आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गैस लीक की घटना के बाद अब छत्तीसगढ़ के रायगढ़ भी एक पेपर मिल में इसी तरह का हादसा हो गया। मील में जहरीली गैस का रिसाव होने की वजह से वहां काम कर रहे सात मजदूर इसकी जद में आ गए। इन मजदूरों को तत्काल वहां से बाहर निकाला गया और अस्पताल पहुंचाया गया। गैस की चपेट में आए सातों मजदूरों को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया है। इनमें से तीन लोगों की हालत यहां गंभीर बताई जा रही है।
घटना गुरुवार की दोपहर करीब दो बजे की बताई जा रही है। रायगढ़ पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुसौर के तेतला गांव में स्थित शक्ति पेपर मिल में हादसे की जानकारी मिली। सभी मजदूर मिल में स्थित एक गैस टैंक की सफाई कर रहे थे, इसी दौरान वहां जहरीली गैस लीक होने लगी। टैंक के बाहर मौजूद लोगों ने वहां से भागकर अपनी जान बचा ली, लेकिन जो लोग टैंक के अंदर थे वे वहां फंसे रह गए और बेहोश हो गए।बाद में कुछ लोगों की मदद से उन्हें वहां से बाहर निकाला गया। घायलों का हाल जानने के लिए रायगढ़ के कलेक्टर और एसपी भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों के परिवार वालों से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि तीन मजदूरों की हालत गंभीर है और उन्हें बेहतर उपचार के लिए रायपुर रेफर कर दिया गया है। गैस की डोलमणि सिदार, सुरेंद्र गुप्ता, रूपधर मालाकार को उपचार के लिए रायपुर भेजा गया है।

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अन्य चार की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। इंडस्ट्रियल सेफ्टी की टीम मौके पर जांच के लिए पहुंची है। मिल के संचालक का नाम दीपक गुप्ता बताया गया है। प्रारंभिक जांच में यहां क्लाेरीन गैस के लीक होने की बात सामने आ रही है। अमलई पेपर मिल में भी कुछ वर्ष पूर्व इसी तरह की घटना घटी थी। पेपर मिल में क्लोरीन गैस का उपयोग इंक की सफाई के लिए किया जाता है।

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