स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हुए चतुर्थ वर्ग कर्मचारी का पेंशन प्रकरण बनाने और स्वत्वों का भुगतान कराने के एवज में लेखापाल 16 हजार रुपए रिश्वत मांग रहा था। रिश्वत नहीं देने पर वह रिटायर्ड स्वीपर को बार-बार चक्कर लगवा रहा था। इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से करने के बाद आज रिश्वत लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के लेखापाल को योजनाबद्ध तरीके से एसीबी की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपित लेखापाल द्वारा प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रकम लिया गया था। आरोपित द्वारा पूर्व में भी सेवानिवृत्त चतुर्थ वर्ग कर्मचारी से रिश्वत वसूली की जा चुकी थी। इस कार्यवाई से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी,कर्मचारियों में खलबली मची हुई है।
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र के ग्राम रेवटी निवासी दिनेश्वर राम टेकाम 62 वर्ष खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय प्रतापपुर में चतुर्थ वर्ग स्वीपर के पद पर पदस्थ था। जनवरी 2019 में वह सेवानिवृत्त हुआ था। सेवानिवृत्ति के पश्चात उसे ग्रेजुएटी एवं अन्य राशि मिलाकर लगभग 10 लाख रुपए मिलने थे जिसमें से प्रथम किस्त के रूप में उसे 7 लाख रुपये प्राप्त हो चुका है।
तीन लाख रुपया मिलना शेष होने के कारण वह अधिकारी कर्मचारियों के संपर्क में था। पेंशन के अलावा बकाया राशि नहीं मिलने से वह आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहा था। पेंशन प्रकरण और बकाया स्वत्वों के भुगतान के लिए उसने विकास खंड चिकित्सा अधिकारी प्रतापपुर कार्यालय में पदस्थ लेखापाल गिरवर कुशवाहा से संपर्क किया।आरोपित लेखापाल द्वारा तीन लाख का बिल बनाकर ट्रेजरी में प्रस्तुत करने एवं पेंशन प्रकरण तैयार करने के एवज मे 16 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी। इस पूरे प्रकरण की शिकायत सेवानिवृत्त चतुर्थ वर्ग कर्मचारी द्वारा उप पुलिस अधीक्षक एंटी करप्शन ब्यूरो अंबिकापुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। सेवानिवृत्त चतुर्थ वर्ग कर्मचारी ने आरोपित लेखापाल को रिश्वत नहीं देने का निर्णय लिया था इसलिए उसने एसीबी में शिकायत की थी।
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एसीबी के अधिकारियों ने लिखित शिकायत की वॉइस रिकॉर्डर देकर सत्यापन कराया जो सही पाया गया। गुरुवार को आरोपित लिपिक को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई गई। योजना के तहत एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने नगद रकम देकर प्रार्थी को लेखापाल गिरवर कुशवाहा के पास भेजा गया । कार्यालय खंड चिकित्सा अधिकारी प्रतापपुर में आरोपित लेखापाल ने जैसे ही 16 हजार नगद रिश्वत की रकम ली ,वैसे ही एसीबी की टीम ने उसे धर दबोचा। आरोपित लिपिक को न्यायालय में पेश करने की तैयारी की जा रही है।
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि चतुर्थ वर्ग कर्मचारी एक वर्ष पहले सेवानिवृत्त हो चुका है, लेकिन अभी तक उसका पेंशन प्रकरण तक तैयार नहीं किया गया है, जिस कारण प्रत्येक माह उसे पेंशन की राशि भी नहीं मिल पा रही है। इस पूरे मामले में आरोपित लेखापाल द्वारा मानवता को ताक पर रखकर विभाग के ही सेवानिवृत्त कर्मचारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के साथ अवैध वसूली की जा रही थी।लेखापाल गिरवर कुशवाहा द्वारा भी पूर्व में 7 लाख दिलवाने के एवज में सेवानिवृत्त चतुर्थ वर्ग कर्मचारी से 19 हजार रुपये की रिश्वत ली जा चुकी है। आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।