर पर प्रशासन से सहयोग करते समाज सेवा करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स के प्रदेश अध्यक्ष और प्रसिद्द समाजसेवी पंकज चोपड़ा ने शराब बेचने के छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री को खुला पत्र लिखा है ,सरकार के श्हराब बेचने पर एतराज जताते हुए मदिरा बिक्री के फैसले को वापिस लेने की मांग की है ,ADHR नामक ये समाजसेवी संस्था मानवधिकार से सबंधित है जिसने करोना के संक्रमण के दौरा शुरू से ही छत्तीसगढ़ में राशन वितरण का कार्य शुरू किया था ,उसके बाद लॉक डाउन लगते ही संस्था के कार्यकर्त्ता पुरे छत्तीसगढ़ में राशन वितरण फ़ूड पैकेट वितरण से सबंधी कार्य में लगे हुए हैं ,इनकी कार्य शैली को देखते हुए प्रशासन ने बाद इन्हें साथ में कार्य करने को आमंत्रित किया था .
समाज सेवी पंकज चोपड़ा ने पत्र में कहा है की राज्य शासन का शराब दुकान खोलने का निर्णय समझ से परे है। शराब एक सामाजिक बुराई है और जिस तरह से प्रदेश की आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है ,ये निर्णय गरीब को प्रभावित करेगा और उनमे अपराध की शैली को विकसित करेगा .उन्होंने यह भी कहा की जो राशन बांटे है वो हो सकता है वो भी लोग बेच कर शराब खरीदने ना लग जाये.उन्होंने यह भी कहा है की उनकी संस्था पूर्ण छत्तीसगढ़ में शराब बंदी की पक्षकार है। उनका पुरा लिखा पत्र नीचे मूल लिपि के साथ है
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माननीय मुख्यमंत्री जी
छत्तीसगढ़ शासन
रायपुर
विषय : राज्य शासन के शराब दुकान खोलने के फैसले पर पुनः विचार बाबत
महोदय,
आज पूरी दुनिया COVID19 के महामारी से त्रस्त है। हमारे देश भारत मे भी COVID19 तेजी से फैल रहा है जिसके कारण देश के माननीय प्रधानमंत्री जी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया। उसी दिन आपने 31 मार्च तक के लॉक डाउन की घोषणा कर दी। उस दिन से ही कई लोगो का व्यवसाय/रोजगार बंद हो गया। देश के प्रधानमंत्री जी एवं आपके निर्णय के साथ हमारी संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स 21 मार्च से ही खड़ी हो कर दिहाड़ी मजदूर एवं अन्य दैनिक रोजगार वाली की समस्या को समझते हुए राशन राहत पैकेट का वितरण शुरू कर कल 03 मई तक 10000 जरूरतमंद परिवारो तक अपनी जान की परवाह करते हुए राशन पहुचाने का कार्य इसलिए किया ताकि हमारे प्रदेश में कोई भी भाई बहन भूखा ना रहे।
आज जब कई व्यवसायियों का व्यापार लॉक डाउन के कारण बंद है एवं हर व्यवसायी को आर्थिक हानि हो रही है उस समय आपके नेतृत्व में राज्य शासन का शराब दुकान खोलने का निर्णय समझ से परे है। पहला तो शराब अत्यंत जरूरी चीज की श्रेणी में नही आता दूसरा शराब को आज भी सांस्कृतिक रूप से सम्पन्न हमारे देश मे एक सामाजिक बुराई के तौर पर देखा जाता है। आप को यहां याद दिलाना मुझे अत्यंत आवश्यक लग रहा है कि आज जब हर एक देश वासी की आर्थिक हालात खराब हो गयी है तब शराब पीने के लिए कई व्यक्ति पैसे कुछ ना कुछ गलत काम कर के लाएंगे जैसे हमारी जैसी संस्था या प्रशासन से राशन ले कर बेचना, सरकार द्वारा मदद के लिए दी गयी आर्थिक मदद को शराब में व्यय करना या फिर चोरी-डकैती करना भी हो सकता है। आंकड़े यह भी बताते है कि शराब पीने से प्रदेश-देश के क्राइम रेट बढ़ जाते है, एक्सीडेंट के हादसे में बढ़ोतरी होती है, पारिवारिक क्लेश भी बढ़ते हैं, इत्यादि इत्यादि।
अतः आप से हमारी संस्था का सविनम्र अनुरोध है कि इस सामाजिक बुराई को रोकने के किये एवं जनहित में आप शराब दुकान खोलने के इस फैसले को तत्काल वापस लेवे। साथ ही शराब दुकान खोने का निर्णय हर व्यापार के खुलने के कम से कम 3 महीने बाद ही लेवे जिससे इन 3 महीनों में हर प्रदेश वासी की आर्थिक स्थिति कुछ अच्छी हो जावे।
विशेष टिपण्णी : हमारी संस्था पूर्ण छत्तीसगढ़ में शराब बंदी की पक्षकार है। अगर आप छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी करने का निर्णय ले तो ज्यादा प्रसन्ता होगी एवं सभी प्रदेश वासी प्रदेश के विकास के लिए ज्यादा जोश एवं उमंग के साथ कार्य करेंगे।
आशा है कि आप प्रदेश की जनता के हित मे शराब बंदी का निर्णय लेंगे।
अग्रिम आभार सहित
पंकज चोपड़ा
प्रदेश अध्यक्ष
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स
छत्तीसगढ़