बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बीते कुछ दिनों से प्रदेश के जशपुर, कोरिया,सरगुजा, महासमुंद,कवर्धा, बेमेतरा, धमतरी, बालोद, कोरबा, दुर्ग,कांकेर,रायगढ़, जगदलपुर, रायपुर सहित विभिन्न जिलों में हवा-तूफान के साथ असमय बरसात तथा ओला वृष्टि हुई है। यह क्रम निरंतर जारी है। इस वजह से बहुत से किसानों के धान व दलहन तिलहन की फसल खराब हो गई है। सब्जियों व फलों की खेती करने वाले किसानों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। वे गंभीर आर्थिक संकट में फस गए है। ये किसान खेती के लिए कर्ज लिए हुए है पर इन हालातों के चलते अब उनकी स्थिति कर्ज चुकाने की बिल्कुल भी नही है।
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उन्होंने कहा कि किसानों ने सरकार को 2500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से जो धान बेचा है उसमें उन्हें प्रति क्विंटल 1815 और 1835 ही प्राप्त हुआ है। अंतर की राशि अभी तक उन्हें नहीं मिली है। जबकि सरकार ने फरवरी के बजट सत्र से 5000 करोड़ की राशि स्वीकृत कर चुकी है। आज किसानों का वक्त बुरा है ऐसे में सरकार द्वारा यह राशि भी नही दिये जाने से उनकी हालत और भी खराब हो गई है। यह राशि भी किसानों के खातों में अविलंब जमा करना चाहिए।
बृजमोहन ने राज्य सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों की खेती के नुकसान का सर्वे कराकर पीड़ित किसानों को अतिशीघ्र मुआवजा दिया जाए।